19. !ारBCक शासक
अनु *मांक रा/0क
ू ट राजा ित"थ*म (ईसवी सन)
१ दुग>राज लगभग ६३०-६५०
२ गोिवंदराज लगभग ६५०-६७०
३ Gा"मराज लगभग ६७०-६९०
४ नJराज लगभग ६९०-७१५
६-७ व सदी मH राIJक
ू टों क
े 1माण Lमलते है।
महाराIJ एवं म2 1देश मH क
ु छ पRरवार क
े उTेख Lमलते है।
एक पRरवार एLलचपुर मH शासन कर रहा था।
नWराज क
े ितवरखेड तथा मुYे अLभलखो मH 1ार[क राजाओं क
े नाम Lमलते है।
20. न=राज
• Pा?मराज का पुE
• नRराज क
े ित?थ क
े आधार पर परवतS शासकों कT ित?थ का अनुमान
• Uोत:
1. संगलूद अ?भलेख
2. मुOे अ?भलेख
3. ितवरखेड अ?भलेख: अचलपुर
• उपा?ध: युYसूर
• संभवतः श[शाली शासक
• वातापी चालु]ों का सामंत
• ितवरखेड अ?भलेख अचलपुर से ^का?शत होने से अOेकर इसी `ान को नRराज कT राजधानी
मानते है।
• अOेकर: नRराज ल<लूर से ए?लचपुर गया होगा एवं चालु]ों (पुलक
े ?शन II) का सामं त बना होगा
21. न=राज क
े बाद क
े शासक
• ७वी सदी म' दंितवम+न -थम मा0खेट से चालु7ों का सामंत था।
• दंितवम+न -थम क
े बाद उसका पु> इं@ -थम राजा Cआ।
• दशावतार अGभलेख: इं@ -थम वीर शासक था, उसकI यKों म' LMा थी,
• इं@ -थम क
े बाद उसका पु> गोिवOराज राजा Cआ।
• गोिवOराज: अपरनाम िवरनारायण Gशव भQ था।
• अRेकर: सं भवतः ईसवी ६६५ से ७००
• गोिवOराज क
े बाद उसका पु> कक
+ राज राजा बना
• दशावतार अGभलेख: वीर शासक, उसकI यKों म' LMा थी,
• कक
+ राज: संभवतः ईसवी ७०० से ७१५
• कक
+ क
े ४ पु> थे
1. इं@ II
2. Zुव
3. क
ृ
4. न]राज II
22. इंF II
• कक
B क
े ४ पु?ों मE इं_ िjतीय Iेƒ होने से राजा बना
• वं श का Cथम महOपूणB शासक
• >े? िव~ार : उ3र-द2>ण
• वातािप क
े चालु: िवजयिदV का सामं त रहा होगा।
• अमोघवषB I क
े संजान ताSप?: इं_राज ने खेटक (द2>णी गुजरात) मE चालु: राजक
ु मारी
भवनागा क
े साथ रा>स-िववाह िकया था।
• वह संभवतः लाट क
े चालु: नरेश मं गलराज कd पु?ी या भतीजी थी।
• अ„ेकर: संभवतः ईसवी ७२२ क
े प…†ात
• उसक
े पास अrारोही एवं गजरोिहयों कd िवशाल सेना थी।
• ित2थ‡म: संभवतः -७१५-७३५
23. Rashtrakuta Emperors (CE)
Dantidurga (735 - 756)
Krishna I (756 - 774)
Govinda II (774 - 780)
Dhruva Dharavarsha (780 - 793)
Govinda III (793 - 814)
Amoghavarsha (814 - 878)
Krishna II (878 - 914)
Indra III (914 -929)
Amoghavarsha II (929 - 930)
Govinda IV (930 – 936)
Amoghavarsha III (936 – 939)
Krishna III (939 – 967)
रा#$क
ू ट मु* शासक
24. दंBGदुगA (ईसवी ७३५-७५६)
• इंb ि#तीय का भवनागा से उcR पुE
• अdंत महeकांशी राजा
• वं श का वाfिवक सं`ापक
• Uोत : २ अ?भलेख
1. दशावतार अ?भलेख: ईसवी ७४२
2. समदनगर अ?भलेख: ईसवी ७५३-५४
• बरार तथा मl भारत क
े DेE उmरा?धकार से ^ाn
• मl भारत एवं मालवा मH श[शाली
शासक क
े अभाव का फ़ायदा उठाया
• िवpमािदd II क
े काल मH चालु]ों का सामंत
• अपनी श[ का वधFन करता रहा
• कTितFवमFन ि#तीय क
े िवqr िवbोह करक
े राजा बना
• अनेक युYों का िवजेता
25. दंBGदुगA का उ,र-प+Pमी अ+भयान
• सामंत रहते दंo‹दुगB
1. गुजरात क
े नांदीपूरी क
े गुजBर
