Sangatkar ppt

V
Sangatkar  ppt
संगतकार
2
3
संगतकार के कवि
4
कवि पररचय
मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित
नाम िैं। इनका जन्म १६ मई १९४८ को हििरी
गढ़िाल, उत्तराखण्ड के काफलपानी गााँि में िुआ था, इनकी
शशक्षा दीक्षा देिरादून में िुई। हदल्ली आकर हिन्दी
पैहियि,प्रततपक्ष और आसपास में काम करने के बाद
िे भोपाल में मध्यप्रदेश कला पररषद्, भारत भिन से
प्रकाशशत साहित्ययक त्रैमाशसक पूिािग्रि में सिायक संपादक
रिे। इलािाबाद और लखनऊ से प्रकाशशत अमृत प्रभात में
भी कु छ हदन नौकरी की। सन् १९८३ में जनसत्ता में साहियय
संपादक का पद साँभाला। कु छ समय सिारा समय में
संपादन कायि करने के बाद आजकल िे नेशनल बुक िस्ि से
जुडे िैं।
5
मंगलेश डबराल के पााँच काव्य संग्रह प्रकाशशत हुए हैं।-
पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते
हैं, आवाज भी एक जगह है और नए युग में शत्रु। इसके
अततररक्त इनके दो गद्य संग्रह लेखक की रोटी और कवव
का अके लापन के साथ ही एक यात्रावृत्त एक बार
आयोवा भी प्रकाशशत हो चुके हैं।
ददल्ली दहन्दी अकादमी के सादहत्यकार सम्मान, कु मार
ववकल स्मृतत पुरस्कार और अपनी सववश्रेष्ठ रचना हम जो
देखते हैं के शलए सादहत्य अकादमी द्वारा सन् २०००
में सादहत्य अकादमी पुरस्कार से सम्मातनत मंगलेश
डबराल की ख्यातत अनुवादक के रूप में भी है। उनका
सौंदयवबोध सूक्ष्म है और भाषा पारदशी।
6
कविता के बारे मे
7
इस कविता में गायक के साथ गाने या साथ देनेिाले
कलाकारों के मित्त्ि को प्रकाशशत ककया गया िै।
नािक, किल्म ,संगीत, नृयय में तो ऐसा िै िी, समाज
और इततिास में भी ऐसे अनेक प्रसंग देख सकते िैं जिााँ
नायक की सफलता के पीछे अनेक लोगों की भूशमका िोती
िै।
कविता िममें संिेदनशीलता विकशसत करती िै कक िर
व्यत्‍त का अपना-अपना मित्त्ि िै।उनका सामने न आना
उनकी कमज़ोरी निीं उनकी मानिीयता िै। संगीत की
सूक्ष्म समझ और कविता की दृश्यायमकता िमें प्रययक्ष
अनुभि कराती िै॥
8
मुख्य गायक के चट्िान जैसे भारी स्िर का साथ देती
िि आिाज़ सुंदर कमजोर कााँपती िुई थी
िि मुख्य गायक का छोिा भाई िै
या उसका शशष्य
या पैदल चलकर सीखने आने िाला दूर का कोई
ररश्तेदार
मुख्य गायक की गरज़ में
िि अपनी गूाँज शमलाता आया िै प्राचीन काल से
गायक जब अंतरे की जहिल तानों के जंगल में
खो चुका िोता िै
9
या अपने िी सरगम को लााँघकर
चला जाता िै भिकता िुआ एक अनिद में
तब संगतकार िी स्थाई को साँभाले रिता िै
जैसा समेिता िो मुख्य गायक का पीछे छू िा
िुआ सामान
जैसे उसे याद हदलाता िो उसका बचपन
जब िि नौशसखखया था
तारसप्तक में जब बैठने लगता िै उसका गला
प्रेरणा साथ छोडती िुई उयसाि अस्त िोता िुआ
आिाज़ से राख जैसा कु छ र्गरता िुआ
