आपने पोर्नोग्राफिक वेब साइट्स और सेक्स पत्रिकाओं में जी-स्पॉट के बारे में अक्सर पढ़ा होगा। जहाँ कुछ लोग इसको लेकर बहुत उत्सुक हैं और इसका आनंद भी उठा रहे हैं, वहीं कुछ नकारात्मक विचारधारा वाले लोग इसे महज़ किसी सिरफिरे व्यक्ति के दिमाग की उपज मानते हैं। वे मानते हैं कि जी-स्पॉट नाम की कोई चीज है ही नहीं। जी-स्पॉट पर इतना हल्ला होने के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसलिए मैं आज रहस्य के सारे परदे उठा कर सच्चाई को उजागर कर देना चाहता हूँ। तो चलिए सबसे पहले हम इतिहास के पन्नों को पलटने की कौशिश करते हैं।
1950 के दशक में विख्यात गायनेकोलोजिस्ट डॉ. अर्न्सट ग्रेफनबर्ग ने इंटरनेशनल जरनल ऑफ सेक्सोलोजी में The Role of Urethra in Female Orgasm नाम से एक प्रपत्र प्रकाशित किया था। इन्होंने स्त्रियों की यूरेथ्रा के चारो तरफ कोर्पोरा केवर्नोजा की तरह एक स्पंजी और इरेक्टाइल टिश्यू को चिन्हित किया, जिसे यूरीथ्रल स्पंज कहा जाता है। इसके बाद 1980 के दशक में सेक्स एजूकेटर और काउंसलर बेवर्ली व्हिपल और सायकोलोजिस्ट और सेक्सोलोजिस्ट जॉन पेरी ने डॉ. अर्न्सट ग्रेफनबर्ग की शोध को आगे बढ़ाया और अंततः डॉ. अर्न्सट ग्रेफनबर्ग के नाम पर इस इस रहस्यमय स्पॉट का नाम जी-स्पॉट रखा।
Omega-3 Fatty Acids Increase Brain Volume While Reversing Many Aspects of Neu...
G spot
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जी-स्पॉट या सुख का सागर
Dr. O.P.Verma
M.B.B.S., M.R.S.H.(London)
http://flaxindia.blogspot.in
Email- dropvermaji@gmail.com
�ाचीन शा�� म� योिन को देवी माना गया है,
आिखर यह मनुष्य क� जननी जो है। योिन �ीत्व का क��
है, मातृत्व का उपवन है। आज तक कोई इसे पूरी तरह
समझ नह� पाया। इसम� अनेक� रहस्य समाए �ए ह�।
ऐसा ही एक महान रहस्य है जी-स्पॉट िजसक� आप हम
चचार् करने जा रहे ह�। आपने पोन��ा�फक वेब साइट्स
और सेक्स पि�का� म� इसके बारे म� अक्सर पढ़ा होगा।
जहाँ कुछ लोग इसको लेकर ब�त उत्सुक ह� और इसका
आनंद भी उठा रहे ह�, वह� कुछ नकारात्मक िवचारधारा
वाले लोग इसे महज़ �कसी िसर�फरे �ि� के �दमाग क�
उपज मानते ह�। वे मानते ह� �क जी-स्पॉट नाम क� कोई चीज है ही नह�। जी-स्पॉट पर इतना हल्ला होने के बाद
भी असमंजस क� िस्थित बनी �ई है। इसिलए म� आज रहस्य के सारे परदे उठा कर स�ाई को उजागर कर देना
चाहता �ँ। तो चिलए सबसे पहले हम इितहास के प�� को पलटने क� कौिशश करते ह�।
1950 के दशक म� िवख्यात गायनेकोलोिजस्ट डॉ. अन्सर्ट �ेफनबगर् ने इंटरनेशनल जरनल ऑफ सेक्सोलोजी
म� The Role of Urethra in Female Orgasm नाम से एक �प� �कािशत �कया था। इन्ह�ने ि�य� क� यूरे�ा
के चारो तरफ कोप�रा केवन�जा क� तरह एक स्पंजी और इरेक्टाइल �टश्यू को िचिन्हत �कया, िजसे यूरी�ल
स्पंज कहा जाता है। इसके बाद 1980 के दशक म� सेक्स एजूकेटर और काउंसलर बेवल� िव्हपल तथा
सायकोलोिजस्ट और सेक्सोलोिजस्ट जॉन पेरी ने डॉ. अन्सर्ट �ेफनबगर् क� शोध को आगे बढ़ाया और अंततः डॉ.
