8. 229221_Rules_Regulations.pdf

Drone Regulations in India

4754 GI/2021 (1)
रजिस्ट्री सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99
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असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग II—खण्ड 3—उप-खण्ड (i)
PART II—Section 3—Sub-section (i)
प्राजधकार से प्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
नागर जिमानन मंत्रालय
अजधसूचना
नई दिल्ली, 25 अगस्ट्त, 2021
ड्रोन जनयम, 2021
सा.का.जन. 589(अ).—ड्रोन जनयम, 2021 का प्रारूप, जिसे केंद्रीय सरकार द्वारा मानि-रजित िायुयान प्रणाली
जनयम, 2021 के अजधक्रमण में बनाया िाना प्रस्ट्ताजित दकया गया था, भारत सरकार के नागर जिमानन मंत्रालय की
अजधसूचना संखयांक सा.का.जन. 489(अ), तारीख 15 िुलाई, 2021 को भारत के रािपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 3,
उपखंड (i) में तारीख 15 िुलाई, 2021 को िायुयान अजधजनयम, 1934 (1934 का 22) की धारा 14 की अपेक्षा के
अनुसार, इनसे प्रभाजित िोने िाले सभी संभाजित व्यजियों की ओर से जिजनर्ििष्ट अिजध से पूिि आपजियां और सुझाि
आमंजत्रत करने के जलए प्रकाजित दकए गए थे;
और, इस प्रकार जिजनर्ििष्ट अिजध के भीतर प्रारूप जनयमों के संबंध में प्राप्त आपजियों और सुझािों पर जिचार कर
जलया गया िै;
अत:, अब, केंद्रीय सरकार, िायुयान अजधजनयम, 1934 (1934 का 22) की धारा 5, धारा 10 की उपधारा
(2), और धारा 10क, धारा 10ख और धारा 12क द्वारा प्रिि िजियों का प्रयोग करते हुए, जनम्नजलजखत जनयम बनाती
िै, अथाित् :--
सं. 477] नई दिल्ली, बुधिार, अगस्ट्त 25, 2021/भाद्र 3, 1943
No. 477] NEW DELHI, WEDNESDAY, AUGUST 25, 2021/BHADRA 3, 1943
सी.जी.-डी.एल.-अ.-26082021-229221
CG-DL-E-26082021-229221
2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
भाग I
प्रारंजभक
1. संजक्षप्त नाम और प्रारंभ— (1) इन जनयमों का संजक्षप्त नाम ड्रोन जनयम, 2021 िै।
(2) ये रािपत्र में इनके प्रकािन की तारीख को प्रिृि िोंगे।
2. लागू िोना—(1) ये जनयम जनम्नजलजखत पर लागू िोंगे, –
(क) भारत में दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली का स्ट्िाजमत्ि या कब्िा रखने िाले या इसके पट्टे पर
िेने, प्रचालन, अन्तरण या रखरखाि में लगे सभी व्यजियों पर;
(ख) भारत में रजिस्ट्रीकृत सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों पर; और
(ग) तत्समय भारत में या भारत के ऊपर प्रचाजलत की िा रिी सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों
पर।
(2) 500 दकलोग्राम से अजधक, अजधकतम समग्र भार िाले दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली के मामले के
जसिाय, िायुयान जनयम, 1937 के उपबंध, मानि-रजित िायुयान प्रणाली पर लागू निीं िोंगे ।
(3) ये जनयम भारत संघ की नौसेना, थलसेना या िायुसेना से संबंजधत या उनके द्वारा प्रयुि दकसी मानि-रजित
िायुयान प्रणाली पर लागू निीं िोंगे।
3. पररभाषाएं — (1) इन जनयमों में, िब तक दक संिभि में अन्यथा अपेजक्षत न िो, –
(क) ‘’अजधजनयम’’ से िायुयान अजधजनयम, 1934 (1934 का 22) अजभप्रेत िै;
(ख) “िुघिटना” से, दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रचालन से संबद्ध कोई िुघिटना अजभप्रेत िै, जिसमें
कोई व्यजि घातक या गंभीर रूप से घायल िो िाता िै या मानि-रजित िायुयान प्रणाली को अत्यजधक क्षजत
पहुंचती िै या मानि-रजित िायुयान प्रणाली गुम िो िाती िै या पूरी तरि से पहुंच से बािर िो िाती िै;
(ग) “िायुयान” से िायु से, भारी ऊिाि-चाजलत िायुयान अजभप्रेत िै, िो अपनी उडान मुखयत: भूतलों पर
एयरोडायनेजमक प्रजतदक्रयाओं से संचाजलत करता िै िो उडान की िी गई जस्ट्थजतयों के अधीन जनयत रिता िै;
(घ) “प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन” से, जनयम 39 के अधीन प्रजिक्षण प्रिान करने के प्रयोिन से
मिाजनिेिक द्वारा प्राजधकृत कोई भी संगठन अजभप्रेत िै;
(ड.) ‘’प्राजधकृत परीक्षण जनकाय’’ से, मिाजनिेिक या भारतीय गुणििा पररषि द्वारा टाइप प्रमाणीकरण के
जलए, मानि-रजित िायुयान प्रणाली का परीक्षण करने के प्रयोिन से प्राजधकृत कोई इकाई अजभप्रेत िै;
(च) "संजििाकारी राज्य" का अथि दकसी भी िेि से िै िो 7 दिसंबर 1944 को जिकागो में संपन्न अंतरािष्ट्रीय
नागर जिमानन पर अजभसमय का एक पक्षकार िै;
(छ) “जडिीटल स्ट्काई प्लेटफामि” से नागर जिमानन मिाजनिेिालय द्वारा भारत में मानि-रजित िायुयान
प्रणाली गजतिजधयों के प्रबंधन से संबंजधत जिजभन्न गजतजिजधयों के जलए िोस्ट्ट दकया गया ऑनलाइन प्लेटफामि
अजभप्रेत िै;
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 3
(ि) “मिाजनिेिक” से, अजधजनयम की धारा 4क के अधीन जनयुि नागर जिमानन का मिाजनिेिक अजभप्रेत िै;
(झ) “ड्रोन” से कोई मानि-रजित िायुयान प्रणाली अजभप्रेत िै;
(ञ) “ड्रोन पािती संखया” से, भारत में मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए स्ट्िैजछछक प्रकटीकरण योिना के
अधीन जडिीटल स्ट्काई प्लेटफामि द्वारा िारी जिजिष्ट संखया अजभप्रेत िै;
(ट) “जियो-फें ससंग” से दकसी पररभाजषत िायुक्षेत्र के भीतर मानि-रजित िायुयान प्रणाली के आिागमन को
प्रजतबंजधत दकया िाना अजभप्रेत िै;
(ठ) “ग्रीन िोन” से, भूजमक्षेत्र या भारत के राज्यक्षेत्रीय समुद्र से 400 फु ट या 120 मीटर की उध्ििाधर
(vertical) िूरी तक के िायुक्षेत्र, जिसे मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालनों के जलए िायुक्षेत्र के मानजचत्र
में रेड िोन या येलो िोन के रूप में नाजमत निीं दकया गया िै और दकसी प्रचालजनक ििाईअड्डे की पररजध से
8 दकमी और 12 दकमी की क्षैजति (lateral) िूरी के बीच भूजम से ऊपर 200 फु ट या 60 मीटर के िायुक्षेत्र
में जस्ट्थत िै:
"येलो जोन" का अथि भारत के भूजम क्षेत्रों या प्रािेजिक िल के ऊपर पररभाजषत आयामों के ििाई क्षेत्र से
िै, जिसके भीतर मानि-रजित जिमान प्रणाली पररचालन प्रजतबंजधत िै, और इसके जलए संबंजधत ििाई
यातायात जनयंत्रण प्राजधकरण से अनुमजत की आिश्यकता िोगी। जिजनर्ििष्ट ग्रीन जोन में 400 फीट या 120
मीटर से ऊपर का ििाई क्षेत्र और एक पररचालन ििाई अड्डेकी पररजध से 8 दकलोमीटर और 12 दकलोमीटर की
पार्श्ि िूरी के बीच जस्ट्थत क्षेत्र में 200 फीट या 60 मीटर से ऊपर के ििाई क्षेत्र को येलो जोन के रूप में नाजमत
दकया िाएगा ;
"रेड जोन" का अथि िै भारत के भूजम क्षेत्रों या क्षेत्रीय िल के ऊपर, या भारत के क्षेत्रीय िल से परे केंद्र
सरकार द्वारा जिजनर्ििष्ट कोई स्ट्थापना या अजधसूजचत बंिरगाि सीमा में पररभाजषत आयामों का ििाई क्षेत्र,
जिसके भीतर केंद्र सरकार द्वारा मानि-रजित जिमान प्रणाली संचालन की अनुमजत िोगी;
(ड) ‘’िाईजिड मानि-रजित िायुयान’’ से, िायु से अजधक भारी मानि-रजित िायुयान अजभप्रेत िै िो िर्टिकल
टेक-ऑफ और लैंसडंग में सक्षम िो, िो दक सैद्धांजतक रूप से इन उडानों के िौरान जलफ्ट के जलए ऊिाि-चाजलत
जलफ्ट उपकरणों या इंिन थ्रस्ट्ट पर तथा क्षैजति उडान के िौरान जलफ्ट के जलए नान-रोटेटटंग एयरफायल पर
जनभिर करता िै;
(ढ) ‘’संजििाकारी राज्य’’ से, ऐसा कोई िेि अजभप्रेत िै िो तारीख 7 दिसंबर, 1944 को जिकागो में संपन्न
अंतरराष्ट्रीय नागर जिमानन पर अजभसमय का पक्षकार िै;
(ण) ‘’मॉडल ररमोटली पायलेटेड िायुयान प्रणाली’’ से, केिल िैक्षजणक, अनुसंधान, जडिाइन, परीक्षण या
मनोरंिन के प्रयोिन के जलए प्रयुि और जििुअल लाइन ऑफ साइट के भीतर प्रचाजलत 25 दकलोग्राम से
अनजधक समग्र भार िाला ररमोटली पायलेटेड िायुयान प्रणाली अजभप्रेत िै;
(त) ’’‘प्रचालक’’ से, एक मानि-रजित िायुयान प्रणाली िाले प्रचालन में जनयोजित या जनयोजित िोने की
प्रस्ट्थापना करने िाला व्यजि अजभप्रेत िै;
4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
(थ) “व्यजि” के अंतगित कोई व्यजष्ट, कंपनी, फमि, व्यजियों का समूि, व्यजष्टयों का जनकाय, स्ट्थानीय
प्राजधकरण, कोई जिजधक जनकाय, चािे िि जनगजमत िो या निीं, केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार या इनकी
कोई इकाई िाजमल िैं;
(ि) “प्रोटोटाइप मानि-रजित िायुयान प्रणाली” से, कोई मानि-रजित िायुयान प्रणाली अजभप्रेत िै, जिसे
अनुसंधान और जिकास के प्रयोिन से या उडनयोग्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त करने िेतु जिकजसत दकया गया िै;
(ध) ‘‘भारतीय गुणित्ता पररषि’’ से, भारत सरकार द्वारा भारतीय उद्योग के साथ संयुि रूप से, राष्ट्रीय
प्रत्यायन संरचना स्ट्थाजपत और प्रचाजलत करने और गुणििा को प्रोत्साजित करने के जलए गरठत स्ट्िायि
जनकाय अजभप्रेत िै;
(न) “रेड िोन” से, भारत के भूक्षेत्र या राज्यक्षेत्रीय समुद्र के ऊपर या भारत के राज्यक्षेत्रीय समुद्र के बािर
केंद्रीय सरकार द्वारा जिजनर्ििष्ट दकसी स्ट्थापना या अजधसूजचत पिन सीमाओं के ऊपर का पररभाजषत आयामों
िाला िायुक्षेत्र अजभप्रेत िै, जिसके भीतर केंद्रीय सरकार द्वारा असाधारण पररजस्ट्थजतयों में मानि-रजित
िायुयान प्रणाली के प्रचालन की अनुमजत िी िाएगी;
(प) ‘‘ररमोट पायलट’’ से, प्रचालक द्वारा दकसी मानि-रजित िायुयान के प्रचालन के जलए अजनिायि कतिि्यों
सजित प्रभाररत कोई व्यजष्ट अजभप्रेत िै और िो उडान समय के िौरान उडान जनयंत्रणों को यथा समीचीन, िाथ
में लेता और संचाजलत करता िै;
(फ) “ररमोट पायलट लाइसेंस” से मिाजनिेिक द्वारा जनयम 34 के अधीन दकसी व्यजष्ट को िारी की गई
अनुज्ञजप्त अजभप्रेत िै;
(ब) “ररमोट पायलट स्ट्टेिन” से ररमोट द्वारा पायलट दकए िा रिे िायुयान को पायलट करने के जलए प्रयुि
उपस्ट्करों को समाजिष्ट करने िाली ररमोट द्वारा संचाजलत िायुयान प्रणाली का घटक अजभप्रेत िै;
(भ) “ररमोट द्वारा संचाजलत िायुयान” से ऐसा कोई मानि-रजित िायुयान अजभप्रेत िै, जिसे दकसी ररमोट
पायलट स्ट्टेिन से संचाजलत दकया िाता िै;
(म) “ररमोट संचाजलत िायुयान प्रणाली” से, ररमोट पायलट स्ट्टेिन से सियुि ररमोटली पायलेटेड िायुयान
को अपेजक्षत कमांड और कंरोल सलंक्स तथा टाईप जडिाइन में जिजनर्ििष्ट अन्य अियि अजभप्रेत िैं;
(य) “रोटरक्राफ्ट” से, मूलत: ऊर्धिािधर अक्ष पर एक या अजधक िजि चाजलत रोटर पर ििा की प्रजतदक्रयाओं
द्वारा उडान में समर्थित िायु से अजधक भारी िायुयान अजभप्रेत िै;
(यक) “टाइप प्रमाण-पत्र” से, मिाजनिेिक या मिाजनिेिक द्वारा प्राजधकृत दकसी अन्य इकाई द्वारा िारी दकया
गया प्रमाणपत्र अजभप्रेत िै जिसमें यि प्रमाजणत दकया गया िो दक दकसी जिजनर्ििष्ट प्रकार की मानि-रजित
िायुयान प्रणाली, इन जनयमों के अधीन जिजनर्ििष्ट अपेक्षाओं को पूरा करती िो;
(यख) “मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रकार” से, उन उपांतरों के जसिाय, जिसके पररणामस्ट्िरूप िैंडसलंग
या उडान जििेषताओं में पररितिन िोता िै, सभी उपांतरों के साथ एक िी मूल जडिाइन की सभी मानि-रजित
िायुयान प्रणाजलयां अजभप्रेत िैं;
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 5
(यग) “जिजिष्ट पिचान संखया” से, भारत में दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली को रजिस्ट्रीकृत करने के
जलए िारी दकया गया जििेष पिचान संखया अजभप्रेत िै;
(यघ) “मानि-रजित िायुयान प्रणाली” से, कोई ऐसा िायुयान अजभप्रेत िै, िो स्ट्िायत रूप से उडान भर
सकता िै या जिन्िें उडान में जबना दकसी पायलट के प्रचाजलत दकया िा सकता िै;
(यङ) “मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन प्रणाली” से, ऐसी प्रणाली अजभप्रेत िै, िो मानि-
रजित िायुयान यातायात के संरजक्षत और त्िररत प्रिाि के जलए यातयात प्रबंधन मुिैया कराती िै और
व्यजियों, सूचना, प्रोद्योजगकी, सुजिधाओं और सेिाओं के, सियोगी एकीकरण के मार्धयम से मानियुि तथा
मानि-रजित िायुयान के बीच टकराि से बचाती िै;
(यच) “येलो िोन” से, भारत के भूक्षेत्रों या राज्यक्षेत्रीय समुद्र के ऊपर पररभाजषत आयामों िाला िायुक्षेत्र
अजभप्रेत िै जिसके भीतर मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन प्रजतबंजधत िै और जिसके जलए संबंजधत
ििाई यातयात जनयंत्रण प्राजधकारी की ओर से अनुमजत अपेजक्षत िोगी।
(2) उन िब्िों और पिों के, िो इसमें प्रयुि िैं और पररभाजषत निीं िैं, दकन्तु िायुयान अजधजनयम, 1934
और िायुयान जनयम, 1937 में पररभाजषत िैं, ििी अथि िोंगे, िो उि अजधजनयम या जनयमों में िैं।
भाग II
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण
4. मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण – (1) मानि-रजित िायुयान प्रणाली को जनम्नजलजखत तीन प्रिगों में
िगीकृत दकया िाएगा, अथाित् :--
(क) एयरोप्लेन;
(ख) रोटरक्राफ्ट;
(ग) िाईजिड मानि-रजित िायुयान प्रणाली।
(2) एयरोप्लेन, रोटरक्राफ्ट और िाईजिड मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों को आगे जनम्नानुसार उप-िगीकृत दकया
िाएगा-
(क) ररमोट द्वारा संचाजलत िायुयान प्रणाली ;
(ख) ररमोट द्वारा संचाजलत मॉडल िायुयान प्रणाली; और
(ग) स्ट्िायि मानि-रजित िायुयान प्रणाली ।
5. मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का िगीकरण — मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों को पेलोड सजित उनके अजधकतम
