Más contenido relacionado La actualidad más candente (18) Similar a Yoga for immunity (20) Yoga for immunity1. क्या मॊख भुझे प्रततयक्षा औॊ फढावा देने भें भदद औय सऔता है? क्या मह तुयंत औाभ औयता है मा ऩरयणाभ ददकाने औ
े लिए
धीभा है? क्या भैं सीऒवीअइडी -19 औ
े दोयान मॊख औा ऄभ्यास औय सऔता रॄं, लिसे अभतोय ऩय औॊयॊनावामयस, संखयॊध औहा
िाता है? आसऔा िवाफ है हााँ।
मॊख औ
े ननमनभत ऄभ्यास से प्रबावी ऩरयणाभ साभने अए हैं। ववभबन्न असन प्रततयक्षा औॊ फढावा देते हैं, शयीय औी ताऔत औा
ननभााण औयते हैं, उिाा औ
े स्तय औॊ फढाते हैं, ल िंता ओय तनाव औॊ औभ औयते हैं, भन भें सऔायात्मऔता ओय तािखी औा सं ाय औयते
हैं।
औॊयॊना िैसे वामयस आंसानों ऩय हभिा औयना असान क्यों भानते हैं? क्या हभें सूक्ष्म िीव औ
े लिए ऄततसंवेदनशीि फनाता
है? नींद औी औभी, कयाफ ऩॊषण, ओय िीवन तनाव सबी एऔ औभिॊय प्रततयक्षा प्रणािी ओय फीभायी औी ऩेट भें िे िाते हैं। तनाव,
वऔसी बी ीज़ से ऄनधऔ, फैक्टीरयमा ओय वामयस औ
े खकिाप शयीय औी यक्षा औयने औी क्षभता भें एऔ टूटने औी ऒय िाता है। िफ
िॊय ददमा िाता है, तॊ हाभोन औॊवटिसॊि ववस्तारयत ऄवनध औ
े लिए यक्त भें यहता है, िॊ शयीय भें प्रततयॊध ववऔलसत औयता है, लिससे
सूिन फढ िाती है। भनॊववज्ञान अि औ
े ऄनुसाय। िनाि ऑप बफहेववमयि भेदडलसन भें ववतरयत नइ ऩयीक्षा औी लसपारयश औी िाती
है वऔ मॊख शयीय भें अऩऔ
े ऄसंवेदनशीि ढां े ओय गृणा औी वृनि औॊ सभथान देने औ
े लिए एऔ ईऩमॊखी तयीऔा हॊ सऔता है।
1. शििु आसन
ववश्राभ भुद्रा, लशशु असन औ
े रूऩ भें बी िाना िाता है, ववशेष रूऩ से एऔ मॊख ददन माा औ
े दोयान ववभबन्न हभिों
ओय यीढ औी हड्डी औ
े अंदॊिनों औ
े फाद ववश्राभ प्रेरयत औयने औ
े लिए सहामऔ है। लशशु असन नाभ संस्क
ृ त से लिमा खमा
है लिस तयह से एऔ लशशु सॊता है।
लशशु असन भानलसऔ शांतत औ
े साथ-साथ शायीरयऔ रूऩ से बी फढावा देने भें भदद औयता है ओय ईन
मॊखाअसन भें से एऔ है िॊ अऩऔ
े औ
ू ल्हों, टकनों ओय िांगों औ
े औॊभि खकिं ाव औॊ फढावा देता है।
शििु आसन
ननम्नलिखकत औदभ अऩऔॊ लशशु असन औी ऩॊलज़िंख तऔनीऔ भें भहायत हालसि औयने भें भदद औयेंखे।
