1. द्वारा प्रस्तुत तथा निकुंज कुशाग्र प्राची परितोष कृतिका काविश निशांत प्राची दोहे कबीर तथा रहीम के काविश काविश
2. रहीम अर्ब्दुरहीम ख़ानख़ाना (१५५६-१६२७) मुगल सम्राट अकबर के दरबारी कवियों में से एक थे। रहीम उच्च कोटि के विद्वान तथा हिन्दी संस्कृत अरबी फारसी और तुर्की भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने अनेक भाषाओं में कविता की किंतु उनकी कीर्ति का आधार हिन्दी कविता ही है। उनके दोहों में भक्ति नीति प्रेम लोक व्यवहार आदि का बड़ा सजीव चित्रण हुआ है।
3. कबीर कबीर कबीर सन्त कवि और समाज सुधारक थे। ये सिकन्दर लोदी के समकालीन थे। कबीर का अर्थ अरबी भाषा में महान होता है। कबीरदासभारत के भक्ति काव्य परंपरा के महानतम कवियों में से एक थे। भारत में धर्म, भाषा या संस्कृति किसी की भी चर्चा बिना कबीर की चर्चा के अधूरी ही रहेगी। कबीरपंथी, एक धार्मिक समुदाय जो कबीर के सिद्धांतों और शिक्षाओं को अपने जीवन शैली का आधार मानते हैं,