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1. D A I L Y N E X T
C A P S U L E W I L L
H E L P Y O U T O
P R O V I D E
2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow
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उइगर के िखलाफ मानवािधकार का उ लंघन
(Human Rights Violations against Uygurs)
संदभ:
समाचार प और गैर सरकारी संगठन के
िववरण के साथ-साथ राजनियक ारा शोध
के आधार पर, अमे रक िवदेश िवभाग क
रपोट म, चीन का इसके िशनिजयांग ांत म
उइगर सिहत जातीय अ पसं यक के
िखलाफ दु वहार के िलए अलग से उ लेख
कया गया है।
रपोट म कहा गया है, क चीनी सरकार िशनिजयांग म अ य अ पसं यक समूह , मु य प से मुि लम उइगर के िखलाफ,
नरसंहार और मानवता के िखलाफ अपराध करना जारी रखे ए है।
संबंिधत करण:
कई देश ने ‘िशनिजयांग ांत’ म ‘मुि लम उइगर समुदाय’ के िलए, चीन से “कानून के शासन का पूण स मान सुिनि त करने”
क मांग क है।
िव सनीय रपोट से संके त िमलता है, क िशनिजयांग म एक लाख से अिधक लोग को मनमाने ढंग से िहरासत म िलया गया
है तथा उइगर और अ य अ पसं यक समुदाय के सद य को अनुिचत प से लि त करते ए ापक िनगरानी क जा रही
है, और उइघुर सं कृ ित तथा मौिलक वतं ता को ितबंिधत कया गया है।
चीन क ित या:
पया सबूत के बावजूद, चीन, उइगर के साथ दु वहार से इनकार करता है, और जोर देकर, के वल चरमपंथ का मुकाबला करने के
िलए िडज़ाइन कए गए “ ावसाियक िश ण” क चलाने क बात करता है।
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उइगर कौन ह?
उइगर (Uighurs) मु य प से मुि लम अ पसं यक तुक नृजातीय समूह ह, िजनक उ पि के िच न ‘म य एवं पूव एिशया’ म खोजे
जा सकते ह।
उइगर समुदाय, तुक भाषा से िमलती-जुलती अपनी भाषा बोलते ह, और खुद को सां कृितक और नृजातीय प से म य
एिशयाई देश के करीब मानते ह।
चीन, इस समुदाय को के वल एक े ीय अ पसं यक के प म मा यता देता है और इ ह देश का मूल-िनवासी समूह मानने से
इंकार करता है।
वतमान म, उइगर जातीय समुदाय क सवािधक आबादी चीन के िशनिजयांग े म िनवास करती है।
उइगर क एक बड़ी आबादी पड़ोसी मध्य एिशयाई देश जैसे उ बे क तान, क ग तान और कजा क तान म भी पाई जाती
है।
दशक से उइगर मुसलमान पर चीनी सरकार ारा आतंकवाद और अलगाववाद के झूठे आरोप के तहत, उ पीड़न, जबरन िहरासत,
गहन-जांच, िनगरानी और यहां तक क गुलामी जैसे दु वहार कये जा रहे ह।
‘ लं चंग’ को ‘फ़े डरल हेट ाइम’ घोिषत करने संबंधी िवधेयक पर अमे रक रा पित क मुहर
संदभ:
हाल ही म, अमे रक रा पित ‘जो िबडेन’ ने लं चंग
को एक ‘संघीय घृणा अपराध’ (Federal Hate
Crime) बनाने के िलए एक िवधेयक पर ह ता र
कर दए ह। इसके प ात्, इस तरह के कानून को
पहली बार तािवत कए जाने के 100 से अिधक
वष बाद, यह िवधेयक एक ‘क़ानून’ म प रव तत हो
गया है।
इस क़ानून का नाम ‘ए मेट टल एंटी- लं चंग ए ट’ (Emmett Till Anti-Lynching Act) उस अ ेत कशोरी के नाम पर
रखा गया है, िजसक 1955 क ग मय म िमिसिसपी म ह या ‘नाग रक अिधकार ’ के युग म एक ेरक ण बन गई थी।
िववरण:
नए क़ानून म, कसी हेट ाइम को अंजाम देने के ष ं म कसी क मौत होने अथवा गंभीर शारी रक चोट लगने पर,
अपराध को ‘ लं चंग’ के प म मुकदमा चलाने क अनुमित दी गयी है।
