हिन्दी पत्रकार ों क
े ब्लाग्स : टेक्स्चुअल (पाठ) हिश्लेषण
Blogs of Hindi Journalists : A textual analysis
श ध पर्यिेक्षक
प्रो. आज्ञाराम पाण्डेय
श धार्थी
आशीष क
ु मार
सि श ध पर्यिेक्षक:
प्रो. (डॉ) अममताभ श्रीवास्तव
राजस्थान क
े न्द्रीय मवश्वमवद्याायय
प्रस्तावना
इस शोध कायय क
े अंतर्यत पता मकया र्या है मक
मकस प्रकार महन्दी पत्रकाररता करने वाये मुख्यधारा
क
े पत्रकारों क
े ब्लॉग्स क
े मुख्य कथ्य क्या हैं। और
उनक
े ब्लॉग्स में क्या समानताएं और मवमवधता हैं।
इस शोध से पत्रकाररता क
े नजररए, मवचारधाराएं
और एजेंडा सेम ंर् का प्रचयन भी स्पष्ट होता है।
प्रस्तावना
• मौजूदा दशक में भारत में राजनीमत, समाज, मीमडया,
अथयव्यवस्था, आतंकवाद व मनतांत मनजी मुद्दा ऐसे ही
मवषय हैं, मजनपर अमभव्यक्ति की राह आसान नहीं है।
इन मवषयों पर पत्रकार या सामान्य नार्ररक क
े रूप में
मवचार प्रक करना, समथयन-मवरोध करना एकदम
सीधा और सरय नहीं है। बतौर पत्रकार यह
अमभव्यक्ति स्वतंत्रता और मनष्पक्षता और भी जम य
मवषय हो जाता है। पत्रकाररता की आत्मा मवषय की
र्हराई में बसती है।
प्रस्तावना
• राजनीमत, समाज, आमथयक, मीमडया आमद मवषयों की
र्हराई में जाने का अथय यह होता है मक इन से जुड़े
मसयों को छ
ू ना-छे ड़ना जो इतना सहज नहीं। मौजूदा
समय में इन मसयों पर मयखने का एक खतरा यह भी
है मक राष्टर वाद और देशद्रोह की जयती बहस में पड़ना
है जहां आपका एक येख आपको एक पाये से
घसी कर सीधे दू सरे पाये में ढक
े य सकता है। इसक
े
अमतररि संपादक क
े येखों को अक्सर मानवामधकार,
सेक्युयरवाद और कभी कभी वैचाररक स्वतंत्रता तक से
चाहे अनचाहे जोड़ मदया जाता है। इसमयए इनकी
मजम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
प्रस्तावना
• एक महत्वपूर्य बात यह भी है मक संचार की दुमनया में मौन
का अपना खास महत्व है। उमा नरूया कहती हैं मक मकसी
महत्वपूर्य मवषय आप मौन हैं तो भी आप संदेश संप्रेमषत कर रहे
होते हैं। संपादक क
े पद बैठे व्यक्तियों क
े मयए तो यह मौन और
भी मवस्तार ये येता है। ममसाय क
े तौर पर राजनीमत, समाज,
आमथयक, मीमडया, आतंकवाद, मनजी मामयों पर आप अर्र मौन
रहते है तो तब या उसक
े समथयन में क
ु छ कह रहे होते हैं या
उसका मवरोध दजय कर रहे होते हैं। सो यह भी महत्वपूर्य है मक
राजनीमत, समाज, अथय, मीमडया, आतंकवाद से जुड़े अहम मसये
पर कौन पत्रकार कब और मकतना मौन रह र्या है।
• इस शोध क
े अंतर्यत वररष्ठ महन्दी पत्रकारों क
े ब्लॉग्स क
े
ेक्स्युअय एनामयमसस क
े जररए इन्ीं मवषयों पर मनष्कषय मनकाया
है।
प्रकामशत शोध पत्र व सेममनार
• - तत्कायीन यूजीसी की मान्य ररसचय सूची नंबर
62786 ’संप्रेषर्’ पमत्रका क
े अंक जनवरी - जून
2017 में ’आतंकवाद पर ीवी पत्रकारों क
े ब्लार्ों
का मवश्लेषर्’ शोध पत्र प्रकामशत।
• ब्लॉग्स का दू रस्थ मशक्षा का योर्दान - एक अध्ययन
शोध पत्र यूजीसी क
े यर मयस्ट की पमत्रका शोध
सररता में प्रकामशत
सेममनार
• 1 - 21 नवंबर, 2014 र्ुरूर्ोमवंद मसंह इंद्रप्रस्थ
युमनवमसय ी क
े संबंद्ध ेक्तिया कॉयेज में आयोमजत
राष्टीय सेममनार में ’ब्लॉर् आफ सीमनयर महंदी
जनयमयस्ट्सर ए क
ं पेरेम व एनामयमसस’ मवषय पर पेपर
प्रस्तुत मकया।
• 2 - यूपीआर ीओयू क
े द्वारा 23-24 मई, 2017 को
आयोमजत दो मदवसीय राष्टीय सेममनार में ’ब्लॉग्स ऑफ
महन्दी जनयमयस्ट ऑन एनवायरमें रू ए स्टडी’ मवषय
पर पेपर प्रस्तुत मकया।
शोध प्रश्न
• 1. वररष्ठ महन्दी पत्रकारों क
े ब्लाग्स पोस्ट्स का
मुख्य कथ्य क्या है?
