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1 de 75
वातापी क
े चालु+ वं श का
इितहास
डॉ िवराग सोनट,
े
सहायक 1ा2ापक
1ाचीन भारतीय इितहास, सं:
ृ ित और पुरात>
बनारस िहंदू िवBिवCालय
!"ावना
• द"#ण भारत का मह,पूण/ राजवं श
• #े5: वत/मान कना/टक
• संभवतः क
ं दंबो क
े सामंत
• लगभग ६०० वषA का शासन
चालु) शाखाय-
•वातापी
•व&गी
•लाट
•क+ाणी
वातापी क
े
चालुE
वातािप (बादामी) चालु)
• चालुD वं श कE Fाचीन एवं मह,पूण/ शाखा।
• दKन मL वाकाटकों क
े पMNात राO िनमा/ण
• दKन मL ईसवी ५४३ से ७५३ तक शासन
• कदंबों क
े साVाO #े5 पे अ"धकार
• वातािप (बादामी) मL राजधानी का िनमा/ण वत/मान बीजापुर "ज़ला,
कना/टक।
• द"#ण भारत क
े इितहास मL मह,पूण/ योगदान
• कना/टक #े5 क
े इितहास का सुवण/ काल
• मंिदर कला एवं ाप] #े5 मL िवल#ण योगदान
• चालुD ाप] कला का ज^ एवं Fसार।
Location
5ोत
• अ"भलेख (क_ड़ एवं सं a
ृ त भाषा)
1. मंगलेश का बादामी अ"भलेख : क_ड़
2. मंगलेश का महाक
ू ट अ"भलेख : सं a
ृ त
3. पुलक
े "शन िcतीय का एहोले अ"भलेख: बादामी
4. क
ै लाशनाथ मिदर, काँची अ"भलेख
• "सg
े
• हेनhँ ग़ का Fवास िववरण
• मुjkम लेखक तबरी
• ाप]
• सािहj]क िववरण :
लाड़ खान, मिदर
Durga temple, Aihole
Badami caves
Badami caves
Badami temple
Meguti Temple: Aihole
inscription
Pattadak
al
Virupaksh
Temple
चालु) वं शनाम
• चालुDों कE उm"n, मूलिनवास एवं Fारjoक इितहास क
े सूचनाओं
का अभाव
• वं शनाम: अ"भलेख अनुसार : चq, चलुgE, चलेD, च"लD तथा
चलुD
• लाट चालुD राजा िवजयािद] मंगलरसराज क
े (६९१ ई) क
े मैनर
अ"भलेख मL उसे “चलुD” कहा है।
• पुलक
े "शन िcतीय क
े लोहनेर अ"भलेख मL चलुgE
• िवtमािद] Fथम क
े करनूल अ"भलेख मL चलेD
• िवजयािद] क
े अ"भलेखों मL च"लD
• क
ु छ अ"भलेखों मL चलुv तथा "चwरD नाम "मलते है।
चालु)ों क
े उ;<= पर िव?ानो का मत
• डी॰ सी॰ सरकार : वं श क
े संापक का नाम चz, च"लक अथवा
चलुक रहा होगा।
• J॰ F॰ {लीट एवं िनलक
ं ठ शा}ी: वं श क
े सं ापक का नाम चq
रहा हाओग।
• R॰ G॰ भ~ारकर एवं B॰ इंजी : चलुD
• S॰ नंिदमथ: चलुकE, चzE अथवा शjz
• चzE अथवा शjz: क_ड़ भाषा मL क
ृ िष क
े एक उपकरण का नाम
उ;<=
• मूल अ"भलेखों मL कोई सूचना नही।
1. िवtमािद] VI क
े हरिक
ं दे अ"भलेख क
े अनुसार चालुD हwरित
ऋिष क
े चुू से उm_ ‚एँ।
2. १०२५-२६ ई॰ क
े क„ाण अ"भलेख अनुसार हाwरत क
े पु5 चालुD
से चालुD उm_ ‚ए।
3. िब…न क
े िवtमांकदेवचwरत: †‡ा ने दुˆों क
े दमन क
े "लए अपने
चुू से पराtमी पु‰ष को ज^ िदया "जसक
े वं शज चालुD
कहलाए।
4. वLगी चालुD अ"भलेखों मL †Šा को चालुDों का आिदपु‰ष माना
है।
5. गुजरात क
े चालुD राजा क
ु मारपाल क
े बड़नगर Fशjh मL चालुD
गंगाजल से पwरपूण/ चुलुक से उm_ ‚ए।
6. िवtमािद] VI क
े अ"भलेखों मL चालुDों को चंवं शी (#ि5य) एवं
†Šा क
े पु5 अि5 क
े ने5 से उm_ बताया गया है।
मूलिनवास: द<Bण भारत
१॰ कना/टक
• जॉन कEव, डी॰ सी॰ सरकार, हंस राज, सेन,
• २॰. आं Fदेश
• इŽाक
ु क
े सामंत
३॰ कदंबों क
े सामं त
मूलिनवास: उ=र भारत
1. कौथेम अ"भलेख: Fारjoक ५९ राजाओं ने अयोा मL शासन
िकया बाद क
े १६ राजाओं ने द"#णापथ मL राO िकया।
2. परवत‘ चालुD अ"भलेख: चालुD वं श का एक राजा अयोा
से द"#ण मL आया, उसने पवों को परा"जत िकया एवं पव
राजक
ु मारी से िववाह िकया।
3. इस िववाह से उm_ पु5 (िवजयािद]) चालुD वं श का राजा
बना।
4. यही िवजयािद] पुलक
े "शन का िपता था।
Geneology
चालु6 राजवं श प:रचय
अनु
$॰
राजा ित+थ$म (ईसवी)
१ जय+संह 6थम ५००-५२०
२ रणराग ५२०-५४३
३ पुलक
े +शन 6थम ५४३-५६६-६७
४ कEितFवमFन 6थम ५६६/६७ से ५९७/८
५ मंगलेश ५९७/८ से ६०९/१०
६ पुलक
े +शन िIतीय ६०९/१० से ६४२
७ िव$मािदK 6थम ६५५ से ६८१
८ िवनयािदK ६८१ से ६
९ िवजयािदK ६९६ से ७३३/३४
१० िव$मािदK िIतीय ७३३/४ से ७४४/५
११ कEितFवमFन िIतीय ७४४/५ से ७५५
जय4संह (५००-५२० ईसवी)
•चालु% वं श का *थम ऐितहा1सक शासक
•सव3*थम उ5ेख: क
ै रा ता:प<
•=लीट: कदंबों का सामंत
•अD चालु% अ1भलेखों मF कोई राजकIय िवKद नही।
•नंिदमथ: कदंबों का सैD अथवा *शासकIय अ1धकारी
•िवKद: व5भ, Oीव5भ तथा व5भFP
युE गितिव<धयाँ
Fारjoक चालुD अ"भलेखों मL कोई उेख नही।
1. जगदेकम क
े दौलतबाद अ"भलेख मL जय"संग ने कदंबों क
े ऐŽय/
को नˆ िकया
2. जी एस मोरेज़ : कद“ शासक मृगेश अथवा रिवमव/म जय"संह से
अ"धक शj”शाली
3. क„ाणी क
े चालुDों क
े कौथेम अ"भलेख: जय"संह से राˆ•क
ू ट
शासक इं एवं उसक
े पु5 क
ृ – को परा"जत िकया।
4. क_ड़ किव रण: जय"संह कE राˆ•क
ू टों पर गदायु— cारा िवजय
5. राˆ•क
ू टों पर िवजय क
े कथन कE Fामा"णकता संदेहजनक
रणराग (५२०-५४० ईसवी)
• जय"संह का पु5
• कोई अ"भलेख नही
• कोई उेखनीय सूचना नही।
• येवूर अ"भलेख: वीर शासक एवं गदायु— मL रणराज"संह कE
उपा"ध।
• "शव का उपासक
पुलक
े <शन !थम (५२०-५६६ ईसवी)
• !लीट, डी॰ सी॰ सरकार : पुलक
े .शन = चीतों क
े समान बालों वाला
• िनलक
ं ठ शा:ी: “िवशालकाय बाघ”
• रणराग का पु?