अन्सर्ट �ेफनबगर् के नाम पर इस इस रहस्यमय स्पॉट का नाम जी-स्पॉट रखा।
जी-स्पॉट क� ऐनाटॉमी
जी-स्पॉट को समझने के िलए सबसे पहले हम
यूरे�ल स्पंज क� संरचना को समझते ह�। यूरे�ा एक
निलका है जो यूरीनरी ब्लाडर को िक्लटो�रस और
योिन (वेजाइना) के बीच िस्थत यूरे�ल िमएटस से
जोड़ती है, िजससे यूरीन का िनकास होता है। यूरे�ा
योिन क� ऊपरी िभि� के ऊपर से गुजरती है और
इसके चारो तरफ एक स्पंजी और इरेक्टाइल �टश्यू के
आवरण से िघरी रहती है िजसे यूरी�ल स्पंज कहते
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ह�। इस �टश्यू म� नवर् एं�डग्स, र�-वािहकाएँ, पेरायूरी�ल तथा
पेरीयूरी�ल �ंिथयां और वािहकाएं अविस्थत रहती है। ये �ंिथयां वीयर्
जैसा तरल �ाव (फ�मेल इजाकुलेट) बनाती ह� और स्खलन
(इजाकुलेशन) करती ह�। इस तरल क� संरचना �ब� वीयर् जैसी होती है,
िसफर् इसम� शु�ाणु नह� होते ह�। इसीिलए यूरी�ल स्पंज को �ोस्टेट �ंिथ
का �ित�प भी माना जाता है।
यूरी�ल स्पंज का एक खास अितसंवेदनशील िहस्सा उ�ेिजत होने
पर फू ल जाता है और योिन क� ऊपरी िभि� म� डेढ़ या दो इंच अंदर
उभरा �आ महसूस होता है। एक छोटे िस�े के आकार के इसी स्थान को
जी-स्पॉट कहते ह�। यह िक्लटो�रस से भी ज्यादा संवेदनशील होता है।
कई वैज्ञािनक पूरे यूरी�ल स्पंज को ही जी-स्पॉट मानते ह�। उ�ेिजत करने
पर यूरी�ल स्पंज र� से भर जाता है और पेरायूरी�ल तथा पेरीयूरी�ल
�ंिथयां तरल �ाव से फू ल जाती ह� और कई ि�यां पु�ष क� भांित ती�
आवेग के साथ तरल का स्खलन करती ह�।
जी-स्पॉट क� कायर्शाला
जी-स्पॉट के बारे म� तो आप जान ही गए ह�। अब म� आपको बड़े इित्मनान से िसखाऊँ गा �क क�से इस गु�
स्थल को ढूँढ़ना है, उ�ेिजत करना है, गुदगुदाना है और अनंत आनंद क� �ाि� करना है। ज्यादा परेशान होने क�
ज�रत नह� है, यह इतना क�ठन भी नह� है। हां, उन उतावले युवा� को ज�र परेशानी हो सकती है, जो स�
नह� कर पाते। इनके िलए संभोग का मतलब है बस एक दो चुम्बन िलए, स्तन� को थोड़ा दबाया और सीधे नीचे
प�ँच जाते ह�। दो-चार िमनट संभोग �कया और िनढ़ाल होकर सो जाते ह�।
ि�यां भी ऐसे पु�ष� को पसंद नह� करती। ऐसे लोग कौिशश कर�गे तो भी
जी-स्पॉट को न ठीक से डूँढ़ पाएंगे और न पि� को वो स्वग�य सुख दे
पाएंगे। और कुछ ही �दन� बाद बोलना शु� कर द�गे �क जी-स्पॉट तो होता
ही नह� है, यह तो िसफर् कुछ िसर�फरे लोग� के �दमाग क� उपज है।
ले�कन आप वैसे नह� ह�, आप म� संयम भी है और स� भी है, आप तो
िबल्ली मार ही ल�गे। तभी तो यह लेख इतनी तल्लीनता से पढ़ रहे ह�।
यह तो मानना ही होगा �क जी-स्पॉट इतना सहज सुलभ भी नह� है
�क अंदर अंगुली डाली और सीधी जी-स्पॉट पर ले जाकर रख दी। और
इसका मदर्न करना शु� कर �दया। तभी तो आज भी इस च�चत स्पॉट को
रहस्यमय और िववादास्पद माना जाता है। सेक्स पि�का� और पोनर् वेब
साइट्स पर इस िवषय पर ब�त साम�ी उपलब्ध है। अिधकांश मिहलाएं
जवानी म� कदम रखती ह�, हस्त-मैथुन करती ह�, �जदगी भर संभोग करती
ह�, ब�े पैदा करती ह� �फर भी जी-स्पॉट से अनिभज्ञ और अनजान बनी
रहती है। पु�ष� को तो योिन-मैथुन से आगे सोचने क� फु सर्त ही कहां
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रहती है। �ी-रोग िवशेषज्ञ रोज दजर्न� ि�य� का चेकअप करती है, पर इस स्पॉट को न कभी पकड़ नह� पाती