• 2. ब्लाग्स पोस्ट्स क
े कथ्य में क्या साम्यतता है?
• 3. ब्लाग्स पोस्ट्स क
े कथ्य में मवमवधता क्या है?
शोध प्रमवमध
• इस शोध में 1 जनवरी 2016 से 31 मदसंबर 2016
क
े बीच मयखे र्ए चयमनत ब्लॉग्स पोस्टस का
मवश्लेषर् क
े मयए चुना र्या। प्रमुख चौनयों क
े
संपादकों का चयन ीआरपी क
े आधार पर और
अखबार व पमत्रका क
े संपादकों चयन सक
ुय येशन क
े
आधार मकया है।
शोध प्रमवमध
• उपरोि समय अवमध में एबीपी से संबंद्ध पुण्य
प्रसून वाजपेयी सीमनयर क
ं समयं्
् र् एमड र
एनडी ीवी क
े संपादक रवीश क
ु मार, इंमडया ुडे
क
े संपादक अंशुमान मतवारी, महन्दुस्तान समूह में
संपादक शमश शेखर और अमर उजाया में न्यूज
एमड र पद काययरत सुधीर राघव क
े ब्लॉग्स का
सयेक्तिव सेंपमयंर् मवमध से चयन मकया र्या है।
शोध प्रमवमध
• शोध में र्ुर्ात्मक शोध मवमध का प्रयोर् मकया है।
र्ुर्ात्मक मवश्लेषर् क
े मयए ब्लॉग्स क
े ेक्स्ट को
ेक्स्चुअय एनामयमसस मकया र्या है।
शोध प्रमवमध
ेक्स्चुअय एनामयमसस क
े मयए आयंकाररक आयोचना
मवमध का प्रयोर् मकया र्या है। इसक
े मयए मनम्न चार
चरर्ों का प्रयोर् मकया र्या है -
• अध्ययन क
े मयए ेक्स्ट का चुनाव
• ेक्स्ट क
े अनुसार मवशेष आयंकाररक आयोचना
मवमध का चुनाव
• ेक्स्ट का मवश्लेषर्
• आयोचनात्मक मनबंध येखन
शोध प्रमवमध
• ेक्स्चुअय एनामयमसस में अथय, भाव व उद्देश्य क
े
आधार पर मवश्लेषर् मकया र्या है।
• इसमें ेक्स्ट का मवस्तार और समय क
े अनुसार
आंकयन मकया र्या है।
• इसक
े अंतर्यत मयखे र्ए ेक्स्ट क
े फयस्वरूप
उत्पन्न हुए पररर्ामों क
े आधार पर ेक्स्ट का
प्रदशयन आधाररत मवश्लेषर् मकया र्या है।
शोध प्रमवमध
आयंकाररक आयोचना क
े मयए पांच मबंदुओं का ध्यान रखा र्या है।
• संदेश में मनमहत अथों पर प्रकाश डायना।
• संदेश का सामामजक, एमतहामसक, सांस्क
ृ मतक संदभों क
े साथ
मवश्लेषर् करना।
• संदेश का मूल्ांकन करने क
े मयए आयोचना मवमधयों का इस्तेमाय।
• उदाहरर् व प्रमार्ों क
े साथ प्रमतपामदत संदेश की प्रमामर्कता की
जांच करना।
• उन पहयुओं का वर्यन करना मजससे प्रमतपादन प्रभामवत हुआ है या
हो सकता है।
अध्याय सूची
• ेक्स्चुअय मवश्लेषर् क
े मयए समस्त पोस्टों को
मवषय प्रक
ृ मत क
े आधार पर छह प्रमुख भार्ों में
मवभामजत मकया हैं। यह छह भार् है सामामजक-
सांस्क
ृ मतक, राजनीमत, आमथयक, मीमडया,
आतंकवाद व स्वयं क
े मवषय में हैं। सभी भार्ों क
े
मवश्लेषर् को अयर्-अयर् अध्याय में मयखा र्या
है। मवषय प्रक
ृ मत क
े आधार पर मवभामजत मकए
अध्यायों को मवश्लेषर् क
े मयए उपमवषयों में बां ा
र्या है।
अध्याय सूची
• अध्यायों का वर्ीकरर् मनम्मानुसार मकया र्या है।
