Yoga and total health

Shivartha
Shivartha Blogger en Shivartha Yoga

Yoga is the science of life and the art of living. It is a common sense answer for overall physical and mental health. Basically, yoga is a system of physical and mental self-improvement and ultimate liberation, which people have been using for thousands of years. Yoga originated in the period of Vedas and Upanishads. It is the oldest scientific, best spiritual discipline of India. Yoga is a method of training the mind and developing the power of its subtle senses so that man can discover for himself the spiritual truth on which religions, beliefs and moral values ​​ultimately rest. It is a confession of our hidden powers. Swami Sivananda said, "He who spreads good, divine thoughts is good for himself and also for the world." Yoga is the science of life, it guarantees us physical and mental health with simple, easy remedies and techniques and methods of health and hygiene with minimum time, effort and expenditure.

योग क्या है?
मॊग जीवन का ववज्ञान औय जीवन जीने की कला है। मह सभग्र शायीरयक औय भानससक स्वास्थ्य क
े सलए
साभान्य ज्ञान का ईत्तय है। भूल रूऩ से, मॊग शायीरयक औय भानससक अत्म-सुधाय औय ऄंतिभ भुक्ति की एक प्रणाली है,
सजसे लॊग हजायों वषों से ईऩमॊग कय यहे हैं। मॊग की ईत्पसत्त वेदों औय ईऩक्तनषदों क
े काल भें रृइ। मह बायि का सफसे
ऩुयाना वैज्ञाक्तनक, सववश्रेष्ठ अध्यात्मत्मक ऄनुशासन है। मॊग भन कॊ प्रसशक्षिि कयने औय ऄऩनी सूक्ष्म आंद्रिमों की शक्ति
ववकससि कयने की एक ववक्तध है िावक भनुष्य ऄऩने सलए अध्यात्मत्मक सत्य की खॊज कय सक
े सजस ऩय धभव, ववश्वास
औय नैतिक भूल्य ऄंििः अयाभ कयिे हैं। मह हभायी क्तिऩी रृइ िाकिों की स्वीकायॊक्ति है। स्वाभी सशवानंद ने कहा, "जॊ
ऄच्छे, द्रदव्य ववचायों का प्रसाय कयिा है, वह ऄऩने सलए बी औय दुक्तनमा क
े सलए बी ऄच्छा हॊिा है।" मॊग जीवन का
ववज्ञान है, मह हभें न्यूनिभ सभम, प्रमास औय व्यम क
े साथ सयल, असान ईऩचाय औय िकनीकों औय स्वास्थ्य औय
स्वच्छिा क
े ियीकों क
े साथ शायीरयक औय भानससक स्वास्थ्य की गायंटी देिा है।
मॊग एक औय शब्द है, भुख्य ध्यान िकनीकों कॊ सीखना असान है। आसभें शाक्तभल है:
 गतिववक्तधमााँ (क
ु ल ि
ू ट)
 ऄंिमात्रा (अंिरयक मात्रा)
 श्वसन (सांस लेने की ईत्तेजना)
 शायीरयक क्तनयीिण (शयीय की धायणा)
 चैिन्य-क
ें ि ऄवलॊकन (भानससक क
ें िों की सभझ)
 लेससमा ध्यान (भानससक स्पेक्ट्रभ की दृष्टि)
 विवभान िण का ववजन
 ववचायों की दृष्टि
 अत्म-ऄनुशासन
 बावना (ववयॊधी थप्पड़)
 ऩुनक्तनिदेशन
 एकाग्रिा
मॊग एक प्राचीन ित्वभीभांसा है जॊ अत्मा की प्रक
ृ ति की जांच कयिा है औय ऄऩने ऄनुशासन क
े भाध्यभ से,
नैतिक सवोच्च अत्मा क
े साथ नैतिकिा कॊ एकजुट कयने वाले व्यक्ति क
े ऄचेिन भन कॊ जागृि कयिा है। मॊग संिुलन
फनािा है औय दशवन औय धभव दॊनों प्रदान कयिा है। जीवन का वास्तववक अनंद िफ प्रकट हॊिा है जफ हभ प्रक
ृ ति औय
संस्क
ृ ति, धन औय गयीफी, अंदॊलन औय शांति, संफंध औय ऄस्थियिा कॊ एकजुट कय सकिे हैं। मॊग व्यक्तिगि औय
सभुदाम दॊनों की सेवा कय सकिा है। मॊग एक ऩंथ मा ववचायधाया नहीं है, फत्मि भन औय शयीय का व्यावहारयक
प्रसशिण है।
भॊटे िोय ऩय, आसक
े िीन भुख्य ऩरयणाभ हैं: मह हभें हभाये प्राक
ृ तिक ज्ञान क
े फाये भें ऄक्तधक जागरूक फनािा है,
मह शयीय की फीभायी मा चॊट से ईफयने की िभिा भें सुधाय कयिा है; मह हभें ससखािा है वक दूसयों क
े साथ क
ै से
सहमॊग कयें। मॊग हभें ससद्ांि क
े फजाम भन औय शयीय क
े भाध्यभ से सच्चाइ ससखािा है, मह दृष्टिकॊण भें गहया
