3. !"ावना
• आं.- सातवाहन क
े पतन क
े प45ात राजनीितक िवघटन का काल
• आं. ;े< म" कोई @Aर राजवं श नही
• इस काल म" इDाक
ु , बृहGलायन, आनI, शालंकायन तथा िवKुक
ुं डीन ने शासन िकया।
• पुलक
े Nशन िOतीय (ई ॰ ६०९-१० से ६४२) ने आं. ;े< िवNजत िकया
• पुलक
े Nशन िOतीय ने अपने छोटे भाई “क
ु Z िवKुवधन” को आं.रा] का ^ांतीय
शासक िनयु_ िकया।
• यही िवKुवधन बाद म" पूवb (आं. ;े<) क
े चालु+ वं श का संAापक बना।
• इसे व"गी का चालु+ वं श क
े नाम से जाना जाता है।
4. व"गी रा' का भौगो,लक .े0
• वEगी राF क
ृ Gा-गोदावरी क
े निदयों क
े
बीच का HेI
• राजधानी वEगी: गोदावरी Lज़ले क
े
एOोर से ११ िकमी दूर वतRमान पेSवेगी
से
• साTाF HेI:
• उVर:हैदराबाद
• दLHण: बं गाल उपसागर
• पूवR: गंजाम
• पLYम: नेOोर Lज़ले तक
5. अनु
$।
राजा ित+थ$म
(ईसवी)
काय4
१ िव6ुवध4न
(क
ु 8)
६१५-६३३ सं=ापक
२ जय+संह Aथम ६३३-६६३ िव6ुवध4न का पुB एवं उEरा+धकारी
३ इंGवम4न जय+संह Aथम का छोटा भाई
४ िव6ुवध4न िMतीय ६३३-६७२ इंGवम4न का पुB
५ मं िग युवराज
Aथम
६७२-६९६ चचा4 नही
६ जय+संह िMतीय ६९६-७०९
७ िव6ुवध4न तृतीय ७०९-७४६
८ िवजयािदV Aथम ७६४-७९९ िव6ुवध4न तृतीय का पुB
राWXक
ू टों का उदय
९ िव6ुवध4न चतुथ4 ७६४-७९९ िवजयािदV Aथम
वातािप चालु[ वं श समा]
१० िवजयािदV
िMतीय
७९९-८४३ िव6ुवध4न चतुथ4 का पुB
राWXक
ू ट + चालु[ संघष4
११ िव6ुवध4न पं चम ८३४-८४४ िवजयािदV िMतीय का पुB
राWXक
ू टों से वैवािहक सbc
१२ िवजयािदV
तृतीय
८४४-८८८ िव6ुवध4न पंचम का पुB, शdeशाली शासक,
राWXक
ू टों को हराया
१३ भीम Aथम ८८८-९१८ िवजयािदV तृतीय का भाई
अंतग4त कलह कf शुgवात
अनु
$।
राजा ित+थ$म
(ईसवी)
काय4
१४ िवजयािदV
चतुथ4
९१८ गृहयुh कf d=ित
१५ अi Aथम ९१८-९२५ गृहयुh कf d=ित
राWXक
ू टों का हjkेप
१६ भीम िMतीय ९२५-९४५ गृहयुh कf d=ित
राWXक
ू टों का हjkेप
१७ अi िMतीय ९४५-९७० राWXक
ू टों का आ$मण
अंतग4त िवGोह
१८ दाणानव4 ९७०-९७३ राWXक
ू टों का +चंतक
१९ शdeवम4न
Aथम
९९९-१०११ दाणानव4 का पुB
चोलों का आगमन
२० िवमलािदV १०११-१०१८ शdeवम4न Aथम का भाई
प+nमी चालु[ों का आगमन
२१ राजराजनरoG
िव6ुवध4न
१०१८-१०६० चोलों से वैवािहक संबं ध
भाई क
े साथ गृहयुh
२२ िवजयिदV
स]म
१०६०,
१०६२-१०७६
चोलों एवं चालु[ों का सामंत
