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रा#$क
ू ट वं श
का इितहास
डॉ िवराग सोनट,
े
सहायक 1ा2ापक
1ाचीन भारतीय इितहास, सं:
ृ ित और पुरात>
बनारस िहंदू िवBिवCालय
रा#$क
ू ट वं श का इितहास
1. उ123
2. िवकास
!"ावना
• वातापी क
े चालु: क
े पतन क
े बाद शासन
• >े?: महारा#$ एवं कनाBटक
• CारD मE वातापी चालु:ों क
े सामं त
• माGखेत : कनाBटक राI क
े गुलबगाB 2ज़ले
का मालखेड
• द2>ण भारत का महOपूणB राजवं श
• मQ भारत से उ3र भारत तक Cभाव
• वचBRवादी भू2मका
&ोत
1. 2शलालेख
2. ताSप?
3. मंिदर
4. Cवासी या?ी
5. अरब
6. सािहV
7. जैन-हXरवं श पुराण
Ramayana panel
Jaina Narayana temple
Kashivishvanatha temple
उ*+,
• िववरणों मE एकYपता नही।
1. अमोघवषB Cथम क
े 2सYर अ2भलेख: र^
2. इं_ तृतीय क
े नवसारी अ2भलेख : र^
3. क
ृ a III क
े करहड़ तथा देवली अ2भलेख : रा#$्क
ु टों कd उ123 तुंग शासक से eई, उसका
पु? र^ था।
4. वधाB ताSप?: रा#$्क
ु टों कd उ123 राजक
ु मXर र^ा से eई 2जसको रा#$्क
ु ट नामक पु? था।
5. क
ु छ अ2भलेख: यादव साVिक का वं शज
6. अG अ2भलेख: चi वं शी
• रा#$क
ू ट: Cशासनीय पद
• रा#$: राI, मंडल, 2ज़ला
• क
ू ट: Cधान या Cमुख
मूलिनवास
महारा%&
• िव#ान:
1. सी॰वी॰ वै*,
2. एस॰नंिदमथ
3. डी॰आर॰ भ4ारकर: अपरांत
4. पी॰ देसाई: ल<लूर पुरवरा?धAर
(लातूर) यह DेE पहले कनाFटक मH था।
• आधार: अशोक क
े अ?भलेख मH व?णFत “
रिठक”
कना)टक
• िव#ान:
• अOेकर
• आधार: अशोक क
े अ?भलेख मH व?णFत “
रिठक”
मूलिनवास
आं4 !देश
• िवjान:
• बनkल
• आधार: र^
• मत: वतBमान रेmी लोग
• समी>ा: अमाG
राजपूताना एवं क=ौज
1. वी॰opथ
आधार:
समी>ा: अमाG
मूलिनवास
• qान: गहडवाल
• िवjान:
• िवrनाथ रेउ :
• आधार: सोलंकd राजा ि?लोचनपाल क
े शक सं वत ९७२ क
े अ2भलेख,
• सोलंिकयो क
े आिद पुvष का िववाह कwौज क
े रा#$क
ू ट शासक कd पु?ी से eआ था।
• समी>ा:
1. राठौड़ तथा गहडवालों का उदय रा#$्क
ु टों क
े बाद eआ
2. वं श 2भwता: रा#$क
ू ट-चं_वं शी, गहडवाल-सूयBवं शी
3. गौ? 2भwता: रा#$क
ू ट-गौतम , गहडवाल-कzप
4. दोनो वं शो क
े अ2भलखो मE वणBन नही।
मूलिनवास: िन?षA
1. गोिवंद III क
े ईसवी ८०८ क
े राधनपुर अ2भलेख तक रा#$क
ू टों को यदु वं श से 2भw
समझा जाता था।
2. इसक
े बाद रा#$्क
ु टों का संबं ध यदु वं श से जोड़ा गया।
3. रा#$्क
ु टों का संबं ध अशोक क
े अ2भलेख मE व2णBत “ रिठक” से जोड़ सकते है।
4. इसक
े आधार पर उनका मूलिनवास >े? महारा#$ होगा (लातूर/ अचलपुर)
5. बाद मE कनाBटक मE िव~ार eआ।
6. रा#$्क
ु ट सं भवतः चं_वशी >ि?य होंगे
7. राजकdय 2च€: गvड़ प>ी
8. उपा2ध: वभ (Rामी/अ2धपित)
ए"लचपुर
!ारBCक शासक
अनु *मांक रा/0क
ू ट राजा ित"थ*म (ईसवी सन)
१ दुग>राज लगभग ६३०-६५०
२ गोिवंदराज लगभग ६५०-६७०
३ Gा"मराज लगभग ६७०-६९०
४ नJराज लगभग ६९०-७१५
६-७ व सदी मH राIJक
ू टों क
े 1माण Lमलते है।
महाराIJ एवं म2 1देश मH क
ु छ पRरवार क
े उTेख Lमलते है।
एक पRरवार एLलचपुर मH शासन कर रहा था।
नWराज क
े ितवरखेड तथा मुYे अLभलखो मH 1ार[क राजाओं क
े नाम Lमलते है।
न=राज
• Pा?मराज का पुE
• नRराज क
े ित?थ क
े आधार पर परवतS शासकों कT ित?थ का अनुमान
• Uोत:
1. संगलूद अ?भलेख
2. मुOे अ?भलेख
3. ितवरखेड अ?भलेख: अचलपुर
• उपा?ध: युYसूर
• संभवतः श[शाली शासक
• वातापी चालु]ों का सामंत
• ितवरखेड अ?भलेख अचलपुर से ^का?शत होने से अOेकर इसी `ान को नRराज कT राजधानी
मानते है।
• अOेकर: नRराज ल<लूर से ए?लचपुर गया होगा एवं चालु]ों (पुलक
े ?शन II) का सामं त बना होगा
न=राज क
े बाद क
े शासक
• ७वी सदी म' दंितवम+न -थम मा0खेट से चालु7ों का सामंत था।
• दंितवम+न -थम क
े बाद उसका पु> इं@ -थम राजा Cआ।
• दशावतार अGभलेख: इं@ -थम वीर शासक था, उसकI यKों म' LMा थी,
• इं@ -थम क
े बाद उसका पु> गोिवOराज राजा Cआ।
• गोिवOराज: अपरनाम िवरनारायण Gशव भQ था।
• अRेकर: सं भवतः ईसवी ६६५ से ७००
• गोिवOराज क
