4. वप्रम आत्त्भम,
फॊधु/ फहशन
जम गुरुदेल
वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथावाधधके ।
ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामणण नभोऽस्तुते॥
वृत्टटत्स्थतत वलनाळानाॊ ळत्क्तबूते वनाततन।
गुणाश्रमे गुणभमे नायामणण नभोऽस्तुते॥
अथाात: शे देली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दातमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथों
को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिों लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शैं। आऩ वृत्टट का ऩारन औय वॊशाय कयने
लारी ळत्क्तबूता वनातनी देली, आऩ गुणों का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी देली तुम्शें नभस्काय शै।
इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राप्त शोती शैं। त्जस्वे भनुटम के जन्भ-जन्भ के ऩाऩों का नाळ शोता शै। भाॊ
जननी वृत्टट फक आहद, अॊत औय भध्म शैं।
देली प्रऩन्नातताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsणखरस्म।
ऩवीद वलश्लेतरय ऩाहश वलश्लॊ त्लभीश् यी देली या यस्म।
अथाात: ळयणागत फक ऩीडा दूय कयने लारी देली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शों। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शों। वलश्लेश्लयी देली वलश्ल
फक यषा कयो। देली आऩ हश एक भाि या य जगत फक अधधश्लयी शो।
नलयाि के नौ हदनों भें तीन देवलमों क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩों का कभळ्
ळैरऩुिी, ब्रह्भा ारयणी, ॊद्रघण्टा, कू टभाण्डा, स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सववद्धदािी का ऩूजन
फकमा जाता शैं। नलयािे के प्रथभ तीन हदन ऩालाती के तीन स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता शैं, अगरे तीन हदन भाॉ
रक्ष्भी के स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता शैं औय आणखयी के तीन हदन वयस्लती भाता के स्लरुऩों की ऩूजा की
जाती शैं। उवी प्रकाय नौ देलीमों को क्रभळ् प्रथभ हदन ळैरऩुिी, द्वद्वतीम हदन ब्रह्भा ारयणी, तृतीम हदन न्द्रघण्टा,
तुथा हदन कु टभाण्डा, ऩॊ भ् हदन स्कन्द भाता, ऴटठभ् हदन कात्मातमनी, वाप्तभ् हदन कारयात्रि, अटटभ् हदन
भशागौयी औय नौलें हदन सववद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शैं।
नलयाि अथाात भाॉ दुगाा की उऩावना भें वभवऩात नौ यात। दुगाा का अथा हैं, दुगातत नासळनी शैं, जगत ्की
उत्ऩत्त्त, ऩारन एलॊ वॊ ारन तीनों व्मलस्थाएॊ त्जव ळत्क्त के आधीन वम्ऩाहदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ
आहदळत्क्त बगलती शैं। भाॉ दुगाा के रुऩ अनॊत शैं, रेफकन देली को प्रधान नौ रूऩों भें नलदुगाा के नाभ वे जाना
जाता शैं। आहद ळत्क्त भाॉ दुगाा वभग्र रोक भें अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै, भाॉ दुगाा अऩने बक्तों भें वद्द
गुणों का वलकाव कयके उनभें अऩनी ळत्क्त का वॊ ाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्राणणमों का वॊ ारन कयती शै।
आज बौततकता भें यत भनुटम को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन की ळाॊतत नशीॊ
सभरती। ऐवे भें शय तयश वे तनयाळ औय शाया ुका भनुटम महद भाॊ दुगाा की ळयण रेता शै जो तनत्श् त शी भाॉ दुगाा
उवकी दुगातत का तनलायण कयती शी शै।
क्मोफक, भाॉ आद्यळत्क्त की कृ ऩा वे भनुटम भें आत्भफर, द्दढ़ वलश्लाव, दमा, प्रेभ, बत्क्त जैवे वद्गुणों का
वलकाव शोता शैं। जीलन के इन्शीॊ भूल्मों को वभझ कय भनुटम जीलन भें वच् ा वुख-ळाॊतत, लैबल, धन वॊऩदा को
5. प्राप्त कयता शै। अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे तनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै। इवसरए भनुटम को अवॊबल
को बी वॊबल कय हदखाने की ळत्क्त देली कृ ऩा वे शी प्राप्त शोती शैं।
भाॊ दुगाा का ऩूजन हशन्दू वॊस्कृ ती भें वलााधधक रोकवप्रम शैं मशीॊ कायण शैं की वैकडों लऴो वे देली दुगाा का
ऩूजन छोटे-फडे वबी प्रादेसळक षेिों भें वलााधधक प्र सरत यशा शैं। देली दुगाा को आद्य ळत्क्त बगलती का वाषात
स्लरुऩ भाना जाता शैं। देली दुगाा की भहशभा अऩयॊऩाय शैं, जो अऩने बक्तों के दु्खों का नाळ कयने लारी, दुटटों वे
यषा कयने लारी एलॊ अऩने बक्तों के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली शैं।
नलयाि के दौयान दव भशावलद्या का ऩूजन बी वलळेऴ भशत्लऩूणा भाना गमा शैं क्मोकी इन को देली दुगाा के
शी दव रूऩ भाने जाते शैं। दवों भशावलद्या भें शय भशावलद्या अऩनी अद्वद्वतीम ळत्क्त वे भनुटम के वभस्त वॊकटों को
दूय कयने लारी शैं। इन दव भशावलद्याओॊ के भशत्ल को वलसबन्न धभाळास्िों भें अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना
गमा शैं।
नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊतत के उऩामो को कय के भनुटम वबी अळुब ग्रश जतनत फाधाऔ को वयरता वे
दूय कय वकता शैं। नलयाि का वभम ग्रशों को ळाॊत कयने शेतु वलोत्तभ वभम भाना जाता शैं। क्मोफक नलयािी के
दौयान प्रकृ तत भें शोने लारे ऩरयलतान एलॊ वाभात्जक ऩरयलेळ के कायण भनुटम की आध्मात्त्भक ळत्क्त एलॊ उवकी
वॊमभ ळत्क्त का अत्माधधक उच् स्तय की शोती शैं। महश कायण शैं की इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा,
उऩावना, वाधना आहद अत्माधधक राबप्रद भानी गई शैं। महद भनुटम फकवी ग्रशों वे ऩीडडत शो, तो लश इन नौ
हदनों भें देली दुगाा के ऩूजन के वाथ भें महद ग्रश ळाॊतत के उऩामो को कयके ळीघ्र राब प्राप्त कय वकते शैं, नलयाि
ग्रश ळाॊतत के सरए बी उत्तभ वभम शोता शै।
वलद्वानों का कथन शैं की देली दुगाा शी वबी प्रकाय के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शैं। धभा ळास्िों भें
वभस्त भॊि, मॊि औय तॊि का उद्गभ देली आद्यळत्क्त बगलती वे भाना गमा शैं। महद जन्भ कुॊ डरी (जातक/ जन्भ