10
तभी मुख्य गायक को ढाढस बाँधाता
किीं से चला आता िै संगतकार का स्िर
कभी-कभी िि यों िी दे देता िै उसका साथ
यि बताने के शलए कक िि अके ला निीं िै
और यि कक कफर से गाया जा सकता िै
गाया जा चुका राग
और उसकी आिाज़ में जो एक हिचक साि सुनाई
देती िै
या अपने स्िर को ऊाँ चा न उठाने की जो कोशशश
िै
उसे विफलता निीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
11
संगतकार की भूशमका को मित्त्ि हदया िै।मुख्य गायक
को श्रेष्ठता तक पिुाँचाने में उसकी भूशमका मुख्य िोती
िै।यि संगतकार उसका भाई,शशष्य दूर का कोई ररश्तेदार
िो सकता िै।िि मुख्य गायक की आिाज़ के साथ अपनी
कााँपती ,कमज़ोर ,मधुर आिाज़ सहदयों से शमलाता आया
िै।
जब गायक अपने स्िर से भिक जाता िै तब संगतकार
गीत के स्थायी को संभाले रखता िै।इस तरि गायक को
अपनी तान में लौिने का संके त करता िै।एसा लगता िै
जैसे िि गायक को उस समय की याद हदलाता िै जब
िि नया-नया सीख रिा था।
भाि-
12
जब गायक का स्िर तारसप्तक में गाते िुए बैठने
लगता िै, जब उसका उयसाि कम िोने लगता िै,
स्िर जब धीमा िोता िुआ लगता िै तब संगतकार िी
उसकी मदद करता िै।उसे एिसास कराता िै कक िि
अके ला निीं िै।उसकी आिाज़ में एक संकोच भी
तछपा रिता िै। िि अपनी आिाज़ को मुख्य गायक
की आिाज़ से ऊाँ ची निीं रखना चािता। यि उसकी
विफलता की निीं उसकी इंसातनयत की तनशानी
िै।मुख्य गायक के प्रतत उसकी श्रद्धा और आदर की
भािना को दशािता िै।
13
प्रस्तुत कविता में कवि ने मुख्य गायक (कलाकार) का साथ देने
िाले संगतकार की भूशमका पर प्रकाश डालते िुए बताया िै कक
समाज और इततिास में ऐसे अनेक प्रसंगों को देखा जा सकता िै
कक जिााँ मुख्य कलाकार (िादक, गायक, अशभनेता आहद) की
सफलता में इन्िोंने अपना मित्त्िपूणि योगदान हदया िै। कविता,
पाठक में यि संिेदनशीलता विकशसत करती िै कक कला के क्षेत्र में
प्रययेक व्यत्‍त का अपना-अपना मित्त्ि िै और उनका सामने न
आना उनकी कमजोरी निीं मानिीयता िै।
14
कला एिं संगीत के क्षेत्र में सिायक कलाकारों की
मित्त्िपूणि भूशमका को उभारना।
संगतकार से तायपयि ि अथि बताना।
गायक (संगतकार) के गुणों की व्याख्या करना |
संगतकार की विशेषता बताना।
संगतकार का प्रेरक रूप में उभरना।
कविता का मूल स्िर- नर िो न तनराश करो मन को
15
संगतकार- मुख्य गायक के साथ गायन करने िाला या कोई अन्य
िाद्य बजाने िाला सिायक कलाकार
 तान- संगीत में स्िर का विस्तार
नौशसखखया- त्जसने अभी सीखना प्रारंभ ककया िो
अंतरा- स्थायी या िेक को छोडकर गीत का चरण
गरज - ऊाँ ची गत्भभर आिज़
जहिल – कहठन
राख जैसा कु छ र्गरता िुआ - बुझता िुआ स्िर
ढााँढ़स बाँधाना - तसल्ली देना ,सााँयिना देना
16
Understood ….?
या
समझे….?
17
1 de 17

