SlideShare una empresa de Scribd logo
1 de 90
NON PROFIT PUBLICATION
गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका अप्रेर- 2013
Our Web Site: www.gurutvajyotish.com Font Help >> http://gurutvajyotish.blogspot.com
FREE
E CIRCULAR
ई- जन्भ ऩत्रिकागुरुत्ल ज्मोसतऴ ऩत्रिका
अप्रेर 2013
वॊऩादक
अत्माधुसनक ज्मोसतऴ ऩद्धसत द्राया
उत्कृ ष्ट बत्रलष्मलाणी के वाथ
१००+ ऩेज भं प्रस्तुत
सिॊतन जोळी
वॊऩका
गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग
गुरुत्ल कामाारम
92/3. BANK COLONY,
BRAHMESHWAR PATNA,
BHUBNESWAR-751018,
(ORISSA) INDIA
पोन
E HOROSCOPE
91+9338213418,
91+9238328785,
ईभेर
gurutva.karyalay@gmail.com,
gurutva_karyalay@yahoo.in, Create By Advanced
Astrology
Excellent Prediction
100+ Pages
>> Order Now | Call Now | Email US
लेफ
www.gurutvakaryalay.com
http://gk.yolasite.com/
www.gurutvakaryalay.blogspot.com/
ऩत्रिका प्रस्तुसत
सिॊतन जोळी,
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी
पोटो ग्राफपक्व
फशॊदी/ English भं भूल्म भाि 750/-
सिॊतन जोळी, स्लस्स्तक आटा
शभाये भुख्म वशमोगी GURUTVA KARYALAY
BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) INDIA
Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785
Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in,
gurutva.karyalay@gmail.com
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी (स्लस्स्तक
वोफ्टेक इस्न्डमा सर)
अनुक्रभ
नल वॊलत्वय 2070 का ऩरयिम 7 वप्तश्र्लरोक दुगाा 34
ऩॊिाॊग गणना का भूर आधाय? 9 दुगाा आयती 34
नलदुगाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शं.. 10 सवद्धकुॊ स्जकास्तोिभ ् 35
आद्यळत्रि के तीन िभत्कायी मॊि 12 दुगााष्टकभ ् 35
देली कलि दुबााग्म को वौबाग्म भं फदर वकते शै 14 बलान्मष्टकभ ् 36
भनोकाभना ऩूसता शेतु नलयाि भं देली को… 16 षभा-प्राथाना 36
भाॉ दुगाा क कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु वयर वाधनाएॊ 18 दुगााष्टोत्तय ळतनाभ स्तोिभ ् 37
नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय 21 त्रलश्वॊबयी स्तुसत 38
नलयाि भं दव भशात्रलद्या क उऩावना… 22 ळाऩ त्रलभोिन भॊि 39
नलयािी भं ग्रश ळाॊसत के वयर उऩाम 25 श्रीकृ ष्ण कृ त देली स्तुसत 40
िैि नलयाि भं नलदुगाा आयाधना त्रलळेऴ परदामी 27 भाॊ के ियणं सनलाव कयते वभस्त शं तीथा 41
दुलाा ऩूजन भं यखे वालधासनमाॊ 28 श्री भाका ण्डेम कृ त रघु दुगाा वद्ऱळती स्तोिभ ् 42
िैि नलयाि व्रत त्रलळेऴ राबदामी शोता शं। 29 नल दुगाा स्तुसत 43
नलयाि व्रत क वयर त्रलसध? 31 नलदुगाा यषाभॊि 43
श्रीकृ ष्ण कृ त देली स्तुसत 33 देली उऩावना भं उऩमुि एलॊ सनत्रऴद्ध ऩि ऩुष्ऩ 44
ऋग्लेदोि देली वूिभ ् 33 गुरु ऩुष्माभृत मोग 45
शभाये उत्ऩाद
बाग्म रक्ष्भी फदब्फी 12 याळी यत्न 57
भॊि सवद्ध स्पफटक श्री मॊि 13 भॊि सवद्ध रूद्राष 58
भॊि सवद्ध दुराब वाभग्री एलॊ भारा 28 श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि / कलि 59
वला कामा सवत्रद्ध कलि 46 याभ यषा मॊि 60
शभाये त्रलळेऴ मॊि 47 जैन धभाके त्रलसळष्ट मॊि 61
वलासवत्रद्धदामक भुफद्रका 48 घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रद्ध भशामॊि 62
द्रादळ भशा मॊि 49 अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कलि 63
ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि एलॊ ळसन तैसतवा मॊि 52 याळी यत्न एलॊ उऩयत्न 63
नलयत्न जफित श्री मॊि 53 वला योगनाळक मॊि/ 80
श्री शनुभान मॊि 54 भॊि सवद्ध कलि 82
लाशन दुघाटना नाळक भारुसत मॊि 54 YANTRA LIST 83
त्रलसबन्न देलता एलॊ काभना ऩूसता मॊि वूसि 55 GEM STONE 85
त्रलसबन्न देली एलॊ रक्ष्भी मॊि वूसि 55 PHONE/ CHAT CONSULTATION 86
स्थामी औय अन्म रेख
वॊऩादक म 4 दैसनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका 76
अप्रेर 2013 भासवक यासळ पर 64 फदन-यात के िौघफडमे 77
अप्रेर 2013 भासवक ऩॊिाॊग 68 फदन-यात फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक 78
अप्रेर 2013 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 70 ग्रश िरन अप्रेर 2013 79
अप्रेर 2013-त्रलळेऴ मोग 76 शभाया उद्देश्म 88
त्रप्रम आस्त्भम
फॊधु/ फफशन
जम गुरुदेल
वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथावासधके ।
ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामस्ण नभोऽस्तुते॥
वृत्रष्टस्स्थसत त्रलनाळानाॊ ळत्रिबूते वनातसन।
गुणाश्रमे गुणभमे नायामस्ण नभोऽस्तुते॥
अथाात: शे देली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दासमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथं को
सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिं लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शं। आऩ वृत्रष्ट का ऩारन औय वॊशाय कयने लारी
ळत्रिबूता वनातनी देली, आऩ गुणं का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी देली तुम्शं नभस्काय शै।
इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राद्ऱ शोती शं। स्जस्वे भनुष्म के जन्भ-जन्भ के ऩाऩं का नाळ शोता शै। भाॊ जननी
वृत्रष्ट फक आफद, अॊत औय भध्म शं।
देली प्रऩन्नासताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsस्खरस्म।
ऩवीद त्रलश्वेतरय ऩाफश त्रलश्वॊ त्लभीश्चयी देली ियाियस्म।
अथाात: ळयणागत फक ऩीिा दूय कयने लारी देली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शं। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शं। त्रलश्वेश्वयी देली त्रलश्व फक
यषा कयो। देली आऩ फश एक भाि ियािय जगत फक असधश्वयी शो।
नलयाि के नौ फदनं भं तीन देत्रलमं क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩं का कभळ्
ळैरऩुिी, ब्रह्मािारयणी, िॊद्रघण्टा, कू ष्भाण्डा, स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा
जाता शं। नलयािे के प्रथभ तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं, अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के
स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं औय आस्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता के स्लरुऩं क ऩूजा क जाती शं। उवी
प्रकाय नौ देलीमं को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी, तृतीम फदन िन्द्रघण्टा, ितुथा फदन
कु ष्भाण्डा, ऩॊिभ् फदन स्कन्द भाता, ऴष्ठभ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ् फदन कारयात्रि, अष्टभ् फदन भशागौयी औय नौलं फदन
सवत्रद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शं।
नलयाि अथाात भाॉ दुगाा क उऩावना भं वभत्रऩात नौ यात। दुगाा का अथा शं, दुगासत नासळनी शं, जगत ्क उत्ऩत्रत्त,
ऩारन एलॊ वॊिारन तीनं व्मलस्थाएॊ स्जव ळत्रि के आधीन वम्ऩाफदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ आफदळत्रि बगलती
शं। भाॉ दुगाा के रुऩ अनॊत शं, रेफकन देली को प्रधान नौ रूऩं भं नलदुगाा के नाभ वे जाना जाता शं। आफद ळत्रि भाॉ
दुगाा वभग्र रोक भं अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै, भाॉ दुगाा अऩने बिं भं वद्द गुणं का त्रलकाव कयके उनभं
अऩनी ळत्रि का वॊिाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्रास्णमं का वॊिारन कयती शै।
आज बौसतकता भं यत भनुष्म को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन क ळाॊसत नशीॊ
सभरती। ऐवे भं शय तयश वे सनयाळ औय शाया िुका भनुष्म मफद भाॊ दुगाा क ळयण रेता शै जो सनस्श्चत शी भाॉ दुगाा
उवक दुगासत का सनलायण कयती शी शै।
क्मोफक, भाॉ आद्यळत्रि क कृ ऩा वे भनुष्म भं आत्भफर, द्दढ़ त्रलश्वाव, दमा, प्रेभ, बत्रि जैवे वद्गुणं का त्रलकाव
शोता शं। जीलन के इन्शीॊ भूल्मं को वभझ कय भनुष्म जीलन भं वच्िा वुख-ळाॊसत, लैबल, धन वॊऩदा को प्राद्ऱ कयता
शै। अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे सनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै। इवसरए भनुष्म को अवॊबल को बी वॊबल
कय फदखाने क ळत्रि देली कृ ऩा वे शी प्राद्ऱ शोती शं।
भाॊ दुगाा का ऩूजन फशन्दू वॊस्कृ ती भं वलाासधक रोकत्रप्रम शं मशीॊ कायण शं क वैकिं लऴो वे देली दुगाा का ऩूजन
छोटे-फिे वबी प्रादेसळक षेिं भं वलाासधक प्रिसरत यशा शं। देली दुगाा को आद्य ळत्रि बगलती का वाषात स्लरुऩ भाना
जाता शं। देली दुगाा क भफशभा अऩयॊऩाय शं, जो अऩने बिं के दु्खं का नाळ कयने लारी, दुष्टं वे यषा कयने लारी एलॊ
अऩने बिं के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली शं।
नलयाि के दौयान दव भशात्रलद्या का ऩूजन बी त्रलळेऴ भशत्लऩूणा भाना गमा शं क्मोक इन को देली दुगाा के शी
दव रूऩ भाने जाते शं। दवं भशात्रलद्या भं शय भशात्रलद्या अऩनी अफद्रतीम ळत्रि वे भनुष्म के वभस्त वॊकटं को दूय कयने
लारी शं। इन दव भशात्रलद्याओॊ के भशत्ल को त्रलसबन्न धभाळास्त्रों भं अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना गमा शं।
नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कय के भनुष्म वबी अळुब ग्रश जसनत फाधाऔ को वयरता वे दूय
कय वकता शं। नलयाि का वभम ग्रशं को ळाॊत कयने शेतु वलोत्तभ वभम भाना जाता शं। क्मोफक नलयािी के दौयान
प्रकृ सत भं शोने लारे ऩरयलतान एलॊ वाभास्जक ऩरयलेळ के कायण भनुष्म क आध्मास्त्भक ळत्रि एलॊ उवक वॊमभ ळत्रि
का अत्मासधक उच्ि स्तय क शोती शं। मफश कायण शं क इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा, उऩावना, वाधना आफद
अत्मासधक राबप्रद भानी गई शं। मफद भनुष्म फकवी ग्रशं वे ऩीफित शो, तो लश इन नौ फदनं भं देली दुगाा के ऩूजन के
वाथ भं मफद ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कयके ळीघ्र राब प्राद्ऱ कय वकते शं, नलयाि ग्रश ळाॊसत के सरए बी उत्तभ वभम
शोता शै।
त्रलद्रानं का कथन शं क देली दुगाा शी वबी प्रकाय के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शं। धभा ळास्त्रों भं
वभस्त भॊि, मॊि औय तॊि का उद्गभ देली आद्यळत्रि बगलती वे भाना गमा शं। मफद जन्भ कुॊ डरी (जातक/ जन्भ ऩिी)
भं कोई ग्रश कभजोय शै मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को देख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा शो तो
जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत कयना आलश्मक शोता शं स्जस्वे ग्रश अऩना प्रसतकू र प्रबाल के स्थान ऩय अनुकू र
प्रबाल प्रदान कयं।फकवी बी ग्रश के प्रबाल को अनुकू र फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शं, नलयाि के दौयान ग्रश ळाॊसत के
उऩामो द्राया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ असत वयरता वे कभ फकमा जा वकता शं।
इव अॊक भं प्रकासळत कलि वे वॊफॊसधत जानकायीमं के त्रलऴम भं वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शं, मफद दळाामे
गए कलि के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भं, फडजाईन भं, टाईऩीॊग भं, त्रप्रॊफटॊग भं, प्रकाळन
भं कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रं मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी, गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे ।
क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न कलिो क सनभााण ऩद्धसत एलॊ प्रबालं का
लणान कयने भं बेद शोने ऩय कलि क , ऩूजन त्रलसध एलॊ उवके प्रबालं भं सबन्नता वॊबल शं।
आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ बगलती क कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय
फनी यशे। भाॊ बगलती वे मशी प्राथना शं…
सिॊतन जोळी
6 अप्रेर 2013
***** लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत वूिना *****
 ऩत्रिका भं प्रकासळत लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक भं देली उऩावना वे वॊफॊसधत रेख गुरुत्ल कामाारम के
असधकायं के वाथ शी आयस्षत शं।
 लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक भं लस्णात रेखं को नास्स्तक/अत्रलश्वावु व्मत्रि भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते
शं।
 देली उऩावना का त्रलऴम आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रों वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत
फकमा शं।
 लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभास्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय क
स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शं।
 लावॊसतक नलयाि वे वॊफॊसधत वबी जानकायीक प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल क स्जन्भेदायी कामाारम मा
वॊऩादक क नशीॊ शं औय ना शीॊ प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल क स्जन्भेदायी के फाये भं जानकायी देने शेतु
कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शं।
 लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत रेखो भं ऩाठक का अऩना त्रलश्वाव शोना आलश्मक शं। फकवी बी
व्मत्रि त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भं त्रलश्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का
शोगा।
 लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय क आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी।
 लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए
गमे शं। शभ फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे लावॊसतक नलयाि, भॊि- मॊि मा अन्म