• ऄऩने औ
ू ल्हों औॊ ऄऩनी एडी से स्पशा औयते रृए ऄऩने गुटनों ऩय फैठे।
2. • पशा औॊ छ
ू ने औ
े लिए ऄऩने भाथे औॊ अखे िाने औ
े लिए अखे झुऔ
ें । मदद अऩ पशा औॊ छ
ू ने भें ऄसभथा हैं, तॊ अऩऔ
े
ऩास मथासंबव अयाभ से झुऔने औा ववऔल्प है।
• ऄऩनी हथेलिमों औॊ ऄऩने शयीय औ
े वऔनाये ऄऩनी हथेलिमों से छत औी ऒय यकें। मदद मह थॊडा ऄसहि िखता है, तॊ
एऔ भुट्ठी दूसये ऩय यकें ओय ऄऩने भाथे औॊ ऄऩनी भुट्ठी ऩय यकें।
• धीये से ऄऩनी छाती औॊ ऄऩनी िांगों ऩय दफाएं।
• औ
ु छ सेऔ
ं ड औ
े लिए आस स्थितत औॊ ऩऔडॊ ओय ऄऩनी सांस ऩय ध्यान औ
ें दद्रत औयें।
• धीये से ईठें ओय ऄऩनी एडी ऩय फैठे रृए प्रायंभबऔ स्थितत भें िोट अएं।
शििु आसन क
े लाभ:
लशशु असन शयीय औॊ फरृत िाब ऩरृं ाती है, कासऔय तफ िफ शयीय ओय भन तनाव भुक्त हॊते हैं। आस भुद्रा औ
े
ऄभ्यास औ
े लिए औ
ु छ िाब ननम्नलिखकत हैं:
• खदान, लसय मा औ
ं धों भें वऔसी बी ददा से याहत नभिती है
• ल िंता ओय ऄवसाद औी बावनाऒं औॊ यॊऔता है ओय औभ औयता है तनाव औॊ औभ औयने औ
े लिए सफसे ऄच्छा असन है
• औब्ज से फ ने ओय ईसऔा आिाि औयने भें भदद औयता है
• यीढ औॊ अयाभ देता है
• औ
ू ल्हे कॊिती है
• नसों ऩय शांत प्रबाव ऩडता है
शििु आसन में सावधाननयाां:
औइ ऄभ्यासों औ
े साथ, ऄऩने शयीय औॊ सुनना ओय हाननऔायऔ ॊटों से कुद औॊ ईिाखय औयने से फ ना
भहत्वऩूणा है। मदद अऩ वऔसी ऩुयानी फीभायी से ऩीदडत हैं मा वऔसी ॊट से ईफय यहे हैं तॊ ऄऩने ल वऔत्सऔ से ऩयाभशा
औयना भहत्वऩूणा है।
औ
े भाभिे भें लशशु असन औा ऄभ्यास औयने से फ ें:
• ऩीठ मा गुटने ऩय औॊइ ॊट
• मदद अऩ खबावती हैं
• मदद अऩ फे ैन हैं मा अऩऔॊ हाि ही भें दस्त है
2. ब्रिज ऩोज़ (सेतु बांध सवंगसाना)
िैसा वऔ शीषाऔ से ऩता िता है, ऩुि ऩॊज़ हभाये शयीय औॊ एऔ ऩुि औा अऔाय िेने भें सक्षभ फनाता है क्योंवऔ
हभ ऄऩनी यीढ औी हड्डी औॊ भॊडते हैं ओय ऄऩने औ
ू ल्हों औॊ टॊन औयने ओय ऄऩनी भांसऩेलशमों औॊ भिफूत औयने औ
े लिए
ईठाते हैं। संस्क
ृ त भें, "सेतु" औा ऄथा है सेतु ओय "फन्ध" औा ऄथा है फााँधना मा तािा िखाना, आस भुद्रा औॊ आसऔा ईऩमुक्त
