2. अधिकतम उत्पादकता- उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महनरनष्ट्र,
हररयनर्न, पंजनब और बबहनर ।
आधथिक महत्व एवं उपयोग- छोटे तथन मध्यम ककसनर्ो
की आय कन स्रोत है ।
टमनटर में ममर्रल, विटनमीर्, तथन अन्य पोषक तत्ि
पनये जनते है । प्रतत 100 ग्रन. टमनटर में 100 से 135 मम.
ग्रन. अमीर्ो अम्ल, 2.5 % सक
ा रन पनयन जनतन है ।
इसकन उपयोग सलनद क
े रुप में एिं पेस्ट, सीरप, जूस,
क
े चप तथन अन्य पेय पदनथा क
े रुप में होतन है ।
यह एक अच्छन तर्यनातक उत्पनद भी है ।
4. जलवायु एंव मृदा- यह एक ग्रीस्म ऋतु कन फसल है, 1-30 ℃
तनपमनर् सहर्ीय है परन्तु ओस-पनलन तथन जलनक्नंत
सहर्शील र्हीं होतन है। उचचत तनपमनर् 20-24 ℃ है तथन इस
तनपमनर् पर लनइकोपीर् कन अच्छन विकनस होतन है।
खेत की तैयारी- ममट्टी पलट हल से जुतनई क
े उपरनन्त 4-5
बनर देशी हल यन हैरो से जुतनई करे। भूमम तैयनरी क
े समय
समुचचत जल तर्कनस प्रबन्ध क
े मलए पौधे की स्थनर् को थोडी
ऊ
ँ चन करर्न चनहहए।
िसिरी की तैयारी- 1 हैक्टेयर भूमम क
े मलए 225 िगा मी. की
जरुरत होती है (7.5 मी. लम्बन, 1 मी. चौडन तथन 10-15 सेमी.
ऊ
ँ चन)।
सडी गोबर की खनद को 3 ककग्रन प्रतत िगा मी. तथन 500 ग्रनम
NPK को ममट्टी में ममलनये और 125-175 ग्रनम उपचनररत
बीज कन उपयोग करें तत्पशचनत िनर्स्पततक खनद की पतली
लेयर से र्सारी को ढ़क दे।
5. बुआई- र्सारी में 4-5 सप्तनह क
े उपरनन्त मुख्य खेत में
स्थनर्नन्तररत करर्े लनयक हो जनतन है, इसक
े पूिा 4-5 हदर् क
े
मलए पौधों को र्सारी से तर्कनल कर र्म स्थनर् पर रख हदयन
जनतन है जजससे पौधन बुआई क
े लनयक हो जनतन है।
दूरी- 60 सेमी. X 45 सेमी., 75 सेमी. X 60 सेमी. यन 75 सेमी X
75 सेमी.
पोषक तत्व प्रबन्ि- 20 टर् गोबर खनद, 90-100 ककग्रन
र्नइरोजर्, 60-70 ककग्रन. फनस्फोरस, 50-60 ककग्रन. पोटनस प्रतत
हैक्टेयर।
सूक्ष्म पोषक तत्ि- जजंक, कॉपर तथन बोरॉर् फल की मनत्रन एिं
गुणित्तन बढ़नते है।
जल प्रबन्ि- ग्रीष्ट्म कनल में 3-4 हदर् क
े अन्तरनल पर तथन
शीतकनल में 10-15 हदर् क
े अन्तरनल पर मसंचनई करें।
6. खरपतवार- मुख्य खेत में स्थनर्नंतरण क
े दो सप्तनह तथन 6
सप्तनह उपरनंत तर्रनई करर्न चनहहए ।
रनसनयतर्क खरपतिनर र्नशक- अंक
ु रण पूिा 0.35 ककग्रन. प्रतत है.