6. िव'ुवध*न (क
ु ,)
• पुलक
े Nशन िOतीय का ि^य dाता
• पुलक
े Nशन िOतीय ने क
ु Z िवKुवधन को ^थम महाराef का ^ांतीय शासक िनयु_ िकया।
• कNलंग म" उस समय िवKुक
ुं िडंन राजवं श का शासन था।
• िवKुवधन ने ^थम कNलंग िवजय ^ाh कi
• उपरांत क
ु णाल झील क
े समीप भयंकर युl म" िवKुवधन ने िवKुक
ुं िडंन को पराNजत िकया
• इस सफलता क
े बाद पुलक
े Nशन िOतीय ने िवKुवधन को आं. ;े< का ^ांतीय शासक िनयु_
िकया
• क
ु छ समय तक िवKुवधन पुलक
े Nशन िOतीय क
े अNधनn शासन करता रहा।
• बाद म" oतं<ता घोिषत कi।
• पूवb चालु+/व"गी क
े चालु+ वं श का ^ारq
7. िव'ुवध*न
• रा]ितNथ: ई॰ ६२४-६४१
• राजा बनने से पूव कोंकण एवं महाराef म" गवनर का अनुभव
• िवKुवधन का ितsपुरम अNभलेख: महाराज (पूण oतं<ता)
• िवKुवधन का रा];े<:
• उuर-पूव: िवशाखपuनम म" नागवली नदी
• दN;ण: नेvुर Nज़ला
• िबxद: िवषयNसNl (िवy-बाधाओं पर िवजय), परमभागवत
• राजधानी: िपeपुर, बाद म" व"गी
• हेनnँ ग़: ६२९ ई॰ म" व"गी म" २० बौl िवहार Nजसम" ३००० बौl Nभ; रहते थे।
8. जय/संह !थम (जय/संहव5भ)
• िव2ुवध5न का पु0 एवं उ;रा,धकारी
• रा'ित,थ: ई॰ ६४१-६६३
• सामंतो को परा,जत िकया
• युH का IJ िववरण नही
• भू,म दानो क
े िववरण
• िबPद: महाराज, पृRीवSभ, पृRीजय,संह, सव5,स,H
9. इं8वम*न
• जयNसंह ^थम का छोटा भाई
• अ€ नाम: इंभ‚ारक, इंराज, इंदूराज
• उपाNध: Nसंहिवƒम, „ागधेनु
• िकसी िवजय अथवा अ€ मह…पूण उपल@† का िववरण नही।
10. िव'ुवध*न ि9तीय
• इंवमन का पु<
• ९ वष शासन
• उपाNध: िवषमNसNl, मकर‡ज, ^लयािद„
• िकसी िवजय अथवा अ€ मह…पूण उपल@† का िववरण नही।
• िवKुवधन िOतीय का पु< माँिगयुराज ने २५ वष शासन िकया
• माँिगयुराज क
े पु<ों म" उuराNधकार क
े Nलए युl
• उसम" जयNसंग िOतीय िवजयी (ई॰ ६६२-७०९)
12. िवजयिद> !थम
• िवKुवधन तृतीय का पु<
• दN;ण म" राजनीितक अ@Aरता का काल
• राefक
ू टों का ^भावी उदय
• राefक
ू टों Oारा वातापी चालु+ वं श का Šास
• राefक
ू टों कi श@_ पूवb चालु+ों क
े Nलए भी Nचंता का िवषय
• राefक
ू ट नरेश गोिवंद II क
े ई॰ ७६९ क
े अNभलेख आधार पर
• िनलक
ं ठ शाŒी, एवं व"कटरsैा : िवजयिद„ ^थम ने राefक
ू ट नरेश गोिवंद II क
े
सम; आŽसमपण
13. िव'ुवध*न चतुथ* (िव'ुराज)
• िवजयिद& 'थम का पु.