Recomendados

Surdas ke pad by sazad por
Surdas ke pad  by sazadSurdas ke pad  by sazad
Surdas ke pad by sazadSazad Alam Shah
13K vistas36 diapositivas
Hindi :Premchand por
Hindi :PremchandHindi :Premchand
Hindi :PremchandSt Mary's College,Thrissur,Kerala
1.1K vistas12 diapositivas
समृति class 9 sanchayan with images and writer details por
समृति class 9 sanchayan with images and writer detailsसमृति class 9 sanchayan with images and writer details
समृति class 9 sanchayan with images and writer detailsAyush kumar
10.1K vistas12 diapositivas
मुंशी प्रेमचंद por
मुंशी प्रेमचंदमुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंदMalhar Jadav
9.6K vistas12 diapositivas
Alankar (hindi) por
Alankar (hindi)Alankar (hindi)
Alankar (hindi)Mahesh Batra
53.5K vistas9 diapositivas
Gillu por
GilluGillu
Gillunibhaverma
1.4K vistas24 diapositivas

Más contenido relacionado

La actualidad más candente

यह दंतुरित मुसकान.pptx por
यह दंतुरित मुसकान.pptxयह दंतुरित मुसकान.pptx
यह दंतुरित मुसकान.pptxJasjitKaurXKfuNFBZAE
1.1K vistas22 diapositivas
Kriya por
KriyaKriya
KriyaNishant Rohatgi
13.5K vistas12 diapositivas
Geet ageet- Hindi -Class -IX-(poem) por
Geet ageet- Hindi -Class -IX-(poem)Geet ageet- Hindi -Class -IX-(poem)
Geet ageet- Hindi -Class -IX-(poem)DillipKumarBadatya
1.3K vistas17 diapositivas
Alankar por
AlankarAlankar
AlankarSanyam Gandotra
8.7K vistas14 diapositivas
Gram shree by sumitranandan pant por
Gram shree by sumitranandan pantGram shree by sumitranandan pant
Gram shree by sumitranandan pantRoyB
16.3K vistas24 diapositivas
नौबतखाने में इबादत por
नौबतखाने में इबादतनौबतखाने में इबादत
नौबतखाने में इबादतpriya dharshini
1.5K vistas20 diapositivas

La actualidad más candente(20)

यह दंतुरित मुसकान.pptx por JasjitKaurXKfuNFBZAE
यह दंतुरित मुसकान.pptxयह दंतुरित मुसकान.pptx
यह दंतुरित मुसकान.pptx
JasjitKaurXKfuNFBZAE1.1K vistas
Gram shree by sumitranandan pant por RoyB
Gram shree by sumitranandan pantGram shree by sumitranandan pant
Gram shree by sumitranandan pant
RoyB 16.3K vistas
नौबतखाने में इबादत por priya dharshini
नौबतखाने में इबादतनौबतखाने में इबादत
नौबतखाने में इबादत
priya dharshini1.5K vistas
PPt on Ras Hindi grammer por amarpraveen400
PPt on Ras Hindi grammer PPt on Ras Hindi grammer
PPt on Ras Hindi grammer
amarpraveen40066.9K vistas
उत्साह Class x por karnail singh
उत्साह Class xउत्साह Class x
उत्साह Class x
karnail singh7.2K vistas
Hindi Project - Alankar por dahiyamohit
Hindi Project - AlankarHindi Project - Alankar
Hindi Project - Alankar
dahiyamohit155.8K vistas
Alankar por kvs iffco
AlankarAlankar
Alankar
kvs iffco2.1K vistas
Class 9 Hindi - मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय por SabbirUzumaki
Class 9 Hindi - मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालयClass 9 Hindi - मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय
Class 9 Hindi - मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय
SabbirUzumaki316 vistas
प्रेमचंद por Simran Saini
प्रेमचंद प्रेमचंद
प्रेमचंद
Simran Saini15.3K vistas
hindi project for class 10 por Bhavesh Sharma
hindi project for class 10hindi project for class 10
hindi project for class 10
Bhavesh Sharma72.5K vistas
छंद एक परिचय por shyam bhatt
छंद  एक  परिचयछंद  एक  परिचय
छंद एक परिचय
shyam bhatt3.1K vistas
Ncert books class 9 hindi por Sonam Sharma
Ncert books class 9 hindiNcert books class 9 hindi
Ncert books class 9 hindi
Sonam Sharma13K vistas
महादेवि वेर्मा por aditya singh
महादेवि वेर्मा महादेवि वेर्मा
महादेवि वेर्मा
aditya singh1.2K vistas
Shabd vichar por amrit1489
Shabd vicharShabd vichar
Shabd vichar
amrit14898.1K vistas

