3. पूरा नाम शंकरदास केसरीलाल
प्रससद्ध नाम शैलेन्द्र
जन्द्म 30 अगस्त, 1923
जन्द्म भूसम रावलपपडंी (पाककस्तान)
मृत्यु 14 ददसंबर 1966
मृत्यु स्थान मुंबई
कमम भूसम मुम्बई
कमम-क्षेत्र गीतकार, कपव
मुख्य रचनाएँ सब कुछ सीखा हमने...,
रमैया वस्तावैया... मेरा
जूता है जापानी... आदद
पुरस्कार-उपाधध तीन बार सवमश्रेष्ठ गीतकार
का क़िल्म़िेयर पुरस्कार
नागररकता भारतीय
4. श्री 420 (1955): -
) प्यार हुआ इकरार हुआ हैं (मन्द्ना डे, लता)
2) ददल का हाल सुनना ददलवाला (मन्द्ना डे)
3) मैंने ददल तुझको ददया (रफी, लता, मुकेश, कोरस)
4) मेरा जूता है जापानी (मुकेश, कोरस) (भाग 1)
5) मेरा जूता है जापानी (मुकेश, लता, कोरस) (भाग 2)
6) समट्टी समट्टी के ना देख (मन्द्ना डे, आशा, कोरस) (भाग 1)
7) समट्टी समट्टी के ना देख (आशा, कोरस) (भाग 2)
8) शाम गई रात गई (लता)
5. जजस देश में गंगा बहती है (1960):
1) आ अब लौट चले (मुकेश, लता, कोरस)
2) मेरा नाम राजू घराना (मुकेश)
3) बेगानी शादी में अब्दुल्ला (मुकेश, लता)
4) हाई आग हमारे भी हैं (लता, गीता, मुकेश, मन्द्ना, महेंर
कपूर, कोरस)
5) होठों पे सच्चाई रहती है… (मुकेश)
6) हम कल क्या (मुकेश, कोरस)
7) क्या हुआ ये मुझे क्या हुआ (लता, आशा)
8) ओ बसंती पवन पागल (लता)
9) फाँसी को प्यार कर ले (मुकेश)
6. एक फूल चार कांटे (1960): -
1) ओ मेरी बच्ची गुड़िया (रफी)
2) सम्भल के कर्म जो कुछ कर्म (मुकेश)
3) सोच रही थी कहूँ ना कहूँ(लता)
4) ददल ऐ ददल बहारों से समल (तलत, लता)
आई समलन की बेला (1964):
1) आ आई समलन की बेला (रफी, आशा,
कोरस)
2) ओ सनम तेरे हो गये हम (रफी, लता)