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Macroeconomics – An Introduction - II

Dr Anand
Teacher en ECOSHASTRA
25 de Jan de 2023
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Macroeconomics – An Introduction - II

  1. Classical अर्थशास्त्रिय ों ने क ई सुसोंगत समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत या मॉडल ष्टिकष्टसत नह ों ष्टकया र्ा। उनका व्यापक आष्टर्थक ष्टिचार क ु छ ष्टनष्टित 'धारणाओों' क े रूप में र्ा ष्टिसे सोंक्षेप में ष्टनम्नानुसार ष्टकया िा सकता है: i. द र्ाथिष्टध में हमेशा पूणथ र िगार ह गा और बेर िगार , यष्टद क ई ह , एक अल्पकाष्टलक र्टना ह ग ii. समग्र स्तर पर न त अष्टधक िनसोंख्या ह ग और न ह कम उत्पादन iii. अर्थव्यिस्र्ा हमेशा लोंबे समय में सोंतुलन में रहेग । हालााँष्टक, 1930 क े दशक क महामोंद ने सभ Classical मान्यताओों क गलत साष्टबत कर ष्टदया। इसने Classical अहस्तक्षेप ष्टसद्ाोंत क े सैद्ाोंष्टतक आधार क अपयाथप्तता क उिागर ष्टकया। www.drabhi.org Origin and Growth of Macroeconomics 1. The Classical Macroeconomics
  2. Classical School से Keynes का प्रस्र्ान उनक े इस अहसास क े कारण हुआ ष्टक Classical अर्थशाि आष्टर्थक सोंकट ों क भष्टिष्यिाण , व्याख्या और समाधान प्रदान करने में सक्षम नह ों र्ा िैसे ष्टक िह महामोंद । Keynesian समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत मुख्य रूप से A) र िगार B) ष्टिकास और C) स्त्रस्र्रता से िुडे हैं। 1930 क े दशक क े अोंत और 1960 क े दशक क े मध्य क े ब च क अिष्टध क Keynesian क्ाोंष्टत या Keynesian युग कहा िाता है। www.drabhi.org 2. The Keynesian Revolution
  3. Keynesian अर्थशाि ने 1970 क े दशक क शुरुआत में अपन ष्टिफलताओों क े सोंक े त ष्टदखाना शुरू कर ष्टदया र्ा। Keynesian अर्थशाि, ष्टिशेष रूप से रािक ष य उपाय, अष्टधकाोंश ष्टिकष्टसत देश ों, ष्टिशेष रूप से अमेररका द्वारा सामना क िाने िाल कम िृस्त्रद्, उच्च बेर िगार और मुद्रास्फ ष्टत क उच्च दर क समस्या का समाधान प्रदान करने में ष्टिफल रहे। यह न त एक उष्टचत स्पि करण और न ह एक प्रभाि समाधान प्रदान कर सकता है 1970 क े दशक क शुरुआत में अमेररका में Stagflation क समस्या।  Monetarism: A Counter- Revolution  Neo- classical Macroeconomics  Supply Side Economics  Neo-Keynesianism www.drabhi.org 3. The Post - Keynesian Developments in Macroeconomics
  4. Milton Friedman क े नेतृत्व में अर्थशाि का एक समूह ष्टिसे मुद्रािाद कहा िाता है ने दािा ष्टकया ष्टक Keynesian ष्टसद्ाोंत रािर य उत्पादन, मूल्य स्तर, दर र िगार और बेर िगार और ब्याि दर क भष्टिष्यिाण करने में ष्टिफल रहा है। मुद्रािाद एक नए क्ाोंष्टतकार ष्टिचार क े सार् सामने आए। रािर य उत्पादन क िृस्त्रद् और स्त्रस्र्रता क े ष्टलए धन क भूष्टमका क ें द्र य है, न ष्टक िास्तष्टिक उत्पादन क े ष्टलए क ु ल माोंग क भूष्टमका, िैसा ष्टक Keynesian का मानना है। उनक राय में, मुद्रा आपूष्टतथ अल्पािष्टध में उत्पादन और र िगार और द र्ाथिष्टध में मूल्य-स्तर का मुख्य ष्टनधाथरक है। िे, सैद्ाोंष्टतक स्तर पर, 'माोंग प्रबोंधन' से 'मौष्टद्रक प्रबोंधन' पर ि र देते हैं। www.drabhi.org A. Monetarism: A Counter- Revolution
