1. 1"वसंत आया" कववता क
े रचवयता कौन हैं ?
A. रघुवीर सहाय
B. जयशंकर प्रसाद
C. महादेवी वमाा
D तुलसीदास
2.तोडो कववता की वनम्नवलखित में से कौन सी शैली है?
A. रागात्मक शैली
B. उद्बोधन शैली(उद्बोधनपरक)
C. द्वंद्वात्मक शैली
D. उपरोक्त में से कोई नहीं
3.कवव ने वचवडया क
े चहचहाने की तुलना वकससे की है?
A. बहन क
े दा कहने से
B. बहन से
C. वसंत ऋतु से
D. पीले पत्ों से
4.कवव को वसंत क
े आने का पता क
ै से चला?
A. मौसम से
B. पीले पत्ों से
C. क
ै लेंडर से
D. बहन से
5.कवव को ढाक क
े जंगलों क
े दहकने का पता क
ै से चला?
A.वचवडया क
े चहकने से
2. B. कववताओं से
C. पत्थरों से
D. ऑविस से
6."वपयराए पत्े" शब्द का क्या अर्ा है ?
A. पीहर
B. पीना
C. पीले पीले पत्े
D.पानी पी चुक
े पत्े
7.कवव ने वनम्नवलखित में से वसन्त की कौन - सी ववशेषता बताई है ?
A. ढाक क
े जंगल दहकते हैं
B. वन ि
ू लों से लद जाते हैं
C. पीले पीले पत्े वगरने लगते हैं
D. उपरोक्त सभी
8"वसन्त आया" कववता में कवव की वचंता क्या है?
A. पलाश क
े जंगलों में लगी आग
B. पेडों से पत्ों का झरना
C. मनुष्य का प्रक
ृ वत से ररश्ता टू टना
D. नववनमााण करना
9.कवव ने 'तोडो' कववता में क्या आह्वान वकया है ?
A. नववनमााण की भूवम क
े वलए चट्टानें तोडने का
3. B. ऊसर जमीन को गोडकर उपजाऊ बनाने का
C. कवव मन में व्याप्त ऊब तर्ा िीज को तोड कर नवसृजन का
D. उपरोक्त सभी का
10.तोडो' कववता में पत्थर और चट्टान वकसक
े प्रतीक
हैं ?
A नवसृजन क
े
B. वसन्त ऋतु क
े
C. जीवन में आने वाली बाधाओं क
े
D. कववता क
े
11.तोडो कववता का मुख्य भाव या प्रवतपाद्य क्या है?
A. नवसृजन ,सृजनात्मक या नववनमााण क
े वलए प्रेररत करना
B. ववध्वंस करने क
े वलए प्रेररत करना
C.वजंदगी में धन प्राप्त करने की प्रेरणा देना
D. उपरोक्त में से कोई नहीं
12.गोडो गोडो गोडो से कवव क्या कहना चाहता है?
A. मन की िीज को ित्म करना
B.आधे आधे गाने की बात
C. धरती को गोड कर उपजाऊ बनाना
D. A औरB दोनों
13.कवव क
े अनुसार मन क
े मैदान पर क्या व्याप्त है ?
4. A. दू ब
B. घास
C.वमट्टी
D. ऊब
14.आधे आधे गाने से कवव का क्या आशय है?