फदलाव लािा है। हभाये जीवन का संऩूणव बफिंदु ऩववत्र अत्मा की शक्ति भें ववश्वास कयने क
े सलए हय विमा औय ईसी सभम
ऩय ऩूया ध्यान देना है।
ऩिंजसल मॊग क
े अठ चयण हैं:
 मभ: एक साववबोक्तभक नैतिक कानून।
 क्तनमभ: अचयण की व्यक्तिगि नैतिक जड़ें।
 असन: मॊग असन।
 प्राणामाभ: प्राण मा शक्ति कॊ प्राप्त कयने औय श्वास द्वाया क्तनमंबत्रि कयना।
 प्रत्याहाय: आंद्रिमों कॊ फाह्य वािावयण से लोटाओ।
 धायणा: एकाग्रिा।
 ध्यान: ध्यान।
 सभाक्तध: अत्म-ज्ञान।
मॊग अत्म-जागरूकिा क
े शुद्िभ रूऩ कॊ प्राप्त कयने की एक िकनीक बी है, मह सबी ववचायों औय संवेदनाओं
से भुि नहीं है। ऄिीि क
े भहान मॊग सशिकों ने जॊ ससखामा है ईसे स्पि रूऩ से सभझने क
े सलए वकसी प्रकाय क
े
ववचाय ऩुनक्तनिभावण की अवश्यकिा है। मॊग ऩिंजसल क
े िंत्र-भंत्र ने मॊगसूत्र क
े भाध्यभ से ववचायों की सभझ दी है। गीिा
औय ईऩक्तनषदों भें हभें मॊग की एक व्याऩक औय सकायात्मक ऄभबव्यक्ति क्तभली है। मॊग क
े भाध्यभ से, हभाये प्राचीन
स्वाभी हभें ऄऩने सीक्तभि जीवन क
े दुखों औय ऩीड़ाओं कॊ दूय कयक
े सुख क
े प्रवाह क
े ऄसीभ अनंददामी ऄनुबवों क
े सलए
जीवन जीने की कला ससखािे हैं। मॊग शब्द का ऄथव है भनुष्य क
े यहने की प्रविमा भें, सभाज क
े बीिय, औय प्रक
ृ ति क
े
साथ साभंजस्य िावऩि कयने भें भन औय शयीय का व्यवस्थिि ऄध्यमन।
क
ुं डसलनी मॊग शयीय क
े सलए एक व्यवस्थिि औय एकीक
ृ ि ऄभ्यास हैं। भन औय ईसका जॊय भनुष्य कॊ
यचनात्मक फनाने ऩय है। एक नइ ववक्तध क
े साथ, जॊ ऩूयी ियह से सुयक्षिि है, क
ुं डसलनी की शक्ति क
ु ि ही क्तभनटों भें प्राप्त
की जा सकिी है। िॊ आस ववक्तध कॊ सयल क
ं धे मॊग कहा जािा है, सजसे "SKY" कहा जािा है। ऩुनरुद्ाय क
ुं डसलनी मॊग
का सभाऩन है औय आसकी प्रेयणा ववशेषज्ञों कॊ ऩरयऩक्व चि औय ऩारयि हॊने कॊ िक्तगि कयने क
े सलए सशि कयना है।
कामाकल्प मॊग ऄफ बायि, भलेसशमा, ससिंगाऩुय, दक्षिण कॊरयमा, जाऩान औय संमुि याज्य ऄभेरयका क
े सबी अकाश क
ें िों
भें क्तनमक्तभि ऄंियाल ऩय ऩढामा जा यहा है। कभव मॊग, मे दॊनों मॊग ऄभ्यास ववश्व धभव भें फरृि भहत्वऩूणव हैं।
स्वास्थ्य क्या है?
स्वास्थ्य ऩरयऩूणव है, एक ऐसी ऄविा सजसभें अदभी कॊ ऩूयी संवेदनशीलिा हॊिी है औय सजसभें ईसक
े सबी
ऄनुशासन ऩूयी ियह से काभ कयिे हैं। आस स्थिति क
े सलए सविम रूऩ से काभ कयना फीभायी कॊ ठीक कयना औय
आििभ स्वास्थ्य ववकससि कयना है। मॊग एक दशवन औय एक जीववि धभव है, मह ववश्वास कयिे रृए वक शयीय आिना
भहत्वऩूणव है औय आसे आिनी सख्ती से प्रसशक्षिि कय यहा है। स्वास्थ्य क
े बफना, हभ न िॊ ध्यान का ऄभ्यास कय सकिे हैं
औय न ही ज्ञान प्राप्त कय सकिे हैं। ईत्तभ स्वास्थ्य क
े सलए, वकसी कॊ बी सत्य ऩय संदेह कयना चाद्रहए। शयीय-भस्थस्तष्क
प्रणाली भें स्वास्थ्य कॊ ठीक कयने की एक जन्मजाि शक्ति हॊिी है औय आसका ईद्देश्य भानव यॊगों कॊ ठीक कयने की
मॊक्तगक ववक्तध है। ध्यानमॊग मॊग क
े क
ु ल स्वास्थ्य भें शायीरयक, भानससक, बावनात्मक औय अध्यात्मत्मक स्वास्थ्य शाक्तभल
हैं।
 शायीरयक स्तय ऩय, मह हय शायीरयक कॊसशका कॊ ऄऩने अऩ कॊ ऩुनजीववि कयने भें भदद कयिा है; मह ऩाचन कॊ
सयल कयिा है, प्रेयणा कॊ ऄक्तधक क
ु शल फनािा है, औय यि ऩरयसंचयण औय गुणवत्ता भें सुधाय कयिा है।
 भानससक स्तय ऩय, मह ध्यान क
ें द्रिि कयने क
े सलए प्रसशिण क
े सलए एक लागू ियीका साबफि हॊिा है; मह दवाओं
क
े बफना गंबीय भानससक फीभायी का आलाज कयने का एक ियीका प्रदान कयिा है; मह व्यसनों औय ऄन्य फुयी
अदिों कॊ खत्म कयने क
े सलए एक क
ु शल ईऩकयण है; मह ईसक
े भन क
े एक यहस्य औय अंिरयक चेिना क
े
वास्तववक ऄनुबव कॊ प्रकट कयिा है सजसभें ऄवचेिन औय ऄचेिन शाक्तभल हैं।
 बावनात्मक स्तय ऩय, जागरूक िक