  5. 1980 क े दशक में अर्थशास्त्रिय ों क े समूह ष्टिन्हें 'कट्टरपोंर् ' कहा िाता है। Robert E Lucas (1995 क े न बेल पुरस्कार ष्टििेता) द्वारा ष्टिकष्टसत नई Classical समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत कहा िाता है । कट्टरपोंर् ष्टिचार का मूल यह है ष्टक सरकार क े बारे में ल ग ों क तक थ सोंगत अपेक्षाएों अष्टधक मौष्टद्रक और रािक ष य न ष्टतयाों समग्र आपूष्टतथ और क ु ल माोंग िक् ों क े व्यिहार क इस तरह से ष्टनधाथररत करत हैं ष्टक िास्तष्टिक उत्पादन अप्रभाष्टित रहता है, हालाोंष्टक क मतें और मिदू र बढ़ िात है। हालााँष्टक, नई Classical समष्टि आष्टर्थक ष्टसद्ाोंत भ बहस का ष्टिषय बना हुआ है। www.drabhi.org B. Neo Classical Macroeconomics
  6. क्या ष्टनधाथररत करता है ष्टक क ु ल माोंग पर बहस िार है। इसक े ष्टिपर त, Arthur Laffer क े नेतृत्व में आपूष्टतथ पक्ष क े अर्थशास्त्रिय ों ने बािार क े आपूष्टतथ पक्ष पर काम करने िाले कारक ों क भूष्टमका पर ि र ष्टदया। Arthur Laffer, व्यापक रूप से अपने ‘Laffer Curve’ क े ष्टलए िाने हैं, का कहना है ष्टक कर में कटौत से क ु ल आपूष्टतथ िक् दाईों ओर ष्टशफ्ट ह िाता है और उत्पादन और र िगार में िृस्त्रद् ह त है। । www.drabhi.org C. Supply Side Economics
  7. ष्टपछले चार दशक ों में समष्टि अर्थशाि में ष्टकए गए कई पर्-प्रदशथक य गदान ों क े बाििूद, Keynesian अर्थशाि समष्टि अर्थशाि क े सभ स्क ू ल ों क े ष्टलए हमले या इसक े पुनष्टनथमाथण क े ष्टलए सोंदभथ ष्टबोंदु बना हुआ है। Neo Classical समूह क े ष्टिपर त, Neo Keynesian का तक थ है ष्टक बािार हमेशा सोंतुलन में नह ों ह ता है, इसक े बाििूद ष्टक ल ग अपने ष्टहत क े ष्टलए काम करते हैं। िे कारण देते हैं ष्टक सूचना क समस्या और क मत ों में बदलाि क लागत क ु छ मूल्य कठ रता का कारण बनत है ि उत्पादन और र िगार में उतार-चढ़ाि का कारण बनत है। www.drabhi.org D. Neo- Keynesianism
  8. 1. आष्टर्थक ष्टिकास क उच्च दर प्राप्त करना और बनाए रखना। 2. ष्टगरािट क े लक्षण आने पर व्यापार चक् क र कना 3. मुद्रास्फ ष्टत क ष्टनयोंष्टित करना और मूल्य स्तर क स्त्रस्र्र करना। 4. बेर िगार और गर ब क समस्या का समाधान। 5. बढ़ते बिट य र्ाटे क समाष्टहत करना। 6. अोंतररािर य आष्टर्थक मुद् ों में सोंतुलन बनाए रखना (भुगतान र्ाटे का बढ़ता सोंतुलन, ष्टिष्टनमय दर में उतार-चढ़ाि और पूोंि का अत्यष्टधक अोंतिाथह और बष्टहिाथह)। www.drabhi.org Macroeconomics Issues
  9. www.drabhi.org
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