3. प्रस्तावना
दुर्गा, शक्ति कग रूप है। इिनी शक्तिमगन कक भर्वगन रगम ने लंकग पर आक्रमण के समय, दुर्गा की आरगधनग की।
दुर्गा शक्तिमयी है लेककन आज की महहलग तयग शक्तिमयी है? तयग उसकग सशक्तिकरण हो चुकग है? तयग वो आज दुर्गा
बन चुकी है? शगयद नह ं, पर उसके पगस कु छ अधधकगर िो हैं| ये अधधकगर, ये शक्तियगं उसे ककसी ने हदए नह हैं| ये
उसने खुद लड़के प्रगप्ि ककये हैं| तयग आप जगनिे हैं ! हम मगत्र महहलग सशक्तिकरण कक बगि ह तयों करिे हैं पुरुषों कक
नह ं ? आखखर महहलग को सशति बनगने कक जरूरि तयों हैं और पुरुष को नह ं? जबकक महहलगओं को अल्पसंख्यक नह ं
मगनग िो उन्हें सशक्तिकरण कक जरूरि तयों है?
यह इसललए है तयोंकक सहदयों से समगज िथग पुरुष महहलगओं के ऊपर भेदभगव, हहंसग और बुरग विगाव करिे आरहग है।
महहलग सशक्तिकरण (Women Empowerment), महहलगओं को आर्े बढ़गने और उन्हें स्वयं के ननणाय लेने के ललए एक
बहुि ह बड़ग कदम है क्जससे कक वे समगज में व्यक्तिर्ि सीमगओं को दूर कर आर्े बढ़ सकें और अपने ववचगरों को लोर्ों
के सगमने रख सकें ।
महहलगओं को सशति बनगने के ललए उन्हें सगमगक्जक और पगररवगररक सीमगओं को छोड़ उन्हें अपने मन, ववचगर,
अधधकगर, ननणाय आहद से सभी पहलुओं में स्विंत्र बनगने कक आवश्यकिग है। पुरुष और महहलग को सगमगन रूप से सम्मगन
और कगया लमलने की जरूरि है। महहलग सशक्तिकरण प्रभगवी होनग समगज, देश और दुननयग के उज्जवल भववष्य के ललए
बहुि ह आवश्यक है। देश को पूर िर के से ववकलसि बनगने के ललए महहलगओं को सशति बनगनग बहुि ह जरूर है।
4. जारी....
भगरि में, महहलगओं को सशति बनगने के ललये सबसे पहले समगज में उनके अधधकगरों और मूल्यों को मगरने वगले उन
सभी रगक्षसी सोच को मगरनग जरुर है, जैसे दहेज प्रथग, यौन हहंसग, अलशक्षग, भ्रूण हत्यग, असमगनिग, महहलगओं के प्रनि घरेलू
हहंसग, कगया स्थल पर यौन शोषण, बगल मजदूर , वैश्यगवृनि, मगनव िस्कर और ऐसे ह दूसरे ववषय. लैंधर्क भेदभगव रगष्र
में सगंस्कृ निक, सगमगक्जक, आधथाक और शैक्षक्षक अंिर ले आिग है जो देश को पीछे की ओर ढ़के लिग है
भगरि के संववधगन में ललखे र्ये समगनिग के अधधकगर को सुननक्श्चि करने के ललए महहलगओं को सशति बनगनग सबसे
प्रभगवशगल उपगय है. लैंधर्क समगनिग को प्रगथलमकिग देने से पूरे भगरि में नारी सशक्ततकरण को बढ़गवग लमलग है
5. महिला सशक्ततकरण तया िै?
महहलग सशक्तिकरण कग अथा महहलगओ को अधधकगर देनग, उन्हें शक्ति प्रदगन करनग (ववशेष रूप से कगनूनी और
आधधकगररक शक्ति), उन्हें सक्षम करनग यग उनकी क्षमिगओं की आपूनिा करनग है
महहलग सशक्तिकरण को पररभगवषि ककयग जग सकिग है कक इससे महहलगएँ शक्तिशगल बनिी है क्जससे वो अपने
जीवन से जुड़े हर फै सले स्वयं ले सकिी है और पररवगर और समगज में अच्छे से रह सकिी है. समगज में उनके
वगस्िववक अधधकगर को प्रगप्ि करने के ललये उन्हें सक्षम बनगनग महहलग सशक्तिकरण है
6. महिला सशक्ततकरण की ज़रूरत तयों ?