ऩिी) भें कोई ग्रश कभजोय शै मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को देख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा
शो तो जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत कयना आलश्मक शोता शैं त्जस्वे ग्रश अऩना प्रततकू र प्रबाल के स्थान ऩय
अनुकू र प्रबाल प्रदान कयें।फकवी बी ग्रश के प्रबाल को अनुकू र फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शैं, नलयाि के दौयान
ग्रश ळाॊतत के उऩामो द्वाया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ अतत वयरता वे कभ फकमा जा वकता शैं।
इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊधधत जानकायीमों के वलऴम भें वाधक एलॊ वलद्वान ऩाठको वे अनुयोध शैं, महद
दळाामे गए भॊि, श्रोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामों मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण
ऩढ़ने, वॊऩादन भें, डडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, वप्रॊहटॊग भें, प्रकाळन भें कोई िुहट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा
फकवी मोग्म ज्मोततऴी, गुरु मा वलद्वान वे वराश वलभळा कय रे । क्मोफक वलद्वान ज्मोततऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के
तनजी अनुबल वलसबन्न भॊि, श्रोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालों का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सववद्ध
शेतु फक जाने लारी लारी ऩूजन वलधध एलॊ उवके प्रबालों भें सबन्नता वॊबल शैं।
आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ बगलती की कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय
फनी यशे। भाॊ बगलती वे मशी प्राथना शैं… ध ॊतन जोळी
6. 6 2019
***** भासवक ई-ऩत्रिका वे वॊफॊधधत वू ना *****
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख गुरुत्ल कामाारम के अधधकायों के वाथ शी आयक्षषत शैं।
ई-ऩत्रिका भें लणणात रेखों को नात्स्तक/अवलश्लावु व्मत्क्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख आध्मात्भ वे वॊफॊधधत शोने के कायण बायततम धभा ळास्िों वे प्रेरयत
शोकय प्रस्तुत फकमा गमा शैं।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊधधत फकवी बी वलऴमो फक वत्मता अथला प्राभाणणकता ऩय फकवी
बी प्रकाय की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत जानकायीकी प्राभाणणकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की
नशीॊ शैं औय ना शीॊ प्राभाणणकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी के फाये भें जानकायी देने शेतु कामाारम
मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शैं।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊधधत रेखो भें ऩाठक का अऩना वलश्लाव शोना आलश्मक शैं। फकवी
बी व्मत्क्त वलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन वलऴमो भें वलश्लाव कयने ना कयने का अॊततभ तनणाम
स्लमॊ का शोगा।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊधधत फकवी बी प्रकाय की आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय हदए गमे शैं। शभ
फकवी बी व्मत्क्त वलळेऴ द्वाया प्रमोग फकमे जाने लारे धासभाक, एलॊ भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा
उऩामोकी त्जन्भेदायी नहशॊ रेते शैं। मश त्जन्भेदायी भॊि- मॊि मा अन्म उऩामोको कयने लारे व्मत्क्त
फक स्लमॊ फक शोगी।
क्मोफक इन वलऴमो भें नैततक भानदॊडों, वाभात्जक, कानूनी तनमभों के णखराप कोई व्मत्क्त महद
नीजी स्लाथा ऩूतता शेतु प्रमोग कताा शैं अथला प्रमोग के कयने भे िुहट शोने ऩय प्रततकू र ऩरयणाभ
वॊबल शैं।
ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊधधत जानकायी को भाननने वे प्राप्त शोने लारे राब, राब की
शानी मा शानी की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं।
शभाये द्वाया प्रकासळत फकमे गमे वबी रेख, जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ
ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कल , भॊि-मॊि मा उऩामो
द्वाया तनत्श् त वपरता प्राप्त शुई शैं।
ई-ऩत्रिका भें गुरुत्ल कामाारम द्वाया प्रकासळत वबी उत्ऩादों को के लर ऩाठको की जानकायी शेतु हदमा
गमा शैं, कामाारम फकवी बी ऩाठक को इन उत्ऩादों का क्रम कयने शेतु फकवी बी प्रकाय वे फाध्म
नशीॊ कयता शैं। ऩाठक इन उत्ऩादों को कशीॊ वे बी क्रम कयने शेतु ऩूणात् स्लतॊि शैं।
अधधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं।
(वबी वललादो के सरमे के लर बुलनेश्लय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
7. 7 2019
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नभो देव्मै भशादेव्मै सळलामै वततॊ नभ:।
नभ: प्रकृ त्मै बद्रामै तनमता: प्रणता: स्भताभ्॥
अथाात: देली को नभस्काय शैं, भशादेली को नभस्काय शैं।
भशादेली सळला को वलादा नभस्काय शैं। प्रकृ तत एलॊ बद्रा को
भेया प्रणाभ शैं। शभ रोग तनमभऩूलाक देली जगदम्फा को
नभस्काय कयते शैं।
उऩयोक्त भॊि वे देली दुगाा का स्भयण कय प्राथाना कयने भाि
वे देली प्रवन्न शोकय अऩने बक्तों की इच्छा ऩूणा कयती शैं।
वभस्त देल गण त्जनकी स्तुतत प्राथना कयते शैं। भाॉ दुगाा
अऩने बक्तो की यषा कय उन ऩय कृ ऩा द्रटटी लऴााती शैं औय
उवको उन्नती के सळखय ऩय जाने का भागा प्रवस्त कयती
शैं। इव सरमे ईश्लय भें श्रद्धा वलश्लाय यखने लारे वबी
भनुटम को देली की ळयण भें जाकय देली वे तनभार रृदम वे
प्राथाना कयनी ाहशमे।
देली प्रऩन्नातताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsणखरस्म।
ऩवीद वलश्लेतरय ऩाहश वलश्लॊ त्लभीश् यी देली या यस्म।
अथाात: ळयणागत फक ऩीडा दूय कयने लारी देली आऩ शभ ऩय
प्रवन्न शों। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शों। वलश्लेश्लयी देली
वलश्ल फक यषा कयो। देली आऩ हश एक भाि या य जगत
फक अधधश्लयी शो।
वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथावाधधके ।
ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामणण नभोऽस्तुते॥
वृत्टटत्स्थतत वलनाळानाॊ ळत्क्तबूते वनाततन।
गुणाश्रमे गुणभमे नायामणण नभोऽस्तुते॥
अथाात: शे देली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान
कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दातमनी सळला शो। वफ
ऩुरूऴाथों को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिों
लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शैं। आऩ वृत्टट का ऩारन
औय वॊशाय कयने लारी ळत्क्तबूता वनातनी देली, आऩ गुणों
का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी देली तुम्शें
नभस्काय शै।
इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राप्त शोती शैं।
त्जस्वे भनुटम के जन्भ-जन्भ के ऩाऩों का नाळ शोता शै।
भाॊ जननी वृत्टट फक आहद, अॊत औय भध्म शैं।
देवी से प्राथाना कयें –
ळयणागत-दीनाता-ऩरयिाण-ऩयामणे
वलास्माततिंशये देवल नायामणण नभोऽस्तुते॥
अथाात: ळयण भें आए शुए दीनों एलॊ ऩीडडतों की यषा भें
वॊरग्न यशने लारी तथा वफ फक ऩीडा दूय कयने लारी
नायामणी देली आऩको नभस्काय शै।
योगानळेऴानऩशॊसव तुटटा रूटटा तु काभान वकरानबीटटान्।
त्लाभाधश्रतानाॊ न वलऩन्नयाणाॊ त्लाभाधश्रता शाश्रमताॊ प्रमात्न्त।
अथाात् देली आऩ प्रवन्न शोने ऩय वफ योगों को नटट कय
देती शो औय कु वऩत शोने ऩय भनोलाॊतछत वबी काभनाओॊ का
नाळ कय देती शो। जो रोग तुम्शायी ळयण भें जा ुके शै।
उनको वलऩत्त्त आती शी नशीॊ। तुम्शायी ळयण भें गए शुए
भनुटम दूवयों को ळयण देने लारे शो जाते शैं।
वलाफाधाप्रळभनॊ िेरोक्मस्माणखरेश्लयी।
एलभेल त्लमा कामाभस्मध्दैरयवलनाळनभ्।
अथाात् शे वलेश्लयी आऩ तीनों रोकों फक वभस्त फाधाओॊ को
ळाॊत कयो औय शभाये वबी ळिुओॊ का नाळ कयती यशो।
ळाॊततकभाणण वलाि तथा दु:स्लप्रदळाने।
ग्रशऩीडावु ोग्रावु भशात्भमॊ ळणुमात्भभ।
अथाात् वलाि ळाॊतत कभा भें, फुये स्लप्न हदखाई देने ऩय तथा
ग्रश जतनत ऩीडा उऩत्स्थत शोने ऩय भाशात्म्म श्रलण कयना
ाहशए। इववे वफ ऩीडाएॉ ळाॊत औय दूय शो जाती शैं।
महह कायण हैं सहस्रमुगों से भाॊ बगवती जगतजननी
दुगाा की उऩासना प्रतत वषा वसॊत, आश्ववन एवॊ गुप्त
नवयारी भें ववशेष रुऩ से कयने का ववधान हहन्दु धभा
ग्रॊथो भें हैं।
***
8. 8 2019
ैि नलयाि व्रत वलळेऴ राबदामी शोता शैं।
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
हहन्दु सॊसकृ तत के अनुशाय नललऴा का ळुबायॊब
ैि भाव के ळुक्र ऩष की प्रथभ ततधथ वे शोता शै। इव
हदन वे लवॊतकारीन नलयाि की ळुरुआत शोती शैं।
वलद्वानो के भतानुळाय ैि भाव के कृ टण ऩष की
वभात्प्त के वाथ बूरोक के ऩरयलेळ भें एक वलळेऴ
ऩरयलतान दृत्टटगो य शोने रगता शैं त्जवके अनेक स्तय
औय स्लरूऩ शोते शैं।
इव दौयान ऋतुओॊ के
ऩरयलतान के वाथ नलयािों का
तौशाय भनुटम के जीलन भें
फाह्म औय आॊतरयक ऩरयलतान भें
एक वलळेऴ वॊतुरन स्थावऩत
कयने भें वशामक शोता शैं। त्जव
तयश फाह्म जगत भें ऩरयलतान
शोता शै उवी प्रकाय भनुटम के
ळयीय भें बी ऩरयलतान शोता शै।
इव सरमे नलयाि उत्वल को
आमोत्जत कयने का उद्देश्म शोता
शैं की भनुटम के बीतय भें
उऩमुक्त ऩरयलतान कय उवे फाह्म
ऩरयलतान के अनुकू र फनाकय उवे
स्लमॊ के औय प्रकृ तत के फी भें वॊतुरन फनामे यखना
शैं।
नलयािों के दौयान फकए जाने लारी ऩूजा-अ ाना,
व्रत इत्माहद वे ऩमाालयण की ळुवद्ध शोती शैं। उवीके
वाथ-वाथ भनुटम के ळयीय औय बालना की बी ळुवद्ध शो
जाती शैं। क्मोफक व्रत-उऩलाव ळयीय को ळुद्ध कयने का
ऩायॊऩरयक तयीका शैं जो प्राकृ ततक-ध फकत्वा का बी एक
भशत्लऩूणा तत्ल शै। मशी कायण शैं की वलश्ल के प्राम्
वबी प्रभुख धभों भें व्रत का भशत्ल शैं। इवी सरए हशन्दू
वॊस्कृ तत भें मुगो-मुगो वे नलयािों के दौयान व्रत कयने
का वलधान शैं। क्मोकी व्रत के भाध्मभ वे प्रथभ भनुटम
का ळयीय ळुद्ध शोता शैं, ळयीय ळुद्ध शोतो भन एलॊ
बालनाएॊ ळुद्ध शोती शैं। ळयीय की ळुवद्ध के त्रफना भन ल
बाल की ळुवद्ध वॊबल नशीॊ शैं। ैि नलयािों के दौयान
वबी प्रकाय के व्रत-उऩलाव ळयीय औय भन की ळुवद्ध भें
वशामक शोते शैं।
नलयािों भें फकमे गमे व्रत-उऩलाव का वीधा
अवय शभाये अच्छे स्लास््म औय योगभुत्क्त के सरमे बी
वशामक शोता शैं। फडी धूभ-धाभ वे
फकमा गमा नलयािों का आमोजन
शभें वुखानुबूतत एलॊ आनॊदानुबूतत
प्रदान कयता शैं।
भनुटम के सरए आनॊद
की अलस्था वफवे अच्छी
अलस्था शैं। जफ व्मत्क्त आनॊद
की अलस्था भें शोता शैं तो उवके
ळयीय भें तनाल उत्ऩन्न कयने
लारे वूक्ष्भ कोऴ वभाप्त शो जाते
शैं औय जो वूक्ष्भ कोऴ उत्वत्जता
शोते शैं ले शभाये ळयीय के सरए
अत्मॊत राबदामक शोते शैं। जो
शभें नई व्माधधमों वे फ ाने के वाथ
शी योग शोने की दळा भें ळीघ्र योगभुत्क्त प्रदान कयने भें
बी वशामक शोते शैं।
नलयाि भें दुगाावप्तळती को ऩढने मा वुनने वे देली
अत्मन्त प्रवन्न शोती शैं एवा ळास्िोक्त ल न शैं।
वप्तळती का ऩाठ उवकी भूर बाऴा वॊस्कृ त भें कयने ऩय शी
ऩूणा प्रबाली शोता शैं।
व्मत्क्त को श्रीदुगाावप्तळती को बगलती दुगाा का
शी स्लरूऩ वभझना ाहशए। ऩाठ कयने वे ऩूला
श्रीदुगाावप्तळती फक ऩुस्तक का इव भॊि वे ऩॊ ोऩ ायऩूजन
कयें-
9. 9 2019
नभोदेव्मैभशादेव्मैसळलामैवततॊनभ:। नभ:
प्रकृ त्मैबद्रामैतनमता:प्रणता:स्भताभ्॥
जो व्मत्क्त दुगाावप्तळतीके भूर वॊस्कृ त भें ऩाठ कयने भें
अवभथा शों तो उव व्मत्क्त को वप्तश्रोकी दुगाा को ऩढने
वे राब प्राप्त शोता शैं। क्मोफक वात श्रोकों लारे इव
स्तोि भें श्रीदुगाावप्तळती का वाय वभामा शुला शैं।
जो व्मश्तत सप्तवरोकी दुगाा का बी न कय सके वह के वर
नवााण भॊर का अधधकाधधक जऩ कयें।
देवी के ऩूजन के सभम इस भॊर का जऩ कये।
जमन्ती भङ्गराकारी बद्रकारी कऩासरनी। दुगाा षभा सळला
धािी स्लाशा स्लधानभोऽस्तुते॥
देवी से प्राथाना कयें-
वलधेहशदेवलकल्माणॊवलधेहशऩयभाॊधश्रमभ्।
रूऩॊदेहशजमॊदेहशमळोदेहशद्वद्वऴोजहश॥