प्रमोग मा उऩामोक स्जन्भेदायी नफशॊ रेते शं। मश स्जन्भेदायी लावॊसतक नलयाि, भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग
मा उऩामोको कयने लारे व्मत्रि फक स्लमॊ फक शोगी।
 क्मोफक इन त्रलऴमो भं नैसतक भानदॊडं, वाभास्जक, कानूनी सनमभं के स्खराप कोई व्मत्रि मफद नीजी
स्लाथा ऩूसता शेतु प्रमोग कताा शं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकू र ऩरयणाभ वॊबल शं।
 लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब क शानी मा
शानी क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक क नशीॊ शं।
 शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी देली उऩावना क जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय
स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शं स्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कलि, भॊि-मॊि मा
उऩामो द्राया सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शुई शं।
असधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भं वॊऩका कय वकते शं।
(वबी त्रललादो के सरमे के लर बुलनेश्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
7 अप्रेर 2013
नल वॊलत्वय 2070 का ऩरयिम
 स्लस्स्तक.ऎन.जोळी
नल लऴा िैि ळुक्र प्रसतऩदा 11-अप्रैर-2013 वे ळुरू शोने लारे
त्रलक्रभ वॊलत 2070 का नाभ ऩयाबल शै। त्रलक्रभ वॊलत 2070 क
ळुरुआत सवॊश रग्न भं शोगी। फशन्दू ऩॊिाॊग के अनुवाय प्रसत लऴा फदरने
लारे वॊलत्वय के वाथ अरग-अरग ग्रश वॊलत्वय के स्लाभी, याजा ल
भॊिी सनधाारयत शोते शं, उन्शी ग्रशं का अवय रोगं ऩय लऴा बय फदखाई
देता शै। ऩयाबल वॊलत का याजा गुरु (फृशस्ऩसत) ल भॊिी ळसनदेल शंगे।
ज्मोसतऴीम गणना के आधाय ऩय नल वॊलत्वय के सरए ग्रशं के त्रलबागं
का फॊटलाया शो िुका शं। इव वॊलत का स्लाभी गुरु शै ज्मोसतत्रऴम
गणनाओॊ के अनुवाय मश लऴा वॊघऴा बया यशेगा।
वत्ता ऩष भं वेलायत रोगं के सरए लऴा अच्छा नशीॊ शं। वत्ता
ऩष वे जुिे रोगं के फीि भं आऩवी भतबेद फढ़ेगे अन्म रोगो उव का
राब उठाएॊगे।
ळुक्र एलॊ िॊद्र दोनं वुख, वभृत्रद्ध एलॊ वौन्दमा प्रधान ग्रश, शोने के कायण
अऩने ऩदं ऩय आसवत शो कय ऩूये वारबय रोगं का वुख, ऐश्वमा, आफद
के प्रसत त्रलळेऴ झुकाल यशेगा। इव लऴा ग्रश स्स्थती के अनुवाय कृ त्रऴ औय
लऴाा क स्स्थसत बी उत्तभ यशने के वॊके त सभर यशे शं। दुग्ध औय डेयी वे
वॊफॊसधत कामा वे जुडे रोगं को त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोगी। इव लऴा
गुरु (फृशस्ऩसत) याजा शोने वे सळषा षेि का खुफ प्रिाय-प्रवाय एलॊ
त्रलकाव शोने का मोग फनेगा। इव लऴा अध्ममन कामा एलॊ आध्मास्त्भक
कामं वे जुडे रोगं त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोने के मोग फन यशे शं। इव
लऴा ळसन भॊिी शोने के कायण देळ क न्माम प्रणारी भं नमे फदराल
एलॊ भजफूती शोने क ऩूणा वॊबालनाएॊ शं। भफशराओॊ का प्रबुत्ल फढ़ेगा,
भफशराओॊ के असधकायं भं लृत्रद्ध शोगी। वभास्जक, धासभाक कामं वे जुिे
रोगं के सरए मश लऴा त्रलळेऴ राबप्रद यशेगा।
वॊलत्वय 2070 का भॊत्रिभॊडर
गुरु याजा, ळुक्र दुगेळ, भेघेऴ ल परेळ,
भॊिी ळसन, वूमा धान्मेळ ल
भॊगर ळश्मेळ, िॊद्र धनेळ शंगे।
8 अप्रेर 2013
यासळमं ऩय प्रबाल ग्रशो का प्रबाल।
भेऴ- धन राब के मोग अच्छे शं त्रलसबन्न वुख-वाधन क प्रासद्ऱ शोगी।
लृऴब- आऩके वुख वाधनं के वाथ वाभास्जक भान-वम्भान भं बी लृत्रद्ध शोगी।
सभथुन- योजगाय षेि भं उत्तभ राब क प्रासद्ऱ शोगी, धासभाक मािाएॊ राबप्रद यशेगी।
कका - स्लास््म भध्मभ यशेगा, आसथाक लऴा बय आकस्स्भक राब सभरता यशेगा।
सवॊश- ऩुयानी ऩयेळासनमं वे छु टकाया सभरेगा, ऩारयलायीक वुख भे लृत्रद्ध शोगी।
कन्मा- रुके शुले कामं भं वपरता प्राद्ऱ शोने वे आसथाक स्स्थती वुधयेगी।
तुरा- स्लास््म वॊफॊसधत वभस्मा यशेगी, वॊतान ऩष वे वुख क प्रासद्ऱ शोगी।
लृस्श्चक- कफठन प्रमावं के अनुरुऩ राब प्राद्ऱ शोगा, ऩारयलायीक रयश्तं भं वुधाय शोगा।
धनु - एकासधक स्त्रोोत वे धन राब क प्रासद्ऱ वे त्रलसबन्न वुखं क प्रासद्ऱ शोगी।
भकय- कामा षेि भं वपरता सभरेगी आसथाक राब प्राद्ऱ शोगा।
कुॊ ब- आऩक भशत्लऩूणा मोजनाएॊ ऩूणा शोगी, त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोगी।
भीन- छोटी-भोटी रुकालटं के उऩयाॊत बी आसथाक राब प्राद्ऱ शोता यशेगा।
वबी प्रकाय के वुख-ळाॊसत एलॊ वभृत्रद्ध के सरए अऩने ऩूजन स्थान भं ळुद्ध घी का दीऩक जराएॊ, इस्वे आने लारे लऴा बय
वुख-वभृत्रद्ध क प्रासद्ऱ शोती यशेगी। फकवी धभास्थर ऩय ऩूजन कय ऩॊिाॊग आदी धासभाक ऩुस्तल ल ग्रॊथो का दान तथा
उवक परश्रुसत वुनने वे गॊगा स्नान के वभान पर प्राद्ऱ शोता शं।
ऩयाबल वॊलत्वय का पर फताते शुले ळास्त्रोकायं ने इव प्रकाय फतामा शं।:-
ऩयदाययतश्चैल ळठ् स्लऩयफान्धल्।
ऩयाबलवभुद़्बूत् धनधान्मत्रललस्जॊत्॥
अथाात: स्जव जातक का जन्भ ऩयाबल नाभ के वॊलत्वय भं शोता शं, लश ऩयाई स्त्रोी वे प्रीसत कयने लारा, धूता, अऩने ल
ऩयामे जनं का फान्धल औय धनधान्म वे यफशत शोता शं।
ऩयाबल वॊलत्वय भं उत्ऩन्न जातक असधक फुत्रद्धभान औय सानी नशीॊ शो वकते। जातक का आियण बी स्लजनं वे औय
त्रप्रमजनं वे अनुसित यशता शं, जातक कटु बाऴी शोता शं, इव सरए जातक वे उवके वॊफॊसध बी उवका वाथ छोि वकते
शं। एवे जातक के वभाज भं अनादय शोते देखा जा वकता शं। जातक क आम के स्त्रोोत बी वीसभत शोते शं, मफद स्त्रोोत
शो बी तो उवभं उवे उसित राब नशीॊ शो वकता। जातक का जीलन त्रलसबन्न वभस्माओॊ वे ग्रस्त शो वकता शं। मफद
जन्भ कु ण्डरी भं अन्म ग्रश स्स्थती अनुकू र शो तो अळुब प्रबाल भं कभी आती शं।
9 अप्रेर 2013
ऩॊिाॊग का भूर आधाय?
 स्लस्स्तक.ऎन.जोळी, त्रलजम ठाकु य
फशन्दू वॊस्कृ सत भं ऩॊिाॊग का त्रलळेऴ भशत्ल शै। शभाये मशाॊ ऩॊिाॊग भं लस्णात सतसथ, ऩष, ग्रश, नषि आफद क
स्स्थती के आधाय ऩय जीलन के त्रलसबन्न 16 वॊस्कायं वे रेकय मािा इत्माफद कामं शेतु बी ळुब भुशूता का िमन
कयने ऩय त्रलळेऴ जोय फदमा जाता शं।
ळुब भुशूता देखने का भुख्म उद्देश्म शोता शं क व्मत्रि को अऩने ळुब कामा भे सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शो वके
भुख्मत् अमन, त्रलऴुल, ऋतु, वूमा एलॊ िॊद्र, ऩष, सतसथ, नषि, कयण, मोग, वूमोदम ल िॊद्रोदम, फदनभान, यात्रिभान
औय ऩॊिाॊग के भुख्म अॊग भाने जाते शं। उऩयोि वबी भशत्लऩूणा स्स्थतीमं का गस्णत के आधाय ऩय वूक्ष्भ
त्रलश्लेऴण फकमा जाता शै।
त्रलद्रानो के भत वे लैफदक प्रणारी भं इनका कोई त्रलळेऴ सनदेळ नशीॊ शै। रेफकन कारगणना भं ऩरयळुद्धता के
सरए इन्शं अऩनामा जाता शं।
ऩृ्ली वूमा के आकऴाण वे सनधाारयत एक सनमत भागा भं वतत भ्रभण कयती शै। वाधायणत् ऩृ्ली वे वूमा
स्जव भागा ऩय िरता शुआ प्रतीत शोता शै, उवे ज्मोसतऴ क ऩारयबात्रऴक ळब्दालरी भं क्राॊसतलृत्त अथाात एकसरस्प्टक
(Ecliptic) कशते शं। इव क्राॊसतलृत्त भागा के 9 अॊळ वे फने त्रलस्ताय को बिक्र कशते शं। ऩृ्ली क सनमत गसत के
कायण शी अमन, त्रलऴुल, ऋतु एलॊ फदन-यात शोते शं।
वॊक्राॊसत सनधाायण औय ऩॊिाॊग क ऩरयळुद्धता भं अमन औय त्रलऴुल सतसथमं क बूसभका प्रभुख भानी जाती
शं। स्जव प्रकाय ऩृ्ली का वॊफॊध वूमा क्राॊसतलृत्त वे यशता शै उवी प्रकाय ऩृ्ली का वॊफॊध वे िॊद्र अऩने सनस्श्चत भाग्र
भं भ्रभण कयता शै। अन्म ग्रशो क अऩेषा िॊद्र असत ळीघ्र गसत कयता शै इव सरए िॊद्र जफ वूमा वे 12 अॊळं के
अॊतय ऩय आता शै, तफ एक सतसथ का क्रभ ऩूया शो जाता शै। इव प्रकाय क्रभळ् 12-12 अॊळं के अॊतय वे सनमसभत
सतसथमाॊ फदरती शं।
बायसतम वॊस्कृ सत भे भुशूता का भशत्ल
बायसतम वॊस्कृ सत भे भुशूता का त्रलळेऴ भशत्ल शं। शभाये ऋत्रऴ-भुसन त्रलद्रान आिामं ने जन्भ वे अॊत्मेत्रष्ट(भृत
व्मत्रि फक अॊसतभ फक्रमा) तक वबी वॊस्कायं एलॊ अन्म वबी भाॊगसरक कामं के सरए भुशूता का त्रलधान आलश्मक
फतामा गमा शं।फकवी कामा त्रलळेऴ भं वपरता फक द्ऱासद्ऱ शेतु सनस्श्चत भुशूता का िुनाल फकमा जाता शं। बायतीम
ज्मोसतऴ सवद्धान्त के अनुळाय शय भुशूता का अऩना लैसासनक प्रबाल एलॊ भशत्ल शं। कोई बी व्मत्रि इन भुशूता के
प्रबाल एलॊ भशत्ल के फाये भे ऩूणा जानकायी प्राद्ऱ कय व्मत्रि अऩने फकवी बी कामा उद्देश्म भं त्रलळेऴ वपरता प्रासद्ऱ
शेतु उसित भुशूता का िुनाल कय वपरता प्रासद्ऱ फक वॊबालना फढा वकते शं। एलॊ ज्मोसतऴीम भत वे ळुब पर प्रदान
कयने लारे भुशूता भं फकमे गमे कामो भं उव कामा क वपरता क वॊबालना कई गुणा फढ़ जाती शै।
प्राम् शय भुशूता का सनणाम ब्रह्माॊड भं स्स्थत ग्रशो फक स्स्थसतमं फक गणना कय फकमा जाता शं। बायसतम
वॊस्कृ सत भं प्राम् शय ळुब कामा भं बायत के प्रभुख 16 वॊस्कायो को वॊऩन्न कयने शेतु भुशूता का िुनाल असत
आलश्मक भाना गमा शं। क्मोफक ळुबा भुशूता भं फकमे गमे शय ळुब कामा अत्मासधक ळुब पर प्रदान कयने लारे
शोते शं।
10 अप्रेर 2013
नलदुगाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शं..
 सिॊतन जोळी
ळैरऩुिी
भाॊ के ळैरऩुिी को ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के मशाॊ
ऩालाती रुऩ भं जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी कशा
जाता शं। भाॊ ळैरऩुिी को ळास्रों भं तीनो रोक के वभस्त
लन्म जील-जॊतुओॊ का यषक भाना गमा शं। इवी कायण वे
लन्म जीलन जीने लारी वभ्मताओॊ भं वफवे ऩशरे
ळैरऩुिी के भॊफदय क स्थाऩना क जाती शं स्जव वं
उनका सनलाव स्थान एलॊ उनके आव-ऩाव के स्थान
वुयस्षत यशे। भाॊ ळैरऩुिी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि को
शभेळा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं। अथाात उवे स्जलन
भं धन एलॊ अन्म वुख-वाधनो को कभी भशवूव नशीॊ
शोतीॊ।
ब्रह्मिारयणी
भाॊ ब्रह्मिारयणी को त्रलद्रानं ने तऩ का आियण कयने
लारी बगलती शं शोने के कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी कशा शं।
क्मोफक ब्रह्म का अथा शं तऩ। ळास्त्रोो भं भाॊ ब्रह्मिारयणी को
वभस्त त्रलद्याओॊ क साता भाना गमा शं। धासभाक
भान्मताके अनुवाय देली ने बगलान सळल को प्राद्ऱ कयने
के सरए 1000 वार तक सवपा पर खाकय तऩस्मा यत
यशीॊ औय 3000 वार तक सळल फक तऩस्मा सवपा ऩेिं वे
सगयी ऩत्रत्तमाॊ खाकय फक, उनक इवी कफठन तऩस्मा के
कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी नाभ वे जाना गमा। ब्रह्मिारयणी
का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि को अनॊत पर फक प्रासद्ऱ
शोती शं। व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद्
गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं।
िन्द्रघण्टा
िन्द्रघण्टा का स्लरूऩ ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी
शं। िन्द्रघण्टा के भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का
अधािन्द्र ळोसबत यशता शं। इव सरमे भाॊ को िन्द्रघण्टा
देली कशा जाता शं। इनके घण्टे वी बमानक प्रिॊड ध्लसन
वे अत्मािायी दैत्म, दानल, याषव ल दैल बमसबत यशते
शं। िन्द्रघण्टा का ऩूजन कयने वे व्मत्रि का भस्णऩुय िक्र
जाग्रत शो जाता शं। देली क उऩावना वे व्मत्रि को वबी
ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध-
व्मासध वे भुत्रि सभरती शं। इवके उऩयाॊत व्मत्रि को
सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शं।
व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं। व्मत्रि स्लय
भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी लृत्रद्ध शोती शं।
िन्द्रघण्टा को सान क देली बी भाना गमा शै।
कू ष्भाण्डा
कू ष्भाण्डा देली ने अऩनी भॊद शॊवी द्राया ब्रह्माण्ड को
उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कू ष्भाण्डा
देली यखा गमा। ळास्त्रोोि उल्रेख शं, फक जफ वृत्रष्ट का
अस्स्तत्ल नशीॊ था, तो िायं तयप सवपा अॊधकाय फश था।
उव वभम कू ष्भाण्डा देली ने अऩने भॊद वे शास्म वे
ब्रह्माॊड फक उत्ऩत्रत्त फक। कू ष्भाण्डा देली को जीलन फक
ळत्रि प्रदान कयता भाना गमा शं। कू ष्भाण्डा देली का
ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का अनाशत िक्र जाग्रत शो शं।
भाॊ कू ष्भाण्डा के ऩूजन वे वबी प्रकाय के योग, ळोक औय
क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय
फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं।
स्कॊ दभाता
स्कॊ दभाता कु भाय अथाात ् कासताके म क भाता शोने के
कायण, उन्शं स्कन्दभाता के नाभ वे जाना जाता शं।
स्कॊ दभाता का स्लरुऩ ऩयभ कल्माणकायी भनागमा शं।
देली का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का त्रलळुद्ध िक्र जाग्रत
शोता शं। व्मत्रि फक वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ
जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं।
11 अप्रेर 2013
भॊि सवद्ध दुराब वाभग्री
शत्था जोडी- Rs- 370 घोडे क नार- Rs.351 भामा जार- Rs- 251
सवमाय सवॊगी- Rs- 370 दस्षणालतॉ ळॊख- Rs- 550 इन्द्र जार- Rs- 251
त्रफल्री नार- Rs- 370 भोसत ळॊख- Rs- 550 धन लृत्रद्ध शक क वेट Rs-251
GURUTVA KARYALAY
Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785,
Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com >> Order Now
कात्मामनी
भशत्रऴा कात्मामन क ऩुिी शोने के कायण उन्शं कात्मामनी
के नाभवे जाना जाता शं। भाॊ का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि
का आसा िक्र जाग्रत शोता शं। देली कात्मामनी के ऩूजन
वे योग, ळोक, बम वे भुत्रि सभरती शं। कात्मामनी देली
को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट देने लारे यष-
दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी नष्ट कय देने लारी
