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1 de 122
Ali’s Veterinary Wisdom
Dr. Ibne Ali
BVSc (Pantnagar) MVSc (IVRI)
Principles of Broiler Farming
ह िंदी सिंस्करण
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
1 | P a g e
Ali’s Veterinary Wisdom
Hindi Edition – ह िंदी सिंस्करण
New Delhi
ब्रॉयलर फार्मिंग क
े र्सधािंत
Principles of Broiler Farming
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
2 | P a g e
First Edition Jan 2018
Second Updated Edition Oct 2020
Price: Rs. 1000/-
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or by any means, Electronic, Mechanical, Photo copying, Recording or otherwise, without the prior written
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हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
3 | P a g e
प्रस्तावना
कई हदनों से ब्रॉयलर फार्मिंग पर एक ववधधवत पुस्तक र्लखने का मन था
कययिंकक रोज़मराा क
े मागादर्ान क
े र्लए ककसानो क
े पास ब ुत र्सर्मत
जानकारी ोती ै | अधधकतर ककताबो में व्यापक रूप से तकनीकी
र्ब्दावली का प्रयोग ोता ै जजसक
े कारण आम ककसान का पुस्तक से
मन उब जाता ै | दयसरी बात य की उधित भाषा और धित्रों क
े बबना
कोई भी काया समझाना नामुमककन सा ोता ै | अतः इस ककताब को
र्लखने का उद्देश्य य ी ै की ककसानो तक आसान से आसान भाषा में
उनक
े मतलब की बात प ुुँिा दी जाये | ालाुँकक इस ककताब को र्लखने
में सभी तर की वैज्ञाननक जानकारी, पोल्ट्री ववज्ञानिं की जानी मानी
पुस्तकों का ननरीक्षण और समीक्षा की गयी ै | ववर्भन्न ब्रीड िंग कम्पननयों
द्वारा दी गयी प्रबिंधन गाइ से भी जानकारी को जमा ककया गया ै |
य इस ककताब का प ला सिंस्करण ै जजसे आप तक प ुुँिाया जा र ा
ै, उम्मीद ै की आप लोगो को इससे लाभ ोगा और इसे आगे और भी
सुधार करने की प्रेरणा और ज्ञान र्मलेगा | अिंत में मैं य ी क ना िा युँगा
की ब्रॉयलर फार्मिंग में तकनीकी और प्रबिंधन जानकारी ोने क
े साथ साथ
अनुभव और वववेकपयणा ननणाय लेने की भी आवश्यकता ोती ै | ज्ञान
और अनुभव एक र्सकक
े क
े दो प लय ैं और इन् ें अलग न ीिं ककया जा
सकता | दोनों का अनुक
य ल समागम ी सफलता को ननधााररत करता ै |
इस पुस्तक से र्मलने वाले ज्ञान को अपने अनुभव से पररर्र्ष्ट करें |
- इबने अली
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
4 | P a g e
समपाण
सबसे प ले अल्ट्ला (सo) का धन्यवाद करता युँ
क़
ु रान मजीद की उस आयात का पालन करते ुए जजसमे अल्ट्ला ने
क ा की उसने “ ज़रत मु म्मद (सo) को सारे ज ाुँ क
े र्लए र मत
बनाया ै” जजसका अथा ै दया और करुणा बनाया ै|
इस पुस्तक को मैं ज़रत मु म्मद (सo) और उनक
े उत्तराधधकारी इमाम
अली (अo) क
े सम्मान में सभी जन मानस क
े र्लए (जो भी पोल्ट्री
उद्योग से जुड़े ैं) मुफ़्त प्रसाररत करता युँ
ज़रत मु म्मद ने फ़रमाया
अपने भाई की मदद करो, िा े वो ज़ार्लम ो या मज़लयम. पयछा गया
की ज़ार्लम की क
ै से मदद करें? आपने फ़रमाया उसक
े ाथ को ज़ुल्ट्म से
रोक कर उसकी मदद करो. तुम ज़मीन वालो पर र म करो आसमान
वाला तुम पर र म करेगा |
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
5 | P a g e
सयिी
S.No Particulars Page No.
1 विश्व और भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग पर एक नज़र - पोल्ट्री फार्मिंग में
संभावनाए; र्वश्व में पोल्ट्री मााँस का उत्पादन; र्वश्व स्तर पर अंडो का उत्पादन; बढ़ती हुई मााँग क
े
र्िए उत्तरदायी कारक; भारत में मौजूद अवसर; भारत में पोल्ट्री फार्मिंग क
े सामने चुनौर्तयााँ;
7
2 मुगी फामम में आिास प्रबंधन - आवासीय बनावट; पैड क
ू र्िंग र्सस्टम; फौर्गंग
और र्मस्स्टंग
10
3 उपकरण - र्ड
रंर्क
ं ग र्सस्टम; पानी क
े ऑटोमॅर्टक उपकरण की प्रणािी; पानी क
े स्रोत और
भंडारण टैंक; फीर्डंग उपकरण; टर्फ फीडर; फीडर की जगह का र्नर्ाारण; हॅंर्गंग हॉपर; हीर्टंग
र्सस्टम तापमान गरम बनाये रखने क
े उपकरण ;
15
4 आिासीय िातािरण - िेंटीलेशन वसस्टम, तापमान, आद्रता
पयााप्त हवा का बहाव बनाए रखना; प्राक
ृ र्तक या खुिा हुआ आवास; मैक
े र्नकि/टनि
वेंटीिेशन; वेंटीिेशन को प्रभार्वत करने वािे कारक; जिवायु; आद्रता (ररिेर्टव ह्युमीडीटी);
शैड में आद्रता का समायोजन; हवा को दूर्ित करने वािी गैसे और पदार्ा; गरम जिवायु; हीट
स्टरैस; वातावरण का तापमान; फामा में रौशनी / प्रकाश/; प्रकाश की आवश्यकता; प्रकाश की
गणना क
े र्िए तार्िका;
19
5 वलट्टर और उसका प्रबंधन - र्िट्टर क
े प्रकार; र्िट्टर क
े मुख्य काम; र्िट्टर प्रबंर्न;
घर्टया र्िट्टर क्वार्िटी क
े कारण; र्िट्टर का बदिना (रेर्क
ं ग); र्िट्टर का टरीटमेंट
28
6 पक्षी प्रबंधन - मुर्गायों की संख्या; फामा में चूज़े आने से पहिे र्कए जाने वािे काम; फामा
में इस्तेमाि होने वािे बतान; र्िट्टर; चूज़ों का प्लेसमेंट; चूज़ों का प्लेसमेंट करते समय बरती जाने
वािी सावर्ार्नयां; चूज़ों की गुणवत्ता; चूज़ों क
े िक्षण और र्वशेिताएं ; ब्रूर्डंग का प्रबंर्न; स्पॉट
ब्रूर्डंग; सतह का तापमान; फीड और पानी; र्नप्पि र्ड
रंकर; पहिे हफ्ते में शारीरक भार; ब्रूर्डंग
की चैक र्िस्ट; पािने क
े चैक पॉइंट्स; फ्लॉक को बेचने क
े समय बरती जाने वािी सावर्ार्नयां;
30
7 प्रबंधन कारक विससे पक्षी की गुणित्ता कम हो िाती है -
मोटेर्िटी या मरे हुए पर्क्षयों का र्नवारण; इन्क्रीनेशन; गड्ढ़े क
े अंदर दबाना; क
ं पोस्स्टंग
42
8 पानी का प्रबंधन - पानी की गुणवत्ता; पानी की pH; पानी में खर्नजों की मात्रा;
बैक्टीररया से ग्रर्सत पानी; पानी का सेवन; पोल्ट्र ी क
े र्िए पानी की गुणवत्ता क
े मापक
44
9 फीड और फीवडंग - पोल्ट्री में फीड की गुणवत्ता; फीड र्वर्भन्न रूपों में बनाया जाता
है; फ
ै ट की गुणवत्ता; फीर्डंग प्रबंर्न; फीडर प्रबंर्न; फीड क
े टाइप
48
10 ब्रॉयलर का पोषण और फीड बनाने का िैज्ञावनक तरीका - फीड
क
े अव्यय; उजाा; प्रोटीन और एर्मनो एर्सड; फ
ै ट (तेि/र्चकनाई); क
ै स्शशयम और फॉस्फोरस;
नमक और सोडा; अन्य अव्यय; उर्ारण: ब्रॉयिर प्री स्टाटार र्जसमे 23% प्रोटीन हो और 3050
Kcal उजाा हो | 1000 र्किो दाना बनाने क
े र्िए; वैन्कोब ब्रीड की पोिण आवश्यकताएं ; िीसन
(Leeson) द्वारा दी गयी ब्रॉयिर पक्षी की पोिण आवश्यकताएं ; वैन्कोब ब्रीड की प्रर्त टन की
र्वटार्मन और र्मनरि आवश्यकताएं ; 5% प्रीर्मक्स का फामूािा;
51
11 मुवगमयों में बीमाररयााँ और उनक
े वनदान – रानीखेत (New Castle
Disease); गम्बोरो (Gumboro); मेरेक्स डीज़ीज़ (Mereck’s Disease) ; फाउि पॉक्स (Fowl
Pox); इन्फ
ै कर्शयस ब्रोंकाइर्टस (Infectious Bronchitis); चूज़ों में इकोिाई (E.coli in
Chicks), मुर्गायों में इकोिाई से होने वािे रोग (E.coli in adult birds); नैकरोर्टक एं टेराईर्टस
(Necrotic Enteritis); गैंगरीनस डमााटाईर्टस (Gangrenous Dermatitis); इन्फ
ै कर्शयस
कोराइज़ा (Infectious Coryza); पुिोरम बीमारी(Pullorum Disease); रोर्नक रेस्स्परेटरी
59
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
6 | P a g e
डीज़ीज़ (Chronic Respiratory Disease - CRD); एस्परर्जिोर्सस (Aspergilosis);
अफ्लाटोक्सीकोर्सस (Aflatoxicosis); गोिक
ृ र्म कीडे (Ascaridia galli); कॉक्सीडीओर्सस
(Coccidiosis); गाउट (Gout); पोिण सम्बन्धी र्बमाररया (Nutritional Disease)
12 मुवगमयों में गवममयों क
े मौसम में हीट स्टरैस प्रबंधन - हीट स्टरैस क
ै से
उत्तपन होती है; गर्मायो में पोल्ट्री फामा में पानी की ज़रूरत और खपत; Electrolyte
Supplementation and Blood Buffers; हीट स्टरैस क
े प्रभाव; गर्मायो में हीट स्टरैस का प्रबंर्न;
82
13 पोल्ट्र ी फामम में अमोवनया क
े दुष्प्रभाि और उसका समाधान -
अमोर्नया की वजह से उत्पादकता पर पडने वािा प्रभाव; अमोर्नया एक प्रार्र्मक कारक क
े
तौर पर
86
14 ब्रॉयलर मुवगमयों में एसाईवटस )Ascites) की समस्या और
उसका समाधान- क्ों होता है ?; Ascites क
े बहारी और पोस्ट मोटेम िक्षण; Ascites
क
े कारक; फीर्डंग की सारणी (Feeding Schedule)
88
15 मुगी पालन में लीिर क
े स्वास्थ का महत्त्व और उसकी देखभाल
- शारीरक उजाा में िीवर का योगदान; फ
ै ट क
े मेटाबोर्िज्म में िीवर का योगदान; िीवर में
प्रोटीन उत्पादन;
93
16 फामम में बायो वसक्यूररटी का तरीका – फ
ू र्मगेशन (fumigation) क्ा है;
फ
ू र्मगेशन क
े तरीक
े ;
96
17 पोस्ट मोटेम 102
वित्र (64 रंगीन वित्र)
18 ध्यान रखने योग्य क
ु छ महत्त्वपूणम पहलू 113
19 ब्रॉयलर पालने की विवध - वदनों क
े वहसाब से )पहले वदन से
लेकर अंत तक)
114
20
बडम बडम फ्लू क्या है और इतना घातक क्यों है ? 117
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
7 | P a g e
1. विश्व और भारत में पोल्ट्री फावमिंग
पर एक नज़र
पोल्ट्र ी फावमिंग में संभािनाए
र्वश्व में और सार् सार् भारत में पोल्ट्री व्यवसाय
बहुत तेज़ी क
े सार् बढ़ रहा है| यह भारतीय GDP
का तकरीबन 0.8% से ज़यादा है, तेज़ी से बढ़ती
हुई जनसंख्या और बढ़ती हुई मााँस प्रोटीन की
मााँग इस व्यवसाय को खास तौर से बढ़ावा दे रही
है| बढ़ती हुई दैर्नक आय और खाने पीने की
तरफ िोगो की रुची भी इस व्यवसाय की उन्नर्त
क
े र्िए र्ज़म्मेदार है|
 पोल्ट्री से हमे अंडे और मााँस र्मिता है|
यह अनुमान है की र्वश्व में पोल्ट्री मााँस की
मााँग 2022 (2013 की तुिना में) तक 47%
तक बढ़ जाएगी, इससे यह पता चिता है
की पोल्ट्री फार्मिंग में आने वािे समय में
असीम संभावनाए उपिब्ध हैं|
 सन 2016 में टाइम्स ऑफ इंर्डया क
े
सवेक्षण क
े अनुसार भारत की िगभग
70% आबादी (15 विा से अर्र्क आयु
वािे) मााँसाहारी है, और इस बात का
सबूत देश में तेज़ी से बढ़ता हुआ मााँस का
व्यवसाय है, र्जसमे पोल्ट्री का एक खास
योगदान है और र्ीरे र्ीरे नौन-वेज की
तरफ बढ़ता हुआ चिन पोल्ट्री क्षेत्र की
उन्नर्त क
े र्िए मुख्य रूप से िाभकारी है|
 ब्रॉयिर पक्षी मााँस क
े र्िए पािे जाते हैं
र्जसका उत्पादन देश में 8% प्रर्त विा क
े
र्हसाब से बढ़ रहा है| िोगो की बढ़ती
हुई आय और खाने पीने में अर्र्क
प्रोटीन की मात्रा को सस्म्मर्ित करने क
े
र्िए िोगो का खास रुझान पोल्ट्री से
प्राप्त होने वािे उत्पादो जैसे ब्रॉयिर
मााँस और अंडे पर है|
 परंतु भारत में अभी भी र्वश्व स्तरीय
टैकनोिौजी की कमी है र्जसकी वजह से
यहााँ उत्पादन और देशो से महेंगा पडता
है, सार् ही बीमाररयो की बहुतायत, फीड
क
े अत्यार्र्क मूल्य, बढ़ता हुआ इंटेग्रेशन,
र्वपणन क
े बूंयार्द ढााँचे की कमी,
उत्पादन में क्षेत्रीय असंतुिन भी र्चंता का
र्विय है|
विश्व में पोल्ट्र ी मााँस का उत्पादन (वित्र AA)
र्वश्व में पोल्ट्री मााँस का उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा
है| 2011 में िगभग 10.1 करोड टन पोल्ट्री मााँस
का उत्पादन हुआ जो बढ़कर 2013 में 10.8
करोड टन हो गया| मुगाा मुख्य पोल्ट्री पक्षी है
परंतु भारत में बत्तख, टकी और कहीं कहीं एमू
का भी चिन है| लगभग 87% पोल्ट्र ी मााँस में
मुगे का योगदान है| इसी तरह अंडो का
उत्पादन भी िगातार बढ़ रहा है| यर्द रेबो बैंक
की वेर्श्वक रैंर्क
ं ग क
े आर्ार पर देखा जाए तो
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
8 | P a g e
र्वश्व की सबसे बडी पोल्ट्री उत्पादन की क
ं पर्नयााँ
टायसन फ
ू डस, जबीएस र्पिर्ग्रम्स और मर्
ृ ीग
हैं|
विश्व स्तर पर अंडो का उत्पादन (वित्र AB)
र्पछिे दशक में (सन 2000 से 2012 तक) अंडो
का उत्पादन 28.4% तक बढ़ा जो की 2.4% की
वार्िाक वृर्र् को दशााता है| र्सर्
ा 2012 में ही
12,300 हज़ार करोड अंडो का उत्पादन हुआ, जो
630 करोड मुर्गायों से प्राप्त हुए| इसी तरह अंडा
सेवन में र्वश्व स्तर पर कार्ी बढ़ोहतरी हुई, जो
खपत 1960 में 2 करोड टन र्ी वो 1990 में 40
करोड टन और 2010 में 6.3 करोड टन हो गयी|
2010 में नीदरिंड, स्पेन, जमानी और चाइना अंडो
क
े सबसे बडे र्नयाातक रहे और अमरीका, मध्य
एर्शया और गल्फ क
े देश और क
ु छ यूरोर्पयन
देश अंडो क
े सबसे बडे आयातक रहे|
बढ़ती हुई मााँग क
े वलए उत्तरदायी कारक
 मानव आहार में पशु उत्पादों का बढ़ता
र्हस्सा
 आय वृस्ि और आर्र्ाक समृस्ि
 जनसंख्या वृस्ि: 2050 में 9.5 अरब तक
पहुंचने की उम्मीद है
 बढ़ता हुआ शहरीकरण
 बढ़ता हुआ पोल्ट्री व्यापार
 स्वास्थ्य और पोिण: पोल्ट्री मांस में वसा
की मात्रा कम होती है
 प्रोटीन क
े एक स्रोत क
े रूप में, अन्य
प्रोटीन की तुिना में मुगी उत्पाद कम
कीमत में अर्र्क पोर्िक होते हैं|
भारत में मौिूद अिसर
भारत दुर्नया मे एक ऐसा देश है जो यूरोर्पयन
संघ क
े देशो को Non-GMO पोल्ट्री उत्पाद
र्नयाात कर सकता है, भारत की जिवायु मुगी
पािन क
े र्िए र्बिक
ु ि उपयुक्त है जहााँ कम
पैसो में अच्छा उत्पादन मुमर्कन है, कम िागत
में िेबर उपिब्ध है, फीड बनाने की सामग्री
स्र्ानीय स्तर पर उपिब्ध है, बढ़ती हुई आए,
बढ़ती हुई जनसंख्या पोल्ट्री व्यवसाय को गती दे
रहे हैं|
भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग क
े सामने िुनौवतयााँ