व कॊ भजफूि कयना ऩमाववयणीम स्थितिमों, स्थितिमों औय दूसयों क
े व्यवहाय क
े
प्रति प्रतिविमाओं कॊ क्तनमंबत्रि कयिा है; िंबत्रका औय ऄंिःस्रावी िंत्र क
े कामव भें संगति भनॊवैज्ञाक्तनक ववक
ृ ति क
े
क्तनमंत्रण औय ऄंििः ईन्मूलन का ऩरयणाभ है।
 यि यसामन क
े अध्यात्मत्मक स्तय ऩय, न्यूयॊएंडॊिाआन स्राव, ववक्तनमभन औय ऩरयविवन क
े ईसचि संश्लेषण क
े भाध्यभ
से, भन कॊ क्तनमंबत्रि कयने औय वकसी व्यक्ति कॊ खॊने क
े सलए भजफूय कयने वाले फाहयी प्रबावों क
े प्रबाव से भुि
हॊने की शक्ति प्राप्त कयने क
े सलए। अंिरयक क
ं ऩन ईत्पन्न हॊिे हैं।
क
ु ल स्वास्थ्य में योग की भूममका
मॊग िनाव औय ववश्राभ क
े दॊ चयणों कॊ जॊड़िा है। जीवन हभेशा संिुलन औय अदशव स्थिति कॊ फहाल कयने की
कॊसशश कयना सजसभें स्थिय फल औय गतिज फल साभंजस्य हैं। आस स्तय ऩय, सफसे ऄक्तधक िनाव से याहि क्तभलिी है
औय मह सेवा औय सहमॊग क
े एक नए जीवन क
े सलए भोसलक है। मॊग की भूल ववशेषिा आसका ध्यान का ईऩमॊग है,
आस ऄनुशासन का ईऩमॊग कयक
े , भन औय शयीय कॊ शुद् औय संिुसलि वकमा जािा है औय व्यक्तित्व कॊ फढामा जािा
है। मॊग सबी कॊ ववकससि चेिना की स्थिति की ओय ले जािा है जॊ ऩववत्रिा क
े साथ एक है। ऩहला कदभ शयीय औय
भन दॊनों कॊ क्तभलाना, शुद् कयना औय भजफूि कयना है। मॊग भें हभ लॊगों कॊ ईऩवास, ब्रह्मचमव, धन क
े त्याग औय
संऩसत्त क
े साथ-साथ यहने वाले घयों, वप्रमजनों औय सभाज का ऄभ्यास कयिे देखिे हैं। आच्छाओं कॊ क्तनमंबत्रि कयने का
ईद्देश्य हभेशा सभान हॊिा है औय चूंवक आच्छा भानससक औय बावनात्मक हॊिी है, आससलए आसे कयने क
े कइ ियीक
े हैं।
ईऩवास सफसे स्वाबाववक औय फुक्तनमादी है
आच्छा क्तनमंत्रण का प्रसशिण ऄनामास जानवयों औय प्राक
ृ तिक प्राभणमों द्वाया वकमा जा यहा है जॊ प्रक
ृ ति क
े कयीफ
यहिे हैं। शयीय भें ध्यान क
े साि क
ें ि हैं। प्रत्येक क
ें ि ऄऩनी संफंक्तधि ऄंिःस्रावी ग्रंतथ से संफंक्तधि है। क
ुं डसलनी मॊग भें गुरु
क
े भागवदशवन भें वकसी बी चि का ध्यान कयना चाद्रहए। आस मॊग भें अत्म-प्रमास कॊ सख्ती से फचा जाना चाद्रहए
क्योंवक मह कद्रठनाआमों का कायण फन सकिा है।
 ऄंि: स्रावी ग्रंतथ
 फरृि सलिंग
 सेक्स ग्रंतथ औय ऄक्तधवृक्क कॊ जॊड़ने वाला स्वास्थ्य संफंध
 एद्रिनल ग्रंतथ
 ऄनाहि थाआभस ग्रंतथ
 थामयॉमड ग्रंतथ कॊ शुद् कयना
 ऄभि वऩट्यूटयी
 ब्रह्मयंध्र वऩनैल
ववश्वास क
े साथ 30 से 50 क्तभनट िक क्तनमक्तभि रूऩ से मॊग का ऄभ्यास कयें अध्यात्मत्मक प्रकाश क
े रूऩ भें
"अत्म" एक अशीवावद साबफि हॊिा है धीये-धीये वास्तववकिा क
े फाये भें जागरूकिा अिी है।
मॊग ध्यान क
े ऄभ्यास का भुख्य ईद्देश्य भानससक स्थिति कॊ शुद् कयने क
े सलए) गहयी अंिरयक एकाग्रिा क
े
साथ है। भन लगािाय ऄनुयॊधों, बावनाओं औय बावनाओं कॊ भ्रि कय यहा है। आससे ज्ञान क
े प्रवाह भें फाधा अिी है।
ऄशुद्िा की फाधाओं कॊ ऩहले दूय वकमा जाना चाद्रहए। जफ भन की सपाइ हॊिी है, िॊ भन की शांति ऄऩने अऩ गामफ
हॊ जािी है। भन की स्थिति, संिुलन औय कल्याण बी एक साथ भहसूस वकमा जािा है। मह हभेशा माद यखना चाद्रहए वक
खेिी का ऄंतिभ लक्ष्य ऩववत्रिा औय सभानिा है, जॊ जुनून कॊ दूवषि कयिा है। कल्याणकायी याज्य हभाया ऄंतिभ लक्ष्य
नहीं है; मह ऄक्तनवामव रूऩ से ऩुष्टि कयेगा; हालांवक, मह ईद्देश्य नहीं है। आसी ियह, शांति बी एक भाध्यक्तभक लाब है औय
हभेशा हाससल की जाएगी, लेवकन ईद्देश्य नहीं। हभें ऄऩने ऄंतिभ लक्ष्य िक ऩरृाँचने क
े सलए आन दॊनों भानससक
ऄविाओं से गुजयना हॊगा। भिलफ। भन औय देविा की ऩूणव शुद्िा। सत्य की प्राप्तप्त सबी का जन्मससद् ऄक्तधकाय है; हय
वकसी भें एक स्वाबाववक िभिा हॊिी है। जफ कभव वांक्तिि हॊिा है, िॊ मह सबी लॊगों कॊ सत्य की प्राप्तप्त से जॊड़ देगा।