2. नवसारी क
े चालु:
3. वलभी क
े मै?क को परा2जत िकया
4. द2>णी गुजरात क
े >े? पर अ2धकार कर अपने भतीजे कक
B को Cांतीय शासक िनयुŒ
िकया।
5. Cितहार राI पर आ‡मण िकया एवं मालवा को जीता।
• मालवा कd राजधानी उियनी मE उसने िहरŽगभB महादान िकया 2जसमE गुजBर शासक ने
Cितहार (Cहरी) क
े Yप मE काम िकया
• 2शव-महाकाल को र-जिटत मुक
ु ट भEट िदया
• समदनगर अ2भलेख: क
े अनुसार
1. दंo‹दुगB कd सेना कd ह2थयो ने मही, महानदी, नमBदा निदयों मE ान िकया
2. वभ को परा2जत करक
े राजा2धराज एवं परमेrर कd उपा2धयाँ धारण कd।
26. दंBGदुगA x चालुU नरेश कVितAवमAन II
• दंo‹दुगB चालु:ों का सामंत रह कर शoŒ वधBन करता रहा।
• दंo‹दुगB एवं चालु: नरेश कdितBवमBन मE शoŒ संतुलन अिनवायB eआ।
• चालु: नरेश कdितBवमBन कd दुबBलताओं का फ़ायदा उठाते eए िव_ोह िकया।
• अंत मE कdितBवमBन को परा2जत िकया
• रा#$क
ू ट अ2भलेख: “दंतीदुगB ने चालु:ों कd िवशाल सेना को भृकटीभंग मा? से परा2जत कर
िदया।
• अ„ेकर: क
ू टनीितक चाल से िवजय
• zाम 2म”: पूणB तयारी से िवजय
• चालु: नरेश कdितBवमBन राजा बना रहा।
• इस िवजय क
े पXरणामRYप दंतीदुगB स•ूणB महारा#$ का अ2धपित बना
• इस यु– मE चालु: नरेश कdितBवमBन को परा2जत कर वह सावBभौम राजा बन गया।
• ईसवी ७५३-७५४ क
े समनगद अ2भलेख: परमभ^ारक, महाराजा2धराज, परमेrर कहा है।।
27. दंBGदुगA क
े युW
1. काँची
2. क
े रल
3. चोल
4. पांM
5. पNव: नंदीवम>न II
6. हष>वध>न
7. वRट
8. क"लंग : odisha
9. कोशल : छUीसगड
10. Wीशैल : आंZ
11. मालव : म[ देश
12. लाट : गुजरात
13. टंक: पहचान सं"ध]
14. "संधु : अरबों क
े िव_` सफलता
को परा"जत िकया।
• बाद क
े अ"भलेखों मe उसे िहमालय से रामेgरम तक क
े अनेक राजाओं
का िवजेता कहा है।
• इन िवजयों का सही *म एवं ित"थ*म लगाना मुjkल
28. दंBGदुगA का साXाY िव"ार
• अनेक यु–ों से साSाI >े? िव~ार
• उ3र: गुजरात, मालवा
• द2>ण: पव राI तक
• पूवB: वEगी
• प2—म: कोंकण
• यु– अ2भयान मE चाचा क
ृ a तथा
भतीजे कक
B का सहयोग
•
29. दंBGदुगA का मूZांकन
1. रा#$क
ू ट साSाI का वा~िवक िनमाBता
2. समकालीन शासकों मE सवाB2धक बलशाली एवं शoŒशाली सSाट
3. दानशूर: क
ु छ गाव दान िदए
4. धािमBक: 2शवभŒ
5. उपा2ध: परमभ^ारक, महाराजा2धराज, परमेrर, वभ, पृ˜ीवभ,
वभराज, महाराजशवB, खड़गावलोक, साहसतुंग आिद।
30. क
ृ !थम
• दंo‹दुगB िनपु?क होने से उसका चाचा राजा बना
• वी. opथ, सी॰वी॰ वै™: क
ृ a Cथम ने दंo‹दुगB को अपदq करक
े मार डाला।
• कक
B राज क
े शक संवत ८९४ क
े करदा अ2भलेख: दंo‹दुगB कd िन:सं तान मृVु होने से क
ृ a
Cथम राजा बना।
• ित2थ‡म: ईसवी ७५६ से ७७३
• राI2भषेक क
े समय: शुभतुंग, अकालवषB उपा2ध ली।
31. क
ृ !थम x कक
A
• अंतगBत गृहयु–
• क
ृ a Cथम क
े राजा बनते ही भतीजे कक
B से यु–
• कक
B द2>णी गुजरात का Cांतीय शासक िनयुŒ था
• दंo‹दुगB क
े मृVु उपरांत उसने Rतं?ता घोिषत कd
• सSाट सूचक उपा2धयाँ ली।
• क
ृ a Cथम ने कक
B को परा2जत िकया एवं
• अपना अ2धन~ बनाया।
32. क
ृ !थम x चालुU नरेश कVितAवमAन II
• दंo‹दुगB क