क
ु य अध्याय बारह। 1 - प्रस्तावना, 2 - ब्लार् येखन
और इसका मवकास 3- सामहत्य समीक्षा, 4- शोध
प्रमवमध 5- राजनीमतक मवषयों पर ब्लॉग्स 6-
सामामजक सांस्क
ृ मतक मवषयों पर ब्लॉग्स 7 -
आमथयक मवषयों पर ब्लॉग्स 8 - आतंकवाद से
संबंमधत ब्लॉग्स 9 - न्यूज मीमडया, मनोरंजन
मीमडया और सामहत्य पर ब्लॉग्स 10 - स्वयं क
े
मवषय पर पोस्टस 11 - अन्य मवषयों पर पोस्ट्स 12
- मनष्कषय
• शोध प्रबंध का पहया अध्याय ‘ब्लॉर् येखन और
उसका मवकास’ है। इसमें ब्लॉर् क
े आरंभ से येकर
वतयमान तक की यात्रा क
े बारे में मयखा र्या है।
ब्लॉमर्ंर् शब्द अंग्रेजी भाषा क
े ‘वेबयॉर्’ शब्द से
पैदा हुआ है। इसका अथय है कोई ऐसी डायरी जो
सीधे इं रने पर मयखी जाती है।
• शोध प्रबंध का मद्वतीय अध्याय सामहत्य समीक्षा
का है इसक
े अंतर्यत ब्लॉग्स से संबंमधत पूवय शोधों
और इस शोध क
े आश्वयकता को तामक
य कता की
कसौ ी पर कसा र्या है।
• शोध प्रबंध का तृतीय अध्याय शोध मवमध से संबंमधत
है।
• शोध प्रबंध का चतुथय अध्याय ब्लॉर् येखक पररचय
का है। इसमें चयमनत मवमध से चुने हुए संपादकीय
पदों पर काययरत महन्दी क
े वररष्ठ पत्रकारों का
पररचय मदया है। इस अध्याय का उद्देश्य यह है मक
तामक ेक्स्चुअय एनामयमसस क
े दौरान पत्रकारों की
मवचारधारा और उनक
े पत्रकाररता का अनुभव स्पष्ट
हो सक
े है।
• रवीश क
ु मार ने वषय 2016 में 1 जनवरी से येकर 31
मदसंबर क
े बीच अपने ब्लॉर् ‘कस्बा’ पर राजनीमतक,
सामामजक-सांस्क
ृ मतक, आमथयक, मीमडया, आतंकवाद
आमद मवषयों पर 300 पोस्ट डायी है।
• रवीश क
ु मार ने ‘कस्बा’ पर जनवरी ने में 19, फरवरी
में 24, माचय में 24, अप्रैय में 25, मई में 25, जून में
27, जुयाई में 25, अर्स्त में 30, मसतंबर में 38,
अिू बर में 26, नवंबर में 15 और मदसंबर में 22 पोस्ट
डायी हैं।
सामामजक/सांस्क
ृ मत
क
राजनीमतक आमथयक मीमडया आतंकवाद स्वयं क
े मवषय में अन्य
मवषय प्रमतशत 15.33 30.66 9 21.66 2 8.33 13
0
5
10
15
20
25
30
35
रवीश क
ु मार क
े मवमभन्न मवषयों पर पोस्ट्स प्रमतशत में
• पुण्य प्रसून वाजपेयी ने वषय 2016 में 1 जनवरी,
2016 से 31 मदसंबर, 2016 क
े बीच मवमभन्न मवषयों
पर अपने ब्लॉर् पर 64 पोस्ट्स मयखीं। पुण्य प्रसून
वाजपेयी ने जनवरी में 5, फरवरी में 4, माचय में 5
अप्रैय में 3, मई में 6, जून में 4, जुयाई में 10,
अर्स्त में 1, मसतंबर में 7, अिू बर में 6, नवंबर में
7 और मदसंबर में 6 पोस्ट डायी हैं।
सामामजक/सांस्क
ृ मत
क
राजनीमतक आमथयक मीमडया आतंकवाद स्वयं क
े मवषय में अन्य
मवषय प्रमतशत 14.07 42.18 10.94 9.37 15.63 0 7.81
0
5
10
15
20
25
30
35
40
45