समग्र भार के आधार पर जनम्नानुसार िगीकृत दकया िाएगा:-
(क) अजत सूक्ष्म मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 250 ग्राम से कम या बराबर;
(ख) सूक्ष्म मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 250 ग्राम से अजधक दकन्तु 2 दकलोग्राम से कम या बराबर;
(ग) लघु मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 2 दकलोग्राम से अजधक दकन्तु 25 दकलोग्राम से कम या बराबर;
6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
(घ) मर्धयम मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 25 दकलोग्राम से अजधक दकन्तु 150 दकलोग्राम से कम या बराबर;
तथा
(ड.) जििाल मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 150 दकलोग्राम से अजधक ।
भाग III
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रमाणन
6. साधारण - कोई भी व्यजि भारत में मानि-रजित िायुयान का प्रचालन तब तक निीं करेगा िब तक दक ऐसी मानि-रजित
जिमान प्रणाली, टाईप प्रमाणपत्र के अनुरूप न िो या इन जनयमों के अधीन इसे, टाईप प्रमाणपत्र की अपेक्षा से छूट प्राप्त न
िो।
7. प्रमाणन मानक – केंद्रीय सरकार, भारतीय गुणििा पररषि की जसफाररि पर मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों के जलए
टाईप प्रमाणपत्र प्राप्त करने िेतु रािपत्र में अजधसूचना द्वारा मानकों को जिजनर्ििष्ट कर सकेगी और ऐसे मानक जनम्नजलजखत
प्रयोग को संिर्धित कर सकते िैं-
(क) भारत में जनर्मित प्रौद्योजगकी, जडिाइन, घटकों और मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों; और
(ख) भारतीय कोंस्ट्टेलेिन नैजिगेिन नामक भारत की क्षेत्रीय दिक्चालन उपग्रि प्रणाली के उपयोग को बढािा िे सकेंगे।
8. टाइप प्रमाणन – मिाजनिेिक या इस संबंध में मिाजनिेिक द्वारा प्राजधकृत कोई इकाई, भारतीय क्िाजलटी पररषि या
कोई प्राजधकृत इकाई की जसफाररि पर, दकसी जििेष प्रकार के मानि-रजित िायुयान के जलए टाईप प्रमाणपत्र िारी कर
सकता िै।
9. आिेिन और टाइप प्रमाण पत्र िारी करने की प्रदक्रया – (1) कोई भी ि्यजि, िो टाईप प्रमाणपत्र प्राप्त करना चािता िै,
उसे जनयम 46 में जिजनर्ििष्ट िुल्क सजित, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-1 के मार्धयम से आिेिन करना िोगा, और
उसे, उसमें जनम्नजलजखत सूचना प्रिान करनी िोगी:
(क) आिेिक का जििरण;
(ख) उसमें यथा जिजनर्ििष्ट प्रोटोटाईप मानि-रजित िायुयान प्रणाली के संबंध में जििरण और अपेजक्षत िस्ट्तािेि;
और
(ग) उसमें यथा जिजनर्ििष्ट प्रोटोटाईप मानि-रजित िायुयान प्रणाली, जिसे भौजतक रूप से प्राजधकृत परीक्षण इकाई
को सौंपा िाएगा ।
(2) भारतीय गुणििा पररषि (क्यूसीआई) या अजधकृत परीक्षण इकाई, प्रस्ट्ताि की परीक्षा करेगी और आिेिन प्राप्त िोने की
तारीख के साठ दििस के भीतर अपनी जसफाररिों के साथ परीक्षण ररपोटि मिाजनिेिक को प्रस्ट्तुत करेगी।
(3) मिाजनिेिक, उप जनयम (2) के अधीन जसफाररिों के साथ प्राप्त हुई परीक्षण ररपोटि के आधार पर समाधान िोने पर,
ऐसी परीक्षण ररपोटि प्राप्त िोने के पंद्रि दििस के भीतर, आिेिक को जिजिष्ट प्रकार के मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए
एक टाइप प्रमाणपत्र िारी करेंगे।
10. जििेिी जनयामकों द्वारा दिए गए अनुमोिनों की स्ट्िीकृजत – मिाजनिेिक, केंद्रीय सरकार द्वारा रािपत्र में अजधसूचना
द्वारा यथाजिजनर्ििष्ट ऐसे संजििाकारी राि्यों द्वारा अनुिि स्ट्िकृती के आधार पर दकसी प्रकार की मानि-रजित िायुयान
प्रणाली को, उस प्रकार की मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए टाईप प्रमाणन िारी कर सकेगा।
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 7
11. आयात - मानि-रजित िायुयान के आयात को, जििेि व्यापार मिाजनिेिालय या केन्द्रीय सरकार द्वारा प्राजधकृत दकसी
अन्य इकाई द्वारा जिजनयजमत दकया िाएगा।
12. आज्ञापक सुरक्षा जििेषताएं - (1) केंद्रीय सरकार, दकसी मानि-रजित िायुयान के स्िामी द्वारा उस पर संस्थाजपत की
िानी िाली सुरक्षा जििेषताओं को, अजधसूजचत करेगी, जिसमें अन्य जििेषताओं के साथ जनम्नजलजखत जििेषताएं सजम्मजलत
िो सकती िै, अथाित:--
(क) 'नो परमीिन - नो टेकऑफ' िाडििेयर और फमििेयर;
(ख) रीयल-टाइम रैककंग बीकन िो मानि-रजित िायुयान प्रणाली के स्ट्थान, ऊ
ं चाई, गजत और जिजिष्ट पिचान संखया
को संसूजचत करेगा; तथा
(ग) जियो फैं ससंग क्षमता।
(2) मानि-रजित िायुयान पर स्ट्िाजमत्ि रखने िाले सभी व्यजि, ऐसी अिजध के भीतर, िो प्रकािन की तारीख से छि मास
से कम निीं िोगी, िैसा केंद्रीय सरकार जिजनर्ििष्ट करे, उपधारा (1) के अधीन अजधसूजचत सुरक्षा जििेषताओं को अंगीकृत
करेंगे ।
13. कजतपय मामलों में टाईप प्रमाण पत्र प्राप्त दकए िाने से छूट – जनम्नजलजखत के जिजनमािण, आयात या प्रचालन के जलए,
दकसी टाईप प्रमाणपत्र की आिश्यकता निीं िोगी -
(क) मॉडल ररमोटली पायलट एयरक्राफ्ट प्रणाली; और
(ख) नैनो मानि-रजित िायुयान प्रणाली।
भाग IV
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का रजिस्ट्रीकरण
14. साधारण - (1) कोई भी व्यजि दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली को जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर पिले रजिस्ट्रीकृत
और जिजिष्ट पिचान संखया प्राप्त दकए जबना प्रचालन निीं करेगा, िब तक दक इन जनयमों के अधीन जिजिष्ट पिचान संखया
की अपेक्षा से छूट निीं जमली हुई िो।
(2) ऐसी सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का रजिस्ट्रीकृत अजभलेख मिाजनिेिक द्वारा अनुरजक्षत दकया िाएगा, जिन्िे
इन जनयमों के अधीन जिजिष्ट पिचान संखया िारी की गई िै ।
(3) यि सुजनजित करने का उत्तरिाजयत्ि, मानि-रजित िायुयान प्रणाली को प्रचाजलत करने िाले व्यजि की िोगी दक ऐसी
मानि-रजित िायुयान प्रणाली जिजधमान्य टाईप प्रमाणपत्र के अनुरूप िो।
15. रजिस्ट्रीकरण के जलए आिेिन और प्रदक्रया – (1) कोई व्यजि िो मानि-रजित िायुयान प्रणाली को रजिस्ट्रीकृत कराने
और जिजिष्ट पिचान संखया प्राप्त करने का आिय रखता िै, जनयम 46 में यथा जिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई
प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-2 में आिेिन करेगा और अपेजक्षत जििरण जिसके अंतगित टाईप प्रमाणपत्र की िो मानि-रजित
िायुयान प्रणाली अनुरूप िै, जिजिष्ट संखया भी, प्रिान करेगा ।
(2) जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि, इस जििरण का सत्यापन करेगा और आिेिक को जिजिष्ट पिचान संखया िारी करेगा।
(3) मानि-रजित िायुयान प्रणाली की जिजिष्ट पिचान संखया को, जनमािता द्वारा प्रिान दकए गए जिजिष्ट क्रम संख्या और
उसके उडान जनयंत्रण मॉड्यूल और ररमोट पायलेट स्ट्टेिन की जिजिष्ट क्रम संखया से सलंक दकया िाएगा।
8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
(4) कोई भी व्यजि, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर नए फ्लाइट कंरोल मॉड्यूल या ररमोट पायलेट स्ट्टेिन की जिजिष्ट क्रम
संख्या को ऐसे प्रजतस्ट्थापन की तारीख से सात दििस की अिजध के भीतर अथिा इस प्रकार की मानि-रजित िायुयान प्रणाली
को प्रचाजलत करने से पिले, िो भी पिले िो अपडेट दकए जबना, मानि-रजित िायुयान प्रणाली के फ्लाइट कंरोल मॉड्यूल या
ररमोट पायलेट स्ट्टेिन को निीं बिलेगा, जिसकी क्रम संखया, ऐसे मानि-रजित िायुयान की जिजिष्ट पिचान संखया से सलंक
िै।
16. जिद्यमान मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का रजिस्ट्रीकरण – (1) तारीख 30 निंबर 2021 को या उससे पिले भारत
में जिजनर्मित या भारत में आयात दकए गए मानि-रजित िायुयान पर स्ट्िाजमत्ि रखने िाला ि्यजि, उक्त तारीख के इकतीस
दिनों की अिजध के भीतर, जनयम 46 में यथा जिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-2 में अपेजक्षत
जििरण प्रिान करके रजिस्ट्टर कराने और जिजिष्ट पिचान संखया प्राप्त करने के जलए आिेिन करेगा ।
(2) जडजिटल स्काई प्लेटफॉमि, उपजनयम (1) के अधीन प्रस्ट्तुत दकए गए इस जििरण का सत्यापन करेगा और आिेिक को
जिजिष्ट पिचान संखया िारी करेगा, यदि --
(क) मानि-रजित िायुयान प्रणाली के पास उपधारा (1) में उजल्लजखत तारीख या पर उसके पिले जडजिटल स्ट्काई
प्लेटफॉमि द्वारा िारी एक जिजधमान्य ड्रोन पािती संखया िो;
(ख) मानि-रजित िायुयान प्रणाली के पास, मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए माल और सेिा कर संित्त दकए
िाने का जबल िो; और
(ग) मानि-रजित िायुयान की यि प्रणाली, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मिाजनिेिक द्वारा प्रकाजित मानि-रजित
िायुयान प्रणाजलयों की सूची का जिस्ट्सा िो।
17. मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का अंतरण – (1) कोई व्यजि, जनयम 46 में यथा जिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल
स्ट्काई प्लेटफॉमि पर डी-3 प्ररूप में, अंतरक, अंतररती और मानि-रजित िायुयान प्रणाली की जिजिष्ट पिचान संखया का
अपेजक्षत जििरण िेने के पश्चात्, दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली का दकसी अन्य व्यजि को जिक्रय, पट्टा, उपिार या
दकसी अन्य रीजत से अंतरण कर सकेगा ।
(2) उपजनयम (1) में जनर्ििष्ट अंतरण, मिाजनिेिक द्वारा अनुरजक्षत रजिस्ट्रीकरण अजभलेख में प्रभािी िोंगे और अंतरक,
अंतररती तथा जिजिष्ट पिचान संखया के इलैक्राजनक सत्यापन के पश्चात्, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि पर संव्यििार संखया
िजनत िोगी ।
18. मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का डी-रजिस्ट्रीकरण – (1) ििां दकसी व्यजि के नाम से रजिस्ट्रीकृत कोई मानि-
रजित िायुयान प्रणाली स्ट्थायी रूप से खो गई िै या क्षजतग्रस्ट्त िो गई िै, ििां उसका स्िामी, उसके खोने या क्षजतग्रस्ट्त िोने के
युजियुि जनष्कषि पर पहुंचने पर, जनयम 46 में यथाजिजनर्ििष्ट िुल्क के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि को डी-3 प्ररूप में
आिेिन प्रस्ट्तुत करके, ऐसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जिरजिस्ट्रीकरण के जलए आिेिन करेगा।
(2) उपजनयम (1) में जनर्ििष्ट जिरजिस्ट्रीकरण, मिाजनिेिक द्वारा अनुरजक्षत रजिस्ट्रीकरण अजभलेख में प्रभािी िोंगे और
जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि पर उनकी संव्यििार संखया िजनत िोगी।
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 9
भाग V
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन
19. एयरस्ट्पेस मैप—केंद्रीय सरकार, इन जनयमों की अजधसूचना की तारीख के तीस दििस के भीतर, जडजिटल स्ट्काई
प्लेटफॉमि पर, मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए एक ििाई क्षेत्र का नक्िा, िो भारत के पूरे ििाई क्षेत्र को 10
मीटर या इससे स्ट्पष्ट (फाइन) िााँररिान्टल रेसोल्यूिन के साथ, लाल, पीले और िरे क्षेत्रों में जिभि करता िै, प्रकाजित कर
सकती िै।
20. इंटर-एजक्टि मैप्स – मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए ििाई क्षेत्र का नक्िा, एक मिीन रीडेबल
एजप्लकेिन प्रोग्रासमंग इंटरफे स (एपीआई) और इंटर-एजक्टि के मार्धयम से प्रोग्रामेरटक रूप से सुलभ िोने के जलए जडजाइन
दकया िाएगा, जिससे मानि-रजित िायुयान प्रणाली पायलट, अपनी प्रस्ट्ताजित उडान योिना का आधार तैयार कर सके और
आसानी से उस क्षेत्र की पिचान कर सकें, जिसके भीतर यि आता िै जिससे यि आकलन दकया िा सके दक उन्िें पूिि अनुमोिन
के जलए आिेिन करने की आिश्यकता िै या निीं।
21. क्षेत्रीय जनबंधनों का, उडान-पूिि आज्ञापक सत्यापन – मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन िुरू करने से पिले,
ररमोट पायलट को, प्रचालन के इजछछत क्षेत्र में मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए लागू दकसी भी अजधसूचना या
जनबंधन की िानकारी के जलए जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि से आज्ञापक रूप से सत्याजपत कराना िोगा।
22. पूिि अनुमजत की आिश्यकता – (1) कोई भी व्यजि, पूिि अनुमजत के जबना रेड िोन या येलो िोन में मानि-रजित
िायुयान प्रणाली का प्रचालन निीं करेगा।
(2) जनयम 21 के प्रािधानों के अधीन ग्रीन िोन में मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रचालन के जलए पूिि अनुमजत की
आिश्यकता निी िोगी।
23. िोसनंग की गजतिील प्रकृ जत – केंद्रीय सरकार, दकसी क्षेत्र की जस्ट्थजत को एक क्षेत्र से िूसरे में बिलने के जलए, समय-
समय पर मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर ििाई क्षेत्र के नक्िे को अपडेट कर
सकेगी और इस तरि का कोई भी पररितिन इस तरि के अपडेट की तारीख के सात दििस बाि िी प्रभािी िोगा।
24. अस्ट्थायी रेड िोन – (1) यदि दकसी जिजनर्ििष्ट क्षेत्र में मानि-रजित िायुयान प्रणाली उडानों को अस्ट्थायी रूप से
प्रजतबंजधत करने की तत्काल आिश्यकता िै, तो संबंजधत राज्य सरकार या संघ राज्यक्षेत्र प्रिासन या जिजध प्रितिन अजभकरण,
इसे जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से अजधसूजचत करके और ििाई क्षेत्र के नक्िे पर िाईलाइट करके, ऐसे जनर्ििष्ट क्षेत्र में