े मृVु उपरांत चालु: नरेश कdितBवमBन II ने शoŒ वधBन कd
• साSाI िव~ार करने का Cयास िकया।
• ईसवी ७५७ मE कdितBवमBन II भीमा नदी क
े तट पर सैिनक 2शिवर मE था।
• क
ृ a Cथम ने कdितBवमBन II कd शoŒ को पूणB Yप से न# करने का िन—य िकया।
• क
ृ a Cथम और चालु: नरेश कdितBवमBन II मE यु– eआ 2जसमE कdितBवमBन II परा2जत
eआ एवं चालु: वं श का अंत हो गया।
• गोिवंद II क
े अ2भलेख मE “वभ (क
ृ a Cथम) ने चालु:-राजलœी को अपत
िकया।
• कक
B II क
े बडोदा अ2भलेख: राजाओं मE 2संह (क
ृ a Cथम) ने यु– कd इžा से आगे
बढ़ते eए महावराह को (कdितBवमBन II) को िहरन बना िदया।
33. क
ृ !थम का गंग राY पर आ^मण
• गंगवाडी पर आ‡मण :
• गंग राजा ”ीपुvष का पु? 2सयग परा2जत
eआ।
• उसकd राजधानी माGपुर (तु क
ु र) पर
आ‡मण िकया िवजयो~व मनाया
• गंगो कd बeत स•23 अपत कd।
• ”ीपुरष को अपना समंत बनाया।
• ित2थ: ईसवी ७६८ क
े आसपास
34. क
ृ !थम का व`गी पर आ^मण
• साSाI सीमाओं का टकराव
• ईसवी ७६८ क
े आसपास क
ृ a Cथम ने वEगी
पर आ‡मण िकया
• इसमE क
ृ a क
े पु? युवराज गोिवंद II ने सेना
का नेतृO िकया।
• वEगी मE इस समय िवaुवधBन चतुथB राजा था।
• इस यु– मE रा#$्क
ु टों कd िवजय eई
• बाद मE वEगी एवं रा#$्क
ु टों कd सं 2ध एवं मै?ी eई
• िवaुवधBन चतुथB कd पु?ी का िववाह गोिवंद II
क
े भाई ¡ुव से eआ।
35. क
ृ !थम क
े अa युW अ+भयान
1. द2>णी कोंकण :
• द2>णी कोंकण क
े राजाओं को
हराया
• 2शलाहर वं शीय सणफ
ु को
द2>णी कोंकण का शासक
िनयुŒ िकया
• क
ृ a ने अपने छोटे भाई को
औरंगाबाद 2ज़ले (महारा#$) का
शासक बनाया
36. क
ृ # $थम का मू)ांकन
1. महान िवजेता एवं दूरदश£ राजा
2. साSाI >े? िव~ार: महारा#$ एवं मQ Cदेश तक , कनाBटक >े?
3. चालु: वं श का अंत
4. वा~ुकला एवं सािहV का संर>क
5. जैन िवjान अकलंक भ^ समकालीन : राजवाितBक ¤ंथ 2लखा
6. क
ं नेrर मिदर का िनमाBण: 2जसमE िवjान रहते थे।
7. १८ 2शव मं िदरो का िनमाBता
8. एलोरा का क
ै लाश मं िदर
9. उपा2ध: अकालवषB, शुभतुंग, पृ˜ीवभ, ”ीवभ
44. गोिवंद िbतीय
• क
ृ a Cथम का पु? एवं उ3र2धकारी
• ईसवी ७७०-७७२ मE युवराज िनयुŒ
• युवराज रहते यु– एवं Cशासन का अनुभव
• वEगी क
े शासक िवaुवधBन चतुथB को हराया।
• ईसवी ७७४-७७५ क
े आसपास राजा बना
• उपा2ध: महाराजा2धराज, िव‡मावलोक, CभूतवषB, वभ
• ¥ोत:
दौलताबाद अ2भलेख
45. गोिवंद िbतीय का कायAकाल
• राजा िनयुŒ होने क
े प…†ात िवलासतापूणB जीवन
• राजकाज क
े Cित उदासीन
• शासन का भार अपने भाई ¡ुव को िदया
• ¡ुव अपने नाम से शासनादेश जारी करने से गोिवंद िjतीय नाराज़
• ¡ुव को हटाने क
े 2लए, वEगी, मालवा, गंगवाडी, काँची क
े शासकों से गठबं धन
• परंतु ¡ुव ने इसक
े पहले ही गोिवंद िjतीय पर आ‡मण िकया
• गोिवंद िjतीय यु– मE संभवतः मारा गया
• ¡ुव रा#$्क
ु टों का वा~िवक शासक बना।
• क
े ॰¦ी॰ सु§मŽम: गोिवंद II उदार था, उसने ¡ुव को शासन दे िदया।
46. 4ुव
• अपने अ¤ज गोिवंद िjतीय को परा2जत कर राजा बना
• ईसवी ७८० क
े आसपास राजा
• ¥ोत:
1. 2जनसेन क
े जैन-हXरवं श पुराण
2. धू2लयाँ ताSप?