 बढ़ते हुए फीड क
े दाम और बनाने की
िागत नयी नयी उभरती हुई मुर्गायों की
बीमाररया
 उत्पादन में क्षेत्रीय असंतुिन - कम
उत्पादन
 घटता हुआ िघु स्क
े ि पोल्ट्री का र्हस्सा
 बेहद खराब पोल्ट्री माक
े र्टंग
इनफ्रास्टरक्चर
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
9 | P a g e
 घरेिू बाजारों में संसार्र्त पोल्ट्री उत्पादों
की सीर्मत स्वीक
ृ र्त
कोरोना काि क
े बाद मीट मार्क
ा ट में काफी
बदिाव आये हैं जैसे आमदनी कम होने क
े
कारण र्डमांड पर असर पडा है| कई बडे
इंटीग्रेटरस ने उत्पादन कम कर र्दया और
फीड र्मि मार्िको ने उर्ार देना बंद कर
र्दया र्जससे सप्लाई चैन पर गहरा असर
पडा है| मक्का क
े दाम जो र्पछिे सािों में
18 क
े पार चिे गए र्े वो र्डमांड न होने क
े
कारण र्फर 11-12 रूपए प्रर्त र्किो पर आ
गए हैं| अब जैसे जैसे र्डमांड सामान्य होगी
वैसे वैसे उत्पादन रफ़्तार पकडेगा | िेर्कन
एक बात तो तय है की पोल्ट्री उद्योग अपने
र्पछिे बुरे समय से र्नकि आया है र्ीरे र्ीरे
ही सही यह स्स्र्रता की ओर अग्रसर है और
िम्बे समय तक यह स्स्र्रता बनी रहने की
आशा है| स्वतंत्र फामार जो चूज़ा डायरेक्ट
मार्क
ा ट से िेता है उसे यह चार्हए इस दौर में
20 रूपए से अर्र्क का चूज़ा न खरीदे
अर्ाात जब चूज़ा महंगा हो तब फार्मिंग न
करे|
यर्द इस आर्र्ाक सहयोग तर्ा र्वकास संगठन (OECD) आउटिुक को देखें को तो पोल्ट्री मांस उत्पादन
और खपत में भारत की स्स्र्र्त का अंदाज़ा िगाया जा सकता है|
- इकनोर्मक टाइम्स
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
10 | P a g e
2. मुगी फामा में आवास प्रबिंधन
पोल्ट्री फार्मिंग में शैड की बनावट और आवास
की जगह का खास महत्व है | यह मुर्गायों को एक
खास वातावरण प्रदान करता है र्जसमे उनपर
कम से कम तनाव (स्टरैस) पडता है र्जससे वो
अर्र्क क्षमता से उत्पादन कर पाती हैं, सब
मुर्गायों का एक जैसा वज़न होता है और
बीमाररयााँ भी कम फ
ै िती हैं|
भारतीय मूि में उष्ण कर्टबंर्ीय जिवायु पाई
जाती है र्जसमे 12 में से 8 महीने में गरम और
शुष्क वातावरण रहता है और क
ु छ समय तो गमी
क
े सार् सार् आद्रता भी रहती है | उत्तर पर्िमी
और उत्तरी इिाको में कम से कम 4 से 5 महीने
ठण्ड क
े मौसम में तापमान कार्ी कम रहता है |
दर्क्षण भारत में ठं ड का मौसम नही होता परंतु
रात को कभी कभी तापमान कार्ी र्गर जाता
है| ऐसे में र्कसी एक तरह की आवासीय बनावट
सुझाना कार्ी मुस्िि हो जाता है | इसर्िए
आवास बनाने हेतु क
ु छ र्सर्ान्तो को समझना
आवश्यक होता है र्जनका उपयोग करक
े र्कसी
भी वातावरण में मुर्गायों क
े र्िए आवास बनाया
जा सकता है|
इस अध्याय में हम ऐसी आिासीय प्रणाली को
देखेंगे िो हर तरह क
े िातािरण और िलिायु
में कारगर वसद्ध हो | ये वसधांत वनम्न हैं|
1. मुगी फामा का स्र्ान ऐसा होना चार्हए जो
सूखा हो और जहााँ पानी ना भरता हो और
सार् ही हवा का भी पयााप्त बहाव मौजूद हो |
2. आवास सभी मौसमो में आरामदायक
वातावरण, र्कफायती, और मज़बूत होना
चार्हए |
3. फामा की िंबाई पूरब - पविम वदशा में होनी
चार्हए र्जससे सूया की सीर्ी र्करने फामा में
ना आ पायें|
4. शैड की छत पयााप्त रूप से बाहर र्नकिी
हुई होनी चार्हए र्जससे सीर्ी बाररश अंदर
ना आ सक
े | इसे अमूमन 0.60 - 0.91
मीटर बहार र्नकाि कर रखा जाता है |
5. छत र्जस मेटीररयि की िगाए वो
तापरोधक होना चार्हए, और जो आवास
पेडो की छाए में िगाए जाते हैं वो अर्र्क
अनुक
ू ि होते हैं | आस पास पेड िगाये जा
सकते हैं ऐसे में र्बमाररयां कम फ
ै िती हैं |
6. एक तजुबे क
े अनुसार टीन की चादर की
जगह एसबेस्टॉस (पत्थर) की चादर ज़्यादा
िाभकारी होती है, क्ूंकी ठं ड क
े मौसम में
टीन ओस क
े कारण टपकने िगता है और
गमी में अत्यार्र्क गरम हो जाता है|
7. शैड की साइड वाि 6.5 से 7 फीट और
बीच की उाँचाई 9.5 से 10 फीट तक होनी
चार्हए| साइड वाि में 1 - 1.5 फीट की
दीवार और बाकी िोहे की जािी होनी
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
11 | P a g e
चार्हए| आज कि गैल्वेनाइज्ड आयरन की
जार्ियां आने िगी हैं र्जनपर ज़ींक की परत
भी होती है इनमे जंक नहीं िगता और
अर्र्क समय तक चिती हैं |
8. िाइट क
े र्िए पयााप्त दू री पर CFL या कम
पावर क
े बल्ब िगाने चार्हए. फामा में र्वर्भन
स्स्र्र्तयों में र्वर्भन्न रौशनी की आवश्यकता
होती है | अमूमन शुरू में पहिे से सातवे
र्दन तक 30 िक्स की रौशनी बताई जाती है
उसक
े बाद 5 से 10 िक्स काफी होती है |
1000 sqft में 30 िक्स रौशनी करने क
े र्िए
12 वाट की 6 CFL या 40 वाट क
े 6 बल्ब
काफी होते हैं|
9. फामा की िौडाई 30 फीट से अवधक नही
होनी िावहए और यर्द इससे अर्र्क चौडाई
रखनी हो तो उपर की तरफ ओपन स्िट
रखनी चार्हए|
10. वेंटीिेशन का र्नयंत्रण पर्क्षयों क
े वातावरण
को र्नयंर्त्रत करने का सबसे महत्वपूणा
र्सिांत है| पयााप्त वेंटीिेशन से पर्क्षयों को
अच्छी गुणवत्ता की हवा प्रदान की जाती
है| ऑक्सीजन से भरपूर हवा मुर्गायों क
े र्िए
हर आयु में अत्यंत आवश्यक होती है|
11. अक्सर िोग इस बात को नजरअंदाज कर
देते हैं परंतु हवा, पानी और दाने र्जतनी ही
जरूरी है | और पर्क्षयों से पूणा िाभ हार्सि
करने क
े र्िए उन्हें अच्छी गुणवत्ता वािी हवा
प्रदान करना बहुत जरूरी होता है|
12. वेंटीिेशन का मतिब यह र्बल्क
ु ि नहीं होता
की हवा क
े सीर्े झोंक
े फामा में आने िगे
बस्ल्क वेंटीिेशन का मतिब फामा में से
खराब हवा को बाहर र्नकािकर स्वच्छ हवा
को अंदर िाना होता है इसक
े र्िए उपयुक्त
काया करने पडते हैं जैसे एग्जॉस्ट फ
ै न िगाना
या परदे हटाना आर्द फामा की चौडाई भी
इसी र्नयम पर आर्ाररत है | 30 फीट से
अर्र्क चौडे फामा में हवा र्नकिनी मुस्िि
हो जाती है| सबसे सेफ चौडाई 26 से 28
फीट की होती है|
13. एक और महत्वपूणा बात को ध्यान में रखना
चार्हए वह यह र्क यर्द फॉमा में गैस
क
े ब्रूडर या बुखारी का इस्तेमाि हो रहा है
तो वह भी हवा में मौजूद ऑक्सीजन का
इस्तेमाि करते हैं इससे ऑक्सीजन और कम
हो जाती है तो ऐसी स्स्र्र्त में वेंटीिेशन
बनाना और भी अर्नवाया हो जाता है|
14. ज़्यादा गरम और आद्रता वािे इिाको में
चौडाई 20 फीट तक ही होनी चार्हए|
15. फामा की िंबाई र्कतनी भी रखी जा सकती
है| आम तौर पर एक फामा में 10,000 से
अर्र्क मुर्गायां नहीं राखी जाती इसर्िए यर्द
फामा की चौडाई 30 फीट है तो उसकी
िम्बाई 335 फीट होती है|
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12 | P a g e
16. शैड में मौजूद जगह का अनुमार्नत रूप से
बाडो र्वभाजन कर देना चार्हए और हर बाडे
में 600 से 700 मुर्गायां रखें| बाडे क
े र्वभाजन
की ऊ
ाँ चाई 1.5 फ
ू ट तक रखी जाती है जो
की जािी का बनाया जा सकता है|
17. फामा का फशा पक्का होना चार्हए इसे
मज़बूत कॉंरीट से बनाए या ईंट क
े खडंजे
पर सीमेंट से फशा बना दें| कच्चे फशा में चूहे,
छचुंदर र्बि बना िेते हैं र्जससे नेविे या
सांप फामा में आ जाते हैं और नुकसान करते
हैं |
18. पानी का प्रबंर्न ऑटोमॅर्टक प्रणािी क
े
तहत करना चार्हए र्जसकी टंकी फामा क
े
अंदर या र्कसी छायेदार जगह पर होनी
चार्हए|
19. र्नप्पि र्ड
रंकर र्सस्टम क
े भी कार्ी फायदे
होते हािााँर्क इसका शुरुआती खचा अर्र्क
होता है | तो छोटे फामा में शुरुआत में क
े वि
बैि र्ड
रंकर िगाने चार्हए |
20. शैड में या आस पास फीड, दवाई और अन्य
उपकरण रखने की पयााप्त जगह होनी
चार्हए |
21. पानी की सप्लाइ क
े र्िए समर र्सबि या बोर
वेि का इंतेज़ाम ज़रूरी होता है | पानी क
े
मापदंड इस पुस्तक में आगे र्दए गए हैं |
22. हवा क
े बहाव को बढ़ाने क
े र्िए वेंर्टिेटर
और बडे पंखे भी िगाने पडते हैं और एक
फामा में यर्द 3000 हज़ार से अर्र्क मुर्गायां
हो तो 1 बडा पंखा प्रत्येक 2000 मुगी पर
िगाना चार्हए |
23. यह शैड आबादी से कम से कम 500 मीटर
दू र होना चार्हए, इससे फामा की दुगिंर् आस
पास क
े रहने वािो को परेशान नही करेगी |
24. फामा ऐसी िोक
े शन पर होना चार्हए जहााँ
सही रोड मौजूद हो और माि िाया और िे
जाया सक
े | गड्ढ़े वािी और उबड खाबड
रोड पर बरसात में पानी भर जाता है र्जससे
चूज़े िाते समय या तैयार माि बेचते समय
काफी परेशार्नया आ सकती है और
मोटेर्िटी हो जाती है |
25. यर्द दो शैड सार् में बनाने पडे तो उन दोनो
क
े बीच की दू री फामा की चौडाई से दुगनी
होनी चार्हए| जैसे फामा की चौडाई 30 फीट
है तो दो फमो क
े बीच की चौडाई 60 फीट
होनी चार्हए इससे र्बमारी फ
ै िेने क
े अवसर
बहुत कम हो जाते हैं | यह दू री बायो
र्सक्ूररटी क
े र्सर्ान्तो में से एक र्सर्ांत है |
हािााँर्क कई िोग जगह की कमी होने क
े
कारण इस र्नयम का पािन नहीं करते और
नुकसान उठाते हैं, उन्हें पता भी नहीं चि
पाता की उनक
े यहााँ बीमारी या कम उत्पादन
की र्दक्कत फामा की अनुर्चत बनावट की
वजह से होती है |
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13 | P a g e
26. फामा की दीवारो पर चूने की पुताई बीमाररयो
क
े प्रकोप से बचाने में मदद करती है|
आिासीय बनािट
भारत में अर्र्कतर र्कसान छोटे फामा िगाते हैं
र्जनमे मुर्गायों की संख्या 2,000 से िेकर
10,000 तक होती है | यह फॉमा कम िागत से
बनाए जाते हैं इसर्िए इनमें र्नयंर्त्रत वातावरण
स्र्ार्पत करना संभव नहीं होता क्ोंर्क वह खचे
को अत्यार्र्क बढ़ा देता है और उससे कोई
अर्तररक्त िाभ भी नहीं र्मिता | अर्र्कतर फॉमा
प्राक
ृ र्तक वेंटीिेशन पर आर्ाररत होते हैं और
दोनों तरफ से खुिे रहते हैं |
प्राक
ृ र्तक वेंटीिेशन का मतिब फामा दोनों तरफ
से खुिा रहता है पर उस पर एक िोहे की जािी
िगा दी जाती है| र्जस पर जरूरत क
े र्हसाब से
पदे टांगे जाते हैं| ऐसी बनावट में प्राक
ृ र्तक हवा
का एक भाव बना रहता है यर्द अंदर
आवश्यकता से अर्र्क गमा हो जाता है तो परदे
हटा र्दया जाते हैं और ठं ड क
े मौसम में पदों को
डाि कर रखा जाता है|
ऐसे आवासों में 24 घंटे प्रबंर्न व्यवस्र्ा को देखते
रहना पडता है और जरूरत पडने पर उसे
र्नयंर्त्रत करना पडता है| क्ोंर्क जैसे-जैसे
तापमान बढ़ता है या घटता है उसक
े र्हसाब से
पदों को भी ठीक करना पडता है| क
ु छ िोग
परदे डाि कर एग्जॉस्ट फ
ै न िगा देते हैं और बार
बार पदे उठाने और र्गराने की आवश्यकता नहीं
पडती| यह भारत में एक कारगर तरीका सार्बत
हुआ है|
फामा और फामा क
े बाहर क
े वातावरण में हवा
का र्वर्नयम इस बात पर र्नभार करता है र्क
बाहर क
ै सी हवा है| पंखा िगाने से फॉमा क
े अंदर
हवा का बहाव बढ़ाया जाता है| क
ु छ फामों में
आजकि पंखो क
े सार् सार् फोगसा और छोटे
फ
ु व्वारे भी िगाए जाते हैं जो अर्तररक्त ठं डक
प्रदान करते हैं| कभी भी एक िोक
े शन पर एक
से अर्र्क आयु क
े बड्ास नहीं रखने चार्हए
िेखक का अनुभव है की ऐसे फामो में बीमाररयााँ
हमेशा बनी रहती हैं और समय बीतने क
े सार्
30 feet
6 - 7 feet
10 - 11 feet
1 feet wall
5 - 6 feet
wire mash
Asbestos
Sheet
2 feet edge
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14 | P a g e
सार् उनमे नुकसान भी बढ़ते जाते हैं और अंत में
फामा बंद करने पद जाते हैं| एक आयु से अर्र्क
का मतिब है र्क आस पास शेड बना कर एक
शेड में दो हफ्ते की आयु की मुगी पि रही हो
और दू सरे शेड में एक हफ्ते की आयु क
े चूज़े हों|
पैड क
ू वलंग वसस्टम
यह र्सस्टम हवा को गीिे सेल्यूिोस पैड क
े अंदर
से खींचता है र्जससे हवा ठं डी होकर फामा क
े
अंदर आती है जैसा र्क र्चत्र में दशााया गया
है| यह पैड फामा क
े अंर्तम भाग पर िगाए जाते
हैं और दू सरे भाग पर पंखे िगाए जाते हैं इन
पंखों की र्दशा बाहर की तरफ होती है तो जब
यह पंखे चिते हैं तो यह फॉमा में से हवा को
बाहर खींचते हैं र्जस से दू सरी तरफ से हवा ठं डी
हो कर अंदर आती रहती है| इस तकनीक का
र्सिांत र्बल्क
ु ि हमारे घरों में मौजूद क
ू िरों जैसा
है|
फौवगंग और वमस्स्टंग
गमी से बचने क
े र्िए मुगी फामा में कभी कभी
फौर्गंग र्सस्टम िगाया जाता है | र्जससे पूरे
फामा में पानी की एक फ
ु हार छोडी जाती है और
वातावरण को ठं डा र्कया जाता है| भारत में उन
जगहों पर जहां पर आद्रता कम होती है या
आद्रता र्जस मौसम में नहीं होती उसमें
फोगसा का इस्तेमाि र्कया जाता है |
 सबसे बडा आवदल )इंसाफ करने िाला) िो है िो
अपने वलए िो पसंद है दू सरों क
े वलए भी पसंद करे
और िो अपने वलए ना-पसंद करता हो दू सरों क
े
वलए भी ना-पसंद रखे|
 अच्छा बतामि अपने पररिार क
े लोगो से शुरू करो
हज़रत मुहम्मद )सo)
3. उपकरण
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15 | P a g e
डरिंककिं ग र्सस्टम (पानी क
े ऑटोमॅहटक
उपकरण की प्रणाली)
बैल वड
रंकर - ओपन वड
रंवक
ं ग वसस्टम )वित्र
BA)
1. पहिे र्दन से दसवे र्दन तक प्रत्येक 1000
चूज़ो पर कम से कम 16 से 20 र्मनी र्चक
र्ड
रंकर या 40cm व्यास वािे 6 बैि र्ड
रंकर
िगाने चार्हए और यर्द गमी अर्र्क हो तो
सार् में 6 र्मनी र्चक र्ड
रंकर भी िगा दें
2. जैसे जैसे ब्रॉयिर बडे होते हैं वैसे वैसे पुराने
र्चक र्ड
रंकर को बैि र्ड
रंकर से बदिना
पडता है, प्रत्येक 70 ब्रॉयिर पर 1 बैि
र्ड
रंकर िगाया जाता है.