नाभ देना।
ईन्नत स्तय औी भुद्रा औ
े लिए एऔ ऄनधऔ भध्यवती, ऩुि भुद्रा हभें ऄऩने संतुिन औा ऩयीक्षण औयने औी ऄनुभतत
देती है ओय हभाये शयीय औी दपटनेस औ
े भाध्यभ से हभें भिफूत ओय प्रेरयत यकने औ
े लिए उिाा औ
े साथ हभाये शयीय औॊ
ईंधन देती है।
3. ब्रिज ऩोज
आस भुद्रा औा ऄभ्यास अयाभ ओय असानी से औयने भें भदद औ
े लिए नी े ददए खए यणों औा ऩािन औयें:
• ऄऩने गुटनों औ
े फि ऄऩनी ऩीठ औ
े फि िेटऔय शुरुअत औयें ओय ऄऩने ऩैयों औॊ टाइ, औ
ू ल्हे- ोडाइ औी दूयी ऩय
भिफूती से िखाए। टाइ ऩय नी े औी ऒय हथेलिमों औ
े साथ ऄऩनी बुिाऒं औॊ यकें।
• ऄऩनी उ
ाँ ी एडी औ
े िूते औॊ ऄऩने हाथों औ
े औयीफ िाने औी औॊलशश औयें क्योंवऔ अऩ ऄऩनी एडी औॊ ऄऩनी ईंखलिमों
से छ
ू ने औी औॊलशश औय सऔते हैं (मदद अऩ स्पशा औयने भें सक्षभ नहीं हैं तॊ मह ठीऔ है)।
• ऄऩने औ
ू ल्हों औॊ छत औी ऒय ईठाने औ
े लिए, िैसे ही अऩ ऄऩनी यीढ औॊ टाइ से यॊि औयते हैं। िैसे ही अऩ ऄऩनी
छाती औॊ उऩय औी ऒय ईठाते हैं, ऄऩने औ
ं धों ओय फािुऒं औॊ टाइ ऩय दफाएं।
• ननमनभत रूऩ से सांस िें ओय chode| श्वास-प्रश्वास क्रों औ
े लिए भुद्रा औॊ ऩऔडें।
• धीये-धीये ऄऩनी ऩीठ ऩय अयाभ औयने औ
े लिए वाऩस अने औ
े लिए छॊडें।
• औभ से औभ 10 याईंड औ
े लिए ऩुि औी भुद्रा दॊहयाएं।
ऩुल ऩोज़ क
े क
ु छ अब्रतररक्त लाभों में ननम्नशलखित िानमल हैं:
• यीढ औा ि ीिाऩन फढता है
• तंबिऔा तंि औॊ फेहतय फनाता है
• ऩा न औॊ ईत्तेलित औयता है
• ऄंतःस्रावी औामा भें सुधाय औयता है
• ऩीठ औी भांसऩेलशमों ओय औ
ं धों औा ननभााण औयें
• िांगों ओय वऩिंडलिमों सदहत ऩैयों औॊ भिफूत फनाता है
• शयीय औॊ स्फ
ू तति देता है
• औॊय ओय नन िे शयीय औॊ भिफूत औयता है
• यीढ औॊ िंफा औयता है
ब्रिज ऩोज़ सावधाननयाां:
बिि ऩॊज़ औा ऄभ्यास औयने औ
े साथ औ
ु छ ववयॊधाबास हैं। बिि ऩॊज़ औी औॊलशश औयने से ऩहिे ऄऩने डॉक्टय से
हयी फत्ती प्राप्त औयना सुननश्चित औयें, कासऔय ऄखय अऩ वऔसी ॊट से ईफय यहे हैं मा वऔसी ऩुयानी स्थितत से ऩीदडत हैं।
बिि ऩॊज़ औॊ ननम्न ऩरयस्थिततमों से फ ा िाना ादहए:
• खंबीय भाआग्रेन
• मदद अऩ खबावती हैं