3. राधनपुर अ2भलेख
• गोिवंद िjतीय का 2ज€ोंने साथ िदया था उसक
े िवv– यु– अ2भयान
47. 4ुव कV युW गितिव+धयाँ: गंगवाडी
• गंगवाडी:
• गंग शासक ”ीपुरष वृ– हो चुका था।
• राजकाज ”ीपुरष का पु? 2शवमार देख रहा था।
• ¡ुव क
े िवv– 2शवमार परा‡म से लड़ा
• ¡ुव यु– िवजयी eआ
• ¡ुव ने 2शवमार को क़
ै द िकया
• उसे कारागार मE डालक
े स•ूणB गंगवाडी को रा#$क
ू ट
साSाI मE िवलीन िकया
• अपने पु? रणावलोक को Cांतीय शासक िनयुŒ
िकया
48. 4ुव कV युW गितिव+धयाँ: पfव एवं वेगी
• गंगवाडी क
े पstात पuवों पे आpमण
• पuव शासक दंितवमFन ने गोिवंद का साथ िदया
था।
• राधनपुर अ?भलेख :
• एक और वाfिवक समुb, तथा दूसरी और
राwxक
ू टों कT सेनyपी समुb से पuव शासक
भयभीत zआ
• पuव शासक ने {ुव को बzत हाथी िदए
• वHगी:
• पuवों क
े बाद संभवतः {ुव ने वHगी पर ^भुसmा
`ािपत कT
• अब {ुव स|ूणF द?Dण भारत का श[शाली
स}ाट बन गया
50. +ितहारों से यु4
• ईसवी ७८२ मE ¡ुव लाट मE था।
• ¡ुव ने Cितहार क
े िवv– लड़ने कd योजना बनाई
• सैG नमBदा नदी क
े िनकट एकि?त िकए
• सेना को कई िह«े मE िवभा2जत िकया
• एक का नेतृO वह कर रहा था दूसरी का नेतृO अपने
पु? गोिवंद III को
• ¡ुव Rत: Cितहार शासक से लड़ने गया
• (अ„ेकर) : ईसवी ७८७ क
े आसपास दोनो मE यु–
eआ
• 2जसमE ¡ुव िवजयी eआ।
51. पालों से युW
• पाल नरेश धमBपाल बं गाल का राजा
• ¡ुव से धमBपाल से यु– िकया
• धमBपाल यु– से भाग गया
• यह यु– गंगा-यमुना दोआब मE eआ होगा
• इस यु– मE भी रा#$क
ू टो कd सेना िवजयी eई
• देवली अ2भलेख: ¡ुव क
े पास ३ rेत छ? थे
(Cितहार, पाल एवं कोशल)
• यु– से वापसी मE ¡ुव ने वEगी पर आ‡मण
िकया
• वेगी शासक िवaुवधBन कd पु?ी
(शीलभ^ाXरका) से िववाह िकया
52. उ,र भारत युW
अ+भयान कV समीgा
• इस यु– से साSाI िव~ार
नही
• नया >े? नही
• कर नही, स•23 नही।
• ¡ुव भारत का सवाB2धक
परा‡मी शासक
• शoŒ CदशBन
• अ2धस3ा कd धाक
53. 4ुव का मूZांकन
• Cतापी सSाट
• १३ वष¬ का राIकाल (ईसवी ७८०-७९३)
• रा#$क
ू ट वं श क
े साSाI, शoŒ, Cितƒा एवं समृ2– मE वृ2–।
• दूरदश£ एवं बलशाली यो–ा
• उ3र भारत क
े राजनीित मE द2>ण भारत क
े आगमन का CारD
• उपा2ध:
• क2लवभ (यु– Cेमी), िनYपम (अिjतीय), धारावषB, ”ीवभ,
महाराजा2धराज, परमेrर आिद
54. गोिवंद तृतीय
!ुव को ४ पु( थे।
1. कक
, : मृ/ु
2. 01: गंगवाडी का शासक
3. गोिवंद तृतीय: रा>?भषेक
4. इंC: मालवा एवं गुजरात का शासक
• ईसवी ७९१-९२ मL िव?धवत रा>?भषेक
• !ुव कN मृ/ु क
े बाद इसवी ७९३ मL राजा बना
• Rोत:
a) पैठन ताUप(
b) कक
, क
े सूरत ताUप(
c) िWिटश संYहालय ताUप(
d) राधनपुर ताUप(
e) सं जान ताUप(
f) बनी िडंडो[र अ?भलेख
55. गोिवंद तृतीय: युW अ+भयान
गोिवंद
तृतीय
४
"ितहार एवं पाल
(क.ौज)
३
व2गी
२
द78ण भारत
१
अंतग=त िव>ोह
(@A)
56. गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह का !ारC
• ~ंभ Iेƒ ाता
• साम नीित: सामंतों, मंि?यो, िवरो2धयों से मै?ी
• ~ंभ ने १२ सामंतों, अG शासकों का संघ बनाया
• इस संघ मE :
• नोल®वाडी, बनवासी, धारवाड आिद
• इस संघ का नेतृO पव शासक दंितवमBन ने िकया
• गोिवंद तृतीय ने भेद नीित का Cयोग करते eए गंग शासक 2शवमार को जेल से मुŒ िकया
• योजना: ~ंभ x गंग शासक 2शवमार
57. गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह का अंत
१ गोिवंद तृतीय ने तेज़ी से गंगवाडी पर आ‡मण िकया
इस आकopक आ‡मण मE ~ंभ सहायता 2मलने क
े पहले ही परा2जत eआ।
२ उपरांत गंग शासक 2शवमार को हराया एवं कारागार मE डाल िदया, गंग शासक 2शवमार
क
े छोटे भाई ने यु– िकया वह भी परा2जत eआ।
३ इसक
े बाद नोल®वाडी क
े राजा चाvपोनेर क
े िवv– अ2भयान, नोल®वाडी क
े शासक
ने आ¯समपBण िकया।
४ पव राI पर आ‡मण कर पव शासक दंितवमBन को परा2जत िकया (ि§िटश