एक समय में जछयानिे घंटे से अनजधक की अिजध के जलए अस्ट्थायी रेड िोन घोजषत कर सकेंगे।
(2) अस्ट्थायी रेड िोन की घोषणा, ऐसे दकसी अजधकारी द्वारा की िाएगी, िो पुजलस अधीक्षक या उसके समतुल्य स्तर से
नीचे की पंजि का न िो । ऐसा अजधकारी, अस्ट्थायी रेड िोन के आकार को युजियुक्त रखने का प्रयास करेगा, न दक बढाने
का।
(3) उपजनयम (1) के अंतगित इस प्रकार घोजषत दकए गए प्रजतबंधों के संबंध में अस्ट्थाई रेड िोन की पररजध से पांच
दकलोमीटर की िूरी के भीतर जिजिष्ट पिचान संखया के धारकों को जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि के मार्धयम से या इलैक्राजनक
मार्धयम से सूजचत करने का प्रयास दकया िाएगा, परंतु इस प्रकार की िानकारी प्राप्त निीं िोना, एक मानि-रजित िायुयान
पायलट को एक मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन िुरु करने से पिले जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि पर क्षेत्रीय प्रजतबंधों को
सत्याजपत करने की जिम्मेिारी से मुि निीं करेगा।
25. जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि तक पहुाँच –राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन और कानून प्रितिन अजधकरण के नोडल
अजधकाररयों को जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि तक सीधी पहुंच प्रिान की िाएगी।
10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
26. सुरजक्षत प्रचालन - कोई भी व्यजि, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, दकसी भी रीजत में मानि-रजित िायुयान प्रणाली का
प्रचालन निीं करेगा, जिससे दकसी भी व्यजि या संपजि की संरक्षा और सुरक्षा को खतरा िो।
27. िजथयारों, गोला-बारूि, जिस्ट्फोटकों, सैन्य भंडारणों आदि के ले िाने पर प्रजतबंध- कोई भी व्यजि, दकसी भी मानि-
रजित िायुयान प्रणाली में भारत से/भारत के जलए, भारत के भीतर या उसके ऊपर, युद्ध के दकसी भी िजथयार, गोला-बारूि,
युद्ध सामग्री, युद्ध के उपकरण, जिस्ट्फोटक और सैन्य भंडार, को केंद्रीय सरकार या केंद्रीय सरकार द्वारा अजधकृत दकसी अन्य
व्यजि की जलजखत अनुज्ञा के जसिाय और ऐसी अनुमजत के जनबंधनों तथा ितों के अर्धयधीन रिते हुए न तो लेकर िाएगा और
न िी इसके जलए अनुमजत िेगा।
28. खतरनाक माल का ििन- कोई भी व्यजि मानि-रजित िायुयान पर खतरनाक सामान निीं ले िाएगा, िब तक दक ऐसा
प्रचालन, जिमान (िोजखमपूणि सामान की ढुलाई) जनयम, 2003 के अनुपालन में न िो।
29. मागि का अजधकार - मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन करने िाला कोई भी व्यजि, मानियुि िायुयान के
मागि के अजधकार का उल्लंघन निीं करेगा।
30. िुघिटना की अजनिायि ररपोर्टंग - मानि-रजित िायुयान प्रणाली से िुडी िुघिटना के अडतालीस घंटे के भीतर, ऐसे मानि-
रजित िायुयान प्रणाली का ररमोट पायलट, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से मिाजनिेिक को िुघिटना की ररपोटि करेगा।
भाग VI
ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त
31. सामान्य. – जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर सूचीबद्ध, िैध ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त धारक के अजतररक्त कोई भी
सामान्य व्यजि मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचाजलत निीं करेगा।
32. िगीकरण. – ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त में जििेष रूप से मानि-रजित िायुयान प्रणाली के िगि, उप-िगि और श्रेणी या
इनके संयोिन जिनके जलए यि िारी की गई िै उजल्लजखत िोगें ।
33. पात्रता. – कोई व्यजि ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त प्राप्त करने के जलए पात्र िोगा यदि िो:
(क) जिसकी न्यूनतम उम्र 18 िषि तथा अजधकतम उम्र 65 िषि िो;
(ख) दकसी मान्यता प्राप्त बोडि से िसिीं परीक्षा या उसके समतुल्य परीक्षा उिीणि की िों; और
(ग) दकसी मान्यताप्राप्त ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन से, िो मिाजनिेिक द्वारा जिजनर्ििष्ट दकया गया िो
ऐसा प्रजिक्षण सफलतापूििक पूरा चुका िो।
34. ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त प्राप्त करने की प्रदक्रया – (1) कोई व्यजि िो मानि रजित जिमान प्रणाली या उसके संयोिन के
दकसी प्रिगि, उपप्रिगि या िगि के जलए ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त को प्राप्त करने की इछछा रखता िै तो िि ऐसे प्रिगि, उपप्रिगि
या िगि के जलए मिाजनिेिक द्वारा जिजनर्ििष्ट प्रजिक्षण पूरा करेगा और प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन द्वारा
संचाजलत परीक्षा उत्तीणि करेगा ।
(2) उपजनयम (1) के अधीन प्रजिक्षण और परीक्षा को सफलतापूििक पूरा करने के सात दिनों के भीतर उन व्यजियों के
जिन्िोंने परीक्षा उत्तीणि कर ली िै के ब्यौरे उपलब्ध कराने के जलए प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन जनयम, 46 में
यथाजिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-4 में ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त के जलए आिेिन कर सकेगा।
(3) व्यजि जिसके संबंध में उपजनयम (2) के अधीन प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन द्वारा आिेिन दकया गया िै तो
जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से ऐसे व्यजि को ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त िारी की िाएगी ।
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 11
(4) मिाजनिेिक उपजनयम (3) के अधीन ररमोट पायलट प्रमाणपत्र के िारी करने की तारीख से पद्रंि दिनों के भीतर
जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से ऐसे व्यजि को ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त िारी करेगा ।
35. अनुज्ञजप्त की िैधता. – कोई ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त -
(क) तभी मान्य िोगा िब िि जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर सूचीबद्ध िो।
(ख) िब तक दक जनलंजबत अथिा रद्द न कर दिया गया िो, िस िषि की अिजध के जलए िैध रिता िै।
(ग) जनयम 46 में यथाजिजनर्ििष्ट फीस को संिाय दकए िाने पर मिाजनिेिक द्वारा ऐसी अिजध के जलए िो
उसमें जिजनर्ििष्ट की िाए िस िषों की अिजध के अर्धयाधीन निीकृत दकया िा सकता िै:
परन्तु ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त धारक ऐसे पुनियाि पाठ्यक्रम को पूरा करेगा िो समय-समय पर जडजिटल स्ट्काई
प्लेटफॉमि पर मिाजनिेिक द्वारा जनर्ििष्ट दकया िाए।
36. अनुज्ञजप्त प्राप्त करने से छूट – दकसी भी ऐसे व्यजि के जलए ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त की आिश्यकता निीं िोगी िो –
(क) नैनो मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन कर रिा िो; और
(ख) गैर-िाजणजज्यक उद्देश्यों के जलए माइक्रो मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन कर रिा िो।
भाग VII
ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन
37. सामान्य – प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन के अलािा कोई व्यजि, ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त के जलए दकसी
व्यजि को प्रजिक्षण प्रिान निीं कर सकता।
38.पात्रता – दकसी ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन को तब तक प्रजिक्षण िेने के जलए प्राजधकृत निीं दकया िाएगा िब तक
िि मिाजनिेिक द्वारा जनधािररत पात्रता के सभी मापिंडों को पूरा निीं कर लेता िै।
39.प्राजधकार प्राप्त करने की प्रदक्रया – (1) कोई भी व्यजि िो ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन स्ट्थाजपत करने के जलए
प्राजधकार की मांग कर रिा िै, िि, जनयम 46 में जनर्ििष्ट सेिा िुल्क के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप घ-5 में
मिाजनिेिक को आिेिन प्रस्ट्तुत करेगा।
(2) मिाजनिेिक, उपजनयम (1) के अधीन आिेिन की प्राजप्त की तारीख से साठ दिनों के अिजध के भीतर आिेिक को,
ऐसे, ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन स्ट्थाजपत करने के जलए प्राजधकार िारी कर सकेगा यदि उसे समाधान िो िाता िै दक
आिेिक ऐसे ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन स्ट्थाजपत करने के जलए जिजनर्ििष्ट मापिंड और अपेक्षाएं पूरी करता िै।
40. िैधता – ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन की स्ट्थापना करने िेतु प्रिान दकया गया प्राजधकार, िब तक दक
जनलंजबत या रद्द न कर दिया गया िो, िस िषि की अिजध के जलए िैध रिेगा और जनयम 46 में यथाजिजनर्ििष्ट फीस के
संिाय पर ऐसी अिजध के जलए िो उसमें जिजनर्ििष्ट की िाए, एक समय में िस िषि की अजधकतम अिजध के अर्धयाधीन,
निीनीकृत दकया िा सकेगा।
41. प्रजिक्षण अपेक्षाएाँ – (1) प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन, प्रजिक्षण, पाठ्यक्रम, अिसंरचना,
अनुिेिकों, िक्षता परीक्षण और ररमोट पायलट प्रमाण पत्र के संबंध में जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मिाजनिेिक जिजनर्ििष्ट
अपेक्षाओं के साथ सखत अनुपालन सुजनजित करेगा।
12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
(2) उपजनयम (1) के अधीन जिजनर्ििष्ट प्रजिक्षण अपेक्षाएाँ, मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रिगि, उपप्रिगि और िगि के
जलए जिजनर्ििष्ट िोगी।
भाग VIII
अनुसंधान, जिकास और परीक्षण
42. अनुसंधान, जिकास और परीक्षण के जलए मानि-रजित जिमान प्रणाली प्रचालन – जनम्नजलजखत व्यजियों को
अनुसंधान, जिकास और परीक्षण उद्देश्यों के जलए मानि-रजित जिमान प्रणाजलयों के प्रचालन िेतु टाइप प्रमाण पत्र, जिजिष्ट
पिचान संखया, पूिि अनुमजत तथा ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त की आिश्यकता निीं िोगी, अथाित् :–
(क) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन के प्रिासजनक जनयंत्रण में या उनसे मान्यता
प्राप्त अनुसंधान एिं जिकास संस्ट्था;
(ख) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन के प्रिासजनक जनयंत्रण में या उनसे मान्यता
प्राप्त िैक्षजणक संस्ट्था;
(ग) उद्योग संिधिन और आंतररक व्यापार जिभाग द्वारा मान्यता प्राप्त स्ट्टाटिअप;
(घ) कोई प्राजधकृत परीक्षण संस्ट्था; और
(ङ) कोई भी मानि-रजित िायुयान प्रणाली जनमािता जिसके पास िस्ट्तु और सेिा कर पिचान संखया िै:
परन्तु इस तरि के मानि-रजित जिमान प्रणाली प्रचालन ग्रीन जोन के भीतर और उस व्यजि के पररसर के भीतर िों ििां
ऐसा अनुसंधान, जिकास और परीक्षण दकया िा रिा िो; या ऐसे व्यजि के जनयंत्रण में दकसी ग्रीन जोन में खुले क्षेत्र के
भीतर िो।
भाग IX
मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन
43. मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन- (1) केन्द्रीय सरकार, इन जनयमों के प्रकािन की तारीख के साठ
दिनों की अिजध के भीतर, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन प्रणाली से
संबंजधत नीजतगत ढांचा प्रकाजित करेगी।
(2) ऐसा नीजतगत ढांचा इन जनयमों के अनुरूप िोगा एिं इन जनयमों के अधीन यथा अपेजक्षत स्ट्िचाजलत अनुमजत सुजिधा
के अनुसार िोगा और जिसमें -
(क) सभी िोनों के भीतर मानि-रजित िायुयान प्रणाली द्वारा सामान के सुरजक्षत और जनबािध अंतरण के जलए
गजलयारों को जिकजसत करने के जलए ढांचा; और
(ख) राज्य सरकारों और संघ राि्य क्षेत्र प्रिासनों की भूजमकाएं, िजियां और उत्तरिाजयत्ि िाजमल िैं।
भाग X
बीमा
44. बीमा— (1) मोटर यान अजधजनयम, 1988 (1988 का 59) के उपबंध और इनके अधीन बनाए गए जनयम,
आिश्यक पररितिन सजित, मानि-रजित जिमान प्रणाली के तीसरे पक्षकार बीमा तथा ऐसे मानि-रजित जिमान प्रणाली के
कारण हुए िीिन या संपजि की िाजन के मामले में क्षजतपूर्ति के जलए लागू िोंगे।
परन्तु एक नैनो मानि-रजित जिमान प्रणाली, तीसरे पक्षकार बीमा के जबना प्रचाजलत िो सकेगी।
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 13
(2) मानि-रजित जिमान प्रणाली को प्रचाजलत करने िाला कोई व्यजि, भारतीय बीमा जिजनयामक और जिकास प्राजधकरण
द्वारा अनुमोदित इस प्रकार के प्रचालनों के जलए जिजिष्ट तौर से तैयार दकए गए बीमा उत्पाि का उपयोग कर सकता िै।
भाग XI
मानि-रजित िायुयान प्रणाली को बढािा िेना
45. मानि-रजित जिमान प्रणाली को बढािा िेना – (1) केन्द्रीय सरकार मानि-रजित जिमान प्रणाली संिधिन
पररषि के गठन के द्वारा मानि-रजित िायुयान प्रणाली को ग्रिण और उपयोग को बढािा िे सकेगी जिसमें जनम्नजलजखत
सुजिधाएं िोंगी -
(क) स्ट्िचाजलत अनुमजतयों सजित व्यिसाय के अनुकूल जिजनयामक व्यिस्ट्था का जिकास;
(ख) मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रौद्योजगदकयों के जिकास के जलए इन्क्यूबेटरों और अन्य सुजिधाओं की
स्ट्थापना;
(ग) नीजत सलाि में उद्योग जििेषज्ञों और िैक्षजणक संस्ट्थाओं की भागीिारी; और
(घ) मानि-रजित िायुयान प्रणाली और जिमान प्रणाली प्रौद्योजगदक से िुडे प्रजतस्ट्पधी कायिक्रमों का आयोिन।
(2) केंद्रीय सरकार, आर्थिक प्रभाि के आधार पर इन जनयमों का मूल्यांकन करने के पिात् भारतीय मानि रजित िायुयान