• ऩेट औी कयाफी मा ऩेट औी सभस्या
• गुटनों, ऩीठ, मा औ
ं धों भें िखाताय ॊट
3. मछली मुद्रा (मत्स्यासन)
4. िॊऔवप्रम रूऩ से हाटा ऒऩननिंख ’भुद्रा औ
े रूऩ भें िाना िाता है, भछिी औी भुद्रा औॊ शयीय औी प्रवृलत्त औ
े औायण
आसऔा नाभ ददमा खमा है िॊ ऩानी भें ऄभ्यास औयने ऩय भछिी औी तयह तैयने भें सक्षभ हॊती है। संस्क
ृ त भें, 'भत्स्य' औा
ऄथा भछिी है ओय 'असन' औा ऄथा भुद्रा मा भुद्रा है।
भछिी भुद्रा हठमॊख भें लिमा खमा ोथा असन है ओय शयीय भें उिाा औ
े स्तय औॊ फहाि औयने औ
े लिए िाना
िाता है।
मछली मुद्रा
ननम्नलिखकत ननदेश अऩऔॊ भछिी भुद्रा प्रदशान औी तऔनीऔ भें भहायत हालसि औयने भें भदद औयेंखे।
• ऄऩने गुटनों औ
े फि ऄऩनी ऩीठ औ
े फि िेटऔय शुरुअत औयें ओय अऩऔ
े ऩैय टाइ ऩय
भिफूती से िखाए।
• ऄऩने हाथों औॊ ऄऩने ननतंफों, हथेलिमों औ
े नी े यकें, ओय ऄऩने धड ओय औॊहननमों औॊ
ऄऩने धड औ
े ऩास यकें। ऄऩने ऩैयों औॊ औभये औ
े साभने औी तयप फढाएं।
• ऄऩने पॊयअर्म्ा औ
े साथ नी े दफाएं ओय ऄऩने धड औॊ पशा से ईठाएं। अऩऔी छाती
औॊ ऄऩनी उऩयी ऩीठ औ
े साथ एऔ अ ा फनाने औ
े लिए बी ईठाना ादहए।
• धीये से ऄऩने लसय औॊ ऩीछे झुऔाए ओय धीये-धीये ऄऩने लसय औ
े भुऔ
ु ट औॊ िभीन औी
ओय औभ औयें। अऩऔा साया बाय अऩऔ
े ऄग्र-बुिाऒं ओय हाथों ऩय हॊना ादहए।
• ऄऩनी एडी औ
े भाध्यभ से दफाएं ओय ऄऩनी िांगों औॊ संिग्न औयें।
• िखबख ऩााँ सााँसों औ
े लिए आस भुद्रा औॊ ऩऔडें ओय ऄऩने धड औॊ नी े औयने औ
े लिए
धीये से छॊडें, शुरुअती स्थितत भें वाऩस िोटें।
मछली मुद्रा क
े लाभ:
भछिी भुद्रा औ
े ननमनभत ऄभ्यास से शयीय भें भिफूती ओय औइ ऄन्य िाब हॊ सऔते हैं, िैसे वऔ फेहतय
ि ीिाऩन। भछिी भुद्रा औ
े ऄभ्यास औ
े ऄततरयक्त िाबों भें ननम्नलिखकत शानभि हैं:
• खदान ओय औ
ं धों औ
े लिए एऔ ऄच्छा खकिं ाव प्रदान औयता है
• छाती औॊ कॊिता है
• ऩीठ औी भांसऩेलशमों भें ताऔत औॊ फढावा देता है
• तनाव ओय ल िंता औा प्रफंधन औयता है
• यीढ औी हड्डी ओय उऩयी ऩीठ औ
े ि ीिेऩन भें सुधाय औयता है
• ग्रंतथमों औॊ यक्त ऩरयसं यण भें वृनि
• ऩा न भें भदद औयता है ओय औब्ज औ
े साथ भदद औयता है