3. ये उपकरण उर्चत दू री पर िगाने चार्हए,
र्जससे मुगी को पानी पीने क
े र्िए 8 फीट से
अवधक ना िलना पडे
4. इन र्ड
रंकसा की उाँचाई को रोज़ देखना
चार्हए, और उाँचाई ऐसी होनी चार्हए र्जसमे
र्ड
रंकर की तिी मुगी की पीठ क
े बराबर हो.
इससे पानी बीट से गंदा नही होता और
स्वच्छता बनी रहेगी|
5. पानी का सही स्तर बनाकर रखना पडता है
नही तो पानी र्ड
रंकर से छिक कर बहार आ
जाता है और र्िट्टर को गीिा करक
े बीमारी
फ
ै िता है.
6. र्ड
रंकसा को रोज़ाना या हफ्ते में कम से कम
तीन बार र्कसी अच्छे सॅर्नटाइज़र से साफ
करना चार्हए, और टीकाकरण वािे र्दन
सॅर्नटाइज़र को नही इस्तेमाि करना चार्हए.
वनप्पल वडरंवक
ं ग वसस्टम - क्लोज़्ड वडरंवक
ं ग
वसस्टम )वित्र BB)
1. र्नप्पि र्ड
रंर्क
ं ग र्सस्टम बैि र्ड
रंर्क
ं ग से अच्छे
होते है क्ूंर्क इसमे पानी का संरमण सबसे
कम होता है, पानी बबााद नही होता, पानी
बहार र्िट्टर पर नही र्बखरता और रोज़ रोज़
पाइप और र्नप्पि को साफ करने की
ज़रूरत नही पडती.
2. र्नप्पि को चूज़ो की उाँचाई पर र्फट करना
पडता है और र्नयर्मत पानी का दबाव बना
कर रखना पडता है.
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16 | P a g e
3. इसक
े र्िए ऐसा र्हसाब बनाना पडता है
र्जससे चूज़े क
े पैर ज़मीन पर सीर्े रहें और
चोंच आसानी से र्नप्पि क
े पॉइंट पर पहुाँच
जाये | इसक
े र्िए ज़मीन की सतह और चूज़े
की पीठ क
े बीच 35° से 45° का कोण बनता
है |
4. एक र्नप्पि 10 से 12 मुर्गायों क
े र्िए कार्ी
रहता है.
5. इस बात का ध्यान रखना चार्हए की सभी
र्नप्पि सही से काम कर रहे हो.
6. र्नप्पि की पाइप िाइन की संख्या इस बात
पर र्नभार करती है की फामा की चौडाई
र्कतनी है और मुर्गायों की संख्या र्कतनी है.
7. िेर्कन आमतौर पर हर 10 फीट पर एक
िाइन िगाई जाती है.
पानी स्रोत और भंडारण टैंक
पानी को अमूमन बोर वैि, खुिे क
ु एाँ से या नहर
से प्राप्त र्कया जाता है| नहर या दरया क
े पानी
को पहिे अच्छे से साफ करना पडता है| टैंक क
े
साइज़ का र्नर्ाारण पानी की क
ु ि मााँग क
े र्हसाब
से र्कया जाता है| र्वर्भन्न ज़रूरते जैसे पीने क
े
र्िए पानी, साफ सफाई क
े र्िए, फॉगसा क
े र्िए,
फामा क
े बहार गार्डयो क
े पर्हए और पैर को
दवाई क
े पानी में र्ोने क
े र्िए आर्द|
एक बडा टैंक होने क
े सार् सार् क
ु छ छोटे टैंक
भी होने चार्हए र्जनसे हर एक शैड की 24 घंटे
क
े पानी की आपूर्ता की जा सक
े , यर्द दो टैंक
रखें जाएाँ तो रोज़ाना साफ सफाई में आसानी
रहती है|
फीवडंग उपकरण
हार् से भरे जाने वािे िाइन फीडर या िटकाने
वािे फीडर या और र्कसी तरह क
े भी फीडर हो
पर सबसे महत्वपूणा बात फीडर में पयााप्त जगह
की है| यर्द मुगी को खाने क
े र्िए पयााप्त जगह
नही र्मिती तो उसकी वृस्िदर कम हो जाती है
और फ्लॉक में असमानता बढ़ती है| फीड हमेशा
मुगी की पहुाँच में होना चार्हए र्जससे वो उतना
फीड खा िे र्जतना हमारा िक्षय होता है| यर्द
ऐसा होता है तभी मुर्गायां उस वज़न को पहुाँच
पाती है र्जसक
े र्िए उन्हे पािा जाता है|
टर्फ फीडर )वित्र BC)
प्रत्येक 1000 मुर्गायों क
े र्िए 25 से 30 टर्फ
फीडर की आवश्यकता होती है र्जनमे प्रत्येक
की िंबाई 5 फीट या 1.5 मीटर होती है| इस
फीडर क
े उपर एक जािी र्फट की जाती है
र्जसमे से मुगी अपनी गदान डाि कर दाना खाती
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17 | P a g e
है, जैसे जैसे मुगी की आयु बढ़ती है इसकी उाँचाई
भी बढ़ायी जाती है र्जससे फीड र्िट्टर क
े पडने
गंदा नही होता|
फीडर की िगह का वनधामरण
 1 से 14 र्दन क
े चूज़ो क
े र्िए – 2 इंच या
5 सेंटीमीटर प्रत्येक चूज़ा
 15 से 35 र्दन की मुर्गायों क
े र्िए - 3
इंच या 7.5सेंटीमीटर प्रत्येक मुगी
 36 र्दन से बेचने क
े र्दन तक - 4 इंच या
10 सेंटीमीटर प्रत्येक मुगी
जब मुगी क
े र्िए फीडर में जगह का र्नर्ाारण
करें तो फीडर की दोनो साइड की िंबाई को
र्गनना चार्हए.
हंवगंग हॉपर )वित्र BD)
हॅंर्गंग फीडर प्लास्स्टक क
े बने हुए फीडर होते हैं
जो अिग अिग क्षमता में र्मिते हैं इनका साइज़
5 से 12kg तक होता है| ये फीडर दू सरे हफ्ते से
अंत तक िगाए जाते है, एक हॅंर्गंग फीडर 50
मुर्गायों क
े र्िए कार्ी होता है| चूज़ो को फीडर
की प्लेट में दाना र्दया जाता है|
हीवटंग वसस्टम )तापमान गरम बनाए रखने
क
े उपकरण)
मुर्गायों की उत्त्तम उत्पादकता बनाए रखने क
े
र्िए उर्चत तापमान का होना बहुत ज़रूरी होता
है, तापमान का उपर नीचे होना मुर्गायों क
े स्वास्र्
क
े र्िए हार्नकारक होता है क्ूंकी उससे मुर्गायों
पर कार्ी स्टरैस पडती है| इसीर्िए तापमान को
बनाए रखने क
े र्िए र्वर्भन्न उपकरण आते हैं|
ताप क
े स्रोत
1. र्बजिी से होने वािी ब्रूर्डंग
2. गॅस से होने वािी ब्रूर्डंग
3. कोयिे से होने वािी ब्रूर्डंग
मौसम, जगह और फामा की बनावट को ध्यान में
रखते हुए अिग अिग र्कस्म की ब्रूर्डंग होती है|
• सवदमयो में - फामा क
े एक र्तहाई र्हस्से में
ब्रूर्डंग होनी चार्हए
• गवममयों में - फामा क
े आर्े र्हस्से में ब्रूर्डंग होनी
चार्हए
ये बात सही है की ताप को बना क
े रखना चार्हए
परंतु इसक
े र्िए हवा क
े बहाव (वेंटीिेशन) से
समझोता नही करना चार्हए| इस बात को ध्यान
में रखते हुए की ब्रॉयिर चूज़े बहुत तेज़ी से बढ़ते
हैं, इसका खास ध्यान रखना चार्हए की फामा में
उर्चत हवा का बहाव बना रहे र्जससे चूज़ो को
हार्नकारक गैसो से रहात र्मिे और भरपूर
ऑस्क्सजन र्मिती रहे| तापमान को मापने क
े
र्िए फामा में चूज़ो की उाँचाई पर रूम र्माामीटर
िगाकर रखना चार्हए|
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18 | P a g e
गैस ब्रूवडंग
र्बजिी या कोयिे से चिने वािे ब्रूडर क
े
बर्नज़बत एि.पी.जी द्वारा चिने वािे ब्रूडर सबसे
उपयुक्त और एक सा ताप पैदा करते हैं| रेर्डयंट
गैस ब्रूडर ऐसा ताप पैदा करते हैं जो चूज़ो क
े
र्िए आरामदायक होता है| इससे ग्रोर् सही से
होती है और वज़न भी तेज़ी से बढ़ता है| इन
ब्रूड
र्स को क
ें द्रीय संचािक से क
ं टरोि र्कया जा
सकता है या र्फर हर एक ब्रूडर को अिग अिग
भी संचार्ित र्कया जा सकता है| इस बात का
ध्यान रखें की ब्रूर्डंग र्सस्टम में तापमान र्नयंत्रक
िगा होना चार्हए| इससे उजाा भी बचती है और
उपयुक्त तापमान भी बना रहता है|
इंफ़्रा रेड रेवडयंट ब्रूडर
यह 90cm से 130cm तक की उाँचाई पर िगाया
जाता है| र्कतने ब्रूडर चार्हए और क
ै से िगने हैं
ये बात उनकी बनावट, आकार और उजाा की
खपत पर र्नभार करती है इसर्िए सप्लाइयर क
े
स्पेर्सर्फक
े शन ज़रूर देखें| ये भी ज़रूरी है की
आपक
े ब्रूडर पर उजाा खपत BTU या KW में दजा
हो, और गैस का पररचािन दाब भी र्िखा हो|
हमेशा अच्छी क्वार्िटी क
े ब्रूडर ही िगाने चार्हए|
चूज़ो क
े आने से पहिे यह सुर्नर्ित कर िें की
आवश्यकता अनुसार भरे हुए र्सिेंडर आपक
े
पास मौजूद हैं| पहिे र्दन तापमान को 32 से 34
र्डग्री सेस्ियस तक रखें| यह तापमान गैस ब्रूडर
में िगे संवेदक से र्नयंर्त्रत हो जाता है|
 िो वकसी अंधे व्यस्ि को 40 कदम िलने में मदद
करता है तो उसक
े सारे वपछले गुनाह माफ़ हो
िायेंगे
 व्यस्ि क
े 3 वपता होते हैं – एक स्वंय का वपता, एक
पत्नी का वपता और तीसरा िो िो व्यस्ि को पढ़ाये
 यतीम )विसक
े वपता मर गए हों) क
े वलए रहम वदल
बाप की तरह बनो और ये यकीन रखो िैसा बोओगे
िैसा काटोगे|
- हज़रत मुहम्मद )सo)
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
19 | P a g e
4. आिासीय िातािरण - िेंटीलेशन
वसस्टम, तापमान, आद्रता
)पयामप्त हिा का बहाि बनाए रखना)
असरदार और र्कफायती वेंटीिेशन र्सस्टम
बनाने क
े र्िए एक उपयुक्त और र्नयंर्त्रत
र्सस्टम की आवश्यकता होती है र्जसका
र्डज़ाइन वैज्ञार्नक रूप से बनाया गया हो| अच्छे
वेंटीिेशन का मतिब है अच्छी गुणवत्ता की हवा,
हरेक फामा में अिग वेंटीिेशन होना चार्हए एक
र्मर्नमम वेंटीिेशन और दू सरा गर्मायो क
े र्िए|
इससे 3 मुद्दे हि होते हैं
 पयााप्त ऑस्क्सजन र्मिती है
 आद्रता पर र्नयंत्रण रखा जाता है
 र्िट्टर की गुणवत्ता बनी रहती है
पोल्ट्र ी फावमिंग में पहले की तुलना में
िेंटीलेशन की ज़रूरत अब ज़्यादा हो गयी है,
क्यूंकी तेज़ी से बढ़ते हुए ब्रॉयलर की
ऑस्ििन वडमांड 3 गुना तक बढ़ गयी है|
गर्मायो में हमे उत्पादन में कमी नज़र आने िगती
है, र्जसका कारण भी खराब वेंटीिेशन होता है|
इसर्िए हमे सस्ते से सस्ते तरीको से हवा क
े
बहाव को बढ़ाना चार्हए| भारतीय पररस्स्र्र्तयो में
शैड की बनावट बहुत बडा योगदान देती है
इसर्िए, फामा की उाँचाई और चौडाई का खास
ध्यान रखना चार्हए|
हमे क्यूाँ उवित िेंटीलेशन बना कर रखना
िावहए
 ताज़ी हवा का बहाव बना कर रखना चार्हये
र्जससे मुर्गायों को पयााप्त ऑस्क्सजन र्मिती
रहे
 खराब और हार्नकारक गैसो जैसे अमोर्नया,
काबान डाई ऑक्साइड, र्ूि आर्द को बाहर
र्नकािने क
े र्िए
 उर्चत तापमान और आद्रता बनाए रखने क
े
र्िए
 बीमारी पैदा करने वािे कीटाणु और
जीवाणुओ को बहार र्नकािने क
े र्िए
 र्िट्टर की अच्छी गुणवत्ता बनाने क
े र्िए
 र्बना ग्रोर् पर असर डािे फामा में और
अर्र्क मुर्गायां रखी जा सक
े
प्राक
ृ वतक या खुला हुआ आिास
जैसा की आवासीय बनावट वािे अध्याय में पहिे
भी बताया जा चुका है की भारतीय जिवायु
पररस्स्र्र्तयों में दोनो तरफ से खुिे हुए शैड
सबसे अर्र्क प्रर्चर्ित हैं| इनमे तापमान पदो क
े
ज़ररए से र्नयंर्त्रत र्कया जाता है| मौसम क
े
र्हसाब से पदो की आवश्यकता, हीटर या ब्रूडर
का होना तापमान क
े बढ़ाने क
े र्िए ज़रूरी हो
जाता है| दू सरी तरफ गमी क
े मौसम में पंखे,
फ
ु व्वारे, फॉगसा आर्द तापमान को घटाने क
े र्िए
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
20 | P a g e
इस्तेमाि होते हैं | गमी में छत पर फ
ू स भी रखी
जा सकती है और साइड की जािी में र्दन क
े
समय सूत क
े बोरे र्भगो कर टााँगे जा सकते हैं.