प्रणाली सेक्टर की उपलजब्धयों का सूचीकरण करते हुए तथा उस सेक्टर में कारबार करने में आसानी के िधिन िेतु उठाए गए
किमों की एक छि माजसक ररपोटि तैयार करेगी।
भाग XII
प्रकीणि
46. फीस-–इन जनयमों के अधीन केंद्रीय सरकार द्वारा जनयत, नीचे सारणी के स्ट्तंभ (2) में जिजनर्ििष्ट सेिाओं के जलए संिेय
फीस, उि सारणी के तत्स्ट्थानी स्ट्तंभ (3) में यथा जिजनर्ििष्ट िोगी, अथाित् :-
सारणी
क्रम सं. सेिाएं फीस (रुपए में)
(1) (2) (3)
1 प्रकार प्रमाणपत्र िारी करना 100
2
जिजिष्ट पिचान संखया िारी करना, अंतरण करना या उसका डी-रजिस्ट्रीकरण
करना
100
3 ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त िारी करना या उसका निीनीकरण 100
4 ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन का प्राजधकरण या प्राजधकरण का निीनीकरण 1,000
रटप्पण : भारत की गुणििा पररषि्, प्राजधकृत परीक्षण इकाईयां तथा प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन, उनके
द्वारा इन जनयमों के अनुसार िी गई सेिाओं के जलए बािार सिबद्ध सेिा प्रभार संग्रजित कर सकेंगे ।
47. जनिेि—िब केंद्रीय सरकार यि आिश्यक समझे तो िि अजधजनयम या इन जनयमों के उपबंधों से संगत, मानि रजित
िायुयान प्रणाजलयों से संबंजधत साधारण या जििेष जनिेि िारी कर सकेगी ।
14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
48. छूट िेने की साधारण िजि—केंद्रीय सरकार, जलजखत में साधारण या जििेष आिेि द्वारा, ऐसी ितों के अधीन रिते
हुए, िो उस आिेि में जिजनर्ििष्ट की िाएं, या तो पूणित: या भागत: इन जनयमों के प्रचालन से दकसी व्यजि या व्यजियों के
िगि को छूट िे सकेगी ।
49. अपराध, िगीकरण और िमनीकरण—(1) कोई भी व्यजि इन जनयमों के उल्लंघन में कोई दक्रयाकलाप निीं करेगा ।
(2) िंड प्रदक्रया संजिता, 1973 (1974 का 2) में अंतर्ििष्ट दकसी बात के िोते हुए भी, जनयम 22 तथा जनयम 27 का
उल्लंघन संज्ञेय और अिमनीय िोगा।
(3) इन जनयमों के उल्लंघन या उनके अनुपालन में असफलता के जलए दकसी भी कायििािी के प्रजत, यदि ऐसा उल्लंघन या
असफलता, कारकों या पररजस्ट्थजतयों, िो ऐसे दकसी व्यजि के जनयंत्रण से परे या उसके ज्ञान या त्रुरट के जबना मौसमिन्य
करठनाई या अन्य अपररिायि कारण या पररजस्ट्थजत के कारण िोना साजबत िोने पर प्रजतरक्षा िोगी।
(4) इन जनयमों के उपबंध तत्समय प्रिृि दकसी अन्य जिजध के उपबंधों के अजतररि िोंगे न दक उसके अल्पीकरण में।
50. िाजस्ट्तयां—ििां सुनिाई का अिसर दिए िाने के पिात् मिाजनिेिक या केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार अथिा संघ
राज्यक्षेत्र प्रिासन द्वारा प्राजधकृत दकसी अजधकारी का यि समाधान िो िाता िै दक दकसी व्यजि ने इन जनयमों का उल्लंघन
दकया िै या इनके अनुपालन में असफल रिा िै, तो िि लेखबद्ध दकए िाने िाले कारणों से, अजधजनयम की धारा 10क के
उपबंधों के अनुसार एक लाख रुपए से अनजधक िाजस्ट्त उिगृिीत कर सकेगा।
51. जनरीक्षण की िजि—मिाजनिेिक या उसके द्वारा प्राजधकृत कोई व्यजि, जलजखत में साधारण या जििेष आिेि द्वारा
इन जनयमों तथा अजधजनयम के उपबंधों का अनुपालन सुजनजित करने के प्रयोिन के जलए, दकसी मानि रजित िायुयान
प्रणाली, दकसी संबंजधत सुजिधा का जनरीक्षण कर सकेगा, दकसी कार्मिक से िातािलाप कर सकेगा और दकसी िस्ट्तािेि या
अजभलेख का जनरीक्षण कर सकेगा।
52. प्राजधकृत व्यजियों को बाधा पहुंचाना—कोई व्यजि स्ट्िेछछया इन जनयमों के अधीन उसकी िजियों के प्रयोग तथा
कतिव्यों के जनिििन में कोई बाधा निीं पहुंचाएगा।
53. रद्दीकरण या जनलंबन—ििां मिाजनिेिक का, सुनिाई का अिसर िेने के पिात्, यि समाधान िो िाता िै दक दकसी
व्यजि ने इन जनयमों के उपबंधों का उल्लंघन दकया िै या उनका अनुपालन करने में असफल रिा िै, तो िि लेखबद्ध दकए
िाने िाले कारणों से इन जनयमों के अधीन अनुिि दकसी अनुज्ञजप्त, प्रमाणपत्र, प्राजधकरण या अनुमोिन को रद्द या जनलंजबत
कर सकेगा।
54. कजतपय आिेिों की व्यािृजि—इन जनयमों की कोई बात लोक सुरक्षा के जित में या सभी मानि सजित या मानि रजित
िायुयानों के सुरजक्षत प्रचालन के जलए िारी दकए गए दकसी आिेि के संबंध में केंद्रीय सरकार की िजि को सीजमत या
अन्यथा प्रभाजित निीं करेगी।
55. जनरसन और व्यािृजि—ऐसे जनरसन के पूिि की गई या करने से लोप की गई बातों के जसिाय, मानि रजित िायुयान
प्रणाली जनयम, 2021 जनरजसत दकए िाते िैं।
प्ररूप डी-1
(जनयम 9 िेखें)
प्रकार प्रमाण पत्र के जलए आिेिन
भाग क - व्यजिगत ब्यौरे (यदि लागू िो)
1 पूरा नाम
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 15
2 मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो)
3 ईमेल पता
4 आधार संखया
5 भारतीय पासपोटि संखया
6 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक)
7 घरकापता
भाग ख - संगठन के ब्यौरे (यदि लागू िो)
8 जिजनमािता का नाम
9 जिजनमािता का पता
10 संगठन की रजिस्ट्रीकरण संखया
11 िीएसटीआईएन प्रमाणपत्र (िैकजल्पक)
12 डीआईएन के साथ जनिेिक(कों)का नाम
13 दकसी एक जनिेिक की आधार संखया
14 जनिेिक का ई-मेल पता
15 जनिेिक की मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो)
भाग ग - मानि-रजित िायुयान प्रणाली की जिजिष्टताएाँ और िस्ट्तािेि
16 मॉडल का नाम
17
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण ☐ जिमान ☐ रोटरक्राफ्ट
☐ िाइजिड
18
मानि-रजित िायुयानप्रणाली की उप-श्रेणी ☐ आरपीएएस ☐ मॉडल
☐ स्ट्िायि
19
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रकार ☐ नैनो ☐ सूक्ष्म ☐ छोटे ☐ मर्धयम
☐ बडे
16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
20 उडान जनयंत्रण मॉड्यूल की जिजिष्टताएाँ
21 ररमोट पायलट स्ट्टेिन की जिजिष्टाताएाँ
22 दकलोग्राम में अजधकतम कुल भार (पेलोड सजित)
23 जम.मी. में कुल आयाम (लंबाईxचौडाईxऊ
ं चाई)
24 जििरण
25 संगत पेलोड के ब्यौरे
26 पररितिनीय भार/उपभोग्य िस्ट्तुएं (िैसे द्रि आदि, यदि कोई िो)
27 इंिन/मोटर
28 पािर रेटटंग
29 इंिनों/मोटरों की संखया
30 कुल ईंधन क्षमता (दकलोग्राम)/बैटरी क्षमता (एमएएच)
31 प्रोपेलर ब्यौरे
32 ग्राउंड जनयंत्रण स्ट्टेिन सॉफ्टिेयर संस्ट्करण
33 दिक्वेन्सी बैंड
34 अजधकतम एन्डुरन्स (घंटा/जमनट)
35 अजधकतम सीमा (दक.मी. में)
36 अजधकतम गजत (मीटर/सेकंड में)
37 अजधकतम प्राप्य ऊ
ं चाई/अजधकतम ऊ
ं चाई सीमा(फीट में)
38 प्रचालजनक ऊ
ं चाई (फीट में)
39 पररचालन एनिेलप
40 इंिन की सीमा (अजधकतम आरपीएम)/अजधकतम बैटरी तापमान(⁰से. में)
41 प्रोपेलर सीमा
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 17
42 जिजनमािता की पररचालन जनयमािली (िैसा लागू िो)
43 जिजनमािता के रखरखाि दििाजनिेि (िैसा लागू िो)
44 रखरखाि जनरीक्षण अनुसूची/ओिरिाल अंतराल
45
मानि-रजित िायुयान प्रणाली की तस्ट्िीरें:
1. िं ट व्यू
2. टॉप व्यू
46 प्राजधकृत परीक्षण संगठन का चयन (जडजिटल स्ट्काइ प्लैटफ़ामि पर ड्रॉपडाउन मेनू
से)
भाग घ - फीस के ब्यौरे
47 संव्यििार संखया
48 फीस रसीि
घोषणा
मैं, यि घोषणा करता हं दक इस में िी गई सभी सूचनाएं, मेरी िानकारी के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मुझे यि ज्ञात िै दक
इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर,मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै।
नाम:
तारीख : स्ट्थान:
प्ररूप डी-2
(जनयम 15 और 16 िेखें)
जिजिष्ट पिचान संखया के रजिस्ट्रीकरण के जलए आिेिन
भाग क - व्यजि के ब्यौरे (यदि लागू िो)
1 पूरा नाम
2 मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो)
3 ईमेल पता
18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
4 आधार संखया
5 भारतीय पासपोटि संखया
6 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक)
7 घर का पता
भाग ख – संगठन के ब्यौरे (यदि लागू िो)
8 संगठन का नाम
9 संगठन का पता
10 संगठन की रजिस्ट्रीकरण संखया
11 िीएसटीआईएन प्रमाण पत्र (िैकजल्पक)
12 जनिेिकों के नाम उनके डीआईएन के साथ
13 दकसी एक जनिेिक की आधार संखया
14 जनिेिक का ई-मेल पता
15 जनिेिक की मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो)
भाग ग - मानि-रजित िायुयान प्रणाली जिजिष्टताएाँ
16 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण ☐ जिमान ☐ रोटरक्राफ्ट ☐ िाइजिड
17 मानि-रजित िायुयान प्रणाली की उप-श्रेणी
☐ आरपीएएस ☐ मॉडल ☐ स्ट्िायि
18 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगि ☐ नैनो ☐ सूक्ष्म ☐ छोटे ☐ मर्धयम ☐ बडे
19 जिजनमािता का नाम
20 मॉडल का नाम
21 टाइप प्रमाण पत्र की सीररयल संखया (यदि लागू िो)
22 जिजनमािता द्वारा प्रिान की गई सीररयल संखया
23 उडान जनयंत्रण मॉड्यूल की सीररयल संखया
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 19
24 ररमोट पायल टस्ट्टेिन की सीररयल संखया
25
मानि-रजित िायुयान प्रणाली का जचत्र:
1. िं ट व्यू
2. टॉप व्यू
3. जिजनमािता की क्रमसंखया का क्लोि-अप
26 ड्रोन अजभस्ट्िीकृजत संखया (डीएएन) (यदि लागू िो)
27 िीएसटी-पेड जबल अपलोड करें (केिल डीएएन धारकों के जलए)
भाग घ – फीस ब्यौरे
28 संव्यििार संखया
29 फीस रसीि
घोषणा
मैं, यि घोषणा करता हं दक इसमें िी गई सभी सूचनाएं मेरी िानकारी के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मैं और यि घोषणा
करता हाँ दक मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्ररूप (यदि लागू िो) में उजल्लजखत प्रकार प्रमाणपत्र के अनुरूप िै। मुझे यि ज्ञात
िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै।
नाम:
तारीख : स्ट्थान:
प्ररुप डी-3
(जनयम 17 और 18 िेखें)
मानि-रजित िायुयान प्रणाली के अंतरण या जिरजिस्ट्रीकरण (deregistration) के जलए आिेिन
भाग क – मानि-रजित िायुयान प्रणाली ब्यौरे
1 जिजिष्ट पिचान संखया (यूआईएन)
2 मॉडल का नाम
3 कुल भार
भाग ख – अंतरणकताि (Transferor)/ स्ट्िामी के ब्यौरे
4 व्यजि या संगठन का पूरा नाम
20 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
5 आधार संखया (व्यजि के जलए)
6 भारतीय पासपोटि संखया (व्यजि जिजिष्ट के जलए)
7 ईमेल पता
8 आधार से सलंक मोबाइल संखया
9 पता
10 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक)
11 िीएसटीआईएन प्रमाणपत्र (िैकजल्पक)
12 संव्यििार की प्रकृजत ☐ अंतरण ☐ जिरजिस्ट्रीकरण (भाग ग छोड िें)
13 अंतरण की प्रकृजत (यदि लागू िो) ☐ जिक्रय ☐ लीज ☐ उपिार ☐ अन्य
भाग ग - अंतररती(Transferee) ब्यौरे (यदि लागू िो)
व्यजिगत ब्यौरे (यदि लागू िो)
14 पूरा नाम
15 मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो)
16 ईमेल पता
17 आधार संखया
18 भारतीय पासपोटि संखया
19 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक)
20 घर का पता
संगठन के ब्यौरे (यदि लागू िो)
21 संगठन का नाम
22 संगठन का पता
23 संगठन की रजिस्ट्रीकरण संखया
24 िीएसटीआईएन प्रमाणपत्र (िैकजल्पक)
[भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 21
25 जनिेिकों का नाम उनके डीआईएन के साथ
26 दकसी एक जनिेिक की आधार संखया
27 जनिेिक का ई-मेल पता
28 जनिेिक की मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो)
भाग घ – डी-रजिस्ट्रीकरण के ब्यौरे (यदि लागू िो)
29 जिरजिस्ट्रीकरण का कारण ☐ स्ट्थायी रूप से नष्ट ☐ स्ट्थायी रूप से क्षजतग्रस्ट्त
भाग ड. – फीस ब्यौरे
30 संव्यििार संखया
31 फीस रसीि
घोषणा
मैं, यि घोषणा करता हं दक इस में िी गई सभी सूचनाएं मेरी िानकारी एिं जिर्श्ास के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मुझे यि
ज्ञात िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै।
नाम:
तारीख: स्ट्थान:
प्ररुप डी - 4
(जनयम 34 और 35 िेखें)
ररमोट पायलट लाइसेंस के जलए आिेिन (आरपीटीओ द्वारा फाइल दकया िाना िै।)
भाग क - व्यजि का ब्यौरा
1 पूरा नाम
2 िन्म जतजथ (दिन मिीना िषि)
3 निीनतम फोटो
4 आधार संखया
22 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]
5 भारतीय पासपोटि संखया
6 ईमेल पता
7 फोन संखया
8 घर का पता
भाग ख - प्रजिक्षण ब्यौरे
9 प्रजिक्षण संगठन का नाम
10 प्रजिक्षण संगठन का डीिीसीए द्वारा प्रिि प्राजधकरण संखया
11 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगि ☐ जिमान ☐ रोटरक्राफ्ट ☐ िाइजिड
12 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का उप-िगि ☐ आरपीएएस ☐ मॉडल ☐ स्ट्िायि
13 मानि-रजित िायुयान प्रणाली की श्रेणी ☐ नैनो ☐ सूक्ष्म ☐ छोटे ☐ मर्धयम ☐ बडे
14 आरपीटीओ द्वारा िारी प्रिि प्रजिक्षण प्रमाणपत्र संख्या
भाग ग - फीस ब्यौरे
15 संव्यििार संखया
16 फीस रसीि
घोषणा
मैं, यि घोषणा करता हं दक इसमें िी गई सभी सूचनाऐं मेरी िानकारी एिं जिर्श्ास के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मुझे यि
ज्ञात िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै।
नाम:
तारीख: स्ट्थान:
प्ररुप डी-5
(जनयम 39 और 40 िेखें)
ररमोट पायलट प्रजिक्षण के संगठन के प्राजधकरण के जलए आिेिन
भाग क - व्यजि या संगठन के प्रमुख के ब्यौरे
8. 229221_Rules_Regulations.pdf
8. 229221_Rules_Regulations.pdf
