6. – सब जीव ों की ववशेषता यह है वक वे
प्रजनन कर सकते हैं यानी अपनी प्रजावत
की सोंख्या बढ़ा सकते हैं। इसका कारण
यह है वक जीव ों क
े शरीर ऐसे पदार्थ से बने
ह ते हैं वजनमें अपने आसपास से प षण ले
कर अपने शरीर में वृद्धि करने की और
विर इस शरीर से अपने समान अन्य जीव
बनाने की क्षमता ह ती है।
प्रश्न यह है वक पृथ्वी पर ऐसा पदार्थ सबसे
पहले बना क
ै से?
7.
इस प्रश्न का उत्तर ख जने क
े वलए कई वैज्ञावनक वषों से जुटे हुए हैं।
रसायन शास्त्री अरेवनयस ने यह सुझाव वदया र्ा वक जीवन की शुरुआत वकसी अन्य ग्रह पर हुई र्ी
और विर वहाों से जीव बीजाणुओों यानी स्प सथ क
े रूप में पृथ्वी पर आए। वक
ों तु यह जीवन की उत्पवत्त की
नहीों बद्धि इस बात की व्याख्या है वक जीव क
ै से ि
ै ले।
8. • उन्नीसवीों शताब्दी तक कई ल ग यह स चते र्े वक
वनजीव पदार्ों से जीव अपने आप पैदा ह जाते हैं; जैसे
ग बर से इद्धियाों या कीचड़ से मेंढक बन जाते हैं।
वक
ों तु फ्ाोंस क
े वैज्ञावनक लुई पाश्चर ने वदखा वदया वक यह
सोंभव नहीों है। क
े वल एक जीव से ही दू सरा जीव पैदा ह
सकता है।
Louis pasteur
9. • 1871 में अोंग्रेज़ वैज्ञावनक चार्ल्थ
डाववथन ने सुझाव वदया वक जीवन
की शुरुआत सोंभवत: गुनगुने पानी
से भरे एक ऐसे उर्ले प खर में हुई
ह गी वजसमें ‘सब प्रकार क
े
अम वनया और िॉस्फ ररक लवण
ह ोंगे वजन पर प्रकाश, ऊष्मा और
ववद् युत की विया ह ती रही ह गी।’
इससे एक प्र टीनयुक्त यौवगक बना
ह गा वजसमें और पररवतथन ह कर
पहले जीव बने ह ोंगे।