सं¤हालय ताSप? क
े अनुसार ईसवी ८०४ मE गोिवंद रामेrरम मE था)
५ वEगी क
े शासक (िवaुवधBन IV) पर आ‡मण िकया , राधनपुर ताSप? तथा सं जान
ताSप? अनुसार गोिवंद III ने नाना िवaुवधBन IV को अ~बलों क
े 2लए आहता एवं उसक
े
2शिवर का फ़शB साफ़ करने को कहा।
58. गोिवंद तृतीय: उ,र भारत
• राजनीितक पXरoqित :
1. कwौज मE च‡ायुध राजा
2. Cितहार x पाल = कwौज
3. Cितहार = नागभ^ (च‡ायुध)
4. पाल = धमBपाल (इं_ायुध)
59. गोिवंद तृतीय: उ,र भारत
• गोिवंद ने सेना को िवभा2जत िकया
• क
ु छ सेनानायकों को मालवा, कोशल, ओिड़शा तथा वEगी पर िनयं?ण रखने को कहा
• भाई इं_ को मालवा एवं गुजरात मE कड़ी िनगरानी को कहा
• गोिवंद Rयं िवशाल सेना क
े साथ गंगा-यमुना दोआब क
े ओर बढ़ा
• गोिवंद III एवं नागभ^ II मE यु– eआ
• यह यु– संभवतः झाँसी/ °ा2लयर मE eआ होगा (अ„ेकर)
• यु– मE नागभ^ II परा2जत eआ एवं भाग गया
• च‡ायुध ने आ¯समपBण िकया
• सी॰वै™: गोिवंद तृतीय ने कwौज पर अ2धकार िकया
• धमBपाल ने संभवतः भयभीत होक
े या यु– मE परा2जत होकर गोिवंद तृतीय कd अधीनता
Rीकार कd।
60. गोिवंद तृतीय: मi भारत
• उ3र भारत क
े िवजयी अ2भयान से वापसी मE गोिवंद तृतीय ने बीच क
े कई राजाओं
को परा2जत िकया
1. मालव
2. कोशल
3. क2लंग
4. वEगी
5. दहाल (जबलपुर)
6. ओm
61. गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह
• गोिवंद तृतीय जब उ3र मE ±~ था तो द2>ण क
े राजाओं ने उसक
े िवv– एक सं घ बनाया
• इस संघ मE
a) पव,
b) पां²,
c) चोल,
d) क
े रल,
e) प2—मी गंग आिद थे।
• गोिवंद तृतीय ने तुंगभ_ा नदी क
े पास आलमपुर ईसवी ८०२-८०३ से द2>ण गया
• गोिवंद तृतीय ने इस िव_ोही सं घ क
े िवv– िनणाBयक िवजय Cा³ कd
1. प2—मी गंग राजा यु– मE मारा गया
2. पवों कd राजधानी काँची को अ2धक
ृ त िकया
3. काँची से पां² एवं क
े रल को हराया
62. गोिवंद तृतीय x व`गी
• गोिवंद तृतीय एवं िवaुवधBन तृतीय तक संबं ध ठीक थे
• िवaुवधBन तृतीय का पु? िवजयािदV िjतीय महOकां>ी था
• उसने गोिवंद तृतीय कd अ2धस3ा मानने से मना िकया
• िवजयािदV िjतीय का भाई भीमसुकd गोिवंद तृतीय से जा 2मला
• इससे फ़ायदा उठाते eए गोिवंद तृतीय ने ईसवी ८०३ मE वEगी पर आ‡मण िकया
• गोिवंद तृतीय ने िवजयािदV िjतीय को परा2जत िकया एवं
• भीमसुकd को वEगी का राजा बनाया।
63. गोिवंद तृतीय एवं 8संहल
• गोिवंद तृतीय क
े Cभाव से
2संहल शासक भयभीत
eआ
• उसने अपनी एवं अपने
मं?ी कd Cितमाए गोिवंद
तृतीय को भEट दी
• इन Cितमाओं को गोिवंद
तृतीय ने राजधानी मE एक
2शव मंदीर क
े सम> िवजय
~ंभ क
े Yप मE qािपत
िकया।
64. गोिवंद तृतीय का मूZांकन
1. रा#$क
ू ट वं श का महानतम सSाट
2. िहमालय से लेकर ”ीलंका तक गुजरात से लेकर
बं गाल तक साSाI
3. रा#$क
ू ट अ2भलेख इसकd तुलना पाथB (अजुBन)
से
4. िवjान=2सक
ं दर महान क
े समक>
5. बनी िडंडोXर अ2भलेख: गोिवंद तृतीय क
े राजा
बनते ही रा#$क
ू ट अजेय eए
6. उपा2ध: 2”वभ, पृ˜ीवभ, CभूतवषB,
िवमलािदV, कdितBनारायण, जगतुंग,
ि?भवनधवल, जनवभ आिद
65. शवA अमोघवषA !थम
• गोिवंद तृतीय ने अपने पु? शवB अमोघवषB को युवराज िनयुŒ िकया था।
• गोिवंद तृतीय क
े मृVु क
े वŒ शवB अमोघवषB अवय´ था।
• भतीजे कक
B (मालवा-गुजरात) को Cांतीय शासक को सं र>क
• शवB अमोघवषB Cथम ईसवी ८१४ मE राजा बना
• राIारोहण क
े समय शवB अमोघवषB ६ वषB का था।
• शवB अमोघवषB अवय´ होने से अंतगBत िव_ोह कd oqित
1. संजन ताSप?: रा#$क
ू टो पर क2ल का Cभाव
2. संभवतः ~ंभ क
े पु? को गंगवाडी का शासक िनयुŒ न करने से नाराज़
3. वEगी शासक िवजयािदV II, (भीमसुकd)
66. शवA अमोघवषA !थम: िवFोह
• ईसवी ८१६ से ८२१ क
े मQ यह िव_ोह eआ होगा
• िवजयािदV II, १२ वष¬ तक र^ो एवं गंगो से यु– करता रहा (१०८ यु–) (अµ I ईडर
ताSप?)