अथाात् शे देवल! आऩ भेया कल्माण कयो। भुझे श्रेटठ
वम्ऩत्त्त प्रदान कयो। भुझे रूऩ दो, जम दो, मळ दो औय भेये
काभ-क्रोध इत्माहद ळिुओॊ का नाळ कयो।
ववद्वानो के अनुशाय सम्ऩूणा नवयारव्रत के ऩारन भें जो
रोगों असभथा हो वह नवयार के सात यारी,ऩाॊच यारी, दों
यारी औय एक यारी का व्रत बी कयके राब प्राप्त कय
सकते हैं। नवयार भें नवदुगाा की उऩासना कयने से नवग्रहों
का प्रकोऩ शाॊत होता हैं।
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GURUTVA KARYALAY
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10. 10 2019
वला कामा सववद्ध कल
त्जव व्मत्क्त को राख प्रमत्न औय ऩरयश्रभ कयने के
फादबी उवे भनोलाॊतछत वपरतामे एलॊ फकमे गमे कामा भें
सववद्ध (राब) प्राप्त नशीॊ शोती, उव व्मत्क्त को वला कामा
सववद्ध कल अलश्म धायण कयना ाहशमे।
कवच के प्रभुख राब: वला कामा सववद्ध कल के द्वारा
वुख वभृवद्ध औय नव ग्रहों के नकायात्भक प्रबाल को ळाॊत कय
धायण कयता व्मत्क्त के जीलन वे वला प्रकाय के दु:ख-दारयद्र
का नाळ शो कय वुख-वौबाग्म एलॊ उन्नतत प्रात्प्त शोकय
जीलन भे वसब प्रकाय के ळुब कामा सवद्ध शोते शैं। त्जवे धायण
कयने वे व्मत्क्त महद व्मलवाम कयता शोतो कायोफाय भे लृवद्ध
शोतत शैं औय महद नौकयी कयता शोतो उवभे उन्नतत शोती शैं।
वला कामा सववद्ध कल के वाथ भें सवाजन वशीकयण कल
के सभरे शोने की लजश वे धायण कताा की फात का दूवये
व्मत्क्तओ ऩय प्रबाल फना यशता शैं।
वला कामा सववद्ध कल के वाथ भें अष्ट रक्ष्भी कल के
सभरे शोने की लजश वे व्मत्क्त ऩय वदा भाॊ भशा रक्ष्भी
की कृ ऩा एलॊ आळीलााद फना यशता शैं। त्जस्वे भाॊ रक्ष्भी
के अटट रुऩ (१)-आहद रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)- धैमा रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)-
वलजम रक्ष्भी, (७)-वलद्या रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का अळीलााद प्राप्त शोता शैं।
वला कामा सववद्ध कल के वाथ भें तॊर यऺा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दूय शोती शैं,
वाथ शी नकायात्भक ळत्क्तमो का कोइ कु प्रबाल धायण कताा व्मत्क्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल
वे इऴाा-द्वेऴ यखने लारे व्मत्क्तओ द्वारा शोने लारे दुटट प्रबालो वे यषा शोती शैं।
वला कामा सववद्ध कल के वाथ भें शरु ववजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊधधत वभस्त
ऩयेळातनओ वे स्लत् शी छु टकाया सभर जाता शैं। कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्क्त का ाशकय
कु छ नशी त्रफगाड वकते।
अन्म कल के फाये भे अधधक जानकायी के सरमे कामाारम भें वॊऩका कये:
फकवी व्मत्क्त वलळेऴ को वला कामा सववद्ध कल देने नशी देना का अॊततभ तनणाम शभाये ऩाव वुयक्षषत शैं।
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GURUTVA KARYALAY
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11. 11 2019
क्मा फकवी के ळयीय भें देली-देलता आ वकते शैं ?
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
क्मा इव आधुतनक मुग भें फकवी भानल ळयीय
भें देली-देलता आ वकते शैं?
क्मा देली-देलता के भानल ळयीय भें प्रलेळ वे
स्िी-ऩुरुऴ का अॊगायों ऩय रना, उऩरते दूध मा तेर भें
शाथ डारना, अऩने ळायीय भें कीर मा नुकीरी ीजे
फ़वाना, इत्माहद अनेको उदाशयण शभें आए हदन देखने
को सभर जाते शैं।
क्मा देली-देलता भानल ळयीय भें
प्रलेळ कय अजीफ तयीके वे व्मलशाय
कयते शैं।
इव वॊवाय भें एवे रोग
शैं जो भानते शै मा त्जनका दाला
शैं फक फकवी व्मत्क्त वलळेऴ के
ळयीय भें फकवी एक तनत्श् त
वभम, लाय, ततधथ अथला व्मत्क्त के
फुराने ऩय उवके ळयीय भें देली-देलता
प्रलेळ कयेते शैं, औय रोगों के दु्ख,
ददा, फीभायी इत्मादी को दूय कयते
शैं। त्जवभे कु छ का भानना शैं देली-
देलता ऩीडडत व्मत्क्त के भन के वलारों
मा अथला उनकी वभस्माओॊ को जान रेते
शैं औय उनके द्वाया उवके वलार ऩुछने वे
ऩशरे शैं देली-देलता उवके प्रश्नों का शर फता
देते शै ?
कु छ जानकायों का मश भानना शैं फक जो रोग
अऩने ळयीय भें देली-देलता आने का दाला कयते शैं, औय
जफ उनके ळयीय भें देली-देलता का प्रलेळ शोता शैं मा
ळयीय भें शोते शैं तफ लश रोग स्लमॊ देली-देलता की
आयाधना कयते शैं औय लशाॊ ऩय उऩत्स्थत बक्त गणों
को देली-देलता के रुऩभें आळीलााद बी प्रदान कयते शैं।
महद उवके ळयीय भें स्लमॊ देली-देलता का प्रलेळ शोता शैं
तो लश देली-देलता अऩने ध ि मा भूतता मा स्लमॊ की
आयाधना मा उऩावना क्मों कयते शैं ?
क्मा मश वॊबफ शैं कोई देले-देलता स्लमॊ की
आयाधना मा उऩावना कयते शो?
शभाये देळ भें कु छ एवी
जगशें शैं जशा रोगों का भानना शैं
की फकवी तनत्श् त वभम, हदन,
ततधथ को फकवी वलळेऴ एक देली-
देलता प्रलेळ फकवी ळयीय भें अथला
एक वे अधधक देली-देलता का एक
वाथ भें एकाधधक ळयीय भें प्रलेळ
शोता शैं?
कु छ का कशना शैं की जफ
एकाधधक ळयीय भें देली-देलता का प्रलेळ
शोता शैं तो लश वफ देली-देलता सभरकय
नृत्म कयने रगते शै?, खेरने रगते
शैं?, अॊगायों ऩय नॊगे ऩैय रने रगते
शै?, अजीफ तयीके की शयकते कयने रगते
शैं? क्मा मश वॊबल शैं?
कु छ जानकाय वलद्वानों एलॊ ळोध
कताा की भाने तो मश वॊबल नशीॊ शैं,
जो रोग मश दाला कयते शैं की उनके ळयीय भें देली-
देलता का प्रलेळ शोता शैं उन रोगों का उद्देळ के लर
अन्म रोगों को अऩनी औय आकवऴात कयना मा ऩैवे
तनकारना अथला अऩना उल्रू वीधा कयना शी शोता शैं।
अधधकतय वलद्वान वाधकों के भतानुळाय देली-
देलता महद फकवी भनुटम के वभष बी शो तो के लर
12. 12 2019
भनुटम को अनुबूतत शोती शैं। जैवे उव ळत्क्त की
उऩत्स्थती वे लातालयण भें आकत्स्भक ऩरयलतान शोना,
उनके उऩत्स्थत शोने वे फकवी हदव्म तेज अथला ळत्क्त
ऩूॊज, लातालयण भें वुगॊध का पै रना इत्माहद का आबाव
शोता शैं एलॊ देली-देलता फकवी भनुटम देश भें प्रलेळ नशीॊ
कयते मा लश फकवी बी तयश के बौततक ध ह्न नशीॊ
छोडते!