े बाद उसका पु> कक
+ राज राजा बना
• दशावतार अGभलेख: वीर शासक, उसकI यKों म' LMा थी,
• कक
+ राज: संभवतः ईसवी ७०० से ७१५
• कक
+ क
े ४ पु> थे
1. इं@ II
2. Zुव
3. क
ृ 
4. न]राज II
इंF II
• कक
B क
े ४ पु?ों मE इं_ िjतीय Iेƒ होने से राजा बना
• वं श का Cथम महOपूणB शासक
• >े? िव~ार : उ3र-द2>ण
• वातािप क
े चालु: िवजयिदV का सामं त रहा होगा।
• अमोघवषB I क
े संजान ताSप?: इं_राज ने खेटक (द2>णी गुजरात) मE चालु: राजक
ु मारी
भवनागा क
े साथ रा>स-िववाह िकया था।
• वह संभवतः लाट क
े चालु: नरेश मं गलराज कd पु?ी या भतीजी थी।
• अ„ेकर: संभवतः ईसवी ७२२ क
े प…†ात
• उसक
े पास अrारोही एवं गजरोिहयों कd िवशाल सेना थी।
• ित2थ‡म: संभवतः -७१५-७३५
Rashtrakuta Emperors (CE)
Dantidurga (735 - 756)
Krishna I (756 - 774)
Govinda II (774 - 780)
Dhruva Dharavarsha (780 - 793)
Govinda III (793 - 814)
Amoghavarsha (814 - 878)
Krishna II (878 - 914)
Indra III (914 -929)
Amoghavarsha II (929 - 930)
Govinda IV (930 – 936)
Amoghavarsha III (936 – 939)
Krishna III (939 – 967)
रा#$क
ू ट मु* शासक
दंBGदुगA (ईसवी ७३५-७५६)
• इंb ि#तीय का भवनागा से उcR पुE
• अdंत महeकांशी राजा
• वं श का वाfिवक सं`ापक
• Uोत : २ अ?भलेख
1. दशावतार अ?भलेख: ईसवी ७४२
2. समदनगर अ?भलेख: ईसवी ७५३-५४
• बरार तथा मl भारत क
े DेE उmरा?धकार से ^ाn
• मl भारत एवं मालवा मH श[शाली
शासक क
े अभाव का फ़ायदा उठाया
• िवpमािदd II क
े काल मH चालु]ों का सामंत
• अपनी श[ का वधFन करता रहा
• कTितFवमFन ि#तीय क
े िवqr िवbोह करक
े राजा बना
• अनेक युYों का िवजेता
दंBGदुगA का उ,र-प+Pमी अ+भयान
• सामंत रहते दंo‹दुगB
1. गुजरात क
े नांदीपूरी क
े गुजBर
2. नवसारी क
े चालु:
3. वलभी क
े मै?क को परा2जत िकया
4. द2>णी गुजरात क
े >े? पर अ2धकार कर अपने भतीजे कक
B को Cांतीय शासक िनयुŒ
िकया।
5. Cितहार राI पर आ‡मण िकया एवं मालवा को जीता।
• मालवा कd राजधानी उियनी मE उसने िहरŽगभB महादान िकया 2जसमE गुजBर शासक ने
Cितहार (Cहरी) क
े Yप मE काम िकया
• 2शव-महाकाल को र-जिटत मुक
ु ट भEट िदया
• समदनगर अ2भलेख: क
े अनुसार
1. दंo‹दुगB कd सेना कd ह2थयो ने मही, महानदी, नमBदा निदयों मE ान िकया
2. वभ को परा2जत करक
े राजा2धराज एवं परमेrर कd उपा2धयाँ धारण कd।
दंBGदुगA x चालुU नरेश कVितAवमAन II
• दंo‹दुगB चालु:ों का सामंत रह कर शoŒ वधBन करता रहा।
• दंo‹दुगB एवं चालु: नरेश कdितBवमBन मE शoŒ संतुलन अिनवायB eआ।
• चालु: नरेश कdितBवमBन कd दुबBलताओं का फ़ायदा उठाते eए िव_ोह िकया।
• अंत मE कdितBवमBन को परा2जत िकया
• रा#$क
ू ट अ2भलेख: “दंतीदुगB ने चालु:ों कd िवशाल सेना को भृकटीभंग मा? से परा2जत कर
िदया।
• अ„ेकर: क
ू टनीितक चाल से िवजय
• zाम 2म”: पूणB तयारी से िवजय
• चालु: नरेश कdितBवमBन राजा बना रहा।
• इस िवजय क
े पXरणामRYप दंतीदुगB स•ूणB महारा#$ का अ2धपित बना
• इस यु– मE चालु: नरेश कdितBवमBन को परा2जत कर वह सावBभौम राजा बन गया।
• ईसवी ७५३-७५४ क
े समनगद अ2भलेख: परमभ^ारक, महाराजा2धराज, परमेrर कहा है।।
दंBGदुगA क
े युW
1. काँची
2. क
े रल
3. चोल
4. पांM
5. पNव: नंदीवम>न II
6. हष>वध>न
7. वRट
8. क"लंग : odisha
9. कोशल : छUीसगड
10. Wीशैल : आंZ
11. मालव : म[ देश
12. लाट : गुजरात
13. टंक: पहचान सं"ध]
14. "संधु : अरबों क
े िव_` सफलता
को परा"जत िकया।
• बाद क
े अ"भलेखों मe उसे िहमालय से रामेgरम तक क
े अनेक राजाओं
का िवजेता कहा है।
• इन िवजयों का सही *म एवं ित"थ*म लगाना मुjkल
दंBGदुगA का साXाY िव"ार
• अनेक यु–ों से साSाI >े? िव~ार
• उ3र: गुजरात, मालवा
• द2>ण: पव राI तक
• पूवB: वEगी
• प2—म: कोंकण
• यु– अ2भयान मE चाचा क
ृ a तथा
भतीजे कक
B का सहयोग
•
दंBGदुगA का मूZांकन
1. रा#$क
ू ट साSाI का वा~िवक िनमाBता
2. समकालीन शासकों मE सवाB2धक बलशाली एवं शoŒशाली सSाट
3. दानशूर: क
