4. !"ावना
• द01ण का मह5पूण7 राजवं श
• आं9-सातवाहन क
े प=>ात अ@ुदय
• वातािप क
े चालुE वं श क
े समकालीन
• द01ण भारत क
े तोडमं डलम 1ेJ राजनीित
का क
K L
• द01ण भारत क
े त0मल नाड़N का आO राजवं श
• 1ेJ: वत7मान त0मलनाडु, द01ण कना7टक
• भाषा, सािहR, संS
ृ ित, कलाएवं UापR
कला का िवकास
5. उ/01
• प"वों का सव7Vथम उ"ेख संगम सािहR मK आता है (क0लथोक
ै तथा तो[ा]यम)
• मौय7 स_ाट अशोक क
े अ0भलेख मK प"वों का उ"ेख नही
• प"वों क
े Vार`क अ0भलेख Vाक
ृ त और सं S
ृ त भाषा क
े है।
• प"व Vार` मK सातवाहनों क
े सामंत रहे होंगे
• समुLगुc क
े Vयाग Vशd मK काँची क
े िवfुगोप का उ"ेख
• प"वों ने धम7महाराज तथा अhमेधया0ज़न िबkद धारण िकए थे।
• वृषभ एवं 0संह प"वों क
े राजकlय 0चm थे।
• यही राजकlय 0चm प"वों क
े 0सnों पर Vद0श7त होता है।
6. !ोत
1. अFभलेख
a) मंड़गपपJ अFभलेख,
b) चेजलाL अFभलेख
c) कशाक
ु िN अFभलेख
d) ११ िवरगल अFभलेख (चPगम तालुक़ा)
e) ितRFचरापST अFभलेख
2. सािहU:
a) राजशेखर कV काWमीमांसा, महावं श आिद॰
b) पेZरयमपुराण
c) महिवलास1हसन
3. Fस,
े :
4. िवदेशी िववरण : हेन]ाँग:
5. कला एवं `ापU:
पTव धातु कला (Bronze), महाबलीपुरम क
े रथ एवं मंडप, बैक
ुं ठपेRमल मिदर, शोर मंिदर, क
ै लाशनाथ
मंिदर आिद।
40. K
ं दवम4न
• ि›िटश संœहालय: S
ं दवम7न का एक अ0भलेख है। (0शवS
ं दवम7न)
• डी॰ सरकार : S
ं दवम7न एवं 0शवS
ं दवम7न को एक ही शासक माना है ।
• डी॰ सरकार : मइड़वोलु ता_पJ एवं हीरहड़ग़" अ0भलेख मK व0ण7त S
ं दवम7न मK (0शव)
क
े वल आदर शx है।
• ि›िटश संœहालय क
े अ0भलेख मK मइड़वोलु ता_पJ एवं हीरहड़ग़" अ0भलेख से ादा
संS
ृ त शx है, इस0लये यह 0भ‡ Vतीत होता है।
• žाम मनोहर 0मŸ: S
ं दवम7न एवं 0शवS
ं दवम7न दो 0भ‡ शासक है।
1. ि›िटश संœहालय अ0भलेख मK बुˆवम7न तथा बुˆयाँक़
ु र का उ"ेख है, लेिकन इनका
S
ं दवम7न से स€¡ अ—ात है।
41. िवLुगोप
• समुLगुc क
े Vयाग Vशd मK द01णापथ क
े १२ परा0जत राजाओं मK नाम।
• समुLगुc क
े Vयाग Vशd: काँची का शासक कहा गया है(काँचेयकिवfुगोप )।
• राtकाल: समुLगुc क
े ित0थ क
े आधार पर।
• समुLगुc क
े द01णापथ अ0भयान से प"व नरेश को 1ित £ई होगी
• संभवतः ईसवी ३४०-३५०
42. अिन2Oत इितहास
1. िवfुगोप क
े प=>ात २० वष¤ तक प"वों का इितहास अिन0‰त तथा अंधकारमय है
2. ईसवी ३५०-५५० मK ८ प"व राजा
3. वेलूरपा¥म अ0भलेख मK बुˆवम7न को चोलसैvाणववडवाि˜ कहा है।
4. संभवतः चोलों ने काँची पर अ0धकार िकया होगा
5. S
ं दवम7न िoतीय (ई॰ ४००-४३६) क
े बाद उसका पुJ 0संहवम7न Vथम राजा बना।
43. 2संहवम4न !थम
1. S
ं दवम7न िoतीय का पुJ 0संहवम7न Vथम राजा बना।
2. 0संहवम7न Vथम शशाली राजा Vतीत होता है
3. जैन ंथ लोकिवभाग (ईसवी ४५८) कl रचना प"व इसक
े शासन क
े २२ वे वष7 मK :
४५८-२२= ईसवी ४३६ मK £ई थी।
4. राtित0थ: (ई॰ ४३६-४६०)
5. 0संहवम7न ने गंग शासक आqवम7न को राज0संहासन पर िबठाया।
6. 0संहवम7न क
े अ0भलेख काँची क