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  • 1. 4754 GI/2021 (1) रजिस्ट्री सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99 xxxGIDHxxx xxxGIDExxx असाधारण EXTRAORDINARY भाग II—खण्ड 3—उप-खण्ड (i) PART II—Section 3—Sub-section (i) प्राजधकार से प्रकाजित PUBLISHED BY AUTHORITY नागर जिमानन मंत्रालय अजधसूचना नई दिल्ली, 25 अगस्ट्त, 2021 ड्रोन जनयम, 2021 सा.का.जन. 589(अ).—ड्रोन जनयम, 2021 का प्रारूप, जिसे केंद्रीय सरकार द्वारा मानि-रजित िायुयान प्रणाली जनयम, 2021 के अजधक्रमण में बनाया िाना प्रस्ट्ताजित दकया गया था, भारत सरकार के नागर जिमानन मंत्रालय की अजधसूचना संखयांक सा.का.जन. 489(अ), तारीख 15 िुलाई, 2021 को भारत के रािपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 3, उपखंड (i) में तारीख 15 िुलाई, 2021 को िायुयान अजधजनयम, 1934 (1934 का 22) की धारा 14 की अपेक्षा के अनुसार, इनसे प्रभाजित िोने िाले सभी संभाजित व्यजियों की ओर से जिजनर्ििष्ट अिजध से पूिि आपजियां और सुझाि आमंजत्रत करने के जलए प्रकाजित दकए गए थे; और, इस प्रकार जिजनर्ििष्ट अिजध के भीतर प्रारूप जनयमों के संबंध में प्राप्त आपजियों और सुझािों पर जिचार कर जलया गया िै; अत:, अब, केंद्रीय सरकार, िायुयान अजधजनयम, 1934 (1934 का 22) की धारा 5, धारा 10 की उपधारा (2), और धारा 10क, धारा 10ख और धारा 12क द्वारा प्रिि िजियों का प्रयोग करते हुए, जनम्नजलजखत जनयम बनाती िै, अथाित् :-- सं. 477] नई दिल्ली, बुधिार, अगस्ट्त 25, 2021/भाद्र 3, 1943 No. 477] NEW DELHI, WEDNESDAY, AUGUST 25, 2021/BHADRA 3, 1943 सी.जी.-डी.एल.-अ.-26082021-229221 CG-DL-E-26082021-229221
  • 2. 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] भाग I प्रारंजभक 1. संजक्षप्त नाम और प्रारंभ— (1) इन जनयमों का संजक्षप्त नाम ड्रोन जनयम, 2021 िै। (2) ये रािपत्र में इनके प्रकािन की तारीख को प्रिृि िोंगे। 2. लागू िोना—(1) ये जनयम जनम्नजलजखत पर लागू िोंगे, – (क) भारत में दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली का स्ट्िाजमत्ि या कब्िा रखने िाले या इसके पट्टे पर िेने, प्रचालन, अन्तरण या रखरखाि में लगे सभी व्यजियों पर; (ख) भारत में रजिस्ट्रीकृत सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों पर; और (ग) तत्समय भारत में या भारत के ऊपर प्रचाजलत की िा रिी सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों पर। (2) 500 दकलोग्राम से अजधक, अजधकतम समग्र भार िाले दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली के मामले के जसिाय, िायुयान जनयम, 1937 के उपबंध, मानि-रजित िायुयान प्रणाली पर लागू निीं िोंगे । (3) ये जनयम भारत संघ की नौसेना, थलसेना या िायुसेना से संबंजधत या उनके द्वारा प्रयुि दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली पर लागू निीं िोंगे। 3. पररभाषाएं — (1) इन जनयमों में, िब तक दक संिभि में अन्यथा अपेजक्षत न िो, – (क) ‘’अजधजनयम’’ से िायुयान अजधजनयम, 1934 (1934 का 22) अजभप्रेत िै; (ख) “िुघिटना” से, दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रचालन से संबद्ध कोई िुघिटना अजभप्रेत िै, जिसमें कोई व्यजि घातक या गंभीर रूप से घायल िो िाता िै या मानि-रजित िायुयान प्रणाली को अत्यजधक क्षजत पहुंचती िै या मानि-रजित िायुयान प्रणाली गुम िो िाती िै या पूरी तरि से पहुंच से बािर िो िाती िै; (ग) “िायुयान” से िायु से, भारी ऊिाि-चाजलत िायुयान अजभप्रेत िै, िो अपनी उडान मुखयत: भूतलों पर एयरोडायनेजमक प्रजतदक्रयाओं से संचाजलत करता िै िो उडान की िी गई जस्ट्थजतयों के अधीन जनयत रिता िै; (घ) “प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन” से, जनयम 39 के अधीन प्रजिक्षण प्रिान करने के प्रयोिन से मिाजनिेिक द्वारा प्राजधकृत कोई भी संगठन अजभप्रेत िै; (ड.) ‘’प्राजधकृत परीक्षण जनकाय’’ से, मिाजनिेिक या भारतीय गुणििा पररषि द्वारा टाइप प्रमाणीकरण के जलए, मानि-रजित िायुयान प्रणाली का परीक्षण करने के प्रयोिन से प्राजधकृत कोई इकाई अजभप्रेत िै; (च) "संजििाकारी राज्य" का अथि दकसी भी िेि से िै िो 7 दिसंबर 1944 को जिकागो में संपन्न अंतरािष्ट्रीय नागर जिमानन पर अजभसमय का एक पक्षकार िै; (छ) “जडिीटल स्ट्काई प्लेटफामि” से नागर जिमानन मिाजनिेिालय द्वारा भारत में मानि-रजित िायुयान प्रणाली गजतिजधयों के प्रबंधन से संबंजधत जिजभन्न गजतजिजधयों के जलए िोस्ट्ट दकया गया ऑनलाइन प्लेटफामि अजभप्रेत िै;
  • 3. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 3 (ि) “मिाजनिेिक” से, अजधजनयम की धारा 4क के अधीन जनयुि नागर जिमानन का मिाजनिेिक अजभप्रेत िै; (झ) “ड्रोन” से कोई मानि-रजित िायुयान प्रणाली अजभप्रेत िै; (ञ) “ड्रोन पािती संखया” से, भारत में मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए स्ट्िैजछछक प्रकटीकरण योिना के अधीन जडिीटल स्ट्काई प्लेटफामि द्वारा िारी जिजिष्ट संखया अजभप्रेत िै; (ट) “जियो-फें ससंग” से दकसी पररभाजषत िायुक्षेत्र के भीतर मानि-रजित िायुयान प्रणाली के आिागमन को प्रजतबंजधत दकया िाना अजभप्रेत िै; (ठ) “ग्रीन िोन” से, भूजमक्षेत्र या भारत के राज्यक्षेत्रीय समुद्र से 400 फु ट या 120 मीटर की उध्ििाधर (vertical) िूरी तक के िायुक्षेत्र, जिसे मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालनों के जलए िायुक्षेत्र के मानजचत्र में रेड िोन या येलो िोन के रूप में नाजमत निीं दकया गया िै और दकसी प्रचालजनक ििाईअड्डे की पररजध से 8 दकमी और 12 दकमी की क्षैजति (lateral) िूरी के बीच भूजम से ऊपर 200 फु ट या 60 मीटर के िायुक्षेत्र में जस्ट्थत िै: "येलो जोन" का अथि भारत के भूजम क्षेत्रों या प्रािेजिक िल के ऊपर पररभाजषत आयामों के ििाई क्षेत्र से िै, जिसके भीतर मानि-रजित जिमान प्रणाली पररचालन प्रजतबंजधत िै, और इसके जलए संबंजधत ििाई यातायात जनयंत्रण प्राजधकरण से अनुमजत की आिश्यकता िोगी। जिजनर्ििष्ट ग्रीन जोन में 400 फीट या 120 मीटर से ऊपर का ििाई क्षेत्र और एक पररचालन ििाई अड्डेकी पररजध से 8 दकलोमीटर और 12 दकलोमीटर की पार्श्ि िूरी के बीच जस्ट्थत क्षेत्र में 200 फीट या 60 मीटर से ऊपर के ििाई क्षेत्र को येलो जोन के रूप में नाजमत दकया िाएगा ; "रेड जोन" का अथि िै भारत के भूजम क्षेत्रों या क्षेत्रीय िल के ऊपर, या भारत के क्षेत्रीय िल से परे केंद्र सरकार द्वारा जिजनर्ििष्ट कोई स्ट्थापना या अजधसूजचत बंिरगाि सीमा में पररभाजषत आयामों का ििाई क्षेत्र, जिसके भीतर केंद्र सरकार द्वारा मानि-रजित जिमान प्रणाली संचालन की अनुमजत िोगी; (ड) ‘’िाईजिड मानि-रजित िायुयान’’ से, िायु से अजधक भारी मानि-रजित िायुयान अजभप्रेत िै िो िर्टिकल टेक-ऑफ और लैंसडंग में सक्षम िो, िो दक सैद्धांजतक रूप से इन उडानों के िौरान जलफ्ट के जलए ऊिाि-चाजलत जलफ्ट उपकरणों या इंिन थ्रस्ट्ट पर तथा क्षैजति उडान के िौरान जलफ्ट के जलए नान-रोटेटटंग एयरफायल पर जनभिर करता िै; (ढ) ‘’संजििाकारी राज्य’’ से, ऐसा कोई िेि अजभप्रेत िै िो तारीख 7 दिसंबर, 1944 को जिकागो में संपन्न अंतरराष्ट्रीय नागर जिमानन पर अजभसमय का पक्षकार िै; (ण) ‘’मॉडल ररमोटली पायलेटेड िायुयान प्रणाली’’ से, केिल िैक्षजणक, अनुसंधान, जडिाइन, परीक्षण या मनोरंिन के प्रयोिन के जलए प्रयुि और जििुअल लाइन ऑफ साइट के भीतर प्रचाजलत 25 दकलोग्राम से अनजधक समग्र भार िाला ररमोटली पायलेटेड िायुयान प्रणाली अजभप्रेत िै; (त) ’’‘प्रचालक’’ से, एक मानि-रजित िायुयान प्रणाली िाले प्रचालन में जनयोजित या जनयोजित िोने की प्रस्ट्थापना करने िाला व्यजि अजभप्रेत िै;
  • 4. 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] (थ) “व्यजि” के अंतगित कोई व्यजष्ट, कंपनी, फमि, व्यजियों का समूि, व्यजष्टयों का जनकाय, स्ट्थानीय प्राजधकरण, कोई जिजधक जनकाय, चािे िि जनगजमत िो या निीं, केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार या इनकी कोई इकाई िाजमल िैं; (ि) “प्रोटोटाइप मानि-रजित िायुयान प्रणाली” से, कोई मानि-रजित िायुयान प्रणाली अजभप्रेत िै, जिसे अनुसंधान और जिकास के प्रयोिन से या उडनयोग्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त करने िेतु जिकजसत दकया गया िै; (ध) ‘‘भारतीय गुणित्ता पररषि’’ से, भारत सरकार द्वारा भारतीय उद्योग के साथ संयुि रूप से, राष्ट्रीय प्रत्यायन संरचना स्ट्थाजपत और प्रचाजलत करने और गुणििा को प्रोत्साजित करने के जलए गरठत स्ट्िायि जनकाय अजभप्रेत िै; (न) “रेड िोन” से, भारत के भूक्षेत्र या राज्यक्षेत्रीय समुद्र के ऊपर या भारत के राज्यक्षेत्रीय समुद्र के बािर केंद्रीय सरकार द्वारा जिजनर्ििष्ट दकसी स्ट्थापना या अजधसूजचत पिन सीमाओं के ऊपर का पररभाजषत आयामों िाला िायुक्षेत्र अजभप्रेत िै, जिसके भीतर केंद्रीय सरकार द्वारा असाधारण पररजस्ट्थजतयों में मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रचालन की अनुमजत िी िाएगी; (प) ‘‘ररमोट पायलट’’ से, प्रचालक द्वारा दकसी मानि-रजित िायुयान के प्रचालन के जलए अजनिायि कतिि्यों सजित प्रभाररत कोई व्यजष्ट अजभप्रेत िै और िो उडान समय के िौरान उडान जनयंत्रणों को यथा समीचीन, िाथ में लेता और संचाजलत करता िै; (फ) “ररमोट पायलट लाइसेंस” से मिाजनिेिक द्वारा जनयम 34 के अधीन दकसी व्यजष्ट को िारी की गई अनुज्ञजप्त अजभप्रेत िै; (ब) “ररमोट पायलट स्ट्टेिन” से ररमोट द्वारा पायलट दकए िा रिे िायुयान को पायलट करने के जलए प्रयुि उपस्ट्करों को समाजिष्ट करने िाली ररमोट द्वारा संचाजलत िायुयान प्रणाली का घटक अजभप्रेत िै; (भ) “ररमोट द्वारा संचाजलत िायुयान” से ऐसा कोई मानि-रजित िायुयान अजभप्रेत िै, जिसे दकसी ररमोट पायलट स्ट्टेिन से संचाजलत दकया िाता िै; (म) “ररमोट संचाजलत िायुयान प्रणाली” से, ररमोट पायलट स्ट्टेिन से सियुि ररमोटली पायलेटेड िायुयान को अपेजक्षत कमांड और कंरोल सलंक्स तथा टाईप जडिाइन में जिजनर्ििष्ट अन्य अियि अजभप्रेत िैं; (य) “रोटरक्राफ्ट” से, मूलत: ऊर्धिािधर अक्ष पर एक या अजधक िजि चाजलत रोटर पर ििा की प्रजतदक्रयाओं द्वारा उडान में समर्थित िायु से अजधक भारी िायुयान अजभप्रेत िै; (यक) “टाइप प्रमाण-पत्र” से, मिाजनिेिक या मिाजनिेिक द्वारा प्राजधकृत दकसी अन्य इकाई द्वारा िारी दकया गया प्रमाणपत्र अजभप्रेत िै जिसमें यि प्रमाजणत दकया गया िो दक दकसी जिजनर्ििष्ट प्रकार की मानि-रजित िायुयान प्रणाली, इन जनयमों के अधीन जिजनर्ििष्ट अपेक्षाओं को पूरा करती िो; (यख) “मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रकार” से, उन उपांतरों के जसिाय, जिसके पररणामस्ट्िरूप िैंडसलंग या उडान जििेषताओं में पररितिन िोता िै, सभी उपांतरों के साथ एक िी मूल जडिाइन की सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयां अजभप्रेत िैं;
  • 5. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 5 (यग) “जिजिष्ट पिचान संखया” से, भारत में दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली को रजिस्ट्रीकृत करने के जलए िारी दकया गया जििेष पिचान संखया अजभप्रेत िै; (यघ) “मानि-रजित िायुयान प्रणाली” से, कोई ऐसा िायुयान अजभप्रेत िै, िो स्ट्िायत रूप से उडान भर सकता िै या जिन्िें उडान में जबना दकसी पायलट के प्रचाजलत दकया िा सकता िै; (यङ) “मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन प्रणाली” से, ऐसी प्रणाली अजभप्रेत िै, िो मानि- रजित िायुयान यातायात के संरजक्षत और त्िररत प्रिाि के जलए यातयात प्रबंधन मुिैया कराती िै और व्यजियों, सूचना, प्रोद्योजगकी, सुजिधाओं और सेिाओं के, सियोगी एकीकरण के मार्धयम से मानियुि तथा मानि-रजित िायुयान के बीच टकराि से बचाती िै; (यच) “येलो िोन” से, भारत के भूक्षेत्रों या राज्यक्षेत्रीय समुद्र के ऊपर पररभाजषत आयामों िाला िायुक्षेत्र अजभप्रेत िै जिसके भीतर मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन प्रजतबंजधत िै और जिसके जलए संबंजधत ििाई यातयात जनयंत्रण प्राजधकारी की ओर से अनुमजत अपेजक्षत िोगी। (2) उन िब्िों और पिों के, िो इसमें प्रयुि िैं और पररभाजषत निीं िैं, दकन्तु िायुयान अजधजनयम, 1934 और िायुयान जनयम, 1937 में पररभाजषत िैं, ििी अथि िोंगे, िो उि अजधजनयम या जनयमों में िैं। भाग II मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण 4. मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण – (1) मानि-रजित िायुयान प्रणाली को जनम्नजलजखत तीन प्रिगों में िगीकृत दकया िाएगा, अथाित् :-- (क) एयरोप्लेन; (ख) रोटरक्राफ्ट; (ग) िाईजिड मानि-रजित िायुयान प्रणाली। (2) एयरोप्लेन, रोटरक्राफ्ट और िाईजिड मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों को आगे जनम्नानुसार उप-िगीकृत दकया िाएगा- (क) ररमोट द्वारा संचाजलत िायुयान प्रणाली ; (ख) ररमोट द्वारा संचाजलत मॉडल िायुयान प्रणाली; और (ग) स्ट्िायि मानि-रजित िायुयान प्रणाली । 5. मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का िगीकरण — मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों को पेलोड सजित उनके अजधकतम समग्र भार के आधार पर जनम्नानुसार िगीकृत दकया िाएगा:- (क) अजत सूक्ष्म मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 250 ग्राम से कम या बराबर; (ख) सूक्ष्म मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 250 ग्राम से अजधक दकन्तु 2 दकलोग्राम से कम या बराबर; (ग) लघु मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 2 दकलोग्राम से अजधक दकन्तु 25 दकलोग्राम से कम या बराबर;