• महAपूणC एवं Eथम Gतं? राजा
• चालुI वं श का वाJिवक संKापक।
• चालुI वं श कM महानता क
े युग कM शूरवात
• महाक
ु ट JN अ.भलेख: वातापी का Eथम िवधाता: वातािप राजधानी
• कदंबों से वातापी Tे? जीता होगा
• कUाणी क
े चालुI शासक सोमेVर III क
े िवWमांकXुदय अनुसार:
पुलक
े .शन Eथम ने अVमेध यY क
े अवसर पर १३००० ]ाम पुरोिहतों को
दान िदया।
साJाK िव"ार
1. िनलक
ं ठ शा}ी एवं स॰ नंिदमथ: पुलक
े "शन ने वनवासी तथा अ˜
#े5ों से कदंबों को हराया एवं ™तं5ता घोिषत कE।
2. जी॰एस॰मोरेस : पुलक
े "शन कदंबों का सामंत था
3. मंगलेश क
े महाक
ू ट ho लेख क
े अनुसार:
• पुलक
े "शन Fथम ने अŽमेध, वाजपेय, अि›ˆोम, अि›चयन, पौंडwरक,
ब‚सुवण/ तथा िहरœगभ/ य िकए
• लाट चालुD राजा िवजयािद] मंगलरसराज क
े नेžर अ"भलेख मL
पुलक
े "शन Fथम मनुŸृित, रामायण, महाभारत, इितहास तथा पुराणों
का िवcान कहा है।
• वैिदक धम/ मL पुलक
े "शन Fथम कE  —ा थी।
• उपा"ध: महाराज, धम/महाराज, रणिवtम, राज"संह, स]ा य,
वभराज, " वभ तथा पृj¡वभ
कLितMवमMन !थम (५६६-५९६ ईसवी)
• पुलक
े "शन Fथम का पु5
• युवराज काल मL िपता को सहकाय/
• ईसवी ५६६-६७ मL राजा बना।
• }ोत: पुलक
े "शन िcतीय कE एहोले Fशjh
• मंगलेश क
े महाक
ु ट अ"भलेख
• वातािप मL अनेक मंिदरो का िनमा/ण
साJाK िव"ार
• एहोले Fशjh एवं क„ाणी चालुDों क
े अ"भलेख :
नल, मौय/ एवं कदंबों का िवनाशक
1. नल: संभवतः बेारी एवं कनू/ल का #े5
2. मौय/: महाराˆ• क
े समुतट क
े कोंकण क
े शासक, पुरी राजधानी।
3. कद“: कना/टक क
े उnर #े5 कनारा, बेलगाँव, धारवाड Fदेश
िव"जत िकया एवं कद“ राजवं श कE राजधानी वैजय¢ी
(वनवासी) भी अपने अधीन कE।
4. एहोले Fशjh: कEित/वम/न Fथम ने कदंबों क
े संघ को हराया। इस
संघ मL सLक एवं गंग राजवं श शा"मल थे।
5. मंगलेश क
े महाक
ू ट अ"भलेख: क"लंग, मगध, अंग, वं ग, मक,
क
े रल, पां£ इ]ािद #े5ों का िवजेता कहा गया है। जो अितरं"जत
है।
वैवािहक संबं ध
• सLिय वं शीय शासक  ीवभसेनान¤ कE बिहन क
े साथ
िववाह िकया।
• कदंबों क
े संघ को परा"जत करने मL सहायक "स—
कLितMवमMन का साJाK
• कना/टक का उnरी #े5: धारवाड, बेलगाँव, बीजापुर, बेरी,
शीमोगा आिद।
• महाराˆ•: कोंकण #े5
• आं Fदेश: करनूल एवं गुंटूर
• साVाO #े5: महाराˆ•, कना/टक एवं आं Fदेश
कLितMवमMन का मूPांकन
• चालुDों का साVाO िवhार िकया
• कदंबों को हराया
• िव–ु मिदर का िनमा/ण
• उपा"ध: स]ा य, वभ, " पृ¡ीवभ, महाराज,
पु‰रणपराtम तथा परमभागवत
मंगलेश
• कEित/वम/न Fथम का अनुज
• पुलक
े "शन िcतीय क
े संर#क क
े žप मL
• पूव/वत‘ राजाओं से महान एवं मह,कां#ी िवजेता
• नाम: मंगलेŽर, मंगलीश, मंगलराज, मंगलानाव/
• उपा"ध: पृ¡ीवभ, महाराज, रणिवtम, उ‰णिवtम,
च"लDवं शांबरपूण/चं
• ित"थ: संभवतः ५९६/७ से ६०९/१० ई॰
• }ोत: महाक
ू ट अ"भलेख
मंगलेश कL युE गितिव<धयाँ
• महाक
ू ट अ"भलेख: उnर भारत क
े बु—राज को हराया
• मंगलेश क
े ने‰र अ"भलेख एवं पुलक
े "शन िcतीय क
े एहोले Fशjh
इसकE पुिˆ करते है।
• ने‰र अ"भलेख: शंकरगण क
े पु5 बु—राज कE सेना को पराh िकया
• इस यु— से Fा¥ धन-स¦"n को िवजयो§व मL खच/ िकया।
• ऐहोले अ"भलेख: मंगलेश ने कलचुwरयों को हराया
• कलचुरी िवजय: उnरिव"जगीषु
• कलचुरी #े5: गुजरात, क
ं िठयाँवाड एवं ना"सक मL राO करते थे।
• यह यु— मंगलेश क
े शासन क
े ५वे अथवा ७वे वष/ मL ‚आ होगा।
रेवती?ीप कL िवजय
• महाराˆ• का कोंकण #े5
• मौयA क
े पराजय क
े बाद संभवतः रेवतीcीप क
े शासक ने मंगलेश क
े
िव‰— िवोह िकया होगा
• कोंकण #े5 का मह,पूण/ शहर
• पहचान: र¨ािगरी "ज़ले मL वLगूला/ क
े द"#ण मL रेडी नामक ान
• नौसेना cारा रेवतीcीप कE िवजय
• १८ यु—ों क
े िवजेता ™ा"मराज को परा"जत िकया
मंगलेश का साJाK िव"ार
• मगलेश क
े राO मL चालुD वं श का साVाO
1. गुजरात
2. कािठयाँवाड
3. महाराˆ• (ना"सक एवं कोंकण)
4. उnरी कना/टक
5. आं (कनू/ल)
मंगलेश का मूPांकन
1. महान िवजेता
2. महाक
ू ट अ"भलेख: ब‚मुखी ªj”,
3. चालुD वं श का चं, इं एवं राम क
े समान अजेय, "शव क
े समान
उदार, यू"धिˆर क
े समान स]िनˆ, ल«ी से स¦_ आिद
4. नेžर अ"भलेख: परमभागवत
5. कEित/वम/न cारा Fारo िकए िव–ु मं िदर का िनमा/ण काय/
6. उदार: अनेक ¬ाम दान
पुलक
े <शन ि?तीय
• कEित/वम/न का पु5 (मंगलेश का भतीजा)
• ऐहोले अ"भलेख: पुलक
े "शन िcतीय ने अपनी मं5 एवं उ§ाह शj” से
मंगलेश को सभी ओर से दुब/ल बना िदया और मंगलेश को न क
े वल
राO, बjz जीवन भी खोना पड़ा।
• चालुD वं श का सवा/"धक मह,पूण/ शासक
• साVाOवादी एवं मह,कां#ी
• गृहयु— क
े कारण अनेक सामंत ™तं5
• अंतग/त िवोह कE पwरjित
• राOारोहन: संभवतः ६०९/१० से ६४२
• }ोत: ऐहोले Fशjh
• हेन§गं का Fवास िववरण
• सुवण/ "सgों का Fवत/न
पुलक
े <शन ि?तीय कL िवजये
1. आ®ाियक एवं गोिवंद
2. कद“
3. आलुक एवं गंग
4. कोंकण क
े मौय/
5. लाट, मालव एवं गुज/र
6. हष/वध/न से यु—
7. पूव‘ द"#णापथ कE िवजय
8. पवों पर आtमण
आSाियक एवं गोिवंद
• पुलक
े "शन िcतीय कE िदj¯जय या5ा मL सव/Fथम परा"जत
• द"#णी महाराˆ• क
े शासक
• राजवं श का उेख नही
• संभवतः संयु” शासक
• िवcानो क
े अनुसार राˆ•क
ू टों से स“ं "धत
• गृहयु— क
े jित का लाभ पाने अ®ाियक एवं गोिवंद हhी-सेना क
े
साथ भीमरथी (भीमा)नदी क
े उnरी िकनारे तक आए थे।
• इससे चालुDों क
े क
L  बीजापुर क
े "लए ख़तरा