पुण्य प्रसून वाजपेयी द्वारा मवमभन्न मवषयों पर मयखी र्ई पोस्ट का प्रमतशत
• अंशुमान मतवारी का ब्लॉर् का नाम ‘अथायथय अंशुमान’
है। अंशुमान मतवारी ने वषय 2016 में 1 जनवरी, 2016
से येकर 31 मदसंबर, 2016 तक क
ु य 52 येख अपने
ब्लॉर् पर मयखे। मजसमें जनवरी में 4, फरवरी में 4,
माचय में 3, अप्रैय में 4, मई में 5, जून में 4, जुयाई में 4,
अर्स्त में 5, मसतंबर में 5, अिू बर में 4, नवंबर में 5,
मदसंबर में 5 पोस्ट्स अपने पर मयखीं। ब्लॉर् पर मयखी
र्ई अमधकांश पोस्ट्स पमत्रकाओं और समाचार पत्रों में
अंशुमान मतवारी बाइयाइन से प्रकामशत हुई हैं।
सामामजक/सांस्क
ृ मत
क
राजनीमतक आमथयक मीमडया आतंकवाद स्वयं क
े मवषय में अन्य
मवषय प्रमतशत 3.85 11.54 82.69 0 1.92 0 0
0
10
20
30
40
50
60
70
80
90
अंशुमान मतवारी द्वारा मवमभन्न मवषयों पर मयखी र्ई पोस्ट का प्रमतशत
• शमश शेखर ने अपने ब्लॉर् पर 1 जनवरी, 2016 से
येकर 31 मदसंबर, 2016 तक क
ु य 57 पोस्ट डायी
हैं। शमश शेखर द्वारा ब्लॉर् पर डायी र्ई अमधकांश
पोस्ट महन्दुस्तान समाचार पत्र क
े संपादकीय पेज
पर प्रकामशत हुई हैं। शमश शेखर ने अपने ब्लॉर् पर
जनवरी में 5, फरवरी में 3, माचय में 5, अप्रैय में 6,
मई में 4, जून में 5, जुयाई में 6, अर्स्त में 5,
मसतंबर में 5, अिू बर में 6, नवंबर में 3 और
मदसंबर में 4 पोस्ट डायी हैं।
सामामजक/सांस्क
ृ मत
क
राजनीमतक आमथयक मीमडया आतंकवाद स्वयं क
े मवषय में अन्य
मवषय प्रमतशत 33.33 40.36 1.75 5.26 8.77 5.26 5.27
0
5
10
15
20
25
30
35
40
45
अंशुमान मतवारी द्वारा मवमभन्न मवषयों पर मयखी र्ई पोस्ट का प्रमतशत
• सुधीर राघव का ब्लॉर् ‘सुधीर राघव’
(http://sudhirraghav.blogspot.in/) नाम से है
सुधीर राघव ने 1 जनवरी, 2016 से येकर 31
मदसंबर, 2016 तक अपने ब्लॉर् पर मवमभन्न मवषयों
पर क
ु य 118 पोस्ट डायी हैं। उन्ोंने जनवरी में 1,
फरवरी में 7, माचय में 9, अप्रैय में 14, मई में 13,
जून में 8, जुयाई में 10, अर्स्त में 11, मसतंबर में
14, अिू बर में 11, नवंबर में 7 और मदसंबर में 13
पोस्ट डायी हैं।
सामामजक/सांस्क
ृ मत
क
राजनीमतक आमथयक मीमडया आतंकवाद स्वयं क
े मवषय में अन्य
मवषय प्रमतशत 9.33 25.42 6.78 0 0 5.08 53.39
0
10
20
30
40
50
60
अंशुमान मतवारी द्वारा मवमभन्न मवषयों पर मयखी र्ई पोस्ट का प्रमतशत
• शोध प्रबंध क
े पांचवें अध्याय ’सामामजक-
सांस्क
ृ मतक मवषयों पर ब्ला्ग्स’ में पांचों महन्दी
पत्रकारों द्वारा अपने ब्लॉग्स पर डायी र्ईं
सामामजक-सांस्क
ृ मतक मवषय पर पोस्ट्स का
ेक्स्चुअय एनामयमसस मकया है। अध्याय में पांचों
पत्रकारों की ब्लॉर् पोस्ट का ेक्स्चुअय एनामयमसस