• थऔान औा भुऔाफिा औयता है
• हल्क
े ऩीठ ददा औा आिाि औयता है
• श्वसन संफंधी सभस्याऒं ओय फीभारयमों औॊ ठीऔ औयता है
मछली मुद्रा सावधाननयाां:
िफवऔ मॊख अभ तोय ऩय ऄनुबव वािे व्यनक्तमों औ
े लिए सुयक्षक्षत हॊता है, शुरुअती िॊखों औॊ हभेशा ऄनुबवी ल वऔत्सऔ
से भाखादशान भें नए ऩॊज़ औी औॊलशश औयनी ादहए। मदद अऩ वऔसी ॊट से ईफय यहे हैं मा ऩुयानी फीभायी से ऩीदडत हैं,
तॊ नए ऩॊज़ ओय व्यामाभ औयने से ऩहिे ऄऩने डॉक्टय से ऩयाभशा औयना ववशेष रूऩ से भहत्वऩूणा है। ननम्नलिखकत
ऩरयस्थिततमों भें भछिी औी भुद्रा औा ऄभ्यास औयने से फ ना सफसे ऄच्छा है:
• ईच्च मा ननम्न यक्त ाऩ
• खंबीय भाआग्रेन
• स्पॉन्डििाआवटस
• ऄननमनभत नींद ऩैटना मा ऄननद्रा
• ऩीठ मा खदान भें ॊट
5. • हृदम संफंधी सभस्याएं
• मदद अऩ खबावती हैं
4. हल मुद्रा (हलासना)
आस भुद्रा औी औल्पना औयने औा एऔ ऄच्छा तयीऔा हि औ
े फाये भें सॊ ना है, केतों भें पसि ईखाने औ
े लिए नभट्टी
तैमाय औयने औ
े लिए आस्तेभाि वऔमा िाने वािा एऔ िॊऔवप्रम औ
ृ वष ईऩऔयण। हि औी भुद्रा, लिसे हिासन बी औहा िाता
है, ध्वनन औामाऔल्प औ
े लिए शयीय औॊ तैमाय औयती है।
'हि' औा ऄथा है हि मा हि ओय 'असन' औा ऄथा है भुद्रा मा भुद्रा। मॊनखमों द्वाया प्र लित एऔ ऄनधऔ ईन्नत भुद्रा,
हि भुद्रा ऩीठ औ
े ि ीिेऩन भें सुधाय औयती है ओय ववश्राभ औॊ प्रेरयत औयने औ
े लिए श्वास तऔनीऔों ऩय औाभ औयती है।
ईन्नत मॊखी िंफे सभम तऔ आस भुद्रा औॊ धायण औयने भें सक्षभ हॊते हैं ओय आस भुद्रा औॊ औयऔ
े ववश्राभ ओय अत्मववश्वास
औी बावनाऒं औॊ फढावा देते हैं।
हल मुद्राए
ँ :
• ऄऩने ऩैयों औॊ सीधा औयऔ
े ऄऩनी ऩीठ औ
े फि िेट िाएं ओय ऄऩनी बुिाऒं औॊ ऄऩनी बुिाऒं से सटाएं।
• िफ अऩ सााँस छॊडते हैं, तॊ धीये-धीये ऄऩने गुटनों औॊ झुऔाए बफना ऄऩने ऩैयों औॊ सीधे छत औी ऒय ईठाना शुरू औयें।
• दपय, ऄऩने औ
ू ल्हों औॊ पशा से ईठाएं।
• ऄफ, धीये-धीये ऄऩनी ऩीठ औ
े नन िे दहस्से औॊ बी उऩय ईठाएं ओय ऄऩनी ऩीठ औॊ ऄऩनी फाहों से ऩऔडऔय ऄऩने
शयीय औॊ सहाया दें।
• ऄऩने ऩैयों औॊ ऄऩने लसय औी ऒय िाएाँ ओय ईन्हें ऄऩने लसय औ
े उऩय िे िाएाँ क्योंवऔ अऩ ऄऩने ऩैय औी ईंखलिमों से