• पुलक
े "शन िcतीय ने खुले यु— नीित क
े ान पर भेद नीित का
उपयोग िकया
• गोिवंद को "म5 बनाया और उसकE सहायता से आ®ाियक को
परा"जत िकया।
कदU
• कदंबों को कEित/वम/न एवं मंगलेश ने परा"जत िकया था।
• गृहयु— क
े कारण ™तं5
• पुलक
े "शन ने कदंबों कE राजधानी बनवासी को घेर "लया।
• क
ं दंब राजा वीरता पूव/क लढ़ा अंत मL समप/ण िकया।
• परा"जत कद“ राजा कE पहचान भोिगवम/न से कE जाती है।
• पुलक
े "शन ने कदंबों क
े राO को अपने सामं तो मL िवभा"जत िकया
1. अलुप: को कदमबमं डल का भाग
2. सLक: बनवासी का #े5
आलुक एवं गं ग
• आलुक: कना/टक राO क
े द"#णी कनारा #े5
• शीमोगा "ज़ले कE ‚ँचा राजधानी
• आलप राजा कE पहचान क
ु ¤वम/रस से
• िवcानो क
े अनुसार आलुक कदंबों क
े सामं त थे, जो परा"जत होने
क
े पMNात आलुक ने चालुDों का आ"धप] ™ीकार िकया।
• गंग:तलकाड #े5
• कदंबों क
े स“²ी
• राजा: दुिव/नीत
• िवcानो क
े अनुसार गंग भी कदंबों क
े सामं त थे, कद“ परा"जत
होने क
े पMNात गंगो ने चालुDों का आ"धप] ™ीकार िकया।
कोंकण क
े मौयM
• #े5: प"³मी महाराˆ• क
े मुंबई क
े पास वत/मान ए"लफ
ँ टा cीप क
े
धारापुरी
• मौय/ राजधानी पूरी (प"³मी समु कE ल«ी)
• मौयA को कोंकण का शासक
• गुजरात एवं महाराˆ• क
े समु क
े अ"धपित
• पुलक
े "शन ने उµL परा"जत िकया
• परा"जत राजा का उेख नही।
लाट, मालव एवं गुजMर
लाट, मालव एवं गुजCर ने यु^ क
े िबना ही पुलक
े .शन क
े समT
आ`समपCण िकया।
लाट
• Tे?: द.Tणी गुजरात मa िकम नदी क
े द.Tण मa
• राजधानी नवसाbरका
• पहचान: बड़ौदा क
े नवसारी
मालव
• Tे?: गुजरात का वलभी
गुजCर
• Tे?:भड़ौच क
े गुजCर
• राजधानी: नादींपुरी
• पहचान: असंिदe (भड़ौच, नfोद)
हषMवधMन से युE
• एहोले अ"भलेख क
े अनुसार “यु— मL हष/ क
े हाथी िगर पड़े और वह
भय से भाग गया”
• हेन§ाँग: हष/ ने पंचभारत कE सेनायL एकि5त करक
े , ™यं सेना#
बनक
े पुलक
े "शन को जीतने गया।
• एहोले अ"भलेख: पुलक
े "शन िcतीय ने “सकलउnरापथनाथ” को
हराया
• हेन§ाँग: हष/ ने पुलक
े "शन िcतीय को ना हराया एवं ना अ"धनh
बनाया
• इस यु— पMNात पुलक
े "शन ने “परमेŽर”कE उपा"ध ली
• नम/दा दोनो राOों कE सीमा बनी
• यु— संभवतः ईसवी ६३०-६३४ क
े म ‚आ होगा
हषMवधMन से युE
• हष/: उnर भारत का शj”शाली शासक
• पुलक
े "शन: द"#ण भारत का शj”शाली शासक
• दोनो समकालीन, मह,कां#ी एवं साVाOवादी
• यह यु— पुलक
े "शन िcतीय कE सामwरक उपलj¶ मानी गयी
• इस यु— को चालुDों अ"भलखो मL अ]"धक मह, िदया गया
• वातापी चालुDों क
े अितwर” क„ाणी क
े चालुDों एवं राˆ•क
ू ट
शासकों क
े अ"भलेखों मL भी इसका िववरण "मलता है।
• यु— ित"थ: ईसवी ६३० से ६३४-३५
पूवY द<Bणापथ
कोसल: द"#ण कोसल
• #े5: वत/मान छnीसगढ़
• राजवं श: पां£ वं श
• शासक: बालाजु/न "शवगु¥ (D॰C॰ सरकार)
क"लंग:
#े5: ओिड़शा
• राजवं श: पूव‘ गंग
• िव"जत #े5: क"लंगनगर (गंजाम:मुख"लंगम)
आंZराK िवजय
• आं:
#े5: वत/मान आंFदेश
िव"जत #े5: िपˆपुरम (गोदावरी:िपठापुरम)
राजवं श: िव–ुक
ुं िडन
परा"जत शासक: इंवम/न
• यु— क
े फल™žप कोणाल झील (गोदावरी तथा क
ृ –ा नदी क
े म
का #े5: वत/मान कोेž झील)का पानी र”रं"जत हो गया।
• पुलक
े "शन िcतीय ने आं िवजय क
े बाद “िव–ुवध/न” को वहा का
राजा िनयु” िकया।
• ६३२ ई॰ क
े आसपास िव–ुवध/न ने ™तं5ता घोिषत कE और नए
वं श कE ापना कE "जसे “पूव‘ चालुD राजवं श ” कहते है।
प[व आमण: !थम
• पुलक
े "शन ने षडंग सेना से पव राO पर आtमण िकया।
• पव शासक: महLवम/न Fथम
• महLवम/न Fथम ने परा"जत होकर यु— मैदान से भाग गया उसने
काँचीपुरम मL शरण ली।
• क
ु छ समय तक पव क
े क
ु छ #े5 अपने अधीन िकया।
• यु—ित"थ: संभवतः ईसवी ६१७-१८ ई
• िवजय क
े पMNात: पुलक
े "शन ने चोल, पां£, क
े रल को "म5 बनाया।
• यु— िनणा/यक नही।
क
ू टनीितक सU]
• संभवतः फ़ारस क
े शासक खुसरो परवेज़ िcतीय से क
ू टनीितक स“²
ािपत िकए थे।
• फ़ारसी इितहासकार तबरी (८३८-९२३ ई) क
े अनुसार भारत क
े एक
राजा ने अपना दूतमंडल फ़ारस क
े शासक खुसरो परवेज़ िcतीय क
े
काय/काल क
े ३६ वे वष/ (६२५-२६ ई) मL भेजा था।
• दूतमंडल एक प5, हाथी तथा अ˜ ब‚मू„ वhुयL लेकर गया था।
• खुसरो परवेज़ िcतीय ने भी अपना दूत भारत मL भेजा था।
• तबरी ने भारत क
े शासक का नाम फर"मस या Fमेश बताया है; जो
परमेŽर का फ़ारसी žपांतर है।
• ऐहोले Fशjh: चोल, चेर एवं पां£ क
े सथ मैि5पूण/ संबं ध
अजंता गुफा )। १
प[व राK पर आमण: ि?तीय
• Fथम आtमण िनणा/यक नही।
• पव राO पर िcतीय आtमण
• पव शासक: महLवम/न क
े पु5 नर"संहवम/न Fथम
• क
ू रम अ"भलेख: नर"संहवम/न Fथम ने पुलक
े "शन िcतीय को पwरयाल,
शूरमार तथा म"णमंगलम क
े यु—ों मL परा"जत िकया था।
• नर"संहवम/न Fथम क
े सेनापित "श‰तोंडर क
े नेतृ, मL मL पव सेना
ने वातापी पर आtमण िकया "जसमL पुलक
े "शन िcतीय इस यु— मL
परा"जत ‚आ और मारा गया।
• यु— िवजय उपरांत नर"संहवम/न Fथम ने “वातापीकोंड”उपा"ध ली।
• यह घटना ईसवी ६४२ कE होगी।
पुलक
े <शन ि?तीय का मूPांकन
• चालुD साVाO का िवhारक
• साम¹/शाली यौ—ा, क
ु शल सं घटक, क
ू टनीित
• हेन§ं ग पुलक
े "शन िcतीय को दानशील राजा कहता है।
• पुलक
े "शन िcतीय क
े राO का #े5 ५००० ली (१३३४ कE॰मी॰)
• उपा"धयाँ: स]ा य, वभ, पृ¡ीवभ, महाराजा"धराज,
परमेŽर, भºारक, परमभागवत
िवमािद^ !थम
• पुलक
े "शन िcतीय क
े 6 पु5