• रा0ित2थ: ई॰ ७६४-७९९
• इस समय तक वातापी का चालु> वं श समाA
• राBCक
ू ट क
े शGHशाली राजवं श कI शूJवात
• राBCक
ू ट पूवK चालु>ों क
े 'थम श.ु
• िवMुवधOन चतुथO का भाई राBC्क
ू टों से जा 2मला (अंतगOत िवUोह का 'ारंभ)
• राBC्क
ू टों मW (गोिवंद x Xुव) उZरा2धकार क
े 2लए यु ]आ, 2जसमW िवMुवधOन चतुथO ने गोिवंद का
समथOन िकया।
• लेिकन उZरा2धकार यु मW Xुव िवजयी ]आ।
• ८०२ ईसवी क
े राBC्क
ू ट अ2भलेख: राBC्क
ू ट राजा क
े प.वाहक क
े मुख से क
े वल एक शd िनकलने
पर वWगी का शासक राBC्क
ू टों का सेवक बन गया।
• िवMुवधOन चतुथO कI पु.ी का िववाह राBC्क
ू ट नरेश Xुव क
े साथ ]आ।
14. िवजयािद> ि9तीय
• िवKुवधन चतुथ (िवKुराज) का पु< एवं उuराNधकारी
• व"गी क
े श@_शाली शासकों म" से एक
• राefक
ू ट एवं चालु+ों म" संघषरत
• नागों को पराNजत िकया : बnर
• गंगो को पराNजत िकया
• उपाNधयाँ: परमभ‚ारक , महाराजाNधराज, परमेDर, चलु+ाजुन, ि<भुवनाक
ु श तथा
नर"मृगराज
• राefक
ू टों एवं गंगो से १०८ युl िकए
• १०८ युlों क
े पापों क
े शमन क
े Nलए १०८ नर"ेDर क
े नाम से Nशव मंिदरो का िनमाण
कराया।
15. िवजयािद> ि9तीय x राABक
ू ट
• िवजयािद' ि(तीय का छोटा भाई “1भमसलु67” ने िव:ोह िकया।
• रा>?क
ू ट नरेश गोिवंद तृतीय क7 सहायता से िवजयािद' II को परा1जत कर Fतः राजा बना।
• गोिवंद तृतीय उJर मK LM होने का लाभ उठाकर िवजयािद' II ने 1भमसलु67 को परा1जत िकया, एवं वKगी पे पुनः
अ1धकार जमाया।
• पुनः रा>?क
ू ट नरेश गोिवंद तृतीय क7 सहायता से 1भमसलु67 वKगी का राजा बना।
• गोिवंद तृतीय क7 मृ'ु से िवजयािद' ि(तीय को अवसर RाS Tआ
• गोिवंद तृतीय का पुV अमोघवषY अZायु था 1जससे रा>?क
ू टों मK अराजकता उ] Tई,
• इसका फ़ायदा उठाक
े िवजयािद' ि(तीय ने वेगी पर अ1धकार RाS िकया।
• िवजयािद' तृतीय क
े गुंटूर अ1भलेख अनुसार िवजयािद' II, अमोघवषY क
े सेनानायक क
े िवab १२ वषe तक युb करता
रहा।
• गुंटूर अ1भलेख: िवजयािद' II क7 रा>?क
ू टों एवं गंगो से १०८ लढ़ाइयाँ लड़ी थी।
• इं: तृतीय का नवसारी लेख: अमोघवषY क
े राkकाल मK रा>?क
ू ट वं श क7 राजलlी चालुnoपी समु: मK समा गयी थी,
और िवजयी चालुnों ने Mंभनगर को न> िकया।
• इं: तृतीय का नवसारी लेख: बाद मK रा>?क
ू टों ने चालुnों को साqाk से बाहर िकया।
• इस पराभव क
े पrरणामFoप चालुnों को रा>?क
ू टों क7 RभुसJा Fीकार करनी पड़ी।
• अंत मK रा>?क
ू टों एवं चालुnों क7 मैVी Tयी, एवं िवजयािद' II क
