Classical अर्थशास्त्रिय ों ने क ई सुसोंगत समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत या मॉडल ष्टिकष्टसत नह ों ष्टकया र्ा। उनका व्यापक आष्टर्थक
ष्टिचार क
ु छ ष्टनष्टित 'धारणाओों' क
े रूप में र्ा ष्टिसे सोंक्षेप में ष्टनम्नानुसार ष्टकया िा सकता है:
i. द र्ाथिष्टध में हमेशा पूणथ र िगार ह गा और बेर िगार , यष्टद क ई ह , एक अल्पकाष्टलक र्टना ह ग
ii. समग्र स्तर पर न त अष्टधक िनसोंख्या ह ग और न ह कम उत्पादन
iii. अर्थव्यिस्र्ा हमेशा लोंबे समय में सोंतुलन में रहेग ।
हालााँष्टक, 1930 क
े दशक क महामोंद ने सभ Classical मान्यताओों क गलत साष्टबत कर ष्टदया। इसने Classical अहस्तक्षेप
ष्टसद्ाोंत क
े सैद्ाोंष्टतक आधार क अपयाथप्तता क उिागर ष्टकया।
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Origin and Growth of Macroeconomics
1. The Classical Macroeconomics
Classical School से Keynes का प्रस्र्ान उनक
े इस अहसास क
े कारण हुआ ष्टक Classical अर्थशाि आष्टर्थक सोंकट ों
क भष्टिष्यिाण , व्याख्या और समाधान प्रदान करने में सक्षम नह ों र्ा िैसे ष्टक िह महामोंद ।
Keynesian समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत मुख्य रूप से
A) र िगार
B) ष्टिकास और
C) स्त्रस्र्रता से िुडे हैं।
1930 क
े दशक क
े अोंत और 1960 क
े दशक क
े मध्य क
े ब च क अिष्टध क Keynesian क्ाोंष्टत या Keynesian युग
कहा िाता है।
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2. The Keynesian Revolution
Keynesian अर्थशाि ने 1970 क
े दशक क शुरुआत में अपन ष्टिफलताओों क
े सोंक
े त ष्टदखाना शुरू कर ष्टदया र्ा।
Keynesian अर्थशाि, ष्टिशेष रूप से रािक ष य उपाय, अष्टधकाोंश ष्टिकष्टसत देश ों, ष्टिशेष रूप से अमेररका द्वारा सामना
क िाने िाल कम िृस्त्रद्, उच्च बेर िगार और मुद्रास्फ ष्टत क उच्च दर क समस्या का समाधान प्रदान करने में ष्टिफल
रहे। यह न त एक उष्टचत स्पि करण और न ह एक प्रभाि समाधान प्रदान कर सकता है 1970 क
े दशक क शुरुआत में
अमेररका में Stagflation क समस्या।
Monetarism: A Counter- Revolution
Neo- classical Macroeconomics
Supply Side Economics
Neo-Keynesianism
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3. The Post - Keynesian Developments in Macroeconomics
Milton Friedman क
े नेतृत्व में अर्थशाि का एक समूह ष्टिसे मुद्रािाद कहा िाता है ने दािा ष्टकया ष्टक Keynesian
ष्टसद्ाोंत रािर य उत्पादन, मूल्य स्तर, दर र िगार और बेर िगार और ब्याि दर क भष्टिष्यिाण करने में ष्टिफल रहा है।
मुद्रािाद एक नए क्ाोंष्टतकार ष्टिचार क
े सार् सामने आए। रािर य उत्पादन क िृस्त्रद् और स्त्रस्र्रता क
े ष्टलए धन क भूष्टमका
क
ें द्र य है, न ष्टक िास्तष्टिक उत्पादन क
े ष्टलए क
ु ल माोंग क भूष्टमका, िैसा ष्टक Keynesian का मानना है। उनक राय में,