• इस समय तक पूव£ चालु: ने रा#$क
ू टो को यु– मE परा2जत िकया होगा।
• गुंटूर अ2भलेख: िवजयािदV II कd रा#$क
ू टों एवं गंगो से १०८ लढ़ाइयाँ लड़ी थी।
• इं_ तृतीय का नवसारी लेख: अमोघवषB क
े राIकाल मE रा#$क
ू ट वं श कd राजलœी
चालु:Yपी समु_ मE समा गयी थी, और िवजयी चालु:ों ने ~ंभनगर को न# िकया।
• इं_ तृतीय का नवसारी लेख: बाद मE रा#$क
ू टों ने चालु:ों को साSाI से बाहर िकया।
• ईसवी ८६६ क
े 2सYर ताSप? मE वEगी क
े शासक ने शवB अमोघवषB कd वं दना कd
• गोिवंद IV क
े सांगली ताSप? अनुसार अमोघवषB ने वEगवी qान पर चालु:ों को परा2जत
कर यमराज को िवशाल Cीितभोज िदया
67. अमोघवषA !थम x गंग
• ईसवी ८१६ क
े आसपास गंग शासक ने अमोघवषB Cथम क
े िवv– िव_ोह िकया होगा
• qानीय रा#$क
ू ट सामंत ने गंग शासक 2शवमार को मार िदया
• 2शवमार का भतीजा राजम गंगवाडी का राजा eआ
• राजम ने भी रा#$क
ू टो का िवरोध िकया
• सामंत एवं सेनानायक बं क
े य ने राजम को परा2जत िकया
• राजम क
े बाद उसका पु? एरेयंग नीितमागB गंगवाडी का राजा eआ
• क
ु छ समय बाद वह िफर अमोघवषB क
े िवv– हो गया
• अमोघवषB ने पूव£ चालु: शासक गुणक-िवजयािदV क
े jारा सं2ध कर ली
• बाद मE अमोघवषB एवं एरेयंग नीितमागB से मै?ी हो गयी एवं अमोघवषB ने अपनी पु?ीयों का
िववाह गंगवाडी शासक से कर िदया।
68. अमोघवषA !थम x गुजरात
• कक
B कd मृVु क
े बाद ¡ुव Cथम गुजरात का राजा बना
• ईसवी ८३५ तक वह अ2धन~ रहा
• बाद मE उसने िव_ोह कर िदया
• रा#$क
ू ट अ2भलेख: यह संघषB दो पीिढ़यों तक चलता
रहा
• ¡ुव का पु? अकालवषB ने भी अमोघवषB से यु– िकया
• Cितहार शासक 2मिहरभोज क
े शoŒ वधBन से
• ईसवी ८६० क
े आसपास अमोघवषB एवं गुजरात क
े
रा#$क
ू ट शासकों मE सं2ध हो गयी।
69. अमोघवषA !थम कV अa िवजये
• अमोघवषB क
े नीलगुंड तथा 2सYर अ2भलेख क
े अनुसार उसने
1. अंग
2. वं ग
3. मगध क
े राजा उसकd वं दना करते है।
• 2मिहरभोज को द2>ण गुजरात तक रोकने मE सफल रहा होगा।
• क
ु छ पाल अ2भलेखों मE नारायणपाल ने एक _िवण राजा को हराया
• अ„ेकर, मजूमदार : _िवण राजा = अमोघवषB Cथम
70. अमोघवषA !थम का मूZांकन
• ६४ वष` तक शासन
• अaगbत िवcोह मH de
• वेगी क
े शासक से fe
• गुजरात क
े से २० वष` से iादा संघषb
• Lमिहरभोज का उkर मH 1भु>
• माlखेत राजधानी कn oापना
• वाeिवक नाम शवb
• उपाLध: LpवTभ, पृqीवTभ, महाराजाधीराज, लrीवTभ, भsारक, 1भूतवषb,
वमलािदt, वीरनारायण, जगतुंग, िfभवनधवल, आिद
• अंत मH जैन धमाbनुयायी
• धािमbक सिहvु
• िवwान एवं कWड़, सं:
ृ त भाषा का 1सारक
• उसने “किवराजमागb” yंथ कn रचना कn
• वृzावoा मH राजकाज का tाग
71. क
ृ िbतीय
• शवB अमोघवषB Cथमक
े बाद उसका पु? क
ृ a िjतीय राजा बना
• क
ृ a िjतीय ईसवी ८८० मE राजा बना
• वैवािहक स®¶-कलचुरी
• उपा2ध: अकालवषB, शुभतुंग, वभराज, ”ीपृ˜ीवभ, महाराजा2धराज,
परमेrर
73. क
ृ िbतीय का व`गी क
े चालुU से संघषA
• क
ृ v II क
े रा{काल मH वHगी चालु| नरेश िवजयिदt तृतीय ने राIJ्क
ु टों क
े िव~z िवcोह िकया।
• धमbवरम अLभलेख: िवजयिदt III ने क
ृ v II से दो युz िकए।
• 1थम सं घषb: क
ृ v II पराLजत आ एवं अपने साले कलचुरी शासक क
े यहा शरण ली।
• िवजयिदt III क
े सेनापित पं डरंग ने क