ह� और न कभी ध्यान देती ह�।। इसका एक बड़ा कारण यह है �क सामान्यतः यह योिन क� अ� िभि� म� सुषु�
अवस्था म� रहता है और उ�ेिजत करने पर ही यह फू ल कर अपनी उपस्थित का अहसास �दलाता है। य�द आप
अपनी सजनी के जी-स्पॉट को ढूँढ़ना चाहते ह�, उसे जीवन का
�लयंकारी और असीम चरमानंद देना ही चाहते ह� तो धीरज रिखए
और हर �बदु को समझते जाइए। आज आप जी-स्पॉट ऑगार्ज्म क�
तकनीक और बारी�कय� को भली भांित सीख जाएंगे। उसके बाद
आपको कोई िवशेष परेशानी नह� होगी। आप सहज होकर अपनी
�ेयसी को जी-स्पॉट ऑगार्ज्म देकर उसे आनंद के उस िशखर तक लेकर
जाएंगे, जहां उसे जीवन के सारे सुख नगण्य लगने लग�गे। आज वह
जान जाएगी �क सेक्स का असली सुख क्या होता है। आज हम आपको
�ी के हर भाव, हर अदा और हर संकेत का मतलब िसखला द�गे। ये
अनुभव आपको जी-स्पॉट आगार्ज्म के चरम �बदु तक प�ँचने म� बड़ी
मदद कर�गे। इंटरनेट ऐजुकेशनल स�वस, िजसे KISISS (Kinsey
Institute Sexuality Information Service for Students) कहते ह�,
पर सबसे अिधक पूछा जाने वाला �� आज भी यही है �क जी-स्पॉट क्या है और इसे कैसे ढूढ़�गे?
शोला जो भड़के
य�द दम्पि� के बीच प्यार, भावनात्मक जुड़ाव और संवाद ब�त अच्छा है, तो हो सकता है आप पहली
बार ही इस महान आनंद को �ा� करल�। ले�कन हम तो आपको यही सलाह द�गे �क आप उनसे जी-स्पॉट को
िज� ही मत क�िजए, बस इतना ही किहए �क आज डेट पर चलते ह�, बाहर ही खाना खाएंगे और घर आकर
एंज्वॉय कर�गे। इस �दन के िलए आपको थोड़ी तैयारी भी करनी चािहए, जैसे अपने नाखुन काट ल�, अच्छे कपड़े
पहन� और उनक� पसंद का परफ्यूम लगाएं। सुबह से ही माहौल खुशनुमा और मूड रोमां�टक रख�। जब भी मौका
लगे उनको बाह� म� भर कर एक ब�ढ़या �� च �कस करते रिहए। देिखएगा वो �दन भर प्यार भरे सपन� म� खोई
रह�गी। और अपनी योिन म� नमी और कुलबुलाहट महसूस कर�गी।
�दल उनका धड़के
डेट पर उन्ह� फू ल� का ग़�लदस्ता भ�ट कर� और
हनीमून के प्यार भरे लम्ह� को याद कर�। िडनर म�
उनक� पसंद के �ंजन ऑडर्र कर�, उनक� खुशामद
कर�। कह� �क वह �कतनी सुंदर ह� और आप
दीवानगी क� हद तक उन्ह� प्यार करते ह�। बात�
करते रह�। ि�यां खुशामद और तारीफ से बड़ी
जल्दी िपघलती ह�। जैसे ही रात ढलने लगे, अपनी
चांद सी महबूबा को गोद म� उठा कर शयनकक्ष म�
ऐसे �वेश कर� जैसे आज क� रात ही आपक�
सुहागरात हो।
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ददर् जवानी का सताए बढ़-बढ़ के
बेड�म म� म�म रोशनी हो और पलंग सजा
�आ हो। अब काम-��ड़ा क� शु�आत कर�, एक
दूसरे को छूना और चूमना शु� कर�। कुछ ही लम्ह�
म� आपको ऐसा लगने लगेगा जैसे कपड़� म� आग लग
गई हो और आपका िबस्तर ठंडे पानी का पूल है।
एक-एक करके कपड़े उतरने लग�गे। दो �दल�, दो
िजस्म� के बीच हर दीवार ढह चुक� है। आपक�
मिलका पूरी तरह िपघल चुक� ह�, योिन से �ेम रस
छलक रहा है और वह चाह रही ह� �क आप वहाँ कब
�वेश कर�गे। ले�कन आप उन्ह� कह� �क आज
जल्दबाजी नह� कर�गे, आज आप तसल्ली से एंज्वॉय करना चाहते ह�। आप उनसे प्यार भरी बात� करते रह�, छूते
रह� और आ�लगन लेते रह�। अब उन्ह� पीठ के बल लेटने को कह�। उनके उर�ज�, आंख�, रसीले लब� या खूबसूरत