• पुलक
े "शन िcतीय क
े मृ]ु उपरांत (१३ वष/) साVाOवादी गृहयु— मL
िवजयी।
• अ"भलेख: पुलक
े "शन िcतीय का िFयपु5
• अ"भलेख: कई यु—ों मL िवजेता।
• िवtमािद] Fथम क
े नाना गंग वं शीय दुिव/नीत कE सहायता।
• राOित"थ: ईसवी ६५५-६८१
िवमािद^ !थम कL युE गितिव<धयाँ
• करनूल अ"भलेख: तीन शासकों को परा"जत िकया “अविनपिति5तय”
• Fleet + K.V.Ramesh: अविनपिति5तय =
1. नर"संहवम/न I,
2. महLवम/न II,
3. परमेŽरवम/न I से
• K.A.N.Shastri: अविनपिति5तय= िवtमािद] Fथम क
े २ भाई
1. आिद]वम/न
2. चंािद]
3. पव नरेश नर"संहवम/न I
• D॰P॰ दी"#त: अविनपिति5तय= चेर , चोल एवं पां£
प[व िवजय
• हो_ुर अ"भलेख: ई॰६७०-७१ मL िवtमािद] Fथम काँची क
े समीप
मीपुर ¬ाम मL jत था।
• गदवल अ"भलेख, सवनूर अ"भलेख: पवों को परा"जत िकया।
1. " वभ (िवtमािद]) ने नर"संह (नर"संहवम/न I) क
े यश को
नˆ िकया
2. महL (महLवम/न II) क
े शौय/ को समा¥ िकया।
3. ईŽर (परमेŽरवम/न I) क
े िव‰— सफलता Fा¥ कE।
4. काँची पर अ"धकार िकया
5. इसक
े उपरांत रणर"सक ने महाम (नर"संहवम/न I) को पूण/
पराh कर “राजम” उपा"ध धारण कE।
6. पwरखा एवं Fाकार से सुर"#त काँची को अपने अधीन िकया।
• अलम अ"भलेख: पव नरेश ने उसकE चरण वं दना कE।
अ` िवजये
• गदवल अ"भलेख: ई ६७४-७५
• लाट चालुD अ"भलेख:
• अलम अ"भलेख:
1. चोल
2. क
े रलों
3. पां£
4. "संहल राजा: Fभुता ™ीकार कE।
िवमािद^ !थम एवं प[व आमण
क
ू रम ताVप5: पव नरेश परमेŽरवम/न I ने िवtमािद] Fथम को
यु— से भागने क
े "लए िववश िकया।
पव अ"भलेख: पे‰वडनूर क
े यु— मL वभ कE सेना परा"जत
‚ई।
चालुDों कE राजधानी को सं5h िकया।
पेwरयापुराणम: पव सेनानायक ने वातािप पर आtमण िकया श5ु
कE ब‚त धन-स¦"n ™ामी (नर"संहवम/न I ? अथवा परमेŽरवम/न I)
को दी।
िवमािद^ !थम का मूPांकन
1. उपा"ध: स]ा य, वभ,  ीपृ¡ीवभ,
महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, राजम,
2. दानशूर राजा: अनेक मंिदरो को दान
3. अनेक दानों का पुनःनवीनीकरण
4. नम/दा नदी (गुजरात, लाट) तक साVाO िवhार
5. द"#ण मL चोल, काँची #े5 तक
6. ितनो समुों पर शासन
िवनयािद^
• िवtमािद] Fथम का पु5
• िपता क
े शासनकाल मL युवराज िनयु”
• अनेक यु—ों मL िपता को सहयोग
• िपता कE अनुपjित मL राजधानी कE सुर#ा
• ईसवी ६८१ से ६९६
िवनयािद^ कL िवजये
1. !ैरा%प'वपती
2. कल-: िवदेशी? क2ोिडया?
3. क
े रल
4. पां7
5. चोल
6. िवल
7. मालव
8. हैहय: परा;जत िकया
9. मूसक: मूसी नदी का तटवतA Bे!
10. लाट
11. का2 : गुंटूर ;ज़ला
12. FGरा%
13. सकलोHरपथनाथ : क
े िवJK िवजये LाM कN। (राजा का नाम नही)
a) कमेर: कावेरी नदी
b) पार;सक: पारसी
c) ;संहलिPप : कर वसूल िकए
िवनयािद^ का मूPांकन
1. अनेक भू"म-दान
2. उपा"ध: स]ा य, वभ,  ीपृ¡ीवभ, महाराजा"धराज,
परमेŽर, भºारक, यु—म, राजा य
3. िवhृत साVाO को सुर"#त रखा
4. साVाO िवhार िकया
5. िवनयािद] साVाO का दौरा िकया करता था।
6. उसकE प¨ी एवं पु5ी ने अनेक मंिदरो का िनमा/ण िकया।
• िवनयािद] का रानी िवनयवती से उm_ पु5
• ईसवी ६९१ मL ही युवराज िनयु”।
• िपतामह िवtमिद] Fथम एवं िपता िवनयािद] दोनो क
े काल मL
राजकाज, सैिनकE एवं Fशासन काय/ का अनुभव।
• चालुDों मL सवा/"धक ४० अ"भलेख।
• दीघ/ लेिकन शांितमय शासन
• युवराज काल मL अनेक यु—ों मL सहयोग (ईसवी ६९६-७३३)
• सामं त: आलुप, गं ग, सLक, बाण, तेलगू-चोड़ आिद।
िवजयािद^
िवजयािद^
• िवजयािदg ने अपने पु? युवराज
िवWमािदg को पhवों कM राजधानी काँची
पर आWमण क
े .लए भेजा। उसने पhव
राजा परमेVर वमCन II को हराया।
• पkदकल मa िवजयेVर (संगमेVर) मंिदर का
िनमाCण
• जैन धमाCनुयायी
• संगीत मa अ.भm.च
• .चिकnालय Kािपत िकए, .संचन oवKा
सुpढ़ कM।
Sangameshwar temple at Pattadakal
िवमािद^ ि?तीय
• िवजयािद] का पु5
• िपता क
े काल मL युवराज िनयु” (ई॰७१०)
• काय/काल: c.733- 745 ईसवी
• उपा"ध: कां"चनकोंड, स]ा य, वभ,  ीपृ¡ीवभ,
महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, वभदुज/य
िवमािद^ ि?तीय कL युE गितिव<धयाँ
• युवराज: सफल पOव अQभयान
• राजा: नवसारी अQभलेख (लाट शासक)-अरब आUमण
• पुलक
े Qशराज: चाOुि,क
ु लालंकार, पृXYवOभ आिद उपाQध दी।
• नरवण अQभलेख: पOवों पर ि]तीय आUमण
• लोकमहादेवी क
े प^दकल अQभलेख: िवUमािद_ ि]तीय ने पOवों पर तीन
िवजये 1ा` कa थी।
• नरवण तथा अQभलेख: वं शपरंपरागत शcु पOव िवनाश का िनdय
िवमािद^ ि?तीय का प[व अ<भयान
1. राeारोहण पfgात िवUमािद_ ि]तीय ने अपने
hाभािवक एवं वं शपरंपरागत शcु पOव िवनाश
का िनdय।
2. पOव नरेश नंदीवमjन को पराQजत िकया
3. शcुओं से हाथी, बlमूm रn एवं मQणयाँ हpगत
कa।
4. राजधानी काँची पर अQधकार qािपत िकया
5. िवUमािद_ ि]तीय ने काँची मr िवनाश न करते lए
sाtणों- िनधjनो को दान िदया।
6. काँची क
े नरQसंह वमjन ]ारा िनिमjत राजQसंहेBर
मंिदर कa सuQv को wित नही पlँचायी।
7. hतः मंिदर मr बlमूm वpुयr भrट दी।
8. िबyद: कांQचनकोंड (काँची पर िवजय 1ा` करने
वाला)
9. चोलों, क
े रलों, पांz आिद को पराQजत िकया।
10. रानी: लोकमहादेवी ने 1Qस{ लोक
े Bर (िव|पाw)
मंिदर का िनमाjण कराया।
Kendur inscription
Records the fact that Vikramaditya
Satyasraya, after his conquest of
Kanchi, did not confiscate the
property of Rajasimhesvara temple,
but granted large sums to the same.