मैक
े वनकल / टनल िेंटीलेशन
र्पछिे क
ु छ विो में कम जगह में अर्र्क मुर्गायााँ
रखने से, और तेज़ी से होने वािी बढ़वार की
वजह से र्नयंर्त्रत वातावरण क आवश्यकता बढ़ी
है| ऐसे में मुर्गायों क
े उपर से बहने वािी हवा भी
मुर्गायों की स्टरैस को कम करक
े बहुत फायेदा
पहुाँचाती है| वातावरण र्नयंर्त्रत फामा इस तरह से
र्डज़ाइन हुए होते हैं र्जससे मुर्गायााँ कम से कम
स्टरैस िें, परंतु यह र्बजिी की उपिब्धता और
उसक
े शुल्क पर र्नभार करता है|
जब आद्रता 60% से अर्र्क हो जाए तो हवा का
बहाव बढ़ाना बहुत ज़रूरी हो जाता है|
िेंटीलेशन को प्रभावित करने िाले कारक
यह फामा र्डज़ाइर्नंग का सबसे अर्र्क
चुनौतीपूणा पहिू है र्जसे हर समय ध्यान में
रखना चार्हए| र्बना अच्छे वेंटीिेशन क
े ना तो
FCR सही होगा, ना वज़न सही से बढ़ेगा और
स्वास्र् भी ठीक नही रहेगा | र्जन फामो में
वेंटीिेशन अच्छा नही होता वहााँ पर प्रर्त मुगी
अर्र्क जगह की आवश्यकता होती है|
हवा की गुणवत्ता का पता उसक
े आयतन और
हवा में मौजूद अमोर्नया, काबान डाई ऑक्साइड
और र्ूि की मात्रा से िगाया जाता है| कभी कभी
वाइरस और बेस्क्टररया भी हवा में ही तैरते रहते
हैं र्जससे बीमाररयााँ फ
ै िती हैं| जब ये हार्नकारक
तत्व और गैसे हवा में रहती हैं तो सााँस िेने क
े
तंत्र को हार्न पहुाँचाती है र्जससे CRD और
असाइर्टस का खतरा बढ़ जाता है|
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
21 | P a g e
िलिायु
मुर्गायों को अच्छी रहने की जगह, बर्ढ़या प्रबंर्न,
दाना और पानी का इंतेज़ाम, और अच्छी
जेनेर्टक क्षमता फामा को िाभ में रखने क
े र्िए
आवश्यक होती है| इसी सबको मद्देनज़र रखते
हुए सामान्य फामा की जिवायु को यहााँ बताया
जा रहा है.
आद्रता (ररलेवटि ह्यूवमवडटी)
आद्रता का पैमाना हवा में मौजूद नमी से नापा
जाता है, यह हवा में उपस्स्र्त नमी और हवा की
अर्र्कतम नमी पकड कर रखने की क्षमता का
अनुपात होता है | जब हवा का तापमान बढ़ता है
तो उसकी नमी बढ़ने िगती है | इससे मुगी की
शरीर से गमी बहार र्नकािने की क्षमता बुरी
तरह प्रभार्वत होती है | अत्यार्र्क आद्रता और
अर्र्क तापमान मुख्य रूप से हार्नकारक होता
है | ज़्यादा वज़न वािी मुर्गायों को अर्र्क
परेशानी होती है | अगर मुगी क
े पास शरीर की
गमी र्नकािने क
े पयााप्त सार्न ना हो तो वह
गमी शरीर में जमा होकर अंदरूनी र्सस्टम को
र्ीमा कर देती है और पक्षी हीट स्टरैस में चिे
जाते हैं और असाइर्टस की बीमारी होने िगती
है| इसर्िए आद्रता को र्नयंर्त्रत करना बहुत
ज़रूरी हो जाता है|
शैड में आद्रता का समायोिन
ब्रॉयिर पक्षी सांस क
े ज़ररये जब शरीर से काबान
डाइऑक्साइड को बाहर र्नकािते हैं तो उसक
े
सार् सार् क
ु छ पानी भी वाष्पीक
ृ त होकर बाहर
आता है| यह पानी शैड की आद्रता को बढ़ाता है
यर्द वेंटीिेशन ठीक प्रकार से र्कया गया है तो
यह फॉमा से बाहर र्नकिता रहता है अन्यर्ा यह
आद्रता बढ़ कर पक्षी को अत्यार्र्क तनाव में िे
आती है| ढाई र्किो का एक ब्रॉयिर अपने पूरे
जीवन काि में िगभग 7.5 र्किो पानी पीता है
इसमें से िगभग 5.5 र्किो पानी वातावरण में
र्नकाि देता है|
इससे यह पता िगता है र्क यर्द फॉमा में
10,000 ब्रॉयिर पक्षी हों तो वह िगभग 57 टन
पानी वातावरण में वाष्प बनाकर बाहर र्नकि
जाता है| पानी का यह िोड जो आद्रता क
े रूप में
फामा में मौजूद रहता है उसे वेंटीिेशन द्वारा
बाहर र्नकािना पडता है| यर्द र्कसी भी वजह
से पानी का सेवन बढ़ता है तो उसक
े सार् सार्
वाष्पीक
ृ त होने वािा यह पानी भी बढ़ जाता
है| मुर्गायों में पसीने की ग्रंर्र्यां नहीं होती इस
कारण से भी उन्हें अर्र्क तनाव होता है |
हिा को दू वषत करने िाली गैसे और पदाथम
हवा को र्वर्भन्न कारक प्रदू र्ित करते हैं जैसे र्ूि,
अमोर्नया, काबान डाइऑक्साइड, काबान
मोनोऑक्साइड, और अत्यार्र्क वाष्प | जब इन
तत्वों की मात्रा अत्यार्र्क बढ़ जाती है तो यह
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
22 | P a g e
सांस िेने क
े तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाते हैं
और पक्षी की सांस िेने की क्षमता कम हो जाती
है| र्नरंतर ऐसी स्स्र्र्त का सामना करने पर
र्वर्भन्न बीमाररयां Ascites और CRD पैदा होने
िगती हैं जैसे |
नीिे दी गई तावलका में विवभन्न प्रदू षण
कारकों का उल्लेख वकया गया है
गैस प्रभाि
अमोवनया
यवद अमोवनया 20 पीपीएम या
उससे अवधक होती है तो
उसे सूंघकर पता लगाया िा सकता
है|
 10 पीपीएम अमोर्नया पक्षी क
े
फ
े फडों को क्षर्त पहुंचाने क
े र्िए
काफी होती है
 20 पीपीएम अमोर्नया सांस िेने
क
े तंत्र की र्वर्भन्न बीमाररयों क
े
र्िए र्जम्मेदार होती है
 50 पीपीएम से अर्र्क अमोर्नया
वृस्ि दर को व्यापक रूप से कम
कर देती है
काबमन
डाइ
ऑिाइड
3500 पीपीएम से अर्र्क काबान
डाइऑक्साइड पक्षी में
Ascites नामक बीमारी कर देती है
र्जसमें पेट में पानी भर जाता है और
इससे अर्र्क काबान डाइऑक्साइड
पक्षी क
े र्िए मृत्यु का कारण बन
सकती है
धूल
र्ूि सांस िेने क
े तंत्र की र्झल्ली को
क्षर्त पहुंचाती है र्जससे र्वर्भन्न
बैक्टीररया उस पर र्चपक कर बीमारी
पैदा करते हैं
आद्रता
यह फामा क
े तापमान क
े सार् बदिती
रहती है| 29 र्डग्री सेस्ियस से
अर्र्क तापमान पर 70% या उससे
अर्र्क आद्रता पक्षी की वृस्ि दर को
कम कर देती है
गमम िलिायु
यर्द तापमान र्मो न्यूटरि ज़ोन से अर्र्क हो जाए
मुगी दाना खाना कम कर देती है | र्मो न्यूटरि
ज़ोन वो तापमान होता है, र्जसमे मुगी को अपने
शरीर क
े तापमान को बनाए रखने क
े र्िए कोई
अर्तररक्त उजाा नही खचा करती| हर एक र्डग्री
सेिीयस तापमान बढ़ने से मुगी में दाने की
खपत 1% कम हो जाती है| मतिब 25 र्डग्री
सेिीयस से 35 र्डग्री सेिीयस पर दाने की
खपत 10% तक कम हो जाती है| खुिे हुए फामो
क
े प्रबंर्न में सुर्ार करक
े तापमान को काबू में
र्कया जा सकता है|
हीट स्टरैस
ब्रॉयिर पक्षी क
े शरीर का सामान्य तापमान 41
र्डग्री सेस्ियस (106 र्डग्री फारेनहाइट) होता है|
जब वातावरण का तापमान 35 र्डग्री सेस्ियस
(95 र्डग्री र्ारेनहाइट) से अर्र्क हो जाता है
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
23 | P a g e
तो ब्रॉयिर पक्षी तनाव महसूस करने िगता है|
र्जतने िंबे समय क
े र्िए ब्रॉयिर पक्षी ऊ
ं चे
तापमान पर रहेगा तनाव का उतना ही गहरा
असर उस पर पडेगा| नीचे र्दए गए ग्राफ में
तापमान और उस तापमान पर रहने क
े समय
को दशााया गया है| यर्द आप देखें जैसे जैसे
पयाावरण का तापमान बढ़ता है उसक
े सार्-सार्
ब्रॉयिर क
े शरीर का तापमान भी बढ़ता है और
सांस िेने की दर भी काफी बढ़ जाती है| िब
शरीर का तापमान 43.3 वडग्री और सांस लेने
की दर 110 से अवधक हो िाती है तो पक्षी
की मृत्यु वनवित हो िाती है| अतः शैड क
े
तापमान को र्नयंर्त्रत करना बहुत आवश्यक
होता है|
चित्र 1: पर्ािवरण क
े तापमान, समर्, और ब्रॉर्लर क
े
शरीर क
े तापमान में सम्बन्ध (र्ह चित्र आबिर एकसि क
े
ब्रॉर्लर फार्मिंग मैन्र्ुअल से र्लर्ा गर्ा है)
ब्रॉयिर अपने शरीर का तापमान 2 तरह से
र्नयंर्त्रत करते हैं पहिा सेंवसबल हीट लॉस और
दू सरा इन-सेंवसबल िेट लॉस | सेंर्सबि का
मतिब यह होता है र्क मुगी क
े शरीर से गमी
अपने आप र्नकिती रहती है र्जसक
े र्िए मुगी
को कोई अर्तररक्त काया नहीं करना पडता यह
गमी वातावरण क
े 13 से 25 र्डग्री सेस्ियस
तापमान पर र्नकिती है| यर्द वातावरण का
तापमान 30 र्डग्री सेस्ियस से अर्र्क हो जाता
है तो शरीर से गमी र्नकािने क
े र्िए मुगी को
अर्तररक्त काया करना पडता है तार्क शरीर क
े
बढ़ते हुए तापमान को क
ु छ ठं डा र्कया जा
सक
े | इसे इन- सेंर्सबि हीट िॉस कहा जाता है
और इसमें शरीर वाष्पीकरण से ठं डा होता है
र्जसक
े र्िए पक्षी पैंर्टंग (यानी मुंह खोि कर
सांस िेता है) और सांस िेने की दर को बढ़ा
देता है)| शरीर से गमी र्नकािने क
े दोनों तरह क
े
तंत्र को नीचे तार्िका में दशााया गया है|
% हीट लौस
पर्ािवरण का
तापमान
सेंर्सबल ीट
लौस
इन सेंर्सबल
ीट लौस
25°C
(77°F)
77 23
30°C
(86°F)
74 26
35°C
(95°F)
10 90
आप देखेंगे र्क क
ै से तापमान बढ़ने क
े सार् सार्
इन सेंर्सबि हीट िौस बढ़ता जाता है|
पैंवटंग: जब पक्षी मुंह खोिकर सांस िेता है तो
वह अपने मुंह और सांस िेने क
े तंत्र की गीिी
र्झस्ल्लयों से पानी को वाष्पीक
ृ त करता है और
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
24 | P a g e
शरीर से गमी बाहर र्नकि जाती है| इसमें शरीर
में बन रही अर्तररक्त ऊजाा का इस्तेमाि होता है|
यर्द वातावरण में आद्रता अर्र्क हो जाए तो
शरीर से पानी का वाष्पीकरण कम हो जाता है
और गमी नहीं र्नकि पाती| ऐसे में पक्षी दाना
खाना छोड देता है और अर्र्क पानी पीता है
र्जससे उसका वज़न नहीं बढ़ पाता | जब
तापमान बहुत अर्र्क हो और आद्रता भी
अर्र्कतम बनी रहे तो ऐसे में पैंर्टंग से भी कोई
िाभ नहीं होता और पक्षी अत्यार्र्क हीट स्टरैस
या तनाव में चिा जाता है | ऐसे में र्नम्न प्रर्रयाएं
शरीर में होती हैं |
 वेंट का तापमान बढ़ जाता है
 र्दि र्डकने की दर बढ़ जाती है
 शरीर में हो रही रासायर्नक र्रयाएं भी और
तेजी से होने िगती हैं
 खून की ऑक्सीजन िे जाने की क्षमता घट
जाती है
 इन सभी पररस्स्र्र्तयों का पैदा होना
र्चंताजनक र्विय होता है|
इस हीट लोड को कम करने क
े वलए वनम्न
उपाय वकए िा सकते हैं
 फॉमा में पर्क्षयों की संख्या कम करें
 ठं डा ताजा कम नमक वािा पानी हर
समय पर्क्षयों क
े र्िए उपिब्ध रखें
 दाना र्दन क
े ठं डे समय में दें
 फामा में हवा का बहाव 3 मीटर प्रर्त सेक
ं ड
की दर से बढ़ाएं
 सूया की सीर्ी र्करणें फॉमा में ना आने दे
 पानी में ब्लड बर्सा को र्मिाएं
िातािरण का तापमान
सबसे उत्तम प्रदशान हााँर्सि करने क
े र्िए
मुर्गायों को उर्चत तापमान (र्जसे कॉमफोटा ज़ोन
कहते हैं) में रहना आवश्यक होता है| इस
तापमान में एक रूपता होनी चार्हए, कहीं ज़्यादा
और कहीं कम नही होना चार्हए| यर्द उर्चत
तापमान नही होता तो मुर्गायााँ अपनी शरीर की
उजाा अपना तापमान सुर्ारने में ही िगाने िगती
है FCR बढ़ने िगता है| मुर्गायों का आदशा
तापमान उनकी आयु क
े अनुसार बदिता रहता
है, और यह वज़न, वेंटीिेशन, दाने की मात्रा,
आद्रता और तापमान.
विकल्प
 फामा में मुर्गायों की संख्या को कम करें
 प्रत्येक मुगी को कम से कम 1.2sqft
जगह दें
 गमी से पानी गमा ना होने दें इसर्िए
पानी को टंकी में बदिते रहें
हीट स्ट्रेस प्रबंधन को आगे एक अलग अध्र्ार्
में र्वस्ट्तार से समझार्ा गर्ा है|
हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित
25 | P a g e
 मुर्गायों को फामा में र्ीरे र्ीरे चिाते रहें
र्जससे हवा का बहाव बने और मुगी
पानी पीती रहे
 मुर्गायों क
े दाने क
े बतान र्दन में गमी क
े
समय कम से कम 6 घंटे क
े र्िए उपर
कर दें|
 रात में वेंटीिेशन बढ़ाने क
े उपाय करें
और तापमान को कम करने की कोर्शश
करें.