े अितर िपिकर, दशपुर, पलnड से जारी िकए थे।
7. काँची क
े अितर अvJ Uलों से जारी करने क
े कारण िवoान कहते है, सं भवतः चोलों
ने काँची पर अ0धकार रहा होगा
44. 2संहवम4न !थम क
े पRSात
• 0संहवम7न Vथम क
े प=>ात ईसवी ४६० से ५७५ तक अv राजाओं ने राज िकया
1. S
ं दवम7न III
2. नंदीवम7न
3. शांितवम7न
4. 0संहवम7न
5. 0संहवम7न II
• इन राजाओं या इनक
े काय7काल क
े बारे मK जानकारी का अभाव।
49. 2संहिवLु का मूVांकन
1. महKLवम7न Vथम क
े म…िवलासVहसन मK 0संहिवfु को महान शासक कहा गया
है।
2. वैfव धम7 का अनुयायी एवं कला का सं र1क
3. माम"पुरम मK मं िदरों का Vार` (आिदवराह मं िदर)
4. ३३ वष¤ तक शासन
5. प"व वं श क
े िवकास कl शूkवात
6. उपा0ध: 0शंगवी‡पेkमार
62. महCWवम4न !थम का मूVांकन
• प"व वं श का Vथम महान एवं शशाली शासक
• शशाली सा_ाt का िनमा7ता
• शैलक
ृ त मंिदर िनमा7ण शैली का िवकास
• महKL शैली का संUापक: माम"पुरम
• अनेक मंिदरो का िनमा7ता (ितk0चराप"ी, महKLवाडी, दलवनुर आिद)
• धम7 असिहfु: Vार` मK जैन धम´य बाद मK 0शव उपासक
• 0सnों का Vवत7क : २ 0सn
े 0मले (चाँदी एवं ताँबा, ंथ 0लिप, उपा0ध: ल01त)
63. नरिसंहवम)न *थम
• महKLवम7न Vथम का पुJ एवं उ…रा0धकारी
• िपता से अ0धक महान िवजेता एवं क
ु शल Vशासक
• प"व द01ण मK सवा70धक शशाली सा_ाt
• राt ित0थŠम: ई॰६३०-४० से ६६८
• „ोत:
1. क
ु रम अ0भलेख
2. कशाक
ु ि§ अ0भलेख
3. वे"ुरपा¥म अ0भलेख
4. पेरयपुराणम काs
5. गदवल अ0भलेख
6. हेनµाँग का Vवास िववरण
64. नरिसंहवम)न *थम x पुलके िशन ि2तीय
• ई॰ ६३० क
े आसपास पTवों ने चालुq िवFजत rेs कमLराtu को जीतने का 1यास
• इसीFलए पुलक
े Fशन िoतीय ने पTवों पर आvमण िकया।
• पुलक
े Fशन िoतीय क
े क
ु रम अFभलेख मP उसने कमLराtu से गाँव दान िदए।
• ई॰ ६३४-३५ से पूवL पुलक
े Fशन िoतीय ने नरFसंहवमLन 1थम पर आvमण िकया।
• पुलक
े Fशन िoतीय ने 1थम पTवों क
े सामं त बाणों को पराx िकया।
• अनेक युkों मP नरFसंहवमLन 1थम ने चालुq नरेश पुलक
े Fशन िoतीय को पराFजत िकया
• नरFसंहवमLन 1थम ने पुलक
े Fशन िoतीय को
a) पZरयाल (पहचान: कड़yा Fज़ले का पैदल या क
ृ jा Fज़ले का परितयाल से)
b) शूरमार (पहचान: Fचुर Fज़ले का शूरमार)
c) मFणमंगलम: (काँची से २५ िकमी /असंS|})
• कशाक
ु िN अFभलेख: चालुq राजधानी वातापी को आvांत कर नt िकया।
• क
ु रम अFभलेख: पुलक
े Fश पृ~पJFलSखत िवजयाrर
• सेना का नेतृ>: सेनानायक FशRतोंड
65. नरिसंहवम)न *थम क- चालु2य िवजय के प7रणाम
1. चालुk नरेश पुलक
े !शन ि*तीय कC मृmु
2. १३ वषp तक चालुkों मO राजनीितक संकट एवं अराजकता का काल
3. चालुk राजधानी वातापी पर प9वों का अ!धकार
4. सेनानायक !शqतोंड वातापी से अनेक धन सs!? लेकर लौटा
5. मe9काजु'न मं िदर पर अ!भलेख (नरिसंहवम)न *थम के १३ वे वष))
6. पेuरयपुराणम काv: चालुk राजधानी वातापी मO कCित' DH कC
wापना
7. नर!संहवम'न Aथम ने वातापीकोंड िवqद !लया
8. चालुk रा6 का अ!धकांश द!xणी भाग प9वों क
े अ!धकार मO
66.