े पुV िवuुवधYन पंचम का िववाह रा>?क
ू ट राजक
ु मारी से
Tआ।
16. िव'ुवध*न पंचम
• िवजयािद„ II का पु< एवं उuरNधकारी।
• िपता क
े युl म" सहयोगी।
• िवKुवधन पंचम का िववाह राefक
ू ट राजक
ु मारी से आ।
• िवxद: िवषमNसNl, सवलोक‘य, कNलिवKुवधन
• १८-२० माह का शासन
17. िवजयािद> तृतीय
• िवKुवधन पंचम का पु< एवं उuरNधकारी।
• वं श का सवाNधक महान शासक
• रा] क
े दN;ण म" आƒमण
1. नोल’ शासक
2. राefक
ू ट
3. बोया जनजाित
4. चेिद
18. िवजयिद> तृतीय का द/Fण अ/भयान : १
बोय जनजाित, पOव एवं चोल
• नेfोर कI लड़ाक
ू जनजाित ने
िवजयिद& क
े द2hण अ2भयान मW बाधा
उjk कI।
• िवजयिद& ने उlW परा2जत िकया।
• नेfोर नगर और दुगO को no िकया
• संभवतः नेfोर पfवों क
े अधीन था।
• िवजयिद& ने पfव नरेश अपरा2जत को
परा2जत िकया
• एक अ2भलेख क
े अनुसार िवजयिद& ने
तंजोर पर अ2धकार िकया एवं चोल
शासक (िवजयालय) को शरण दी।
• उसने पांq को भी हराया
नोलZ शासक
• अr II क
े म2लयपुंिड अ2भलेख क
े
अनुसार िवजयिद& ने नोलt शासक
मंगी का 2सर काटकर यु-uल मW vIड़ा
कI।
• डी॰सी॰गांगुली: मंगी = नोलtराBC क
े
महWU
• िवजयिद& ने गंगो को परा2जत िकया
19. िवजयिद> तृतीय का द/Fण अ/भयान : २
राABक
ू ट सं घष*
• अमोघवषR क
े उVराLधकारी क
ृ G II क
े राFकाल मE िवजयिद_ तृतीय ने रा`a्क
ु टों क
े िवcd िवeोह िकया।
• धमRवरम अLभलेख: िवजयिद_ III ने क
ृ G II से दो युd िकए।
• 1थम सं घषR: क
ृ G II पराLजत iआ एवं अपने साले कलचुरी शासक क
े यहा शरण ली।
• िवजयिद_ III क
े सेनापित पं डरंग ने क
ृ G II का पीछा िकया एक राlे मE कLलंग, वेमूलवाड, बlर तथा
दLHण कोसल क
े राजाओं को पराLजत िकया।
• बlर: चnक
ू ट नगर को भoसात िकया
• दLHण कोसल एवं कLलंग: सोना + हाथी 1ाp िकए।
• िqतीय सं घषR: सेनापित पं डरंग ने क
ृ G II एवं कलचुरी कr संयुs सेना को िकरणपुर क
े युd मE पराLजत िकया।
• युd पtuात िकरणपुर को जलाया गया।
• वापसी मE िवजयिद_ कr सेना ने महारा`a क
े एLलचपुर नगर को भoसात िकया।
• िवजयिद_ ने रा`aक
ू टों का राजिकय Lचv (गंगा-यमुना नदी कr आक
ृ ित)ले ली
• अंत मE क
ृ G II ने आnमण करने क
े बाद उसका राF वापस दे िदया।
22. िवजयिद> तृतीय का मूMांकन
• वं श का बलशाली शासक
• ४४ वष का शासन
• यो“ सेनापितयों का साथ
• सा”ा] िवnार:
• उuर-गंजाम ; दN;ण-पुNलकतNधव,
• िवजयेDर नामक मिदर का िनमाण
• उपाNधयाँ: परचƒराम (श<ुओं क
े Nलए राम), गुणक
े नलvाट : (गुणों एवं सदाचार
का ^ेमी), ि<पुराम„महेDरLितनो नगरों क