कु छ वलद्वानों का कथ शैं की देली-देलता के दळान
वाधक को तफ शोता शै, जफ उवके अॊतय भन के बाल
गशन शोते शैं, तफ वाधना के दौयान एक वभम आता शैं
जफ वाधक को मश अनुबल शोता शैं की देली-देलता
उवके वाभने प्रकट शो गमे शैं मा उन्शें दळान दे यशे शैं,
उवी रुऩ भें मा आकृ तत भे शोते शैं जो आकृ तत वाधक
के अॊतय भन भें अॊफकत शोती शैं। वाधक को अनुबूतत
शोती शैं की लश देली-देलता उनवे फाते कय यशा शैं, मश
वाधक की कल्ऩना का वाकाय शोना शै। लश देली-देलता
लास्तल भें वाधक वे फात कयती शैं उवके प्रश्नो का
उत्तय देती शै मा उवे आळीलााद देकय दळान देती शैं। मश
वफ के लर वाधक को शी अनुबूत शोती शैं, लशाॊ कोई
औय अन्म व्मत्क्त बी शो तो वाधक के अराला फकवी
दूवये को उवकी अनुबूतत मा दळान नशीॊ शोता।
मश वफ वाधक के गशन बाल के अनुरुऩ शी
प्रकट शोती शैं रेफकन फकवी दूवये भनुटम के ळयीय भें
प्रलेळ नशीॊ कयती!
ववशेष सूचना: मशा लणणात रेख के लर रेखक के ळोध
एलॊ अनुबलों के आधाय ऩय सरखा गमा शैं। इव रेख का
उद्देश्म के लर ऩाठको का भागादळान भाि शैं, फकवी वी
बी व्मत्क्त वलळेऴ की धासभाक बालनाओॊ को ठेव
ऩशुॊ ाने का नशीॊ शैं। इव वलऴम भें सबन्न-सबन्न रोगों
के वल ाय सबन्न शो वकते शैं।
***
भॊि सवद्ध दुराब वाभग्री
कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370
भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280
धन लृवद्ध शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460
घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
शकीक: 11 नॊग-Rs-190, 21 नॊग Rs-370 नलयॊगी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730
रघु श्रीपर: 1 नॊग-Rs-21, 11 नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊग) Rs- 280, 460, 730, 910
नाग के ळय: 11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 190, 280, Real -1050, 1900 & Above
स्पहटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above
वपे द ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460
यक्त (रार) ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above वलधुत भारा - Rs- 190, 280
कासभमा सवॊदूय- Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं।
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14. 14 2019
ळुब कामों भें श्रीपर ढ़ाने का भशत्ल?
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नारयमर ळुबता का वू क शोने के कायण शी इवे "श्रीपर" कशा जाता शैं। श्रीपर का भशत्ल अत्माधधक एलॊ
वलाि यशा शैं। श्रीपर को हशॊदी भें नारयमर, खोऩया, गयी, गोरा आहद नाभ वे जाना जाता शैं, इव भयाठी भें नायऱ,
गुजयाती भें नारयमय, श्रीपर, नारयमेऱ, फॊगारी भें, नारयके र, डाफेय नायके र, ऩमोधय, कन्नड भें तॊधगनकातम, तॊधगन,
कॊब्फरय, तॊधगनकातमम भरमारभ भें नासऱके यॊ, लेसऱच् ण्ण, तेण्णा, नेऩासर भें नरयलर, नरयलरको तसभर भें तेंकाम,
तेन्नै, तेनकु , तेरुगु कोब्फरय, आहद नाभों वे जाना जाता शैं।
नारयमर को वॊस्कृ त भें श्रीपर कशा जाता शैं। हशॊदू धभा भें वबी प्रकाय के धासभाक एलॊ भाॊगसरक कामों भें
श्रीपर अथाात नारयमर का वलळेऴ भशत्ल ऩौयाणणक कार वे शी यशा शै। हशॊदू धभा की ऩयॊऩयाओॊ के अनुळाय जफ
फकवी नमे कामाा मा ळुब कामा का प्रायॊब मा ळुबायॊब कयना शो तो देली-देलता के वम्भुख श्रीपर अऩाण कयने औय
उवे पोडने का वलळेऴ भशत्ल यशा शै।
महश कायण शैं की वबी प्रकाय के धासभाक कामों भें अन्म ऩूजन वाभग्रीमों के वाथ भें श्रीपर बी वलळेऴ रुऩ
वे शोता शैं। धासभाक भान्मता के अनुळाय श्रीपर का उऩमोग फसर कभा के प्रततक के रुऩ भें बी फकमा जाता शैं। फसर
कभा अथाात उऩशाय अथला नैलेद्य की लस्तु। देली-देलताओॊको फसर अऩाण कयने का तत्ऩमा शोता शैं उनकी वलळेऴ कृ ऩा
प्राप्त कयना मा उनकी द्वाया प्राप्त शुई कृ ऩा के प्रतत कृ तसता अथाात आबाय व्मक्त कयना।
श्रीपर पोडने की ऩयॊऩया
भान्मता शैं की ऩुयातन कार भें हशॊदू धभा भें भनुटम औय जानलयों की फसर देने फक ऩयॊऩया एक वाभान्म प्रथा थी।
वलद्वानों के भतानुळाय जगदगुरु आहद ळॊकया ामा जी ने इव फसर ऩयॊऩया को तोडा औय भनुटम-जानलयों के स्थान ऩय
श्रीपर ढ़ाने की ऩयॊऩया ळुरु शुई।
श्रीपर को भनुटम के भस्तक का प्रततक भान कय फसर स्लरुऩ ढ़ामा जाता शैं। श्रीपर की जटा को भनुटम
के फार, श्रीपर की जटा के तनकट हदखने लारे तीन गोराकाय ध ह्नों को को भनुटम की आॊखों एलॊ नाक, श्रीपर
के कठोय कल को भनुटम की खोऩडी, श्रीपर के ऩानी को भनुटम के खून, श्रीपर के गूदे को भनुटम का हदभाग
भाना जाता शै।
श्रीपर पोडने का भशत्ल
श्रीपर पोडने भुख्म उद्देश्म भनुटम के अशॊकाय को दूय कय औय स्लमॊ को बगलान वभवऩात कयने की बालना शैं।
भान्मता शैं फक ऐवा कयने ऩय भनुटम की असानता एलॊ अशॊकाय का कठोय कल टूट जाता शै औय मश आत्भ ळुवद्ध
औय सान का द्वाय खोरता शै, त्जववे नारयमर के गूदे लारे वपे द हशस्वे के रूऩ भें देखा जाता शै। श्रीपर को देली-
देलता को आऩाब कय उवका प्रवाद फाॉटने की प्रथा हशॊदू वॊस्कृ तत भें वलााधधक रोकवप्रम शैं। वलद्वानों को भतानुळाय
श्रीपर के ऩानी को ऩीने वे भनुटम को अत्मधधक वुख एलॊ वॊतुत्टट की अनुबूतत शोती शैं।
15. 15 2019
नलयाि व्रत की वयर वलधध?