A. मन क
े मैदान पर व्याप्त ऊब क
े कारण पूरी बात न कर पाना
B.आधा गाना पूरा नहींकरना चाहता
C प्रक
ृ वत को छोड देना
D. उपरोक्त में से कोई नहीं
15. रघुवीर सहाय वनम्न में से एक की पत्रकाररता से जुडे हुए नहींर्े-
A.नवजीवन दैवनक
B.नव भारत टाइम्स
C.धमायुग
D.वदनमान
16. वनम्नवलखित में से एक रघुवीर सहाय की रचना नहींहै -
A.सीव़ियों पर धूप में
B.चुका भी नहींहूँ मैं
C.हूँसो हूँसो जल्दी हूँसो
D.क
ु छ पते क
ु छ वचवियाूँ
17. रघवीर सहाय वनम्न में से वकस सप्तक से जुडे हुए र्े-
A.पहला सप्तक
5. B.दू सरा सप्तक
C.तीसरा सप्तक
D.चौर्ा सप्तक
18. वनम्नवलखित में से असत्य कर्न छांवटए -
A.रघुवीर सहाय ने काव्य-रचना में अपनी पत्रकार-दृवि का सजानात्मक उपयोग वकया है।
B..उनक
े काव्य-संसार में आत्मपरक अनुभवों की जगह जनजीवन क
े अनुभवों की रचनात्मक अवभव्यखक्त अवधक
है।
C..जीवनानुभवों की अवभव्यखक्त क
े वलए वे कववता की संरचना में कर्ा या वृत्ांत का उपयोग करते हैं।
D..उनक
े काव्यों में यर्ार्ा की अपेक्षा कल्पना की उडान अवधक है l
19. वनम्नवलखित में कौन-सा 'वसंत आया' कववता का प्रवतपाद्य नहींहै-
A.ऋतु पररवतान को आज हम सरलता से महसूस कर लेते हैं l
B.वसन्त ऋतु का आना अब अनुभव करने की बजाय क
ै लेंडर से जाना जाता है।
C.इस कववता में आज क
े मनुष्य की आधुवनक जीवन शैली पर व्यंग्य वकया है।
D.आज मनुष्य का प्रक
ृ वत से ररश्ता टू ट गया है।
20.बंगले क
े वकस वृक्ष पर बैठी वचवडया अपनेपन और वमठास से भरे स्वर में क
ु हुकी?
A.आम क
े
B.अशोक क
े
C.गुलमोहर क
े
D.नीम क
े
6. 21. कवव क
े दफ्तर में छु ट्टी वकस बात का प्रमाण र्ा ?
A.दशहरे का
B.दीवाली का
C.ईद का
D.वसंत पंचमी का
22. कवव को कववताएूँ प़िते रहने से वकस बात का पता नहींर्ा?
A.वक दहर दहर दहक
ें गे कहींढाक क
े जंगल
वक रंग रस गन्ध से लदे ि
ूँ दे दू र क
े ववदेश क
े वे नन्दन वन होवेंगे यशस्वी
B.वक मशीनें बताएं गी ऋतु पररवतान क
े चक्र को
वक मधुमस्त वपक भौर आवद अपना अपना क
ृ वत्त्व अभ्यास करक
े वदिावेंगे
23. जैसे गमा पानी से नहाई हो –खिली हुई हवा आई’ में अलंकार है-
A.उपमा
B.रूपक
C.श्लेष
D.उत्प्रेक्षा
24. रघुवीर सहाय वकस काव्यधारा क
े कवव हैं?
नई कववता
A.छायावाद
B.प्रगवतवाद
C.हालावाद
तोडो
7. 25 “पहाड मुझे उतना ऊ
ूँ चा कभी नही लगा वजतना लोग बताते हैं। मनुष्य से ज़्यादा ऊ
ूँ चा कोई नही होता”।। यह
कर्न वकसका है -
A.रघुवीर सहाय
B.दशरर् मांझी
C.अज्ञेय
D.मुखक्तबोध
26.वनम्नवलखित में कौन-सा अंतमान का पोषक तत्व/रस नहींहै-
A.संघषाशील प्रवृवत्
B.वेशभूषा
C.संकल्प क
े प्रवत दृ़िता/प्रवतबद्धता
D.मनोभावों क
े प्रवत सजगता
27. 'गोडो गोडो गोडो' कह कर कवव क्या बताना चाहता है-
A.वमट्टी की गुडाई की तरह मन की भी गुडाई होनी चावहए
B.पौधों की देिभाल क
े वलए गुडाई जरुरी है
X.ववचारों क
े पररष्कार क
े वलए मन की गुडाई जरुरी नहींहै
D.इनमें से कोई नहीं
28. वनम्नवलखित में कौन सी रघुवीर सहाय की रचना नहींहै-
A.आत्महत्या क
े ववरुद्ध
B.हूँसो हूँसो जल्दी हूँसो
C.अूँधेरे में
D.लोग भूल गए हैं
29. प्रस्तुत कववता में कौन-सा रस है-
8. A.शंगार रस
B.अद् भुत रस
C.वीर रस
D.शांत रस
30. मन क
े सृजनात्मक आयामों की पहचान क
े वलए वकन अवांवछत तत्वों को वनकालना जरुरी है
A.ऊब
B.उकताहट
C.झुंझलाहट
D.उपरोक्त सभी
31.’तोडो-तोडो,गोडो-गोडो, व आधे-आधे' में अलंकार है-
A.उपमा
B.रूपक