क
ै लाशनाथ मं िदर एवं िव5पा7 मिदर म8 9ाप:
समानताए
कLितMवमMन ि?तीय
• िवtमािद] िcतीय का 5ैलोDमहादेवी से उm_ पु5
• युवराज काल मL पव िव‰— अ"भयान का नेतृ,
• राजा बनने क
े बाद क
े यु—ों क
े »ˆ Fमाण नही।
• उपा"ध:  ीवभ,  ीपृ¡ीवभ, राजा"धराज, महाराजा"धराज,
परमेŽर, भºारक, नृप"संह
• सामंत: प"³मी गंग एवं राˆ•क
ू ट
• राˆ•क
ू ट िवोह:
दंितदुग/ :
1. लाट क
े चालुD को परा"जत िकया
2. नम/दा नदी तक #े5 िवhार िकया
3. कEित/वम/न िcतीय को परा"जत िकया।
• दंितदुग/ क
े ई॰ ७५३-५४ क
े समनगड अ"भलेख: कम सै˜ क
े साथ
दंितदुग/ ने कEित/वम/न िcतीय को परा"जत िकया।
चालु) वं श क
े पतन क
े कारण
1. िनरंतर पव यु—
2. सामंतो का उदय
3. अरब आtमण
4. राˆ•क
ू टों का उदय

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Political History of Chalukyas of Badami (Vatapi)

  • 1. वातापी क े चालु+ वं श का इितहास डॉ िवराग सोनट, े सहायक 1ा2ापक 1ाचीन भारतीय इितहास, सं: ृ ित और पुरात> बनारस िहंदू िवBिवCालय
  • 2.
  • 3. !"ावना • द"#ण भारत का मह,पूण/ राजवं श • #े5: वत/मान कना/टक • संभवतः क ं दंबो क े सामंत • लगभग ६०० वषA का शासन
  • 6. वातािप (बादामी) चालु) • चालुD वं श कE Fाचीन एवं मह,पूण/ शाखा। • दKन मL वाकाटकों क े पMNात राO िनमा/ण • दKन मL ईसवी ५४३ से ७५३ तक शासन • कदंबों क े साVाO #े5 पे अ"धकार • वातािप (बादामी) मL राजधानी का िनमा/ण वत/मान बीजापुर "ज़ला, कना/टक। • द"#ण भारत क े इितहास मL मह,पूण/ योगदान • कना/टक #े5 क े इितहास का सुवण/ काल • मंिदर कला एवं ाप] #े5 मL िवल#ण योगदान • चालुD ाप] कला का ज^ एवं Fसार।
  • 8. 5ोत • अ"भलेख (क_ड़ एवं सं a ृ त भाषा) 1. मंगलेश का बादामी अ"भलेख : क_ड़ 2. मंगलेश का महाक ू ट अ"भलेख : सं a ृ त 3. पुलक े "शन िcतीय का एहोले अ"भलेख: बादामी 4. क ै लाशनाथ मिदर, काँची अ"भलेख • "सg े • हेनhँ ग़ का Fवास िववरण • मुjkम लेखक तबरी • ाप] • सािहj]क िववरण :
  • 16. चालु) वं शनाम • चालुDों कE उm"n, मूलिनवास एवं Fारjoक इितहास क े सूचनाओं का अभाव • वं शनाम: अ"भलेख अनुसार : चq, चलुgE, चलेD, च"लD तथा चलुD • लाट चालुD राजा िवजयािद] मंगलरसराज क े (६९१ ई) क े मैनर अ"भलेख मL उसे “चलुD” कहा है। • पुलक े "शन िcतीय क े लोहनेर अ"भलेख मL चलुgE • िवtमािद] Fथम क े करनूल अ"भलेख मL चलेD • िवजयािद] क े अ"भलेखों मL च"लD • क ु छ अ"भलेखों मL चलुv तथा "चwरD नाम "मलते है।
  • 17. चालु)ों क े उ;<= पर िव?ानो का मत • डी॰ सी॰ सरकार : वं श क े संापक का नाम चz, च"लक अथवा चलुक रहा होगा। • J॰ F॰ {लीट एवं िनलक ं ठ शा}ी: वं श क े सं ापक का नाम चq रहा हाओग। • R॰ G॰ भ~ारकर एवं B॰ इंजी : चलुD • S॰ नंिदमथ: चलुकE, चzE अथवा शjz • चzE अथवा शjz: क_ड़ भाषा मL क ृ िष क े एक उपकरण का नाम
  • 18. उ;<= • मूल अ"भलेखों मL कोई सूचना नही। 1. िवtमािद] VI क े हरिक ं दे अ"भलेख क े अनुसार चालुD हwरित ऋिष क े चुू से उm_ ‚एँ। 2. १०२५-२६ ई॰ क े क„ाण अ"भलेख अनुसार हाwरत क े पु5 चालुD से चालुD उm_ ‚ए। 3. िब…न क े िवtमांकदेवचwरत: †‡ा ने दुˆों क े दमन क े "लए अपने चुू से पराtमी पु‰ष को ज^ िदया "जसक े वं शज चालुD कहलाए। 4. वLगी चालुD अ"भलेखों मL †Šा को चालुDों का आिदपु‰ष माना है। 5. गुजरात क े चालुD राजा क ु मारपाल क े बड़नगर Fशjh मL चालुD गंगाजल से पwरपूण/ चुलुक से उm_ ‚ए। 6. िवtमािद] VI क े अ"भलेखों मL चालुDों को चंवं शी (#ि5य) एवं †Šा क े पु5 अि5 क े ने5 से उm_ बताया गया है।
  • 19. मूलिनवास: द<Bण भारत १॰ कना/टक • जॉन कEव, डी॰ सी॰ सरकार, हंस राज, सेन, • २॰. आं Fदेश • इŽाक ु क े सामंत ३॰ कदंबों क े सामं त
  • 20. मूलिनवास: उ=र भारत 1. कौथेम अ"भलेख: Fारjoक ५९ राजाओं ने अयोा मL शासन िकया बाद क े १६ राजाओं ने द"#णापथ मL राO िकया। 2. परवत‘ चालुD अ"भलेख: चालुD वं श का एक राजा अयोा से द"#ण मL आया, उसने पवों को परा"जत िकया एवं पव राजक ु मारी से िववाह िकया। 3. इस िववाह से उm_ पु5 (िवजयािद]) चालुD वं श का राजा बना। 4. यही िवजयािद] पुलक े "शन का िपता था।
  • 22. चालु6 राजवं श प:रचय अनु $॰ राजा ित+थ$म (ईसवी) १ जय+संह 6थम ५००-५२० २ रणराग ५२०-५४३ ३ पुलक े +शन 6थम ५४३-५६६-६७ ४ कEितFवमFन 6थम ५६६/६७ से ५९७/८ ५ मंगलेश ५९७/८ से ६०९/१० ६ पुलक े +शन िIतीय ६०९/१० से ६४२ ७ िव$मािदK 6थम ६५५ से ६८१ ८ िवनयािदK ६८१ से ६ ९ िवजयािदK ६९६ से ७३३/३४ १० िव$मािदK िIतीय ७३३/४ से ७४४/५ ११ कEितFवमFन िIतीय ७४४/५ से ७५५
  • 23. जय4संह (५००-५२० ईसवी) •चालु% वं श का *थम ऐितहा1सक शासक •सव3*थम उ5ेख: क ै रा ता:प< •=लीट: कदंबों का सामंत •अD चालु% अ1भलेखों मF कोई राजकIय िवKद नही। •नंिदमथ: कदंबों का सैD अथवा *शासकIय अ1धकारी •िवKद: व5भ, Oीव5भ तथा व5भFP
  • 24. युE गितिव<धयाँ Fारjoक चालुD अ"भलेखों मL कोई उेख नही। 1. जगदेकम क े दौलतबाद अ"भलेख मL जय"संग ने कदंबों क े ऐŽय/ को नˆ िकया 2. जी एस मोरेज़ : कद“ शासक मृगेश अथवा रिवमव/म जय"संह से अ"धक शj”शाली 3. क„ाणी क े चालुDों क े कौथेम अ"भलेख: जय"संह से राˆ•क ू ट शासक इं एवं उसक े पु5 क ृ – को परा"जत िकया। 4. क_ड़ किव रण: जय"संह कE राˆ•क ू टों पर गदायु— cारा िवजय 5. राˆ•क ू टों पर िवजय क े कथन कE Fामा"णकता संदेहजनक
  • 25. रणराग (५२०-५४० ईसवी) • जय"संह का पु5 • कोई अ"भलेख नही • कोई उेखनीय सूचना नही। • येवूर अ"भलेख: वीर शासक एवं गदायु— मL रणराज"संह कE उपा"ध। • "शव का उपासक