े Nलए महेDर क
े समान संहारक)
23. भीम !थम
• िवजयिद„ को पु< ना होने से, उसक
े भाई (िवƒमािद„ ^थम) का पु< राजा बना
• भीम I क
े चाचा युlमv ने राefक
ू ट राजा क
ृ K II कi सहायता से भीम को बं दी बना Nलया।
• राefक
ू ट एवं Nम<ों ने स•ूण व"गी पर अNधकार Aािपत िकया।
• परंतु पूवb चालु+ों क
े िन–ावान सामं तो एवं समथकों ने राefक
ू टों को व"गी से बाहर िकया।
• अंितNल अNभलेख क
े अनुसार ८९२ ई म" भीम का रा]Nभषेक आ; उसने िवKुवधन नाम
धारण िकया।
• भीम क
े राefक
ू टों क
े साथ दो युl ए
24. भीम !थम x राABक
ू ट
• bथम संघष5:
• रा`aक
ू ट नरेश क
ृ G II ने कनाटR एवं लाट कr सेनाओं क
े साथ वEगी पर आnमण िकया।
• वेगी राF क
े कई दुगx को Lजत Lलया एवं सामं तो को दे िदया
• भीम ने रा`aक
ू ट नरेश क
ृ G II एवं संयुs सेना का डटकर मुक़ाबला िकया एवं उvE राF क
े बाहर िकया।
• िOतीय संघष:
• रा`aक
ू ट एवं चालुzों का िqतीय सं घषR पेcवगुc {ाम (गोदावरी Lज़ला) मE iआ
• इस यु| मE भीम िवजयी iआ
• भीम ने रा`aक
ू ट नरेश क
ृ G II एवं संयुs सेना को पराLजत िकया
• युd मE भीम का पुI वीरगित को 1ाp iआ
• यु| क
े प}रणाम ~प वEगी एवं चालुz राF रा`a्क
ु टों क
े 1भाव से मुs iआ।
25. भीम !थम का मूMांकन
• उदार शासक
• दयालु
• Nशव का भ_
• पूवb गोदावरी Nज़ले म" ा;ारामम तथा चालु+Nभमवरम नामक Aान पर भीम ने
दो मंिदरो का िनमाण िकया।
• उपाNधयाँ: सवलोका‘य, ि<भुवनक
ु श , ोणाचाय, पर—˜णय
26. अN ि9तीय
• भीम I क
े बाद व"गी रा] म" ४० वष™ तक अराजकता का राज
• राजा बनने क
े Nलए अंतगत गृह युl
• राefक
ू टों का हn;ेप
• अंत म" भीम िOतीय ने शांित Aािपत कi
• भीम िOतीय का पु< अs िOतीय राजा बना
• ८ वष कi आयु म" युवराज एवं १२ वष कi आयु म" राजा
• राefक
ू ट राजा क
ृ K III ने युlमv क
े पु< क
े साथ Nमलकर अs िOतीय को व"गी से बाहर
िकया(कNलंग)।
• क
ृ K III ने दानानव को राजा िनयु_ िकया।
• राefक
ू ट सेना वापस जाते ही अs िOतीय ने दाणानव को पराNजत िकया एवं व"गी का राजा बना
• अंत म" दाणानव ने अs िOतीय क
े िवxl िवोह िकया एवं उसे मार डाला।
27. दाणानव*
• दाणानव ने अs िOतीय क
े िवxl िवोह करक
े सuा ^ाh कi।
• वह ईसवी ९७० म" राजा बना
• उसने क
े वल ३ वष शासन िकया
• दाणानव को २ पु< थे।
• श@_वमन I एवं िवमलािद„
• दोनो एक –एक करक
े राजा बने
28. शPQवम*न !थम
• दाणानव का पु< (चोलों का व"गी राजनीित म" आगमन)
• दाणानव कi मृ„ु ईसवी ९७३ म" यी थी लेिकन श@_वमन ७९९ ईसवी म" राजा बना।