ु छ गाव दान िदए
4. धािमBक: 2शवभŒ
5. उपा2ध: परमभ^ारक, महाराजा2धराज, परमेrर, वभ, पृ˜ीवभ,
वभराज, महाराजशवB, खड़गावलोक, साहसतुंग आिद।
क
ृ  !थम
• दंo‹दुगB िनपु?क होने से उसका चाचा राजा बना
• वी. opथ, सी॰वी॰ वै™: क
ृ a Cथम ने दंo‹दुगB को अपदq करक
े मार डाला।
• कक
B राज क
े शक संवत ८९४ क
े करदा अ2भलेख: दंo‹दुगB कd िन:सं तान मृVु होने से क
ृ a
Cथम राजा बना।
• ित2थ‡म: ईसवी ७५६ से ७७३
• राI2भषेक क
े समय: शुभतुंग, अकालवषB उपा2ध ली।
क
ृ  !थम x कक
A
• अंतगBत गृहयु–
• क
ृ a Cथम क
े राजा बनते ही भतीजे कक
B से यु–
• कक
B द2>णी गुजरात का Cांतीय शासक िनयुŒ था
• दंo‹दुगB क
े मृVु उपरांत उसने Rतं?ता घोिषत कd
• सSाट सूचक उपा2धयाँ ली।
• क
ृ a Cथम ने कक
B को परा2जत िकया एवं
• अपना अ2धन~ बनाया।
क
ृ  !थम x चालुU नरेश कVितAवमAन II
• दंo‹दुगB क
े मृVु उपरांत चालु: नरेश कdितBवमBन II ने शoŒ वधBन कd
• साSाI िव~ार करने का Cयास िकया।
• ईसवी ७५७ मE कdितBवमBन II भीमा नदी क
े तट पर सैिनक 2शिवर मE था।
• क
ृ a Cथम ने कdितBवमBन II कd शoŒ को पूणB Yप से न# करने का िन—य िकया।
• क
ृ a Cथम और चालु: नरेश कdितBवमBन II मE यु– eआ 2जसमE कdितBवमBन II परा2जत
eआ एवं चालु: वं श का अंत हो गया।
• गोिवंद II क
े अ2भलेख मE “वभ (क
ृ a Cथम) ने चालु:-राजलœी को अपत
िकया।
• कक
B II क
े बडोदा अ2भलेख: राजाओं मE 2संह (क
ृ a Cथम) ने यु– कd इžा से आगे
बढ़ते eए महावराह को (कdितBवमBन II) को िहरन बना िदया।
क
ृ  !थम का गंग राY पर आ^मण
• गंगवाडी पर आ‡मण :
• गंग राजा ”ीपुvष का पु? 2सयग परा2जत
eआ।
• उसकd राजधानी माGपुर (तु क
ु र) पर
आ‡मण िकया िवजयो~व मनाया
• गंगो कd बeत स•23 अपत कd।
• ”ीपुरष को अपना समंत बनाया।
• ित2थ: ईसवी ७६८ क
े आसपास
क
ृ  !थम का व`गी पर आ^मण
• साSाI सीमाओं का टकराव
• ईसवी ७६८ क
े आसपास क
ृ a Cथम ने वEगी
पर आ‡मण िकया
• इसमE क
ृ a क
े पु? युवराज गोिवंद II ने सेना
का नेतृO िकया।
• वEगी मE इस समय िवaुवधBन चतुथB राजा था।
• इस यु– मE रा#$्क
ु टों कd िवजय eई
• बाद मE वEगी एवं रा#$्क
ु टों कd सं 2ध एवं मै?ी eई
• िवaुवधBन चतुथB कd पु?ी का िववाह गोिवंद II
क
े भाई ¡ुव से eआ।
क
ृ  !थम क
े अa युW अ+भयान
1. द2>णी कोंकण :
• द2>णी कोंकण क
े राजाओं को
हराया
• 2शलाहर वं शीय सणफ
ु  को
द2>णी कोंकण का शासक
िनयुŒ िकया
• क
ृ a ने अपने छोटे भाई को
औरंगाबाद 2ज़ले (महारा#$) का
शासक बनाया
क
ृ # $थम का मू)ांकन
1. महान िवजेता एवं दूरदश£ राजा
2. साSाI >े? िव~ार: महारा#$ एवं मQ Cदेश तक , कनाBटक >े?
3. चालु: वं श का अंत
4. वा~ुकला एवं सािहV का संर>क
5. जैन िवjान अकलंक भ^ समकालीन : राजवाितBक ¤ंथ 2लखा
6. क
ं नेrर मिदर का िनमाBण: 2जसमE िवjान रहते थे।
7. १८ 2शव मं िदरो का िनमाBता
8. एलोरा का क
ै लाश मं िदर
9. उपा2ध: अकालवषB, शुभतुंग, पृ˜ीवभ, ”ीवभ
Plinth
Pillars
गोिवंद िbतीय
• क
ृ a Cथम का पु? एवं उ3र2धकारी
• ईसवी ७७०-७७२ मE युवराज िनयुŒ
• युवराज रहते यु– एवं Cशासन का अनुभव
• वEगी क
े शासक िवaुवधBन चतुथB को हराया।
• ईसवी ७७४-७७५ क
े आसपास राजा बना
• उपा2ध: महाराजा2धराज, िव‡मावलोक, CभूतवषB, वभ
• ¥ोत:
दौलताबाद अ2भलेख
गोिवंद िbतीय का कायAकाल
• राजा िनयुŒ होने क
े प…†ात िवलासतापूणB जीवन
• राजकाज क
े Cित उदासीन
• शासन का भार अपने भाई ¡ुव को िदया
• ¡ुव अपने नाम से शासनादेश जारी करने से गोिवंद िjतीय नाराज़
• ¡ुव को हटाने क
े 2लए, वEगी, मालवा, गंगवाडी, काँची क
े शासकों से गठबं धन
• परंतु ¡ुव ने इसक
े पहले ही गोिवंद िjतीय पर आ‡मण िकया
• गोिवंद िjतीय यु– मE संभवतः मारा गया
• ¡ुव रा#$्क
ु टों का वा~िवक शासक बना।
• क
े ॰¦ी॰ सु§मŽम: गोिवंद II उदार था, उसने ¡ुव को शासन दे िदया।
4ुव
• अपने अ¤ज गोिवंद िjतीय को परा2जत कर राजा बना
• ईसवी ७८० क
े आसपास राजा
• ¥ोत:
1. 2जनसेन क
े जैन-हXरवं श पुराण
2. धू2लयाँ ताSप?
