1. ल नग एनवायरनमट - ल वंग वद द लॉ : व नंग टोर
“अनभू त”
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आज म दोबारा से भानु सर को ध यवाद दे ना चाहता हूँ िज ह ने मेन-वमेन साइकोलोजी क
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मा यम से जैसे परा स ताह ह बदल दया. हम दोन एक दसरे क
ू ू े त सम पत. मानो लग ह नह ं रहा
था क हम दोन क बीच कोई मतभेद है . पछले स ताह हम दोन ने एक दसरे को पया त समय दया
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और जब म टूर पर गया तब दन म तीन-चार बार फोन पर बात होती रह . िजससे उनक कमी का
एहसास ह नह ं हुआ.
दनांक २३.१.१३ को फ ड म काम करते-२ अपने कल ग क साथ अचानक लखीमपर जाना पद गया.
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म और मेरा कल ग रा ते म म ती करते लखीमपर पहुंचे और काम कया. काम करते-२ रात क ९ बज
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गए थे. दसरे दन मझे द ल भी क लए भी नकलना था. िजस समय हम लोग लखीमपर से लखनऊ
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क लए चले थे तो बादल साफ थे. अभी हम मि कल से ३०-४० कमी ह चले ह गे क ऐसा लगा जैसे
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हमार कर बादल म चल रह हो. इतना घना कोहरा था क हम ना तो सड़क दखाई दे रह थी ना ह
दर से आते हुए वाहन. हमने गाड़ी रोक और बाहर नकलकर थोड़ी दे र यहाँ पर ह दे हरादन और मसर
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का मजा लया. और फर हम चल दए. ‘हरगाओं’ पर कया. हम कसी गाड़ी वाले क पीछे अपनी गाड़ी
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लगाकर लखनऊ पहुँचना चाहते थे ले कन कोई भी गाड़ी आगे नह ं नकल रह थी. फर हमने नणय
लया क “लेट दे म फॉलो मी” और हम आगे चल दए. सड़क क वह सफ़द प ी हम लखनऊ तक ले
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आई.
जब हम रा ते म थे तभी हमार कचन से बात हुई. मझे लग रहा था क अब म डांट खाऊगा. ले कन
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थ स टू कचन क उ ह ने अपने गु से पर काबू कर हम ह सला दया क आप आराम से गाड़ी चलाकर
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घर आओ.
हमने टा क क लए २६ जनवर का दन चना क दोपहर क बाद लॉ ग
े ु े ाइव पर जायगे. ले कन जब
हम द ल से सबह लखनऊपहुंचे तो मेर त बयत ख़राब थी. इस लए हम बहार नह ं जा पाए. मन म
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थदा ख़राब सा लगा ले कन हम दोन ने घर म धप म बैठकर साथ म लंच कया और गपशप क . इस
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तरह २६ जनवर यादगार हो गयी. शाम को मझे दोबारा से बखार आ गया. कचन ने “मस आर
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माश & वमन आर
ू ॉम वीनस” बक नकल और मझे पढ़कर सनाया. हम इन भ नताओं क
ु ु ु े वारा जो
एक दसरे क साथ यवहार करते है उसे समझकर बहुत हँसे और
ू े ान भी लया. इस तरह से हमने घर
पर एक दसरे क साथ समय बताकर अपना टा क परा कया.
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भा कर गु ता ( ट म दबंग ).