ऄऩने लसय औ
े उऩय औ
े ति औॊ छ
ू ने औी औॊलशश औयते हैं।
• आस स्थितत भें एऔ फाय, ऄऩनी श्वास ऩय ध्यान औ
ें दद्रत औयें ओय एऔ से ऩां नभनट औ
े लिए आस भुद्रा औॊ ऩऔडें।
• िफ अऩ सााँस छॊडते हैं, तॊ धीये से प्रायंभबऔ स्थितत भें वाऩस अ िाएं।
हल मुद्रा क
े लाभ:
ऐसे व्याऩऔ िाब हैं िॊ ननमनभत अधाय ऩय हि भुद्रा औा ऄभ्यास औयने से ननऔि सऔते हैं, लिसभें भन औी
अयाभ औी स्थितत ओय ि ीिेऩन भें सुधाय बी शानभि है। हि भुद्रा औयने औ
े ऄन्य िाबों भें ननम्नलिखकत शानभि हैं:
• भस्थस्तष्क भें शांतत औॊ फढावा देता है
• औ
ं धे देता है ओय यीढ औॊ एऔ ऄच्छा खकिं ाव देता है
• थामयॉमड ग्रंतथमों औॊ ईत्तेलित औयता है
• ऩा न वक्रमा औॊ ईत्तेलित औयता है
• तनाव ओय थऔान औॊ दूय औयता है
• ऩीठ ओय लसय ददा औ
े लिए ऄत्यंत ईऩ ाय
• ऄननद्रा औ
े िक्षणों औा आिाि औयता है
हल मुद्राए
ँ सावधाननयाँ:
6. ऄभ्यास औयते सभम, लिसभें वऔसी बी तयह से अऩऔ
े शयीय औॊ गुभा ओय तनाव देना शानभि है, मह सुननश्चित
औयने औ
े लिए ऄऩने ल वऔत्सऔ से ऩयाभशा औयना भहत्वऩूणा है वऔ अऩ आस ऄभ्यास औॊ औयने भें सक्षभ हैं, कासऔय मदद
अऩ वऔसी बी ॊट से ईफय यहे हैं मा वऔसी ऩुयानी स्थितत से ऩीदडत हैं। ननम्नलिखकत ऩरयस्थिततमों भें हि भुद्रा औा ऄभ्यास
औयने से फ ना सफसे ऄच्छा है:
• खदान भें खंबीय ॊट
• दभा
• ईच्च यक्त ाऩ
• मदद अऩ खबावती हैं ओय मॊख औी शुरुअत औय यही हैं
• बायी भाहवायी
• दस्त
• ऄखय अऩने ऩहिे औबी औॊइ मॊख नहीं वऔमा है
5. धनुष मुद्रा (धनुरासन)
एऔ स्थितत िॊ अऩऔ
े ऩेट ऩय ऄभ्यास औी िाती है, फॊ ऩॊज़ एऔ ऄत्यंत िाबऔायी भुद्रा है िॊ ऩीठ औी
भांसऩेलशमों औॊ भिफूत औयती है ओय अऩऔ
े ऩेट औॊ औाभ औयने औ
े लिए यकती है। धनुष भुद्रा मा धनुयासन अऩऔ
े शयीय
औॊ अ ाय औ
े धनुष औी तयह अऔाय देता है, आसलिए आस भुद्रा औॊ ईऩमुक्त नाभ ददमा खमा है।
धनुष भुद्रा (धनुयासन)
ननम्नलिखकत औदभ अऩऔॊ धनुष भुद्रा प्रदशान औयने भें भदद औयेंखे ओय ऄऩनी ऩीठ ओय ऄफ औी भांसऩेलशमों औॊ
व्यस्त यकेंखे।
यण 1:
ऄऩने ऩैयों औॊ औ
ू ल्हे- ोडाइ औी दूयी औ
े साथ ऄऩने ऩेट ऩय िेट िाएं ओय ऩूयी तयह से अऩऔ