 अर्तररक्त पंखे िगायें (36 इंच क
े पंखे
को 30 फीट की दू री पर िगायें)
िातािरण ठं डा करने क
े संसाधन
 तापमान कम करने क
े र्िए छत पर
पानी क
े फ
ु व्वारो का इस्तेमाि करें
 छत की बाहारी सतह को सफ
े द रंग से
रंगे और अंदर की तरफ कािे रंग से रंगें
इससे तापमान र्वर्नयर्मत होता है
 फामा की छत से बहार र्नकािने वािा
टीन र्जतना हो सक
े बढ़ा दें र्जससे र्ूप
सीर्ी अंदर ना जा सक
े
 अच्छे तापरोर्क संसार्ानो का प्रोयोग
करें जैसे आस्बेस्टोस शीट, फ
ू स की
खपरैि, सब्जी या फ
ू ि क
े बैि भी छत
पर चढ़ाई जा सकती है|
ठं डे िातािरण में
ठं डे मौसम में तापमान को गरम रखने का प्रयास
र्कया जाता है र्जसकी वजह से फामा पर पदे
डाि कर रखे जाते हैं| इस वजह से फामा में
र्वर्भन्न गैसे जमा होने िगती हैं और सााँस िेने क
े
तंत्र की बीमाररयााँ होने िगती हैं|
फामम में रौशनी / प्रकाश
भारत में ज़्यादातर ब्रॉयिर फार्मिंग पारंपररक
तौर से खुिे हुए शेड्स में होती है| इनमे र्दन
गरम होते हैं और राते ठं डी| अर्र्कतर र्कसान
फामा को पहिे र्दन से आर्खरी र्दन (जब तक
माि र्बकता है) फामा को हर समय प्रकार्शत
रखते हैं| कई जगहो पर प्रकाश एक उष्मा क
े
स्रोत की तरह भी इस्तेमाि होता है| प्रकाश पर
ध्यान देने की वजह, FCR को और सुर्ारने से
ताल्लुक रखती है और इससे मृत्युदर भी घटती
है| इसमे मूि र्सर्ांत ये है की फामा में प्रकाश की
स्स्र्र्त ऐसी होनी चार्हए र्जससे मुर्गायााँ भरपूर
दाना खायें और बाकी समय उसे पचाने क
े र्िए
बैठी रहें| प्रकाश का तेज/ तीव्रता और अवर्र्
दोनो ही मुगी क
े प्रदशान पर असर डािती है|
दोनो ही तरह की िाइट जो बल्ब से र्मिती है या
CFL से र्मिती है पोल्ट्री फामा में इस्तेमाि होती
हैं|
प्रकाश की आिश्यकता
ब्रॉयिर फार्मिंग में प्रकाश का बहुत महत्व होता
है इसक
े र्िए क
ं पर्नयां सार्ारण प्लान बताती
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  • 1. Ali’s Veterinary Wisdom Dr. Ibne Ali BVSc (Pantnagar) MVSc (IVRI) Principles of Broiler Farming ह िंदी सिंस्करण
  • 2. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 1 | P a g e Ali’s Veterinary Wisdom Hindi Edition – ह िंदी सिंस्करण New Delhi ब्रॉयलर फार्मिंग क े र्सधािंत Principles of Broiler Farming
  • 3. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 2 | P a g e First Edition Jan 2018 Second Updated Edition Oct 2020 Price: Rs. 1000/- No part of this publication may be reproduced or stored in a retrivial system or transmitted, in any form or by any means, Electronic, Mechanical, Photo copying, Recording or otherwise, without the prior written permission of the publisher.
  • 4. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 3 | P a g e प्रस्तावना कई हदनों से ब्रॉयलर फार्मिंग पर एक ववधधवत पुस्तक र्लखने का मन था कययिंकक रोज़मराा क े मागादर्ान क े र्लए ककसानो क े पास ब ुत र्सर्मत जानकारी ोती ै | अधधकतर ककताबो में व्यापक रूप से तकनीकी र्ब्दावली का प्रयोग ोता ै जजसक े कारण आम ककसान का पुस्तक से मन उब जाता ै | दयसरी बात य की उधित भाषा और धित्रों क े बबना कोई भी काया समझाना नामुमककन सा ोता ै | अतः इस ककताब को र्लखने का उद्देश्य य ी ै की ककसानो तक आसान से आसान भाषा में उनक े मतलब की बात प ुुँिा दी जाये | ालाुँकक इस ककताब को र्लखने में सभी तर की वैज्ञाननक जानकारी, पोल्ट्री ववज्ञानिं की जानी मानी पुस्तकों का ननरीक्षण और समीक्षा की गयी ै | ववर्भन्न ब्रीड िंग कम्पननयों द्वारा दी गयी प्रबिंधन गाइ से भी जानकारी को जमा ककया गया ै | य इस ककताब का प ला सिंस्करण ै जजसे आप तक प ुुँिाया जा र ा ै, उम्मीद ै की आप लोगो को इससे लाभ ोगा और इसे आगे और भी सुधार करने की प्रेरणा और ज्ञान र्मलेगा | अिंत में मैं य ी क ना िा युँगा की ब्रॉयलर फार्मिंग में तकनीकी और प्रबिंधन जानकारी ोने क े साथ साथ अनुभव और वववेकपयणा ननणाय लेने की भी आवश्यकता ोती ै | ज्ञान और अनुभव एक र्सकक े क े दो प लय ैं और इन् ें अलग न ीिं ककया जा सकता | दोनों का अनुक य ल समागम ी सफलता को ननधााररत करता ै | इस पुस्तक से र्मलने वाले ज्ञान को अपने अनुभव से पररर्र्ष्ट करें | - इबने अली
  • 5. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 4 | P a g e समपाण सबसे प ले अल्ट्ला (सo) का धन्यवाद करता युँ क़ ु रान मजीद की उस आयात का पालन करते ुए जजसमे अल्ट्ला ने क ा की उसने “ ज़रत मु म्मद (सo) को सारे ज ाुँ क े र्लए र मत बनाया ै” जजसका अथा ै दया और करुणा बनाया ै| इस पुस्तक को मैं ज़रत मु म्मद (सo) और उनक े उत्तराधधकारी इमाम अली (अo) क े सम्मान में सभी जन मानस क े र्लए (जो भी पोल्ट्री उद्योग से जुड़े ैं) मुफ़्त प्रसाररत करता युँ ज़रत मु म्मद ने फ़रमाया अपने भाई की मदद करो, िा े वो ज़ार्लम ो या मज़लयम. पयछा गया की ज़ार्लम की क ै से मदद करें? आपने फ़रमाया उसक े ाथ को ज़ुल्ट्म से रोक कर उसकी मदद करो. तुम ज़मीन वालो पर र म करो आसमान वाला तुम पर र म करेगा |
  • 6. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 5 | P a g e सयिी S.No Particulars Page No. 1 विश्व और भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग पर एक नज़र - पोल्ट्री फार्मिंग में संभावनाए; र्वश्व में पोल्ट्री मााँस का उत्पादन; र्वश्व स्तर पर अंडो का उत्पादन; बढ़ती हुई मााँग क े र्िए उत्तरदायी कारक; भारत में मौजूद अवसर; भारत में पोल्ट्री फार्मिंग क े सामने चुनौर्तयााँ; 7 2 मुगी फामम में आिास प्रबंधन - आवासीय बनावट; पैड क ू र्िंग र्सस्टम; फौर्गंग और र्मस्स्टंग 10 3 उपकरण - र्ड रंर्क ं ग र्सस्टम; पानी क े ऑटोमॅर्टक उपकरण की प्रणािी; पानी क े स्रोत और भंडारण टैंक; फीर्डंग उपकरण; टर्फ फीडर; फीडर की जगह का र्नर्ाारण; हॅंर्गंग हॉपर; हीर्टंग र्सस्टम तापमान गरम बनाये रखने क े उपकरण ; 15 4 आिासीय िातािरण - िेंटीलेशन वसस्टम, तापमान, आद्रता पयााप्त हवा का बहाव बनाए रखना; प्राक ृ र्तक या खुिा हुआ आवास; मैक े र्नकि/टनि वेंटीिेशन; वेंटीिेशन को प्रभार्वत करने वािे कारक; जिवायु; आद्रता (ररिेर्टव ह्युमीडीटी); शैड में आद्रता का समायोजन; हवा को दूर्ित करने वािी गैसे और पदार्ा; गरम जिवायु; हीट स्टरैस; वातावरण का तापमान; फामा में रौशनी / प्रकाश/; प्रकाश की आवश्यकता; प्रकाश की गणना क े र्िए तार्िका; 19 5 वलट्टर और उसका प्रबंधन - र्िट्टर क े प्रकार; र्िट्टर क े मुख्य काम; र्िट्टर प्रबंर्न; घर्टया र्िट्टर क्वार्िटी क े कारण; र्िट्टर का बदिना (रेर्क ं ग); र्िट्टर का टरीटमेंट 28 6 पक्षी प्रबंधन - मुर्गायों की संख्या; फामा में चूज़े आने से पहिे र्कए जाने वािे काम; फामा में इस्तेमाि होने वािे बतान; र्िट्टर; चूज़ों का प्लेसमेंट; चूज़ों का प्लेसमेंट करते समय बरती जाने वािी सावर्ार्नयां; चूज़ों की गुणवत्ता; चूज़ों क े िक्षण और र्वशेिताएं ; ब्रूर्डंग का प्रबंर्न; स्पॉट ब्रूर्डंग; सतह का तापमान; फीड और पानी; र्नप्पि र्ड रंकर; पहिे हफ्ते में शारीरक भार; ब्रूर्डंग की चैक र्िस्ट; पािने क े चैक पॉइंट्स; फ्लॉक को बेचने क े समय बरती जाने वािी सावर्ार्नयां; 30 7 प्रबंधन कारक विससे पक्षी की गुणित्ता कम हो िाती है - मोटेर्िटी या मरे हुए पर्क्षयों का र्नवारण; इन्क्रीनेशन; गड्ढ़े क े अंदर दबाना; क ं पोस्स्टंग 42 8 पानी का प्रबंधन - पानी की गुणवत्ता; पानी की pH; पानी में खर्नजों की मात्रा; बैक्टीररया से ग्रर्सत पानी; पानी का सेवन; पोल्ट्र ी क े र्िए पानी की गुणवत्ता क े मापक 44 9 फीड और फीवडंग - पोल्ट्री में फीड की गुणवत्ता; फीड र्वर्भन्न रूपों में बनाया जाता है; फ ै ट की गुणवत्ता; फीर्डंग प्रबंर्न; फीडर प्रबंर्न; फीड क े टाइप 48 10 ब्रॉयलर का पोषण और फीड बनाने का िैज्ञावनक तरीका - फीड क े अव्यय; उजाा; प्रोटीन और एर्मनो एर्सड; फ ै ट (तेि/र्चकनाई); क ै स्शशयम और फॉस्फोरस; नमक और सोडा; अन्य अव्यय; उर्ारण: ब्रॉयिर प्री स्टाटार र्जसमे 23% प्रोटीन हो और 3050 Kcal उजाा हो | 1000 र्किो दाना बनाने क े र्िए; वैन्कोब ब्रीड की पोिण आवश्यकताएं ; िीसन (Leeson) द्वारा दी गयी ब्रॉयिर पक्षी की पोिण आवश्यकताएं ; वैन्कोब ब्रीड की प्रर्त टन की र्वटार्मन और र्मनरि आवश्यकताएं ; 5% प्रीर्मक्स का फामूािा; 51 11 मुवगमयों में बीमाररयााँ और उनक े वनदान – रानीखेत (New Castle Disease); गम्बोरो (Gumboro); मेरेक्स डीज़ीज़ (Mereck’s Disease) ; फाउि पॉक्स (Fowl Pox); इन्फ ै कर्शयस ब्रोंकाइर्टस (Infectious Bronchitis); चूज़ों में इकोिाई (E.coli in Chicks), मुर्गायों में इकोिाई से होने वािे रोग (E.coli in adult birds); नैकरोर्टक एं टेराईर्टस (Necrotic Enteritis); गैंगरीनस डमााटाईर्टस (Gangrenous Dermatitis); इन्फ ै कर्शयस कोराइज़ा (Infectious Coryza); पुिोरम बीमारी(Pullorum Disease); रोर्नक रेस्स्परेटरी 59
  • 7. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 6 | P a g e डीज़ीज़ (Chronic Respiratory Disease - CRD); एस्परर्जिोर्सस (Aspergilosis); अफ्लाटोक्सीकोर्सस (Aflatoxicosis); गोिक ृ र्म कीडे (Ascaridia galli); कॉक्सीडीओर्सस (Coccidiosis); गाउट (Gout); पोिण सम्बन्धी र्बमाररया (Nutritional Disease) 12 मुवगमयों में गवममयों क े मौसम में हीट स्टरैस प्रबंधन - हीट स्टरैस क ै से उत्तपन होती है; गर्मायो में पोल्ट्री फामा में पानी की ज़रूरत और खपत; Electrolyte Supplementation and Blood Buffers; हीट स्टरैस क े प्रभाव; गर्मायो में हीट स्टरैस का प्रबंर्न; 82 13 पोल्ट्र ी फामम में अमोवनया क े दुष्प्रभाि और उसका समाधान - अमोर्नया की वजह से उत्पादकता पर पडने वािा प्रभाव; अमोर्नया एक प्रार्र्मक कारक क े तौर पर 86 14 ब्रॉयलर मुवगमयों में एसाईवटस )Ascites) की समस्या और उसका समाधान- क्ों होता है ?; Ascites क े बहारी और पोस्ट मोटेम िक्षण; Ascites क े कारक; फीर्डंग की सारणी (Feeding Schedule) 88 15 मुगी पालन में लीिर क े स्वास्थ का महत्त्व और उसकी देखभाल - शारीरक उजाा में िीवर का योगदान; फ ै ट क े मेटाबोर्िज्म में िीवर का योगदान; िीवर में प्रोटीन उत्पादन; 93 16 फामम में बायो वसक्यूररटी का तरीका – फ ू र्मगेशन (fumigation) क्ा है; फ ू र्मगेशन क े तरीक े ; 96 17 पोस्ट मोटेम 102 वित्र (64 रंगीन वित्र) 18 ध्यान रखने योग्य क ु छ महत्त्वपूणम पहलू 113 19 ब्रॉयलर पालने की विवध - वदनों क े वहसाब से )पहले वदन से लेकर अंत तक) 114 20 बडम बडम फ्लू क्या है और इतना घातक क्यों है ? 117
  • 8. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 7 | P a g e 1. विश्व और भारत में पोल्ट्री फावमिंग पर एक नज़र पोल्ट्र ी फावमिंग में संभािनाए र्वश्व में और सार् सार् भारत में पोल्ट्री व्यवसाय बहुत तेज़ी क े सार् बढ़ रहा है| यह भारतीय GDP का तकरीबन 0.8% से ज़यादा है, तेज़ी से बढ़ती हुई जनसंख्या और बढ़ती हुई मााँस प्रोटीन की मााँग इस व्यवसाय को खास तौर से बढ़ावा दे रही है| बढ़ती हुई दैर्नक आय और खाने पीने की तरफ िोगो की रुची भी इस व्यवसाय की उन्नर्त क े र्िए र्ज़म्मेदार है|  पोल्ट्री से हमे अंडे और मााँस र्मिता है| यह अनुमान है की र्वश्व में पोल्ट्री मााँस की मााँग 2022 (2013 की तुिना में) तक 47% तक बढ़ जाएगी, इससे यह पता चिता है की पोल्ट्री फार्मिंग में आने वािे समय में असीम संभावनाए उपिब्ध हैं|  सन 2016 में टाइम्स ऑफ इंर्डया क े सवेक्षण क े अनुसार भारत की िगभग 70% आबादी (15 विा से अर्र्क आयु वािे) मााँसाहारी है, और इस बात का सबूत देश में तेज़ी से बढ़ता हुआ मााँस का व्यवसाय है, र्जसमे पोल्ट्री का एक खास योगदान है और र्ीरे र्ीरे नौन-वेज की तरफ बढ़ता हुआ चिन पोल्ट्री क्षेत्र की उन्नर्त क े र्िए मुख्य रूप से िाभकारी है|  ब्रॉयिर पक्षी मााँस क े र्िए पािे जाते हैं र्जसका उत्पादन देश में 8% प्रर्त विा क े र्हसाब से बढ़ रहा है| िोगो की बढ़ती हुई आय और खाने पीने में अर्र्क प्रोटीन की मात्रा को सस्म्मर्ित करने क े र्िए िोगो का खास रुझान पोल्ट्री से प्राप्त होने वािे उत्पादो जैसे ब्रॉयिर मााँस और अंडे पर है|  परंतु भारत में अभी भी र्वश्व स्तरीय टैकनोिौजी की कमी है र्जसकी वजह से यहााँ उत्पादन और देशो से महेंगा पडता है, सार् ही बीमाररयो की बहुतायत, फीड क े अत्यार्र्क मूल्य, बढ़ता हुआ इंटेग्रेशन, र्वपणन क े बूंयार्द ढााँचे की कमी, उत्पादन में क्षेत्रीय असंतुिन भी र्चंता का र्विय है| विश्व में पोल्ट्र ी मााँस का उत्पादन (वित्र AA) र्वश्व में पोल्ट्री मााँस का उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा है| 2011 में िगभग 10.1 करोड टन पोल्ट्री मााँस का उत्पादन हुआ जो बढ़कर 2013 में 10.8 करोड टन हो गया| मुगाा मुख्य पोल्ट्री पक्षी है परंतु भारत में बत्तख, टकी और कहीं कहीं एमू का भी चिन है| लगभग 87% पोल्ट्र ी मााँस में मुगे का योगदान है| इसी तरह अंडो का उत्पादन भी िगातार बढ़ रहा है| यर्द रेबो बैंक की वेर्श्वक रैंर्क ं ग क े आर्ार पर देखा जाए तो
  • 9. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 8 | P a g e र्वश्व की सबसे बडी पोल्ट्री उत्पादन की क ं पर्नयााँ टायसन फ ू डस, जबीएस र्पिर्ग्रम्स और मर् ृ ीग हैं| विश्व स्तर पर अंडो का उत्पादन (वित्र AB) र्पछिे दशक में (सन 2000 से 2012 तक) अंडो का उत्पादन 28.4% तक बढ़ा जो की 2.4% की वार्िाक वृर्र् को दशााता है| र्सर् ा 2012 में ही 12,300 हज़ार करोड अंडो का उत्पादन हुआ, जो 630 करोड मुर्गायों से प्राप्त हुए| इसी तरह अंडा सेवन में र्वश्व स्तर पर कार्ी बढ़ोहतरी हुई, जो खपत 1960 में 2 करोड टन र्ी वो 1990 में 40 करोड टन और 2010 में 6.3 करोड टन हो गयी| 2010 में नीदरिंड, स्पेन, जमानी और चाइना अंडो क े सबसे बडे र्नयाातक रहे और अमरीका, मध्य एर्शया और गल्फ क े देश और क ु छ यूरोर्पयन देश अंडो क े सबसे बडे आयातक रहे| बढ़ती हुई मााँग क े वलए उत्तरदायी कारक  मानव आहार में पशु उत्पादों का बढ़ता र्हस्सा  आय वृस्ि और आर्र्ाक समृस्ि  जनसंख्या वृस्ि: 2050 में 9.5 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है  बढ़ता हुआ शहरीकरण  बढ़ता हुआ पोल्ट्री व्यापार  स्वास्थ्य और पोिण: पोल्ट्री मांस में वसा की मात्रा कम होती है  प्रोटीन क े एक स्रोत क े रूप में, अन्य प्रोटीन की तुिना में मुगी उत्पाद कम कीमत में अर्र्क पोर्िक होते हैं| भारत में मौिूद अिसर भारत दुर्नया मे एक ऐसा देश है जो यूरोर्पयन संघ क े देशो को Non-GMO पोल्ट्री उत्पाद र्नयाात कर सकता है, भारत की जिवायु मुगी पािन क े र्िए र्बिक ु ि उपयुक्त है जहााँ कम पैसो में अच्छा उत्पादन मुमर्कन है, कम िागत में िेबर उपिब्ध है, फीड बनाने की सामग्री स्र्ानीय स्तर पर उपिब्ध है, बढ़ती हुई आए, बढ़ती हुई जनसंख्या पोल्ट्री व्यवसाय को गती दे रहे हैं| भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग क े सामने िुनौवतयााँ  बढ़ते हुए फीड क े दाम और बनाने की िागत नयी नयी उभरती हुई मुर्गायों की बीमाररया  उत्पादन में क्षेत्रीय असंतुिन - कम उत्पादन  घटता हुआ िघु स्क े ि पोल्ट्री का र्हस्सा  बेहद खराब पोल्ट्री माक े र्टंग इनफ्रास्टरक्चर