ृ v II का पीछा िकया एक राeे मH कLलंग, वेमूलवाड, बeर तथा
दL€ण कोसल क
े राजाओं को पराLजत िकया।
• बeर: चक
ू ट नगर को भ‚सात िकया
• दL€ण कोसल एवं कLलंग: सोना + हाथी 1ाƒ िकए।
• िwतीय सं घषb: सेनापित पं डरंग ने क
ृ v II एवं कलचुरी कn संयु„ सेना को िकरणपुर क
े युz मH पराLजत िकया।
• युz प…†ात िकरणपुर को जलाया गया।
• वापसी मH िवजयिदt कn सेना ने महाराIJ क
े एLलचपुर नगर को भ‚सात िकया।
• िवजयिदt ने राIJक
ू टों का राजिकय Lच‡ (गंगा-यमुना नदी कn आक
ृ ित)ले ली
• अंत मH क
ृ v II ने आमण करने क
े बाद उसका रा{ वापस दे िदया।
74. • वEगी चालु: नरेश िवजयिदV तृतीय कd मृVु क
े बाद भीम Cथम राजा बना
•;थम संघष?:
• रा#$क
ू ट नरेश क
ृ a II ने कनाटB एवं लाट कd सेनाओं क
े साथ वEगी पर आ‡मण िकया।
• वेगी राI क
े कई दुग· को 2जत 2लया एवं सामंतो को दे िदया
• िjतीय संघषB:
• रा#$क
ू ट एवं चालु:ों का िjतीय संघषB पेvवगुv ¤ाम (गोदावरी 2ज़ला) मE eआ
• इस यु¸ मE भीम िवजयी eआ
• भीम ने रा#$क
ू ट नरेश क
ृ a II एवं संयुŒ सेना को परा2जत िकया
• यु– मE भीम का पु? वीरगित को Cा³ eआ
क
ृ # ि%तीय का व+गी क
े चालु1 से सं घष6
75. गुजAर-!ितहारों से संघषA
• गुजBर-Cितहार शासक 2मिहरभोज
• रा#$क
ू टों क
े उ3री >े? पर आ‡मण
• 2मिहरभोज ने क
ृ a II को यु– मE हराया
• इसक
े प…†ात 2मिहरभोज गुजरात कd ओर बढ़ा लेिकन गुजरात क
े Cांतीय शासक क
ृ aराज
ने उसे पीछे खदेडा
• इं_ III क
े ९१४ क
े बेगुSा अ2भलेख मE क
ृ a II ने गुजBर-Cितहार शासक 2मिहरभोज को
अनुपम शौयB क
े साथ हराया।
• अल –मसूदी क
े अनुसार गुजBर-Cितहार शासक, रा#$क
ू टों को रोकने क
े 2लए सेना तैनात रखते
थे।
76. गुजरात क
े राklक
ू टों से संघषA
• गुजरात का Cांतीय शासक क
ृ aराज
• Cितहार शासक 2मिहरभोज को यु– मE हराया
• क
ृ a II क
े सांगली एवं क
ै ®े ताSप? क
े अनुसार उसने क
ृ aराज एवं उसक
े
उ3रा2धकारी को गुजरात से बाहर िकया।
• ईसवी ८८८ क
े बाद गुजरात क
े रा#$क
ू टो का कोई अ2भलेख नही 2मलता।
• इस ित2थ क
े बाद इस राजवं श का अ‹ eआ होगा।
77.
78. क
ृ II एवं चोल
• क
ृ a II कd पु?ी का िववाह चोल शासक आिदV Cथम से
• आिदV क
े बाद उसका अG पु? परांतक चोल वं श का राजा eआ
• क
ृ a II अपने नाती (कwरदेव) को चोल राजा बनाना चाहता था,
• इसी2लए क
ृ a II ने चोलों पर आ‡मण िकया,
• बाल qान पर eए इस यु– मE परांतक ने क
ृ a II को परा2जत िकया।
79. इंF तृतीय
• क
ृ a II क
े पु? जगतुंग कd मृVु उसक
े जीवनकाल मE eई थी,
• क
ृ a II का पौ? इं_ तृतीय राजा बना
80. इंF तृतीय कV युW गितिव+धयाँ
• “इं_ ने मेv को ¹~ िकया एवं गोवधBन को 2जतने वाले उपेi को परा2जत िकया”
• मेv:
1. िकलहॉनB एवं िवrनाथ रेउ : कwौज
• उपेi
1. डी॰भ»ारकर: Cितहार शासक मिहपाल
2. अ„ेकर एवं देसाई: परमार राजा “क
ृ aराज”
गोवधBन: ना2सक
उपेiराज कd मृVु क
े बाद इं_ तृतीय का उ3र भारत अ2भयान का CारD
81. इंF तृतीय का उ,र भारत अ+भयान
• ईसवी ९०८ मH ^ितहार महHbपाल ^थम क
े बाद गृहयुY
• इस राजनीितक प‚र[`ित का फ़ायदा उठाक
े उmर भारत अ?भयान
• ईसवी ९१६ मH उmर भारत अ?भयान क
े ?लए रवाना
• क
ै …े ता}पE क
े अनुसार
• सवF^थम उ†ियनी पर आpमण