मुद्रा आपूष्टतथ अल्पािष्टध में उत्पादन और र िगार और द र्ाथिष्टध में मूल्य-स्तर का मुख्य ष्टनधाथरक है। िे, सैद्ाोंष्टतक स्तर पर,
'माोंग प्रबोंधन' से 'मौष्टद्रक प्रबोंधन' पर ि र देते हैं।
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A. Monetarism: A Counter- Revolution
1980 क
े दशक में अर्थशास्त्रिय ों क
े समूह ष्टिन्हें 'कट्टरपोंर् ' कहा िाता है। Robert E Lucas (1995 क
े न बेल पुरस्कार
ष्टििेता) द्वारा ष्टिकष्टसत नई Classical समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत कहा िाता है । कट्टरपोंर् ष्टिचार का मूल यह है ष्टक सरकार
क
े बारे में ल ग ों क तक
थ सोंगत अपेक्षाएों अष्टधक मौष्टद्रक और रािक ष य न ष्टतयाों समग्र आपूष्टतथ और क
ु ल माोंग िक् ों क
े
व्यिहार क इस तरह से ष्टनधाथररत करत हैं ष्टक िास्तष्टिक उत्पादन अप्रभाष्टित रहता है, हालाोंष्टक क मतें और मिदू र बढ़
िात है। हालााँष्टक, नई Classical समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत भ बहस का ष्टिषय बना हुआ है।
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B. Neo Classical Macroeconomics
क्या ष्टनधाथररत करता है ष्टक क
ु ल माोंग पर बहस िार है। इसक
े ष्टिपर त, Arthur Laffer क
े नेतृत्व में आपूष्टतथ पक्ष क
े
अर्थशास्त्रिय ों ने बािार क
े आपूष्टतथ पक्ष पर काम करने िाले कारक ों क भूष्टमका पर ि र ष्टदया।
Arthur Laffer, व्यापक रूप से अपने ‘Laffer Curve’ क
े ष्टलए िाने हैं, का कहना है ष्टक कर में कटौत से क
ु ल आपूष्टतथ
िक् दाईों ओर ष्टशफ्ट ह िाता है और उत्पादन और र िगार में िृस्त्रद् ह त है। ।
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C. Supply Side Economics
ष्टपछले चार दशक ों में समष्टि अर्थशाि में ष्टकए गए कई पर्-प्रदशथक य गदान ों क
े बाििूद, Keynesian अर्थशाि समष्टि
अर्थशाि क
े सभ स्क
ू ल ों क
े ष्टलए हमले या इसक
े पुनष्टनथमाथण क
े ष्टलए सोंदभथ ष्टबोंदु बना हुआ है।
Neo Classical समूह क
े ष्टिपर त, Neo Keynesian का तक
थ है ष्टक बािार हमेशा सोंतुलन में नह ों ह ता है, इसक
े
बाििूद ष्टक ल ग अपने ष्टहत क
े ष्टलए काम करते हैं। िे कारण देते हैं ष्टक सूचना क समस्या और क मत ों में बदलाि क
लागत क
ु छ मूल्य कठ रता का कारण बनत है ि उत्पादन और र िगार में उतार-चढ़ाि का कारण बनत है।
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D. Neo- Keynesianism
1. आष्टर्थक ष्टिकास क उच्च दर प्राप्त करना और बनाए रखना।
2. ष्टगरािट क
े लक्षण आने पर व्यापार चक् क र कना
3. मुद्रास्फ ष्टत क ष्टनयोंष्टित करना और मूल्य स्तर क स्त्रस्र्र करना।
4. बेर िगार और गर ब क समस्या का समाधान।
5. बढ़ते बिट य र्ाटे क समाष्टहत करना।
6. अोंतररािर य आष्टर्थक मुद् ों में सोंतुलन बनाए रखना (भुगतान र्ाटे का बढ़ता सोंतुलन, ष्टिष्टनमय दर में उतार-चढ़ाि और
पूोंि का अत्यष्टधक अोंतिाथह और बष्टहिाथह)।
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Macroeconomics Issues