मेरीब्यूजीर्, फ्लूक्लोरनलीर् 1.25 ककग्रन. प्रतत है. तथन
पेंडीमेथीमलर् 1 ककग्रन. प्रतत है.।
बीज उपचार- अच्छी उपज, गुणित्तन ठंड एिं गमा तनपमनर् तथन
िनयरस से बचनि हेतु बी.-र्ेप्थॉक्सी ऐसीहटक एमसड क
े 25-50
पी. पी. एम., जीबरीलीक एमसड 5-20 पी. पी. एम., की दर से बीज
को उपचनररत करर्न चनहहए।
गमी से बचनि हेतु पुिनल से तथन सदीयों में पनलन से बचनि हेतु
ममट्टी को प्लनजस्टक से ढ़कर्न आिश्यक होतन है।
पौधे क
े अिनंतछत भनग की कटनई-छटनई करक
े तर्कनलर्े से फल
कन आकनर एिं गुणित्तन बढ़तन है,
7. फसल कटाई एवं उपज- सनमनन्यत: 70 से 100 हदर्ों में टमनटर कन
फल तोडर्न शुरुआत होतन है। गमीयों में 4-5 हदर् क
े अंतरनल पर
तुडनई करर्न चनहहए तथन सहदायों में 1 सप्तनह क
े अंतरनल पर।
सनमनन्य प्रजनततयनं 20-25 टर् प्रतत है. तथन हनइबिड ककस्म 50 टर्
प्रतत है. उपज देतन है।
रोग एवं कीट से बचाव-
डैम्पंग ऑफ और जङ सङि रोग- बीज अंक
ु ररत होर्े से लेकर र्सारी
तक लगभग सभी पौधै मर जनते है। बचनि हेतु कॉपर ऑक्सी
क्लोरनइड 2 ग्रनम प्रतत ककग्रन बीज उपचनररत करें।
पछेती झुलसा रोग- यह रोग पौधे क
े ककसी भी अिस्थन में हो सकतन
है। भूरन यन बैंगर्ी कनलन रंग कन धब्बन पत्तीयों पर यन तर्न पर आ
सकतन है। बचनि हेतु जजर्ेब यन मेर्कोजेब कन प्रयोग करें।
सुखा रोग- इसक
े कनरण पत्तीयों की मशरनएं तथन डंठल सूखर्े लगतन
है, पत्तीयों क
े तर्चे से वपलनपर् शुरु हो जनतन है तथन पौधन पूणातयन
सूख जनतन है। इससे बचनि क
े मलए प्रततरोधी ककस्मों कन प्रयोग करर्न
चनहहए
8. अगेती झुलसा रोग- इस रोग क
े कनरण पत्तीयों तथन फलों पर
गोलनकनर गहरे-भूरे धब्बे पङर्े लगते है। इसक
े बचनि हेतु 52-55
℃ तनपमनर् पर बीज उपचनररत करर्न चनहहए तथन डडथेर् यन
जजर्ेब कन तछङकनि करर्न चनहहए।
टोबैको मोजैक वायरस- इस रोग क
े कनरण पत्तीयनं तथन तर्ो पर
विमभन्र् प्रकनर क
े रंग विकमसत हो जनते है, पवत्तयों कन आकनर
मसक
ु ङ जनतन है, फल में सङर् तथन रंग रुप अिनंछतर्य हो जनतन
है।
लीफ कलि वायरस- सदीयों में यह गम्भीर बबमनरी कन रुप ले लेती
है जजसक
े फलस्िरुप पत्तीयनं मुङ जनती है, आकनर छोटन हो जनतन है
तथन अत्यचधक शनखनएं हो जनती है और पौधे की बढ़िनर रुक
जनतन है। यह रोग सफ
े द मख्खी क
े कनरण फ
ै लतन है, इसकी
रोकथनम क
े मलए रोगर और डीमनक्ॉर् कन 8-10 हदर् क
े अन्तरनल
पर तछङकनि करें।
फल छेदक- यह कीट हरे रंग कन होतन है तथन अक्तूबर से मनचा
तक अचधक प्रकोप रहतन है। ये पवत्तयों को लपेट कर गोलनकनर
बर्नकर फल तक पहँच जनते है और फलों में छेद कर देते है।
9. जैसीड्स- ये पवत्तयों से रस चूसते है तथन उन्हें मसक
ु ङन देते है।
इससे बचनि हेतु एन्रीर् यन पैरनथनर् कन तछङकनि करें।
सफ
े द मख्खी- यह सूक्ष्म तथन सफ
े द रंग क
े होते है और पवत्तयों
कन रस चूस कर उन्हें मसक
ु ङन देते है इर्क
े रोकथनम हेतु एन्रीर्
यन पैरनथनर् कन तछङकनि करें।
निमेटोड- ये पवत्तयों क
े रंग को फीकन कर देते है, पौधे की िृजध्द
एिं विकनस रुक जनतन है तथन पौधन मुर्ना कर सुख जनतन है।
बचनि हेतु प्रततरोचध ककस्मों कन उपयोग करें जैसे- पी. 120,
र्ेमनटेक्स, अर्नहु, एटककं सर्, िी. एर्. एफ-8 इत्यनहद।
त्तवकार रोग-
पुष्ट्प पुंज सङर् रोग क
े कनरण फल एिं संलग्र्क स्थनर् पर
जलपूणा धब्बे प्रततत होते है और मृदन में र्मी कम होर्े क
े कनरण
यन क
ै जससयम की कमी से यह रोग होतन है।
अर्ुिनंमशक अथिन पयनािरणीय कनरकों क
े कनरण फल कन फटर्े
लगतन है, इसक
े मलए प्रततरोधी ककस्मों कन प्रयोक करर्न चनहहए।