  • 10. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 9 | P a g e  घरेिू बाजारों में संसार्र्त पोल्ट्री उत्पादों की सीर्मत स्वीक ृ र्त कोरोना काि क े बाद मीट मार्क ा ट में काफी बदिाव आये हैं जैसे आमदनी कम होने क े कारण र्डमांड पर असर पडा है| कई बडे इंटीग्रेटरस ने उत्पादन कम कर र्दया और फीड र्मि मार्िको ने उर्ार देना बंद कर र्दया र्जससे सप्लाई चैन पर गहरा असर पडा है| मक्का क े दाम जो र्पछिे सािों में 18 क े पार चिे गए र्े वो र्डमांड न होने क े कारण र्फर 11-12 रूपए प्रर्त र्किो पर आ गए हैं| अब जैसे जैसे र्डमांड सामान्य होगी वैसे वैसे उत्पादन रफ़्तार पकडेगा | िेर्कन एक बात तो तय है की पोल्ट्री उद्योग अपने र्पछिे बुरे समय से र्नकि आया है र्ीरे र्ीरे ही सही यह स्स्र्रता की ओर अग्रसर है और िम्बे समय तक यह स्स्र्रता बनी रहने की आशा है| स्वतंत्र फामार जो चूज़ा डायरेक्ट मार्क ा ट से िेता है उसे यह चार्हए इस दौर में 20 रूपए से अर्र्क का चूज़ा न खरीदे अर्ाात जब चूज़ा महंगा हो तब फार्मिंग न करे| यर्द इस आर्र्ाक सहयोग तर्ा र्वकास संगठन (OECD) आउटिुक को देखें को तो पोल्ट्री मांस उत्पादन और खपत में भारत की स्स्र्र्त का अंदाज़ा िगाया जा सकता है| - इकनोर्मक टाइम्स
  • 11. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 10 | P a g e 2. मुगी फामा में आवास प्रबिंधन पोल्ट्री फार्मिंग में शैड की बनावट और आवास की जगह का खास महत्व है | यह मुर्गायों को एक खास वातावरण प्रदान करता है र्जसमे उनपर कम से कम तनाव (स्टरैस) पडता है र्जससे वो अर्र्क क्षमता से उत्पादन कर पाती हैं, सब मुर्गायों का एक जैसा वज़न होता है और बीमाररयााँ भी कम फ ै िती हैं| भारतीय मूि में उष्ण कर्टबंर्ीय जिवायु पाई जाती है र्जसमे 12 में से 8 महीने में गरम और शुष्क वातावरण रहता है और क ु छ समय तो गमी क े सार् सार् आद्रता भी रहती है | उत्तर पर्िमी और उत्तरी इिाको में कम से कम 4 से 5 महीने ठण्ड क े मौसम में तापमान कार्ी कम रहता है | दर्क्षण भारत में ठं ड का मौसम नही होता परंतु रात को कभी कभी तापमान कार्ी र्गर जाता है| ऐसे में र्कसी एक तरह की आवासीय बनावट सुझाना कार्ी मुस्िि हो जाता है | इसर्िए आवास बनाने हेतु क ु छ र्सर्ान्तो को समझना आवश्यक होता है र्जनका उपयोग करक े र्कसी भी वातावरण में मुर्गायों क े र्िए आवास बनाया जा सकता है| इस अध्याय में हम ऐसी आिासीय प्रणाली को देखेंगे िो हर तरह क े िातािरण और िलिायु में कारगर वसद्ध हो | ये वसधांत वनम्न हैं| 1. मुगी फामा का स्र्ान ऐसा होना चार्हए जो सूखा हो और जहााँ पानी ना भरता हो और सार् ही हवा का भी पयााप्त बहाव मौजूद हो | 2. आवास सभी मौसमो में आरामदायक वातावरण, र्कफायती, और मज़बूत होना चार्हए | 3. फामा की िंबाई पूरब - पविम वदशा में होनी चार्हए र्जससे सूया की सीर्ी र्करने फामा में ना आ पायें| 4. शैड की छत पयााप्त रूप से बाहर र्नकिी हुई होनी चार्हए र्जससे सीर्ी बाररश अंदर ना आ सक े | इसे अमूमन 0.60 - 0.91 मीटर बहार र्नकाि कर रखा जाता है | 5. छत र्जस मेटीररयि की िगाए वो तापरोधक होना चार्हए, और जो आवास पेडो की छाए में िगाए जाते हैं वो अर्र्क अनुक ू ि होते हैं | आस पास पेड िगाये जा सकते हैं ऐसे में र्बमाररयां कम फ ै िती हैं | 6. एक तजुबे क े अनुसार टीन की चादर की जगह एसबेस्टॉस (पत्थर) की चादर ज़्यादा िाभकारी होती है, क्ूंकी ठं ड क े मौसम में टीन ओस क े कारण टपकने िगता है और गमी में अत्यार्र्क गरम हो जाता है| 7. शैड की साइड वाि 6.5 से 7 फीट और बीच की उाँचाई 9.5 से 10 फीट तक होनी चार्हए| साइड वाि में 1 - 1.5 फीट की दीवार और बाकी िोहे की जािी होनी
  • 12. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 11 | P a g e चार्हए| आज कि गैल्वेनाइज्ड आयरन की जार्ियां आने िगी हैं र्जनपर ज़ींक की परत भी होती है इनमे जंक नहीं िगता और अर्र्क समय तक चिती हैं | 8. िाइट क े र्िए पयााप्त दू री पर CFL या कम पावर क े बल्ब िगाने चार्हए. फामा में र्वर्भन स्स्र्र्तयों में र्वर्भन्न रौशनी की आवश्यकता होती है | अमूमन शुरू में पहिे से सातवे र्दन तक 30 िक्स की रौशनी बताई जाती है उसक े बाद 5 से 10 िक्स काफी होती है | 1000 sqft में 30 िक्स रौशनी करने क े र्िए 12 वाट की 6 CFL या 40 वाट क े 6 बल्ब काफी होते हैं| 9. फामा की िौडाई 30 फीट से अवधक नही होनी िावहए और यर्द इससे अर्र्क चौडाई रखनी हो तो उपर की तरफ ओपन स्िट रखनी चार्हए| 10. वेंटीिेशन का र्नयंत्रण पर्क्षयों क े वातावरण को र्नयंर्त्रत करने का सबसे महत्वपूणा र्सिांत है| पयााप्त वेंटीिेशन से पर्क्षयों को अच्छी गुणवत्ता की हवा प्रदान की जाती है| ऑक्सीजन से भरपूर हवा मुर्गायों क े र्िए हर आयु में अत्यंत आवश्यक होती है| 11. अक्सर िोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं परंतु हवा, पानी और दाने र्जतनी ही जरूरी है | और पर्क्षयों से पूणा िाभ हार्सि करने क े र्िए उन्हें अच्छी गुणवत्ता वािी हवा प्रदान करना बहुत जरूरी होता है| 12. वेंटीिेशन का मतिब यह र्बल्क ु ि नहीं होता की हवा क े सीर्े झोंक े फामा में आने िगे बस्ल्क वेंटीिेशन का मतिब फामा में से खराब हवा को बाहर र्नकािकर स्वच्छ हवा को अंदर िाना होता है इसक े र्िए उपयुक्त काया करने पडते हैं जैसे एग्जॉस्ट फ ै न िगाना या परदे हटाना आर्द फामा की चौडाई भी इसी र्नयम पर आर्ाररत है | 30 फीट से अर्र्क चौडे फामा में हवा र्नकिनी मुस्िि हो जाती है| सबसे सेफ चौडाई 26 से 28 फीट की होती है| 13. एक और महत्वपूणा बात को ध्यान में रखना चार्हए वह यह र्क यर्द फॉमा में गैस क े ब्रूडर या बुखारी का इस्तेमाि हो रहा है तो वह भी हवा में मौजूद ऑक्सीजन का इस्तेमाि करते हैं इससे ऑक्सीजन और कम हो जाती है तो ऐसी स्स्र्र्त में वेंटीिेशन बनाना और भी अर्नवाया हो जाता है| 14. ज़्यादा गरम और आद्रता वािे इिाको में चौडाई 20 फीट तक ही होनी चार्हए| 15. फामा की िंबाई र्कतनी भी रखी जा सकती है| आम तौर पर एक फामा में 10,000 से अर्र्क मुर्गायां नहीं राखी जाती इसर्िए यर्द फामा की चौडाई 30 फीट है तो उसकी िम्बाई 335 फीट होती है|
  • 13. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 12 | P a g e 16. शैड में मौजूद जगह का अनुमार्नत रूप से बाडो र्वभाजन कर देना चार्हए और हर बाडे में 600 से 700 मुर्गायां रखें| बाडे क े र्वभाजन की ऊ ाँ चाई 1.5 फ ू ट तक रखी जाती है जो की जािी का बनाया जा सकता है| 17. फामा का फशा पक्का होना चार्हए इसे मज़बूत कॉंरीट से बनाए या ईंट क े खडंजे पर सीमेंट से फशा बना दें| कच्चे फशा में चूहे, छचुंदर र्बि बना िेते हैं र्जससे नेविे या सांप फामा में आ जाते हैं और नुकसान करते हैं | 18. पानी का प्रबंर्न ऑटोमॅर्टक प्रणािी क े तहत करना चार्हए र्जसकी टंकी फामा क े अंदर या र्कसी छायेदार जगह पर होनी चार्हए| 19. र्नप्पि र्ड रंकर र्सस्टम क े भी कार्ी फायदे होते हािााँर्क इसका शुरुआती खचा अर्र्क होता है | तो छोटे फामा में शुरुआत में क े वि बैि र्ड रंकर िगाने चार्हए | 20. शैड में या आस पास फीड, दवाई और अन्य उपकरण रखने की पयााप्त जगह होनी चार्हए | 21. पानी की सप्लाइ क े र्िए समर र्सबि या बोर वेि का इंतेज़ाम ज़रूरी होता है | पानी क े मापदंड इस पुस्तक में आगे र्दए गए हैं | 22. हवा क े बहाव को बढ़ाने क े र्िए वेंर्टिेटर और बडे पंखे भी िगाने पडते हैं और एक फामा में यर्द 3000 हज़ार से अर्र्क मुर्गायां हो तो 1 बडा पंखा प्रत्येक 2000 मुगी पर िगाना चार्हए | 23. यह शैड आबादी से कम से कम 500 मीटर दू र होना चार्हए, इससे फामा की दुगिंर् आस पास क े रहने वािो को परेशान नही करेगी | 24. फामा ऐसी िोक े शन पर होना चार्हए जहााँ सही रोड मौजूद हो और माि िाया और िे जाया सक े | गड्ढ़े वािी और उबड खाबड रोड पर बरसात में पानी भर जाता है र्जससे चूज़े िाते समय या तैयार माि बेचते समय काफी परेशार्नया आ सकती है और मोटेर्िटी हो जाती है | 25. यर्द दो शैड सार् में बनाने पडे तो उन दोनो क े बीच की दू री फामा की चौडाई से दुगनी होनी चार्हए| जैसे फामा की चौडाई 30 फीट है तो दो फमो क े बीच की चौडाई 60 फीट होनी चार्हए इससे र्बमारी फ ै िेने क े अवसर बहुत कम हो जाते हैं | यह दू री बायो र्सक्ूररटी क े र्सर्ान्तो में से एक र्सर्ांत है | हािााँर्क कई िोग जगह की कमी होने क े कारण इस र्नयम का पािन नहीं करते और नुकसान उठाते हैं, उन्हें पता भी नहीं चि पाता की उनक े यहााँ बीमारी या कम उत्पादन की र्दक्कत फामा की अनुर्चत बनावट की वजह से होती है |
  • 14. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 13 | P a g e 26. फामा की दीवारो पर चूने की पुताई बीमाररयो क े प्रकोप से बचाने में मदद करती है| आिासीय बनािट भारत में अर्र्कतर र्कसान छोटे फामा िगाते हैं र्जनमे मुर्गायों की संख्या 2,000 से िेकर 10,000 तक होती है | यह फॉमा कम िागत से बनाए जाते हैं इसर्िए इनमें र्नयंर्त्रत वातावरण स्र्ार्पत करना संभव नहीं होता क्ोंर्क वह खचे को अत्यार्र्क बढ़ा देता है और उससे कोई अर्तररक्त िाभ भी नहीं र्मिता | अर्र्कतर फॉमा प्राक ृ र्तक वेंटीिेशन पर आर्ाररत होते हैं और दोनों तरफ से खुिे रहते हैं | प्राक ृ र्तक वेंटीिेशन का मतिब फामा दोनों तरफ से खुिा रहता है पर उस पर एक िोहे की जािी िगा दी जाती है| र्जस पर जरूरत क े र्हसाब से पदे टांगे जाते हैं| ऐसी बनावट में प्राक ृ र्तक हवा का एक भाव बना रहता है यर्द अंदर आवश्यकता से अर्र्क गमा हो जाता है तो परदे हटा र्दया जाते हैं और ठं ड क े मौसम में पदों को डाि कर रखा जाता है| ऐसे आवासों में 24 घंटे प्रबंर्न व्यवस्र्ा को देखते रहना पडता है और जरूरत पडने पर उसे र्नयंर्त्रत करना पडता है| क्ोंर्क जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है या घटता है उसक े र्हसाब से पदों को भी ठीक करना पडता है| क ु छ िोग परदे डाि कर एग्जॉस्ट फ ै न िगा देते हैं और बार बार पदे उठाने और र्गराने की आवश्यकता नहीं पडती| यह भारत में एक कारगर तरीका सार्बत हुआ है| फामा और फामा क े बाहर क े वातावरण में हवा का र्वर्नयम इस बात पर र्नभार करता है र्क बाहर क ै सी हवा है| पंखा िगाने से फॉमा क े अंदर हवा का बहाव बढ़ाया जाता है| क ु छ फामों में आजकि पंखो क े सार् सार् फोगसा और छोटे फ ु व्वारे भी िगाए जाते हैं जो अर्तररक्त ठं डक प्रदान करते हैं| कभी भी एक िोक े शन पर एक से अर्र्क आयु क े बड्ास नहीं रखने चार्हए िेखक का अनुभव है की ऐसे फामो में बीमाररयााँ हमेशा बनी रहती हैं और समय बीतने क े सार् 30 feet 6 - 7 feet 10 - 11 feet 1 feet wall 5 - 6 feet wire mash Asbestos Sheet 2 feet edge
  • 15. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 14 | P a g e सार् उनमे नुकसान भी बढ़ते जाते हैं और अंत में फामा बंद करने पद जाते हैं| एक आयु से अर्र्क का मतिब है र्क आस पास शेड बना कर एक शेड में दो हफ्ते की आयु की मुगी पि रही हो और दू सरे शेड में एक हफ्ते की आयु क े चूज़े हों| पैड क ू वलंग वसस्टम यह र्सस्टम हवा को गीिे सेल्यूिोस पैड क े अंदर से खींचता है र्जससे हवा ठं डी होकर फामा क े अंदर आती है जैसा र्क र्चत्र में दशााया गया है| यह पैड फामा क े अंर्तम भाग पर िगाए जाते हैं और दू सरे भाग पर पंखे िगाए जाते हैं इन पंखों की र्दशा बाहर की तरफ होती है तो जब यह पंखे चिते हैं तो यह फॉमा में से हवा को बाहर खींचते हैं र्जस से दू सरी तरफ से हवा ठं डी हो कर अंदर आती रहती है| इस तकनीक का र्सिांत र्बल्क ु ि हमारे घरों में मौजूद क ू िरों जैसा है| फौवगंग और वमस्स्टंग गमी से बचने क े र्िए मुगी फामा में कभी कभी फौर्गंग र्सस्टम िगाया जाता है | र्जससे पूरे फामा में पानी की एक फ ु हार छोडी जाती है और वातावरण को ठं डा र्कया जाता है| भारत में उन जगहों पर जहां पर आद्रता कम होती है या आद्रता र्जस मौसम में नहीं होती उसमें फोगसा का इस्तेमाि र्कया जाता है |  सबसे बडा आवदल )इंसाफ करने िाला) िो है िो अपने वलए िो पसंद है दू सरों क े वलए भी पसंद करे और िो अपने वलए ना-पसंद करता हो दू सरों क े वलए भी ना-पसंद रखे|  अच्छा बतामि अपने पररिार क े लोगो से शुरू करो हज़रत मुहम्मद )सo) 3. उपकरण
  • 16. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 15 | P a g e डरिंककिं ग र्सस्टम (पानी क े ऑटोमॅहटक उपकरण की प्रणाली) बैल वड रंकर - ओपन वड रंवक ं ग वसस्टम )वित्र BA) 1. पहिे र्दन से दसवे र्दन तक प्रत्येक 1000 चूज़ो पर कम से कम 16 से 20 र्मनी र्चक र्ड रंकर या 40cm व्यास वािे 6 बैि र्ड रंकर िगाने चार्हए और यर्द गमी अर्र्क हो तो सार् में 6 र्मनी र्चक र्ड रंकर भी िगा दें 2. जैसे जैसे ब्रॉयिर बडे होते हैं वैसे वैसे पुराने र्चक र्ड रंकर को बैि र्ड रंकर से बदिना पडता है, प्रत्येक 70 ब्रॉयिर पर 1 बैि र्ड रंकर िगाया जाता है. 3. ये उपकरण उर्चत दू री पर िगाने चार्हए, र्जससे मुगी को पानी पीने क े र्िए 8 फीट से अवधक ना िलना पडे 4. इन र्ड रंकसा की उाँचाई को रोज़ देखना चार्हए, और उाँचाई ऐसी होनी चार्हए र्जसमे र्ड रंकर की तिी मुगी की पीठ क े बराबर हो. इससे पानी बीट से गंदा नही होता और स्वच्छता बनी रहेगी| 5. पानी का सही स्तर बनाकर रखना पडता है नही तो पानी र्ड रंकर से छिक कर बहार आ जाता है और र्िट्टर को गीिा करक े बीमारी फ ै िता है. 6. र्ड रंकसा को रोज़ाना या हफ्ते में कम से कम तीन बार र्कसी अच्छे सॅर्नटाइज़र से साफ करना चार्हए, और टीकाकरण वािे र्दन सॅर्नटाइज़र को नही इस्तेमाि करना चार्हए. वनप्पल वडरंवक ं ग वसस्टम - क्लोज़्ड वडरंवक ं ग वसस्टम )वित्र BB) 1. र्नप्पि र्ड रंर्क ं ग र्सस्टम बैि र्ड रंर्क ं ग से अच्छे होते है क्ूंर्क इसमे पानी का संरमण सबसे कम होता है, पानी बबााद नही होता, पानी बहार र्िट्टर पर नही र्बखरता और रोज़ रोज़ पाइप और र्नप्पि को साफ करने की ज़रूरत नही पडती. 2. र्नप्पि को चूज़ो की उाँचाई पर र्फट करना पडता है और र्नयर्मत पानी का दबाव बना कर रखना पडता है.