सशक्तिकरण की आवश्यकिग सहदयों से महहलगओं कग पुरुषों द्वगरग ककए र्ए शोषण और भेदभगव से मुक्ति
हदलगने के ललए हुई; महहलगओं की आवगज़ को हर िर के से दबगयग जगिग है। महहलगएं ववलभन्न प्रकगर की हहंसग और
दुननयग भर में पुरुषों द्वगरग ककए जग रहे भेदभगवपूणा व्यवहगरों कग लक्ष्य हैं। भगरि भी अछू िग नह ं है।
हर धमा हमें महहलगओं के सम्मगन और लशष्टिग के सगथ व्यवहगर करनग लसखगिग है। आज के आधुननक में समगज
की सोच इिनी ववकलसि हो र्ई है कक महहलगओं के खखलगफ शगर ररक और मगनलसक दोनों प्रकगर की कु र नियगँ और
प्रथगएँ आदशा बन र्ई हैं। जैसे सिीप्रथग, दहेज प्रथग, परदग प्रथग, भ्रूण हत्यग, पत्नी को जलगनग, यौन हहंसग, कगयास्थल
पर यौन उत्पीड़न, घरेलू हहंसग और अन्य ववलभन्न प्रकगर के भेदभगवपूणा व्यवहगर; ऐसे सभी कगयों में शगर ररक और
मगनलसक ित्व शगलमल होिे हैं।
महहलगओं के खखलगफ अपरगध यग अत्यगचगर अभी भी बढ़ रहे हैं। इनसे ननपटने के ललए समगज में पुरगनी सोच
वगले लोर्ों के मन को सगमगक्जक योजनगओं और संवेद करण कगयाक्रमों के मगध्यम से बदलनग होर्ग। इसललए महहलग
सशक्तिकरण की सोच न के वल महहलगओं की िगकि और कौशल को उनके दुखदगयी क्स्थनि से ऊपर उठगने पर
कें हिि करिी है बक्ल्क सगथ ह यह पुरुषों को महहलगओं के संबंध में लशक्षक्षि करने और महहलगओं के प्रनि बरगबर
के सगथ सम्मगन और किाव्य की भगवनग पैदग करने की आवश्यकिग पर जोर देिी है।
7.
8. भारत में महिला सशक्ततकरण की तयों जरुरत िै ?
भगरि एक पुरुषप्रधगन समगज है जहगँ पुरुष कग हर क्षेत्र मंक दखल है और महहलगएँ लसफा
घर-पररवगर की क्जम्मेदगर उठगिी है सगथ ह उनपर कई पगबंद यगँ भी होिी है। भगरि की
लर्भर् 50 प्रनिशि आबगद के वल महहलगओं की है मिलब, पूरे देश के ववकगस के ललये इस
आधी आबगधी की जरुरि है जो कक अभी भी सशति नह ं है और कई सगमगक्जक प्रनिबंधों से
बंधी हुई है।
ऐसी क्स्थनि में हम नह ं कह सकिे कक भववष्य में बबनग हमगर आधी आबगद को मजबूि
ककये हमगरग देश ववकलसि हो पगयेर्ग। अर्र हमें अपने देश को ववकलसि बनगनग है िो ये
जरुर है कक सरकगर, पुरुष और खुद महहलगओं द्वगरग महहलग सशक्तिकरण को बढ़गवग हदयग
जगये।
भगरि एक प्रलसद्ध देश है क्जसने ‘ववववधिग में एकिग’ के मुहगवरे को सगबबि ककयग है, जहगँ
भगरिीय समगज में ववलभन्न धमों को मगनने वगले लोर् रहिे है। महहलगओं को हर धमा में एक
अलर् स्थगन हदयग र्यग है जो लोर्ों की आँखों को ढ़के हुए बड़े पदे के रुप में और कई वषों
से आदशा के रुप में महहलगओं के खखलगफ कई सगरे र्लि कगयों (शगर ररक और मगनलसक) को