  • 26. पुलक े <शन !थम (५२०-५६६ ईसवी) • !लीट, डी॰ सी॰ सरकार : पुलक े .शन = चीतों क े समान बालों वाला • िनलक ं ठ शा:ी: “िवशालकाय बाघ” • रणराग का पु? • महAपूणC एवं Eथम Gतं? राजा • चालुI वं श का वाJिवक संKापक। • चालुI वं श कM महानता क े युग कM शूरवात • महाक ु ट JN अ.भलेख: वातापी का Eथम िवधाता: वातािप राजधानी • कदंबों से वातापी Tे? जीता होगा • कUाणी क े चालुI शासक सोमेVर III क े िवWमांकXुदय अनुसार: पुलक े .शन Eथम ने अVमेध यY क े अवसर पर १३००० ]ाम पुरोिहतों को दान िदया।
  • 27. साJाK िव"ार 1. िनलक ं ठ शा}ी एवं स॰ नंिदमथ: पुलक े "शन ने वनवासी तथा अ˜ #े5ों से कदंबों को हराया एवं ™तं5ता घोिषत कE। 2. जी॰एस॰मोरेस : पुलक े "शन कदंबों का सामंत था 3. मंगलेश क े महाक ू ट ho लेख क े अनुसार: • पुलक े "शन Fथम ने अŽमेध, वाजपेय, अि›ˆोम, अि›चयन, पौंडwरक, ब‚सुवण/ तथा िहरœगभ/ य िकए • लाट चालुD राजा िवजयािद] मंगलरसराज क े नेžर अ"भलेख मL पुलक े "शन Fथम मनुŸृित, रामायण, महाभारत, इितहास तथा पुराणों का िवcान कहा है। • वैिदक धम/ मL पुलक े "शन Fथम कE  —ा थी। • उपा"ध: महाराज, धम/महाराज, रणिवtम, राज"संह, स]ा य, वभराज, " वभ तथा पृj¡वभ
  • 28. कLितMवमMन !थम (५६६-५९६ ईसवी) • पुलक े "शन Fथम का पु5 • युवराज काल मL िपता को सहकाय/ • ईसवी ५६६-६७ मL राजा बना। • }ोत: पुलक े "शन िcतीय कE एहोले Fशjh • मंगलेश क े महाक ु ट अ"भलेख • वातािप मL अनेक मंिदरो का िनमा/ण
  • 29. साJाK िव"ार • एहोले Fशjh एवं क„ाणी चालुDों क े अ"भलेख : नल, मौय/ एवं कदंबों का िवनाशक 1. नल: संभवतः बेारी एवं कनू/ल का #े5 2. मौय/: महाराˆ• क े समुतट क े कोंकण क े शासक, पुरी राजधानी। 3. कद“: कना/टक क े उnर #े5 कनारा, बेलगाँव, धारवाड Fदेश िव"जत िकया एवं कद“ राजवं श कE राजधानी वैजय¢ी (वनवासी) भी अपने अधीन कE। 4. एहोले Fशjh: कEित/वम/न Fथम ने कदंबों क े संघ को हराया। इस संघ मL सLक एवं गंग राजवं श शा"मल थे। 5. मंगलेश क े महाक ू ट अ"भलेख: क"लंग, मगध, अंग, वं ग, मक, क े रल, पां£ इ]ािद #े5ों का िवजेता कहा गया है। जो अितरं"जत है।
  • 30. वैवािहक संबं ध • सLिय वं शीय शासक  ीवभसेनान¤ कE बिहन क े साथ िववाह िकया। • कदंबों क े संघ को परा"जत करने मL सहायक "स—
  • 31. कLितMवमMन का साJाK • कना/टक का उnरी #े5: धारवाड, बेलगाँव, बीजापुर, बेरी, शीमोगा आिद। • महाराˆ•: कोंकण #े5 • आं Fदेश: करनूल एवं गुंटूर • साVाO #े5: महाराˆ•, कना/टक एवं आं Fदेश
  • 32. कLितMवमMन का मूPांकन • चालुDों का साVाO िवhार िकया • कदंबों को हराया • िव–ु मिदर का िनमा/ण • उपा"ध: स]ा य, वभ, " पृ¡ीवभ, महाराज, पु‰रणपराtम तथा परमभागवत
  • 33. मंगलेश • कEित/वम/न Fथम का अनुज • पुलक े "शन िcतीय क े संर#क क े žप मL • पूव/वत‘ राजाओं से महान एवं मह,कां#ी िवजेता • नाम: मंगलेŽर, मंगलीश, मंगलराज, मंगलानाव/ • उपा"ध: पृ¡ीवभ, महाराज, रणिवtम, उ‰णिवtम, च"लDवं शांबरपूण/चं • ित"थ: संभवतः ५९६/७ से ६०९/१० ई॰ • }ोत: महाक ू ट अ"भलेख
  • 34. मंगलेश कL युE गितिव<धयाँ • महाक ू ट अ"भलेख: उnर भारत क े बु—राज को हराया • मंगलेश क े ने‰र अ"भलेख एवं पुलक े "शन िcतीय क े एहोले Fशjh इसकE पुिˆ करते है। • ने‰र अ"भलेख: शंकरगण क े पु5 बु—राज कE सेना को पराh िकया • इस यु— से Fा¥ धन-स¦"n को िवजयो§व मL खच/ िकया। • ऐहोले अ"भलेख: मंगलेश ने कलचुwरयों को हराया • कलचुरी िवजय: उnरिव"जगीषु • कलचुरी #े5: गुजरात, क ं िठयाँवाड एवं ना"सक मL राO करते थे। • यह यु— मंगलेश क े शासन क े ५वे अथवा ७वे वष/ मL ‚आ होगा।
  • 35. रेवती?ीप कL िवजय • महाराˆ• का कोंकण #े5 • मौयA क े पराजय क े बाद संभवतः रेवतीcीप क े शासक ने मंगलेश क े िव‰— िवोह िकया होगा • कोंकण #े5 का मह,पूण/ शहर • पहचान: र¨ािगरी "ज़ले मL वLगूला/ क े द"#ण मL रेडी नामक ान • नौसेना cारा रेवतीcीप कE िवजय • १८ यु—ों क े िवजेता ™ा"मराज को परा"जत िकया
  • 36. मंगलेश का साJाK िव"ार • मगलेश क े राO मL चालुD वं श का साVाO 1. गुजरात 2. कािठयाँवाड 3. महाराˆ• (ना"सक एवं कोंकण) 4. उnरी कना/टक 5. आं (कनू/ल)
  • 37. मंगलेश का मूPांकन 1. महान िवजेता 2. महाक ू ट अ"भलेख: ब‚मुखी ªj”, 3. चालुD वं श का चं, इं एवं राम क े समान अजेय, "शव क े समान उदार, यू"धिˆर क े समान स]िनˆ, ल«ी से स¦_ आिद 4. नेžर अ"भलेख: परमभागवत 5. कEित/वम/न cारा Fारo िकए िव–ु मं िदर का िनमा/ण काय/ 6. उदार: अनेक ¬ाम दान
  • 38. पुलक े <शन ि?तीय • कEित/वम/न का पु5 (मंगलेश का भतीजा) • ऐहोले अ"भलेख: पुलक े "शन िcतीय ने अपनी मं5 एवं उ§ाह शj” से मंगलेश को सभी ओर से दुब/ल बना िदया और मंगलेश को न क े वल राO, बjz जीवन भी खोना पड़ा। • चालुD वं श का सवा/"धक मह,पूण/ शासक • साVाOवादी एवं मह,कां#ी • गृहयु— क े कारण अनेक सामंत ™तं5 • अंतग/त िवोह कE पwरjित • राOारोहन: संभवतः ६०९/१० से ६४२ • }ोत: ऐहोले Fशjh • हेन§गं का Fवास िववरण • सुवण/ "सgों का Fवत/न
  • 39. पुलक े <शन ि?तीय कL िवजये 1. आ®ाियक एवं गोिवंद 2. कद“ 3. आलुक एवं गंग 4. कोंकण क े मौय/ 5. लाट, मालव एवं गुज/र 6. हष/वध/न से यु— 7. पूव‘ द"#णापथ कE िवजय 8. पवों पर आtमण
  • 40. आSाियक एवं गोिवंद • पुलक े "शन िcतीय कE िदj¯जय या5ा मL सव/Fथम परा"जत • द"#णी महाराˆ• क े शासक • राजवं श का उेख नही • संभवतः संयु” शासक • िवcानो क े अनुसार राˆ•क ू टों से स“ं "धत • गृहयु— क े jित का लाभ पाने अ®ाियक एवं गोिवंद हhी-सेना क े साथ भीमरथी (भीमा)नदी क े उnरी िकनारे तक आए थे। • इससे चालुDों क े क L  बीजापुर क े "लए ख़तरा • पुलक े "शन िcतीय ने खुले यु— नीित क े ान पर भेद नीित का उपयोग िकया • गोिवंद को "म5 बनाया और उसकE सहायता से आ®ाियक को परा"जत िकया।