क
े साथ तुयनात्मक मवश्लेषर् भी मकया है
सामामजक-सांस्क
ृ मतक मवषयों पर ब्लाग्स
0
5
10
15
20
25
30
35
40
45
50
रवीश क
ु मार अंशुमान मतवारी शमश शेखर पुण्य प्रसून
वाजपेयी
सुधीर राघव
सामामजक मवषयों पर ब्लॉर् पोस्ट्स संख्या में
वषय 2016
• 1 जनवरी, 2016 से येकर 31 मदसंबर, 2016 क
े
बीच अनेक घ नाएं ऐसी हुईं जो ब्लॉग्स क
े कारर्
पूरी दुमनया में चमचयत हुईं। ब्लॉग्स येखन की वजह
से अनेक मुद्दों पर जनमत तैयार हुआ। इस दौरान
ब्लॉग्सय ने न मसफ
य मुद्दों को उठाया बक्ति अपना
दृमष्टकोर् भी स्पष्ट मकया। पत्रकार ब्लॉग्सय क
े ब्लॉग्स
में सामामजक मुद्दों पर अनेक येख मयखे र्ए।
• वषय 2016 में 01 जनवरी, 2016 से येकर 31
मदसंबर, 2016 क
े बीच रवीश क
ु मार ने अपने ब्लॉर्
कस्बा पर सामामजक-सांस्क
ृ मतक मवषयों से संबंमधत
46 पोस्ट्स, अंशुमान मतवारी ने दो, शमश शेखर ने
19, पुण्य प्रसून वाजपेयी ने 09 और सुधीर राघव ने
11 पोस्ट्स क्रमश अपने-अपने ब्लॉग्स पर पोस्ट्स
की हैं।
• पत्रकारों की सामामजक-सांस्क
ृ मतक मवषयों से
संबंमधत ब्लॉर् पोस्ट्स को मवश्लेषर् की सुमवधा क
े
मयए ममहयाओं से संबंमधत पोस्ट्स, वंमचत वर्य से
संबंमधत पोस्ट्स, जीवन शैयी से संबंमधत पोस्ट्स,
बाजारवाद से संबंमधत पोस्ट्स, परंपराओं से
संबंमधत पोस्ट्स और धाममयक मवषयों से संबंमधत
पोस्ट्स में उप मवभामजत कर मयया है।
• ब्लॉग्स पर मयखे र्ए मवमभन्न मवषयों से संबंमधत येखों
में से सामामजक मवषयों से संबंमधत सामामजक येखों
का प्रमतशत चा य
15.33
3.85
33.33
14.07
9.33
रवीश क
ु मार अंशुमान मतवारी शमश शेखर पुण्य प्रसून वाजपेयी सुधीर राघव
सामामजक मवषयों पर ब्लॉग्स पोस्ट्स प्रमतशत
वषय 2016
राजनीमतक मवषयों पर ब्लाग्स’
• शोध प्रबंध का छठा अध्याय ’राजनीमतक मवषयों पर
ब्ला्ग्स’ चयमनत महन्दीं पत्रकारों क
े ब्लॉग्स पर
डायी र्ईं राजनीमतक पोस्ट्स से है।
• राजनीमत और मीमडया में र्हरा संबंध है। चाहे वह
मीमडया का इयेिरॉमनक, मप्रं स्वरूप हो या
आमजन क
े मोबाइय में पहुंच चुका न्यू मीमडया,
सभी राजनीमत को र्हरे प्रभावमत करते हैं।1 मीमडया
राजनीमत वर्य पर दबाव बनाता है और उनकी
नीमतयों और योजनाओं को प्रभामवत करता है।
मीमडया का अमधकांश समय राजनीमतक मवषयों को
‘कवर’ करने में र्ुजरता है।
• अंशुमान मतवारी, सुधीर राघव आमद क
े ब्लॉग्स
रानजीमतक येखों क
े मामये में मवशेष स्थान रखते
हैं। वषय 2016 में जनवरी से येकर मदसंबर तक
रवीश क
ु मार ने अपने ब्लॉग्स ‘कस्बा’ पर 92
पोस्ट्स, पुण्य प्रसून वाजपेयी ने अपने ब्लॉग्स पर
27, शमश शेखर ने 23, अंशुमान मतवारी ने 6 और