इस कानून म अिधकतम 30 साल क जेल और जुमाने क सजा का ावधान कया गया है।
भारत म मॉब लं चंग क हािलया घटनाएं:
2021 म, असम म एक 23 वष य छा नेता क भीड़ ने किथत तौर पर ह या कर दी थी।
अ टूबर 2021 म, एक ि क किथत प से पीट-पीट कर ह या कर दी गई, उसके अंग को काट दया गया और ‘तीन कृ िष
कानून ’ के िखलाफ कसान के िवरोध थल, संघू बॉडर पर उसे मरने के िलए छोड़ दया गया।
अग त 2021 म, इंदौर म एक चूड़ी िव े ता को किथत तौर पर अपनी पहचान िछपाने पर भीड़ ने पीटा था। वह ि कसी
तरह जीिवत बच गया और बाद म उसे याियक िहरासत म भेज दया गया।
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मई 2021 म, गु ाम के एक 25 वष य ि दवा खरीदने के िलए बाहर गया था, उसी दौरान किथत तौर पर उसक पीट-
पीट कर ह या कर दी गई थी।
दसंबर 2021 म, िसख संगत (िसख धम के भ ) ारा अमृतसर के ी हरमं दर सािहब गु ारा ( वण मं दर) म िसख धम
क सबसे पिव पु तक ी गु ंथ सािहब जी का अनादर करने का किथत प से यास करने पर एक ि क ‘पीट-पीटकर
ह या’ (Lynching) कर दी गई।
‘ लं चंग’ का ता पय:
धम, जाित, जाित, लंग, ज म थान, भाषा, खान-पान, यौन-अिभ िच, राजनीितक संब ता, जातीयता अथवा कसी अ य
संबंिधत आधार पर भीड़ ारा िनयोिजत अथवा ता कािलक हंसा या हंसा भड़काने वाले कृ य आ द को मॉब लं चंग (Mob
Lynching) कहा जाता है।
इसम अिनयंि त भीड़ ारा कसी दोषी को उसके कये अपराध के िलये या कभी-कभी मा अफवाह के आधार पर ही िबना
अपराध कये भी त काल सज़ा दी जाए अथवा उसे पीट-पीट कर मार डाला जाता है।
इस कार के मामल से कस कार िनपटा जाता है?
मौजूदा ‘भारतीय दंड-िवधान संिहता’ (IPC) के तहत, इस कार घटना के िलए “कोई अलग” प रभाषा नह है। लं चंग क
घटना से ‘आईपीसी’ क धारा 300 और 302 के तहत िनपटा जाता है।
भारतीय दंड संिहता क धारा 302 के अनुसार, जो कोई भी कसी ि क ह या करता है, तो उसे मृ यु दंड या आजीवन
कारावास और साथ ही आ थक दंड से दंिडत कया जाएगा। ‘ह या करना’ एक गैर-जमानती, सं ेय और गैर-शमनीय अपराध
है।
इस संबंध म उ म यायालय के दशािनदश:
1. लं चंग एक ‘पृथक अपराध’ होगा तथा ायल कोट अिभयु को दोषी ठहराए जाने पर अिधकतम सजा का ावधान कर मॉब
लं चंग करने वाली भीड़ के िलए कड़ा उदहारण थािपत कर।
2. रा य सरकार, येक िज़ले म मॉब लं चंग और हंसा को रोकने के उपाय के िलये एक सीिनयर पुिलस अिधकारी को
ािधकृ त कर। रा य सरकार उन िज़ल , तहसील , गाँव को िचि हत कर जहाँ हाल ही म मॉब लं चंग क घटनाएँ ई ह।
3. नोडल अिधकारी मॉब लं चंग से संबंिधत िज़ला तर पर सम वय के मु को रा य के DGP के सम तुत करेग।
4. क तथा रा य सरकार को रेिडयो, टेलीिवज़न और अ य सोशल मीिडया लेटफॉम पर यह सा रत कराना होगा क कसी
भी कार क मॉब लं चंग एवं हंसा क घटना म शािमल होने पर िविध के अनुसार कठोर दंड दया जा सकता है।
5. क और रा य सरकार, भीड़-भाड़ और हंसा के गंभीर प रणाम के बारे म रेिडयो, टेलीिवजन और अ य मीिडया लेटफाम
पर सा रत करगी।
6. रा य पुिलस ारा कए गए उपाय के बावजूद, मॉब लं चंग जैसी घटनाएँ होने पर संबंिधत पुिलस टेशन तुरंत एफआईआर
दज करेगा।
7. रा य सरकार मॉब लं चंग से भािवत ि य के िलये ितपू त योजना ारंभ करेगी।