भाना गमा शं। कात्मामनी मन्ि के ऩूजन वे ळीघ्र त्रललाश
के मोग फनने रगते शं एलॊ त्रललाश भं आने लारी फाधामे
दूय शोती शं।
कारयात्रि
भाॊ कारयात्रि देली के ळयीय का यॊग घने अॊधकाय फक तयश
एकदभ कारा शं, सवय के फार पै राकय यखने लारी शं।
भाॊ कारयात्रि का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का बानु िक्र
जाग्रत शोता शं। कारयात्रि के ऩूजन वे अस्ग्न बम,
आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि देली
के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं, कारयात्रि का स्लरूऩ
देखने भं अत्मॊत बमानक शोते शुले बी वदैल ळुब पर
देने लारा शोता शं, इव सरमे कारयात्रि को ळुबॊकयी के
नाभवे बी जाना जाता शं। कारयात्रि ळिु एलॊ दुष्टं का
वॊशाय कय ने लारी देली शं।
भशागौयी
भशागौयी स्लरूऩ उज्जलर, कोभर, श्वेतलणाा तथा श्वेत
लस्त्रोधायी शं। भशागौयी गामन एलॊ वॊगीत वे प्रवन्न शोने
लारी 'भशागौयी' भाना जाता शं। भशागौयी का ऩूजन कयने
लारे व्मत्रि का वोभिक्र जाग्रत शोता शं। भशागौयी के
ऩूजन वे व्मत्रि के वभस्त ऩाऩ धुर जाते शं। भशागौयी के
ऩूजन कयने लारे वाधन के सरमे भाॊ अन्नऩूणाा के वभान,
धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट
वे भुत्रिफदरा ने लारी देली भशागौयी शं।
सवत्रद्धदािी
देली सवत्रद्धदािी का स्लरूऩ कभर आवन ऩय त्रलयास्जत,
िाय बुजा लारा, दाफशनी तयप के नीिे लारे शाथ भं िक्र,
ऊऩय लारे शाथ भं गदा, फाई तयप वे नीिे लारे शाथ भं
ळॊख औय ऊऩय लारे शाथ भं कभर ऩुष्ऩ वुळोसबत यशते
शं। देली सवत्रद्धदािी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का
सनलााण िक्र जाग्रत शोता शं। सवत्रद्धदािी के ऩूजन वे
व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोकय उवे ऋत्रद्ध,
सवत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोती शं। ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक
प्रासद्ऱ कामो भं िरे आ यशे फाधा-त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते
शं। व्मत्रि को मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ शोकय उवे भाॊ
फक कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ
स्लत् शो जाती शं।
त्रलद्रानं के भातानुळाय भाॊ दुगाा के इन नौ-रुऩं क कृ ऩा
प्राद्ऱ कयने का वयर उऩाम नलदुगाा मन्ि क स्थाऩना एलॊ
ऩूजन एलॊ दळान वे त्रलळेऴ परं क प्रासद्ऱ शोती शं।
***
>> Order Now | Call Now | Email US
12 अप्रेर 2013
बाग्म रक्ष्भी फदब्फी
वुख-ळास्न्त-वभृत्रद्ध क प्रासद्ऱ के सरमे बाग्म रक्ष्भी फदब्फी :- स्जस्वे धन प्रसद्ऱ, त्रललाश मोग,
व्माऩाय लृत्रद्ध, लळीकयण, कोटा किेयी के कामा, बूतप्रेत फाधा, भायण, वम्भोशन, तास्न्िक
फाधा, ळिु बम, िोय बम जेवी अनेक ऩयेळासनमो वे यषा शोसत शै औय घय भे वुख वभृत्रद्ध
फक प्रासद्ऱ शोसत शै, बाग्म रक्ष्भी फदब्फी भे रघु श्री फ़र, शस्तजोडी (शाथा जोडी), सवमाय
सवन्गी, त्रफस्ल्र नार, ळॊख, कारी-वफ़े द-रार गुॊजा, इन्द्र जार, भाम जार, ऩातार तुभडी
जेवी अनेक दुराब वाभग्री शोती शै।
भूल्म:- Rs. 1250, 1900, 2800, 5500, 7300, 10900 भं उप्रब्द्ध >> Order Now .
गुरुत्ल कामाारम वॊऩका : 91+ 9338213418, 91+ 9238328785
c
आद्यळत्रि के तीन िभत्कायी मॊि
 सिॊतन जोळी
दुगाा फीवा मॊि
ळास्त्रोोि भत के अनुळाय दुगाा फीवा मॊि दुबााग्म
को दूय कय व्मत्रि के वोमे शुले बाग्म को जगाने लारा
भाना गमा शं। दुगाा फीवा मॊि द्राया व्मत्रि को जीलन भं
धन वे वॊफॊसधत वॊस्माओॊ भं राब प्राद्ऱ शोता शं। जो
व्मत्रि आसथाक वभस्मावे ऩयेळान शं, लश व्मत्रि मफद
नलयािं भं प्राण प्रसतत्रष्ठत फकमा गमा दुगाा फीवा मॊि को
स्थासद्ऱ कय रेता शं, तो उवक धन, योजगाय एलॊ
व्मलवाम वे वॊफॊधी वबी वभस्मं का ळीघ्र शी अॊत शोने
रगता शं। नलयाि के फदनो भं प्राण प्रसतत्रष्ठत दुगाा फीवा
मॊि को अऩने घय-दुकान-ओफपव-पै क्टयी भं स्थात्रऩत
कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं, व्मत्रि ळीघ्र शी अऩने
व्माऩाय भं लृत्रद्ध एलॊ अऩनी आसथाक स्स्थती भं वुधाय शोता
देखंगे। वॊऩूणा प्राण प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म दुगाा फीवा
मॊि को ळुब भुशूता भं अऩने घय-दुकान-ओफपव भं
स्थात्रऩत कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं।
भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
श्रीदुगाा मॊि
श्रीदुगाा मॊि ळत्रि एलॊ बत्रि के वाथ वभस्त
वाॊवारयक वुखं को प्रदान कयने लारा वलाासधक रोकत्रप्रम
मॊि शं। अळुब ळत्रिमं के दुष्प्रबाल वे फिने के सरए भाॊ
दुगाा क ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शै। श्रीदुगाा
मॊि का ऩूजन व्मत्रि को धभा, अथा, काभ औय भोष इन
िाय क प्रासद्ऱ भं बी वशामक सवद्ध शोता शं।
ळास्त्रोोि लणान शं क देली दुगाा के श्रीदुगाा मॊि के
ऩूजन औय दळान कयने भाि वे देली प्रवन्न शोकय अऩने
बिं क असबष्ट इच्छाएॊ ऩूणा शोती शं। भाॉ दुगाा के बिो
क भाॉ स्लमॊ यषा कय उन ऩय अऩनी कृ ऩा द्रष्टी लऴााती शं
औय बिं को उन्नती के सळखय ऩय जाने का भागा
प्रवस्त कयती शं। भाॉ दुगाा के बिो को देली क ळीघ्र
कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु श्रीदुगाा मॊि को अऩने घय, दुकान, ओफपव
इत्माफद भं ऩूजा स्थन भं स्थात्रऩत कयना िाफशमे।
त्रलद्रानो का भत शं क श्रीदुगाा मॊि के ऩूजन वे
भनुष्म को लाक् सवत्रद्ध, वॊतान प्रासद्ऱ, ळिु ऩय त्रलजम,
ऋण-योग आफद ऩीडा़ वे भुत्रि प्राद्ऱ शोती शं औय व्मत्रि
को जीलन भं वॊऩूणा वुखं क प्रासद्ऱ शो इव के सरमे मश
श्रीदुगाा मॊि अिूक एलॊ सवत्रद्धदामक भाना गमा शं। फकवी
बी प्रकाय के वॊकट मा फाधा क आळॊका शोने ऩय इव
मॊि का सनमसभत ऩूजन कयने वे व्मत्रि को वबी प्रकाय क
फाधा वे भुत्रि सभरती शं औय धन-धान्म क प्रासद्ऱ शोती शं।
13 अप्रेर 2013
भॊि सवद्ध स्पफटक श्री मॊि
"श्री मॊि" वफवे भशत्लऩूणा एलॊ ळत्रिळारी मॊि शै। "श्री मॊि" को मॊि याज कशा जाता शै क्मोफक मश अत्मन्त ळुब
फ़रदमी मॊि शै। जो न के लर दूवये मन्िो वे असधक वे असधक राब देने भे वभथा शै एलॊ वॊवाय के शय व्मत्रि के सरए
पामदेभॊद वात्रफत शोता शै। ऩूणा प्राण-प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म मुि "श्री मॊि" स्जव व्मत्रि के घय भे शोता शै उवके सरमे
"श्री मॊि" अत्मन्त फ़रदामी सवद्ध शोता शै उवके दळान भाि वे अन-सगनत राब एलॊ वुख क प्रासद्ऱ शोसत शै। "श्री मॊि" भे
वभाई अफद्रतीम एलॊ अद्रश्म ळत्रि भनुष्म क वभस्त ळुब इच्छाओॊ को ऩूया कयने भे वभथा शोसत शै। स्जस्वे उवका
जीलन वे शताळा औय सनयाळा दूय शोकय लश भनुष्म अवफ़रता वे वफ़रता फक औय सनयन्तय गसत कयने रगता शै एलॊ
उवे जीलन भे वभस्त बौसतक वुखो फक प्रासद्ऱ शोसत शै। "श्री मॊि" भनुष्म जीलन भं उत्ऩन्न शोने लारी वभस्मा-फाधा एलॊ
नकायात्भक उजाा को दूय कय वकायत्भक उजाा का सनभााण कयने भे वभथा शै। "श्री मॊि" क स्थाऩन वे घय मा व्माऩाय के
स्थान ऩय स्थात्रऩत कयने वे लास्तु दोऴ म लास्तु वे वम्फस्न्धत ऩयेळासन भे न्मुनता आसत शै ल वुख-वभृत्रद्ध, ळाॊसत एलॊ
ऐश्वमा फक प्रसद्ऱ शोती शै।
गुरुत्ल कामाारम भे "श्री मॊि" 12 ग्राभ वे 2250 Gram (2.25Kg) तक फक वाइज भे उप्रब्ध शै
.
भूल्म:- प्रसत ग्राभ Rs. 10.50 वे Rs.28.00 >>Order Now
GURUTVA KARYALAY
Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785
Mail Us: gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in,
Visit Us: www.gurutvakaryalay.com www.gurutvajyotish.com and gurutvakaryalay.blogspot.com
श्रीदुगाा मॊि क ऩूजा एलॊ स्थाऩना के सरए आस्श्वन
एलॊ िैि नलयािी त्रलळेऴ राब प्रद शं। क्मोफक नलयाि को
आद्य् ळत्रि क उऩावना का भशाऩला भाना गमा शं।
भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
नलाणा मॊि (िाभुॊडा मॊि)
मफद कोई व्मत्रि दु:ख, दरयद्रता औय बम वे
अत्मासधक ऩयेळान शो, औय िाशकय बी मा ऩयीश्रभ के
उऩयाॊत बी उवी लाॊस्च्छत वपरता प्राद्ऱ नशीॊ शो यशी शं
तो उवे नलाणा मॊि औय भॊि का प्रमोग कयना िाफशए।
फकवी बी प्रकाय के जादू-टोना, योग, बम, बूत, त्रऩळाच्ि,
डाफकनी, ळाफकनी आफद वे भुत्रि फक प्रासद्ऱ के सरमे भाॊ
दुगाा के नलाणा मॊि का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन-अिान
वलादा परदामक शोता शै। दुगाा दुखं का नाळ कयने लारी
शं। इवसरए नलयात्रि के फदनो भं जफ उनक ऩूजा ऩूणा
श्रद्धा औय त्रलश्वाव वे फक जाती शं, तो भाॊ दुगाा फक प्रभुख
नौ ळत्रिमाॉ जाग्रत शो जाती शं, स्जववे नलं ग्रशं को
सनमॊत्रित कयती शं, स्जववे नौग्रशं वे प्राद्ऱ शोने लारे
असनष्ट प्रबाल वे यषा शोकय ग्रश जनीत ऩीडाएॊ बी ळाॊत
शो जाती शं।
नलाणा भॊि: ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामै त्रलच्िे
नल अषयं लारे इव अद्भुत नलाणा भॊि के शय
अषय भं देली दुगाा फक एक-एक ळत्रि वभामी शुई शं,
स्जव का वॊफॊध एक-एक ग्रशं वे शं।
मफद कोई भनुष्म अत्मासधक कष्ट मा वॊकटं वे
ग्रस्त शो तो उवे प्रसतफदन स्नान इत्माफदवे ळुद्ध शोकय
नलाणा मॊि के वम्भुख नलाणा भॊि का जाऩ 108 दाने फक
भारा वे कभ वे कभ तीन भारा जाऩ अलश्म कयना
िाफशए। भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
14 अप्रेर 2013
देली कलि दुबााग्म को वौबाग्म भं फदर वकते शै…
 स्लस्स्तक.ऎन.जोळी
दव भशा त्रलद्या कलि
Dus Mahavidya Kawach
दव भशा त्रलद्या कलि को देली दव भशा त्रलद्या
क ळत्रिमं वे वॊऩन्न अत्मॊत प्रबालळारी औय दुराब
कलि भाना गमा शं।
इव कलि के भाध्मभ वे वाधक को दवो
भशात्रलद्याओॊ आसळलााद प्राद्ऱ शो वकता शं। दव भशा
त्रलद्या कलि को धायण कयने वे वाधक क वबी
भनोकाभनाओॊ क ऩूसता शोती शं। दव भशा त्रलद्या कलि
वाधक क वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता कयने भं वभथा
शं। दव भशा त्रलद्या कलि धायण कताा को ळत्रिवॊऩन्न
एलॊ बूसभलान फनाने भं वभथा शं।
दव भशा त्रलद्या कलि को श्रद्धाऩूलाक धायण कयने
वे ळीघ्र देली कृ ऩा प्राद्ऱ शोती शं औय धायण कताा को
दव भशा त्रलद्या देलीमं क कृ ऩा वे वॊवाय क वभस्त
सवत्रद्धमं क प्रासद्ऱ वॊबल शं। देली दव भशा त्रलद्या क
कृ ऩा वे वाधक को धभा, अथा, काभ ल् भोष ितुत्रलाध
ऩुरुऴाथं क प्रासद्ऱ शो वकती शं। दव भशा त्रलद्या कलि
भं भाॉ दुगाा के दव अलतायं का आळीलााद वभाफशत
शोता शं, इव सरए दव भशा त्रलद्या कलि को धायण कय
के धायण कयके व्मत्रि अऩने जीलन को सनयॊतय असधक
वे असधक वाथाक एलॊ वपर फना वकता शं।
दळ भशात्रलद्या को ळास्त्रों भं आद्या बगलती के
दव बेद कशे गमे शं, जो क्रभळ् (1) कारी, (2) ताया,
(3) ऴोडळी, (4) बुलनेश्वयी, (5) बैयली, (6)
सछन्नभस्ता, (7) धूभालती, (8) फगरा, (9) भातॊगी
एलॊ (10) कभास्त्भका। इव वबी देली स्लरुऩं को,
वस्म्भसरत रुऩ भं दळभशात्रलद्या के नाभ वे जाना जाता
शं। भूल्म भाि: 6400 >> Order Now
नलदुगाा ळत्रि कलि
Navdurga Shakiti Kawach
भाॊ दुगाा के नलरुऩ क्रभळ्
1. ळैरऩुिी
2. ब्रह्मिारयणी
3. िन्द्रघण्टा
4. कू ष्भाण्डा
5. स्कन्दभाता
6. कात्मामनी
7. कारयात्रि
8. भशागौयी
9. सवत्रद्धदािी शं।
नौदेलीमं के कलिं को एक वाथ भं सभराकय
फनाकय नलदुगाा कलि का सनभााण फकमा जाता शं। स्जववे
धायण कताा को नौ देलीमं का आसळलााद एक वाथ प्राद्ऱ
शो जाता शं।
नौ देलीमं के कलि का भशत्ल क्रभळ् आऩके
भागादळान शेतु मशाॉ प्रस्तुत शं।
देली ळैरऩुिी का कलि धायण कयने लारा व्मत्रि
वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं। अथाात उवे स्जलन भं
धन एलॊ अन्म वुख वाधनो क कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ।
व्मत्रि को अनेक प्रकाय क सवत्रद्धमाॊ एलॊ उऩरस्ब्धमाॊ प्राद्ऱ
शोती शं।
देली ब्रह्मिारयणी का कलि धायण कयने लारे
व्मत्रि को अनॊत पर क प्रासद्ऱ शोती शं। कलि के प्रबाल
वे व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद् गुणं
फक लृत्रद्ध शोती शं।
देली िन्द्रघण्टा का कलि धायण कयने वे व्मत्रि
को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक
आसध-व्मासध वे भुत्रि सभरती शं। इवके उऩयाॊत व्मत्रि को
सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्नता प्राद्ऱ शोती शं। कलि
के प्रबाल वे व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं।
व्मत्रि के स्लय भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी
15 अप्रेर 2013
लृत्रद्ध शोती शं। क्मोफक, िन्द्रघण्टा को सान क देली बी
भाना गमा शं।
देली कू ष्भाण्डा के कलि को धायण कयने लारे
व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि
सभरती शं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं।
देली स्कॊ दभाता के कलि को धायण कयने वे
व्मत्रि क वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन
भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं।
देली कात्मामनी का कलि धायण कयने वे व्मत्रि
को वबी प्रकाय के योग, ळोक, बम वे भुत्रि सभरती शं।
कात्मामनी देली को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को
कष्ट देने लारे यष-दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी
नष्ट कय देने लारी भाना गमा शं।
देली कारयात्रि का कलि धायण कयने वे अस्ग्न
बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि
देली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं, कारयात्रि ळिु
एलॊ दुष्टं का वॊशाय कयने लारी देली शं।
देली भशागौयी के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि
के वभस्त ऩाऩं वे छु टकाया सभरता शं। मश भाॊ अन्नऩूणाा