3. राधनपुर अ2भलेख
• गोिवंद िjतीय का 2ज€ोंने साथ िदया था उसक
े िवv– यु– अ2भयान
4ुव कV युW गितिव+धयाँ: गंगवाडी
• गंगवाडी:
• गंग शासक ”ीपुरष वृ– हो चुका था।
• राजकाज ”ीपुरष का पु? 2शवमार देख रहा था।
• ¡ुव क
े िवv– 2शवमार परा‡म से लड़ा
• ¡ुव यु– िवजयी eआ
• ¡ुव ने 2शवमार को क़
ै द िकया
• उसे कारागार मE डालक
े स•ूणB गंगवाडी को रा#$क
ू ट
साSाI मE िवलीन िकया
• अपने पु? रणावलोक को Cांतीय शासक िनयुŒ
िकया
4ुव कV युW गितिव+धयाँ: पfव एवं वेगी
• गंगवाडी क
े पstात पuवों पे आpमण
• पuव शासक दंितवमFन ने गोिवंद का साथ िदया
था।
• राधनपुर अ?भलेख :
• एक और वाfिवक समुb, तथा दूसरी और
राwxक
ू टों कT सेनyपी समुb से पuव शासक
भयभीत zआ
• पuव शासक ने {ुव को बzत हाथी िदए
• वHगी:
• पuवों क
े बाद संभवतः {ुव ने वHगी पर ^भुसmा
`ािपत कT
• अब {ुव स|ूणF द?Dण भारत का श[शाली
स}ाट बन गया
4ुव कV युW गितिव+धयाँ:
उ,र भारत
• कwौज उ3र भारत क
े राजनीित का क
E _
• राजा: इं_ायुध
• Cितहार: प2—म: व©राज
• पाल: पूवB : धमBपाल
• यु– कारण:
1. Cितहारों का मालवा पे आ‡मण
2. भारत का शoŒशाली सSाट बनने कd
होड़
3. उª महOकां>ा
+ितहारों से यु4
• ईसवी ७८२ मE ¡ुव लाट मE था।
• ¡ुव ने Cितहार क
े िवv– लड़ने कd योजना बनाई
• सैG नमBदा नदी क
े िनकट एकि?त िकए
• सेना को कई िह«े मE िवभा2जत िकया
• एक का नेतृO वह कर रहा था दूसरी का नेतृO अपने
पु? गोिवंद III को
• ¡ुव Rत: Cितहार शासक से लड़ने गया
• (अ„ेकर) : ईसवी ७८७ क
े आसपास दोनो मE यु–
eआ
• 2जसमE ¡ुव िवजयी eआ।
पालों से युW
• पाल नरेश धमBपाल बं गाल का राजा
• ¡ुव से धमBपाल से यु– िकया
• धमBपाल यु– से भाग गया
• यह यु– गंगा-यमुना दोआब मE eआ होगा
• इस यु– मE भी रा#$क
ू टो कd सेना िवजयी eई
• देवली अ2भलेख: ¡ुव क
े पास ३ rेत छ? थे
(Cितहार, पाल एवं कोशल)
• यु– से वापसी मE ¡ुव ने वEगी पर आ‡मण
िकया
• वेगी शासक िवaुवधBन कd पु?ी
(शीलभ^ाXरका) से िववाह िकया
उ,र भारत युW
अ+भयान कV समीgा
• इस यु– से साSाI िव~ार
नही
• नया >े? नही
• कर नही, स•23 नही।
• ¡ुव भारत का सवाB2धक
परा‡मी शासक
• शoŒ CदशBन
• अ2धस3ा कd धाक
4ुव का मूZांकन
• Cतापी सSाट
• १३ वष¬ का राIकाल (ईसवी ७८०-७९३)
• रा#$क
ू ट वं श क
े साSाI, शoŒ, Cितƒा एवं समृ2– मE वृ2–।
• दूरदश£ एवं बलशाली यो–ा
• उ3र भारत क
े राजनीित मE द2>ण भारत क
े आगमन का CारD
• उपा2ध:
• क2लवभ (यु– Cेमी), िनYपम (अिjतीय), धारावषB, ”ीवभ,
महाराजा2धराज, परमेrर आिद
गोिवंद तृतीय
!ुव को ४ पु( थे।
1. कक
, : मृ/ु
2. 01: गंगवाडी का शासक
3. गोिवंद तृतीय: रा>?भषेक
4. इंC: मालवा एवं गुजरात का शासक
• ईसवी ७९१-९२ मL िव?धवत रा>?भषेक
• !ुव कN मृ/ु क
े बाद इसवी ७९३ मL राजा बना
• Rोत:
a) पैठन ताUप(
b) कक
, क
े सूरत ताUप(
c) िWिटश संYहालय ताUप(
d) राधनपुर ताUप(
e) सं जान ताUप(
f) बनी िडंडो[र अ?भलेख
गोिवंद तृतीय: युW अ+भयान
गोिवंद
तृतीय
४
"ितहार एवं पाल
(क.ौज)
३
व2गी
२
द78ण भारत
१
अंतग=त िव>ोह
(@A)
गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह का !ारC
• ~ंभ Iेƒ ­ाता
• साम नीित: सामंतों, मंि?यो, िवरो2धयों से मै?ी
• ~ंभ ने १२ सामंतों, अG शासकों का संघ बनाया
• इस संघ मE :
• नोल®वाडी, बनवासी, धारवाड आिद
• इस संघ का नेतृO पव शासक दंितवमBन ने िकया
• गोिवंद तृतीय ने भेद नीित का Cयोग करते eए गंग शासक 2शवमार को जेल से मुŒ िकया
• योजना: ~ंभ x गंग शासक 2शवमार
गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह का अंत
१ गोिवंद तृतीय ने तेज़ी से गंगवाडी पर आ‡मण िकया
इस आकopक आ‡मण मE ~ंभ सहायता 2मलने क
े पहले ही परा2जत eआ।
२ उपरांत गंग शासक 2शवमार को हराया एवं कारागार मE डाल िदया, गंग शासक 2शवमार
क
े छोटे भाई ने यु– िकया वह भी परा2जत eआ।
३ इसक
े बाद नोल®वाडी क
े राजा चाvपोनेर क