  • 6. 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] (घ) मर्धयम मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 25 दकलोग्राम से अजधक दकन्तु 150 दकलोग्राम से कम या बराबर; तथा (ड.) जििाल मानि-रजित िायुयान प्रणाली: 150 दकलोग्राम से अजधक । भाग III मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रमाणन 6. साधारण - कोई भी व्यजि भारत में मानि-रजित िायुयान का प्रचालन तब तक निीं करेगा िब तक दक ऐसी मानि-रजित जिमान प्रणाली, टाईप प्रमाणपत्र के अनुरूप न िो या इन जनयमों के अधीन इसे, टाईप प्रमाणपत्र की अपेक्षा से छूट प्राप्त न िो। 7. प्रमाणन मानक – केंद्रीय सरकार, भारतीय गुणििा पररषि की जसफाररि पर मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों के जलए टाईप प्रमाणपत्र प्राप्त करने िेतु रािपत्र में अजधसूचना द्वारा मानकों को जिजनर्ििष्ट कर सकेगी और ऐसे मानक जनम्नजलजखत प्रयोग को संिर्धित कर सकते िैं- (क) भारत में जनर्मित प्रौद्योजगकी, जडिाइन, घटकों और मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों; और (ख) भारतीय कोंस्ट्टेलेिन नैजिगेिन नामक भारत की क्षेत्रीय दिक्चालन उपग्रि प्रणाली के उपयोग को बढािा िे सकेंगे। 8. टाइप प्रमाणन – मिाजनिेिक या इस संबंध में मिाजनिेिक द्वारा प्राजधकृत कोई इकाई, भारतीय क्िाजलटी पररषि या कोई प्राजधकृत इकाई की जसफाररि पर, दकसी जििेष प्रकार के मानि-रजित िायुयान के जलए टाईप प्रमाणपत्र िारी कर सकता िै। 9. आिेिन और टाइप प्रमाण पत्र िारी करने की प्रदक्रया – (1) कोई भी ि्यजि, िो टाईप प्रमाणपत्र प्राप्त करना चािता िै, उसे जनयम 46 में जिजनर्ििष्ट िुल्क सजित, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-1 के मार्धयम से आिेिन करना िोगा, और उसे, उसमें जनम्नजलजखत सूचना प्रिान करनी िोगी: (क) आिेिक का जििरण; (ख) उसमें यथा जिजनर्ििष्ट प्रोटोटाईप मानि-रजित िायुयान प्रणाली के संबंध में जििरण और अपेजक्षत िस्ट्तािेि; और (ग) उसमें यथा जिजनर्ििष्ट प्रोटोटाईप मानि-रजित िायुयान प्रणाली, जिसे भौजतक रूप से प्राजधकृत परीक्षण इकाई को सौंपा िाएगा । (2) भारतीय गुणििा पररषि (क्यूसीआई) या अजधकृत परीक्षण इकाई, प्रस्ट्ताि की परीक्षा करेगी और आिेिन प्राप्त िोने की तारीख के साठ दििस के भीतर अपनी जसफाररिों के साथ परीक्षण ररपोटि मिाजनिेिक को प्रस्ट्तुत करेगी। (3) मिाजनिेिक, उप जनयम (2) के अधीन जसफाररिों के साथ प्राप्त हुई परीक्षण ररपोटि के आधार पर समाधान िोने पर, ऐसी परीक्षण ररपोटि प्राप्त िोने के पंद्रि दििस के भीतर, आिेिक को जिजिष्ट प्रकार के मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए एक टाइप प्रमाणपत्र िारी करेंगे। 10. जििेिी जनयामकों द्वारा दिए गए अनुमोिनों की स्ट्िीकृजत – मिाजनिेिक, केंद्रीय सरकार द्वारा रािपत्र में अजधसूचना द्वारा यथाजिजनर्ििष्ट ऐसे संजििाकारी राि्यों द्वारा अनुिि स्ट्िकृती के आधार पर दकसी प्रकार की मानि-रजित िायुयान प्रणाली को, उस प्रकार की मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए टाईप प्रमाणन िारी कर सकेगा।
  • 7. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 7 11. आयात - मानि-रजित िायुयान के आयात को, जििेि व्यापार मिाजनिेिालय या केन्द्रीय सरकार द्वारा प्राजधकृत दकसी अन्य इकाई द्वारा जिजनयजमत दकया िाएगा। 12. आज्ञापक सुरक्षा जििेषताएं - (1) केंद्रीय सरकार, दकसी मानि-रजित िायुयान के स्िामी द्वारा उस पर संस्थाजपत की िानी िाली सुरक्षा जििेषताओं को, अजधसूजचत करेगी, जिसमें अन्य जििेषताओं के साथ जनम्नजलजखत जििेषताएं सजम्मजलत िो सकती िै, अथाित:-- (क) 'नो परमीिन - नो टेकऑफ' िाडििेयर और फमििेयर; (ख) रीयल-टाइम रैककंग बीकन िो मानि-रजित िायुयान प्रणाली के स्ट्थान, ऊ ं चाई, गजत और जिजिष्ट पिचान संखया को संसूजचत करेगा; तथा (ग) जियो फैं ससंग क्षमता। (2) मानि-रजित िायुयान पर स्ट्िाजमत्ि रखने िाले सभी व्यजि, ऐसी अिजध के भीतर, िो प्रकािन की तारीख से छि मास से कम निीं िोगी, िैसा केंद्रीय सरकार जिजनर्ििष्ट करे, उपधारा (1) के अधीन अजधसूजचत सुरक्षा जििेषताओं को अंगीकृत करेंगे । 13. कजतपय मामलों में टाईप प्रमाण पत्र प्राप्त दकए िाने से छूट – जनम्नजलजखत के जिजनमािण, आयात या प्रचालन के जलए, दकसी टाईप प्रमाणपत्र की आिश्यकता निीं िोगी - (क) मॉडल ररमोटली पायलट एयरक्राफ्ट प्रणाली; और (ख) नैनो मानि-रजित िायुयान प्रणाली। भाग IV मानि-रजित िायुयान प्रणाली का रजिस्ट्रीकरण 14. साधारण - (1) कोई भी व्यजि दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली को जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर पिले रजिस्ट्रीकृत और जिजिष्ट पिचान संखया प्राप्त दकए जबना प्रचालन निीं करेगा, िब तक दक इन जनयमों के अधीन जिजिष्ट पिचान संखया की अपेक्षा से छूट निीं जमली हुई िो। (2) ऐसी सभी मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का रजिस्ट्रीकृत अजभलेख मिाजनिेिक द्वारा अनुरजक्षत दकया िाएगा, जिन्िे इन जनयमों के अधीन जिजिष्ट पिचान संखया िारी की गई िै । (3) यि सुजनजित करने का उत्तरिाजयत्ि, मानि-रजित िायुयान प्रणाली को प्रचाजलत करने िाले व्यजि की िोगी दक ऐसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली जिजधमान्य टाईप प्रमाणपत्र के अनुरूप िो। 15. रजिस्ट्रीकरण के जलए आिेिन और प्रदक्रया – (1) कोई व्यजि िो मानि-रजित िायुयान प्रणाली को रजिस्ट्रीकृत कराने और जिजिष्ट पिचान संखया प्राप्त करने का आिय रखता िै, जनयम 46 में यथा जिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-2 में आिेिन करेगा और अपेजक्षत जििरण जिसके अंतगित टाईप प्रमाणपत्र की िो मानि-रजित िायुयान प्रणाली अनुरूप िै, जिजिष्ट संखया भी, प्रिान करेगा । (2) जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि, इस जििरण का सत्यापन करेगा और आिेिक को जिजिष्ट पिचान संखया िारी करेगा। (3) मानि-रजित िायुयान प्रणाली की जिजिष्ट पिचान संखया को, जनमािता द्वारा प्रिान दकए गए जिजिष्ट क्रम संख्या और उसके उडान जनयंत्रण मॉड्यूल और ररमोट पायलेट स्ट्टेिन की जिजिष्ट क्रम संखया से सलंक दकया िाएगा।
  • 8. 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] (4) कोई भी व्यजि, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर नए फ्लाइट कंरोल मॉड्यूल या ररमोट पायलेट स्ट्टेिन की जिजिष्ट क्रम संख्या को ऐसे प्रजतस्ट्थापन की तारीख से सात दििस की अिजध के भीतर अथिा इस प्रकार की मानि-रजित िायुयान प्रणाली को प्रचाजलत करने से पिले, िो भी पिले िो अपडेट दकए जबना, मानि-रजित िायुयान प्रणाली के फ्लाइट कंरोल मॉड्यूल या ररमोट पायलेट स्ट्टेिन को निीं बिलेगा, जिसकी क्रम संखया, ऐसे मानि-रजित िायुयान की जिजिष्ट पिचान संखया से सलंक िै। 16. जिद्यमान मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का रजिस्ट्रीकरण – (1) तारीख 30 निंबर 2021 को या उससे पिले भारत में जिजनर्मित या भारत में आयात दकए गए मानि-रजित िायुयान पर स्ट्िाजमत्ि रखने िाला ि्यजि, उक्त तारीख के इकतीस दिनों की अिजध के भीतर, जनयम 46 में यथा जिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-2 में अपेजक्षत जििरण प्रिान करके रजिस्ट्टर कराने और जिजिष्ट पिचान संखया प्राप्त करने के जलए आिेिन करेगा । (2) जडजिटल स्काई प्लेटफॉमि, उपजनयम (1) के अधीन प्रस्ट्तुत दकए गए इस जििरण का सत्यापन करेगा और आिेिक को जिजिष्ट पिचान संखया िारी करेगा, यदि -- (क) मानि-रजित िायुयान प्रणाली के पास उपधारा (1) में उजल्लजखत तारीख या पर उसके पिले जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि द्वारा िारी एक जिजधमान्य ड्रोन पािती संखया िो; (ख) मानि-रजित िायुयान प्रणाली के पास, मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जलए माल और सेिा कर संित्त दकए िाने का जबल िो; और (ग) मानि-रजित िायुयान की यि प्रणाली, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मिाजनिेिक द्वारा प्रकाजित मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों की सूची का जिस्ट्सा िो। 17. मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का अंतरण – (1) कोई व्यजि, जनयम 46 में यथा जिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर डी-3 प्ररूप में, अंतरक, अंतररती और मानि-रजित िायुयान प्रणाली की जिजिष्ट पिचान संखया का अपेजक्षत जििरण िेने के पश्चात्, दकसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली का दकसी अन्य व्यजि को जिक्रय, पट्टा, उपिार या दकसी अन्य रीजत से अंतरण कर सकेगा । (2) उपजनयम (1) में जनर्ििष्ट अंतरण, मिाजनिेिक द्वारा अनुरजक्षत रजिस्ट्रीकरण अजभलेख में प्रभािी िोंगे और अंतरक, अंतररती तथा जिजिष्ट पिचान संखया के इलैक्राजनक सत्यापन के पश्चात्, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि पर संव्यििार संखया िजनत िोगी । 18. मानि-रजित िायुयान प्रणाजलयों का डी-रजिस्ट्रीकरण – (1) ििां दकसी व्यजि के नाम से रजिस्ट्रीकृत कोई मानि- रजित िायुयान प्रणाली स्ट्थायी रूप से खो गई िै या क्षजतग्रस्ट्त िो गई िै, ििां उसका स्िामी, उसके खोने या क्षजतग्रस्ट्त िोने के युजियुि जनष्कषि पर पहुंचने पर, जनयम 46 में यथाजिजनर्ििष्ट िुल्क के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि को डी-3 प्ररूप में आिेिन प्रस्ट्तुत करके, ऐसी मानि-रजित िायुयान प्रणाली के जिरजिस्ट्रीकरण के जलए आिेिन करेगा। (2) उपजनयम (1) में जनर्ििष्ट जिरजिस्ट्रीकरण, मिाजनिेिक द्वारा अनुरजक्षत रजिस्ट्रीकरण अजभलेख में प्रभािी िोंगे और जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि पर उनकी संव्यििार संखया िजनत िोगी।
  • 9. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 9 भाग V मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन 19. एयरस्ट्पेस मैप—केंद्रीय सरकार, इन जनयमों की अजधसूचना की तारीख के तीस दििस के भीतर, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर, मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए एक ििाई क्षेत्र का नक्िा, िो भारत के पूरे ििाई क्षेत्र को 10 मीटर या इससे स्ट्पष्ट (फाइन) िााँररिान्टल रेसोल्यूिन के साथ, लाल, पीले और िरे क्षेत्रों में जिभि करता िै, प्रकाजित कर सकती िै। 20. इंटर-एजक्टि मैप्स – मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए ििाई क्षेत्र का नक्िा, एक मिीन रीडेबल एजप्लकेिन प्रोग्रासमंग इंटरफे स (एपीआई) और इंटर-एजक्टि के मार्धयम से प्रोग्रामेरटक रूप से सुलभ िोने के जलए जडजाइन दकया िाएगा, जिससे मानि-रजित िायुयान प्रणाली पायलट, अपनी प्रस्ट्ताजित उडान योिना का आधार तैयार कर सके और आसानी से उस क्षेत्र की पिचान कर सकें, जिसके भीतर यि आता िै जिससे यि आकलन दकया िा सके दक उन्िें पूिि अनुमोिन के जलए आिेिन करने की आिश्यकता िै या निीं। 21. क्षेत्रीय जनबंधनों का, उडान-पूिि आज्ञापक सत्यापन – मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन िुरू करने से पिले, ररमोट पायलट को, प्रचालन के इजछछत क्षेत्र में मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए लागू दकसी भी अजधसूचना या जनबंधन की िानकारी के जलए जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि से आज्ञापक रूप से सत्याजपत कराना िोगा। 22. पूिि अनुमजत की आिश्यकता – (1) कोई भी व्यजि, पूिि अनुमजत के जबना रेड िोन या येलो िोन में मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन निीं करेगा। (2) जनयम 21 के प्रािधानों के अधीन ग्रीन िोन में मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रचालन के जलए पूिि अनुमजत की आिश्यकता निी िोगी। 23. िोसनंग की गजतिील प्रकृ जत – केंद्रीय सरकार, दकसी क्षेत्र की जस्ट्थजत को एक क्षेत्र से िूसरे में बिलने के जलए, समय- समय पर मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन के जलए जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर ििाई क्षेत्र के नक्िे को अपडेट कर सकेगी और इस तरि का कोई भी पररितिन इस तरि के अपडेट की तारीख के सात दििस बाि िी प्रभािी िोगा। 24. अस्ट्थायी रेड िोन – (1) यदि दकसी जिजनर्ििष्ट क्षेत्र में मानि-रजित िायुयान प्रणाली उडानों को अस्ट्थायी रूप से प्रजतबंजधत करने की तत्काल आिश्यकता िै, तो संबंजधत राज्य सरकार या संघ राज्यक्षेत्र प्रिासन या जिजध प्रितिन अजभकरण, इसे जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से अजधसूजचत करके और ििाई क्षेत्र के नक्िे पर िाईलाइट करके, ऐसे जनर्ििष्ट क्षेत्र में एक समय में जछयानिे घंटे से अनजधक की अिजध के जलए अस्ट्थायी रेड िोन घोजषत कर सकेंगे। (2) अस्ट्थायी रेड िोन की घोषणा, ऐसे दकसी अजधकारी द्वारा की िाएगी, िो पुजलस अधीक्षक या उसके समतुल्य स्तर से नीचे की पंजि का न िो । ऐसा अजधकारी, अस्ट्थायी रेड िोन के आकार को युजियुक्त रखने का प्रयास करेगा, न दक बढाने का। (3) उपजनयम (1) के अंतगित इस प्रकार घोजषत दकए गए प्रजतबंधों के संबंध में अस्ट्थाई रेड िोन की पररजध से पांच दकलोमीटर की िूरी के भीतर जिजिष्ट पिचान संखया के धारकों को जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि के मार्धयम से या इलैक्राजनक मार्धयम से सूजचत करने का प्रयास दकया िाएगा, परंतु इस प्रकार की िानकारी प्राप्त निीं िोना, एक मानि-रजित िायुयान पायलट को एक मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचालन िुरु करने से पिले जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि पर क्षेत्रीय प्रजतबंधों को सत्याजपत करने की जिम्मेिारी से मुि निीं करेगा। 25. जडजिटल स्ट्काई प्लेटफामि तक पहुाँच –राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन और कानून प्रितिन अजधकरण के नोडल अजधकाररयों को जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि तक सीधी पहुंच प्रिान की िाएगी।