जगर रखने में मदद कर रहग है।
प्रगचीन भगरिीय समगज दूसर भेदभगवपूणा दस्िूरों के सगथ सिी प्रथग, नर्र वधु व्यवस्थग,
दहेज प्रथग, यौन हहंसग, घरेलू हहंसग, र्भा में बक्च्चयों की हत्यग, पदगा प्रथग, कगया स्थल पर यौन
शोषण, बगल मजदूर , बगल वववगह िथग देवदगसी प्रथग आहद परंपरग थी। इस िरह की कु प्रथग
कग कगरण वपिृसत्तगमक समगज और पुरुष श्रेष्ठिग मनोग्रक्न्थ है।
9. भगरि में आज भी 60% ग्रगमीण (कु छ मगमलों में सहर ) लड़ककयों की
शगद 16 सगल की उम्र से पहले हुई हो जगिी है , ग्रगमीण वववगहहि लड़ककयों
में से कर ब 60% लड़ककयगं 18 सगल की आयु होने से पहले ह बच्चे को
जन्म देिी हैं,125,000 महहलगओं को हर सगल र्भगावस्थग और संबंधधि कगरणों
से अपनग जीवन त्यगर्नग पड़नग है , भगरि में मगिृ मृत्यु दर दुननयग में दूसर
सबसे बड़ी है,
भगरि में समगचगर पत्र, समगचगर चैनल, वेब चैनल, रेप, दहेज़ के ललए
हत्यग, भ्रूण हत्यग की घटनगओं से भरे पड़े लमलिे हैं, इन आंकड़ों में हदन व
हदन बढ़ोिर हो रह है। महहलगओं से होने वगल हहंसग और शोषण की घटनगएं
खत्म होने कग नगम नह ले रह ।
उपरोति सभी कगरण िथग इनके अलगवग अन्य हजगरों कगरण हैं जो महहलग
सशक्तिकरण की आवश्यकिग को जन्म देिें हैं
जारी....
10. इततिास
महहलग शशक्तिकरण की शुरुआि १९७० के दशक और अंिररगष्र य महहलग आंदोलन से
होिी है | दुननयग भर में कई महहलग संर्ठनों ने क्रे डिट और बचि घटकों को स्थगवपि ककयग
िगकक इनको महहलगएं अपनी आय बढ़गने और व्यगपक मुद्दों को हल करने के ललए एक मगर्ा
के रूप में देखें | न के वल 'महहलगओं िक पहुचनग' बक्ल्क उनकग ‘सशक्तिकरण' करनग मगइक्रो
क्रे डिट लशखर कगयाक्रम कग दूसरग आधधकगररक लक्ष्य है| इन संघषों को कई पुरुषों, जो
महहलगओं के खखलगफ अन्यगय पर क्रोधधि हैं, ने भी समथान हदयग |
महहलगओं के खखलगफ कु छ बुरे चलन को खुले ववचगरों के लोर्ों और महगन भगरिीय
लोर्ों द्वगरग हटगयग र्यग क्जन्होंने महहलगओं के खखलगफ भेदभगवपूणा कगयों के ललये अपनी
आवगज उठगयी. रगजग रगम मोहन रॉय की लर्गिगर कोलशशों की वजह से ह सिी प्रथग को
खत्म करने के ललये अंग्रेज मजबूर हुए |
बगद में दूसरे भगरिीय समगज सुधगरकों आचगया ववनोबग भगवे, ईश्वरचंि ववद्यगसगर्र,
स्वगमी वववेकगनंद, महगत्मग ज्योनिरगव फु ले और सगववत्रीबगई फु ले आहद ने भी महहलग उत्थगन
के ललये अपनी आवगज उठगयी और कड़ग संघषा ककयग | भगरि में ववधवगओं की क्स्थनि को
सुधगरने के ललये ईश्वर चंि ववद्यगसगर्र ने अपने लर्गिगर प्रयगस से ववधवग पुना वववगह
अधधननयम 1856 की शुरुआि करवगई |
11. मुख्य समस्याएं तया िं?