े िवv– अ2भयान, नोल®वाडी क
े शासक
ने आ¯समपBण िकया।
४ पव राI पर आ‡मण कर पव शासक दंितवमBन को परा2जत िकया (ि§िटश
सं¤हालय ताSप? क
े अनुसार ईसवी ८०४ मE गोिवंद रामेrरम मE था)
५ वEगी क
े शासक (िवaुवधBन IV) पर आ‡मण िकया , राधनपुर ताSप? तथा सं जान
ताSप? अनुसार गोिवंद III ने नाना िवaुवधBन IV को अ~बलों क
े 2लए आहता एवं उसक
े
2शिवर का फ़शB साफ़ करने को कहा।
गोिवंद तृतीय: उ,र भारत
• राजनीितक पXरoqित :
1. कwौज मE च‡ायुध राजा
2. Cितहार x पाल = कwौज
3. Cितहार = नागभ^ (च‡ायुध)
4. पाल = धमBपाल (इं_ायुध)
गोिवंद तृतीय: उ,र भारत
• गोिवंद ने सेना को िवभा2जत िकया
• क
ु छ सेनानायकों को मालवा, कोशल, ओिड़शा तथा वEगी पर िनयं?ण रखने को कहा
• भाई इं_ को मालवा एवं गुजरात मE कड़ी िनगरानी को कहा
• गोिवंद Rयं िवशाल सेना क
े साथ गंगा-यमुना दोआब क
े ओर बढ़ा
• गोिवंद III एवं नागभ^ II मE यु– eआ
• यह यु– संभवतः झाँसी/ °ा2लयर मE eआ होगा (अ„ेकर)
• यु– मE नागभ^ II परा2जत eआ एवं भाग गया
• च‡ायुध ने आ¯समपBण िकया
• सी॰वै™: गोिवंद तृतीय ने कwौज पर अ2धकार िकया
• धमBपाल ने संभवतः भयभीत होक
े या यु– मE परा2जत होकर गोिवंद तृतीय कd अधीनता
Rीकार कd।
गोिवंद तृतीय: मi भारत
• उ3र भारत क
े िवजयी अ2भयान से वापसी मE गोिवंद तृतीय ने बीच क
े कई राजाओं
को परा2जत िकया
1. मालव
2. कोशल
3. क2लंग
4. वEगी
5. दहाल (जबलपुर)
6. ओm
गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह
• गोिवंद तृतीय जब उ3र मE ±~ था तो द2>ण क
े राजाओं ने उसक
े िवv– एक सं घ बनाया
• इस संघ मE
a) पव,
b) पां²,
c) चोल,
d) क
े रल,
e) प2—मी गंग आिद थे।
• गोिवंद तृतीय ने तुंगभ_ा नदी क
े पास आलमपुर ईसवी ८०२-८०३ से द2>ण गया
• गोिवंद तृतीय ने इस िव_ोही सं घ क
े िवv– िनणाBयक िवजय Cा³ कd
1. प2—मी गंग राजा यु– मE मारा गया
2. पवों कd राजधानी काँची को अ2धक
ृ त िकया
3. काँची से पां² एवं क
े रल को हराया
गोिवंद तृतीय x व`गी
• गोिवंद तृतीय एवं िवaुवधBन तृतीय तक संबं ध ठीक थे
• िवaुवधBन तृतीय का पु? िवजयािदV िjतीय महOकां>ी था
• उसने गोिवंद तृतीय कd अ2धस3ा मानने से मना िकया
• िवजयािदV िjतीय का भाई भीमसुकd गोिवंद तृतीय से जा 2मला
• इससे फ़ायदा उठाते eए गोिवंद तृतीय ने ईसवी ८०३ मE वEगी पर आ‡मण िकया
• गोिवंद तृतीय ने िवजयािदV िjतीय को परा2जत िकया एवं
• भीमसुकd को वEगी का राजा बनाया।
गोिवंद तृतीय एवं 8संहल
• गोिवंद तृतीय क
े Cभाव से
2संहल शासक भयभीत
eआ
• उसने अपनी एवं अपने
मं?ी कd Cितमाए गोिवंद
तृतीय को भEट दी
• इन Cितमाओं को गोिवंद
तृतीय ने राजधानी मE एक
2शव मंदीर क
े सम> िवजय
~ंभ क
े Yप मE qािपत
िकया।
गोिवंद तृतीय का मूZांकन
1. रा#$क
ू ट वं श का महानतम सSाट
2. िहमालय से लेकर ”ीलंका तक गुजरात से लेकर
बं गाल तक साSाI
3. रा#$क
ू ट अ2भलेख इसकd तुलना पाथB (अजुBन)
से
4. िवjान=2सक
ं दर महान क
े समक>
5. बनी िडंडोXर अ2भलेख: गोिवंद तृतीय क
े राजा
बनते ही रा#$क
ू ट अजेय eए
6. उपा2ध: 2”वभ, पृ˜ीवभ, CभूतवषB,
िवमलािदV, कdितBनारायण, जगतुंग,
ि?भवनधवल, जनवभ आिद
शवA अमोघवषA !थम
• गोिवंद तृतीय ने अपने पु? शवB अमोघवषB को युवराज िनयुŒ िकया था।
• गोिवंद तृतीय क
े मृVु क
े वŒ शवB अमोघवषB अवय´ था।
• भतीजे कक
B (मालवा-गुजरात) को Cांतीय शासक को सं र>क
• शवB अमोघवषB Cथम ईसवी ८१४ मE राजा बना
• राIारोहण क
े समय शवB अमोघवषB ६ वषB का था।
• शवB अमोघवषB अवय´ होने से अंतगBत िव_ोह कd oqित
1. संजन ताSप?: रा#$क
ू टो पर क2ल का Cभाव
2. संभवतः ~ंभ क
े पु? को गंगवाडी का शासक िनयुŒ न करने से नाराज़
3. वEगी शासक िवजयािदV II, (भीमसुकd)
शवA अमोघवषA !थम: िवFोह
• ईसवी ८१६ से ८२१ क
े मQ यह िव_ोह eआ होगा
• िवजयािदV II, १२ वष¬ तक र^ो एवं गंगो से यु– करता रहा (१०८ यु–) (अµ I ईडर
ताSप?)