8. य द कोई पुिलस अिधकारी या िजला शासन का कोई अिधकारी अपने कत को पूरा करने म िवफल रहता है, तो यह
जानबूझकर क गई लापरवाही माना जाएगा।
समय क मांग: हर बार ऑनर क लंग, घृणा-अपराध , डायन-ह या अथवा मॉब लं चंग क घटना के होने पर इन अपराध से
िनपटने के िलए िवशेष कानून क मांग उठायी जाती ह।
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ले कन, त य यह है क यह अपराध ह या के अलावा और कुछ नह ह तथा IPC और सीआरपीसी (CrPC) के तहत मौजूदा
ावधान ऐसे अपराध से िनपटने के िलए पया ह।
पूनावाला मामले म िनधा रत दशा-िनदश के साथ, हम मॉब लं चंग से िनपटने के िलए पया प से स म ह। इन अपराध
से िनपटने के िलए मौजूदा कानून और वतन एजिसय को अिधक जवाबदेह बनाने क आव यकता है।
इस स दभ म िविभ रा य ारा कये गए यास:
मिणपुर सरकार ारा वष 2018 म इस संदभ म कु छ ता कक और ासंिगक उपबंधो को सि मिलत करते ए एक िवधेयक
पा रत कया गया।
राज थान सरकार ारा अग त 2019 म लं चंग के िखलाफ एक िवधेयक पा रत कया गया।
पि म बंगाल सरकार ने भी मॉब लं चंग के िव कठोर ावधान सिहत एक िवधेयक पेश कया।
ले स धन चािलत वाहन
(Flex Fuel Vehicles)
संदभ:
हाल ही म, ‘इंिडयन शुगर िम स एसोिसएशन’ (ISMA) ने
20 फ सदी ‘एथेनॉल ल डंग’ हािसल करने के िलए
सरकार से ‘ ले स- यूल हीक स’ (Flex-Fuel
Vehicles – FFVs) को शी लॉ च कए जाने क मांग
क है।
‘ लेि सबल यूल हीकल’ (FFVs) के बारे म:
FFV वाहन का एक संशोिधत ा प है, जो िविभ तर
के इथेनॉल िम ण सिहत गैसोलीन और िमि त पे ोल
दोन पर चल सकते ह।
‘ लेि सबल यूल हीकल’, सभी कार के िमि त ईधन का उपयोग करने और िबना िमि त धन, दोन पर चलने म स म
ह गे।
FFV म 84 ितशत से अिधक इथेनॉल िमि त पे ोल पर चलने म स म इंजन लगा होता है।
लाभ:
‘ लेि सबल यूल हीकल’ (FFVs) का उ े य दूषणकारी जीवा म धन के उपयोग को कम करना और हािनकारक उ सजन
को कम करना है।
वतमान म वैकि पक धन, इथेनॉल, के क मत 60-62 पये ित लीटर है, जब क पे ोल क क मत देश के कई िह स म 100
पये ित लीटर से अिधक है। अतः इसिलए इथेनॉल का उपयोग करने से भारतीय को 30-35 पये ित लीटर क बचत
होगी।
भारत म, FFVs का एक अ य िवशेष लाभ होगा, य क ये वाहन को, देश के िविभ िह स म उपल ध इथेनॉल िमि त
पे ोल के िविभ िम ण का उपयोग करने म स म करेगा।
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इसके अलावा, ये वाहन जनवरी 2003 म क ीय पे ोिलयम और ाकृ ितक गैस मं ालय ारा शु कए गए इथेनॉल िमि त
पे ोल (EBP) काय म का ता कक िव तार ह।
चूं क भारत म म ा, चीनी और गे ं का उ पादन अिधशेष मा ा म होता है, इसिलए इथेनॉल काय म के अिनवाय सि म ण
से कसान को उ आय हािसल होने म मदद िमलेगी।
चूं क, भारत म क े तेल क 80 ितशत से अिधक आव यकता को आयात के मा यम से पूरा कया जाता है, अतः सम
भारतीय अथ व था के िलए, इथेनॉल का अिधक उपयोग से ऑटोमोबाइल धन के आयात पर होने वाली लागत बचाने म
मदद िमलेगी।
FFVs उपयोग करने के नुकसान/चुनौितयाँ:
ाहक क वीकृ ित (Customer acceptance) एक बड़ी चुनौती होगी य क इन वाहन को खरीदना और इनको चलाने
क लागत, 100 ितशत पे ोल वाहन क तुलना म ब त अिधक होने वाली है।
100 ितशत इथेनॉल (E100) के साथ वाहन चलाने पर, इसक लागत (कम धन द ता के कारण) 30 ितशत से अिधक हो