के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी
एलॊ वॊकट वे भुत्रि फदराने लारी देली भशागौयी का कलि शं।
देली सवत्रद्धदािी के कलि को धायण कयने वे
व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोती शं उवे ऋत्रद्ध-
सवत्रद्ध क प्रासद्ऱ शोती शं। कलि के प्रबाल वे व्मत्रि के
मळ, फर औय धन क प्रासद्ऱ आफद कामो भं शो यशे फाधा-
त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं। व्मत्रि को मळ, फर औय धन
क प्रासद्ऱ शो कय उवे भाॊ क कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ
औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं।
भूल्म भाि: 6400 >> Order Now
श्रीदुगाा फीवा कलि
Durga Visha Kawach
श्रीदुगाा फीवा कलि वाधक को बत्रि के वाथ वभस्त
वाॊवारयक वुखं को प्रदान कयने लारा वलासवत्रद्धप्रद कलि
शं। श्रीदुगाा फीवा कलि को धायण कयने वे वाधक को
धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी
वशामता प्राद्ऱ शोती शं।
ळास्त्रोोि लणान शं क भाॉ दुगाा का श्रीदुगाा फीवा कलि को
धायण कयने वे देली प्रवन्न शोकय, ळीघ्र शी वाधक क
असबष्ट इच्छाएॊ ऩूणा कयती शं। भाॉ दुगाा अऩने बि क
स्लमॊ यषा कय उन ऩय कृ ऩा दृष्टी कयती शं। श्रीदुगाा फीवा
कलि धायण कयने वे भाॉ दुगाा क कृ ऩा वे नौकयी
व्मलवाम भं वाधक को उन्नसत के सळखय ऩय जाने का
भागा प्रवस्त शोता शं।
श्रीदुगाा फीवा कलि के प्रबाल वे धायण कताा को धन-
धान्म, वुख-वॊऩत्रत्त, वॊतान का वुख प्राद्ऱ शोता शं औय
ळिु ऩय त्रलजम, ऋण-योग आफद ऩीडा़ वे भुत्रि प्राद्ऱ शोती
शं औय वाधक को जीलन भं वॊऩूणा वुखं क प्रासद्ऱ शोती
शं। जीलन भं फकवी बी प्रकाय के वॊकट मा फाधा क
आळॊका शोने ऩय श्रीदुगाा फीवा कलि को श्रद्धाऩूलाक धायण
कयने वे वाधक को वबी प्रकाय क फाधा वे भुत्रि
सभरती शं औय धन-धान्म क प्रासद्ऱ शो वकती शं।
भूल्म भाि: 1900 >> Order Now
नलााण फीवा कलि
Narvan Visha Kawach
नलाणा (नलााण) फीवा कलि देली दुगाा का कलि शं। फशन्दू
धभा भं देली दुगाा को दु्खं का नाळ कयने लारी कशा
गमा शं। देली दुगाा क ळत्रि को जाग्रत कयने शेतु ळास्त्रों
भं नलाणा भॊि का जाऩ कयने का त्रलधान फतामा गमा शं।
त्रलद्रानं का कथन शं क जो भनुष्म सनमसभत भॊि जाऩ
कयने भं अवभथा शो उनके सरए नलाणा फीवा कलि
धायण कयना भॊि जऩ के वभान पर प्रदान कयने लारा
शं। नलाणा फीवा कलि को धायण कयने वे व्मत्रि को
धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी
वशाता प्राद्ऱ शोती शं। भूल्म भाि: 1900
>> Order Now | Email US | Customer Care:
91+ 9338213418, 91+ 9238328785
16 अप्रेर 2013
भनोकाभना ऩूसता शेतु नलयाि भं देली को कै वे अऩाण कयं बोग?
 स्लस्स्तक.ऎन.जोळी
नलयाि के नौ फदनं भं तीन देत्रलमं क्रभळ्
ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩं का
कभळ् ळैरऩुिी, ब्रह्मािारयणी, िॊद्रघण्टा, कू ष्भाण्डा,
स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय
सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शं।, नलयािे के प्रथभ
तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता
शं, अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩं का ऩूजन
फकमा जाता शं औय आस्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता
के स्लरुऩं क ऩूजा क जाती शं। उवी प्रकाय नौ देलीमं
को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी,
तृतीम फदन िन्द्रघण्टा, ितुथा फदन कु ष्भाण्डा, ऩॊिभ् फदन
स्कन्द भाता, ऴष्ठभ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ् फदन
कारयात्रि, अष्टभ् फदन भशागौयी औय नौलं फदन सवत्रद्धदािी के
रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शं।
नलयािे के नौ फदनं तक बि के भन भं मश
कौतुशर शोता शं, फक लश भाता को बोग भं क्मा िढ़ामे,
स्जववे भाॉ ळीघ्र प्रवन्न शं जामे. फशन्दू धभा भं कोई बी
त्मौशाय, व्रत-उऩलाव देली-देलताओॊ को बोग, प्रवाद
अत्ऩाण फकमे त्रफना वॊऩन्न नशीॊ शोता शै। नलयािे के नौ
फदन भं नौ देत्रलमं को अरग-अरग बोग रगाने का
त्रलधान धभाळास्त्रों भं लस्णात शं।
नलयाि के प्रथभ फदन देली ळैरऩुिी:
नलयाि के प्रथभ फदन भाॊ के ळैरऩुिी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के
मशाॊ ऩालाती रुऩ भं जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी
कशा जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन
कयके नैलेद्य के रूऩ भं देली को गाम का घृत (घी) अऩाण
कयना िाफशए। भाॊ को ियणं िढ़ामे गमे घृत को ब्राम्शणं
भं फाॊटने वे योगं वे भुत्रि सभरती शै। देली कृ ऩा वे व्मत्रि
वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं। अथाात उवे स्जलन भं
धन एलॊ अन्म वुख वाधनो को कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ।
नलयाि के फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी:
नलयाि के दूवये फदन भाॊ के ब्रह्मिारयणी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। क्मोफक ब्रह्म का अथा शं तऩ।
भाॊ ब्रह्मिारयणी तऩ का आियण कयने लारी बगलती शं
इवी कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी कशा गमा। इव फदन देली का
ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को िीनी का बोग
रगाकय दान कयना िाफशए। िीनी का बोग रागाने वे
भनुष्म दीघाजीली शोता शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि को अनॊत
पर फक प्रासद्ऱ शोती शं। व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय,
वॊमभ जैवे वद् गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं।
नलयाि के तृतीम फदन िन्द्रघॊटा:
नलयाि के तीवये फदन भाॊ के िन्द्रघण्टा स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। िन्द्रघण्टा का स्लरूऩ
ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शं। िन्द्रघण्टा के
भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधािन्द्र ळोसबत यशता
शं। इव सरमे भाॊ को िन्द्रघण्टा देली कशा जाता शं। इव
फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को दूध का
बोग रगाकय दान कयना िाफशए। दूध का बोग रागाने वे
व्मत्रि को दुखं वे भुत्रि सभरती शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि
को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक
आसध-व्मासध वे भुत्रि सभरती शं। इवके उऩयाॊत व्मत्रि को
सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शं।
व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं। व्मत्रि स्लय
भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी लृत्रद्ध शोती शं।
िन्द्रघण्टा को सान क देली बी भाना गमा शै।
नलयाि के ितुथा फदन कू ष्भाण्डा:
नलयाि के ितुथा फदन भाॊ के कू ष्भाण्डा स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। अऩनी भॊद शॊवी द्राया ब्रह्माण्ड
को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कू ष्भाण्डा
देली यखा गमा। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन
कयके देली को भारऩुआ बोग रगाकय दान कयना िाफशए।
17 अप्रेर 2013
भारऩुए का बोग रागाने वे व्मत्रि फक त्रलऩत्रत्त का नाळ
शोता शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग,
ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं, उवे आमुष्म, मळ,
फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं।
नलयाि के ऩॊिभ फदन स्कॊ दभाता:
नलयाि के ऩाॊिलं फदन भाॊ के स्कॊ दभाता स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। स्कॊ दभाता कु भाय अथाात ्
कासताके म फक भाता शोने के कायण, उन्शं स्कन्दभाता के
नाभ वे जाना जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे
ऩूजन कयके देली को के रे का बोग रगाकय दान कयना
िाफशए। के रे का बोग रागाने वे व्मत्रि फक फुत्रद्ध, त्रललेक
का त्रलकाव शोता शं। व्मत्रि के ऩरयलायीकवुख वभृत्रद्ध भं
लृत्रद्ध शोती शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि फक वभस्त इच्छाओॊ
क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ
शोती शं।
नलयाि के ऴष्ठभ् फदन कात्मामनी
नलयाि के छठं फदन भाॊ के कात्मामनी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। भशत्रऴा कात्मामन फक ऩुिी शोने
के कायण उन्शं कात्मामनी के नाभ वे जाना जाता शं।
इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को
भधु (ळशद, भशु, भध) का बोग रगाकय दान कयना
िाफशए। भधु का बोग रागाने वे व्मत्रि को वुॊदय स्लरूऩ
फक प्रासद्ऱ शोती शं। कात्मामनी देली को लैफदक मुग भं मे
ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट देने लारे यष-दानल, ऩाऩी जील को
अऩने तेज वे शी नष्ट कय देने लारी भाना गमा शं।
नलयाि के वद्ऱभ् फदन कारयात्रि
नलयाि के वातलं फदन भाॊ के कारयात्रि स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। कारयात्रि देली के ळयीय का यॊग
घने अॊधकाय फक तयश एकदभ कारा शं। इव फदन देली
का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को गुि का बोग
रगाकय दान कयना िाफशए। गुि का बोग रागाने वे
व्मत्रि के वभस्त ळोक दूय शोते शं। कारयात्रि के ऩूजन वे
अस्ग्न बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ
कारयात्रि देली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं,
कारयात्रि का स्लरूऩ देखने भं अत्मॊत बमानक शोते शुले
बी वदैल ळुब पर देने लारा शोता शं, इव सरमे कारयात्रि
को ळुबॊकयी के नाभवे बी जाना जाता शं। कारयात्रि ळिु
एलॊ दुष्टं का वॊशाय कय ने लारी देली शं।
नलयाि के अष्टभ् फदन भशागौयी
नलयाि के आठलं फदन भाॊ के भशागौयी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। भशागौयी स्लरूऩ उज्जलर,
कोभर, श्वेतलणाा शोने के कायण इनका नाभ भशागौयी शं।
इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को
श्रीपर (नारयमर) का बोग रगाकय दान कयना िाफशए।
श्रीपर (नारयमर) का बोग रागाने वे व्मत्रि के वॊताऩ
दूय शोते शं। भशागौयी के ऩूजन कयने लारे वाधन के सरमे
भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान
कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्रि फदराने लारी देली
भशागौयी शं।
नलयाि के नलभ् फदन सवत्रद्धदािी
नलयाि के नौलं फदन भाॊ के सवत्रद्धदािी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं। भाता सवत्रद्धदािी वबी प्रकाय क
सवत्रद्धमं क प्रदाता भाना गमा शं। सवत्रद्धदािी को वभस्त्म
सवत्रद्धमं क स्लासभनी बी भाना जाता शं। इव फदन देली का
ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को धान के राले का
बोग रागाने वे व्मत्रि को रोक औय ऩयरोक का वुख
प्राद्ऱ शोता शं। सवत्रद्धदािी के ऩूजन वे व्मत्रि फक वभस्त
काभनाओॊ फक ऩूसता शोकय उवे ऋत्रद्ध, सवत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोती
शं। ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ कामो भं िरे
आ यशे फाधा-त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं। व्मत्रि को मळ, फर
औय धन फक प्रासद्ऱ शोकय उवे भाॊ फक कृ ऩा वे धभा, अथा,
काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं।
गुरुत्ल कामाारम द्राया यत्न एलॊ रुद्राष ऩयाभळा भाि RS:- 450
>> Order Now | Email US | Customer Care: 91+ 9338213418, 91+ 9238328785
18 अप्रेर 2013
भाॉ दुगाा क कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु वयर वाधनाएॊ
 ऩॊ.श्री बगलानदाव त्रिलेदी जी, वॊदीऩ ळभाा
प्रबालळारी दुगाा वाधना
भाॊ दुगाा का ऩूजन फशन्दू वॊस्कृ ती भं वलाासधक रोकत्रप्रम शं मशीॊ कायण
शं क वैकिं लऴो वे देली दुगाा का ऩूजन छोटे-फिे वबी प्रादेसळक षेिं
भं वलाासधक प्रिसरत यशा शं। देली दुगाा को आद्य ळत्रि बगलती का
वाषात स्लरुऩ भाना जाता शं। देली दुगाा क भफशभा अऩयॊऩाय शं, जो
अऩने बिं के दु्खं का नाळ कयने लारी, दुष्टं वे यषा कयने लारी
एलॊ अऩने बिं के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली
शं।
वाधना शेतु वाभग्री:-
भारा: स्पफटक
फदळा: उत्तय मा ऩूला
आवन: रार आवन
लस्त्रो: रार लस्त्रो,
अन्म ऩूजन वाभग्रीमाॊ: देली प्रसतभा, ऩूजन शेतु सवॊदूय, यििॊदन, रार
मा ऩीरे पू र, धूऩ, दीऩ, शलन शेतु सतर, घी, जौ, अषत, दूफा, दशी,
आफद नैलेद्य, ऩीतर मा ताॊफे का करळ, करळ स्थाऩना शेतु गेशूॊ, आफद
ळुब धान, आभ के ऩल्रल, शलन शेतु रकफिमाॊ आफद शलन वाभग्रीमाॊ।
भॊि:–
ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ।
ॐ ग्रं शुॊ क्रीॊ जूॊ व् ज्लारम ज्लारम ज्लर ज्लर प्रज्लर प्रज्लर ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ज्लर शॊ वॊ रॊ षॊ पट्
स्लाशा ॥
Om Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichchai |
Om Gloum Hum Kleem Jum Sah Jvalaya Jvalaya Jvala Jvala Prajvala Prajvala Aim Hreem Kleem
Chamundaye Vichchai Jvala Ham Sam Lam Ksham Phat Swaha ||
त्रलसध:–
वाधना वे ऩूला ऩूजन स्थान क बूसभ एलॊ वाभग्री आफद को ऩत्रलत्रिकयण कयके त्रलसध-त्रलधान वे स्लच्छ कयरं।
देली दुगाा क वाधना प्रात्कार वे प्रायॊब कयं। वाधना का प्रायॊब नलयाि भं कयना उत्तभ भाना गमा शं, मफद नलयाि भं
वाधना कयना वॊबल न शो तो, वाधना फकवी बी भाव क ळुक्र ऩष प्रसतऩदा अथाात एकभ वे प्रायॊब क जा वकती शं,
प्रसतऩदा वे रेकय दवलीॊ सतसथ तक दव फदनं भं वाधना वॊऩन्न कयरं।
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013
Gurutva jyotish apr 2013

