4. • अ ापन – कम एक वसाय है।
• वह जीिवकोपाजन का माग है।
• जीिवकोपाजन का काय होकर भी िज ेदार
के प म काम करना दािय है।
5. अ ापक के िश ण सं था से िश ण ा
करना चाहे. उसमे दशन के बारे म जानकारी, बाल
मनो-िव ान, वीणता और नए-नए िश ण तथा
तकनीकी संबंध नए-नए योगों का जानकारी,
मू ांकन िविधयों की जानकारी आिद होना
ज़ री है।
6. आधुिनक युग म िश क की भूिमका अ ा नीय है।
जानकारी से परे जीने की कला िसखाने वाला है अ ापक
तेज ी एवं संपु भिव की घटना क दािय
अ ापक – नव जीवन की सृ ा
7. िश क की भूिमका उस सीिढ़यों की
तरह है, िजसके ज़ रये लोग जीवन की
ऊँ चाई को छू ते ह, लेिकन सीिढ़ वहीं
की वहीं रहती है।
- डॉ ए पी जे अ ुल कलाम
अ ापक – नव जीवन की सृ ा
11. सुिवधा दाता के प म....
1. छा ों के िलए यह आसान नहीं है िक वह िश क से अपनी सारी सम ा बता दे,
इसिलए िश क के िलए ज़ री है िक वे उदार िच वाले और सहायता करने के
िलए सदैव आगे आए
2. छा ों को सम ाओं व चुनौितयों का सामना करने के िलए आ िनभर बनना
3. िश ण संबंधी सम ाओं का िनदान करना
12. 4. क ा िश ण म सहायक साम ी का योग
करना
5. छा ों की यो ता ऐर र के अनुकू ल िश ण
िविधयों का योग करना चािहये
6. क ा का वातावरण िश ण के अनुकू ल बनाना
सुिवधा दाता के प म....
14. अनु वण कता के प म...
1. छा ों की गित की िनगरानी करना मह पूण है ोंिक इससे छा
अपनी मता के बारे म अिधक सजग बने रहते ह।
2. छातेरों को उनकी मताओं से प रिचत कराना है। उनको ंशसा देना
पड़ता है।
16. नेतृ कता के प म...
1. िश क को नेतृ कता के प म मू ांकन करना और िनणय लेने
की आव कता होती ह तािक िव ालय कै सा चला रहा ह और कहाँ-
कहाँ सुधार चािहए सही समय पर कर।
2. समय सारणी को अ ी तरह से िनयोिजत करना।
3. चुनौितयों और अवसरो की पहचान करना।
4. सम ाओं का समाधान िनकालना तथा बातों का मू ांकन सही
माइने म करना।
18. मागदशक के प म...
1. छा ों को उनकी यो ताओं और श का ान कराना, तािक अपनी मता के
अनुसार समाज के िलए उपयोगी योगदान दे सके ।
2. छा ों को संतुिलत, शारी रक, मानिसक, भावना क एवं सामािजक गित म
इस कार सहायता देना िक वह अपने वातावरण के साथ संतोषजनक ढंग से
समायोिजत हो सके ।
19. 3. छा ों का ान ल की ओर आकिषत करके उसे ा करने के
िलए े रत करना।
4. बालकों म ायि यता, स ि यता, देशभ भावना का िवकास
करना।
5. िव ालय के योजन एवं काय करने के िलए आव क जानकारी
धान करना।
21. परामश दाता के प म...
1. ाथिमक र पर ब े गीली िम ी की तरह प रवतनीय
की तरह होता है। उनके िवकास पर योगदान देना।
2. परामश िश ा अप य ओवं अवरोध रोकने के िलए सहायक होते
ह।
3. सम ा क बालकों एवं बाल अपरािधयों के सुधार हेतु परामश
देना।
4. छा ों म ः मू ाकं न एवं आंकलन की मता का िवकास कराना।