  • 41. कदU • कदंबों को कEित/वम/न एवं मंगलेश ने परा"जत िकया था। • गृहयु— क े कारण ™तं5 • पुलक े "शन ने कदंबों कE राजधानी बनवासी को घेर "लया। • क ं दंब राजा वीरता पूव/क लढ़ा अंत मL समप/ण िकया। • परा"जत कद“ राजा कE पहचान भोिगवम/न से कE जाती है। • पुलक े "शन ने कदंबों क े राO को अपने सामं तो मL िवभा"जत िकया 1. अलुप: को कदमबमं डल का भाग 2. सLक: बनवासी का #े5
  • 42. आलुक एवं गं ग • आलुक: कना/टक राO क े द"#णी कनारा #े5 • शीमोगा "ज़ले कE ‚ँचा राजधानी • आलप राजा कE पहचान क ु ¤वम/रस से • िवcानो क े अनुसार आलुक कदंबों क े सामं त थे, जो परा"जत होने क े पMNात आलुक ने चालुDों का आ"धप] ™ीकार िकया। • गंग:तलकाड #े5 • कदंबों क े स“²ी • राजा: दुिव/नीत • िवcानो क े अनुसार गंग भी कदंबों क े सामं त थे, कद“ परा"जत होने क े पMNात गंगो ने चालुDों का आ"धप] ™ीकार िकया।
  • 43. कोंकण क े मौयM • #े5: प"³मी महाराˆ• क े मुंबई क े पास वत/मान ए"लफ ँ टा cीप क े धारापुरी • मौय/ राजधानी पूरी (प"³मी समु कE ल«ी) • मौयA को कोंकण का शासक • गुजरात एवं महाराˆ• क े समु क े अ"धपित • पुलक े "शन ने उµL परा"जत िकया • परा"जत राजा का उेख नही।
  • 44. लाट, मालव एवं गुजMर लाट, मालव एवं गुजCर ने यु^ क े िबना ही पुलक े .शन क े समT आ`समपCण िकया। लाट • Tे?: द.Tणी गुजरात मa िकम नदी क े द.Tण मa • राजधानी नवसाbरका • पहचान: बड़ौदा क े नवसारी मालव • Tे?: गुजरात का वलभी गुजCर • Tे?:भड़ौच क े गुजCर • राजधानी: नादींपुरी • पहचान: असंिदe (भड़ौच, नfोद)
  • 45. हषMवधMन से युE • एहोले अ"भलेख क े अनुसार “यु— मL हष/ क े हाथी िगर पड़े और वह भय से भाग गया” • हेन§ाँग: हष/ ने पंचभारत कE सेनायL एकि5त करक े , ™यं सेना# बनक े पुलक े "शन को जीतने गया। • एहोले अ"भलेख: पुलक े "शन िcतीय ने “सकलउnरापथनाथ” को हराया • हेन§ाँग: हष/ ने पुलक े "शन िcतीय को ना हराया एवं ना अ"धनh बनाया • इस यु— पMNात पुलक े "शन ने “परमेŽर”कE उपा"ध ली • नम/दा दोनो राOों कE सीमा बनी • यु— संभवतः ईसवी ६३०-६३४ क े म ‚आ होगा
  • 46. हषMवधMन से युE • हष/: उnर भारत का शj”शाली शासक • पुलक े "शन: द"#ण भारत का शj”शाली शासक • दोनो समकालीन, मह,कां#ी एवं साVाOवादी • यह यु— पुलक े "शन िcतीय कE सामwरक उपलj¶ मानी गयी • इस यु— को चालुDों अ"भलखो मL अ]"धक मह, िदया गया • वातापी चालुDों क े अितwर” क„ाणी क े चालुDों एवं राˆ•क ू ट शासकों क े अ"भलेखों मL भी इसका िववरण "मलता है। • यु— ित"थ: ईसवी ६३० से ६३४-३५
  • 47. पूवY द<Bणापथ कोसल: द"#ण कोसल • #े5: वत/मान छnीसगढ़ • राजवं श: पां£ वं श • शासक: बालाजु/न "शवगु¥ (D॰C॰ सरकार) क"लंग: #े5: ओिड़शा • राजवं श: पूव‘ गंग • िव"जत #े5: क"लंगनगर (गंजाम:मुख"लंगम)
  • 48. आंZराK िवजय • आं: #े5: वत/मान आंFदेश िव"जत #े5: िपˆपुरम (गोदावरी:िपठापुरम) राजवं श: िव–ुक ुं िडन परा"जत शासक: इंवम/न • यु— क े फल™žप कोणाल झील (गोदावरी तथा क ृ –ा नदी क े म का #े5: वत/मान कोेž झील)का पानी र”रं"जत हो गया। • पुलक े "शन िcतीय ने आं िवजय क े बाद “िव–ुवध/न” को वहा का राजा िनयु” िकया। • ६३२ ई॰ क े आसपास िव–ुवध/न ने ™तं5ता घोिषत कE और नए वं श कE ापना कE "जसे “पूव‘ चालुD राजवं श ” कहते है।
  • 49. प[व आमण: !थम • पुलक े "शन ने षडंग सेना से पव राO पर आtमण िकया। • पव शासक: महLवम/न Fथम • महLवम/न Fथम ने परा"जत होकर यु— मैदान से भाग गया उसने काँचीपुरम मL शरण ली। • क ु छ समय तक पव क े क ु छ #े5 अपने अधीन िकया। • यु—ित"थ: संभवतः ईसवी ६१७-१८ ई • िवजय क े पMNात: पुलक े "शन ने चोल, पां£, क े रल को "म5 बनाया। • यु— िनणा/यक नही।
  • 50. क ू टनीितक सU] • संभवतः फ़ारस क े शासक खुसरो परवेज़ िcतीय से क ू टनीितक स“² ािपत िकए थे। • फ़ारसी इितहासकार तबरी (८३८-९२३ ई) क े अनुसार भारत क े एक राजा ने अपना दूतमंडल फ़ारस क े शासक खुसरो परवेज़ िcतीय क े काय/काल क े ३६ वे वष/ (६२५-२६ ई) मL भेजा था। • दूतमंडल एक प5, हाथी तथा अ˜ ब‚मू„ वhुयL लेकर गया था। • खुसरो परवेज़ िcतीय ने भी अपना दूत भारत मL भेजा था। • तबरी ने भारत क े शासक का नाम फर"मस या Fमेश बताया है; जो परमेŽर का फ़ारसी žपांतर है। • ऐहोले Fशjh: चोल, चेर एवं पां£ क े सथ मैि5पूण/ संबं ध
  • 51.
  • 53. प[व राK पर आमण: ि?तीय • Fथम आtमण िनणा/यक नही। • पव राO पर िcतीय आtमण • पव शासक: महLवम/न क े पु5 नर"संहवम/न Fथम • क ू रम अ"भलेख: नर"संहवम/न Fथम ने पुलक े "शन िcतीय को पwरयाल, शूरमार तथा म"णमंगलम क े यु—ों मL परा"जत िकया था। • नर"संहवम/न Fथम क े सेनापित "श‰तोंडर क े नेतृ, मL मL पव सेना ने वातापी पर आtमण िकया "जसमL पुलक े "शन िcतीय इस यु— मL परा"जत ‚आ और मारा गया। • यु— िवजय उपरांत नर"संहवम/न Fथम ने “वातापीकोंड”उपा"ध ली। • यह घटना ईसवी ६४२ कE होगी।
  • 54. पुलक े <शन ि?तीय का मूPांकन • चालुD साVाO का िवhारक • साम¹/शाली यौ—ा, क ु शल सं घटक, क ू टनीित • हेन§ं ग पुलक े "शन िcतीय को दानशील राजा कहता है। • पुलक े "शन िcतीय क े राO का #े5 ५००० ली (१३३४ कE॰मी॰) • उपा"धयाँ: स]ा य, वभ, पृ¡ीवभ, महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, परमभागवत
  • 55.