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नल हदनों तक रने लारे इव ऩला ऩय शभ व्रत यखकय भाॊ के नौ अरग-अरग रूऩ की ऩूजा की जाती शैं। इव दौयान घय
भें फकमा जाने लारा वलधधलत शलन बी स्लास््म के सरए अत्मॊत राबप्रद शैं। शलन वे आत्त्भक ळाॊतत औय लातालयण फक ळुवद्ध
के अराला घय नकायात्भक ळत्क्तमों का नाळ शो कय वकायात्भक ळत्क्तमो का प्रलेळ शोता शैं।
नवयार व्रत
नलयाि भें नल याि वे रेकय वात यािी,ऩाॊ यािी, दों यािी औय एक यािी व्रत कयने का बी वलधान शैं।
नलयाि व्रत के धासभाक भशत्ल के अराला लैसातनक भशत्ल शैं, जो स्लास््म की दृत्टट वे कापी राबदामक शोता शैं। व्रत कयने
वे ळयीय भें ुस्ती-पु तॉ फनी यशती शैं। योजाना कामा कयने लारे ऩा न तॊि को बी व्रत के हदन आयाभ सभरता शैं। फच् े,
फुजुगा, फीभाय, गबालती भहशरा को नलयाि व्रत का नशीॊ यखना ाहशए।
नवयार व्रत से सॊफॊधधत उऩमोगी सुझाव
व्रत के दौयान अधधक वभम भौन धायण कयें।
व्रत के ळुरुआत भें बूख कापी रगती शैं। ऐवे भें नीॊफू ऩानी वऩमा जा वकता शै। इववे बूख को तनमॊत्रित यखने भें भदद
सभरेगी।
जशा तक वॊबल शो तनजारा उऩलाव न यखें। इववे ळयीय भें ऩानी फक कभी शो जाती शैं औय अऩसळटट ऩदाथा ळयीय के
फाशय नशीॊ आ ऩाते। इववे ऩेट भें जरन, कब्ज, वॊक्रभण, ऩेळाफ भें जरन जैवी कई वभस्माएॊ ऩैदा शो वकती शैं।
एक वाथ खूफ वाया ऩानी ऩीने के फजाए हदन भें कई फाय नीॊफू ऩानी वऩएॊ।
ज्मादातय रोगो को उऩलाव भें अक्वय कब्ज की सळकामत शो जाती शैं। इवसरए व्रत ळुरू कयने के ऩशरे त्रिपरा,
आॊलरा, ऩारक का वूऩ मा कयेरे के यव इत्माहद ऩदाथो का वेलन कयें। इववे ऩेट वाप यशता शै।
व्रत के दौयान ाम, कापी का वेलन कापी फढ़ जाता शै। इव ऩय तनमॊिण यखें।
व्रत के दौयान कौनसे खाद्य ऩदाथा ग्रहण कयें?
व्रत भें अन्न का वेलन लत्जात शैं। त्जव कायण ळयीय भें ऊजाा की कभी शो जाती शैं।
अनाज फक जगश परों ल वत्ब्जमों का वेलन फकमा जा वकता शैं। इववे ळयीय को जरुयी ऊजाा सभरती शैं।
वुफश के वभम आरू को फ्राई कयके खामा जा वकता शैं। आरू भें काफोशाइड्रेट प्र ुय भािा भें शोता शै। इव सरए आरू खाने
वे ळयीय को ताकत सभरती शै।
वुफश एक धगराव दूध वऩरें। दोऩशय के वभम पर मा जूव रें। ळाभ को ाम ऩी वकते शैं।
कई रोग व्रत भें एक फाय शी बोजन कयते शैं। ऐवे भें एक तनत्श् त अॊतयार ऩय पर खा वकते शैं। यात के खाने भें सवॊघाडे
के आटे वे फने ऩकलान खा वकते शैं।
17. 17 2019
देली उऩावना भें उऩमुक्त एलॊ तनवऴद्ध ऩि ऩुटऩ
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
देवी के लरमे उऩमुतत ऩर-ऩुष्ऩ का चमन
वलद्वानों के भतानुळाय जो ऩि-ऩुटऩ बगलान सळलजी को वप्रम शैं मा जो सळलजी को अऩाण फकमे जाते शैं ले वबी
ऩि-ऩुटऩ देली बगलती को बी वप्रम शैं ।
देली बगलती को अऩाभागा अधधक वप्रम शैं, इव सरए अधधकतय देली ऩूजन भें अऩाभागा वलळेऴ रुऩ वे ढामा जाता
शैं।
इव के अराला वलद्वानो का कथन शैं की जो ऩि-ऩुटऩ ळास्िोक्त वलधान वे बगलान सळल की ऩूजा भें तनऴेध शैं
उवे बी देली ऩूजन भें ढ़ामे जा वकते शैं।
देली बगलती को वबी प्रकाय के रार पू र ढाएॊ जा वकते शैं क्मोफक रार यॊग के वबी पू र बगलतीको वप्रम शैं
तथा वुगत्न्धत वभस्त श्लेत पू र बी बगलतीको अधधक वप्रम शैं।
देली बगलती के ऩूजन भें भेरी, भदाय, के वय, फेरा, श्लेत औय रार पू र, श्लेत कभर, ऩराळ, तगय, अळोक,
ॊऩा, भौरसवयी, कुॊ द, रोध, कनेय, आक, ळीळभ औय अऩयात्जत ( अथाात ळॊखऩुटऩी) आहदका उऩमोग फकमा जा
वकता शैं।
कु छ जानकायों का कथन शैं की देली बगलती के ऩूजन भें आक औय भदाय मश दो पू रों को तनऴेध शैं।
मशीॊ कायण शैं की उक्त दोनों पू र को वलसबन्न भत के कायण देली दुगाा के ऩूजन भे उऩमोग बी फकम जाते शैं
औय तनवऴद्ध बी भाने जाते शैं।
महद फकवी कायण लळ जफ अन्म उऩमुक्त पू र न सभरे तफ इन दोनोंका उऩमोग फकमा जा वकता शैं ।
देली दुगाा को छोडकय देवलमों ऩय इन दोनों को नशीॊ ढाना ाहशए। रेफकन देली दुगाा ऩय ढ़ामा जा वकता शैं।
क्मोंफक कु छ जानकायों का भत शैं की दुगााकी ऩूजाभें इन दोनोंका वलधान ळास्िोक्त शैं।
ळभी, अळोक, कणणाकाय (कतनमाय मा अभरताव), गूभा, दोऩशरयमा, अगस्त्म, भदन, सवन्दुलाय, ळल्रकी, भाधल
आहद रताऍ, कु ळकी भॊजरयम ॊ, त्रफल्लऩि, के लडा, कदम्फ, बटकटैमा, कभर मे पू र देली बगलती को वप्रम शैं।
आक औय भदायकी तयश दूलाा, ततरक, भारती, तुरवी, बॊगयैमा औय तभार उऩमुक्त एलॊ प्रततवऴद्ध शैं अथाात मे
ळास्िोंवे वलहशत बी शैं औय तनवऴद्ध बी शैं।
* वलहशत-प्रततसळद्धके वम्फन्धके तत्त्लवागयवॊहशताक भें उल्रेख शैं फक जफ ळास्िोंवे वलहशत पू र न सभर ऩामें तो
वलहशत-प्रततवऴद्ध पू रोंवे ऩूजा फक जा वकती शैं।
श्री भहारक्ष्भी मॊर
धन फक देली रक्ष्भी शैं जो भनुटम को धन, वभृवद्ध एलॊ ऐश्लमा प्रदान कयती शैं। अथा(धन) के त्रफना भनुटम जीलन दु्ख,
दरयद्रता, योग, अबालों वे ऩीडडत शोता शैं, औय अथा(धन) वे मुक्त भनुटम जीलन भें वभस्त वुख-वुवलधाएॊ बोगता शैं। श्री
भशारक्ष्भी मॊि के ऩूजन वे भनुटम की जन्भों जन्भ की दरयद्रता का नाळ शोकय, धन प्रात्प्त के प्रफर मोग फनने रगते शैं,
उवे धन-धान्म औय रक्ष्भी की लृवद्ध शोती शैं। श्री भशारक्ष्भी मॊि के तनमसभत ऩूजन एलॊ दळान वे धन की प्रात्प्त शोती शै
औय मॊि जी तनमसभत उऩावना वे देली रक्ष्भी का स्थाई तनलाव शोता शै। श्री भशारक्ष्भी मॊि भनुटम फक वबी बौततक
काभनाओॊ को ऩूणा कय धन ऐश्लमा प्रदान कयने भें वभथा शैं। अषम तृतीमा, धनतेयव, दीलालरी, गुरु ऩुटमाभृत मोग
यवलऩुटम इत्माहद ळुब भुशूता भें मॊि की स्थाऩना एलॊ ऩूजन का वलळेऴ भशत्ल शैं। >> Shop Online | Order Now
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18. 18 2019
भनोकाभना ऩूतता शेतु नलयाि भें देली को कै वे अऩाण कयें बोग?