• इस समय तक पूव£ चालु: ने रा#$क
ू टो को यु– मE परा2जत िकया होगा।
• गुंटूर अ2भलेख: िवजयािदV II कd रा#$क
ू टों एवं गंगो से १०८ लढ़ाइयाँ लड़ी थी।
• इं_ तृतीय का नवसारी लेख: अमोघवषB क
े राIकाल मE रा#$क
ू ट वं श कd राजलœी
चालु:Yपी समु_ मE समा गयी थी, और िवजयी चालु:ों ने ~ंभनगर को न# िकया।
• इं_ तृतीय का नवसारी लेख: बाद मE रा#$क
ू टों ने चालु:ों को साSाI से बाहर िकया।
• ईसवी ८६६ क
े 2सYर ताSप? मE वEगी क
े शासक ने शवB अमोघवषB कd वं दना कd
• गोिवंद IV क
े सांगली ताSप? अनुसार अमोघवषB ने वEगवी qान पर चालु:ों को परा2जत
कर यमराज को िवशाल Cीितभोज िदया
अमोघवषA !थम x गंग
• ईसवी ८१६ क
े आसपास गंग शासक ने अमोघवषB Cथम क
े िवv– िव_ोह िकया होगा
• qानीय रा#$क
ू ट सामंत ने गंग शासक 2शवमार को मार िदया
• 2शवमार का भतीजा राजम गंगवाडी का राजा eआ
• राजम ने भी रा#$क
ू टो का िवरोध िकया
• सामंत एवं सेनानायक बं क
े य ने राजम को परा2जत िकया
• राजम क
े बाद उसका पु? एरेयंग नीितमागB गंगवाडी का राजा eआ
• क
ु छ समय बाद वह िफर अमोघवषB क
े िवv– हो गया
• अमोघवषB ने पूव£ चालु: शासक गुणक-िवजयािदV क
े jारा सं2ध कर ली
• बाद मE अमोघवषB एवं एरेयंग नीितमागB से मै?ी हो गयी एवं अमोघवषB ने अपनी पु?ीयों का
िववाह गंगवाडी शासक से कर िदया।
अमोघवषA !थम x गुजरात
• कक
B कd मृVु क
े बाद ¡ुव Cथम गुजरात का राजा बना
• ईसवी ८३५ तक वह अ2धन~ रहा
• बाद मE उसने िव_ोह कर िदया
• रा#$क
ू ट अ2भलेख: यह संघषB दो पीिढ़यों तक चलता
रहा
• ¡ुव का पु? अकालवषB ने भी अमोघवषB से यु– िकया
• Cितहार शासक 2मिहरभोज क
े शoŒ वधBन से
• ईसवी ८६० क
े आसपास अमोघवषB एवं गुजरात क
े
रा#$क
ू ट शासकों मE सं2ध हो गयी।
अमोघवषA !थम कV अa िवजये
• अमोघवषB क
े नीलगुंड तथा 2सYर अ2भलेख क
े अनुसार उसने
1. अंग
2. वं ग
3. मगध क
े राजा उसकd वं दना करते है।
• 2मिहरभोज को द2>ण गुजरात तक रोकने मE सफल रहा होगा।
• क
ु छ पाल अ2भलेखों मE नारायणपाल ने एक _िवण राजा को हराया
• अ„ेकर, मजूमदार : _िवण राजा = अमोघवषB Cथम
अमोघवषA !थम का मूZांकन
• ६४ वष` तक शासन
• अaगbत िवcोह मH de
• वेगी क
े शासक से fe
• गुजरात क
े से २० वष` से iादा संघषb
• Lमिहरभोज का उkर मH 1भु>
• माlखेत राजधानी कn oापना
• वाeिवक नाम शवb
• उपाLध: LpवTभ, पृqीवTभ, महाराजाधीराज, लrीवTभ, भsारक, 1भूतवषb,
वमलािदt, वीरनारायण, जगतुंग, िfभवनधवल, आिद
• अंत मH जैन धमाbनुयायी
• धािमbक सिहvु
• िवwान एवं कWड़, सं:
ृ त भाषा का 1सारक
• उसने “किवराजमागb” yंथ कn रचना कn
• वृzावoा मH राजकाज का tाग
क
ृ  िbतीय
• शवB अमोघवषB Cथमक
े बाद उसका पु? क
ृ a िjतीय राजा बना
• क
ृ a िjतीय ईसवी ८८० मE राजा बना
• वैवािहक स®¶-कलचुरी
• उपा2ध: अकालवषB, शुभतुंग, वभराज, ”ीपृ˜ीवभ, महाराजा2धराज,
परमेrर
क
ृ  िbतीय कV युW गितिव+धयाँ
1. वEगी क
े चालु:
2. गुजBर-Cितहार सं घषB
3. गुजरात क
े रा#$क
ू टों से संघषB
क
ृ  िbतीय का व`गी क
े चालुU से संघषA
• क
ृ v II क
े रा{काल मH वHगी चालु| नरेश िवजयिदt तृतीय ने राIJ्क
ु टों क
े िव~z िवcोह िकया।
• धमbवरम अLभलेख: िवजयिदt III ने क
ृ v II से दो युz िकए।
• 1थम सं घषb: क
ृ v II पराLजत आ एवं अपने साले कलचुरी शासक क
े यहा शरण ली।
• िवजयिदt III क
े सेनापित पं डरंग ने क
ृ v II का पीछा िकया एक राeे मH कLलंग, वेमूलवाड, बeर तथा
दL€ण कोसल क
े राजाओं को पराLजत िकया।
• बeर: चक
ू ट नगर को भ‚सात िकया
• दL€ण कोसल एवं कLलंग: सोना + हाथी 1ाƒ िकए।
• िwतीय सं घषb: सेनापित पं डरंग ने क
ृ v II एवं कलचुरी कn संयु„ सेना को िकरणपुर क
े युz मH पराLजत िकया।
• युz प…†ात िकरणपुर को जलाया गया।
• वापसी मH िवजयिदt कn सेना ने महाराIJ क
े एLलचपुर नगर को भ‚सात िकया।
• िवजयिदt ने राIJक