पैर� क� �शंसा करते रह�। याद रखे �शंसा से प्यार बढ़ता है। इसे देने म� कोई खचार् नह� होता परंतु लेने वाले के
िलए यह अनमोल तोहफ़ा बन जाता है। अब उसके गाल� या ह�ठ� के चुम्बन लेना शु� क�िजए। बीच-बीच म�
कभी गदर्न, कान या पलक� को चूिमए। वह उ�ेिजत हो उठेगी। वह आपक� तरफ झुकेगी, आपके चेहरे को
अपनी तरफ ख�चेगी या आपका हाथ पकड़ कर सीधा अपने उरोज पर रख देगी। वह आपको कह भी सकती है
�क डा�लग कब तक तड़पाओगे। अब वह पूरी तरह उन्माद म� डूब चुक� है। ले�कन लाख टके का जी-स्पॉट
ऑगार्ज्म आप उसे इतनी जल्दी थोड़े ही द�गे। आपका ध्यान तो अभी चेहरे और स्तन� के ऊपर ही क���त रहना
चािहए।
तड़पाओगे तड़पा लो, हम तड़प-तड़प कर भी तुम्हारे गीत गाएंगे
यह स्टेप ब�त अहम है, आप उनके पहलू म� लेटे ह�, माहौल गमर् है और उ�ेजना बढ़ रही है। आपको पूरा
िनयं�ण और धैयर् रखना है। आज आपको िपघलना नह� है, बिल्क अपनी �ेिमका को खूब तड़पाना और तरसाना
है। चूमना जारी रिखए। उन्ह� गदर्न पर चुम्बन पसंद हो तो वहां चूिमए। अब उरोज� को छूने और सहलाने का
समय आ गया है। इनको हल्के-हल्के सहलाना शु� कर�। िनपल को ज्यादा नह� छूएं। इस स्टेप का मुख्य �योजन
जनने��य� म� र� के �वाह को बढ़ाना है। एक हाथ से स्तन को सहलाते रह� और दूसरे हाथ से पेट को गुदगुदाते
�ए आिहस्ता-आिहस्ता नीचे क� तरफ बढ़�। वो
�कतना ही तड़प�, मचल� या कौिशश कर�, अपने
हाथ को जनने��य� से ऊपर रही रख�। उन्ह� लगना
चािहए �क जैसे आज आप योिन को नह�
सहलाओगे। बस हौले-हौले नीचे ब�ढ़ए और हर
हाल म� अपने हाथ को योिन से ऊपर ही रिखए,
भले वो आपके हाथ को पकड़ कर योिन क� तरफ
ख�चने क� कौिशश करे। यहाँ आपका मकसद उस
भावनात्मक जुड़ाव को बनाए रखना है जो आपके
बीच गमार्ता जा रहा है। क्य��क ज्य�ही आप
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योिन को सहलाना या दबाना शु� करते हो, भावनात्मक जुड़ाव खत्म होने लगता है और सेक्स क� शु�आत हो
जाती है। गदर्न, पेट व उरोज� को सहलाना और चूमना जारी रख�। आपके बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता रहे।
यह सब करते �ए आपको उनक� तरफ से िमलने वाले दो �ीन िसगनल पर अपना ध्यान रखना है। आप उन्ह�
उ�ेिजत करते रिहए जब तक उनक� सांसे तेजी से न चलने लगे और वो आपको पकड़ कर अपनी तरफ ख�चने
न लगे। ज्य�ही वो ऐसा करे, अपना ध्यान दूसरे िसगनल पर क���त कर�। अब वह अंगड़ाई ल�गी, बल खाएगी,
मचल�गी और अपने िनतम्ब धीरे-धीरे उछालने लगेगी, ऐसा लगेगा जैसे वह संभोग के िलए ध�े मार रही हो।
पेट और स्तन� को चूमना, सूंघना और सहलाना जारी रखे।
आँख� ही आँख� म� इशारा हो गया
जैसे ही आपको उनक� तरफ से ये दोन� �ीन िसगनल
िमल जाएँ, तो समझ ल� �क वो अब पूरी तरह उ�ेिजत
और तैयार ह�। �फर भी अपना पूरा ध्यान उसके उदर और
उरोज� पर बनाए रख�। धीरे-धीरे अपने हाथ को नीचे ले
जाकर जांघ के ऊपरी िहस्से को सहलाना शु� कर�। ध्यान
रखे �क अपने हाथ योिन क्षे� से दूर ही रख�, अभी उसे छूने
का समय नह� आया है। आप चाह� तो िनतम्ब क�
गोलाइय� का हल्के हाथ से मदर्न कर सकते ह�, गुदगुदा
सकते ह�, इससे योिन क्षे� म� बेचैनी और उ�ेजना बढ़ेगी