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नलयाि के नौ हदनों भें तीन देवलमों क्रभळ्
ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩों का
कभळ् ळैरऩुिी, ब्रह्भा ारयणी, ॊद्रघण्टा, कू टभाण्डा,
स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय
सववद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शैं।, नलयािे के प्रथभ
तीन हदन ऩालाती के तीन स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता
शैं, अगरे तीन हदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩों का ऩूजन
फकमा जाता शैं औय आणखयी के तीन हदन वयस्लती
भाता के स्लरुऩों की ऩूजा की जाती शैं। उवी प्रकाय नौ
देलीमों को क्रभळ् प्रथभ हदन ळैरऩुिी, द्वद्वतीम हदन
ब्रह्भा ारयणी, तृतीम हदन न्द्रघण्टा, तुथा हदन
कु टभाण्डा, ऩॊ भ् हदन स्कन्द भाता, ऴटठभ ् हदन
कात्मातमनी, वाप्तभ् हदन कारयात्रि, अटटभ् हदन
भशागौयी औय नौलें हदन सववद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा
जाता शैं।
नलयािे के नौ हदनों तक बक्त के भन भें मश
कौतुशर शोता शैं, फक लश भाता को बोग भें क्मा ढ़ामे,
त्जववे भाॉ ळीघ्र प्रवन्न शों जामे. हशन्दू धभा भें कोई बी
त्मौशाय, व्रत-उऩलाव देली-देलताओॊ को बोग, प्रवाद
अत्ऩाण फकमे त्रफना वॊऩन्न नशीॊ शोता शै। नलयािे के नौ
हदन भें नौ देवलमों को अरग-अरग बोग रगाने का
वलधान धभाळास्िों भें लणणात शैं।
नवयार के प्रथभ हदन देवी शैरऩुरी:
नलयाि के प्रथभ हदन भाॊ के ळैरऩुिी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का वलधान शैं। ऩलातयाज (ळैरयाज) हशभारम
के मशाॊ ऩालाती रुऩ भें जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी
कशा जाता शैं। इव हदन देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन
कयके नैलेद्य के रूऩ भें देली को गाम का घृत (घी)
अऩाण कयना ाहशए। भाॊ को यणों ढ़ामे गमे घृत को
ब्राम्शणों भें फाॊटने वे योगों वे भुत्क्त सभरती शै। देली
कृ ऩा वे व्मत्क्त वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शैं।
अथाात उवे त्जलन भें धन एलॊ अन्म वुख वाधनो को
कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ।
नवयार के द्वद्वतीम हदन ब्रह्भाचारयणी:
नलयाि के दूवये हदन भाॊ के ब्रह्भ ारयणी स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। क्मोफक ब्रह्भ का अथा शैं
तऩ। भाॊ ब्रह्भ ारयणी तऩ का आ यण कयने लारी
बगलती शैं इवी कायण उन्शें ब्रह्भ ारयणी कशा गमा।
इव हदन देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन कयके देली को
ीनी का बोग रगाकय दान कयना ाहशए। ीनी का
बोग रागाने वे भनुटम दीघाजीली शोता शैं। देली कृ ऩा वे
व्मत्क्त को अनॊत पर फक प्रात्प्त शोती शैं। व्मत्क्त भें
तऩ, त्माग, वदा ाय, वॊमभ जैवे वद् गुणों फक लृवद्ध शोती
शैं।
नवयार के तृतीम हदन चन्रघॊटा:
नलयाि के तीवये हदन भाॊ के न्द्रघण्टा स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। न्द्रघण्टा का स्लरूऩ
ळाॊततदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शैं। न्द्रघण्टा के
भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधा न्द्र ळोसबत यशता
शैं। इव सरमे भाॊ को न्द्रघण्टा देली कशा जाता शैं। इव
हदन देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन कयके देली को दूध
का बोग रगाकय दान कयना ाहशए। दूध का बोग
रागाने वे व्मत्क्त को दुखों वे भुत्क्त सभरती शैं। देली
कृ ऩा वे व्मत्क्त को वबी ऩाऩों वे भुत्क्त सभरती शैं उवे
वभस्त वाॊवारयक आधध-व्माधध वे भुत्क्त सभरती शैं।
इवके उऩयाॊत व्मत्क्त को ध यामु, आयोग्म, वुखी औय
वॊऩन्न शोनता प्राप्त शोती शैं। व्मत्क्त के वाशव एल
वलयता भें लृवद्ध शोती शैं। व्मत्क्त स्लय भें सभठाव आती
शैं उवके आकऴाण भें बी लृवद्ध शोती शैं। न्द्रघण्टा को
सान की देली बी भाना गमा शै।
19. 19 2019
नवयार के चतुथा हदन कू ष्भाण्डा:
नलयाि के तुथा हदन भाॊ के कू टभाण्डा स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। अऩनी भॊद शॊवी द्वाया
ब्रह्भाण्ड को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका
नाभ कू टभाण्डा देली यखा गमा। इव हदन देली का
ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन कयके देली को भारऩुआ बोग
रगाकय दान कयना ाहशए। भारऩुए का बोग रागाने
वे व्मत्क्त फक वलऩत्त्त का नाळ शोता शैं। देली कृ ऩा वे
व्मत्क्त को वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे
भुत्क्त सभरती शैं, उवे आमुटम, मळ, फर औय फुवद्ध प्राप्त
शोती शैं।
नवयार के ऩॊचभ हदन स्कॊ दभाता:
नलयाि के ऩाॊ लें हदन भाॊ के स्कॊ दभाता स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। स्कॊ दभाता कु भाय अथाात ्
कातताके म फक भाता शोने के कायण, उन्शें स्कन्दभाता के
नाभ वे जाना जाता शैं। इव हदन देली का ऴोडळेऩ ाय
वे ऩूजन कयके देली को के रे का बोग रगाकय दान
कयना ाहशए। के रे का बोग रागाने वे व्मत्क्त फक
फुवद्ध, वललेक का वलकाव शोता शैं। व्मत्क्त के
ऩरयलायीकवुख वभृवद्ध भें लृवद्ध शोती शैं। देली कृ ऩा वे
व्मत्क्त फक वभस्त इच्छाओॊ की ऩूतता शोती शैं एलॊ
जीलन भें ऩयभ वुख एलॊ ळाॊतत प्राप्त शोती शैं।
नवयार के षष्ठभ् हदन कात्मामनी
नलयाि के छठें हदन भाॊ के कात्मामनी स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। भशवऴा कात्मामन फक ऩुिी
शोने के कायण उन्शें कात्मामनी के नाभ वे जाना जाता
शैं। इव हदन देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन कयके देली