कभवशील सभाज भें व्यक्ति ऄऩने अऩ कॊ औय दूसयों कॊ अशीवावद दे सकिा है, वकसी क
े जीवनसाथी, फच्चों, फहनों औय
बाआमों, वप्रमजनों, भासलकों औय सहामकों औय शत्रुओं कॊ, मद्रद कॊइ हॊ, िॊ व्यक्तिगि शांति क
े सलए, भानविा का एक
सद्भाव। दुक्तनमा भें औय सबी देशों भें शांति है। ऩााँच किवव्य हैं सजन्हें जीवन भें सख्ती से ऩालन कयना चाद्रहए: (i) स्वमं,
(ii) ऩरयवाय, (iii) रयश्तेदाय, (iv) सभाज, औय (v) ववश्व सभुदाम, ऄन्य चाय भें से वकसी की बी ऄनदेखी वकए बफना
ईऩयॊि िभ भें सबी कॊ भहत्व देिे हैं। ईनकी अम का कभ से कभ 1% क
े वल जरूयिभंदों की भदद औय कल्याण ऩय
खचव वकमा जाना चाद्रहए। जीवन क
े ईद्देश्य कॊ प्राप्त कयने औय एक व्यक्ति की चेिना ववकससि कयने क
े सलए, जीवन
शैली ऩय ध्यान सीखना औय ऄभ्यास कयना अवश्यक है, सजसक
े ऩरयणाभस्वरूऩ भन की शांति, शायीरयक स्वास्थ्य औय
चेिना का ज्ञान हॊगा।
मॊग भहवषि स्वाभी देव-भूतिि प्रत्येक ऄसजिि साधक कॊ देिा है साि भुख्य क
ुं सजमााँ जॊ ईनक
े अध्यात्मत्मक लक्ष्य
औय लक्ष्य की प्राप्तप्त सुक्तनप्तिि कयेंगी।
 एक भााँ, ऩत्नी / ऩति,
 ऄन्ना टाआट भैन की ियह,
 स्पाआनल फाय एक्सयसाआज,
 नेति-ज्यॊति-प्रकासशनी नेति,
 प्राणामाभ,
 नोली विमा,
 इश्वय (अध्यात्मत्मकिा) भें अध्यात्मत्मक ववश्वास।
मॊक्तगमों औय भनीवषमों ने घॊषणा की है वक एक ऄंिक्तनिद्रहि शक्ति है क
ुं डसलनी फंद है, औय आसक
े साि चिों क
े
साथ, यीढ भानव जाति का यहस्यभमी खजाना है। भानव फीभारयमों का एक फरृि फड़ा प्रतिशि गलि भुिा औय
ऩरयणाभस्वरूऩ ववक
ृ ति मा यीढ की हड्डी भें दॊष क
े सलए सजम्मेदाय है। आससलए, अलंकारयक रूऩ से फॊलना, यीढ कॊ चाजव
कयना भानव फैटयी कॊ रयचाजव कयना औय भानव संिानों का एक ववशाल बंडाय फनाना है।
प्रबावी ध्यान क
े सलए ईऩमुि शायीरयक औय भानससक असन हैं:
 शरीर - एक स्थिय भुिा, जॊ वास्तव भें, एक प्राक
ृ तिक शयीय है। संिुसलि श्वास औय ईसचि अहाय का ऄभ्यास कयें।
 मानसिक - भूल भन, ऄलग, शुद्, भजफूि औय सविम। ववश्वास का भस्थस्तष्क शयीय क
े ववकससि बोतिक औय
बावनात्मक क
ें ि से ईत्पन्न हॊिा है। मॊग कभ से कभ िह हजाय साल ऩहले शुरू रृअ औय ऄस्थस्तत्व क
े सलए
भानविा क
े क्तनयंिय संघषव से सभृद् रृअ है। लेवकन व्यामाभ, ईसचि असन, ईसचि श्वास औय ध्वक्तन अहाय जैसे
कायकों की एक ववस्तृि सुसंगििा है। जीवन शक्ति, स्वास्थ्य, सभाज औय महां िक वक एकिा कॊ फनाए यखना
साववबोक्तभक भानदंड हैं।
जॊ लॊग क
े वल व्यामाभ मा ववश्राभ क
े सलए मा शांि द्रदभाग क
े साथ मॊग का ईऩमॊग कयिे हैं, वे मॊग क
े ईद्देश्य
कॊ सभझने भें ववपल हॊिे हैं। मॊग क
े ईद्देश्य हैं:
 हभें ऄक्तधक से ऄक्तधक भानविा लाना है।
 हभभें सेवा की बावना जागृि कयना।
 हभें सच्चे ध्यान भें लाना।
अज ऩढाए जाने वाले ऄक्तधकांश मॊग वास्तववक मॊग नहीं हैं। ऐसा आससलए है क्योंवक मह आन ईद्देश्यों का ऩालन
मा यखयखाव नहीं कयिा है। आसक
े ऄलावा, चूंवक ऄक्तधकांश मॊग ऄसंिुसलि है, मह वास्तव भें एकियपा ववकास क
े
भाध्यभ से लॊगों कॊ ऩीड़ा देिा है। ऄगय आंसान प्रक
ृ ति क
े ऄनुसाय सख्ती से यह सकिा है
स्वास्थ्य औय खुशी, क्योंवक जीवन का मह ियीका संिुसलि है। एक ियप प्रसशिण लॊगों कॊ ऄसंिुसलि औय
ऩागल फना देिा है। ऩूणव अशीवावद स्वास्थ्य ईन लॊगों क
े सलए अिा है जॊ ऄऩनी व्यक्तिगि जीवन शैली प्राप्त कयिे हैं
औय ईसका ऄनुसयण कयें मह क
े वल ईन लॊगों क
े सलए नहीं है जॊ आस मा ईस िैमाय प्रणाली कॊ स्वीकाय कयिे हैं।

Más contenido relacionado

Similar a Yoga and total health

Yauvan surakshaYauvan suraksha
Yauvan surakshaAlliswell Fine
1.6K vistas58 diapositivas
ArogyanidhiArogyanidhi
ArogyanidhiSant Shri Asaram Ji Bapu Ashram
2.4K vistas140 diapositivas
Benefits of yogaBenefits of yoga