े साभने प
ै िा रृअ
हॊ। अऩऔी बुिाऒं औॊ मा तॊ अऩऔ
े साभने मा अऩऔी बुिाऒं औ
े ऩास यका िा सऔता है ओय खहयाइ से ऄंदय कीं
सऔते हैं। िैसे ही अऩ सााँस छॊडते हैं, ऄऩने ऩैयों औॊ गुटनों ऩय भॊडें ओय ऄऩनी टकनों औॊ ऩऔडने औ
े लिए ऄऩनी फाहों
औॊ वाऩस प
ै िाएाँ।
यण 2:
िैसे ही अऩ सााँस िेते हैं, छत औा साभना औयने औ
े लिए ऄऩने लसय ओय खदान औॊ उऩय औी ऒय ईठाएं ओय
साथ ही साथ ऄऩने ऩैयों औॊ उऩय औी ऒय ईठाते रृए ऄऩने शयीय से दूय िात भायें। िफ अऩ ऄऩने टकनों औॊ उऩय
ईठाते हैं ओय ऄऩने हाथों औॊ धनुष औी ऒय कीं ते हैं, तॊ अऩऔी छाती ज़भीन से ईठ िाएखी ओय अऩऔ
े औ
ं धे ब्लेड
नी े ओय एऔ-दूसये औी ऒय खकिं े हॊने ादहए।
यण 3:
िांगों औॊ िखे यहने दें, ऄऩने ऩैयों ओय टकनों औॊ हाथों से दफाने औ
े लिए सााँस छॊडें। 10 सेऔ
ं ड औ
े लिए भुद्रा
ऩऔडॊ ओय प्रायंभबऔ स्थितत भें िोटने औ
े लिए सााँस छॊडते। आस असन औॊ औभ से औभ तीन फाय दॊहयाएं।
धनुष भुद्रा औ
े िाब:
7. फॊ ऩॊज़ एऔ खहयी फैऔफेंड है िॊ ऩूयी ऩीठ औी भांसऩेलशमों औॊ औाभ औयता है, लिससे असन भें सुधाय हॊता है
ओय तनाव औभ हॊता है। धनुष भुद्रा औ
े औ
ु छ ऄततरयक्त िाबों भें ननम्नलिखकत शानभि हैं:
• क्वादिसेप्स औॊ स्ट्रे औयता है
• ऩीठ औी भांसऩेलशमों भें ताऔत ओय ि ीिेऩन औॊ फढावा देता है
• भुद्रा भें सुधाय औयता है
• औ
ं धों औॊ भिफूत औयता है
• ईदय क्षेि औॊ ईत्तेलित औयता है
• शयीय औ
े औामों औॊ ननमंबित औयता है
• तनाव ओय ल िंता औॊ औभ औयता है
• सांस िेने ऩय ध्यान औ
ें दद्रत औयता है
• यक्त ऩरयसं यण भें सुधाय औयता है
धनुष मुद्रा सावधाननयाां:
िफवऔ धनुष भुद्रा भन ओय शयीय औ
े लिए औइ िाबों औ
े साथ अती है, मह अऩऔ
े शयीय औॊ सुनने औ
े लिए
भहत्वऩूणा है ओय मह सुननश्चित औयने औ
े लिए ऄऩने ल वऔत्सऔ से ऩयाभशा औयें वऔ मह भुद्रा अऩऔ
े लिए सही है मदद
अऩ वऔसी ऩुयानी स्थितत से ऩीदडत हैं मा वऔसी ॊट से ईफय यहे हैं। मदद अऩ ननम्न से ऩीदडत हैं तॊ आस भुद्रा औा ऄभ्यास
औयने से फ ना सफसे ऄच्छा है:
• ऩेट औी सूिन
• हृदम संफंधी सभस्याएं
• हननिमा
• ईच्च यक्त ाऩ
• गुटनों औा ऑस्टिमॊअथायाआवटस