Más contenido relacionado

Destacado

Destacado (8)

#VEDP lunch and learn presentation
#VEDP lunch and learn presentation #VEDP lunch and learn presentation
#VEDP lunch and learn presentation
 
Пермякова Анастасия Евгеньевна
Пермякова Анастасия ЕвгеньевнаПермякова Анастасия Евгеньевна
Пермякова Анастасия Евгеньевна
 
12.1. short functional text
12.1. short functional text12.1. short functional text
12.1. short functional text
 
дитина за комп
дитина за компдитина за комп
дитина за комп
 
Pokaz Sie
Pokaz SiePokaz Sie
Pokaz Sie
 
Strategic Storytelling
Strategic Storytelling Strategic Storytelling
Strategic Storytelling
 
lkh iohoih
lkh iohoihlkh iohoih
lkh iohoih
 
Obras analisadas: EVT
Obras analisadas: EVTObras analisadas: EVT
Obras analisadas: EVT
 

Más de GURUTVAKARYALAY

GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2
GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2
GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1
GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1
GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019
GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019
GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish jun 2019
Gurutva jyotish jun 2019Gurutva jyotish jun 2019
Gurutva jyotish jun 2019GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH APRIL-2019
GURUTVA JYOTISH APRIL-2019GURUTVA JYOTISH APRIL-2019
GURUTVA JYOTISH APRIL-2019GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014
GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014
GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish jan 2013
Gurutva jyotish jan 2013Gurutva jyotish jan 2013
Gurutva jyotish jan 2013GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish dec 2012
Gurutva jyotish dec 2012Gurutva jyotish dec 2012
Gurutva jyotish dec 2012GURUTVAKARYALAY
 
GURUTVA JYOTISH NOV-2012
GURUTVA JYOTISH NOV-2012GURUTVA JYOTISH NOV-2012
GURUTVA JYOTISH NOV-2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish oct 2012
Gurutva jyotish oct 2012Gurutva jyotish oct 2012
Gurutva jyotish oct 2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish sep 2012
Gurutva jyotish sep 2012Gurutva jyotish sep 2012
Gurutva jyotish sep 2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish aug 2012
Gurutva jyotish aug 2012Gurutva jyotish aug 2012
Gurutva jyotish aug 2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva Jyotish July 2012
Gurutva Jyotish July 2012Gurutva Jyotish July 2012
Gurutva Jyotish July 2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish jun 2012
Gurutva jyotish jun 2012Gurutva jyotish jun 2012
Gurutva jyotish jun 2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish may 2012
Gurutva jyotish may 2012Gurutva jyotish may 2012
Gurutva jyotish may 2012GURUTVAKARYALAY
 
Gurutva jyotish feb 2012
Gurutva jyotish feb 2012Gurutva jyotish feb 2012
Gurutva jyotish feb 2012GURUTVAKARYALAY
 

Más de GURUTVAKARYALAY (20)

GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2
GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2
GURUTVA JYOTISH APRIL-2020 VOL: 2
 
GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1
GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1
GURUTVA JYOTISH Apr 2020 vol 1
 
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
 
GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019
GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019
GURUTVA JYOTISH SEPTEMBER-2019
 
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE AUGUST-2019
 
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019
GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE JULY-2019
 
Gurutva jyotish jun 2019
Gurutva jyotish jun 2019Gurutva jyotish jun 2019
Gurutva jyotish jun 2019
 
GURUTVA JYOTISH APRIL-2019
GURUTVA JYOTISH APRIL-2019GURUTVA JYOTISH APRIL-2019
GURUTVA JYOTISH APRIL-2019
 
GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
GURUTVA JYOTISH MONTHLY E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
 
GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014
GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014
GURUTVA JYOTISH AUGUST-2014
 
Gurutva jyotish jan 2013
Gurutva jyotish jan 2013Gurutva jyotish jan 2013
Gurutva jyotish jan 2013
 
Gurutva jyotish dec 2012
Gurutva jyotish dec 2012Gurutva jyotish dec 2012
Gurutva jyotish dec 2012
 
GURUTVA JYOTISH NOV-2012
GURUTVA JYOTISH NOV-2012GURUTVA JYOTISH NOV-2012
GURUTVA JYOTISH NOV-2012
 
Gurutva jyotish oct 2012
Gurutva jyotish oct 2012Gurutva jyotish oct 2012
Gurutva jyotish oct 2012
 
Gurutva jyotish sep 2012
Gurutva jyotish sep 2012Gurutva jyotish sep 2012
Gurutva jyotish sep 2012
 
Gurutva jyotish aug 2012
Gurutva jyotish aug 2012Gurutva jyotish aug 2012
Gurutva jyotish aug 2012
 
Gurutva Jyotish July 2012
Gurutva Jyotish July 2012Gurutva Jyotish July 2012
Gurutva Jyotish July 2012
 
Gurutva jyotish jun 2012
Gurutva jyotish jun 2012Gurutva jyotish jun 2012
Gurutva jyotish jun 2012
 
Gurutva jyotish may 2012
Gurutva jyotish may 2012Gurutva jyotish may 2012
Gurutva jyotish may 2012
 
Gurutva jyotish feb 2012
Gurutva jyotish feb 2012Gurutva jyotish feb 2012
Gurutva jyotish feb 2012
 