  • 56. िवमािद^ !थम • पुलक े "शन िcतीय क े 6 पु5 • पुलक े "शन िcतीय क े मृ]ु उपरांत (१३ वष/) साVाOवादी गृहयु— मL िवजयी। • अ"भलेख: पुलक े "शन िcतीय का िFयपु5 • अ"भलेख: कई यु—ों मL िवजेता। • िवtमािद] Fथम क े नाना गंग वं शीय दुिव/नीत कE सहायता। • राOित"थ: ईसवी ६५५-६८१
  • 57. िवमािद^ !थम कL युE गितिव<धयाँ • करनूल अ"भलेख: तीन शासकों को परा"जत िकया “अविनपिति5तय” • Fleet + K.V.Ramesh: अविनपिति5तय = 1. नर"संहवम/न I, 2. महLवम/न II, 3. परमेŽरवम/न I से • K.A.N.Shastri: अविनपिति5तय= िवtमािद] Fथम क े २ भाई 1. आिद]वम/न 2. चंािद] 3. पव नरेश नर"संहवम/न I • D॰P॰ दी"#त: अविनपिति5तय= चेर , चोल एवं पां£
  • 58. प[व िवजय • हो_ुर अ"भलेख: ई॰६७०-७१ मL िवtमािद] Fथम काँची क े समीप मीपुर ¬ाम मL jत था। • गदवल अ"भलेख, सवनूर अ"भलेख: पवों को परा"जत िकया। 1. " वभ (िवtमािद]) ने नर"संह (नर"संहवम/न I) क े यश को नˆ िकया 2. महL (महLवम/न II) क े शौय/ को समा¥ िकया। 3. ईŽर (परमेŽरवम/न I) क े िव‰— सफलता Fा¥ कE। 4. काँची पर अ"धकार िकया 5. इसक े उपरांत रणर"सक ने महाम (नर"संहवम/न I) को पूण/ पराh कर “राजम” उपा"ध धारण कE। 6. पwरखा एवं Fाकार से सुर"#त काँची को अपने अधीन िकया। • अलम अ"भलेख: पव नरेश ने उसकE चरण वं दना कE।
  • 59. अ` िवजये • गदवल अ"भलेख: ई ६७४-७५ • लाट चालुD अ"भलेख: • अलम अ"भलेख: 1. चोल 2. क े रलों 3. पां£ 4. "संहल राजा: Fभुता ™ीकार कE।
  • 60. िवमािद^ !थम एवं प[व आमण क ू रम ताVप5: पव नरेश परमेŽरवम/न I ने िवtमािद] Fथम को यु— से भागने क े "लए िववश िकया। पव अ"भलेख: पे‰वडनूर क े यु— मL वभ कE सेना परा"जत ‚ई। चालुDों कE राजधानी को सं5h िकया। पेwरयापुराणम: पव सेनानायक ने वातािप पर आtमण िकया श5ु कE ब‚त धन-स¦"n ™ामी (नर"संहवम/न I ? अथवा परमेŽरवम/न I) को दी।
  • 61. िवमािद^ !थम का मूPांकन 1. उपा"ध: स]ा य, वभ,  ीपृ¡ीवभ, महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, राजम, 2. दानशूर राजा: अनेक मंिदरो को दान 3. अनेक दानों का पुनःनवीनीकरण 4. नम/दा नदी (गुजरात, लाट) तक साVाO िवhार 5. द"#ण मL चोल, काँची #े5 तक 6. ितनो समुों पर शासन
  • 62. िवनयािद^ • िवtमािद] Fथम का पु5 • िपता क े शासनकाल मL युवराज िनयु” • अनेक यु—ों मL िपता को सहयोग • िपता कE अनुपjित मL राजधानी कE सुर#ा • ईसवी ६८१ से ६९६
  • 63. िवनयािद^ कL िवजये 1. !ैरा%प'वपती 2. कल-: िवदेशी? क2ोिडया? 3. क े रल 4. पां7 5. चोल 6. िवल 7. मालव 8. हैहय: परा;जत िकया 9. मूसक: मूसी नदी का तटवतA Bे! 10. लाट 11. का2 : गुंटूर ;ज़ला 12. FGरा% 13. सकलोHरपथनाथ : क े िवJK िवजये LाM कN। (राजा का नाम नही) a) कमेर: कावेरी नदी b) पार;सक: पारसी c) ;संहलिPप : कर वसूल िकए
  • 64. िवनयािद^ का मूPांकन 1. अनेक भू"म-दान 2. उपा"ध: स]ा य, वभ,  ीपृ¡ीवभ, महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, यु—म, राजा य 3. िवhृत साVाO को सुर"#त रखा 4. साVाO िवhार िकया 5. िवनयािद] साVाO का दौरा िकया करता था। 6. उसकE प¨ी एवं पु5ी ने अनेक मंिदरो का िनमा/ण िकया।
  • 65. • िवनयािद] का रानी िवनयवती से उm_ पु5 • ईसवी ६९१ मL ही युवराज िनयु”। • िपतामह िवtमिद] Fथम एवं िपता िवनयािद] दोनो क े काल मL राजकाज, सैिनकE एवं Fशासन काय/ का अनुभव। • चालुDों मL सवा/"धक ४० अ"भलेख। • दीघ/ लेिकन शांितमय शासन • युवराज काल मL अनेक यु—ों मL सहयोग (ईसवी ६९६-७३३) • सामं त: आलुप, गं ग, सLक, बाण, तेलगू-चोड़ आिद। िवजयािद^
  • 66. िवजयािद^ • िवजयािदg ने अपने पु? युवराज िवWमािदg को पhवों कM राजधानी काँची पर आWमण क े .लए भेजा। उसने पhव राजा परमेVर वमCन II को हराया। • पkदकल मa िवजयेVर (संगमेVर) मंिदर का िनमाCण • जैन धमाCनुयायी • संगीत मa अ.भm.च • .चिकnालय Kािपत िकए, .संचन oवKा सुpढ़ कM।
  • 68. िवमािद^ ि?तीय • िवजयािद] का पु5 • िपता क े काल मL युवराज िनयु” (ई॰७१०) • काय/काल: c.733- 745 ईसवी • उपा"ध: कां"चनकोंड, स]ा य, वभ,  ीपृ¡ीवभ, महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, वभदुज/य
  • 69. िवमािद^ ि?तीय कL युE गितिव<धयाँ • युवराज: सफल पOव अQभयान • राजा: नवसारी अQभलेख (लाट शासक)-अरब आUमण • पुलक े Qशराज: चाOुि,क ु लालंकार, पृXYवOभ आिद उपाQध दी। • नरवण अQभलेख: पOवों पर ि]तीय आUमण • लोकमहादेवी क े प^दकल अQभलेख: िवUमािद_ ि]तीय ने पOवों पर तीन िवजये 1ा` कa थी। • नरवण तथा अQभलेख: वं शपरंपरागत शcु पOव िवनाश का िनdय
  • 70. िवमािद^ ि?तीय का प[व अ<भयान 1. राeारोहण पfgात िवUमािद_ ि]तीय ने अपने hाभािवक एवं वं शपरंपरागत शcु पOव िवनाश का िनdय। 2. पOव नरेश नंदीवमjन को पराQजत िकया 3. शcुओं से हाथी, बlमूm रn एवं मQणयाँ हpगत कa। 4. राजधानी काँची पर अQधकार qािपत िकया 5. िवUमािद_ ि]तीय ने काँची मr िवनाश न करते lए sाtणों- िनधjनो को दान िदया। 6. काँची क े नरQसंह वमjन ]ारा िनिमjत राजQसंहेBर मंिदर कa सuQv को wित नही पlँचायी। 7. hतः मंिदर मr बlमूm वpुयr भrट दी। 8. िबyद: कांQचनकोंड (काँची पर िवजय 1ा` करने वाला) 9. चोलों, क े रलों, पांz आिद को पराQजत िकया। 10. रानी: लोकमहादेवी ने 1Qस{ लोक े Bर (िव|पाw) मंिदर का िनमाjण कराया।
  • 71. Kendur inscription Records the fact that Vikramaditya Satyasraya, after his conquest of Kanchi, did not confiscate the property of Rajasimhesvara temple, but granted large sums to the same.
  • 72. क ै लाशनाथ मं िदर एवं िव5पा7 मिदर म8 9ाप: समानताए
  • 73.
  • 74. कLितMवमMन ि?तीय • िवtमािद] िcतीय का 5ैलोDमहादेवी से उm_ पु5 • युवराज काल मL पव िव‰— अ"भयान का नेतृ, • राजा बनने क े बाद क े यु—ों क े »ˆ Fमाण नही। • उपा"ध:  ीवभ,  ीपृ¡ीवभ, राजा"धराज, महाराजा"धराज, परमेŽर, भºारक, नृप"संह • सामंत: प"³मी गंग एवं राˆ•क ू ट • राˆ•क ू ट िवोह: दंितदुग/ : 1. लाट क े चालुD को परा"जत िकया 2. नम/दा नदी तक #े5 िवhार िकया 3. कEित/वम/न िcतीय को परा"जत िकया। • दंितदुग/ क े ई॰ ७५३-५४ क े समनगड अ"भलेख: कम सै˜ क े साथ दंितदुग/ ने कEित/वम/न िcतीय को परा"जत िकया।
  • 75. चालु) वं श क े पतन क े कारण 1. िनरंतर पव यु— 2. सामंतो का उदय 3. अरब आtमण 4. राˆ•क ू टों का उदय