• ९७३-७९९ (२७ वष) का काल चालु+ राज म" अराजकता/अšवAा का काल
• एन॰ सु›मœम क
े अनुसार इस व_ श@_वमन I एवं िवमलािद„ ने चोल रा] म" शरण ली
• वाड़प ने चोलों पर आƒमण िकया
• राजराज चोल ने वाड़प को पराNजत िकया एवं
• श@_वमन ^थम को व"गी क
े राजपद ^िति–त िकया।
• व"गी अब राefक
ू टों क
े Aान पर चोलों का संरN;त रा] बना।
• श@_वमन क
े अनेक युlों म" चोलों ने मदत कi।
• कžाणी क
े चालु+ों ने जब व"गी पर आƒमण िकया तब भी राजराज चोल कi सेना ने उसे
हराया।
• श@_वमन ने १२ वष रा] िकया।
29. िवमलािद>
• श@_वमन िनपु<क होने से उसका भाई िवमलािद„ राजा बना।
• ^ार@qक काल चुनौतीपूण
• िवमलािद„ ने िकसी राजराज नामक शासक का वध िकया।
• यह राजराज संभवतः चोलों का स’ं धी था।
• राजराज चोल ने व"गी पर आƒमण िकया एवं िवमलािद„ को आŽसमपण करने क
े Nलए
बा िकया।
• बाद म" दोनो कi Nम<ता हो गयी।
• प¡रणामo¢प िवमलािद„ को रा] वापस Nमला एवं राजराज चोल ने अपनी पु<ी क
ुं दवा
(क
ुं दव£) का िववाह िवमलािद„ से िकया।
• यह िववाह संभवतः चोल राजधानी म" ही आ होगा।
• इस िववाह से व"गी और चोलों कi Nम<ता, स’ं धो म" प¡रवितत हो गयी।
• िबxद: िव¢दाँकभीम, मुsुडभीम, राजमात¥ड, भूपमह"
30. राजराजनरS8 िव'ुवध*न
• िवमलािद„ कi दो रािनया थी, उसे २ पु< थे
1. क
ुं दवा= राजराजनर" िवKुवधन
2. मेलम= िवजयिद„ सhम
• दोनो म" उuराNधकार क
े Nलए युl आ।
1. राजराजनर" िवKुवधन= चोल (राज" चोल)
2. िवजयिद„ VII= कžाणी चालु+ (जयNसंह िOतीय)
31. राजराजनरS8 िव'ुवध*न x िवजयिद> सTम
1. िवजयिद„ सhम ने सव^थम चालु+ों कi सहायता से राजराजनर" को अपदA िकया।
2. १०२२ ईसवी म" चोलों कi सहायता से राजराजनर" व"गी का राजा बना।
3. राजराजनर" का रा]Nभषेक ४ वष बाद (१०२६ ईसवी ) आ।
4. इस काल म" राजराजनर" एवं िवजयिद„ सhम आपस म" लड़ रहे होंगे।
5. पुनः १०३० म" िवजयिद„ सhम ने राजराजनर" क
े िवxl िवोह कर िदया।
6. उसने वेगी रा] क
े पूव म" (िवशाखाप‚नम) म" पृथक रा] कi Aापना कi।
7. अपना रा]Nभषेक कराया, एवं “िवजयािद„ िवKुवधन” नाम धारण िकया।
8. संभवतः कžाणी क
े चालु+ों ने िवजयािद„ कi सहायता कi होगी।
32. राजराजनरS8 िव'ुवध*न x कMाणी चालुU
• १०४२ ईसवी क
े आसपास कžाणी चालु+ नरेश सोमेDर ^थम ने आƒमण िकया।
• राजराजनर" कi सहायता कi Nलए राज" चोल ने अपनी सेना भेजी
• चालु+ों एवं चोल सेना म" भीषण युl आ, Nजसम" चालु+ पराNजत ए।
• राज" चोल का पु< राजाNधराज भी व"गी क