ू टों का राजिकय Lच‡ (गंगा-यमुना नदी कn आक
ृ ित)ले ली
• अंत मH क
ृ v II ने आमण करने क
े बाद उसका रा{ वापस दे िदया।
• वEगी चालु: नरेश िवजयिदV तृतीय कd मृVु क
े बाद भीम Cथम राजा बना
•;थम संघष?:
• रा#$क
ू ट नरेश क
ृ a II ने कनाटB एवं लाट कd सेनाओं क
े साथ वEगी पर आ‡मण िकया।
• वेगी राI क
े कई दुग· को 2जत 2लया एवं सामंतो को दे िदया
• िjतीय संघषB:
• रा#$क
ू ट एवं चालु:ों का िjतीय संघषB पेvवगुv ¤ाम (गोदावरी 2ज़ला) मE eआ
• इस यु¸ मE भीम िवजयी eआ
• भीम ने रा#$क
ू ट नरेश क
ृ a II एवं संयुŒ सेना को परा2जत िकया
• यु– मE भीम का पु? वीरगित को Cा³ eआ
क
ृ # ि%तीय का व+गी क
े चालु1 से सं घष6
गुजAर-!ितहारों से संघषA
• गुजBर-Cितहार शासक 2मिहरभोज
• रा#$क
ू टों क
े उ3री >े? पर आ‡मण
• 2मिहरभोज ने क
ृ a II को यु– मE हराया
• इसक
े प…†ात 2मिहरभोज गुजरात कd ओर बढ़ा लेिकन गुजरात क
े Cांतीय शासक क
ृ aराज
ने उसे पीछे खदेडा
• इं_ III क
े ९१४ क
े बेगुSा अ2भलेख मE क
ृ a II ने गुजBर-Cितहार शासक 2मिहरभोज को
अनुपम शौयB क
े साथ हराया।
• अल –मसूदी क
े अनुसार गुजBर-Cितहार शासक, रा#$क
ू टों को रोकने क
े 2लए सेना तैनात रखते
थे।
गुजरात क
े राklक
ू टों से संघषA
• गुजरात का Cांतीय शासक क
ृ aराज
• Cितहार शासक 2मिहरभोज को यु– मE हराया
• क
ृ a II क
े सांगली एवं क
ै ®े ताSप? क
े अनुसार उसने क
ृ aराज एवं उसक
े
उ3रा2धकारी को गुजरात से बाहर िकया।
• ईसवी ८८८ क
े बाद गुजरात क
े रा#$क
ू टो का कोई अ2भलेख नही 2मलता।
• इस ित2थ क
े बाद इस राजवं श का अ‹ eआ होगा।
क
ृ  II एवं चोल
• क
ृ a II कd पु?ी का िववाह चोल शासक आिदV Cथम से
• आिदV क
े बाद उसका अG पु? परांतक चोल वं श का राजा eआ
• क
ृ a II अपने नाती (कwरदेव) को चोल राजा बनाना चाहता था,
• इसी2लए क
ृ a II ने चोलों पर आ‡मण िकया,
• बाल qान पर eए इस यु– मE परांतक ने क
ृ a II को परा2जत िकया।
इंF तृतीय
• क
ृ a II क
े पु? जगतुंग कd मृVु उसक
े जीवनकाल मE eई थी,
• क
ृ a II का पौ? इं_ तृतीय राजा बना
इंF तृतीय कV युW गितिव+धयाँ
• “इं_ ने मेv को ¹~ िकया एवं गोवधBन को 2जतने वाले उपेi को परा2जत िकया”
• मेv:
1. िकलहॉनB एवं िवrनाथ रेउ : कwौज
• उपेi
1. डी॰भ»ारकर: Cितहार शासक मिहपाल
2. अ„ेकर एवं देसाई: परमार राजा “क
ृ aराज”
गोवधBन: ना2सक
उपेiराज कd मृVु क
े बाद इं_ तृतीय का उ3र भारत अ2भयान का CारD
इंF तृतीय का उ,र भारत अ+भयान
• ईसवी ९०८ मH ^ितहार महHbपाल ^थम क
े बाद गृहयुY
• इस राजनीितक प‚र[`ित का फ़ायदा उठाक
े उmर भारत अ?भयान
• ईसवी ९१६ मH उmर भारत अ?भयान क
े ?लए रवाना
• क
ै …े ता}पE क
े अनुसार
• सवF^थम उ†ियनी पर आpमण
• झाँसी होते zए कालपी
• यमुना पर करक
े कRौज पर आpमण
• कRौज शासक मिहपाल भाग गया
• मिहपाल का संभवतः ^यागराज तक पीछा िकया
• प| किव क
े प|भारत: उसक
े घोड़ों ने गंगा-यमुना क
े संगम मH ान िकया
• इंb तृतीय क
े उmर भारत अ?भयान का महe :
• इंb से पहले {ुव एवं गोिवंद III ने पालो एवं ^ितहारों को परा?जत िकया था
• लेिकन इंb तृतीय ने कRौज पर अ?धकार िकया (अ?धक
ृ त िकया)
• इंb तृतीय ने कRौज पर अ?धकार करक
े नया कTितFमान `ािपत िकया।
इंF तृतीय का मूZांकन
• बलशाली राजा
• उŽ
ृ w सेनानायक
• महeकांDी िवजेता
• राwxक
ू टों कT ^िता मH वृ?Y
• इंb तृतीय ने कलचुरी शासक अनदेव कT पुEी िबजा‘…ा से
िववाह िकया था।
• उपा?ध:
1. राजमात’ड : राजाओं मH सूयF
2. र<क
ं दप : राwxक
ू टों मH कामदेव क
े समान
3. िनdवषF •ीपृ–ीवuभ:
4. परमभ<ारक:
5. महाराजा?धराज:
6. परमेAर:
इंF तृतीय क
े उ,रा+धकारी
1. अमोघवषB िjतीय: १ वषB का शासन, भाई गोिवंद चतुथB ने मार डाला।
2. गोिवंद चतुथB: िवल2सतापूणB जीवन ±तीत करने लगा (९२३-९३५/३६)
3. अमोघवषB तृतीय: गोिवंद चतुथB का चाचा
4. क
ृ a तृतीय: अमोघवषB तृतीय का पु?