• लशक्षग की कमी
• ववत्तीय बगधग
• पररवगर की क्जम्मेदगर
• कम र्निशीलिग
• कम जोखखम लेने की क्षमिग
• उपलक्धध की कम आवश्यकिग
• उपलक्धध के ललए महत्वगकगंक्षग की
अनुपक्स्थनि
• सगमगक्जक क्स्थनि
• रूहढ़वगद ववचगरधगरग
• स्वयं के आत्मववश्वगस में कमी
12. महहलग सशक्तिकरण के कु छ उपगय
महहलग लशक्षग: महहलगओं को लशक्षक्षि करके , देश की अथाव्यवस्थग बढ़ जगिी है। यह वपछले कु छ दशकों से देखग
र्यग है कक ववलभन्न र्निववधधयों में लशक्षक्षि महहलगओं की भगर्ीदगर से देश को आधथाक और सगमगक्जक
ववकगस की हदशग में आर्े बढ़ने में मदद लमलिी है।
• पररवगर की स्वगस््य और कल्यगण की हदशग में महहलग लशक्षग भी योर्दगन करिी है।
• लशक्षग प्रगप्ि करने से, महहलगएं देश की रगष्र य आय में भी योर्दगन करिी हैं।
• अपने बच्चों को र्ुणवत्तग पोषण प्रदगन करने कग जोखखम उठग सकिे हैं।
• लशक्षक्षि महहलगओं को रगजनीनि में भी सकक्रय मगनग जगिग है।
• वे अपने अधधकगरों को जगनिे हैं और स्वयं को बेहिर ढंर् से बचगव करने में सक्षम हैं
सुरक्षक्षि कगयास्थल बनगएं: सुरक्षक्षि कगया वगिगवरण के ननमगाण के मगध्यम से महहलगओं को सशति बनगयग जग
सकिग है। कगयास्थलों को समगज के महहलग सदस्यों के ललए सुरक्षक्षि होनग चगहहए। लोर् अपनी बेहटयों और
पक्त्नयों को कगम करने के ललए भेजनग चगहिे हैं यहद उन्हें कगयास्थल पर सुरक्षक्षि वगिगवरण कग आश्वगसन
हदयग र्यग है।
ललंर् असमगनिग के खखलगफ आवगज़ उठगएं: समगज के सभी क्षेत्रों में ववशेष रूप से लशक्षग क्षेत्रों में ललंर्
असमगनिगओं यग असमगनिगओं को कम करके महहलगओं को सशति ककयग जग सकिग है।
13. नौकर कौशल (व्यगवसगनयक प्रलशक्षण): बेहिर पररणगम के ललए महहलगओं को
उधचि प्रलशक्षण प्रदगन ककयग जगनग चगहहए।
अधधक अंशकगललक नौकर के अवसर बनगएं: अंशकगललक नौकर के अवसरों
की संख्यग अधधक होनी चगहहए। भगरि में, ज्यगदगिर महहलगएं र्ृहहखणयगं हैं,
इसललए उन्हें पूणाकगललक कगया के ललए कोई अवसर नह ं लमलिग है। इसललए,
अधधक अंशकगललक और लचील नौकररयों को बनगयग जगनग चगहहए िगकक
अधधक से अधधक महहलग व्यगवसगनयक र्निववधधयों में लर्े हों।
• स्व-रोजर्गर को बढ़गवग देकर, क्रे डिट और प्रलशक्षण के मगध्यम से।
• न्यूनिम जरूरिों जैसे पोषण, स्वगस््य, स्वच्छिग, आवगस एवं लशक्षग को
संबोधधि करके |
• उन महहलगओं की प्रत्यक्ष भगर्ीदगर क्जनकी ववकगस कगयाक्रमों से प्रभगववि
होने की संभगवनग है|
जारी....
14. प्रयास
• सवा लशक्षग अलभयगन- प्रगथलमक लशक्षग कग प्रमुख कगयाक्रम क्जसमे बक्च्चयों
पर ववशेष ध्यगन हदयग र्यग है
• जवगहर नवोदय ववद्यगलय , प्रनिभग ववकगस ववद्यगलय
• कस्िूरबग र्गंधी स्विंत्रिग ववद्यगलय- लड़ककयों के ललए आवगसीय स्कू ल
• रगष्र य ग्रगमीण रोजर्गर र्गरंट कगयाक्रम (एनआरईजीपी)
• िेवलपमेंट ऑफ़ वीमेन एंि धचल्रेन इन रूरल एररयगज(िीिधल्यूसीआरए):
१९७२ के दौरगन कगयगाक्न्वि
• रगष्र य महहलग कोष (आरएमके ): १९९२-९३
• महहलग समृधध योजनग (एमएसवगई): अतटूबर १९९३
• इंहदरग महहलग योजनग (आईएमआई): १९९५
• महहलग उद्यमी ववकगस कगयाक्रम: १९९७-९८ में सवोच्च प्रगथलमकिग द र्ई
• महहलग समगख्यग: ९००० र्गंवों में लगर्ू
16. • अनैनिक व्यगपगर (रोकथगम) अधधननयम 1956
• दहेज रोक अधधननयम 1961
• एक बरगबर पगररश्रलमक एतट 1976
• मेडिकल टम्नेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एतट 1987
• ललंर् पर क्षण िकनीक एतट 1994
• बगल वववगह रोकथगम एतट 2006
• कगयास्थल पर महहलगओं कग यौन शोषण एतट
2013
महहलग सशतिीकरण योजनगएं
• बेट बचगओ बेट पढगओ योजनग
• वन स्टॉप सेंटर योजनग
• महहलग हेल्पलगइन योजनग
जारी....
