सावधान स्त्री by वणिका दुबे किताब के बारे में... मैं तो अपनी कहानियों को एक आईना समझती हूँ, जिसमे समाज अपने आप को देख सके। मैं सोसाइटी की चोली क्या उतारूंगी जो पहले से ही नंगी है। उसे कपड़े पहनना मेरा काम नही है मैं काली तख़्ती पर सफेद चॉक इस्तेमाल करती हूँ ताकि काली तख़्ती और नुमाया हो जाए। स्त्रियों के ज्वलन्त समस्याओं के विषय मे लेख इस पुस्तक में मिलेंगे.... यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ! https://hindi.shabd.in/savdhan-stri-vanika-dube-jijji-quot/book/10076906 https://shabd.in/