े राजा कi हर समय सहायता करता था।
• राजाNधराज क
े १०४५ क
े अNभलेख म" चालु+ों क
े िवxl सफलता का उvेख है।
• पुनः ईसवी १०४७ क
े अNभलेख म" कžाणी चालु+ राजा सोमेDर ^थम को व"गी एवं कNलंग
का िवजेता बतलाया है।
• ईसवी १०४९ तथा १०५४ क
े अNभलेखों म" सोमेDर क
े पु< ने खुद को “व"गीपुरवरेDर” कहा है।
• राजाNधराज क
े काल तक व"गी म" चोलों का ^भाव समाh होकर चालु+ों का ^भाव @Aर हो
गया था।
• संभवतः इस समय राजराजनर" िवKुवधन ने चालु+ों को Nम< बनाया होगा
33. राजराजनरS8 िव'ुवध*न
• राजराजनर" िव¦ा एवं िवOानो का संर;क था।
• उसने अनेक किवयों को प‘य ^दान िकया
• राजराजनर" ने ४० साल तक शासन िकया।
• ईसवी १०६० म" राजराजनर" जब राजधानी से बाहर था तभी उसक
े भाई िवजयािद„ ने व"गी
पर अNधकार जमा Nलया।
• राजराजनर" का िववाह चोल राजक
ु मारी (राज" चोल कi पु<ी) अमंगादेवी से ई थी।
• इस िववाह से राज" नामक पु< उ§¨ आ।
• यही राज" (क
ु लोंतुंग ^थम) नाम से आगे चोल राजवं श का शासक बना (१०७० ईसवी)
34. िवजयिद> सTम
• राजराजनरEe क
े बाद उसका भाई िवजयिद_ सpम ईसवी १०६० मE राजा बना।
• िवजयिद_ सpम को राजा बनने कr लालसा कई वष‚ कr थी (१०१८), जो अब पूणR iई थी।
• ईसवी १०३० उसने वेगी राF क
े पूवR मE (िवशाखाप…नम) मE पृथक राF कr †ापना कr।
• इस समय तक (ईसवी १०३० से १०६०) िवजयिद_ सpम संभवतः चालुzों का सामंत रहा होगा।
• िवजयिद_ सpम ने क
ु छ समय पtuात अपने पुI शˆsवमRन II को राजा बनाया।
• लेिकन, शˆsवमRन II संभवतः १ वषR क
े भीतर ही चोलों क
े िवcd युd मE मारा गया। (रयLल अLभलेख)
• चोल नरेश वीरराजEe ने ने हाई वEगी पर आnमण िकया था, एवं िवजयिद_ सpम को वीरराजEe कr अLधसVा
~ीकार करनी पड़ी।
• अब िवजयिद_ सpम चोलों क
े सामंत क
े प मE वEगी मE राF कर रहा था।
• ईसवी १०६८ क
े बाद वEगी पर कLलंग (देवEeवमRन) एवं कलचूरीयों (कणR) ने आnमण िकया।
• ईसवी १०७४-७५ क
े एक अLभलेख मE उसे सोमेBर िqतीय का सामंत कहा है।
• िवजयिद_ सpम ने १५ वषR राF िकया, उसकr मृ_ु ईसवी १०७५ मE iयी।
• िवजयिद_ सpम कr मृ_ु क
े साथ ही वEगी क
े चालुz वं श समाp iआ।
36. उपलPY
• ४०० वष™ तक शासन
• आं. ^देश म" नयी संª
ृ ित का ^ारq
• तेलगू भाषा का अNभलेखों म" ^योग
• नए नगरों का िनमाण (िपठापुरम, व"गी, Nभमवरम,िवजयवाडा,
• मंिदरो का िनमाण (Nशवभ_)
1. भीम I ने Nभमवरम म" भीमेDर का िनमाण
2. िवजयािद„ ने ‘ीनर"oामी एवं उमा महेDर oामी
• धािमक सिहKु : रािनया, मं <ी – जैन धमनुयायी