Benefits of yogaShivartha
9 vistas6 diapositivas
Female sexual dysfunctionFemale sexual dysfunction
Female sexual dysfunctionOm Verma
894 vistas14 diapositivas

Similar a Yoga and total health(20)

Yauvan surakshaYauvan suraksha
Yauvan suraksha
Alliswell Fine1.6K vistas
YauvanSurakshaYauvanSuraksha
YauvanSuraksha
Sant Shri Asaram Ji Bapu Ashram424 vistas
ArogyanidhiArogyanidhi
Arogyanidhi
Sant Shri Asaram Ji Bapu Ashram2.4K vistas
Benefits of yogaBenefits of yoga
Benefits of yoga
Shivartha 9 vistas
Female sexual dysfunctionFemale sexual dysfunction
Female sexual dysfunction
Om Verma894 vistas
Sithilikaran (Relaxation)Sithilikaran (Relaxation)
Sithilikaran (Relaxation)
Ghatkopar yoga Center1.2K vistas
Arogyanidhi   1Arogyanidhi   1
Arogyanidhi 1
Alliswell Fine348 vistas
अध्याय ४ योगअध्याय ४ योग
अध्याय ४ योग
Vibha Choudhary5.2K vistas
BJS e-Bulletin BJS e-Bulletin
BJS e-Bulletin
Bharatiya Jain Sanghatana19 vistas
Antar jyotAntar jyot
Antar jyot
Kinjal Patel302 vistas
Aantar jyotAantar jyot
Aantar jyot
Alliswell Fine218 vistas
YogasanYogasan
Yogasan
Sant Shri Asaram Ji Bapu Ashram187 vistas
YogasanYogasan
Yogasan
gurusewa1.5K vistas
Yog ShikharYog Shikhar
Yog Shikhar
Ravi Bhardwaj315 vistas

Yoga and total health

  • 1. योग क्या है? मॊग जीवन का ववज्ञान औय जीवन जीने की कला है। मह सभग्र शायीरयक औय भानससक स्वास्थ्य क े सलए साभान्य ज्ञान का ईत्तय है। भूल रूऩ से, मॊग शायीरयक औय भानससक अत्म-सुधाय औय ऄंतिभ भुक्ति की एक प्रणाली है, सजसे लॊग हजायों वषों से ईऩमॊग कय यहे हैं। मॊग की ईत्पसत्त वेदों औय ईऩक्तनषदों क े काल भें रृइ। मह बायि का सफसे ऩुयाना वैज्ञाक्तनक, सववश्रेष्ठ अध्यात्मत्मक ऄनुशासन है। मॊग भन कॊ प्रसशक्षिि कयने औय ऄऩनी सूक्ष्म आंद्रिमों की शक्ति ववकससि कयने की एक ववक्तध है िावक भनुष्य ऄऩने सलए अध्यात्मत्मक सत्य की खॊज कय सक े सजस ऩय धभव, ववश्वास औय नैतिक भूल्य ऄंििः अयाभ कयिे हैं। मह हभायी क्तिऩी रृइ िाकिों की स्वीकायॊक्ति है। स्वाभी सशवानंद ने कहा, "जॊ ऄच्छे, द्रदव्य ववचायों का प्रसाय कयिा है, वह ऄऩने सलए बी औय दुक्तनमा क े सलए बी ऄच्छा हॊिा है।" मॊग जीवन का ववज्ञान है, मह हभें न्यूनिभ सभम, प्रमास औय व्यम क े साथ सयल, असान ईऩचाय औय िकनीकों औय स्वास्थ्य औय स्वच्छिा क े ियीकों क े साथ शायीरयक औय भानससक स्वास्थ्य की गायंटी देिा है। मॊग एक औय शब्द है, भुख्य ध्यान िकनीकों कॊ सीखना असान है। आसभें शाक्तभल है:  गतिववक्तधमााँ (क ु ल ि ू ट)  ऄंिमात्रा (अंिरयक मात्रा)  श्वसन (सांस लेने की ईत्तेजना)  शायीरयक क्तनयीिण (शयीय की धायणा)  चैिन्य-क ें ि ऄवलॊकन (भानससक क ें िों की सभझ)  लेससमा ध्यान (भानससक स्पेक्ट्रभ की दृष्टि)  विवभान िण का ववजन  ववचायों की दृष्टि  अत्म-ऄनुशासन  बावना (ववयॊधी थप्पड़)  ऩुनक्तनिदेशन  एकाग्रिा मॊग एक प्राचीन ित्वभीभांसा है जॊ अत्मा की प्रक ृ ति की जांच कयिा है औय ऄऩने ऄनुशासन क े भाध्यभ से, नैतिक सवोच्च अत्मा क े साथ नैतिकिा कॊ एकजुट कयने वाले व्यक्ति क े ऄचेिन भन कॊ जागृि कयिा है। मॊग संिुलन फनािा है औय दशवन औय धभव दॊनों प्रदान कयिा है। जीवन का वास्तववक अनंद िफ प्रकट हॊिा है जफ हभ प्रक ृ ति औय संस्क ृ ति, धन औय गयीफी, अंदॊलन औय शांति, संफंध औय ऄस्थियिा कॊ एकजुट कय सकिे हैं। मॊग व्यक्तिगि औय सभुदाम दॊनों की सेवा कय सकिा है। मॊग एक ऩंथ मा ववचायधाया नहीं है, फत्मि भन औय शयीय का व्यावहारयक प्रसशिण है। भॊटे िोय ऩय, आसक े िीन भुख्य ऩरयणाभ हैं: मह हभें हभाये प्राक ृ तिक ज्ञान क े फाये भें ऄक्तधक जागरूक फनािा है,