• झाँसी होते zए कालपी
• यमुना पर करक
े कRौज पर आpमण
• कRौज शासक मिहपाल भाग गया
• मिहपाल का संभवतः ^यागराज तक पीछा िकया
• प| किव क
े प|भारत: उसक
े घोड़ों ने गंगा-यमुना क
े संगम मH ान िकया
• इंb तृतीय क
े उmर भारत अ?भयान का महe :
• इंb से पहले {ुव एवं गोिवंद III ने पालो एवं ^ितहारों को परा?जत िकया था
• लेिकन इंb तृतीय ने कRौज पर अ?धकार िकया (अ?धक
ृ त िकया)
• इंb तृतीय ने कRौज पर अ?धकार करक
े नया कTितFमान `ािपत िकया।
82. इंF तृतीय का मूZांकन
• बलशाली राजा
• उŽ
ृ w सेनानायक
• महeकांDी िवजेता
• राwxक
ू टों कT ^िता मH वृ?Y
• इंb तृतीय ने कलचुरी शासक अनदेव कT पुEी िबजा‘…ा से
िववाह िकया था।
• उपा?ध:
1. राजमात’ड : राजाओं मH सूयF
2. र<क
ं दप : राwxक
ू टों मH कामदेव क
े समान
3. िनdवषF •ीपृ–ीवuभ:
4. परमभ<ारक:
5. महाराजा?धराज:
6. परमेAर:
83. इंF तृतीय क
े उ,रा+धकारी
1. अमोघवषB िjतीय: १ वषB का शासन, भाई गोिवंद चतुथB ने मार डाला।
2. गोिवंद चतुथB: िवल2सतापूणB जीवन ±तीत करने लगा (९२३-९३५/३६)
3. अमोघवषB तृतीय: गोिवंद चतुथB का चाचा
4. क
ृ a तृतीय: अमोघवषB तृतीय का पु?
84. क
ृ तृतीय
• अमोघवषB तृतीय का यो¼ पु? एव
उ3र2धकारी
• ईसवी ९३९ मE राजा
• बहनोई बूतुग का सहयोग
• बहनोई बूतुग को गंगवाडी का Cांतीय शासक
• क
ृ a तृतीय ने उ3र मE कलचुरीयों को
परा2जत िकया
• कालंजर एवं 2च?क
ू ट क
े दुग· पर अ2धकार
90. क
ृ तृतीय का द+gण अ+भयान: चोल
• परांतक चोल श[ का वधFन कर रहा था
• क
ृ — तृतीय ने बूतुग को सेना क
े साथ चोल रा˜ भेजा
• ईसवी ९४३ मH बूतुग ने चोल क
े काँची एवं तंजौर DेE जीते
• क
ृ — तृतीय क
े कई अ?भलेख इन `लों से ?मले है।
• ईसवी ९४९-५० मH पुनः चोलों ने श[ संचय कT
• ?लड़न ता}पE: इस युY मH बूतुग ने चोल क
े युवराज राजिदd को उसक
े हाथी समेत
मार डाला।
• इस युY मH चोलों को अित हािन zई।
• बूतुग: ^ांतीय शासक
• क
ृ — ने ने तंजे™कोंड (तंजोर का िवजेता) कT उपा?ध
91. क
ृ तृतीय का द+gण अ+भयान
• चोलों क
े बाद क
ृ a तृतीय ने पां² को जीता
• 2संहल पर िवजय Cा³ कd
• मांड2लक राजाओं से कर वसूले
• रामेrरम मE कdितB~D qािपत िकया
• िCयगंडमात½ड एवं क
ृ aेrर नामक मंिदरो का िनमाBण
92. क
ृ तृतीय का उ,र भारत अ+भयान
• ईसवी ९६३ क
े आसपास
• चंदेल काफ़d शoŒशाली
• चंदेलो ने कालंजर एवं 2च?क
ू ट क
े दुग· पर अ2धकार
• क
ृ a तृतीय ने सवBCथम बुं देलख
ं ड िव2जत िकया
• इसक
े बाद मालवा क
े परमार शासक 2सयक िjतीय को हराकर उियनी पर
अ2धकार
• क
ृ a ने कलचुरी शासक सह¥ाजुनB पर िवजय Cा³ कd
93. क
ृ तृतीय का मूZांकन
• रा#$क
ू टों क
े गौरव मE वृ2–
• रा#$क
ू ट राजवं श का अंितम महान शासक
• क
ृ a तृतीय “उ3र मE िहमालय से लेकर
द2>ण मE रामेrरम तथा ”ीलंका का
िवजेता”
• सािहV एवं िवjानो का संर>क
• कwड़ भाषा किव पोw ने उसी क
े काल मE
शांितपुराण कd रचना कd।
• क
ृ a तृतीय ने पोw को “उभयभाषा
च‡वत£”कd उपा2ध दी।
94. राklक
ू टों क
े पतन क
े कारण
1. िनरंतर यु–
2. िव~ीणB Cदेश
3. उ3र-द2>ण मE सि‡य राजनीितक वं शो का उदय
4. मालवा क
े परमारों से िनरंतर यु–
5. सामंतो का Cभावशाली होना
6. चालु:ों का साम¾Bशाली होना
7. िनबBल उ3रा2धकारी