Similar a Sangatkar ppt

संगतकार.pptx por
संगतकार.pptxसंगतकार.pptx
संगतकार.pptxhs670179
21 vistas24 diapositivas
प्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptx por
प्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptxप्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptx
प्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptxUdhavBhandare
214 vistas22 diapositivas
Suraiya Autobiography por
Suraiya AutobiographySuraiya Autobiography
Suraiya AutobiographyOm Verma
619 vistas10 diapositivas
भारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptx por
भारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptxभारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptx
भारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptxUdhavBhandare
240 vistas41 diapositivas
HINDI PROJECT.potx por
HINDI PROJECT.potxHINDI PROJECT.potx
HINDI PROJECT.potxajinkya8552
9 vistas14 diapositivas
asha bhosle por
asha bhosleasha bhosle
asha bhosleshreyans316
898 vistas15 diapositivas

Similar a Sangatkar ppt(20)

संगतकार.pptx por hs670179
संगतकार.pptxसंगतकार.pptx
संगतकार.pptx
hs67017921 vistas
प्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptx por UdhavBhandare
प्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptxप्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptx
प्रश्न 1. सूफी काव्य की विशेषताएँ को स्पस्ट् कीजिए.pptx
UdhavBhandare214 vistas
Suraiya Autobiography por Om Verma
Suraiya AutobiographySuraiya Autobiography
Suraiya Autobiography
Om Verma619 vistas
भारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptx por UdhavBhandare
भारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptxभारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptx
भारतेन्दु कालीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए.pptx
UdhavBhandare240 vistas
Mahadevi Varma in hindi por Ramki M
Mahadevi Varma in hindiMahadevi Varma in hindi
Mahadevi Varma in hindi
Ramki M3.2K vistas
जयशंकर प्रसाद por Arushi Tyagi
जयशंकर प्रसादजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद
Arushi Tyagi3.5K vistas
Rabindranath Tagore por THILLU007
Rabindranath TagoreRabindranath Tagore
Rabindranath Tagore
THILLU007759 vistas
पाठ 14 लोकगीत 1.pptx por kmangalakshmi
पाठ 14 लोकगीत 1.pptxपाठ 14 लोकगीत 1.pptx
पाठ 14 लोकगीत 1.pptx
kmangalakshmi194 vistas
रविंदर नाथ ठाकुर PPT por DSZHSGHDSYGSBH
रविंदर नाथ ठाकुर   PPTरविंदर नाथ ठाकुर   PPT
रविंदर नाथ ठाकुर PPT
DSZHSGHDSYGSBH6.4K vistas
मंगलेश डबराल por RoyB
मंगलेश डबरालमंगलेश डबराल
मंगलेश डबराल
RoyB 290 vistas
भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं.pdf por SoulvedaHindi
भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं.pdfभीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं.pdf
भीष्म साहनी की प्रमुख रचनाएं.pdf
SoulvedaHindi6 vistas
कैलाश वाजपेयी (Kalash Vajpay) por Bruce Lee
कैलाश वाजपेयी (Kalash Vajpay)कैलाश वाजपेयी (Kalash Vajpay)
कैलाश वाजपेयी (Kalash Vajpay)
Bruce Lee317 vistas
ek kutta or ek maina por Purav77
ek kutta or ek mainaek kutta or ek maina
ek kutta or ek maina
Purav775.7K vistas
Mahadevi varma in hindi report por Ramki M
Mahadevi varma in hindi reportMahadevi varma in hindi report
Mahadevi varma in hindi report
Ramki M361 vistas