Gurutva jyotish apr 2013

  • 1. NON PROFIT PUBLICATION गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका अप्रेर- 2013 Our Web Site: www.gurutvajyotish.com Font Help >> http://gurutvajyotish.blogspot.com
  • 2. FREE E CIRCULAR ई- जन्भ ऩत्रिकागुरुत्ल ज्मोसतऴ ऩत्रिका अप्रेर 2013 वॊऩादक अत्माधुसनक ज्मोसतऴ ऩद्धसत द्राया उत्कृ ष्ट बत्रलष्मलाणी के वाथ १००+ ऩेज भं प्रस्तुत सिॊतन जोळी वॊऩका गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग गुरुत्ल कामाारम 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) INDIA पोन E HOROSCOPE 91+9338213418, 91+9238328785, ईभेर gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in, Create By Advanced Astrology Excellent Prediction 100+ Pages >> Order Now | Call Now | Email US लेफ www.gurutvakaryalay.com http://gk.yolasite.com/ www.gurutvakaryalay.blogspot.com/ ऩत्रिका प्रस्तुसत सिॊतन जोळी, स्लस्स्तक.ऎन.जोळी पोटो ग्राफपक्व फशॊदी/ English भं भूल्म भाि 750/- सिॊतन जोळी, स्लस्स्तक आटा शभाये भुख्म वशमोगी GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) INDIA Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com स्लस्स्तक.ऎन.जोळी (स्लस्स्तक वोफ्टेक इस्न्डमा सर)
  • 3. अनुक्रभ नल वॊलत्वय 2070 का ऩरयिम 7 वप्तश्र्लरोक दुगाा 34 ऩॊिाॊग गणना का भूर आधाय? 9 दुगाा आयती 34 नलदुगाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शं.. 10 सवद्धकुॊ स्जकास्तोिभ ् 35 आद्यळत्रि के तीन िभत्कायी मॊि 12 दुगााष्टकभ ् 35 देली कलि दुबााग्म को वौबाग्म भं फदर वकते शै 14 बलान्मष्टकभ ् 36 भनोकाभना ऩूसता शेतु नलयाि भं देली को… 16 षभा-प्राथाना 36 भाॉ दुगाा क कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु वयर वाधनाएॊ 18 दुगााष्टोत्तय ळतनाभ स्तोिभ ् 37 नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय 21 त्रलश्वॊबयी स्तुसत 38 नलयाि भं दव भशात्रलद्या क उऩावना… 22 ळाऩ त्रलभोिन भॊि 39 नलयािी भं ग्रश ळाॊसत के वयर उऩाम 25 श्रीकृ ष्ण कृ त देली स्तुसत 40 िैि नलयाि भं नलदुगाा आयाधना त्रलळेऴ परदामी 27 भाॊ के ियणं सनलाव कयते वभस्त शं तीथा 41 दुलाा ऩूजन भं यखे वालधासनमाॊ 28 श्री भाका ण्डेम कृ त रघु दुगाा वद्ऱळती स्तोिभ ् 42 िैि नलयाि व्रत त्रलळेऴ राबदामी शोता शं। 29 नल दुगाा स्तुसत 43 नलयाि व्रत क वयर त्रलसध? 31 नलदुगाा यषाभॊि 43 श्रीकृ ष्ण कृ त देली स्तुसत 33 देली उऩावना भं उऩमुि एलॊ सनत्रऴद्ध ऩि ऩुष्ऩ 44 ऋग्लेदोि देली वूिभ ् 33 गुरु ऩुष्माभृत मोग 45 शभाये उत्ऩाद बाग्म रक्ष्भी फदब्फी 12 याळी यत्न 57 भॊि सवद्ध स्पफटक श्री मॊि 13 भॊि सवद्ध रूद्राष 58 भॊि सवद्ध दुराब वाभग्री एलॊ भारा 28 श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि / कलि 59 वला कामा सवत्रद्ध कलि 46 याभ यषा मॊि 60 शभाये त्रलळेऴ मॊि 47 जैन धभाके त्रलसळष्ट मॊि 61 वलासवत्रद्धदामक भुफद्रका 48 घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रद्ध भशामॊि 62 द्रादळ भशा मॊि 49 अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कलि 63 ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि एलॊ ळसन तैसतवा मॊि 52 याळी यत्न एलॊ उऩयत्न 63 नलयत्न जफित श्री मॊि 53 वला योगनाळक मॊि/ 80 श्री शनुभान मॊि 54 भॊि सवद्ध कलि 82 लाशन दुघाटना नाळक भारुसत मॊि 54 YANTRA LIST 83 त्रलसबन्न देलता एलॊ काभना ऩूसता मॊि वूसि 55 GEM STONE 85 त्रलसबन्न देली एलॊ रक्ष्भी मॊि वूसि 55 PHONE/ CHAT CONSULTATION 86 स्थामी औय अन्म रेख वॊऩादक म 4 दैसनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका 76 अप्रेर 2013 भासवक यासळ पर 64 फदन-यात के िौघफडमे 77 अप्रेर 2013 भासवक ऩॊिाॊग 68 फदन-यात फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक 78 अप्रेर 2013 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 70 ग्रश िरन अप्रेर 2013 79 अप्रेर 2013-त्रलळेऴ मोग 76 शभाया उद्देश्म 88
  • 4. त्रप्रम आस्त्भम फॊधु/ फफशन जम गुरुदेल वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथावासधके । ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामस्ण नभोऽस्तुते॥ वृत्रष्टस्स्थसत त्रलनाळानाॊ ळत्रिबूते वनातसन। गुणाश्रमे गुणभमे नायामस्ण नभोऽस्तुते॥ अथाात: शे देली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दासमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथं को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिं लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शं। आऩ वृत्रष्ट का ऩारन औय वॊशाय कयने लारी ळत्रिबूता वनातनी देली, आऩ गुणं का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी देली तुम्शं नभस्काय शै। इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राद्ऱ शोती शं। स्जस्वे भनुष्म के जन्भ-जन्भ के ऩाऩं का नाळ शोता शै। भाॊ जननी वृत्रष्ट फक आफद, अॊत औय भध्म शं। देली प्रऩन्नासताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsस्खरस्म। ऩवीद त्रलश्वेतरय ऩाफश त्रलश्वॊ त्लभीश्चयी देली ियाियस्म। अथाात: ळयणागत फक ऩीिा दूय कयने लारी देली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शं। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शं। त्रलश्वेश्वयी देली त्रलश्व फक यषा कयो। देली आऩ फश एक भाि ियािय जगत फक असधश्वयी शो। नलयाि के नौ फदनं भं तीन देत्रलमं क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩं का कभळ् ळैरऩुिी, ब्रह्मािारयणी, िॊद्रघण्टा, कू ष्भाण्डा, स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शं। नलयािे के प्रथभ तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं, अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं औय आस्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता के स्लरुऩं क ऩूजा क जाती शं। उवी प्रकाय नौ देलीमं को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी, तृतीम फदन िन्द्रघण्टा, ितुथा फदन कु ष्भाण्डा, ऩॊिभ् फदन स्कन्द भाता, ऴष्ठभ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ् फदन कारयात्रि, अष्टभ् फदन भशागौयी औय नौलं फदन सवत्रद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शं। नलयाि अथाात भाॉ दुगाा क उऩावना भं वभत्रऩात नौ यात। दुगाा का अथा शं, दुगासत नासळनी शं, जगत ्क उत्ऩत्रत्त, ऩारन एलॊ वॊिारन तीनं व्मलस्थाएॊ स्जव ळत्रि के आधीन वम्ऩाफदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ आफदळत्रि बगलती शं। भाॉ दुगाा के रुऩ अनॊत शं, रेफकन देली को प्रधान नौ रूऩं भं नलदुगाा के नाभ वे जाना जाता शं। आफद ळत्रि भाॉ दुगाा वभग्र रोक भं अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै, भाॉ दुगाा अऩने बिं भं वद्द गुणं का त्रलकाव कयके उनभं अऩनी ळत्रि का वॊिाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्रास्णमं का वॊिारन कयती शै। आज बौसतकता भं यत भनुष्म को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन क ळाॊसत नशीॊ सभरती। ऐवे भं शय तयश वे सनयाळ औय शाया िुका भनुष्म मफद भाॊ दुगाा क ळयण रेता शै जो सनस्श्चत शी भाॉ दुगाा उवक दुगासत का सनलायण कयती शी शै। क्मोफक, भाॉ आद्यळत्रि क कृ ऩा वे भनुष्म भं आत्भफर, द्दढ़ त्रलश्वाव, दमा, प्रेभ, बत्रि जैवे वद्गुणं का त्रलकाव
  • 5. शोता शं। जीलन के इन्शीॊ भूल्मं को वभझ कय भनुष्म जीलन भं वच्िा वुख-ळाॊसत, लैबल, धन वॊऩदा को प्राद्ऱ कयता शै। अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे सनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै। इवसरए भनुष्म को अवॊबल को बी वॊबल कय फदखाने क ळत्रि देली कृ ऩा वे शी प्राद्ऱ शोती शं। भाॊ दुगाा का ऩूजन फशन्दू वॊस्कृ ती भं वलाासधक रोकत्रप्रम शं मशीॊ कायण शं क वैकिं लऴो वे देली दुगाा का ऩूजन छोटे-फिे वबी प्रादेसळक षेिं भं वलाासधक प्रिसरत यशा शं। देली दुगाा को आद्य ळत्रि बगलती का वाषात स्लरुऩ भाना जाता शं। देली दुगाा क भफशभा अऩयॊऩाय शं, जो अऩने बिं के दु्खं का नाळ कयने लारी, दुष्टं वे यषा कयने लारी एलॊ अऩने बिं के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली शं। नलयाि के दौयान दव भशात्रलद्या का ऩूजन बी त्रलळेऴ भशत्लऩूणा भाना गमा शं क्मोक इन को देली दुगाा के शी दव रूऩ भाने जाते शं। दवं भशात्रलद्या भं शय भशात्रलद्या अऩनी अफद्रतीम ळत्रि वे भनुष्म के वभस्त वॊकटं को दूय कयने लारी शं। इन दव भशात्रलद्याओॊ के भशत्ल को त्रलसबन्न धभाळास्त्रों भं अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना गमा शं। नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कय के भनुष्म वबी अळुब ग्रश जसनत फाधाऔ को वयरता वे दूय कय वकता शं। नलयाि का वभम ग्रशं को ळाॊत कयने शेतु वलोत्तभ वभम भाना जाता शं। क्मोफक नलयािी के दौयान प्रकृ सत भं शोने लारे ऩरयलतान एलॊ वाभास्जक ऩरयलेळ के कायण भनुष्म क आध्मास्त्भक ळत्रि एलॊ उवक वॊमभ ळत्रि का अत्मासधक उच्ि स्तय क शोती शं। मफश कायण शं क इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा, उऩावना, वाधना आफद अत्मासधक राबप्रद भानी गई शं। मफद भनुष्म फकवी ग्रशं वे ऩीफित शो, तो लश इन नौ फदनं भं देली दुगाा के ऩूजन के वाथ भं मफद ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कयके ळीघ्र राब प्राद्ऱ कय वकते शं, नलयाि ग्रश ळाॊसत के सरए बी उत्तभ वभम शोता शै। त्रलद्रानं का कथन शं क देली दुगाा शी वबी प्रकाय के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शं। धभा ळास्त्रों भं वभस्त भॊि, मॊि औय तॊि का उद्गभ देली आद्यळत्रि बगलती वे भाना गमा शं। मफद जन्भ कुॊ डरी (जातक/ जन्भ ऩिी) भं कोई ग्रश कभजोय शै मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को देख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा शो तो जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत कयना आलश्मक शोता शं स्जस्वे ग्रश अऩना प्रसतकू र प्रबाल के स्थान ऩय अनुकू र प्रबाल प्रदान कयं।फकवी बी ग्रश के प्रबाल को अनुकू र फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शं, नलयाि के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो द्राया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ असत वयरता वे कभ फकमा जा वकता शं। इव अॊक भं प्रकासळत कलि वे वॊफॊसधत जानकायीमं के त्रलऴम भं वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शं, मफद दळाामे गए कलि के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भं, फडजाईन भं, टाईऩीॊग भं, त्रप्रॊफटॊग भं, प्रकाळन भं कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रं मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी, गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न कलिो क सनभााण ऩद्धसत एलॊ प्रबालं का लणान कयने भं बेद शोने ऩय कलि क , ऩूजन त्रलसध एलॊ उवके प्रबालं भं सबन्नता वॊबल शं। आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ बगलती क कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय फनी यशे। भाॊ बगलती वे मशी प्राथना शं… सिॊतन जोळी
  • 6. 6 अप्रेर 2013 ***** लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत वूिना *****  ऩत्रिका भं प्रकासळत लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक भं देली उऩावना वे वॊफॊसधत रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायं के वाथ शी आयस्षत शं।  लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक भं लस्णात रेखं को नास्स्तक/अत्रलश्वावु व्मत्रि भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शं।  देली उऩावना का त्रलऴम आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रों वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत फकमा शं।  लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभास्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शं।  लावॊसतक नलयाि वे वॊफॊसधत वबी जानकायीक प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक क नशीॊ शं औय ना शीॊ प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल क स्जन्भेदायी के फाये भं जानकायी देने शेतु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शं।  लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत रेखो भं ऩाठक का अऩना त्रलश्वाव शोना आलश्मक शं। फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भं त्रलश्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा।  लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय क आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी।  लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए गमे शं। शभ फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे लावॊसतक नलयाि, भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोक स्जन्भेदायी नफशॊ रेते शं। मश स्जन्भेदायी लावॊसतक नलयाि, भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोको कयने लारे व्मत्रि फक स्लमॊ फक शोगी।  क्मोफक इन त्रलऴमो भं नैसतक भानदॊडं, वाभास्जक, कानूनी सनमभं के स्खराप कोई व्मत्रि मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शेतु प्रमोग कताा शं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकू र ऩरयणाभ वॊबल शं।  लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब क शानी मा शानी क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक क नशीॊ शं।  शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी देली उऩावना क जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शं स्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कलि, भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शुई शं। असधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भं वॊऩका कय वकते शं। (वबी त्रललादो के सरमे के लर बुलनेश्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
  • 7. 7 अप्रेर 2013 नल वॊलत्वय 2070 का ऩरयिम  स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नल लऴा िैि ळुक्र प्रसतऩदा 11-अप्रैर-2013 वे ळुरू शोने लारे त्रलक्रभ वॊलत 2070 का नाभ ऩयाबल शै। त्रलक्रभ वॊलत 2070 क ळुरुआत सवॊश रग्न भं शोगी। फशन्दू ऩॊिाॊग के अनुवाय प्रसत लऴा फदरने लारे वॊलत्वय के वाथ अरग-अरग ग्रश वॊलत्वय के स्लाभी, याजा ल भॊिी सनधाारयत शोते शं, उन्शी ग्रशं का अवय रोगं ऩय लऴा बय फदखाई देता शै। ऩयाबल वॊलत का याजा गुरु (फृशस्ऩसत) ल भॊिी ळसनदेल शंगे। ज्मोसतऴीम गणना के आधाय ऩय नल वॊलत्वय के सरए ग्रशं के त्रलबागं का फॊटलाया शो िुका शं। इव वॊलत का स्लाभी गुरु शै ज्मोसतत्रऴम गणनाओॊ के अनुवाय मश लऴा वॊघऴा बया यशेगा। वत्ता ऩष भं वेलायत रोगं के सरए लऴा अच्छा नशीॊ शं। वत्ता ऩष वे जुिे रोगं के फीि भं आऩवी भतबेद फढ़ेगे अन्म रोगो उव का राब उठाएॊगे। ळुक्र एलॊ िॊद्र दोनं वुख, वभृत्रद्ध एलॊ वौन्दमा प्रधान ग्रश, शोने के कायण अऩने ऩदं ऩय आसवत शो कय ऩूये वारबय रोगं का वुख, ऐश्वमा, आफद के प्रसत त्रलळेऴ झुकाल यशेगा। इव लऴा ग्रश स्स्थती के अनुवाय कृ त्रऴ औय लऴाा क स्स्थसत बी उत्तभ यशने के वॊके त सभर यशे शं। दुग्ध औय डेयी वे वॊफॊसधत कामा वे जुडे रोगं को त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोगी। इव लऴा गुरु (फृशस्ऩसत) याजा शोने वे सळषा षेि का खुफ प्रिाय-प्रवाय एलॊ त्रलकाव शोने का मोग फनेगा। इव लऴा अध्ममन कामा एलॊ आध्मास्त्भक कामं वे जुडे रोगं त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोने के मोग फन यशे शं। इव लऴा ळसन भॊिी शोने के कायण देळ क न्माम प्रणारी भं नमे फदराल एलॊ भजफूती शोने क ऩूणा वॊबालनाएॊ शं। भफशराओॊ का प्रबुत्ल फढ़ेगा, भफशराओॊ के असधकायं भं लृत्रद्ध शोगी। वभास्जक, धासभाक कामं वे जुिे रोगं के सरए मश लऴा त्रलळेऴ राबप्रद यशेगा। वॊलत्वय 2070 का भॊत्रिभॊडर गुरु याजा, ळुक्र दुगेळ, भेघेऴ ल परेळ, भॊिी ळसन, वूमा धान्मेळ ल भॊगर ळश्मेळ, िॊद्र धनेळ शंगे।
  • 8. 8 अप्रेर 2013 यासळमं ऩय प्रबाल ग्रशो का प्रबाल। भेऴ- धन राब के मोग अच्छे शं त्रलसबन्न वुख-वाधन क प्रासद्ऱ शोगी। लृऴब- आऩके वुख वाधनं के वाथ वाभास्जक भान-वम्भान भं बी लृत्रद्ध शोगी। सभथुन- योजगाय षेि भं उत्तभ राब क प्रासद्ऱ शोगी, धासभाक मािाएॊ राबप्रद यशेगी। कका - स्लास््म भध्मभ यशेगा, आसथाक लऴा बय आकस्स्भक राब सभरता यशेगा। सवॊश- ऩुयानी ऩयेळासनमं वे छु टकाया सभरेगा, ऩारयलायीक वुख भे लृत्रद्ध शोगी। कन्मा- रुके शुले कामं भं वपरता प्राद्ऱ शोने वे आसथाक स्स्थती वुधयेगी। तुरा- स्लास््म वॊफॊसधत वभस्मा यशेगी, वॊतान ऩष वे वुख क प्रासद्ऱ शोगी। लृस्श्चक- कफठन प्रमावं के अनुरुऩ राब प्राद्ऱ शोगा, ऩारयलायीक रयश्तं भं वुधाय शोगा। धनु - एकासधक स्त्रोोत वे धन राब क प्रासद्ऱ वे त्रलसबन्न वुखं क प्रासद्ऱ शोगी। भकय- कामा षेि भं वपरता सभरेगी आसथाक राब प्राद्ऱ शोगा। कुॊ ब- आऩक भशत्लऩूणा मोजनाएॊ ऩूणा शोगी, त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोगी। भीन- छोटी-भोटी रुकालटं के उऩयाॊत बी आसथाक राब प्राद्ऱ शोता यशेगा। वबी प्रकाय के वुख-ळाॊसत एलॊ वभृत्रद्ध के सरए अऩने ऩूजन स्थान भं ळुद्ध घी का दीऩक जराएॊ, इस्वे आने लारे लऴा बय वुख-वभृत्रद्ध क प्रासद्ऱ शोती यशेगी। फकवी धभास्थर ऩय ऩूजन कय ऩॊिाॊग आदी धासभाक ऩुस्तल ल ग्रॊथो का दान तथा उवक परश्रुसत वुनने वे गॊगा स्नान के वभान पर प्राद्ऱ शोता शं। ऩयाबल वॊलत्वय का पर फताते शुले ळास्त्रोकायं ने इव प्रकाय फतामा शं।:- ऩयदाययतश्चैल ळठ् स्लऩयफान्धल्। ऩयाबलवभुद़्बूत् धनधान्मत्रललस्जॊत्॥ अथाात: स्जव जातक का जन्भ ऩयाबल नाभ के वॊलत्वय भं शोता शं, लश ऩयाई स्त्रोी वे प्रीसत कयने लारा, धूता, अऩने ल ऩयामे जनं का फान्धल औय धनधान्म वे यफशत शोता शं। ऩयाबल वॊलत्वय भं उत्ऩन्न जातक असधक फुत्रद्धभान औय सानी नशीॊ शो वकते। जातक का आियण बी स्लजनं वे औय त्रप्रमजनं वे अनुसित यशता शं, जातक कटु बाऴी शोता शं, इव सरए जातक वे उवके वॊफॊसध बी उवका वाथ छोि वकते शं। एवे जातक के वभाज भं अनादय शोते देखा जा वकता शं। जातक क आम के स्त्रोोत बी वीसभत शोते शं, मफद स्त्रोोत शो बी तो उवभं उवे उसित राब नशीॊ शो वकता। जातक का जीलन त्रलसबन्न वभस्माओॊ वे ग्रस्त शो वकता शं। मफद जन्भ कु ण्डरी भं अन्म ग्रश स्स्थती अनुकू र शो तो अळुब प्रबाल भं कभी आती शं।
