8. नीमनीम
वैज्ञाननक नाम: Azadirachta indica
नीम भारतीय मूि का एक सदाबहार
वृक्ष है। यह सददयों से समीपवती देशों-
पाककस्तान, बांग्िादेश, नेपाि,
म्यानमार, थाईिैंड, इंडोनेलशया, श्रीिंका
आदद देशों में पाया जाता रहा है
नीम हमारे शरीर के लिए बहुत ही
फायदेमंद है। यह रोगों के ननदान में तो
प्रयोग होता ही है, नीम की पर्त्तयों को
पानी में उबाि उस पानी से नहाने से
चमि र्वकार दूर होते हैं और ये खासतौर
से चेचक के उपचार में सहायक हैनीम
के तेि की ५-१० बूंदों को सोते समय
दूध में डािकर पीने से ज़्यादा पसीना
आने और जिन होने सम्बन्धी र्वकारों
में बहुत फायदा होता है। ...
9. चंदन
भारतीय चंदन (Santalum album)
का संसार में सवोच्च स्थान है।
इसका आर्थिक महत्व भी है। यह
पेड़ मुख्यत: कनािटक के जंगिों में
लमिता है तथा भारत के अन्य भागों
में भी कहीं-कहीं पाया जाता है
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10. र्गिोय
गिलोय
वैज्ञाननक नाम: Tinospora
cordifolia
र्गिोय की एक बहुवर्षिय िता होती है।
इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं।
आयुवेद में इसको कई नामों से जाना
जाता है यथा अमृता, गुडुची, नछन्नरुहा,
चक्ांगी, आदद। 'बहुवषाियु तथा अमृत के
समान गुणकारी होने से इसका नाम
अमृता है।‘
मोटापा चबीद्ध लमटता
है।पीलिया, पेट के रोग जैसी कई
परेशाननयां सामने आती हैं । कफ का
संतुिन बबगडे तो सीने में जकड़न,
बुखार आदद ददक्कते पेश आती हैं ।
वात [वायु] अगर असंतुलित हो गई तो
गैस ,जोडों में ददि ,शरीर का टूटना
,असमय बुढापा जैसी चीजें झेिनी
11. एिोवेरा
एिोवेरा एक औषधीय पौधा है. इसे ग्वारपाठा,
घीकवार और धृतकु मारी के नाम से भी जाना
जाता हैनजिे-खांसी में एिोवेरा का रस दवा
का काम करता हैएिोवेरा से मुहांसे, रूखी
त्वचा, झुररियां, चेहरे के दाग धब्बों और आखों
के कािे घेरों को दूर ककया जा सकता है.
* एिोवेरा गंजेपन को भी दूर करने की
ताकत रखता है.
12. तुिसी
तुिसी
वैज्ञाननक नाम: Ocimum
sanctum
एक द्र्वबीजपत्री तथा शाकीय,
औषधीय पौधा है। यह झाड़ी के रूप में
उगता है और १ से ३ फु ट ऊँ चा होता है।
इसकी पर्त्तयाँ बैंगनी आभा वािी हल्के
रोएँ से ढकी होती हैं। पर्त्तयाँ १ से २ इंच
िम्बी सुगंर्धत और अंडाकार या
आयताकार होती हैं।
इसका उपयोग सदी-जुकाम,
खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग
के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता
है।
14. हल्दी
हल्दी
वैज्ञाननक नाम: Curcuma longa
हल्दी भारतीय वनस्पनत है। यह
अदरक की प्रजानत का ५-६ फु ट तक
बढ़ने वािा पौधा है जजसमें जड़ की
गाठों में हल्दी लमिती है। हल्दी को
आयुवेद में प्राचीन काि से ही एक
चमत्काररक द्रव्य के रूप में मान्यता
प्राप्त है।
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15. िहसुन
िहसुन
वैज्ञाननक नाम: Allium sativum
िहसुन प्याज कु ि की एक प्रजानत
है। इसका वैज्ञाननक नाम एलियम सैदटवुम
एि है। इसके करीबी ररश्तेदारो में प्याज, इस
शिोट और हरा प्याज़ शालमि हैं। िहसुन
पुरातन काि से दोनों, पाक और औषधीय
प्रयोजनों के लिए प्रयोग ककया जा रहा है
16. सरसों
सरसो
वैज्ञाननक नाम ब्रेलसका कम्प्रेसदटस
सरसों क्ू सीफे री कु ि का द्र्वबीजपत्री,
एकवषीय शाक जातीय पौधा है। पौधे की
ऊँ चाई १ से ३ फु ट होती है। इसके तने में
शाखा-प्रशाखा होते हैं। प्रत्येक पवि सजन्धयों
पर एक सामान्य पत्ती िगी रहती है
इसका उपयोग सदी ]dkuds nnZ dhVk.kquk’kd
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17. मेथीमेथी
वैज्ञाननक नाम: Trigonella
foenum-graecum
मेथी एक वनस्पनत है जजसका पौधा
१ फु ट से छोटा होता है। इसकी
पर्त्तयाँ साग बनाने के काम आतीं हैं
तथा इसके दाने मसािे के रूप में
प्रयुक्त होते हैं। स्वास््य की दृजटट
से यह बहुत गुणकारी है।
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18. आँवला
आँविा
वैज्ञाननक नाम: Phyllanthus emblica
आँविा एक फि देने वािा वृक्ष है।
आंविा र्वटालमन 'सी' का सवोत्तम और
प्राकृ नतक स्रोत है।
इसमें र्वद्यमान र्वटालमन 'सी' नटट नहीं
होता। , चबी घटाकर मोटापा दूर करता
है। लसर के के शों को कािे, िम्बे व घने
रखता है। शरीर की गमी को कम करता
है
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