और पूरे पेिल्वस म� र� का �वाह बढ़ेगा। कूल्ह� का िहलना, मचलना और उछलना जारी रहेगा। जांघ� को
सहलाते रह� और अंगुिलय� को उनके आनंद ि�कोण (Vulva) के चार� तरफ हौले-हौले घुमा कर योिन को
उकसाते रह�, छेड़ते रह�। ले�कन योिन से फासला बनाए रख�। जो भी हो हर हाल म� उनसे भावनात्मक जुड़ाव को
बनाए रख�।
भंवरा बड़ा नादान
अब तक तो उनक� बेचैनी पराका�ा पर होगी। िनतम्ब� का मचलना, उछलना और अंगड़ाई लेना जारी
रहेगा। वो हर कौिशश कर�गी �क आप उसक� योिन तक प�ँच�, उसे सहलाएं, मसल� और उसे आनंद के सागर क�
सैर कराएं। अगर वो थोड़ी सी भी नटखट या बेशमर् ह� तो वो अपनी
योिन को खुद ही सहलाने लगेगी या आपके हाथ को पकड़ कर अपनी
योिन तक ले जाएगी। पर आपको ऐसा नह� करना है। ज�रत पड़े तो
आप उन्ह� �फर याद �दला द� �क आज आपको कोई जल्दी नह� है और
आप अभी और मजा लेना चाहते ह�। य�द वो अपनी योिन को खुद ही
रगड़ना चाहे तो उनसे कहे �क वो अपने उरोज� को सहलाएं। बेहतर
होगा �क वो सीधी लेट जाएं और मजे लेती रहे। अब आपको उनक�
योिन के ऊपर अपने हाथ को इस तरह घुमाना है जैसे भंवरा फू ल� के
ऊपर मंडराता है, ध्यान रहे �क आपक� हथेली हर हाल म� त्वचा को
स्पशर् नह� करेगी, बाल� का हल्का सा स्पशर् जायज़ है। अगर वो
सचमुच उ�ेिजत हो चुक� ह�, तो आपका यह कदम उन्ह� पागल कर
देगा, दीवानी बना देगा। वो आपक� हथेली और उसक� गमार्हट को
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महसूस कर ल�गी। वह कूल्ह� को उछाल कर आपके हाथ को छूने क� कौिशश करेगी। ले�कन आप अपनी हथेली
को ऊपर उठा कर उन्ह� और उकसाते रह�। आपको यह सब 2-3 िमनट तक करना है। इतने म� तो वह आह� भरने
लगेगी और कह उठ�गी, “आज क्य� इतना तड़पा रहे हो।“ उनको इस तरह उकसाने के कुछ फायदे भी ह�। एक तो
इससे उनक� उ�ेजना िशखर को छूने लगेगी और दूसरा वो अपनी सारी शमर् और िझझक छोड़ कर सेक्सी और
कामुक बन जाएंगी। आपको सेक्स करने के िलए ललकारने लग�गी। आज आप उन्ह� छेड़ रहे ह�, मजबूर कर रहे ह�
�क वो सारा स्वािभमान और लोक-लाज को छोड़ कर बेहयाई करने पर उतर आए।
छू लेने दो नाज़�क होठ� को
अब योिन को छूने का व� आ गया है। पहले तो
आप योिन के दोन� तरफ हल्के हाथ� से सहलाएंगे,
ध्यान रहे भगो� (लेिबया) से अभी भी दूर ही रहना
है। इससे वो तड़प उठेगी, वासना के शोल� म� जल
उठ�गी। हल्के हाथ� से मसलना और सहलाना जारी
रख�। इससे योिन मुख के दोन� तरफ क� पेिशयां ढ़ीली
पड़ जाएंगी। इसके बाद भगो� और योिन को सहलाना
शु� कर�। ये ब�त संवेदनशील अंग ह� और इन पर
पयार्� ध्यान देना ज�री है। भगो� को आिहस्ता से
चौड़ा कर�, अंगुिलय� से मदर्न कर�। आप चाह� तो
िक्लटो�रस को हल्का सा गुदगुदा सकते ह�। पर आज जी-स्पॉट को फ़तह करने का �दन है, इसिलए पूरा ध्यान
उस पर ही रहना चािहए।
ढूंढो ढूंढो रे साजना ढूंढो
अब आप योिन �पी समु� के मंथन को तैयार ह�। आज आपको उस रहस्यमय जी-स्पॉट क� खोज कर लेना
है, जैसे �कसी जमाने म� कोलम्बस ने अमे�रका को खोजा था। सारी तैया�रयां हो चुक� ह�, नौकाएं सज चुक� ह�।
तो चिलए अपनी तजर्नी अंगुली को गीली और नमक�न योिन म� धीरे से उता�रए। धैयर् बनाए रख�, अब मंिजल
दूर नह� है। अंगुली को धीरे-धीरे अंदर-बाहर कर� और योिन क� िभि�य� पर थोड़ा दबाव डाल�। अंगुली को