जाएगी।
ले स यूल इंजन क क मत अिधक होती है य क इथेनॉल म, पे ोल क तुलना म ब त िभ रासायिनक गुण होते ह।
इथेनॉल का ऊ मीय मान / Calorific value (40 ितशत), गैसोलीन क तुलना म काफ कम, तथा वा पीकरण क ‘गु
ऊ मा’ काफ उ होती है।
इथेनॉल, एक िवलायक के प म भी काय करता है और इंजन के अंदर क सुर ा मक तेल परत को न कर सकता है िजससे
इंजन म टूट-फू ट हो सकती है।
जे स वेब पेस टेली कोप
संदभ:
िपछले साल के अंितम महीन म ेिपत कए जाने के
बाद, नासा का ांितकारी ‘जे स वेब पेस टेली कोप’
(James Webb Space Telescope – JWST)
आिखरकार अपने कई सुनहरे दपण को सुदूर ि थत ल य
पर क त करने के िलए तैयार हो रहा है।
सबसे पहले, यह टेिल कोप हमारे अपने तारा
मंडल के ‘ िति त गैसीय िवशालकाय ह
बृह पित / यूिपटर (Jupiter) का अवलोकन
करगा।
‘जे स वेब पेस टेली कोप’ (JWST) बृह पित के चं मा – आईओ और गेनीमेड- पर भी करीब से नज़र रखेगा। गेनीमेड
(Ganymede) एकमा ऐसा ात चं मा है िजसका अपना मै ेटो फ यर है।.
‘जे स वेब पेस टेली कोप’ (JWST) के बारे म:
जेड लूएसटी, अमे रक अंत र एजसी (NASA), यूरोपीय अंत र एजसी (European Space Agency) और के नेिडयन अंत र
एजसी (Canadian Space Agency) का एक संयु उप म है।
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‘जे स वेब पेस टेली कोप’, अंत र म
प र मा करती ए एक अवर वेधशाला
(Infrared Observatory) है, जो लंबी तरंग
दै य कवरेज और ब त बेहतर संवेदनशीलता
के साथ ‘हबल पेस टेिल कोप’ (Hubble
Space Telescope) के काय म सहायक
होगी तथा इसक खोज का िव तार करेगी।
इससे पूव, जेड यूएसटी (JWST) को
एनजीएसटी (New Generation Space
Telescope – NGST) के नाम से जाना
जाता था, फर वष 2002 म इसका नाम
बदलकर नासा के पूव शासक ‘जे स वेब’ के
नाम पर कर दया गया|
यह 5 मीटर ाथिमक दपण यु एक बड़ी
अवर दूरबीन होगी।
दूरबीन के उ े य और काय:
‘जे स वेब पेस टेली कोप’ (JWST) को िबग बग के
प ात् बनने वाले थम तार और आकाशगंगा क
खोज करने तथा तार के चार ओर के ह के प रवेश
का अ ययन करने संबंधी काय करने के उ े य से िन मत
कया गया है|
1. यह दूरबीन, ांड म गहराई से अवलोकन
करेगी और ‘हबल पेस टेली कोप’ के साथ काय
करेगी।
2. दूरबीन म 22 मीटर (टेिनस कोट के आकार क )
क ल बाई वाले सौर-सुर ाकवच
(Sunshield) और 5 मीटर चौड़ाई के दपण
और इ ारेड मता से लैस उपकरण लगे
ह गे।
3. वै ािनक को उ मीद है, क यह ‘सेट-अप’
ांड 5 अरब साल पहले घ टत ई िबग बग
क घटना के फल व प उ प होने वाली थम
आकाशगंगा को भी देख सकने म स म
होगी।
क ीय प र मा:
‘हबल पेस टेली कॉप’ लगभग 570 कमी क ऊ
ं चाई पर पृ वी के चार ओर प र मा करता है।
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‘जे स वेब पेस टेली कोप’ वा तव म पृ वी क प र मा नह करेगा, बि क यह 5 िमिलयन कमी दूर पृ वी-सूय लेगरज़ बंदु
2 (Earth-Sun Lagrange Point 2) पर थािपत कया जाएगा।
लेगरज़ बंदु 2 (Lagrange Point 2- L 2) पर ‘जे स वेब पेस टेली कोप’ का सौर-कवच, सूय, पृ वी और चं मा से आने
वाले काश को अव कर देगा, िजससे दूरबीन को ठंडा रहने म मदद िमलगी। कसी ‘अवर दूरबीन’ के िलए ठंडा रहना
ब त मह वपूण होता है।