सफला एकादशी देश के लगभग सभी हिस्सों में कृष्ण मंदिर में बहुत जोश, उत्साह, जोश और खुशी के साथ मनाई जाती है। भगवान कृष्ण के मंदिरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कृष्ण मंदिर में उत्सव होने का कारण यह है कि भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार (अवतार) हैं। इस दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है। इस दिन रात के समय जागते हुए श्री हरि की उपासना की जाती है। द्वादशी के दिन किसी जरूरमंद व्यक्ति या फिर ब्राह्मण को भोजन कराएं। और सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा दें।
1. सफला एकादशी
सफला एकादशी क्या है?
सफला शब्द का अर्थ है समृद्ध होना, सफल होना और बढ़ना। सफला एकादशी सौभाग्य, भाग्य, धन, समृद्धद्ध,
सफलता और विकास देने िाली है।
2. वहिंदू क
ै लेंडर क
े अनुसार सफला एकादशी 11 िें वदन क
ृ ष्ण पक्ष क
े दौरान 'पौष' महीने में होता है। सफला एकादशी
को 'पौसा क
ृ ष्ण एकादशी' क
े रूप में भी जाना जाता है, प्रत्येक चिंद्र मास में, भगिान विष्णु की पूजा करने क
े वलए दो
बार एकादशी होती है।
सफला एकादशी भक्ोिं क
े वलए सबसे पवित्र और अनुक
ू ल उपिास वदनोिं में से एक है।, जो लोग अपने जीिन में सुख
और सफलता चाहते हैं, उनक
े वलए एकादशी का व्रत करना बेहद फायदेमिंद होता है। क्ोिंवक शास्त्ोिं और िेदोिं क
े
अनुसार, ऐसा माना जाता है वक जो भक् अत्यिंत समपथण और ईमानदारी क
े सार् सफला एकादशी का व्रत रखते हैं, िे
अपने ितथमान और वपछले जन्ोिं क
े सभी पापोिं को समाप्त कर सकते हैं ।
सफला एकादशी क
ै से मनाई जाती है?
सफला एकादशी देश क
े लगभग सभी वहस्ोिं में क
ृ ष्ण मिंवदर में बहुत जोश, उत्साह, जोश और खुशी क
े सार् मनाई
जाती है। भगिान क
ृ ष्ण क
े मिंवदरोिं में कई कायथक्रम आयोवजत वकए जाते हैं। क
ृ ष्ण मिंवदर में उत्सि होने का कारण यह
है वक भगिान क
ृ ष्ण भगिान विष्णु क
े ही अितार (अितार) हैं। इस वदन रावत्र जागरण का विशेष महत्व होता है। इस
वदन रात क
े समय जागते हुए श्री हरर की उपासना की जाती है। द्वादशी क
े वदन वकसी जरूरमिंद व्यद्धक् या वफर
ब्राह्मण को भोजन कराएिं । और सामर्थ्थ अनुसार दान-दवक्षणा दें।
सफला एकादशी का क्या महत्व है?
सफला एकादशी क
े महत्वपूणथ महत्व को पवित्र 'ब्रह्मिंड पुराण' में भगिान क
ृ ष्ण और राजा युवधविर क
े बीच एक
श्लोक क
े रूप में िवणथत वकया गया है। पौरावणक शास्त्ोिं क
े अनुसार, यह माना जाता है वक 100 राजसूय यज्ोिं सवहत
क
ु ल 1000 अश्वमेध यज् भी भक् को अवधक लाभ नहीिंदेंगे, जो सफला एकादशी क
े पवित्र उपिास का पालन करता
है।
पूिथ सिंध्या को पवित्र वदन क
े रूप में माना जाता है जब कोई अपने दुभाथग्य को एक सौभाग्य में बदल सकता है और
जीिन की उदासी, अिािंवछत घटनाओिं और दुखोिं को दू र करक
े सौभाग्य प्राप्त कर सकता है। सफला एकादशी भक्
को िास्तविक जीिन में अपने सभी सपनोिं, लक्ष्ोिं और इच्छाओिं को पूरा करने में सहायता करने की क्षमता रखती है।
यह भक्ोिं को आिंतररक शािंवत भी प्रदान करता है।
सफला एकादशी ततति और पारण मुहूतत
सफला एकादशी वतवर् 29 वदसिंबर 2021 दोपहर 04 बजकर 12 वमनट से शुरू होगी, जो 30 वदसिंबर 2021 दोपहर
01 बजकर 40 वमनट पर समाप्त होगी।