Sangatkar ppt

  • 4. 4 कवि पररचय मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम िैं। इनका जन्म १६ मई १९४८ को हििरी गढ़िाल, उत्तराखण्ड के काफलपानी गााँि में िुआ था, इनकी शशक्षा दीक्षा देिरादून में िुई। हदल्ली आकर हिन्दी पैहियि,प्रततपक्ष और आसपास में काम करने के बाद िे भोपाल में मध्यप्रदेश कला पररषद्, भारत भिन से प्रकाशशत साहित्ययक त्रैमाशसक पूिािग्रि में सिायक संपादक रिे। इलािाबाद और लखनऊ से प्रकाशशत अमृत प्रभात में भी कु छ हदन नौकरी की। सन् १९८३ में जनसत्ता में साहियय संपादक का पद साँभाला। कु छ समय सिारा समय में संपादन कायि करने के बाद आजकल िे नेशनल बुक िस्ि से जुडे िैं।
  • 5. 5 मंगलेश डबराल के पााँच काव्य संग्रह प्रकाशशत हुए हैं।- पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नए युग में शत्रु। इसके अततररक्त इनके दो गद्य संग्रह लेखक की रोटी और कवव का अके लापन के साथ ही एक यात्रावृत्त एक बार आयोवा भी प्रकाशशत हो चुके हैं। ददल्ली दहन्दी अकादमी के सादहत्यकार सम्मान, कु मार ववकल स्मृतत पुरस्कार और अपनी सववश्रेष्ठ रचना हम जो देखते हैं के शलए सादहत्य अकादमी द्वारा सन् २००० में सादहत्य अकादमी पुरस्कार से सम्मातनत मंगलेश डबराल की ख्यातत अनुवादक के रूप में भी है। उनका सौंदयवबोध सूक्ष्म है और भाषा पारदशी।
  • 7. 7 इस कविता में गायक के साथ गाने या साथ देनेिाले कलाकारों के मित्त्ि को प्रकाशशत ककया गया िै। नािक, किल्म ,संगीत, नृयय में तो ऐसा िै िी, समाज और इततिास में भी ऐसे अनेक प्रसंग देख सकते िैं जिााँ नायक की सफलता के पीछे अनेक लोगों की भूशमका िोती िै। कविता िममें संिेदनशीलता विकशसत करती िै कक िर व्यत्‍त का अपना-अपना मित्त्ि िै।उनका सामने न आना उनकी कमज़ोरी निीं उनकी मानिीयता िै। संगीत की सूक्ष्म समझ और कविता की दृश्यायमकता िमें प्रययक्ष अनुभि कराती िै॥
  • 8. 8 मुख्य गायक के चट्िान जैसे भारी स्िर का साथ देती िि आिाज़ सुंदर कमजोर कााँपती िुई थी िि मुख्य गायक का छोिा भाई िै या उसका शशष्य या पैदल चलकर सीखने आने िाला दूर का कोई ररश्तेदार मुख्य गायक की गरज़ में िि अपनी गूाँज शमलाता आया िै प्राचीन काल से गायक जब अंतरे की जहिल तानों के जंगल में खो चुका िोता िै
  • 9. 9 या अपने िी सरगम को लााँघकर चला जाता िै भिकता िुआ एक अनिद में तब संगतकार िी स्थाई को साँभाले रिता िै जैसा समेिता िो मुख्य गायक का पीछे छू िा िुआ सामान जैसे उसे याद हदलाता िो उसका बचपन जब िि नौशसखखया था तारसप्तक में जब बैठने लगता िै उसका गला प्रेरणा साथ छोडती िुई उयसाि अस्त िोता िुआ आिाज़ से राख जैसा कु छ र्गरता िुआ