  • 2. मह शयीय की फीभायी मा चॊट से ईफयने की िभिा भें सुधाय कयिा है; मह हभें ससखािा है वक दूसयों क े साथ क ै से सहमॊग कयें। मॊग हभें ससद्ांि क े फजाम भन औय शयीय क े भाध्यभ से सच्चाइ ससखािा है, मह दृष्टिकॊण भें गहया फदलाव लािा है। हभाये जीवन का संऩूणव बफिंदु ऩववत्र अत्मा की शक्ति भें ववश्वास कयने क े सलए हय विमा औय ईसी सभम ऩय ऩूया ध्यान देना है। ऩिंजसल मॊग क े अठ चयण हैं:  मभ: एक साववबोक्तभक नैतिक कानून।  क्तनमभ: अचयण की व्यक्तिगि नैतिक जड़ें।  असन: मॊग असन।  प्राणामाभ: प्राण मा शक्ति कॊ प्राप्त कयने औय श्वास द्वाया क्तनमंबत्रि कयना।  प्रत्याहाय: आंद्रिमों कॊ फाह्य वािावयण से लोटाओ।  धायणा: एकाग्रिा।  ध्यान: ध्यान।  सभाक्तध: अत्म-ज्ञान। मॊग अत्म-जागरूकिा क े शुद्िभ रूऩ कॊ प्राप्त कयने की एक िकनीक बी है, मह सबी ववचायों औय संवेदनाओं से भुि नहीं है। ऄिीि क े भहान मॊग सशिकों ने जॊ ससखामा है ईसे स्पि रूऩ से सभझने क े सलए वकसी प्रकाय क े ववचाय ऩुनक्तनिभावण की अवश्यकिा है। मॊग ऩिंजसल क े िंत्र-भंत्र ने मॊगसूत्र क े भाध्यभ से ववचायों की सभझ दी है। गीिा औय ईऩक्तनषदों भें हभें मॊग की एक व्याऩक औय सकायात्मक ऄभबव्यक्ति क्तभली है। मॊग क े भाध्यभ से, हभाये प्राचीन स्वाभी हभें ऄऩने सीक्तभि जीवन क े दुखों औय ऩीड़ाओं कॊ दूय कयक े सुख क े प्रवाह क े ऄसीभ अनंददामी ऄनुबवों क े सलए जीवन जीने की कला ससखािे हैं। मॊग शब्द का ऄथव है भनुष्य क े यहने की प्रविमा भें, सभाज क े बीिय, औय प्रक ृ ति क े साथ साभंजस्य िावऩि कयने भें भन औय शयीय का व्यवस्थिि ऄध्यमन। क ुं डसलनी मॊग शयीय क े सलए एक व्यवस्थिि औय एकीक ृ ि ऄभ्यास हैं। भन औय ईसका जॊय भनुष्य कॊ यचनात्मक फनाने ऩय है। एक नइ ववक्तध क े साथ, जॊ ऩूयी ियह से सुयक्षिि है, क ुं डसलनी की शक्ति क ु ि ही क्तभनटों भें प्राप्त की जा सकिी है। िॊ आस ववक्तध कॊ सयल क ं धे मॊग कहा जािा है, सजसे "SKY" कहा जािा है। ऩुनरुद्ाय क ुं डसलनी मॊग का सभाऩन है औय आसकी प्रेयणा ववशेषज्ञों कॊ ऩरयऩक्व चि औय ऩारयि हॊने कॊ िक्तगि कयने क े सलए सशि कयना है। कामाकल्प मॊग ऄफ बायि, भलेसशमा, ससिंगाऩुय, दक्षिण कॊरयमा, जाऩान औय संमुि याज्य ऄभेरयका क े सबी अकाश क ें िों भें क्तनमक्तभि ऄंियाल ऩय ऩढामा जा यहा है। कभव मॊग, मे दॊनों मॊग ऄभ्यास ववश्व धभव भें फरृि भहत्वऩूणव हैं। स्वास्थ्य क्या है? स्वास्थ्य ऩरयऩूणव है, एक ऐसी ऄविा सजसभें अदभी कॊ ऩूयी संवेदनशीलिा हॊिी है औय सजसभें ईसक े सबी ऄनुशासन ऩूयी ियह से काभ कयिे हैं। आस स्थिति क े सलए सविम रूऩ से काभ कयना फीभायी कॊ ठीक कयना औय आििभ स्वास्थ्य ववकससि कयना है। मॊग एक दशवन औय एक जीववि धभव है, मह ववश्वास कयिे रृए वक शयीय आिना भहत्वऩूणव है औय आसे आिनी सख्ती से प्रसशक्षिि कय यहा है। स्वास्थ्य क े बफना, हभ न िॊ ध्यान का ऄभ्यास कय सकिे हैं औय न ही ज्ञान प्राप्त कय सकिे हैं। ईत्तभ स्वास्थ्य क े सलए, वकसी कॊ बी सत्य ऩय संदेह कयना चाद्रहए। शयीय-भस्थस्तष्क प्रणाली भें स्वास्थ्य कॊ ठीक कयने की एक जन्मजाि शक्ति हॊिी है औय आसका ईद्देश्य भानव यॊगों कॊ ठीक कयने की मॊक्तगक ववक्तध है। ध्यानमॊग मॊग क े क ु ल स्वास्थ्य भें शायीरयक, भानससक, बावनात्मक औय अध्यात्मत्मक स्वास्थ्य शाक्तभल हैं।  शायीरयक स्तय ऩय, मह हय शायीरयक कॊसशका कॊ ऄऩने अऩ कॊ ऩुनजीववि कयने भें भदद कयिा है; मह ऩाचन कॊ सयल कयिा है, प्रेयणा कॊ ऄक्तधक क ु शल फनािा है, औय यि ऩरयसंचयण औय गुणवत्ता भें सुधाय कयिा है।  भानससक स्तय ऩय, मह ध्यान क ें द्रिि कयने क े सलए प्रसशिण क े सलए एक लागू ियीका साबफि हॊिा है; मह दवाओं क े बफना गंबीय भानससक फीभायी का आलाज कयने का एक ियीका प्रदान कयिा है; मह व्यसनों औय ऄन्य फुयी अदिों कॊ खत्म कयने क े सलए एक क ु शल ईऩकयण है; मह ईसक े भन क े एक यहस्य औय अंिरयक चेिना क े वास्तववक ऄनुबव कॊ प्रकट कयिा है सजसभें ऄवचेिन औय ऄचेिन शाक्तभल हैं।