सुधीर राघव ने अपने ब्लॉग्स पर 30 पोस्ट्स
राजनीमतक मवषयों से संबंमधत मयखी हैं।
• शोध प्रबंध का सांतवे अध्याय ’आतंकवाद मवषय से
संबंमधत ब्लाग्स’ है
• 1 जनवरी, 2016 से 31 मदसंबर, 2016 दुमनया भर
में करीब 1801 आतंकी हमये हुए27, मजनमें हजारों
जानें र्ईं और याखों योर् प्रभामवत हुए। इतने
आतंकवादी हमयों को मुख्य धारा मीमडया द्वारा
ररपोम िंर् करना असंभव है। इस समयावमध में
भारतीय मीमडया द्वारा सबसे ज्यादा कवरेज हामसय
करने वायी आतंकी घ ना रहीं वे हैं, भारत, फ्ांस,
अमेररका व पामकस्तान में हुए बड़े आतंकी हमये।
• एक महत्वपूर्य बात यह भी है मक संचार की दुमनया
में मौन का अपना खास महत्व है सो यह भी
महत्वपूर्य है मक आतंकवाद से जुड़े अहम मसये पर
कौन पत्रकार कब और मकतना मौन रह र्या। इसी
क्रम में देखा जाए तो 1 जनवरी, 2016 से 31
मदसंबर, 2016 क
े बीच रवीश क
ु मार ने आतंकवाद
से संबंमधत 6 पोस्ट्स, अंशुमान मतवारी ने 1, शमश
शेखर ने 5 और पुण्य प्रसून वाजपेयी ने 10 पोस्ट्स
क्रमश अपने-अपने ब्लॉग्स पर डायी हैं।
• रवीश क
ु मार ने वषय 2016 की क
ु य मयखी 300
पोस्ट्स में से 65 पोस्ट्स मीमडया से संबंमधत हैं।
वहीं इस दौरान पुण्य प्रसून वाजपेयी ने मीमडया से
संबंमधत क
े वय 6 पोस्ट और शमश शेखर ने 3 पोस्ट
मयखी हैं। वषय 2016 में सुधीर राघव और अंशुमान
मतवारी ने मीमडया समीक्षा से संबंमधत कोई भी
पोस्ट्स अपने ब्लॉग्स पर नहीं डायी हैं।
• पत्रकार भी जब ब्लॉर् मयखता है तो प्रेस की
स्वतंत्रता क
े नए आयामों को प्राप्त करती है।
मीमडया समूह क
े उच्च ओहदों पर बैठे हुआ जब
एक पत्रकार जब मीमडया की समीक्षा करता है तो
मीमडया क
े मवमभन्न पहयु योर्ों क
े सामने आते है।3
मीमडया की समीक्षा से सुधार क
े नए अवसरों की
संभावना बनती है। रवीश क
ु मार, पुण्य प्रसून
वाजपेयी, शमश शेखर उन्ीं पत्रकारों में शाममय हैं।
• नवां अध्याय ’आमथयक मवषयों पर ब्लाग्स’ है।
वषय 2016 में जनवरी से येकर मदसंबर तक अंशुमान
मतवारी ने 43, पुण्य प्रसून वाजपेयी ने 7, शमश
शेखर अथयव्यवस्था क
े संबंध बहुत कम मयखते हैं,
एक वषय में उन्ोंने क
े वय एक येख ही अपने ब्लॉर्
पर डाया है, सुधीर राघव ने 8 व रवीश क
ु मार ने 27
पोस्ट्स क्रमश अपने-अपने ब्लॉर् पर पोस्ट की हैं।
• शोध प्रबंध में दसवां अध्याय ’पत्रकारों द्वारा स्वयं क
े
मवषय में ब्लार् पोस्ट्स’ है।
• एक पत्रकार क
े मयए खबरों की खबर रखना और
मवमभन्न माध्यमों से उन खबरों को योर्ों तक पहुंचा
आसान होता है, येमकन जब बात स्वयं क
े बारे में
मयखने-बोयने की आती है तो यही कायय बहुत
कमठन हो जाता है।1 एक पत्रकार क
े पास मवशुध्द