  • 10. 10 तभी मुख्य गायक को ढाढस बाँधाता किीं से चला आता िै संगतकार का स्िर कभी-कभी िि यों िी दे देता िै उसका साथ यि बताने के शलए कक िि अके ला निीं िै और यि कक कफर से गाया जा सकता िै गाया जा चुका राग और उसकी आिाज़ में जो एक हिचक साि सुनाई देती िै या अपने स्िर को ऊाँ चा न उठाने की जो कोशशश िै उसे विफलता निीं उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
  • 11. 11 संगतकार की भूशमका को मित्त्ि हदया िै।मुख्य गायक को श्रेष्ठता तक पिुाँचाने में उसकी भूशमका मुख्य िोती िै।यि संगतकार उसका भाई,शशष्य दूर का कोई ररश्तेदार िो सकता िै।िि मुख्य गायक की आिाज़ के साथ अपनी कााँपती ,कमज़ोर ,मधुर आिाज़ सहदयों से शमलाता आया िै। जब गायक अपने स्िर से भिक जाता िै तब संगतकार गीत के स्थायी को संभाले रखता िै।इस तरि गायक को अपनी तान में लौिने का संके त करता िै।एसा लगता िै जैसे िि गायक को उस समय की याद हदलाता िै जब िि नया-नया सीख रिा था। भाि-
  • 12. 12 जब गायक का स्िर तारसप्तक में गाते िुए बैठने लगता िै, जब उसका उयसाि कम िोने लगता िै, स्िर जब धीमा िोता िुआ लगता िै तब संगतकार िी उसकी मदद करता िै।उसे एिसास कराता िै कक िि अके ला निीं िै।उसकी आिाज़ में एक संकोच भी तछपा रिता िै। िि अपनी आिाज़ को मुख्य गायक की आिाज़ से ऊाँ ची निीं रखना चािता। यि उसकी विफलता की निीं उसकी इंसातनयत की तनशानी िै।मुख्य गायक के प्रतत उसकी श्रद्धा और आदर की भािना को दशािता िै।
  • 13. 13 प्रस्तुत कविता में कवि ने मुख्य गायक (कलाकार) का साथ देने िाले संगतकार की भूशमका पर प्रकाश डालते िुए बताया िै कक समाज और इततिास में ऐसे अनेक प्रसंगों को देखा जा सकता िै कक जिााँ मुख्य कलाकार (िादक, गायक, अशभनेता आहद) की सफलता में इन्िोंने अपना मित्त्िपूणि योगदान हदया िै। कविता, पाठक में यि संिेदनशीलता विकशसत करती िै कक कला के क्षेत्र में प्रययेक व्यत्‍त का अपना-अपना मित्त्ि िै और उनका सामने न आना उनकी कमजोरी निीं मानिीयता िै।
  • 14. 14 कला एिं संगीत के क्षेत्र में सिायक कलाकारों की मित्त्िपूणि भूशमका को उभारना। संगतकार से तायपयि ि अथि बताना। गायक (संगतकार) के गुणों की व्याख्या करना | संगतकार की विशेषता बताना। संगतकार का प्रेरक रूप में उभरना। कविता का मूल स्िर- नर िो न तनराश करो मन को
  • 15. 15 संगतकार- मुख्य गायक के साथ गायन करने िाला या कोई अन्य िाद्य बजाने िाला सिायक कलाकार  तान- संगीत में स्िर का विस्तार नौशसखखया- त्जसने अभी सीखना प्रारंभ ककया िो अंतरा- स्थायी या िेक को छोडकर गीत का चरण गरज - ऊाँ ची गत्भभर आिज़ जहिल – कहठन राख जैसा कु छ र्गरता िुआ - बुझता िुआ स्िर ढााँढ़स बाँधाना - तसल्ली देना ,सााँयिना देना
  • 17. 17