  • 17. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 16 | P a g e 3. इसक े र्िए ऐसा र्हसाब बनाना पडता है र्जससे चूज़े क े पैर ज़मीन पर सीर्े रहें और चोंच आसानी से र्नप्पि क े पॉइंट पर पहुाँच जाये | इसक े र्िए ज़मीन की सतह और चूज़े की पीठ क े बीच 35° से 45° का कोण बनता है | 4. एक र्नप्पि 10 से 12 मुर्गायों क े र्िए कार्ी रहता है. 5. इस बात का ध्यान रखना चार्हए की सभी र्नप्पि सही से काम कर रहे हो. 6. र्नप्पि की पाइप िाइन की संख्या इस बात पर र्नभार करती है की फामा की चौडाई र्कतनी है और मुर्गायों की संख्या र्कतनी है. 7. िेर्कन आमतौर पर हर 10 फीट पर एक िाइन िगाई जाती है. पानी स्रोत और भंडारण टैंक पानी को अमूमन बोर वैि, खुिे क ु एाँ से या नहर से प्राप्त र्कया जाता है| नहर या दरया क े पानी को पहिे अच्छे से साफ करना पडता है| टैंक क े साइज़ का र्नर्ाारण पानी की क ु ि मााँग क े र्हसाब से र्कया जाता है| र्वर्भन्न ज़रूरते जैसे पीने क े र्िए पानी, साफ सफाई क े र्िए, फॉगसा क े र्िए, फामा क े बहार गार्डयो क े पर्हए और पैर को दवाई क े पानी में र्ोने क े र्िए आर्द| एक बडा टैंक होने क े सार् सार् क ु छ छोटे टैंक भी होने चार्हए र्जनसे हर एक शैड की 24 घंटे क े पानी की आपूर्ता की जा सक े , यर्द दो टैंक रखें जाएाँ तो रोज़ाना साफ सफाई में आसानी रहती है| फीवडंग उपकरण हार् से भरे जाने वािे िाइन फीडर या िटकाने वािे फीडर या और र्कसी तरह क े भी फीडर हो पर सबसे महत्वपूणा बात फीडर में पयााप्त जगह की है| यर्द मुगी को खाने क े र्िए पयााप्त जगह नही र्मिती तो उसकी वृस्िदर कम हो जाती है और फ्लॉक में असमानता बढ़ती है| फीड हमेशा मुगी की पहुाँच में होना चार्हए र्जससे वो उतना फीड खा िे र्जतना हमारा िक्षय होता है| यर्द ऐसा होता है तभी मुर्गायां उस वज़न को पहुाँच पाती है र्जसक े र्िए उन्हे पािा जाता है| टर्फ फीडर )वित्र BC) प्रत्येक 1000 मुर्गायों क े र्िए 25 से 30 टर्फ फीडर की आवश्यकता होती है र्जनमे प्रत्येक की िंबाई 5 फीट या 1.5 मीटर होती है| इस फीडर क े उपर एक जािी र्फट की जाती है र्जसमे से मुगी अपनी गदान डाि कर दाना खाती
  • 18. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 17 | P a g e है, जैसे जैसे मुगी की आयु बढ़ती है इसकी उाँचाई भी बढ़ायी जाती है र्जससे फीड र्िट्टर क े पडने गंदा नही होता| फीडर की िगह का वनधामरण  1 से 14 र्दन क े चूज़ो क े र्िए – 2 इंच या 5 सेंटीमीटर प्रत्येक चूज़ा  15 से 35 र्दन की मुर्गायों क े र्िए - 3 इंच या 7.5सेंटीमीटर प्रत्येक मुगी  36 र्दन से बेचने क े र्दन तक - 4 इंच या 10 सेंटीमीटर प्रत्येक मुगी जब मुगी क े र्िए फीडर में जगह का र्नर्ाारण करें तो फीडर की दोनो साइड की िंबाई को र्गनना चार्हए. हंवगंग हॉपर )वित्र BD) हॅंर्गंग फीडर प्लास्स्टक क े बने हुए फीडर होते हैं जो अिग अिग क्षमता में र्मिते हैं इनका साइज़ 5 से 12kg तक होता है| ये फीडर दू सरे हफ्ते से अंत तक िगाए जाते है, एक हॅंर्गंग फीडर 50 मुर्गायों क े र्िए कार्ी होता है| चूज़ो को फीडर की प्लेट में दाना र्दया जाता है| हीवटंग वसस्टम )तापमान गरम बनाए रखने क े उपकरण) मुर्गायों की उत्त्तम उत्पादकता बनाए रखने क े र्िए उर्चत तापमान का होना बहुत ज़रूरी होता है, तापमान का उपर नीचे होना मुर्गायों क े स्वास्र् क े र्िए हार्नकारक होता है क्ूंकी उससे मुर्गायों पर कार्ी स्टरैस पडती है| इसीर्िए तापमान को बनाए रखने क े र्िए र्वर्भन्न उपकरण आते हैं| ताप क े स्रोत 1. र्बजिी से होने वािी ब्रूर्डंग 2. गॅस से होने वािी ब्रूर्डंग 3. कोयिे से होने वािी ब्रूर्डंग मौसम, जगह और फामा की बनावट को ध्यान में रखते हुए अिग अिग र्कस्म की ब्रूर्डंग होती है| • सवदमयो में - फामा क े एक र्तहाई र्हस्से में ब्रूर्डंग होनी चार्हए • गवममयों में - फामा क े आर्े र्हस्से में ब्रूर्डंग होनी चार्हए ये बात सही है की ताप को बना क े रखना चार्हए परंतु इसक े र्िए हवा क े बहाव (वेंटीिेशन) से समझोता नही करना चार्हए| इस बात को ध्यान में रखते हुए की ब्रॉयिर चूज़े बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं, इसका खास ध्यान रखना चार्हए की फामा में उर्चत हवा का बहाव बना रहे र्जससे चूज़ो को हार्नकारक गैसो से रहात र्मिे और भरपूर ऑस्क्सजन र्मिती रहे| तापमान को मापने क े र्िए फामा में चूज़ो की उाँचाई पर रूम र्माामीटर िगाकर रखना चार्हए|
  • 19. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 18 | P a g e गैस ब्रूवडंग र्बजिी या कोयिे से चिने वािे ब्रूडर क े बर्नज़बत एि.पी.जी द्वारा चिने वािे ब्रूडर सबसे उपयुक्त और एक सा ताप पैदा करते हैं| रेर्डयंट गैस ब्रूडर ऐसा ताप पैदा करते हैं जो चूज़ो क े र्िए आरामदायक होता है| इससे ग्रोर् सही से होती है और वज़न भी तेज़ी से बढ़ता है| इन ब्रूड र्स को क ें द्रीय संचािक से क ं टरोि र्कया जा सकता है या र्फर हर एक ब्रूडर को अिग अिग भी संचार्ित र्कया जा सकता है| इस बात का ध्यान रखें की ब्रूर्डंग र्सस्टम में तापमान र्नयंत्रक िगा होना चार्हए| इससे उजाा भी बचती है और उपयुक्त तापमान भी बना रहता है| इंफ़्रा रेड रेवडयंट ब्रूडर यह 90cm से 130cm तक की उाँचाई पर िगाया जाता है| र्कतने ब्रूडर चार्हए और क ै से िगने हैं ये बात उनकी बनावट, आकार और उजाा की खपत पर र्नभार करती है इसर्िए सप्लाइयर क े स्पेर्सर्फक े शन ज़रूर देखें| ये भी ज़रूरी है की आपक े ब्रूडर पर उजाा खपत BTU या KW में दजा हो, और गैस का पररचािन दाब भी र्िखा हो| हमेशा अच्छी क्वार्िटी क े ब्रूडर ही िगाने चार्हए| चूज़ो क े आने से पहिे यह सुर्नर्ित कर िें की आवश्यकता अनुसार भरे हुए र्सिेंडर आपक े पास मौजूद हैं| पहिे र्दन तापमान को 32 से 34 र्डग्री सेस्ियस तक रखें| यह तापमान गैस ब्रूडर में िगे संवेदक से र्नयंर्त्रत हो जाता है|  िो वकसी अंधे व्यस्ि को 40 कदम िलने में मदद करता है तो उसक े सारे वपछले गुनाह माफ़ हो िायेंगे  व्यस्ि क े 3 वपता होते हैं – एक स्वंय का वपता, एक पत्नी का वपता और तीसरा िो िो व्यस्ि को पढ़ाये  यतीम )विसक े वपता मर गए हों) क े वलए रहम वदल बाप की तरह बनो और ये यकीन रखो िैसा बोओगे िैसा काटोगे| - हज़रत मुहम्मद )सo)
  • 20. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 19 | P a g e 4. आिासीय िातािरण - िेंटीलेशन वसस्टम, तापमान, आद्रता )पयामप्त हिा का बहाि बनाए रखना) असरदार और र्कफायती वेंटीिेशन र्सस्टम बनाने क े र्िए एक उपयुक्त और र्नयंर्त्रत र्सस्टम की आवश्यकता होती है र्जसका र्डज़ाइन वैज्ञार्नक रूप से बनाया गया हो| अच्छे वेंटीिेशन का मतिब है अच्छी गुणवत्ता की हवा, हरेक फामा में अिग वेंटीिेशन होना चार्हए एक र्मर्नमम वेंटीिेशन और दू सरा गर्मायो क े र्िए| इससे 3 मुद्दे हि होते हैं  पयााप्त ऑस्क्सजन र्मिती है  आद्रता पर र्नयंत्रण रखा जाता है  र्िट्टर की गुणवत्ता बनी रहती है पोल्ट्र ी फावमिंग में पहले की तुलना में िेंटीलेशन की ज़रूरत अब ज़्यादा हो गयी है, क्यूंकी तेज़ी से बढ़ते हुए ब्रॉयलर की ऑस्ििन वडमांड 3 गुना तक बढ़ गयी है| गर्मायो में हमे उत्पादन में कमी नज़र आने िगती है, र्जसका कारण भी खराब वेंटीिेशन होता है| इसर्िए हमे सस्ते से सस्ते तरीको से हवा क े बहाव को बढ़ाना चार्हए| भारतीय पररस्स्र्र्तयो में शैड की बनावट बहुत बडा योगदान देती है इसर्िए, फामा की उाँचाई और चौडाई का खास ध्यान रखना चार्हए| हमे क्यूाँ उवित िेंटीलेशन बना कर रखना िावहए  ताज़ी हवा का बहाव बना कर रखना चार्हये र्जससे मुर्गायों को पयााप्त ऑस्क्सजन र्मिती रहे  खराब और हार्नकारक गैसो जैसे अमोर्नया, काबान डाई ऑक्साइड, र्ूि आर्द को बाहर र्नकािने क े र्िए  उर्चत तापमान और आद्रता बनाए रखने क े र्िए  बीमारी पैदा करने वािे कीटाणु और जीवाणुओ को बहार र्नकािने क े र्िए  र्िट्टर की अच्छी गुणवत्ता बनाने क े र्िए  र्बना ग्रोर् पर असर डािे फामा में और अर्र्क मुर्गायां रखी जा सक े प्राक ृ वतक या खुला हुआ आिास जैसा की आवासीय बनावट वािे अध्याय में पहिे भी बताया जा चुका है की भारतीय जिवायु पररस्स्र्र्तयों में दोनो तरफ से खुिे हुए शैड सबसे अर्र्क प्रर्चर्ित हैं| इनमे तापमान पदो क े ज़ररए से र्नयंर्त्रत र्कया जाता है| मौसम क े र्हसाब से पदो की आवश्यकता, हीटर या ब्रूडर का होना तापमान क े बढ़ाने क े र्िए ज़रूरी हो जाता है| दू सरी तरफ गमी क े मौसम में पंखे, फ ु व्वारे, फॉगसा आर्द तापमान को घटाने क े र्िए
  • 21. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 20 | P a g e इस्तेमाि होते हैं | गमी में छत पर फ ू स भी रखी जा सकती है और साइड की जािी में र्दन क े समय सूत क े बोरे र्भगो कर टााँगे जा सकते हैं. मैक े वनकल / टनल िेंटीलेशन र्पछिे क ु छ विो में कम जगह में अर्र्क मुर्गायााँ रखने से, और तेज़ी से होने वािी बढ़वार की वजह से र्नयंर्त्रत वातावरण क आवश्यकता बढ़ी है| ऐसे में मुर्गायों क े उपर से बहने वािी हवा भी मुर्गायों की स्टरैस को कम करक े बहुत फायेदा पहुाँचाती है| वातावरण र्नयंर्त्रत फामा इस तरह से र्डज़ाइन हुए होते हैं र्जससे मुर्गायााँ कम से कम स्टरैस िें, परंतु यह र्बजिी की उपिब्धता और उसक े शुल्क पर र्नभार करता है| जब आद्रता 60% से अर्र्क हो जाए तो हवा का बहाव बढ़ाना बहुत ज़रूरी हो जाता है| िेंटीलेशन को प्रभावित करने िाले कारक यह फामा र्डज़ाइर्नंग का सबसे अर्र्क चुनौतीपूणा पहिू है र्जसे हर समय ध्यान में रखना चार्हए| र्बना अच्छे वेंटीिेशन क े ना तो FCR सही होगा, ना वज़न सही से बढ़ेगा और स्वास्र् भी ठीक नही रहेगा | र्जन फामो में वेंटीिेशन अच्छा नही होता वहााँ पर प्रर्त मुगी अर्र्क जगह की आवश्यकता होती है| हवा की गुणवत्ता का पता उसक े आयतन और हवा में मौजूद अमोर्नया, काबान डाई ऑक्साइड और र्ूि की मात्रा से िगाया जाता है| कभी कभी वाइरस और बेस्क्टररया भी हवा में ही तैरते रहते हैं र्जससे बीमाररयााँ फ ै िती हैं| जब ये हार्नकारक तत्व और गैसे हवा में रहती हैं तो सााँस िेने क े तंत्र को हार्न पहुाँचाती है र्जससे CRD और असाइर्टस का खतरा बढ़ जाता है|