  • 10. 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 26. सुरजक्षत प्रचालन - कोई भी व्यजि, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, दकसी भी रीजत में मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन निीं करेगा, जिससे दकसी भी व्यजि या संपजि की संरक्षा और सुरक्षा को खतरा िो। 27. िजथयारों, गोला-बारूि, जिस्ट्फोटकों, सैन्य भंडारणों आदि के ले िाने पर प्रजतबंध- कोई भी व्यजि, दकसी भी मानि- रजित िायुयान प्रणाली में भारत से/भारत के जलए, भारत के भीतर या उसके ऊपर, युद्ध के दकसी भी िजथयार, गोला-बारूि, युद्ध सामग्री, युद्ध के उपकरण, जिस्ट्फोटक और सैन्य भंडार, को केंद्रीय सरकार या केंद्रीय सरकार द्वारा अजधकृत दकसी अन्य व्यजि की जलजखत अनुज्ञा के जसिाय और ऐसी अनुमजत के जनबंधनों तथा ितों के अर्धयधीन रिते हुए न तो लेकर िाएगा और न िी इसके जलए अनुमजत िेगा। 28. खतरनाक माल का ििन- कोई भी व्यजि मानि-रजित िायुयान पर खतरनाक सामान निीं ले िाएगा, िब तक दक ऐसा प्रचालन, जिमान (िोजखमपूणि सामान की ढुलाई) जनयम, 2003 के अनुपालन में न िो। 29. मागि का अजधकार - मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन करने िाला कोई भी व्यजि, मानियुि िायुयान के मागि के अजधकार का उल्लंघन निीं करेगा। 30. िुघिटना की अजनिायि ररपोर्टंग - मानि-रजित िायुयान प्रणाली से िुडी िुघिटना के अडतालीस घंटे के भीतर, ऐसे मानि- रजित िायुयान प्रणाली का ररमोट पायलट, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से मिाजनिेिक को िुघिटना की ररपोटि करेगा। भाग VI ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त 31. सामान्य. – जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर सूचीबद्ध, िैध ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त धारक के अजतररक्त कोई भी सामान्य व्यजि मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रचाजलत निीं करेगा। 32. िगीकरण. – ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त में जििेष रूप से मानि-रजित िायुयान प्रणाली के िगि, उप-िगि और श्रेणी या इनके संयोिन जिनके जलए यि िारी की गई िै उजल्लजखत िोगें । 33. पात्रता. – कोई व्यजि ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त प्राप्त करने के जलए पात्र िोगा यदि िो: (क) जिसकी न्यूनतम उम्र 18 िषि तथा अजधकतम उम्र 65 िषि िो; (ख) दकसी मान्यता प्राप्त बोडि से िसिीं परीक्षा या उसके समतुल्य परीक्षा उिीणि की िों; और (ग) दकसी मान्यताप्राप्त ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन से, िो मिाजनिेिक द्वारा जिजनर्ििष्ट दकया गया िो ऐसा प्रजिक्षण सफलतापूििक पूरा चुका िो। 34. ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त प्राप्त करने की प्रदक्रया – (1) कोई व्यजि िो मानि रजित जिमान प्रणाली या उसके संयोिन के दकसी प्रिगि, उपप्रिगि या िगि के जलए ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त को प्राप्त करने की इछछा रखता िै तो िि ऐसे प्रिगि, उपप्रिगि या िगि के जलए मिाजनिेिक द्वारा जिजनर्ििष्ट प्रजिक्षण पूरा करेगा और प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन द्वारा संचाजलत परीक्षा उत्तीणि करेगा । (2) उपजनयम (1) के अधीन प्रजिक्षण और परीक्षा को सफलतापूििक पूरा करने के सात दिनों के भीतर उन व्यजियों के जिन्िोंने परीक्षा उत्तीणि कर ली िै के ब्यौरे उपलब्ध कराने के जलए प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन जनयम, 46 में यथाजिजनर्ििष्ट फीस के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप डी-4 में ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त के जलए आिेिन कर सकेगा। (3) व्यजि जिसके संबंध में उपजनयम (2) के अधीन प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन द्वारा आिेिन दकया गया िै तो जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से ऐसे व्यजि को ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त िारी की िाएगी ।
  • 11. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 11 (4) मिाजनिेिक उपजनयम (3) के अधीन ररमोट पायलट प्रमाणपत्र के िारी करने की तारीख से पद्रंि दिनों के भीतर जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि के मार्धयम से ऐसे व्यजि को ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त िारी करेगा । 35. अनुज्ञजप्त की िैधता. – कोई ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त - (क) तभी मान्य िोगा िब िि जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर सूचीबद्ध िो। (ख) िब तक दक जनलंजबत अथिा रद्द न कर दिया गया िो, िस िषि की अिजध के जलए िैध रिता िै। (ग) जनयम 46 में यथाजिजनर्ििष्ट फीस को संिाय दकए िाने पर मिाजनिेिक द्वारा ऐसी अिजध के जलए िो उसमें जिजनर्ििष्ट की िाए िस िषों की अिजध के अर्धयाधीन निीकृत दकया िा सकता िै: परन्तु ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त धारक ऐसे पुनियाि पाठ्यक्रम को पूरा करेगा िो समय-समय पर जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मिाजनिेिक द्वारा जनर्ििष्ट दकया िाए। 36. अनुज्ञजप्त प्राप्त करने से छूट – दकसी भी ऐसे व्यजि के जलए ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त की आिश्यकता निीं िोगी िो – (क) नैनो मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन कर रिा िो; और (ख) गैर-िाजणजज्यक उद्देश्यों के जलए माइक्रो मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रचालन कर रिा िो। भाग VII ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन 37. सामान्य – प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन के अलािा कोई व्यजि, ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त के जलए दकसी व्यजि को प्रजिक्षण प्रिान निीं कर सकता। 38.पात्रता – दकसी ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन को तब तक प्रजिक्षण िेने के जलए प्राजधकृत निीं दकया िाएगा िब तक िि मिाजनिेिक द्वारा जनधािररत पात्रता के सभी मापिंडों को पूरा निीं कर लेता िै। 39.प्राजधकार प्राप्त करने की प्रदक्रया – (1) कोई भी व्यजि िो ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन स्ट्थाजपत करने के जलए प्राजधकार की मांग कर रिा िै, िि, जनयम 46 में जनर्ििष्ट सेिा िुल्क के साथ जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर प्ररूप घ-5 में मिाजनिेिक को आिेिन प्रस्ट्तुत करेगा। (2) मिाजनिेिक, उपजनयम (1) के अधीन आिेिन की प्राजप्त की तारीख से साठ दिनों के अिजध के भीतर आिेिक को, ऐसे, ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन स्ट्थाजपत करने के जलए प्राजधकार िारी कर सकेगा यदि उसे समाधान िो िाता िै दक आिेिक ऐसे ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन स्ट्थाजपत करने के जलए जिजनर्ििष्ट मापिंड और अपेक्षाएं पूरी करता िै। 40. िैधता – ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन की स्ट्थापना करने िेतु प्रिान दकया गया प्राजधकार, िब तक दक जनलंजबत या रद्द न कर दिया गया िो, िस िषि की अिजध के जलए िैध रिेगा और जनयम 46 में यथाजिजनर्ििष्ट फीस के संिाय पर ऐसी अिजध के जलए िो उसमें जिजनर्ििष्ट की िाए, एक समय में िस िषि की अजधकतम अिजध के अर्धयाधीन, निीनीकृत दकया िा सकेगा। 41. प्रजिक्षण अपेक्षाएाँ – (1) प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन, प्रजिक्षण, पाठ्यक्रम, अिसंरचना, अनुिेिकों, िक्षता परीक्षण और ररमोट पायलट प्रमाण पत्र के संबंध में जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मिाजनिेिक जिजनर्ििष्ट अपेक्षाओं के साथ सखत अनुपालन सुजनजित करेगा।
  • 12. 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] (2) उपजनयम (1) के अधीन जिजनर्ििष्ट प्रजिक्षण अपेक्षाएाँ, मानि-रजित िायुयान प्रणाली के प्रिगि, उपप्रिगि और िगि के जलए जिजनर्ििष्ट िोगी। भाग VIII अनुसंधान, जिकास और परीक्षण 42. अनुसंधान, जिकास और परीक्षण के जलए मानि-रजित जिमान प्रणाली प्रचालन – जनम्नजलजखत व्यजियों को अनुसंधान, जिकास और परीक्षण उद्देश्यों के जलए मानि-रजित जिमान प्रणाजलयों के प्रचालन िेतु टाइप प्रमाण पत्र, जिजिष्ट पिचान संखया, पूिि अनुमजत तथा ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त की आिश्यकता निीं िोगी, अथाित् :– (क) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन के प्रिासजनक जनयंत्रण में या उनसे मान्यता प्राप्त अनुसंधान एिं जिकास संस्ट्था; (ख) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रिासन के प्रिासजनक जनयंत्रण में या उनसे मान्यता प्राप्त िैक्षजणक संस्ट्था; (ग) उद्योग संिधिन और आंतररक व्यापार जिभाग द्वारा मान्यता प्राप्त स्ट्टाटिअप; (घ) कोई प्राजधकृत परीक्षण संस्ट्था; और (ङ) कोई भी मानि-रजित िायुयान प्रणाली जनमािता जिसके पास िस्ट्तु और सेिा कर पिचान संखया िै: परन्तु इस तरि के मानि-रजित जिमान प्रणाली प्रचालन ग्रीन जोन के भीतर और उस व्यजि के पररसर के भीतर िों ििां ऐसा अनुसंधान, जिकास और परीक्षण दकया िा रिा िो; या ऐसे व्यजि के जनयंत्रण में दकसी ग्रीन जोन में खुले क्षेत्र के भीतर िो। भाग IX मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन 43. मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन- (1) केन्द्रीय सरकार, इन जनयमों के प्रकािन की तारीख के साठ दिनों की अिजध के भीतर, जडजिटल स्ट्काई प्लेटफॉमि पर मानि-रजित िायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन प्रणाली से संबंजधत नीजतगत ढांचा प्रकाजित करेगी। (2) ऐसा नीजतगत ढांचा इन जनयमों के अनुरूप िोगा एिं इन जनयमों के अधीन यथा अपेजक्षत स्ट्िचाजलत अनुमजत सुजिधा के अनुसार िोगा और जिसमें - (क) सभी िोनों के भीतर मानि-रजित िायुयान प्रणाली द्वारा सामान के सुरजक्षत और जनबािध अंतरण के जलए गजलयारों को जिकजसत करने के जलए ढांचा; और (ख) राज्य सरकारों और संघ राि्य क्षेत्र प्रिासनों की भूजमकाएं, िजियां और उत्तरिाजयत्ि िाजमल िैं। भाग X बीमा 44. बीमा— (1) मोटर यान अजधजनयम, 1988 (1988 का 59) के उपबंध और इनके अधीन बनाए गए जनयम, आिश्यक पररितिन सजित, मानि-रजित जिमान प्रणाली के तीसरे पक्षकार बीमा तथा ऐसे मानि-रजित जिमान प्रणाली के कारण हुए िीिन या संपजि की िाजन के मामले में क्षजतपूर्ति के जलए लागू िोंगे। परन्तु एक नैनो मानि-रजित जिमान प्रणाली, तीसरे पक्षकार बीमा के जबना प्रचाजलत िो सकेगी।