  • 9. 9 अप्रेर 2013 ऩॊिाॊग का भूर आधाय?  स्लस्स्तक.ऎन.जोळी, त्रलजम ठाकु य फशन्दू वॊस्कृ सत भं ऩॊिाॊग का त्रलळेऴ भशत्ल शै। शभाये मशाॊ ऩॊिाॊग भं लस्णात सतसथ, ऩष, ग्रश, नषि आफद क स्स्थती के आधाय ऩय जीलन के त्रलसबन्न 16 वॊस्कायं वे रेकय मािा इत्माफद कामं शेतु बी ळुब भुशूता का िमन कयने ऩय त्रलळेऴ जोय फदमा जाता शं। ळुब भुशूता देखने का भुख्म उद्देश्म शोता शं क व्मत्रि को अऩने ळुब कामा भे सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शो वके भुख्मत् अमन, त्रलऴुल, ऋतु, वूमा एलॊ िॊद्र, ऩष, सतसथ, नषि, कयण, मोग, वूमोदम ल िॊद्रोदम, फदनभान, यात्रिभान औय ऩॊिाॊग के भुख्म अॊग भाने जाते शं। उऩयोि वबी भशत्लऩूणा स्स्थतीमं का गस्णत के आधाय ऩय वूक्ष्भ त्रलश्लेऴण फकमा जाता शै। त्रलद्रानो के भत वे लैफदक प्रणारी भं इनका कोई त्रलळेऴ सनदेळ नशीॊ शै। रेफकन कारगणना भं ऩरयळुद्धता के सरए इन्शं अऩनामा जाता शं। ऩृ्ली वूमा के आकऴाण वे सनधाारयत एक सनमत भागा भं वतत भ्रभण कयती शै। वाधायणत् ऩृ्ली वे वूमा स्जव भागा ऩय िरता शुआ प्रतीत शोता शै, उवे ज्मोसतऴ क ऩारयबात्रऴक ळब्दालरी भं क्राॊसतलृत्त अथाात एकसरस्प्टक (Ecliptic) कशते शं। इव क्राॊसतलृत्त भागा के 9 अॊळ वे फने त्रलस्ताय को बिक्र कशते शं। ऩृ्ली क सनमत गसत के कायण शी अमन, त्रलऴुल, ऋतु एलॊ फदन-यात शोते शं। वॊक्राॊसत सनधाायण औय ऩॊिाॊग क ऩरयळुद्धता भं अमन औय त्रलऴुल सतसथमं क बूसभका प्रभुख भानी जाती शं। स्जव प्रकाय ऩृ्ली का वॊफॊध वूमा क्राॊसतलृत्त वे यशता शै उवी प्रकाय ऩृ्ली का वॊफॊध वे िॊद्र अऩने सनस्श्चत भाग्र भं भ्रभण कयता शै। अन्म ग्रशो क अऩेषा िॊद्र असत ळीघ्र गसत कयता शै इव सरए िॊद्र जफ वूमा वे 12 अॊळं के अॊतय ऩय आता शै, तफ एक सतसथ का क्रभ ऩूया शो जाता शै। इव प्रकाय क्रभळ् 12-12 अॊळं के अॊतय वे सनमसभत सतसथमाॊ फदरती शं। बायसतम वॊस्कृ सत भे भुशूता का भशत्ल बायसतम वॊस्कृ सत भे भुशूता का त्रलळेऴ भशत्ल शं। शभाये ऋत्रऴ-भुसन त्रलद्रान आिामं ने जन्भ वे अॊत्मेत्रष्ट(भृत व्मत्रि फक अॊसतभ फक्रमा) तक वबी वॊस्कायं एलॊ अन्म वबी भाॊगसरक कामं के सरए भुशूता का त्रलधान आलश्मक फतामा गमा शं।फकवी कामा त्रलळेऴ भं वपरता फक द्ऱासद्ऱ शेतु सनस्श्चत भुशूता का िुनाल फकमा जाता शं। बायतीम ज्मोसतऴ सवद्धान्त के अनुळाय शय भुशूता का अऩना लैसासनक प्रबाल एलॊ भशत्ल शं। कोई बी व्मत्रि इन भुशूता के प्रबाल एलॊ भशत्ल के फाये भे ऩूणा जानकायी प्राद्ऱ कय व्मत्रि अऩने फकवी बी कामा उद्देश्म भं त्रलळेऴ वपरता प्रासद्ऱ शेतु उसित भुशूता का िुनाल कय वपरता प्रासद्ऱ फक वॊबालना फढा वकते शं। एलॊ ज्मोसतऴीम भत वे ळुब पर प्रदान कयने लारे भुशूता भं फकमे गमे कामो भं उव कामा क वपरता क वॊबालना कई गुणा फढ़ जाती शै। प्राम् शय भुशूता का सनणाम ब्रह्माॊड भं स्स्थत ग्रशो फक स्स्थसतमं फक गणना कय फकमा जाता शं। बायसतम वॊस्कृ सत भं प्राम् शय ळुब कामा भं बायत के प्रभुख 16 वॊस्कायो को वॊऩन्न कयने शेतु भुशूता का िुनाल असत आलश्मक भाना गमा शं। क्मोफक ळुबा भुशूता भं फकमे गमे शय ळुब कामा अत्मासधक ळुब पर प्रदान कयने लारे शोते शं।
  • 10. 10 अप्रेर 2013 नलदुगाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शं..  सिॊतन जोळी ळैरऩुिी भाॊ के ळैरऩुिी को ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के मशाॊ ऩालाती रुऩ भं जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी कशा जाता शं। भाॊ ळैरऩुिी को ळास्रों भं तीनो रोक के वभस्त लन्म जील-जॊतुओॊ का यषक भाना गमा शं। इवी कायण वे लन्म जीलन जीने लारी वभ्मताओॊ भं वफवे ऩशरे ळैरऩुिी के भॊफदय क स्थाऩना क जाती शं स्जव वं उनका सनलाव स्थान एलॊ उनके आव-ऩाव के स्थान वुयस्षत यशे। भाॊ ळैरऩुिी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि को शभेळा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं। अथाात उवे स्जलन भं धन एलॊ अन्म वुख-वाधनो को कभी भशवूव नशीॊ शोतीॊ। ब्रह्मिारयणी भाॊ ब्रह्मिारयणी को त्रलद्रानं ने तऩ का आियण कयने लारी बगलती शं शोने के कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी कशा शं। क्मोफक ब्रह्म का अथा शं तऩ। ळास्त्रोो भं भाॊ ब्रह्मिारयणी को वभस्त त्रलद्याओॊ क साता भाना गमा शं। धासभाक भान्मताके अनुवाय देली ने बगलान सळल को प्राद्ऱ कयने के सरए 1000 वार तक सवपा पर खाकय तऩस्मा यत यशीॊ औय 3000 वार तक सळल फक तऩस्मा सवपा ऩेिं वे सगयी ऩत्रत्तमाॊ खाकय फक, उनक इवी कफठन तऩस्मा के कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी नाभ वे जाना गमा। ब्रह्मिारयणी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि को अनॊत पर फक प्रासद्ऱ शोती शं। व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद् गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं। िन्द्रघण्टा िन्द्रघण्टा का स्लरूऩ ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शं। िन्द्रघण्टा के भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधािन्द्र ळोसबत यशता शं। इव सरमे भाॊ को िन्द्रघण्टा देली कशा जाता शं। इनके घण्टे वी बमानक प्रिॊड ध्लसन वे अत्मािायी दैत्म, दानल, याषव ल दैल बमसबत यशते शं। िन्द्रघण्टा का ऩूजन कयने वे व्मत्रि का भस्णऩुय िक्र जाग्रत शो जाता शं। देली क उऩावना वे व्मत्रि को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध- व्मासध वे भुत्रि सभरती शं। इवके उऩयाॊत व्मत्रि को सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शं। व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं। व्मत्रि स्लय भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी लृत्रद्ध शोती शं। िन्द्रघण्टा को सान क देली बी भाना गमा शै। कू ष्भाण्डा कू ष्भाण्डा देली ने अऩनी भॊद शॊवी द्राया ब्रह्माण्ड को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कू ष्भाण्डा देली यखा गमा। ळास्त्रोोि उल्रेख शं, फक जफ वृत्रष्ट का अस्स्तत्ल नशीॊ था, तो िायं तयप सवपा अॊधकाय फश था। उव वभम कू ष्भाण्डा देली ने अऩने भॊद वे शास्म वे ब्रह्माॊड फक उत्ऩत्रत्त फक। कू ष्भाण्डा देली को जीलन फक ळत्रि प्रदान कयता भाना गमा शं। कू ष्भाण्डा देली का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का अनाशत िक्र जाग्रत शो शं। भाॊ कू ष्भाण्डा के ऩूजन वे वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं। स्कॊ दभाता स्कॊ दभाता कु भाय अथाात ् कासताके म क भाता शोने के कायण, उन्शं स्कन्दभाता के नाभ वे जाना जाता शं। स्कॊ दभाता का स्लरुऩ ऩयभ कल्माणकायी भनागमा शं। देली का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का त्रलळुद्ध िक्र जाग्रत शोता शं। व्मत्रि फक वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं।
  • 11. 11 अप्रेर 2013 भॊि सवद्ध दुराब वाभग्री शत्था जोडी- Rs- 370 घोडे क नार- Rs.351 भामा जार- Rs- 251 सवमाय सवॊगी- Rs- 370 दस्षणालतॉ ळॊख- Rs- 550 इन्द्र जार- Rs- 251 त्रफल्री नार- Rs- 370 भोसत ळॊख- Rs- 550 धन लृत्रद्ध शक क वेट Rs-251 GURUTVA KARYALAY Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785, Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com >> Order Now कात्मामनी भशत्रऴा कात्मामन क ऩुिी शोने के कायण उन्शं कात्मामनी के नाभवे जाना जाता शं। भाॊ का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का आसा िक्र जाग्रत शोता शं। देली कात्मामनी के ऩूजन वे योग, ळोक, बम वे भुत्रि सभरती शं। कात्मामनी देली को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट देने लारे यष- दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी नष्ट कय देने लारी भाना गमा शं। कात्मामनी मन्ि के ऩूजन वे ळीघ्र त्रललाश के मोग फनने रगते शं एलॊ त्रललाश भं आने लारी फाधामे दूय शोती शं। कारयात्रि भाॊ कारयात्रि देली के ळयीय का यॊग घने अॊधकाय फक तयश एकदभ कारा शं, सवय के फार पै राकय यखने लारी शं। भाॊ कारयात्रि का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का बानु िक्र जाग्रत शोता शं। कारयात्रि के ऩूजन वे अस्ग्न बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि देली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं, कारयात्रि का स्लरूऩ देखने भं अत्मॊत बमानक शोते शुले बी वदैल ळुब पर देने लारा शोता शं, इव सरमे कारयात्रि को ळुबॊकयी के नाभवे बी जाना जाता शं। कारयात्रि ळिु एलॊ दुष्टं का वॊशाय कय ने लारी देली शं। भशागौयी भशागौयी स्लरूऩ उज्जलर, कोभर, श्वेतलणाा तथा श्वेत लस्त्रोधायी शं। भशागौयी गामन एलॊ वॊगीत वे प्रवन्न शोने लारी 'भशागौयी' भाना जाता शं। भशागौयी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का वोभिक्र जाग्रत शोता शं। भशागौयी के ऩूजन वे व्मत्रि के वभस्त ऩाऩ धुर जाते शं। भशागौयी के ऩूजन कयने लारे वाधन के सरमे भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्रिफदरा ने लारी देली भशागौयी शं। सवत्रद्धदािी देली सवत्रद्धदािी का स्लरूऩ कभर आवन ऩय त्रलयास्जत, िाय बुजा लारा, दाफशनी तयप के नीिे लारे शाथ भं िक्र, ऊऩय लारे शाथ भं गदा, फाई तयप वे नीिे लारे शाथ भं ळॊख औय ऊऩय लारे शाथ भं कभर ऩुष्ऩ वुळोसबत यशते शं। देली सवत्रद्धदािी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का सनलााण िक्र जाग्रत शोता शं। सवत्रद्धदािी के ऩूजन वे व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोकय उवे ऋत्रद्ध, सवत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोती शं। ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ कामो भं िरे आ यशे फाधा-त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं। व्मत्रि को मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ शोकय उवे भाॊ फक कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं। त्रलद्रानं के भातानुळाय भाॊ दुगाा के इन नौ-रुऩं क कृ ऩा प्राद्ऱ कयने का वयर उऩाम नलदुगाा मन्ि क स्थाऩना एलॊ ऩूजन एलॊ दळान वे त्रलळेऴ परं क प्रासद्ऱ शोती शं। *** >> Order Now | Call Now | Email US
  • 12. 12 अप्रेर 2013 बाग्म रक्ष्भी फदब्फी वुख-ळास्न्त-वभृत्रद्ध क प्रासद्ऱ के सरमे बाग्म रक्ष्भी फदब्फी :- स्जस्वे धन प्रसद्ऱ, त्रललाश मोग, व्माऩाय लृत्रद्ध, लळीकयण, कोटा किेयी के कामा, बूतप्रेत फाधा, भायण, वम्भोशन, तास्न्िक फाधा, ळिु बम, िोय बम जेवी अनेक ऩयेळासनमो वे यषा शोसत शै औय घय भे वुख वभृत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोसत शै, बाग्म रक्ष्भी फदब्फी भे रघु श्री फ़र, शस्तजोडी (शाथा जोडी), सवमाय सवन्गी, त्रफस्ल्र नार, ळॊख, कारी-वफ़े द-रार गुॊजा, इन्द्र जार, भाम जार, ऩातार तुभडी जेवी अनेक दुराब वाभग्री शोती शै। भूल्म:- Rs. 1250, 1900, 2800, 5500, 7300, 10900 भं उप्रब्द्ध >> Order Now . गुरुत्ल कामाारम वॊऩका : 91+ 9338213418, 91+ 9238328785 c आद्यळत्रि के तीन िभत्कायी मॊि  सिॊतन जोळी दुगाा फीवा मॊि ळास्त्रोोि भत के अनुळाय दुगाा फीवा मॊि दुबााग्म को दूय कय व्मत्रि के वोमे शुले बाग्म को जगाने लारा भाना गमा शं। दुगाा फीवा मॊि द्राया व्मत्रि को जीलन भं धन वे वॊफॊसधत वॊस्माओॊ भं राब प्राद्ऱ शोता शं। जो व्मत्रि आसथाक वभस्मावे ऩयेळान शं, लश व्मत्रि मफद नलयािं भं प्राण प्रसतत्रष्ठत फकमा गमा दुगाा फीवा मॊि को स्थासद्ऱ कय रेता शं, तो उवक धन, योजगाय एलॊ व्मलवाम वे वॊफॊधी वबी वभस्मं का ळीघ्र शी अॊत शोने रगता शं। नलयाि के फदनो भं प्राण प्रसतत्रष्ठत दुगाा फीवा मॊि को अऩने घय-दुकान-ओफपव-पै क्टयी भं स्थात्रऩत कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं, व्मत्रि ळीघ्र शी अऩने व्माऩाय भं लृत्रद्ध एलॊ अऩनी आसथाक स्स्थती भं वुधाय शोता देखंगे। वॊऩूणा प्राण प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म दुगाा फीवा मॊि को ळुब भुशूता भं अऩने घय-दुकान-ओफपव भं स्थात्रऩत कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं। भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now श्रीदुगाा मॊि श्रीदुगाा मॊि ळत्रि एलॊ बत्रि के वाथ वभस्त वाॊवारयक वुखं को प्रदान कयने लारा वलाासधक रोकत्रप्रम मॊि शं। अळुब ळत्रिमं के दुष्प्रबाल वे फिने के सरए भाॊ दुगाा क ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शै। श्रीदुगाा मॊि का ऩूजन व्मत्रि को धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी वशामक सवद्ध शोता शं। ळास्त्रोोि लणान शं क देली दुगाा के श्रीदुगाा मॊि के ऩूजन औय दळान कयने भाि वे देली प्रवन्न शोकय अऩने बिं क असबष्ट इच्छाएॊ ऩूणा शोती शं। भाॉ दुगाा के बिो क भाॉ स्लमॊ यषा कय उन ऩय अऩनी कृ ऩा द्रष्टी लऴााती शं औय बिं को उन्नती के सळखय ऩय जाने का भागा प्रवस्त कयती शं। भाॉ दुगाा के बिो को देली क ळीघ्र कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु श्रीदुगाा मॊि को अऩने घय, दुकान, ओफपव इत्माफद भं ऩूजा स्थन भं स्थात्रऩत कयना िाफशमे। त्रलद्रानो का भत शं क श्रीदुगाा मॊि के ऩूजन वे भनुष्म को लाक् सवत्रद्ध, वॊतान प्रासद्ऱ, ळिु ऩय त्रलजम, ऋण-योग आफद ऩीडा़ वे भुत्रि प्राद्ऱ शोती शं औय व्मत्रि को जीलन भं वॊऩूणा वुखं क प्रासद्ऱ शो इव के सरमे मश श्रीदुगाा मॊि अिूक एलॊ सवत्रद्धदामक भाना गमा शं। फकवी बी प्रकाय के वॊकट मा फाधा क आळॊका शोने ऩय इव मॊि का सनमसभत ऩूजन कयने वे व्मत्रि को वबी प्रकाय क फाधा वे भुत्रि सभरती शं औय धन-धान्म क प्रासद्ऱ शोती शं।
  • 13. 13 अप्रेर 2013 भॊि सवद्ध स्पफटक श्री मॊि "श्री मॊि" वफवे भशत्लऩूणा एलॊ ळत्रिळारी मॊि शै। "श्री मॊि" को मॊि याज कशा जाता शै क्मोफक मश अत्मन्त ळुब फ़रदमी मॊि शै। जो न के लर दूवये मन्िो वे असधक वे असधक राब देने भे वभथा शै एलॊ वॊवाय के शय व्मत्रि के सरए पामदेभॊद वात्रफत शोता शै। ऩूणा प्राण-प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म मुि "श्री मॊि" स्जव व्मत्रि के घय भे शोता शै उवके सरमे "श्री मॊि" अत्मन्त फ़रदामी सवद्ध शोता शै उवके दळान भाि वे अन-सगनत राब एलॊ वुख क प्रासद्ऱ शोसत शै। "श्री मॊि" भे वभाई अफद्रतीम एलॊ अद्रश्म ळत्रि भनुष्म क वभस्त ळुब इच्छाओॊ को ऩूया कयने भे वभथा शोसत शै। स्जस्वे उवका जीलन वे शताळा औय सनयाळा दूय शोकय लश भनुष्म अवफ़रता वे वफ़रता फक औय सनयन्तय गसत कयने रगता शै एलॊ उवे जीलन भे वभस्त बौसतक वुखो फक प्रासद्ऱ शोसत शै। "श्री मॊि" भनुष्म जीलन भं उत्ऩन्न शोने लारी वभस्मा-फाधा एलॊ नकायात्भक उजाा को दूय कय वकायत्भक उजाा का सनभााण कयने भे वभथा शै। "श्री मॊि" क स्थाऩन वे घय मा व्माऩाय के स्थान ऩय स्थात्रऩत कयने वे लास्तु दोऴ म लास्तु वे वम्फस्न्धत ऩयेळासन भे न्मुनता आसत शै ल वुख-वभृत्रद्ध, ळाॊसत एलॊ ऐश्वमा फक प्रसद्ऱ शोती शै। गुरुत्ल कामाारम भे "श्री मॊि" 12 ग्राभ वे 2250 Gram (2.25Kg) तक फक वाइज भे उप्रब्ध शै . भूल्म:- प्रसत ग्राभ Rs. 10.50 वे Rs.28.00 >>Order Now GURUTVA KARYALAY Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785 Mail Us: gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in, Visit Us: www.gurutvakaryalay.com www.gurutvajyotish.com and gurutvakaryalay.blogspot.com श्रीदुगाा मॊि क ऩूजा एलॊ स्थाऩना के सरए आस्श्वन एलॊ िैि नलयािी त्रलळेऴ राब प्रद शं। क्मोफक नलयाि को आद्य् ळत्रि क उऩावना का भशाऩला भाना गमा शं। भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now नलाणा मॊि (िाभुॊडा मॊि) मफद कोई व्मत्रि दु:ख, दरयद्रता औय बम वे अत्मासधक ऩयेळान शो, औय िाशकय बी मा ऩयीश्रभ के उऩयाॊत बी उवी लाॊस्च्छत वपरता प्राद्ऱ नशीॊ शो यशी शं तो उवे नलाणा मॊि औय भॊि का प्रमोग कयना िाफशए। फकवी बी प्रकाय के जादू-टोना, योग, बम, बूत, त्रऩळाच्ि, डाफकनी, ळाफकनी आफद वे भुत्रि फक प्रासद्ऱ के सरमे भाॊ दुगाा के नलाणा मॊि का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन-अिान वलादा परदामक शोता शै। दुगाा दुखं का नाळ कयने लारी शं। इवसरए नलयात्रि के फदनो भं जफ उनक ऩूजा ऩूणा श्रद्धा औय त्रलश्वाव वे फक जाती शं, तो भाॊ दुगाा फक प्रभुख नौ ळत्रिमाॉ जाग्रत शो जाती शं, स्जववे नलं ग्रशं को सनमॊत्रित कयती शं, स्जववे नौग्रशं वे प्राद्ऱ शोने लारे असनष्ट प्रबाल वे यषा शोकय ग्रश जनीत ऩीडाएॊ बी ळाॊत शो जाती शं। नलाणा भॊि: ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामै त्रलच्िे नल अषयं लारे इव अद्भुत नलाणा भॊि के शय अषय भं देली दुगाा फक एक-एक ळत्रि वभामी शुई शं, स्जव का वॊफॊध एक-एक ग्रशं वे शं। मफद कोई भनुष्म अत्मासधक कष्ट मा वॊकटं वे ग्रस्त शो तो उवे प्रसतफदन स्नान इत्माफदवे ळुद्ध शोकय नलाणा मॊि के वम्भुख नलाणा भॊि का जाऩ 108 दाने फक भारा वे कभ वे कभ तीन भारा जाऩ अलश्म कयना िाफशए। भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