  • 3.  बावनात्मक स्तय ऩय, जागरूक िक व कॊ भजफूि कयना ऩमाववयणीम स्थितिमों, स्थितिमों औय दूसयों क े व्यवहाय क े प्रति प्रतिविमाओं कॊ क्तनमंबत्रि कयिा है; िंबत्रका औय ऄंिःस्रावी िंत्र क े कामव भें संगति भनॊवैज्ञाक्तनक ववक ृ ति क े क्तनमंत्रण औय ऄंििः ईन्मूलन का ऩरयणाभ है।  यि यसामन क े अध्यात्मत्मक स्तय ऩय, न्यूयॊएंडॊिाआन स्राव, ववक्तनमभन औय ऩरयविवन क े ईसचि संश्लेषण क े भाध्यभ से, भन कॊ क्तनमंबत्रि कयने औय वकसी व्यक्ति कॊ खॊने क े सलए भजफूय कयने वाले फाहयी प्रबावों क े प्रबाव से भुि हॊने की शक्ति प्राप्त कयने क े सलए। अंिरयक क ं ऩन ईत्पन्न हॊिे हैं। क ु ल स्वास्थ्य में योग की भूममका मॊग िनाव औय ववश्राभ क े दॊ चयणों कॊ जॊड़िा है। जीवन हभेशा संिुलन औय अदशव स्थिति कॊ फहाल कयने की कॊसशश कयना सजसभें स्थिय फल औय गतिज फल साभंजस्य हैं। आस स्तय ऩय, सफसे ऄक्तधक िनाव से याहि क्तभलिी है औय मह सेवा औय सहमॊग क े एक नए जीवन क े सलए भोसलक है। मॊग की भूल ववशेषिा आसका ध्यान का ईऩमॊग है, आस ऄनुशासन का ईऩमॊग कयक े , भन औय शयीय कॊ शुद् औय संिुसलि वकमा जािा है औय व्यक्तित्व कॊ फढामा जािा है। मॊग सबी कॊ ववकससि चेिना की स्थिति की ओय ले जािा है जॊ ऩववत्रिा क े साथ एक है। ऩहला कदभ शयीय औय भन दॊनों कॊ क्तभलाना, शुद् कयना औय भजफूि कयना है। मॊग भें हभ लॊगों कॊ ईऩवास, ब्रह्मचमव, धन क े त्याग औय संऩसत्त क े साथ-साथ यहने वाले घयों, वप्रमजनों औय सभाज का ऄभ्यास कयिे देखिे हैं। आच्छाओं कॊ क्तनमंबत्रि कयने का ईद्देश्य हभेशा सभान हॊिा है औय चूंवक आच्छा भानससक औय बावनात्मक हॊिी है, आससलए आसे कयने क े कइ ियीक े हैं। ईऩवास सफसे स्वाबाववक औय फुक्तनमादी है आच्छा क्तनमंत्रण का प्रसशिण ऄनामास जानवयों औय प्राक ृ तिक प्राभणमों द्वाया वकमा जा यहा है जॊ प्रक ृ ति क े कयीफ यहिे हैं। शयीय भें ध्यान क े साि क ें ि हैं। प्रत्येक क ें ि ऄऩनी संफंक्तधि ऄंिःस्रावी ग्रंतथ से संफंक्तधि है। क ुं डसलनी मॊग भें गुरु क े भागवदशवन भें वकसी बी चि का ध्यान कयना चाद्रहए। आस मॊग भें अत्म-प्रमास कॊ सख्ती से फचा जाना चाद्रहए क्योंवक मह कद्रठनाआमों का कायण फन सकिा है।  ऄंि: स्रावी ग्रंतथ  फरृि सलिंग  सेक्स ग्रंतथ औय ऄक्तधवृक्क कॊ जॊड़ने वाला स्वास्थ्य संफंध  एद्रिनल ग्रंतथ  ऄनाहि थाआभस ग्रंतथ  थामयॉमड ग्रंतथ कॊ शुद् कयना  ऄभि वऩट्यूटयी  ब्रह्मयंध्र वऩनैल ववश्वास क े साथ 30 से 50 क्तभनट िक क्तनमक्तभि रूऩ से मॊग का ऄभ्यास कयें अध्यात्मत्मक प्रकाश क े रूऩ भें "अत्म" एक अशीवावद साबफि हॊिा है धीये-धीये वास्तववकिा क े फाये भें जागरूकिा अिी है। मॊग ध्यान क े ऄभ्यास का भुख्य ईद्देश्य भानससक स्थिति कॊ शुद् कयने क े सलए) गहयी अंिरयक एकाग्रिा क े साथ है। भन लगािाय ऄनुयॊधों, बावनाओं औय बावनाओं कॊ भ्रि कय यहा है। आससे ज्ञान क े प्रवाह भें फाधा अिी है। ऄशुद्िा की फाधाओं कॊ ऩहले दूय वकमा जाना चाद्रहए। जफ भन की सपाइ हॊिी है, िॊ भन की शांति ऄऩने अऩ गामफ हॊ जािी है। भन की स्थिति, संिुलन औय कल्याण बी एक साथ भहसूस वकमा जािा है। मह हभेशा माद यखना चाद्रहए वक खेिी का ऄंतिभ लक्ष्य ऩववत्रिा औय सभानिा है, जॊ जुनून कॊ दूवषि कयिा है। कल्याणकायी याज्य हभाया ऄंतिभ लक्ष्य नहीं है; मह ऄक्तनवामव रूऩ से ऩुष्टि कयेगा; हालांवक, मह ईद्देश्य नहीं है। आसी ियह, शांति बी एक भाध्यक्तभक लाब है औय हभेशा हाससल की जाएगी, लेवकन ईद्देश्य नहीं। हभें ऄऩने ऄंतिभ लक्ष्य िक ऩरृाँचने क े सलए आन दॊनों भानससक ऄविाओं से गुजयना हॊगा। भिलफ। भन औय देविा की ऩूणव शुद्िा। सत्य की प्राप्तप्त सबी का जन्मससद् ऄक्तधकाय है; हय वकसी भें एक स्वाबाववक िभिा हॊिी है। जफ कभव वांक्तिि हॊिा है, िॊ मह सबी लॊगों कॊ सत्य की प्राप्तप्त से जॊड़ देगा। कभवशील सभाज भें व्यक्ति ऄऩने अऩ कॊ औय दूसयों कॊ अशीवावद दे सकिा है, वकसी क े जीवनसाथी, फच्चों, फहनों औय बाआमों, वप्रमजनों, भासलकों औय सहामकों औय शत्रुओं कॊ, मद्रद कॊइ हॊ, िॊ व्यक्तिगि शांति क े सलए, भानविा का एक