को भधु (ळशद, भशु, भध) का बोग रगाकय दान कयना
ाहशए। भधु का बोग रागाने वे व्मत्क्त को वुॊदय
स्लरूऩ फक प्रात्प्त शोती शैं। कात्मामनी देली को लैहदक
मुग भें मे ऋवऴ-भुतनमों को कटट देने लारे यष-दानल,
ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी नटट कय देने लारी
भाना गमा शैं।
नवयार के सप्तभ् हदन कारयात्रर
नलयाि के वातलें हदन भाॊ के कारयात्रि स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। कारयात्रि देली के ळयीय
का यॊग घने अॊधकाय फक तयश एकदभ कारा शैं। इव
हदन देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन कयके देली को गुड
का बोग रगाकय दान कयना ाहशए। गुड का बोग
रागाने वे व्मत्क्त के वभस्त ळोक दूय शोते शैं।
कारयात्रि के ऩूजन वे अत्ग्न बम, आकाळ बम, बूत
वऩळा इत्मादी ळत्क्तमाॊ कारयात्रि देली के स्भयण भाि
वे शी बाग जाते शैं, कारयात्रि का स्लरूऩ देखने भें
अत्मॊत बमानक शोते शुले बी वदैल ळुब पर देने लारा
शोता शैं, इव सरमे कारयात्रि को ळुबॊकयी के नाभवे बी
जाना जाता शैं। कारयात्रि ळिु एलॊ दुटटों का वॊशाय कय ने
लारी देली शैं।
नवयार के अष्टभ् हदन भहागौयी
नलयाि के आठलें हदन भाॊ के भशागौयी स्लरूऩ
का ऩूजन कयने का वलधान शैं। भशागौयी स्लरूऩ
उज्जलर, कोभर, श्लेतलणाा शोने के कायण इनका नाभ
भशागौयी शैं। इव हदन देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन
कयके देली को श्रीपर (नारयमर) का बोग रगाकय दान
कयना ाहशए। श्रीपर (नारयमर) का बोग रागाने वे
व्मत्क्त के वॊताऩ दूय शोते शैं। भशागौयी के ऩूजन कयने
लारे वाधन के सरमे भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल
औय वुख-ळाॊतत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्क्त
हदराने लारी देली भशागौयी शैं।
नवयार के नवभ् हदन लसविदारी
नलयाि के नौलें हदन भाॊ के सववद्धदािी स्लरूऩ का ऩूजन
कयने का वलधान शैं। भाता सववद्धदािी वबी प्रकाय की
सववद्धमों की प्रदाता भाना गमा शैं। सववद्धदािी को
वभस्त्म सववद्धमों की स्लासभनी बी भाना जाता शैं। इव हदन
देली का ऴोडळेऩ ाय वे ऩूजन कयके देली को धान के
राले का बोग रागाने वे व्मत्क्त को रोक औय ऩयरोक
का वुख प्राप्त शोता शैं। सववद्धदािी के ऩूजन वे व्मत्क्त
फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूतता शोकय उवे ऋवद्ध, सववद्ध
फक प्रात्प्त शोती शैं। ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक
प्रात्प्त कामो भें रे आ यशे फाधा-वलध्न वभाप्त शो जाते
शैं। व्मत्क्त को मळ, फर औय धन फक प्रात्प्त शोकय उवे
भाॊ फक कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रात्प्त
स्लत् शो जाती शैं।
20. 20 2019
नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय
वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नलयाि अथाात भाॉ दुगाा की उऩावना भें वभवऩात नौ यात। दुगाा का अथा हैं, दुगातत नासळनी शैं, जगत ् की
उत्ऩत्त्त, ऩारन एलॊ वॊ ारन तीनों व्मलस्थाएॊ त्जव ळत्क्त के आधीन वम्ऩाहदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ
आहदळत्क्त बगलती शैं। भाॉ दुगाा के रुऩ अनॊत शैं, रेफकन देली को प्रधान नौ रूऩों भें नलदुगाा के नाभ वे जाना जाता
शैं। आहद ळत्क्त भाॉ दुगाा वभग्र रोक भें अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै, भाॉ दुगाा अऩने बक्तों भें वद्द गुणों का
वलकाव कयके उनभें अऩनी ळत्क्त का वॊ ाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्राणणमों का वॊ ारन कयती शै।
बौततकता भें यत भनुटम को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन की ळाॊतत नशीॊ सभरती।
ऐवे भें शय तयश वे तनयाळ औय शाया ुका भनुटम महद भाॊ दुगाा की ळयण रेता शै जो तनत्श् त शी भाॉ दुगाा उवकी
दुगातत का तनलायण कयती शी शै।
क्मोफक, भाॉ आद्यळत्क्त की कृ ऩा वे भनुटम भें आत्भफर, द्दढ़ वलश्लाव, दमा, प्रेभ, बत्क्त जैवे वद्गुणों का
वलकाव शोता शैं। जीलन के इन्शीॊ भूल्मों को वभझ कय भनुटम जीलन भें वच् ा वुख-ळाॊतत, लैबल, धन वॊऩदा को
प्राप्त कयता शै। अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे तनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै। इवसरए भनुटम को अवॊबल
को बी वॊबल कय हदखाने की ळत्क्त देली कृ ऩा वे शी प्राप्त शोती शैं।
नलयाि भें ऩूजा उऩावना का भुख्म उद्देश्म शोता शैं, नलयाि भें भाॉ दुगाा की आयाधना, भनुटम के तन-भन औय
इत्न्द्रमाॊ वॊमसभत शोने रगती शैं। ऩूणा तनटठा एलॊ श्रद्धा बाल वे फक गई उऩलाव वे भनुटम का तन वॊतुसरत शोता शै।
भनुटम के तन के वन्तुसरत शोने ऩय मोग फर वे भनुटम की इॊहद्रमाॊ वॊमसभत शो जाती शै। इत्न्द्रमों के वॊमसभत शोने
ऩय भनुटम का भन देली आयाध्मा भें त्स्थय शो जाता शै। त्जव के फर ऩय भनुटम को भनोलाॊतछत राब की प्रात्प्त शो
वकती शैं, त्जवभें जया बी वॊवम नशीॊ शैं।
देली उऩावना के फाये भें उल्रेख सभरता शैं की जो भनुटम अऩने भन को त्स्थय कय रेता शैं, लश वॊवाय वबी
क्र वे छू ट जाता शै। वॊवाय के फकवी प्रकाय के वलध्न-फाधाएॊ उवे कटट नशीॊ ऩशुॊ ा वकते। लश भनुटम भाॉ बगलती
दुगाा के वप्रम लाशन सवॊश की तयश तनबाम फन जाता शै, वॊवाय की वभस्त सववद्धमाॊ अऩने ऩयाक्रभ के फर ऩय सभरने
रगती शैं। नलयाि के दौयान ळास्िोक्त भॊिों द्वाया देली वे मशीॊ प्राथना की जाती शैं, की देली अलगुणों वे शभें भुक्त
कयके वद्गुणों वे मुक्त कयें।
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