  • 14. 14 अप्रेर 2013 देली कलि दुबााग्म को वौबाग्म भं फदर वकते शै…  स्लस्स्तक.ऎन.जोळी दव भशा त्रलद्या कलि Dus Mahavidya Kawach दव भशा त्रलद्या कलि को देली दव भशा त्रलद्या क ळत्रिमं वे वॊऩन्न अत्मॊत प्रबालळारी औय दुराब कलि भाना गमा शं। इव कलि के भाध्मभ वे वाधक को दवो भशात्रलद्याओॊ आसळलााद प्राद्ऱ शो वकता शं। दव भशा त्रलद्या कलि को धायण कयने वे वाधक क वबी भनोकाभनाओॊ क ऩूसता शोती शं। दव भशा त्रलद्या कलि वाधक क वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता कयने भं वभथा शं। दव भशा त्रलद्या कलि धायण कताा को ळत्रिवॊऩन्न एलॊ बूसभलान फनाने भं वभथा शं। दव भशा त्रलद्या कलि को श्रद्धाऩूलाक धायण कयने वे ळीघ्र देली कृ ऩा प्राद्ऱ शोती शं औय धायण कताा को दव भशा त्रलद्या देलीमं क कृ ऩा वे वॊवाय क वभस्त सवत्रद्धमं क प्रासद्ऱ वॊबल शं। देली दव भशा त्रलद्या क कृ ऩा वे वाधक को धभा, अथा, काभ ल् भोष ितुत्रलाध ऩुरुऴाथं क प्रासद्ऱ शो वकती शं। दव भशा त्रलद्या कलि भं भाॉ दुगाा के दव अलतायं का आळीलााद वभाफशत शोता शं, इव सरए दव भशा त्रलद्या कलि को धायण कय के धायण कयके व्मत्रि अऩने जीलन को सनयॊतय असधक वे असधक वाथाक एलॊ वपर फना वकता शं। दळ भशात्रलद्या को ळास्त्रों भं आद्या बगलती के दव बेद कशे गमे शं, जो क्रभळ् (1) कारी, (2) ताया, (3) ऴोडळी, (4) बुलनेश्वयी, (5) बैयली, (6) सछन्नभस्ता, (7) धूभालती, (8) फगरा, (9) भातॊगी एलॊ (10) कभास्त्भका। इव वबी देली स्लरुऩं को, वस्म्भसरत रुऩ भं दळभशात्रलद्या के नाभ वे जाना जाता शं। भूल्म भाि: 6400 >> Order Now नलदुगाा ळत्रि कलि Navdurga Shakiti Kawach भाॊ दुगाा के नलरुऩ क्रभळ् 1. ळैरऩुिी 2. ब्रह्मिारयणी 3. िन्द्रघण्टा 4. कू ष्भाण्डा 5. स्कन्दभाता 6. कात्मामनी 7. कारयात्रि 8. भशागौयी 9. सवत्रद्धदािी शं। नौदेलीमं के कलिं को एक वाथ भं सभराकय फनाकय नलदुगाा कलि का सनभााण फकमा जाता शं। स्जववे धायण कताा को नौ देलीमं का आसळलााद एक वाथ प्राद्ऱ शो जाता शं। नौ देलीमं के कलि का भशत्ल क्रभळ् आऩके भागादळान शेतु मशाॉ प्रस्तुत शं। देली ळैरऩुिी का कलि धायण कयने लारा व्मत्रि वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं। अथाात उवे स्जलन भं धन एलॊ अन्म वुख वाधनो क कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ। व्मत्रि को अनेक प्रकाय क सवत्रद्धमाॊ एलॊ उऩरस्ब्धमाॊ प्राद्ऱ शोती शं। देली ब्रह्मिारयणी का कलि धायण कयने लारे व्मत्रि को अनॊत पर क प्रासद्ऱ शोती शं। कलि के प्रबाल वे व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद् गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं। देली िन्द्रघण्टा का कलि धायण कयने वे व्मत्रि को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध-व्मासध वे भुत्रि सभरती शं। इवके उऩयाॊत व्मत्रि को सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्नता प्राद्ऱ शोती शं। कलि के प्रबाल वे व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं। व्मत्रि के स्लय भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी
  • 15. 15 अप्रेर 2013 लृत्रद्ध शोती शं। क्मोफक, िन्द्रघण्टा को सान क देली बी भाना गमा शं। देली कू ष्भाण्डा के कलि को धायण कयने लारे व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं। देली स्कॊ दभाता के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि क वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं। देली कात्मामनी का कलि धायण कयने वे व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग, ळोक, बम वे भुत्रि सभरती शं। कात्मामनी देली को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट देने लारे यष-दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी नष्ट कय देने लारी भाना गमा शं। देली कारयात्रि का कलि धायण कयने वे अस्ग्न बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि देली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं, कारयात्रि ळिु एलॊ दुष्टं का वॊशाय कयने लारी देली शं। देली भशागौयी के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि के वभस्त ऩाऩं वे छु टकाया सभरता शं। मश भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्रि फदराने लारी देली भशागौयी का कलि शं। देली सवत्रद्धदािी के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोती शं उवे ऋत्रद्ध- सवत्रद्ध क प्रासद्ऱ शोती शं। कलि के प्रबाल वे व्मत्रि के मळ, फर औय धन क प्रासद्ऱ आफद कामो भं शो यशे फाधा- त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं। व्मत्रि को मळ, फर औय धन क प्रासद्ऱ शो कय उवे भाॊ क कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं। भूल्म भाि: 6400 >> Order Now श्रीदुगाा फीवा कलि Durga Visha Kawach श्रीदुगाा फीवा कलि वाधक को बत्रि के वाथ वभस्त वाॊवारयक वुखं को प्रदान कयने लारा वलासवत्रद्धप्रद कलि शं। श्रीदुगाा फीवा कलि को धायण कयने वे वाधक को धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी वशामता प्राद्ऱ शोती शं। ळास्त्रोोि लणान शं क भाॉ दुगाा का श्रीदुगाा फीवा कलि को धायण कयने वे देली प्रवन्न शोकय, ळीघ्र शी वाधक क असबष्ट इच्छाएॊ ऩूणा कयती शं। भाॉ दुगाा अऩने बि क स्लमॊ यषा कय उन ऩय कृ ऩा दृष्टी कयती शं। श्रीदुगाा फीवा कलि धायण कयने वे भाॉ दुगाा क कृ ऩा वे नौकयी व्मलवाम भं वाधक को उन्नसत के सळखय ऩय जाने का भागा प्रवस्त शोता शं। श्रीदुगाा फीवा कलि के प्रबाल वे धायण कताा को धन- धान्म, वुख-वॊऩत्रत्त, वॊतान का वुख प्राद्ऱ शोता शं औय ळिु ऩय त्रलजम, ऋण-योग आफद ऩीडा़ वे भुत्रि प्राद्ऱ शोती शं औय वाधक को जीलन भं वॊऩूणा वुखं क प्रासद्ऱ शोती शं। जीलन भं फकवी बी प्रकाय के वॊकट मा फाधा क आळॊका शोने ऩय श्रीदुगाा फीवा कलि को श्रद्धाऩूलाक धायण कयने वे वाधक को वबी प्रकाय क फाधा वे भुत्रि सभरती शं औय धन-धान्म क प्रासद्ऱ शो वकती शं। भूल्म भाि: 1900 >> Order Now नलााण फीवा कलि Narvan Visha Kawach नलाणा (नलााण) फीवा कलि देली दुगाा का कलि शं। फशन्दू धभा भं देली दुगाा को दु्खं का नाळ कयने लारी कशा गमा शं। देली दुगाा क ळत्रि को जाग्रत कयने शेतु ळास्त्रों भं नलाणा भॊि का जाऩ कयने का त्रलधान फतामा गमा शं। त्रलद्रानं का कथन शं क जो भनुष्म सनमसभत भॊि जाऩ कयने भं अवभथा शो उनके सरए नलाणा फीवा कलि धायण कयना भॊि जऩ के वभान पर प्रदान कयने लारा शं। नलाणा फीवा कलि को धायण कयने वे व्मत्रि को धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी वशाता प्राद्ऱ शोती शं। भूल्म भाि: 1900 >> Order Now | Email US | Customer Care: 91+ 9338213418, 91+ 9238328785
  • 16. 16 अप्रेर 2013 भनोकाभना ऩूसता शेतु नलयाि भं देली को कै वे अऩाण कयं बोग?  स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नलयाि के नौ फदनं भं तीन देत्रलमं क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩं का कभळ् ळैरऩुिी, ब्रह्मािारयणी, िॊद्रघण्टा, कू ष्भाण्डा, स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शं।, नलयािे के प्रथभ तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं, अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं औय आस्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता के स्लरुऩं क ऩूजा क जाती शं। उवी प्रकाय नौ देलीमं को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी, तृतीम फदन िन्द्रघण्टा, ितुथा फदन कु ष्भाण्डा, ऩॊिभ् फदन स्कन्द भाता, ऴष्ठभ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ् फदन कारयात्रि, अष्टभ् फदन भशागौयी औय नौलं फदन सवत्रद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शं। नलयािे के नौ फदनं तक बि के भन भं मश कौतुशर शोता शं, फक लश भाता को बोग भं क्मा िढ़ामे, स्जववे भाॉ ळीघ्र प्रवन्न शं जामे. फशन्दू धभा भं कोई बी त्मौशाय, व्रत-उऩलाव देली-देलताओॊ को बोग, प्रवाद अत्ऩाण फकमे त्रफना वॊऩन्न नशीॊ शोता शै। नलयािे के नौ फदन भं नौ देत्रलमं को अरग-अरग बोग रगाने का त्रलधान धभाळास्त्रों भं लस्णात शं। नलयाि के प्रथभ फदन देली ळैरऩुिी: नलयाि के प्रथभ फदन भाॊ के ळैरऩुिी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के मशाॊ ऩालाती रुऩ भं जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी कशा जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके नैलेद्य के रूऩ भं देली को गाम का घृत (घी) अऩाण कयना िाफशए। भाॊ को ियणं िढ़ामे गमे घृत को ब्राम्शणं भं फाॊटने वे योगं वे भुत्रि सभरती शै। देली कृ ऩा वे व्मत्रि वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं। अथाात उवे स्जलन भं धन एलॊ अन्म वुख वाधनो को कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ। नलयाि के फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी: नलयाि के दूवये फदन भाॊ के ब्रह्मिारयणी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। क्मोफक ब्रह्म का अथा शं तऩ। भाॊ ब्रह्मिारयणी तऩ का आियण कयने लारी बगलती शं इवी कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी कशा गमा। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को िीनी का बोग रगाकय दान कयना िाफशए। िीनी का बोग रागाने वे भनुष्म दीघाजीली शोता शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि को अनॊत पर फक प्रासद्ऱ शोती शं। व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद् गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं। नलयाि के तृतीम फदन िन्द्रघॊटा: नलयाि के तीवये फदन भाॊ के िन्द्रघण्टा स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। िन्द्रघण्टा का स्लरूऩ ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शं। िन्द्रघण्टा के भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधािन्द्र ळोसबत यशता शं। इव सरमे भाॊ को िन्द्रघण्टा देली कशा जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को दूध का बोग रगाकय दान कयना िाफशए। दूध का बोग रागाने वे व्मत्रि को दुखं वे भुत्रि सभरती शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध-व्मासध वे भुत्रि सभरती शं। इवके उऩयाॊत व्मत्रि को सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शं। व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं। व्मत्रि स्लय भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी लृत्रद्ध शोती शं। िन्द्रघण्टा को सान क देली बी भाना गमा शै। नलयाि के ितुथा फदन कू ष्भाण्डा: नलयाि के ितुथा फदन भाॊ के कू ष्भाण्डा स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। अऩनी भॊद शॊवी द्राया ब्रह्माण्ड को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कू ष्भाण्डा देली यखा गमा। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को भारऩुआ बोग रगाकय दान कयना िाफशए।
  • 17. 17 अप्रेर 2013 भारऩुए का बोग रागाने वे व्मत्रि फक त्रलऩत्रत्त का नाळ शोता शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं। नलयाि के ऩॊिभ फदन स्कॊ दभाता: नलयाि के ऩाॊिलं फदन भाॊ के स्कॊ दभाता स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। स्कॊ दभाता कु भाय अथाात ् कासताके म फक भाता शोने के कायण, उन्शं स्कन्दभाता के नाभ वे जाना जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को के रे का बोग रगाकय दान कयना िाफशए। के रे का बोग रागाने वे व्मत्रि फक फुत्रद्ध, त्रललेक का त्रलकाव शोता शं। व्मत्रि के ऩरयलायीकवुख वभृत्रद्ध भं लृत्रद्ध शोती शं। देली कृ ऩा वे व्मत्रि फक वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं। नलयाि के ऴष्ठभ् फदन कात्मामनी नलयाि के छठं फदन भाॊ के कात्मामनी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। भशत्रऴा कात्मामन फक ऩुिी शोने के कायण उन्शं कात्मामनी के नाभ वे जाना जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को भधु (ळशद, भशु, भध) का बोग रगाकय दान कयना िाफशए। भधु का बोग रागाने वे व्मत्रि को वुॊदय स्लरूऩ फक प्रासद्ऱ शोती शं। कात्मामनी देली को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट देने लारे यष-दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी नष्ट कय देने लारी भाना गमा शं। नलयाि के वद्ऱभ् फदन कारयात्रि नलयाि के वातलं फदन भाॊ के कारयात्रि स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। कारयात्रि देली के ळयीय का यॊग घने अॊधकाय फक तयश एकदभ कारा शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को गुि का बोग रगाकय दान कयना िाफशए। गुि का बोग रागाने वे व्मत्रि के वभस्त ळोक दूय शोते शं। कारयात्रि के ऩूजन वे अस्ग्न बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि देली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं, कारयात्रि का स्लरूऩ देखने भं अत्मॊत बमानक शोते शुले बी वदैल ळुब पर देने लारा शोता शं, इव सरमे कारयात्रि को ळुबॊकयी के नाभवे बी जाना जाता शं। कारयात्रि ळिु एलॊ दुष्टं का वॊशाय कय ने लारी देली शं। नलयाि के अष्टभ् फदन भशागौयी नलयाि के आठलं फदन भाॊ के भशागौयी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। भशागौयी स्लरूऩ उज्जलर, कोभर, श्वेतलणाा शोने के कायण इनका नाभ भशागौयी शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को श्रीपर (नारयमर) का बोग रगाकय दान कयना िाफशए। श्रीपर (नारयमर) का बोग रागाने वे व्मत्रि के वॊताऩ दूय शोते शं। भशागौयी के ऩूजन कयने लारे वाधन के सरमे भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्रि फदराने लारी देली भशागौयी शं। नलयाि के नलभ् फदन सवत्रद्धदािी नलयाि के नौलं फदन भाॊ के सवत्रद्धदािी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं। भाता सवत्रद्धदािी वबी प्रकाय क सवत्रद्धमं क प्रदाता भाना गमा शं। सवत्रद्धदािी को वभस्त्म सवत्रद्धमं क स्लासभनी बी भाना जाता शं। इव फदन देली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके देली को धान के राले का बोग रागाने वे व्मत्रि को रोक औय ऩयरोक का वुख प्राद्ऱ शोता शं। सवत्रद्धदािी के ऩूजन वे व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोकय उवे ऋत्रद्ध, सवत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोती शं। ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ कामो भं िरे आ यशे फाधा-त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं। व्मत्रि को मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ शोकय उवे भाॊ फक कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं। गुरुत्ल कामाारम द्राया यत्न एलॊ रुद्राष ऩयाभळा भाि RS:- 450 >> Order Now | Email US | Customer Care: 91+ 9338213418, 91+ 9238328785
  • 18. 18 अप्रेर 2013 भाॉ दुगाा क कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु वयर वाधनाएॊ  ऩॊ.श्री बगलानदाव त्रिलेदी जी, वॊदीऩ ळभाा प्रबालळारी दुगाा वाधना भाॊ दुगाा का ऩूजन फशन्दू वॊस्कृ ती भं वलाासधक रोकत्रप्रम शं मशीॊ कायण शं क वैकिं लऴो वे देली दुगाा का ऩूजन छोटे-फिे वबी प्रादेसळक षेिं भं वलाासधक प्रिसरत यशा शं। देली दुगाा को आद्य ळत्रि बगलती का वाषात स्लरुऩ भाना जाता शं। देली दुगाा क भफशभा अऩयॊऩाय शं, जो अऩने बिं के दु्खं का नाळ कयने लारी, दुष्टं वे यषा कयने लारी एलॊ अऩने बिं के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली शं। वाधना शेतु वाभग्री:- भारा: स्पफटक फदळा: उत्तय मा ऩूला आवन: रार आवन लस्त्रो: रार लस्त्रो, अन्म ऩूजन वाभग्रीमाॊ: देली प्रसतभा, ऩूजन शेतु सवॊदूय, यििॊदन, रार मा ऩीरे पू र, धूऩ, दीऩ, शलन शेतु सतर, घी, जौ, अषत, दूफा, दशी, आफद नैलेद्य, ऩीतर मा ताॊफे का करळ, करळ स्थाऩना शेतु गेशूॊ, आफद ळुब धान, आभ के ऩल्रल, शलन शेतु रकफिमाॊ आफद शलन वाभग्रीमाॊ। भॊि:– ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै । ॐ ग्रं शुॊ क्रीॊ जूॊ व् ज्लारम ज्लारम ज्लर ज्लर प्रज्लर प्रज्लर ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ज्लर शॊ वॊ रॊ षॊ पट् स्लाशा ॥ Om Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichchai | Om Gloum Hum Kleem Jum Sah Jvalaya Jvalaya Jvala Jvala Prajvala Prajvala Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichchai Jvala Ham Sam Lam Ksham Phat Swaha || त्रलसध:– वाधना वे ऩूला ऩूजन स्थान क बूसभ एलॊ वाभग्री आफद को ऩत्रलत्रिकयण कयके त्रलसध-त्रलधान वे स्लच्छ कयरं। देली दुगाा क वाधना प्रात्कार वे प्रायॊब कयं। वाधना का प्रायॊब नलयाि भं कयना उत्तभ भाना गमा शं, मफद नलयाि भं वाधना कयना वॊबल न शो तो, वाधना फकवी बी भाव क ळुक्र ऩष प्रसतऩदा अथाात एकभ वे प्रायॊब क जा वकती शं, प्रसतऩदा वे रेकय दवलीॊ सतसथ तक दव फदनं भं वाधना वॊऩन्न कयरं।