  • 13. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 13 (2) मानि-रजित जिमान प्रणाली को प्रचाजलत करने िाला कोई व्यजि, भारतीय बीमा जिजनयामक और जिकास प्राजधकरण द्वारा अनुमोदित इस प्रकार के प्रचालनों के जलए जिजिष्ट तौर से तैयार दकए गए बीमा उत्पाि का उपयोग कर सकता िै। भाग XI मानि-रजित िायुयान प्रणाली को बढािा िेना 45. मानि-रजित जिमान प्रणाली को बढािा िेना – (1) केन्द्रीय सरकार मानि-रजित जिमान प्रणाली संिधिन पररषि के गठन के द्वारा मानि-रजित िायुयान प्रणाली को ग्रिण और उपयोग को बढािा िे सकेगी जिसमें जनम्नजलजखत सुजिधाएं िोंगी - (क) स्ट्िचाजलत अनुमजतयों सजित व्यिसाय के अनुकूल जिजनयामक व्यिस्ट्था का जिकास; (ख) मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्रौद्योजगदकयों के जिकास के जलए इन्क्यूबेटरों और अन्य सुजिधाओं की स्ट्थापना; (ग) नीजत सलाि में उद्योग जििेषज्ञों और िैक्षजणक संस्ट्थाओं की भागीिारी; और (घ) मानि-रजित िायुयान प्रणाली और जिमान प्रणाली प्रौद्योजगदक से िुडे प्रजतस्ट्पधी कायिक्रमों का आयोिन। (2) केंद्रीय सरकार, आर्थिक प्रभाि के आधार पर इन जनयमों का मूल्यांकन करने के पिात् भारतीय मानि रजित िायुयान प्रणाली सेक्टर की उपलजब्धयों का सूचीकरण करते हुए तथा उस सेक्टर में कारबार करने में आसानी के िधिन िेतु उठाए गए किमों की एक छि माजसक ररपोटि तैयार करेगी। भाग XII प्रकीणि 46. फीस-–इन जनयमों के अधीन केंद्रीय सरकार द्वारा जनयत, नीचे सारणी के स्ट्तंभ (2) में जिजनर्ििष्ट सेिाओं के जलए संिेय फीस, उि सारणी के तत्स्ट्थानी स्ट्तंभ (3) में यथा जिजनर्ििष्ट िोगी, अथाित् :- सारणी क्रम सं. सेिाएं फीस (रुपए में) (1) (2) (3) 1 प्रकार प्रमाणपत्र िारी करना 100 2 जिजिष्ट पिचान संखया िारी करना, अंतरण करना या उसका डी-रजिस्ट्रीकरण करना 100 3 ररमोट पायलट अनुज्ञजप्त िारी करना या उसका निीनीकरण 100 4 ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन का प्राजधकरण या प्राजधकरण का निीनीकरण 1,000 रटप्पण : भारत की गुणििा पररषि्, प्राजधकृत परीक्षण इकाईयां तथा प्राजधकृत ररमोट पायलट प्रजिक्षण संगठन, उनके द्वारा इन जनयमों के अनुसार िी गई सेिाओं के जलए बािार सिबद्ध सेिा प्रभार संग्रजित कर सकेंगे । 47. जनिेि—िब केंद्रीय सरकार यि आिश्यक समझे तो िि अजधजनयम या इन जनयमों के उपबंधों से संगत, मानि रजित िायुयान प्रणाजलयों से संबंजधत साधारण या जििेष जनिेि िारी कर सकेगी ।
  • 14. 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 48. छूट िेने की साधारण िजि—केंद्रीय सरकार, जलजखत में साधारण या जििेष आिेि द्वारा, ऐसी ितों के अधीन रिते हुए, िो उस आिेि में जिजनर्ििष्ट की िाएं, या तो पूणित: या भागत: इन जनयमों के प्रचालन से दकसी व्यजि या व्यजियों के िगि को छूट िे सकेगी । 49. अपराध, िगीकरण और िमनीकरण—(1) कोई भी व्यजि इन जनयमों के उल्लंघन में कोई दक्रयाकलाप निीं करेगा । (2) िंड प्रदक्रया संजिता, 1973 (1974 का 2) में अंतर्ििष्ट दकसी बात के िोते हुए भी, जनयम 22 तथा जनयम 27 का उल्लंघन संज्ञेय और अिमनीय िोगा। (3) इन जनयमों के उल्लंघन या उनके अनुपालन में असफलता के जलए दकसी भी कायििािी के प्रजत, यदि ऐसा उल्लंघन या असफलता, कारकों या पररजस्ट्थजतयों, िो ऐसे दकसी व्यजि के जनयंत्रण से परे या उसके ज्ञान या त्रुरट के जबना मौसमिन्य करठनाई या अन्य अपररिायि कारण या पररजस्ट्थजत के कारण िोना साजबत िोने पर प्रजतरक्षा िोगी। (4) इन जनयमों के उपबंध तत्समय प्रिृि दकसी अन्य जिजध के उपबंधों के अजतररि िोंगे न दक उसके अल्पीकरण में। 50. िाजस्ट्तयां—ििां सुनिाई का अिसर दिए िाने के पिात् मिाजनिेिक या केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार अथिा संघ राज्यक्षेत्र प्रिासन द्वारा प्राजधकृत दकसी अजधकारी का यि समाधान िो िाता िै दक दकसी व्यजि ने इन जनयमों का उल्लंघन दकया िै या इनके अनुपालन में असफल रिा िै, तो िि लेखबद्ध दकए िाने िाले कारणों से, अजधजनयम की धारा 10क के उपबंधों के अनुसार एक लाख रुपए से अनजधक िाजस्ट्त उिगृिीत कर सकेगा। 51. जनरीक्षण की िजि—मिाजनिेिक या उसके द्वारा प्राजधकृत कोई व्यजि, जलजखत में साधारण या जििेष आिेि द्वारा इन जनयमों तथा अजधजनयम के उपबंधों का अनुपालन सुजनजित करने के प्रयोिन के जलए, दकसी मानि रजित िायुयान प्रणाली, दकसी संबंजधत सुजिधा का जनरीक्षण कर सकेगा, दकसी कार्मिक से िातािलाप कर सकेगा और दकसी िस्ट्तािेि या अजभलेख का जनरीक्षण कर सकेगा। 52. प्राजधकृत व्यजियों को बाधा पहुंचाना—कोई व्यजि स्ट्िेछछया इन जनयमों के अधीन उसकी िजियों के प्रयोग तथा कतिव्यों के जनिििन में कोई बाधा निीं पहुंचाएगा। 53. रद्दीकरण या जनलंबन—ििां मिाजनिेिक का, सुनिाई का अिसर िेने के पिात्, यि समाधान िो िाता िै दक दकसी व्यजि ने इन जनयमों के उपबंधों का उल्लंघन दकया िै या उनका अनुपालन करने में असफल रिा िै, तो िि लेखबद्ध दकए िाने िाले कारणों से इन जनयमों के अधीन अनुिि दकसी अनुज्ञजप्त, प्रमाणपत्र, प्राजधकरण या अनुमोिन को रद्द या जनलंजबत कर सकेगा। 54. कजतपय आिेिों की व्यािृजि—इन जनयमों की कोई बात लोक सुरक्षा के जित में या सभी मानि सजित या मानि रजित िायुयानों के सुरजक्षत प्रचालन के जलए िारी दकए गए दकसी आिेि के संबंध में केंद्रीय सरकार की िजि को सीजमत या अन्यथा प्रभाजित निीं करेगी। 55. जनरसन और व्यािृजि—ऐसे जनरसन के पूिि की गई या करने से लोप की गई बातों के जसिाय, मानि रजित िायुयान प्रणाली जनयम, 2021 जनरजसत दकए िाते िैं। प्ररूप डी-1 (जनयम 9 िेखें) प्रकार प्रमाण पत्र के जलए आिेिन भाग क - व्यजिगत ब्यौरे (यदि लागू िो) 1 पूरा नाम
  • 15. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 15 2 मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो) 3 ईमेल पता 4 आधार संखया 5 भारतीय पासपोटि संखया 6 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक) 7 घरकापता भाग ख - संगठन के ब्यौरे (यदि लागू िो) 8 जिजनमािता का नाम 9 जिजनमािता का पता 10 संगठन की रजिस्ट्रीकरण संखया 11 िीएसटीआईएन प्रमाणपत्र (िैकजल्पक) 12 डीआईएन के साथ जनिेिक(कों)का नाम 13 दकसी एक जनिेिक की आधार संखया 14 जनिेिक का ई-मेल पता 15 जनिेिक की मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो) भाग ग - मानि-रजित िायुयान प्रणाली की जिजिष्टताएाँ और िस्ट्तािेि 16 मॉडल का नाम 17 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण ☐ जिमान ☐ रोटरक्राफ्ट ☐ िाइजिड 18 मानि-रजित िायुयानप्रणाली की उप-श्रेणी ☐ आरपीएएस ☐ मॉडल ☐ स्ट्िायि 19 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का प्रकार ☐ नैनो ☐ सूक्ष्म ☐ छोटे ☐ मर्धयम ☐ बडे
  • 16. 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 20 उडान जनयंत्रण मॉड्यूल की जिजिष्टताएाँ 21 ररमोट पायलट स्ट्टेिन की जिजिष्टाताएाँ 22 दकलोग्राम में अजधकतम कुल भार (पेलोड सजित) 23 जम.मी. में कुल आयाम (लंबाईxचौडाईxऊ ं चाई) 24 जििरण 25 संगत पेलोड के ब्यौरे 26 पररितिनीय भार/उपभोग्य िस्ट्तुएं (िैसे द्रि आदि, यदि कोई िो) 27 इंिन/मोटर 28 पािर रेटटंग 29 इंिनों/मोटरों की संखया 30 कुल ईंधन क्षमता (दकलोग्राम)/बैटरी क्षमता (एमएएच) 31 प्रोपेलर ब्यौरे 32 ग्राउंड जनयंत्रण स्ट्टेिन सॉफ्टिेयर संस्ट्करण 33 दिक्वेन्सी बैंड 34 अजधकतम एन्डुरन्स (घंटा/जमनट) 35 अजधकतम सीमा (दक.मी. में) 36 अजधकतम गजत (मीटर/सेकंड में) 37 अजधकतम प्राप्य ऊ ं चाई/अजधकतम ऊ ं चाई सीमा(फीट में) 38 प्रचालजनक ऊ ं चाई (फीट में) 39 पररचालन एनिेलप 40 इंिन की सीमा (अजधकतम आरपीएम)/अजधकतम बैटरी तापमान(⁰से. में) 41 प्रोपेलर सीमा
  • 17. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 17 42 जिजनमािता की पररचालन जनयमािली (िैसा लागू िो) 43 जिजनमािता के रखरखाि दििाजनिेि (िैसा लागू िो) 44 रखरखाि जनरीक्षण अनुसूची/ओिरिाल अंतराल 45 मानि-रजित िायुयान प्रणाली की तस्ट्िीरें: 1. िं ट व्यू 2. टॉप व्यू 46 प्राजधकृत परीक्षण संगठन का चयन (जडजिटल स्ट्काइ प्लैटफ़ामि पर ड्रॉपडाउन मेनू से) भाग घ - फीस के ब्यौरे 47 संव्यििार संखया 48 फीस रसीि घोषणा मैं, यि घोषणा करता हं दक इस में िी गई सभी सूचनाएं, मेरी िानकारी के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मुझे यि ज्ञात िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर,मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै। नाम: तारीख : स्ट्थान: प्ररूप डी-2 (जनयम 15 और 16 िेखें) जिजिष्ट पिचान संखया के रजिस्ट्रीकरण के जलए आिेिन भाग क - व्यजि के ब्यौरे (यदि लागू िो) 1 पूरा नाम 2 मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो) 3 ईमेल पता
  • 18. 18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 4 आधार संखया 5 भारतीय पासपोटि संखया 6 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक) 7 घर का पता भाग ख – संगठन के ब्यौरे (यदि लागू िो) 8 संगठन का नाम 9 संगठन का पता 10 संगठन की रजिस्ट्रीकरण संखया 11 िीएसटीआईएन प्रमाण पत्र (िैकजल्पक) 12 जनिेिकों के नाम उनके डीआईएन के साथ 13 दकसी एक जनिेिक की आधार संखया 14 जनिेिक का ई-मेल पता 15 जनिेिक की मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो) भाग ग - मानि-रजित िायुयान प्रणाली जिजिष्टताएाँ 16 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगीकरण ☐ जिमान ☐ रोटरक्राफ्ट ☐ िाइजिड 17 मानि-रजित िायुयान प्रणाली की उप-श्रेणी ☐ आरपीएएस ☐ मॉडल ☐ स्ट्िायि 18 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगि ☐ नैनो ☐ सूक्ष्म ☐ छोटे ☐ मर्धयम ☐ बडे 19 जिजनमािता का नाम 20 मॉडल का नाम 21 टाइप प्रमाण पत्र की सीररयल संखया (यदि लागू िो) 22 जिजनमािता द्वारा प्रिान की गई सीररयल संखया 23 उडान जनयंत्रण मॉड्यूल की सीररयल संखया
  • 19. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 19 24 ररमोट पायल टस्ट्टेिन की सीररयल संखया 25 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का जचत्र: 1. िं ट व्यू 2. टॉप व्यू 3. जिजनमािता की क्रमसंखया का क्लोि-अप 26 ड्रोन अजभस्ट्िीकृजत संखया (डीएएन) (यदि लागू िो) 27 िीएसटी-पेड जबल अपलोड करें (केिल डीएएन धारकों के जलए) भाग घ – फीस ब्यौरे 28 संव्यििार संखया 29 फीस रसीि घोषणा मैं, यि घोषणा करता हं दक इसमें िी गई सभी सूचनाएं मेरी िानकारी के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मैं और यि घोषणा करता हाँ दक मानि-रजित िायुयान प्रणाली प्ररूप (यदि लागू िो) में उजल्लजखत प्रकार प्रमाणपत्र के अनुरूप िै। मुझे यि ज्ञात िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै। नाम: तारीख : स्ट्थान: प्ररुप डी-3 (जनयम 17 और 18 िेखें) मानि-रजित िायुयान प्रणाली के अंतरण या जिरजिस्ट्रीकरण (deregistration) के जलए आिेिन भाग क – मानि-रजित िायुयान प्रणाली ब्यौरे 1 जिजिष्ट पिचान संखया (यूआईएन) 2 मॉडल का नाम 3 कुल भार भाग ख – अंतरणकताि (Transferor)/ स्ट्िामी के ब्यौरे 4 व्यजि या संगठन का पूरा नाम
  • 20. 20 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 5 आधार संखया (व्यजि के जलए) 6 भारतीय पासपोटि संखया (व्यजि जिजिष्ट के जलए) 7 ईमेल पता 8 आधार से सलंक मोबाइल संखया 9 पता 10 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक) 11 िीएसटीआईएन प्रमाणपत्र (िैकजल्पक) 12 संव्यििार की प्रकृजत ☐ अंतरण ☐ जिरजिस्ट्रीकरण (भाग ग छोड िें) 13 अंतरण की प्रकृजत (यदि लागू िो) ☐ जिक्रय ☐ लीज ☐ उपिार ☐ अन्य भाग ग - अंतररती(Transferee) ब्यौरे (यदि लागू िो) व्यजिगत ब्यौरे (यदि लागू िो) 14 पूरा नाम 15 मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो) 16 ईमेल पता 17 आधार संखया 18 भारतीय पासपोटि संखया 19 स्ट्थायी खाता संखया (िैकजल्पक) 20 घर का पता संगठन के ब्यौरे (यदि लागू िो) 21 संगठन का नाम 22 संगठन का पता 23 संगठन की रजिस्ट्रीकरण संखया 24 िीएसटीआईएन प्रमाणपत्र (िैकजल्पक)
  • 21. [भाग II—खण्ड 3(i)] भारत का रािपत्र : असाधारण 21 25 जनिेिकों का नाम उनके डीआईएन के साथ 26 दकसी एक जनिेिक की आधार संखया 27 जनिेिक का ई-मेल पता 28 जनिेिक की मोबाइल संखया (िो आधार से सलंक िो) भाग घ – डी-रजिस्ट्रीकरण के ब्यौरे (यदि लागू िो) 29 जिरजिस्ट्रीकरण का कारण ☐ स्ट्थायी रूप से नष्ट ☐ स्ट्थायी रूप से क्षजतग्रस्ट्त भाग ड. – फीस ब्यौरे 30 संव्यििार संखया 31 फीस रसीि घोषणा मैं, यि घोषणा करता हं दक इस में िी गई सभी सूचनाएं मेरी िानकारी एिं जिर्श्ास के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मुझे यि ज्ञात िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै। नाम: तारीख: स्ट्थान: प्ररुप डी - 4 (जनयम 34 और 35 िेखें) ररमोट पायलट लाइसेंस के जलए आिेिन (आरपीटीओ द्वारा फाइल दकया िाना िै।) भाग क - व्यजि का ब्यौरा 1 पूरा नाम 2 िन्म जतजथ (दिन मिीना िषि) 3 निीनतम फोटो 4 आधार संखया
  • 22. 22 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 5 भारतीय पासपोटि संखया 6 ईमेल पता 7 फोन संखया 8 घर का पता भाग ख - प्रजिक्षण ब्यौरे 9 प्रजिक्षण संगठन का नाम 10 प्रजिक्षण संगठन का डीिीसीए द्वारा प्रिि प्राजधकरण संखया 11 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का िगि ☐ जिमान ☐ रोटरक्राफ्ट ☐ िाइजिड 12 मानि-रजित िायुयान प्रणाली का उप-िगि ☐ आरपीएएस ☐ मॉडल ☐ स्ट्िायि 13 मानि-रजित िायुयान प्रणाली की श्रेणी ☐ नैनो ☐ सूक्ष्म ☐ छोटे ☐ मर्धयम ☐ बडे 14 आरपीटीओ द्वारा िारी प्रिि प्रजिक्षण प्रमाणपत्र संख्या भाग ग - फीस ब्यौरे 15 संव्यििार संखया 16 फीस रसीि घोषणा मैं, यि घोषणा करता हं दक इसमें िी गई सभी सूचनाऐं मेरी िानकारी एिं जिर्श्ास के अनुसार सत्य एिं सिी िै। मुझे यि ज्ञात िै दक इसमें जमथ्या सूचना प्रस्ट्तुत करने पर मेरे जिरूद्ध यथालागू िंडात्मक कारििाई की िा सकती िै। नाम: तारीख: स्ट्थान: प्ररुप डी-5 (जनयम 39 और 40 िेखें) ररमोट पायलट प्रजिक्षण के संगठन के प्राजधकरण के जलए आिेिन भाग क - व्यजि या संगठन के प्रमुख के ब्यौरे