• उज्ज्वलग: िस्कर और वगखणक्ज्यक यौन शोषण के लशकगर लोर्ों के
िस्कर और बचगव, पुनवगास और पुन: एकीकरण की रोकथगम के ललए एक
व्यगपक योजनग
• कगया महहलग छगत्रगवगस
• उज्जवल योजनग के िहि मंत्रगलय ने नई पररयोजनगओं को मंजूर द और
मौजूदग पररयोजनगओं को जगर रखग
• स्वगधर र्ह (मुक्श्कल पररक्स्थनियों में महहलगओं के ललए एक योजनग)
• महहलगओं के ललए प्रलशक्षण और रोजर्गर कगयाक्रम (एसईपी) के ललए
समथान
• स्त्री शक्ति पुरसकगर के पुरस्कगर प्रगप्िकिगा, 2014 और नगर
शक्तिपुरुषकर के पुरस्कगर ववजेिगओं
• रगज्य महहलग सम्मन और क्जलग महहलग सम्मगन के पुरस्कगर ववजेिग
• महहलग ई-हगट
• महहलग शक्ति कें ि (एमएसके )
17.
18. कोमल िै कमजोर निीं तू , शक्तत का नाम िी नारी िै !
जग को जीवन देने बाली ,
मौत भी तुझसे िारी िै !
सततयों के नाम पे तुझे जलाया ,
मीरा के नाम पे जिर पपलाया
सीता जैसी अक्नन परीक्षा ,
आज भी जग में जारी िै !
कोमल िै कमजोर निीं तू , शक्तत का नाम िी नारी िै
इल्म , िुनर में, हदल हदमाग में ,
ककसी बात में कम तो निीं
पुरुषों बाले सारे िी,
अधिकारों की अधिकारी िै !
बिुत िो चुका अब मत सिना ,
तुझे इततिास बदलना िै !
नारी को कोई कि ना पाए ,
अबला िै बेचारी िै !
कोमल िै कमजोर निीं तू , शक्तत का नाम िी नारी िै
19. उपलक्धियााँ
वपछले कु छ सगलो में देश में महहलगओ की क्स्थनि में अचगनक ह कगफी बदलगव आयग है,
• 1848 : सगववत्रीबगई फु ले ने अपने पनि ज्योनिरगव फु ले के सगथ लमलकर भगरि के पुणे में महहलगओ के ललये
स्कू ल खोल . इस प्रकगर सगववत्रीबगई फु ले भगरि की पहल महहलग लशक्षक्षकग बनी.
• 1898 : भधर्नी ननवेहदिग ने महहलग स्कू ल की स्थगपनग की.
• 1916 : 2 जून 1916 को पहल महहलग यूननवलसाट SNDT महहलग यूननवलसाट की स्थगपनग सगमगक्जक समगज
सुधगरक धोंिो के शव कवे ने लसफा पगंच ववद्यगधथायों के सगथ लमलकर की.
• 1917 : भगरिीय रगक्ष्रय कगंग्रेस की एनी बेसेन्ट पहल महहलग अध्यक्षग बनी.
• 1925 : सरोक्जनी नगयिू भगरि में जन्मी, भगरिीय रगक्ष्रय कगंग्रेस की पहल अध्यक्षग बनी.
• 1927 : आल इंडियग ववमेंस कगंफ्रें स (All India Women’s Conference) की स्थगपनग की र्यी.
• 1947 : 15 अर्स्ि 1947 को आज़गद के बगद सरोक्जनी नगयिू भगरि की पहल महहलग र्वनार बनी.
• 1951 : िेतकन एयरवेज की प्रेम मगथुर भगरि की पहल कमलशायल महहलग पगयलट बनी.
• 1953 : ववजयग लक्ष्मी पंडिि यूनगइटेि नेशन जनरल असेंबल की भगरि की पहल महहलग अध्यक्षग बनी.