योिन म� ब�त अंदर तक डालने क� ज�रत नह� है, क्य��क योिन का आगे का िहस्सा ही ज्यादा संवेदलशील
होता है। य�द आपको लगे �क योिन म� पयार्� गीलापन नह� है तो इसका मतलब यह भी नह� है �क वो पूरी
तरह उ�ेिजत नह� ह�। हां आप के.वाई.जेली या
अन्य लु�ीक�ट का �योग कर सकते ह�।
अब आप योिन क� ऊपरी िभि� को दबाते �ए
अपनी अंगुली को अंदर-बाहर कर रहे ह�। ध्यान रहे
पूरे समय आप उसके होठ� और उरोज� को चूमना
और चाटना जारी रख�गे। सामान्यतः डेढ़ इंच के
बाद योिन क� अ� िभि� का कुछ िहस्सा थोड़ा
खुरदरा होता है। इसके ठीक पीछे जी-स्पॉट होता
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है, जो एक घाटी (Valley) म� समाया �आ �तीत होता है। जी-स्पॉट के पीछे एक या दो इंच लंबा िचकना और
सपाट िहस्सा होता है िजसे प्लेटो कहते ह�। य�द आपक� अंगुली ज्यादा अंदर प्लेटो तक प�ँच गई है तो उसे
बाहर क� तरफ लाकर घाटी क� रपट और खुरदरे िहस्से के बीच क� जगह को मसलना शु� कर�। य�द वो कह� �क
उन्ह� यूरीन लग रही है तो समझ लीिजए �क आप जी-स्पॉट पर प�ँच चुके ह�। अिधकांश ि�य� क� यही पहली
�ित��या होती है।
अिधकांश ि�य� म� जी-स्पॉट छोटे िस�े जैसा महसूस होता है। कुछ ि�य� म� यह महसूस ही नह� होता।
कुछ ि�य� म� यह छोटा और कुछ म� बड़ा होता है, िबलकुल वैसे ही जैसे कुछ ि�य� म� स्तन और िनपल्स बड़े
होते ह� तो कुछ म� िबलकुल छोटे। जैसे ही आपक� अंगुली जी-स्पॉट पर प�ँचे, इसे गोलाई म� घुमाते �ए मसलना
शु� कर द�। एक सैकंड म� एक गोला बनाएँ। मसलने के िलए आप एक या दो अंगुिलय� का �योग कर सकते ह�।
�रग और िमिडल �फगर सबसे उपयु� रहती है।
मोरे अंग लग जा बालमा
अब आपने जी-स्पॉट को मसलना शु� कर �दया है। हो
सकता है शु� म� वो कोई �ित��या नह� दे, परंतु हैरान होने
क� िबलकुल ज�रत नह� है, बस घाटी क� रपट और खुरदरे
िहस्से के बीच क� जगह को रगड़ना जारी रिखए। संभवतः
कुछ ही समय बाद वह कहेगी �क हां अच्छा लग रहा है या
हां बस यह� करते जाओ या कहेगी �क कुछ अलग सा महसूस
हो रहा है। य�द उसक� तरफ से कोई �ित��या नह� िमले
तो भी स� रिखए। जी-स्पॉट िनपल क� तरह होता है। जब
आप शु� म� िनपल को छूते ह� तो वह सॉफ्ट होता है। परंतु
थोड़ी देर बाद जब उसम� र� का �वाह बढ़ता है तो वह फू ल कर सख्त जाता है और उसक� संवेदना जादुई
अंदाज म� बढ़ती है। जी-स्पॉट क� �फतरत भी िबलकुल ऐसी ही है। जैसे ही आप इसे धीरे-धीरे गोलाई म� घुमाते
�ए मसलते ह�, तो यह फू लने लगता है और ब�त संवेदनशील हो जाता है। य�द औरत को िबना उ�ेिजत �कए
आप उसके जी-स्पॉट को सहलाओगे तो यह उसे अि�य और क��द लग सकता है। इसी कारण कई जोड़े जी-
स्पॉट का मजा नह� ले पाते ह�। यह बात हमेशा अपने ज़हन म� रख� �क जी-स्पॉट ऑगार्ज्म का लुफ्त लेने के पहले
औरत को पूरी तरह उ�ेिजत करना अत्यंत ज�री है। य�द आप जल्दबाजी कर�गे तो जी-स्पॉट पूरी उ�ेजना को
�ा� नह� करेगा और सफलता नह� िमल पाएगी। इसिलए आप धीगे-
धीरे स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़�।
जी-स्पॉट क� आनंद या�ा म� लय और ताल का बड़ा महत्व है।
जब तक आपके घषर्ण क� लय संतुिलत बनी रहेगी, काम-तरंग उठेगी
और शांत होती रह�गी। उसके बाद दूसरी तरंग उठेगी और शांत हो