  • 22. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 21 | P a g e िलिायु मुर्गायों को अच्छी रहने की जगह, बर्ढ़या प्रबंर्न, दाना और पानी का इंतेज़ाम, और अच्छी जेनेर्टक क्षमता फामा को िाभ में रखने क े र्िए आवश्यक होती है| इसी सबको मद्देनज़र रखते हुए सामान्य फामा की जिवायु को यहााँ बताया जा रहा है. आद्रता (ररलेवटि ह्यूवमवडटी) आद्रता का पैमाना हवा में मौजूद नमी से नापा जाता है, यह हवा में उपस्स्र्त नमी और हवा की अर्र्कतम नमी पकड कर रखने की क्षमता का अनुपात होता है | जब हवा का तापमान बढ़ता है तो उसकी नमी बढ़ने िगती है | इससे मुगी की शरीर से गमी बहार र्नकािने की क्षमता बुरी तरह प्रभार्वत होती है | अत्यार्र्क आद्रता और अर्र्क तापमान मुख्य रूप से हार्नकारक होता है | ज़्यादा वज़न वािी मुर्गायों को अर्र्क परेशानी होती है | अगर मुगी क े पास शरीर की गमी र्नकािने क े पयााप्त सार्न ना हो तो वह गमी शरीर में जमा होकर अंदरूनी र्सस्टम को र्ीमा कर देती है और पक्षी हीट स्टरैस में चिे जाते हैं और असाइर्टस की बीमारी होने िगती है| इसर्िए आद्रता को र्नयंर्त्रत करना बहुत ज़रूरी हो जाता है| शैड में आद्रता का समायोिन ब्रॉयिर पक्षी सांस क े ज़ररये जब शरीर से काबान डाइऑक्साइड को बाहर र्नकािते हैं तो उसक े सार् सार् क ु छ पानी भी वाष्पीक ृ त होकर बाहर आता है| यह पानी शैड की आद्रता को बढ़ाता है यर्द वेंटीिेशन ठीक प्रकार से र्कया गया है तो यह फॉमा से बाहर र्नकिता रहता है अन्यर्ा यह आद्रता बढ़ कर पक्षी को अत्यार्र्क तनाव में िे आती है| ढाई र्किो का एक ब्रॉयिर अपने पूरे जीवन काि में िगभग 7.5 र्किो पानी पीता है इसमें से िगभग 5.5 र्किो पानी वातावरण में र्नकाि देता है| इससे यह पता िगता है र्क यर्द फॉमा में 10,000 ब्रॉयिर पक्षी हों तो वह िगभग 57 टन पानी वातावरण में वाष्प बनाकर बाहर र्नकि जाता है| पानी का यह िोड जो आद्रता क े रूप में फामा में मौजूद रहता है उसे वेंटीिेशन द्वारा बाहर र्नकािना पडता है| यर्द र्कसी भी वजह से पानी का सेवन बढ़ता है तो उसक े सार् सार् वाष्पीक ृ त होने वािा यह पानी भी बढ़ जाता है| मुर्गायों में पसीने की ग्रंर्र्यां नहीं होती इस कारण से भी उन्हें अर्र्क तनाव होता है | हिा को दू वषत करने िाली गैसे और पदाथम हवा को र्वर्भन्न कारक प्रदू र्ित करते हैं जैसे र्ूि, अमोर्नया, काबान डाइऑक्साइड, काबान मोनोऑक्साइड, और अत्यार्र्क वाष्प | जब इन तत्वों की मात्रा अत्यार्र्क बढ़ जाती है तो यह
  • 23. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 22 | P a g e सांस िेने क े तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाते हैं और पक्षी की सांस िेने की क्षमता कम हो जाती है| र्नरंतर ऐसी स्स्र्र्त का सामना करने पर र्वर्भन्न बीमाररयां Ascites और CRD पैदा होने िगती हैं जैसे | नीिे दी गई तावलका में विवभन्न प्रदू षण कारकों का उल्लेख वकया गया है गैस प्रभाि अमोवनया यवद अमोवनया 20 पीपीएम या उससे अवधक होती है तो उसे सूंघकर पता लगाया िा सकता है|  10 पीपीएम अमोर्नया पक्षी क े फ े फडों को क्षर्त पहुंचाने क े र्िए काफी होती है  20 पीपीएम अमोर्नया सांस िेने क े तंत्र की र्वर्भन्न बीमाररयों क े र्िए र्जम्मेदार होती है  50 पीपीएम से अर्र्क अमोर्नया वृस्ि दर को व्यापक रूप से कम कर देती है काबमन डाइ ऑिाइड 3500 पीपीएम से अर्र्क काबान डाइऑक्साइड पक्षी में Ascites नामक बीमारी कर देती है र्जसमें पेट में पानी भर जाता है और इससे अर्र्क काबान डाइऑक्साइड पक्षी क े र्िए मृत्यु का कारण बन सकती है धूल र्ूि सांस िेने क े तंत्र की र्झल्ली को क्षर्त पहुंचाती है र्जससे र्वर्भन्न बैक्टीररया उस पर र्चपक कर बीमारी पैदा करते हैं आद्रता यह फामा क े तापमान क े सार् बदिती रहती है| 29 र्डग्री सेस्ियस से अर्र्क तापमान पर 70% या उससे अर्र्क आद्रता पक्षी की वृस्ि दर को कम कर देती है गमम िलिायु यर्द तापमान र्मो न्यूटरि ज़ोन से अर्र्क हो जाए मुगी दाना खाना कम कर देती है | र्मो न्यूटरि ज़ोन वो तापमान होता है, र्जसमे मुगी को अपने शरीर क े तापमान को बनाए रखने क े र्िए कोई अर्तररक्त उजाा नही खचा करती| हर एक र्डग्री सेिीयस तापमान बढ़ने से मुगी में दाने की खपत 1% कम हो जाती है| मतिब 25 र्डग्री सेिीयस से 35 र्डग्री सेिीयस पर दाने की खपत 10% तक कम हो जाती है| खुिे हुए फामो क े प्रबंर्न में सुर्ार करक े तापमान को काबू में र्कया जा सकता है| हीट स्टरैस ब्रॉयिर पक्षी क े शरीर का सामान्य तापमान 41 र्डग्री सेस्ियस (106 र्डग्री फारेनहाइट) होता है| जब वातावरण का तापमान 35 र्डग्री सेस्ियस (95 र्डग्री र्ारेनहाइट) से अर्र्क हो जाता है
  • 24. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 23 | P a g e तो ब्रॉयिर पक्षी तनाव महसूस करने िगता है| र्जतने िंबे समय क े र्िए ब्रॉयिर पक्षी ऊ ं चे तापमान पर रहेगा तनाव का उतना ही गहरा असर उस पर पडेगा| नीचे र्दए गए ग्राफ में तापमान और उस तापमान पर रहने क े समय को दशााया गया है| यर्द आप देखें जैसे जैसे पयाावरण का तापमान बढ़ता है उसक े सार्-सार् ब्रॉयिर क े शरीर का तापमान भी बढ़ता है और सांस िेने की दर भी काफी बढ़ जाती है| िब शरीर का तापमान 43.3 वडग्री और सांस लेने की दर 110 से अवधक हो िाती है तो पक्षी की मृत्यु वनवित हो िाती है| अतः शैड क े तापमान को र्नयंर्त्रत करना बहुत आवश्यक होता है| चित्र 1: पर्ािवरण क े तापमान, समर्, और ब्रॉर्लर क े शरीर क े तापमान में सम्बन्ध (र्ह चित्र आबिर एकसि क े ब्रॉर्लर फार्मिंग मैन्र्ुअल से र्लर्ा गर्ा है) ब्रॉयिर अपने शरीर का तापमान 2 तरह से र्नयंर्त्रत करते हैं पहिा सेंवसबल हीट लॉस और दू सरा इन-सेंवसबल िेट लॉस | सेंर्सबि का मतिब यह होता है र्क मुगी क े शरीर से गमी अपने आप र्नकिती रहती है र्जसक े र्िए मुगी को कोई अर्तररक्त काया नहीं करना पडता यह गमी वातावरण क े 13 से 25 र्डग्री सेस्ियस तापमान पर र्नकिती है| यर्द वातावरण का तापमान 30 र्डग्री सेस्ियस से अर्र्क हो जाता है तो शरीर से गमी र्नकािने क े र्िए मुगी को अर्तररक्त काया करना पडता है तार्क शरीर क े बढ़ते हुए तापमान को क ु छ ठं डा र्कया जा सक े | इसे इन- सेंर्सबि हीट िॉस कहा जाता है और इसमें शरीर वाष्पीकरण से ठं डा होता है र्जसक े र्िए पक्षी पैंर्टंग (यानी मुंह खोि कर सांस िेता है) और सांस िेने की दर को बढ़ा देता है)| शरीर से गमी र्नकािने क े दोनों तरह क े तंत्र को नीचे तार्िका में दशााया गया है| % हीट लौस पर्ािवरण का तापमान सेंर्सबल ीट लौस इन सेंर्सबल ीट लौस 25°C (77°F) 77 23 30°C (86°F) 74 26 35°C (95°F) 10 90 आप देखेंगे र्क क ै से तापमान बढ़ने क े सार् सार् इन सेंर्सबि हीट िौस बढ़ता जाता है| पैंवटंग: जब पक्षी मुंह खोिकर सांस िेता है तो वह अपने मुंह और सांस िेने क े तंत्र की गीिी र्झस्ल्लयों से पानी को वाष्पीक ृ त करता है और
  • 25. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 24 | P a g e शरीर से गमी बाहर र्नकि जाती है| इसमें शरीर में बन रही अर्तररक्त ऊजाा का इस्तेमाि होता है| यर्द वातावरण में आद्रता अर्र्क हो जाए तो शरीर से पानी का वाष्पीकरण कम हो जाता है और गमी नहीं र्नकि पाती| ऐसे में पक्षी दाना खाना छोड देता है और अर्र्क पानी पीता है र्जससे उसका वज़न नहीं बढ़ पाता | जब तापमान बहुत अर्र्क हो और आद्रता भी अर्र्कतम बनी रहे तो ऐसे में पैंर्टंग से भी कोई िाभ नहीं होता और पक्षी अत्यार्र्क हीट स्टरैस या तनाव में चिा जाता है | ऐसे में र्नम्न प्रर्रयाएं शरीर में होती हैं |  वेंट का तापमान बढ़ जाता है  र्दि र्डकने की दर बढ़ जाती है  शरीर में हो रही रासायर्नक र्रयाएं भी और तेजी से होने िगती हैं  खून की ऑक्सीजन िे जाने की क्षमता घट जाती है  इन सभी पररस्स्र्र्तयों का पैदा होना र्चंताजनक र्विय होता है| इस हीट लोड को कम करने क े वलए वनम्न उपाय वकए िा सकते हैं  फॉमा में पर्क्षयों की संख्या कम करें  ठं डा ताजा कम नमक वािा पानी हर समय पर्क्षयों क े र्िए उपिब्ध रखें  दाना र्दन क े ठं डे समय में दें  फामा में हवा का बहाव 3 मीटर प्रर्त सेक ं ड की दर से बढ़ाएं  सूया की सीर्ी र्करणें फॉमा में ना आने दे  पानी में ब्लड बर्सा को र्मिाएं िातािरण का तापमान सबसे उत्तम प्रदशान हााँर्सि करने क े र्िए मुर्गायों को उर्चत तापमान (र्जसे कॉमफोटा ज़ोन कहते हैं) में रहना आवश्यक होता है| इस तापमान में एक रूपता होनी चार्हए, कहीं ज़्यादा और कहीं कम नही होना चार्हए| यर्द उर्चत तापमान नही होता तो मुर्गायााँ अपनी शरीर की उजाा अपना तापमान सुर्ारने में ही िगाने िगती है FCR बढ़ने िगता है| मुर्गायों का आदशा तापमान उनकी आयु क े अनुसार बदिता रहता है, और यह वज़न, वेंटीिेशन, दाने की मात्रा, आद्रता और तापमान. विकल्प  फामा में मुर्गायों की संख्या को कम करें  प्रत्येक मुगी को कम से कम 1.2sqft जगह दें  गमी से पानी गमा ना होने दें इसर्िए पानी को टंकी में बदिते रहें हीट स्ट्रेस प्रबंधन को आगे एक अलग अध्र्ार् में र्वस्ट्तार से समझार्ा गर्ा है|
  • 26. हज़रत मुहम्मद साहब (सo) को समर्पित 25 | P a g e  मुर्गायों को फामा में र्ीरे र्ीरे चिाते रहें र्जससे हवा का बहाव बने और मुगी पानी पीती रहे  मुर्गायों क े दाने क े बतान र्दन में गमी क े समय कम से कम 6 घंटे क े र्िए उपर कर दें|  रात में वेंटीिेशन बढ़ाने क े उपाय करें और तापमान को कम करने की कोर्शश करें.  अर्तररक्त पंखे िगायें (36 इंच क े पंखे को 30 फीट की दू री पर िगायें) िातािरण ठं डा करने क े संसाधन  तापमान कम करने क े र्िए छत पर पानी क े फ ु व्वारो का इस्तेमाि करें  छत की बाहारी सतह को सफ े द रंग से रंगे और अंदर की तरफ कािे रंग से रंगें इससे तापमान र्वर्नयर्मत होता है  फामा की छत से बहार र्नकािने वािा टीन र्जतना हो सक े बढ़ा दें र्जससे र्ूप सीर्ी अंदर ना जा सक े  अच्छे तापरोर्क संसार्ानो का प्रोयोग करें जैसे आस्बेस्टोस शीट, फ ू स की खपरैि, सब्जी या फ ू ि क े बैि भी छत पर चढ़ाई जा सकती है| ठं डे िातािरण में ठं डे मौसम में तापमान को गरम रखने का प्रयास र्कया जाता है र्जसकी वजह से फामा पर पदे डाि कर रखे जाते हैं| इस वजह से फामा में र्वर्भन्न गैसे जमा होने िगती हैं और सााँस िेने क े तंत्र की बीमाररयााँ होने िगती हैं| फामम में रौशनी / प्रकाश भारत में ज़्यादातर ब्रॉयिर फार्मिंग पारंपररक तौर से खुिे हुए शेड्स में होती है| इनमे र्दन गरम होते हैं और राते ठं डी| अर्र्कतर र्कसान फामा को पहिे र्दन से आर्खरी र्दन (जब तक माि र्बकता है) फामा को हर समय प्रकार्शत रखते हैं| कई जगहो पर प्रकाश एक उष्मा क े स्रोत की तरह भी इस्तेमाि होता है| प्रकाश पर ध्यान देने की वजह, FCR को और सुर्ारने से ताल्लुक रखती है और इससे मृत्युदर भी घटती है| इसमे मूि र्सर्ांत ये है की फामा में प्रकाश की स्स्र्र्त ऐसी होनी चार्हए र्जससे मुर्गायााँ भरपूर दाना खायें और बाकी समय उसे पचाने क े र्िए बैठी रहें| प्रकाश का तेज/ तीव्रता और अवर्र् दोनो ही मुगी क े प्रदशान पर असर डािती है| दोनो ही तरह की िाइट जो बल्ब से र्मिती है या CFL से र्मिती है पोल्ट्री फामा में इस्तेमाि होती हैं| प्रकाश की आिश्यकता ब्रॉयिर फार्मिंग में प्रकाश का बहुत महत्व होता है इसक े र्िए क ं पर्नयां सार्ारण प्लान बताती