• 1959 : अन्नग चंिी हगई कोटा (के रलग हगई कोटा) ,भगरि की पहल महहलग जज बनी.
• 1963 : उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और ककसी भी भगरिीय रगज्य में इस पद पर रहने वगल सुचेिग
कृ पलगनी पहल महहलग थी.
20. • 1966 : कमलगदेवी चट्टोपगध्यगय को कम्युननट ल िरलशप के ललये रोमन मेग्सय्सय
अवगिा से सम्मगननि ककयग र्यग.
• 1966 : इंहदरग र्गंधी भगरि की पहल महहलग प्रधगनमंत्री बनी.
• 1970 : कमलजीि संधू एलशयगई खेलो में र्ोल्ि जीिने वगल पहल भगरिीय महहलग बनी.
• 1972 : भगरिीय पुललस दल मे शगलमल होने वगल ककरन बेद पहल महहलग बनी.
• 1979 : मदर टेरेसग को नोबेल शगंनि पुरस्कगर हदयग र्यग, इसे हगलसल करने वगल वह
पहल भगरिीय महहलग नगर्ररक है.
• 1984 : 23 मई को बचेंि पगल मगउंट एवरेस्ट पर चढ़ने पहल भगरिीय महहलग बनी.
• 1986 : सुरेखग यगदव भगरि और एलशयग की पहल महहलग लोको-पगयलट, रेलवे रगईवर
बनी.
• 1989 : न्यगयमूनिा एम ्. फगनिमग बीवी भगरिीय सुप्रीम कोटा की पहल महहलग जज बनी.
• 1992 : वप्रयग ख ंर्न इंडियन आमी में शगलमल होने वगल पहल महहलग कै िेट बनी.
• 1999 31 अतटूबर को सोननयग र्गँधी भगरिीय ववपक्षी दल की पहल महहलग नेिग बनी.
• 2007 : 25 जुलगई को प्रनिभग पगहटल भगरि की पहल महहलग रगष्रपनि बनी.
जारी....
21. • १९५०-५१ से प्रगथलमक, ऊपर प्रगथलमक, मगध्यलमक और
वररष्ठ मगध्यलमक चरण में कु ल नगमगंकन क्रमशः 6,14
और 20 की दर से बढ़ग है, और इस दौरगन लिककयों के
नगमगंकन में क्रमशः 9, 37 और 60 की दर से वृद्धध हुई
है|
• छोटे पैमगने पर पूंजीर्ि उद्योर्ों को सक्धसिी देने की
योजनग को पुनजीववि ककयग र्यग है|
• सगक्षरिग की दर १९९१ में ३९.२९% से बढ़कर २०१७ में
६५% हो र्यी है|
जारी....
22.
23. तनष्कषष
भगरिीय समगज में सच में महहलग सशक्तिकरण लगने के ललये महहलगओं के खखलगफ बुर प्रथगओं के मुख्य
कगरणों को सम नग और उन्हें हटगनग होर्ग जो कक समगज की वपिृसत्तगमक और पुरुष प्रभगव युति व्यवस्थग है।
जरुरि है कक हम महहलगओं के खखलगफ पुरगनी सोच को बदले और संवैधगननक और कगनूनी प्रगवधगनों में भी
बदलगव लगये।
महहलग सशक्तिकरण के सपने को सच करने के ललये लडड़कयों के महत्व और उनकी लशक्षग को प्रचगररि करने
की जरुरि है. इसके सगथ ह हमें महहलगओ के प्रनि हमगर सोच को भी ववकलसि करनग होर्ग.
हमें महहलगओं की समस्यगओं के बगरे में समगज के पुरुष सदस्यों को लशक्षक्षि और संवेहदि करनग है और
उनके बीच एकजुटिग और समगनिग की भगवनग पैदग करने की आवश्यकिग है िगकक वे अपने भेदभगवपूणा व्यवहगरों
को कमजोर वर्ा की ओर रोक दें। सबसे पहले हमगरे घरों से सभी प्रयगस शुरू होने चगहहए जहगं हमें ककसी भी
भेदभगव के बबनग लशक्षग, स्वगस््य, पोषण और ननणाय लेने के समगन अवसर प्रदगन करके हमगरे पररवगर के महहलग
सदस्यों को सशति करनग चगहहए।
भारत शक्ततशाली राष्र तभी बन सकता िै जब यि वास्तव में अपनी महिलाओं को शक्तत देता िै