जाएगी. ले�कन जैसे जैसे आप घषर्ण क� लय बढ़ाएंगे तो तरंग� क�
ती�ता बढ़ने लगेगी, हर नई तरंग ज्यादा ती� होगी। य�द आप
उसके जी-स्पॉट को 10 िमनट या और अिधक समय से संतुिलत लय
म� सहला कर रहे ह� और काम-तरंग� क� ती�ता नह� बढ़ रही ह�, तो
इसका मतलब यह है �क आपको घषर्ण का दबाव या तरीका बदल
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कर देखना चािहए। हर औरत का सॉफ्टवेयर अलग होता है। �कसी को ज्यादा दबाव चािहए तो कोई अंगुिलय�
का साइड टू साइड घषर्ण पसंद करती है या कोई चाहती है �क आप अंगुिलय� को अप एंड डाउन घुमाएँ। कुछ
औरत� एक अंगुली से उ�ेिजत होती है तो �कसी को दो अंगुली का दमदार घषर्ण लुभाता है। आपसी तालमेल,
अभ्यास और सूझबूझ से आप सही तरीका सीख ल�गे।
जब आप जी-स्पॉट ऑगार्ज्म के नज़दीक प�ँचने लगते ह� तब काम क� लहर� जल्दी-जल्दी उठने लगती ह�
और उनक� ती�ता भी तेजी से बढ़ने लगती है �क ऑगार्ज्म का �कना असंभव हो जाता है। इन लम्ह� म� वो
आनंद के सातव� आसमान म� िवचरण कर रही होती ह�। ऐसी िस्थित म� कई बार पु�ष भी इतना उ�ेिजत हो
जाता है �क वह भी एक भीषण आगार्ज्म को �ा� करता है। हां, य�द आप स्वयं पर िनयं�ण रख पाते ह� और
जी-स्पॉट का मदर्न जारी रख पाते ह� तो जैसे समय का पिहया �क जाता है, जीवन थम जाता है, शरीर के सात�
च� खुल जाते ह�, बरस� से दबी �ई कुंठाएं िनकल जाती ह� और औरत बड़े लंबे समय तक आगार्ज्म के आनंद को
�ा� करती रहती है। कई �ेमी युगल 20 िमनट या इससे भी अिधक समय तक आगार्ज्म का लुफ्त लेते रहे ह�।
एक युगल ने 40 िमनट तक आगार्ज्म का सुख �ा� �कया है। आजकल जी-स्पॉट िस्टमुलेशन के िलए ब�त सारे
सेक्स टॉयज़ भी उपलब्ध ह�। सेक्स टॉयज़ का �योग जी-स्पॉट िस्टमुलेशन के आनंद म� चार चाद लगा देता है।
पोनर् साइट्स पर इनक� पूरी जानकारी िमल जाती है। जब हम ब�� को खेलने के िलए िखलौने देते ह� तो हमारे
युवा जोड़े क्य� पीछे रह�। उन्ह� भी तो अपनी रात� को रंगीन बनाने के िलए िखलौने चािहए। आप इन्ह�
ऑनलाइन (e.g. http://www.cheapsextoys.in) भी खरीद सकते ह� ।
ओ सनम तेरे हो गए हम प्यार म� तेरे खो गए हम
य�द सब कुछ ठीक-ठाक है तो आज उन्ह� ऐसा
परमानंद िमलने वाला है जैसा न उन्ह�ने कभी महसूस
�कया होगा, न कभी स्व� म� भी सोचा होगा। आज उनक�
रित-िनष्पि� (Orgasm) िबलकुल हटके होगी, आनंद क�
लहर� पूरे शरीर म� फै ल जाएंगी। ऑगार्ज्म क� लहर� इतनी
तेज़ होगी �क तन, मन और आत्मा तक िहला कर रख
द�गी। कह� दूर से �मानी संगीत बजने लगेगा। आज
उनको �ी होने का सही गौरव �ा� होने वाला है। शरीर
क� एक-एक कोिशका पुल�कत हो उठेगी, नाच उठेगी।
य�द आप उन्ह� जी-स्पॉट के इस मधुवन क� सैर पर पहली बार लेकर जा रहे ह� तो उनम� थोड़ी िझझक और
घबराहट भी स्वाभािवक है। कोई परवाह नह�, आप उन्ह� सांत्वना देते रह� �क मंिजल तक आप उनके साथ ह�।
आप उनके स�दयर् क� भरपूर �शंसा करे और कह� �क आप
उन्ह� बेपनाह मुहब्बत करते ह�। इससे वो न केवल सुकून
महसूस करेगी बिल्क वो पूरी तरह �रलेक्स रह�गी और
क्लाईमेक्स भी सही समय पर �ा� कर�गी। आज क� यह
हंसीन रात उनके िलए यादगार रात बन जाएगी।
�ायः जी-स्पॉट म� थोड़े फु लाव के अलावा आप योिन म�
कोई प�रवतर्न महसूस नह� कर�गे। आपको स� रखना ब�त
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ज�री है क्य��क जी-स्पॉट को पूरी तरह उ�ेिजत होने म� 20 िमनट तो लगते ही है। इतनी देर म� आपके हाथ भी
थकने लगते ह�। यहां आप �क नह� सकते अन्यथा सब कुछ खत्म हो जाएगा। जैसे ही आप जी-स्पॉट ऑग�ज्म क�
चरम अवस्था के िनकट प�ँचते ह�, योिन आपक� अंगुिलय� को संकुचन
क� भीषण तरंग� के �ारा दबाना शु� करती है। हर अगली तरंग
िपछली तरंग से तेज़ होती है। योिन अंगुिलय� को मजबूती से जकड़
लेती है। इसी समय योिन म� यकायक गीलापन बढ़ता है और योिन म�
एक िवशेष तरल का �ाव होता है। कुछ ि�य� को रित-िनष्पि� के
साथ स्खलन भी होता है, िबलकुल वैसे ही जैसे पु�ष म� वीयर् का स्खलन
होता है। स्खलन म� जो �व िनकलता है वह रंगहीन, गंधहीन और
पतला तरल पदाथर् होता है। यह योिन से िनकलने वाले सफे द रंग के सामान्य तरल से िबलकुल िभ� होता है।
�रसचर् के दौरान पाया गया �क इस �व म� �ोस्टै�टक एन्जाइम उपिस्थत थे।
मुझे तुम िमल गए हमदम सहारा हो तो ऐसा हो
िजधर देखूँ उधर तुम हो, नजारा हो तो ऐसा हो
�कसी का चाँद सा चेहरा, नजर से चूम लेती �ँ
खुशी क� इंतहा ये है, नशे म� झूम लेती �ँ
�ई तकदीर भी रोशन, िसतारा हो तो ऐसा हो
अब आप मंिजल के िबलकुल करीब है। जैसे जैसे योिन म� गीलापन बढ़ता है, योिन का बलपूवर्क �माकुंचन
होता है। कई बार योिन म� संकुचन इतना तेज होता है �क वह अंगुिलय� को बाहर धकेल देती है। आपक� �ेयसी
काम-आनंद म� इतनी दीवानी हो जाएगी �क लाज शमर् छोड़कर जोर से िचल्लाकर कहेगी, “�कना मत, करते
रहो, आज तो आपने मार ही डाला, और ज़ोर से
मसलो, फाड़ दो वगैरह वगैरह.... ”
वो �कतनी मदहोश हो जाएं, चीखे िचल्लाएं
और उन्ह� काम-आनंद के इस समंदर म� गोते लगाते
�ए देख कर आप भी �कतने ही उ�ेिजत हो जाओ
पर आपको िबलकुल संयम बनाए रखना है और हर
हाल म� िनयम� का पालन करना है। सामान्य
आग�ज्म के िवपरीत जी-स्पॉट आगार्ज्म म� औरत
जोर लगा कर गले से चीखती है, लगभग वैसे ही
जैसे �ी ब�ा पैदा होते समय चीखती िचल्लाती है।
पूरी संभावना रहती है �क उन्ह� शानदार िडस्चाजर्
हो। कुछ ि�यां इतनी उ�ेिजत हो जाती ह� �क दो-तीन झटक� म� फव्वारे क� तरह स्खिलत होती ह� और 150
एम.एल. तक �व का स्खलन करती ह� और चादर भी गीली हो जाती है।
ध्यान रहे �क आप उसके जी-स्पॉट का मदर्न ऑगार्ज्म पूरी तरह शांत होने तक जारी रख� या जब तक वो मना न
करदे। वो ऑगार्ज्म क� आिखरी एक या दो िमनट का पूरा लुफ्त उठाना चाहेगी। उन्ह� यह चरम आनंद लेते
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देखना आपका सबसे बड़ा तोहफ़ा है। इस महान आनंद क� �ाि� म� आपक� मेहनत और तैयारी के िलए वह
अपने हाव भाव से आभार �कट करेगी। इस व� आप जलम� और तेज़ी से �माकुंचन करती योिन म� �लग को
डाल कर उनके काम-आनंद को दोगुना कर सकते ह�। आप भी संकुचन करती योिन का �द� अनुभव कभी भूल
नह� पाएंगे। आज का यह संभोग िशव और उमा क� रित-��ड़ा का उत्सव है, समािध है। अलसी या अलसी के
तेल का िनयिमत सेवन करने से ि�य� क� कामेच्छा बढ़ती है और वे सहजता से जी-स्पॉट के स्वग�य सुख को
�ा� करती ह�।
जी-स्पॉट पर एक बेहतरीन एनीमेशन