स्वयं क
े बारे में क
ु छ कहने क
े मयए मुख्य धारा
मीमडया में कोई मंच नहीं है। ऐसे में न्यू मीमडया वह
साधन बनता है जहां वह अपने मन की बात पूर्य
आजादी क
े साथ कह सकता है।
• शोध प्रबंध का एकादश अध्याय अन्य मवषयों से
संबंमधत है और अंमतम द्वादश अध्याय में मनष्कषय
मदया र्या है। साथ ही इस अध्याय में शोध की
सामामजक उपयोमर्ता क
े मवषय में भी प्रकाश डाया
र्या है।
मनष्कषय व उपयोमर्ता
•
• पत्रकार की मवचारधारा उसक
े येखन में पररयमक्षत
होती है। इस शोध में महन्दी पत्रकाररता क
े प्रमुख
व्यक्तियों क
े ब्ला्र् का ेक्स्चुअय एनामयमसस
करने पर स्पष्ट मनष्कषय मनकयता है मक पत्रकार
अपनी रूमच क
े अनुसार मवषय को महत्व देता है,
उसमें अपने दृमष्टकोर् को अमधकांश योर्ों का
दृमष्टोर् होने क
े रूप में प्रस्तुत करता है।
• पत्रकार ब्ला्ग्स येखन में मीमडया क
े प्रमत
अयोचनात्मक या समीक्षात्मक दृमष्टकोर् अपनाते
हैं। वे अपने येखों में मयखते हैं मक भारत का
मुख्यधारा मीमडया समाज क
े सभी वर्ों का
प्रमतमनमधत्व नहीं करता है या तक
य मदया जाता मक
मीमडया अभी शैशव अवस्था में और इस क्तस्थमत में
वह भारतीय समाज को सही मार्यदशयन देने में
सक्षम है।
• साथ ही, सभी क
े द्वारा मीमडया से अपेक्षा की जाती
हैं मक मीमडया को राजनीमतक व धाममयक पक्षों से
ज्यादा सामामजक मवषयों पर मदखाना-मयखना
चामहए। हायांमक वषय 2016 में 1 जनवरी से 31
मदसंबर क
े मध्य मयखे र्ए पत्रकारों क
े ब्ला्ग्स पर
मयखे र्ए येखों में सामामजक येखों से ज्यादा
राजनीमतक मवषयों पर मयखा र्या है।
• इस शोध में रवीश क
ु मार, सुधीर राघव, पुण्य प्रसून
वाजपेयी, शमश शेखर, अंशुमान मतवारी क
े ब्ला्र्
का ेक्स्चुअय एनामयमसस मकया र्या, मजसमें
मनष्कषय मनकयता है मक उपरोि पत्रकारों ने अपनी
रूमचयों क
े अनुसार मुद्दों पर मयखा है और अपना
मवचारात्मक दृक्तष्कोर् अपनाया है।
• वैमश्वक स्तर पर माना जा रहा है मक आतंकवाद जैसे
मवषय पर मवश्व क
े सभी देशों की एक राय होनी
चामहए येमकन तथ्य यह है मक मनष्पक्ष रूप से मवषय
रखने का दावा करने वाये भारत क
े जाने-माने
प
़़़़ त्रकार एक ही कायवमध में समान आतंकी
घ नाओं पर एक-दू सरे से अयर् राय रखते हैं। ….
• । मवचारधारा में असहममत या असहज क्तस्थमत पैदा
होने पर अपने मनष्कषय या मवचार देने की अपेक्षा
मौन का सहारा येते हैं। संचार मसदातों में कहा र्या
है मक मौन भी संचार का ही एक महस्सा है।
वैचाररक और राजनीमतक प्रमतबदता आतंकवाद क
े
खतरे ज्यादा महत्वपूर्य मदखायी देती है। हायांमक
अमधकांश पत्रकारों ने आतंकवाद से संबंमधत
मामयों में जनता को सजर् करने का कायय मकया
है।