67. नरिसंहवम)न *थम िसंहल के साथ संबंध
• 5संहल नरेश मानवमLन क
े साथ नर5संहवमLन Dथम क
े मैि2पूणL संबं ध
• महावं श:
• क]प पु2 मानवमLन श2ुओं #ारा अपद_
• पFव नरेश नर5संहवमLन Dथम क
े रा` मO शरण
• नर5संहवमLन Dथम का क
ृ पापा2 (दो पुि2यों का जa)
• पुलक
े 5शन ि#तीय क
े िवbT युT मO सहयोग एवं असाधारण पौbष पdरचय
• 5संहल नरेश मानवमLन कA सहायता क
े 5लए अपनी सेना भेजी
• मानवमLन का Dित#ंदी दeोपितश भाग गया, नर5संहवमLन Dथम क
े बीमार होने क
े कारण पFव सेना कA भारत वापसी
• मानवमLन पुनः नर5संहवमLन Dथम क
े शरण मO
• क
ु छ समय प=>ात शHhशाली नौसेना क
े साथ सहयोग
• महाबलीपुरम से पFव सेना ने 5संहल जाने से इनकार
• नर5संहवमLन Dथम ने मानवमLन को पFव नरेश क
े आभूषण, राजमुक
ु ट, राजकAय 5चj एवं शािहकोk नामक नगाड़ा
िदया।
• युT मO मानवमLन को सफलता
• कशाक
ु िn अ5भलेख: नर5संहवमLन Dथम कA तुलना राम से
68. नर2संहवम4न !थम x चालुc नरेश िवdमािदe
• १३ वषq तक चालुrों मO राजनीितक सं कट एवं अराजकता क
े बाद िवsमािदt राजा बना
• िवsमािदt ने पFवों से बदला लेने का िनuय क
े साथ आsमण कA तैयारी कA।
• चालुr नरेश िवsमािदt ने अपने नाना गंग शासक दुिवLनीत तथा अ[ समथLकों कA सहायता Dाv कA।
• होwुर अ5भलेख: िवsमािदt काँची क
े िनकट 5शिबर मO था।
• गड़्वल + सवानुर अ5भलेख: zीवFभ ने काँची क
े नर5संह, महO{ एवं ई}र को परा5जत िकया
• ई॰ ६५५ क
े आसपास िवsमािदt ने पFवों पर आsमण िकया एवं चालुr Qे2 से भगाया।
• िवsमािदt क
े हैदराबाद अ5भलेख: नर5संहवमLन Dथम क
े यश को न€ िकया
• िवsमािदt क
े गदवल अ5भलेख: नर5संहवमLन Dथम क
े यश को न€ करनेवाला एवं महामF क
े पdरवार का िवनाश
करने क
े उपरांत “ राजमF” कA उपा5ध
1. राजधानी काँची पर अ5धकार _ािपत िकया
2. िवsमािदt ि#तीय ने काँची मO िवनाश न करते ए ‚ाƒणों- िनधLनो को दान िदया।
3. काँची क
े नर5संह वमLन #ारा िनिमLत राज5संहे}र मंिदर कA स„5… को Qित नही पँचायी।
4. †तः मंिदर मO बमूN व‡ुयO भOट दी।
5. िबbद: कां5चनकोंड (काँची पर िवजय Dाv करने वाला)
• नर5संहवमLन Dथम क
े कायLकाल तक चालुr Qे2 पर DभुE बनाए रखा।
69. • माम" शैली का Vवत7क
• प"व 0संह dंभ का िवकास
• मा¶लपुरम नगर कl Uापना
• शैलक
ृ त सc रथों का िनमा7ण
• हेनµाँग इसी क
े समय काँची तथा
तोडमंडलम क
े 1ेJ मK गया।
• बुˆ िवहारों क
े होने का िववरण
• हेनµाँग: नालंदा िवhिवOालय का V0सˆ
0श1क धम7पाल का ज· काँची मK £आ
नर2संहवम4न !थम कX सांK
ृ ितक उपलIg
79. नर2संहवम4न !थम का मूVांकन
•महाम. कG उपा*ध
• श5Uशाली नौसेना
•वाNुकला का िवकास : महाबलीपुरम क
े रथों का िनमाYण का
िवकास
•िव*श[ 3कार क
े *संह-शीषYक-3Nर-Nंभ कला का 3ार6
•माम. शैली का 3वतYक
• धािमYक सिह;ु: काँची मB अनेक बौ^ िवहार एवं जैन मिदर