  • 4. सद्भाव। दुक्तनमा भें औय सबी देशों भें शांति है। ऩााँच किवव्य हैं सजन्हें जीवन भें सख्ती से ऩालन कयना चाद्रहए: (i) स्वमं, (ii) ऩरयवाय, (iii) रयश्तेदाय, (iv) सभाज, औय (v) ववश्व सभुदाम, ऄन्य चाय भें से वकसी की बी ऄनदेखी वकए बफना ईऩयॊि िभ भें सबी कॊ भहत्व देिे हैं। ईनकी अम का कभ से कभ 1% क े वल जरूयिभंदों की भदद औय कल्याण ऩय खचव वकमा जाना चाद्रहए। जीवन क े ईद्देश्य कॊ प्राप्त कयने औय एक व्यक्ति की चेिना ववकससि कयने क े सलए, जीवन शैली ऩय ध्यान सीखना औय ऄभ्यास कयना अवश्यक है, सजसक े ऩरयणाभस्वरूऩ भन की शांति, शायीरयक स्वास्थ्य औय चेिना का ज्ञान हॊगा। मॊग भहवषि स्वाभी देव-भूतिि प्रत्येक ऄसजिि साधक कॊ देिा है साि भुख्य क ुं सजमााँ जॊ ईनक े अध्यात्मत्मक लक्ष्य औय लक्ष्य की प्राप्तप्त सुक्तनप्तिि कयेंगी।  एक भााँ, ऩत्नी / ऩति,  ऄन्ना टाआट भैन की ियह,  स्पाआनल फाय एक्सयसाआज,  नेति-ज्यॊति-प्रकासशनी नेति,  प्राणामाभ,  नोली विमा,  इश्वय (अध्यात्मत्मकिा) भें अध्यात्मत्मक ववश्वास। मॊक्तगमों औय भनीवषमों ने घॊषणा की है वक एक ऄंिक्तनिद्रहि शक्ति है क ुं डसलनी फंद है, औय आसक े साि चिों क े साथ, यीढ भानव जाति का यहस्यभमी खजाना है। भानव फीभारयमों का एक फरृि फड़ा प्रतिशि गलि भुिा औय ऩरयणाभस्वरूऩ ववक ृ ति मा यीढ की हड्डी भें दॊष क े सलए सजम्मेदाय है। आससलए, अलंकारयक रूऩ से फॊलना, यीढ कॊ चाजव कयना भानव फैटयी कॊ रयचाजव कयना औय भानव संिानों का एक ववशाल बंडाय फनाना है। प्रबावी ध्यान क े सलए ईऩमुि शायीरयक औय भानससक असन हैं:  शरीर - एक स्थिय भुिा, जॊ वास्तव भें, एक प्राक ृ तिक शयीय है। संिुसलि श्वास औय ईसचि अहाय का ऄभ्यास कयें।  मानसिक - भूल भन, ऄलग, शुद्, भजफूि औय सविम। ववश्वास का भस्थस्तष्क शयीय क े ववकससि बोतिक औय बावनात्मक क ें ि से ईत्पन्न हॊिा है। मॊग कभ से कभ िह हजाय साल ऩहले शुरू रृअ औय ऄस्थस्तत्व क े सलए भानविा क े क्तनयंिय संघषव से सभृद् रृअ है। लेवकन व्यामाभ, ईसचि असन, ईसचि श्वास औय ध्वक्तन अहाय जैसे कायकों की एक ववस्तृि सुसंगििा है। जीवन शक्ति, स्वास्थ्य, सभाज औय महां िक वक एकिा कॊ फनाए यखना साववबोक्तभक भानदंड हैं। जॊ लॊग क े वल व्यामाभ मा ववश्राभ क े सलए मा शांि द्रदभाग क े साथ मॊग का ईऩमॊग कयिे हैं, वे मॊग क े ईद्देश्य कॊ सभझने भें ववपल हॊिे हैं। मॊग क े ईद्देश्य हैं:  हभें ऄक्तधक से ऄक्तधक भानविा लाना है।  हभभें सेवा की बावना जागृि कयना।  हभें सच्चे ध्यान भें लाना। अज ऩढाए जाने वाले ऄक्तधकांश मॊग वास्तववक मॊग नहीं हैं। ऐसा आससलए है क्योंवक मह आन ईद्देश्यों का ऩालन मा यखयखाव नहीं कयिा है। आसक े ऄलावा, चूंवक ऄक्तधकांश मॊग ऄसंिुसलि है, मह वास्तव भें एकियपा ववकास क े भाध्यभ से लॊगों कॊ ऩीड़ा देिा है। ऄगय आंसान प्रक ृ ति क े ऄनुसाय सख्ती से यह सकिा है स्वास्थ्य औय खुशी, क्योंवक जीवन का मह ियीका संिुसलि है। एक ियप प्रसशिण लॊगों कॊ ऄसंिुसलि औय ऩागल फना देिा है। ऩूणव अशीवावद स्वास्थ्य ईन लॊगों क े सलए अिा है जॊ ऄऩनी व्यक्तिगि जीवन शैली प्राप्त कयिे हैं औय ईसका ऄनुसयण कयें मह क े वल ईन लॊगों क े सलए नहीं है जॊ आस मा ईस िैमाय प्रणाली कॊ स्वीकाय कयिे हैं।