क
ृ  तृतीय
• अमोघवषB तृतीय का यो¼ पु? एव
उ3र2धकारी
• ईसवी ९३९ मE राजा
• बहनोई बूतुग का सहयोग
• बहनोई बूतुग को गंगवाडी का Cांतीय शासक
• क
ृ a तृतीय ने उ3र मE कलचुरीयों को
परा2जत िकया
• कालंजर एवं 2च?क
ू ट क
े दुग· पर अ2धकार
!च#क
ू ट
क
ृ  तृतीय का द+gण अ+भयान: चोल
• परांतक चोल श[ का वधFन कर रहा था
• क
ृ — तृतीय ने बूतुग को सेना क
े साथ चोल रा˜ भेजा
• ईसवी ९४३ मH बूतुग ने चोल क
े काँची एवं तंजौर DेE जीते
• क
ृ — तृतीय क
े कई अ?भलेख इन `लों से ?मले है।
• ईसवी ९४९-५० मH पुनः चोलों ने श[ संचय कT
• ?लड़न ता}पE: इस युY मH बूतुग ने चोल क
े युवराज राजिदd को उसक
े हाथी समेत
मार डाला।
• इस युY मH चोलों को अित हािन zई।
• बूतुग: ^ांतीय शासक
• क
ृ — ने ने तंजे™कोंड (तंजोर का िवजेता) कT उपा?ध
क
ृ  तृतीय का द+gण अ+भयान
• चोलों क
े बाद क
ृ a तृतीय ने पां² को जीता
• 2संहल पर िवजय Cा³ कd
• मांड2लक राजाओं से कर वसूले
• रामेrरम मE कdितB~D qािपत िकया
• िCयगंडमात½ड एवं क
ृ aेrर नामक मंिदरो का िनमाBण
क
ृ  तृतीय का उ,र भारत अ+भयान
• ईसवी ९६३ क
े आसपास
• चंदेल काफ़d शoŒशाली
• चंदेलो ने कालंजर एवं 2च?क
ू ट क
े दुग· पर अ2धकार
• क
ृ a तृतीय ने सवBCथम बुं देलख
ं ड िव2जत िकया
• इसक
े बाद मालवा क
े परमार शासक 2सयक िjतीय को हराकर उियनी पर
अ2धकार
• क
ृ a ने कलचुरी शासक सह¥ाजुनB पर िवजय Cा³ कd
क
ृ  तृतीय का मूZांकन
• रा#$क
ू टों क
े गौरव मE वृ2–
• रा#$क
ू ट राजवं श का अंितम महान शासक
• क
ृ a तृतीय “उ3र मE िहमालय से लेकर
द2>ण मE रामेrरम तथा ”ीलंका का
िवजेता”
• सािहV एवं िवjानो का संर>क
• कwड़ भाषा किव पोw ने उसी क
े काल मE
शांितपुराण कd रचना कd।
• क
ृ a तृतीय ने पोw को “उभयभाषा
च‡वत£”कd उपा2ध दी।
राklक
ू टों क
े पतन क
े कारण
1. िनरंतर यु–
2. िव~ीणB Cदेश
3. उ3र-द2>ण मE सि‡य राजनीितक वं शो का उदय
4. मालवा क
े परमारों से िनरंतर यु–
5. सामंतो का Cभावशाली होना
6. चालु:ों का साम¾Bशाली होना
7. िनबBल उ3रा2धकारी
Thank You

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Political History of Rashtrakuta

  • 1. रा#$क ू ट वं श का इितहास डॉ िवराग सोनट, े सहायक 1ा2ापक 1ाचीन भारतीय इितहास, सं: ृ ित और पुरात> बनारस िहंदू िवBिवCालय
  • 2. रा#$क ू ट वं श का इितहास 1. उ123 2. िवकास
  • 3. !"ावना • वातापी क े चालु: क े पतन क े बाद शासन • >े?: महारा#$ एवं कनाBटक • CारD मE वातापी चालु:ों क े सामं त • माGखेत : कनाBटक राI क े गुलबगाB 2ज़ले का मालखेड • द2>ण भारत का महOपूणB राजवं श • मQ भारत से उ3र भारत तक Cभाव • वचBRवादी भू2मका
  • 4. &ोत 1. 2शलालेख 2. ताSप? 3. मंिदर 4. Cवासी या?ी 5. अरब 6. सािहV 7. जैन-हXरवं श पुराण
  • 5.
  • 6.
  • 7.
  • 9.
  • 10.
  • 13. उ*+, • िववरणों मE एकYपता नही। 1. अमोघवषB Cथम क े 2सYर अ2भलेख: र^ 2. इं_ तृतीय क े नवसारी अ2भलेख : र^ 3. क ृ a III क े करहड़ तथा देवली अ2भलेख : रा#$्क ु टों कd उ123 तुंग शासक से eई, उसका पु? र^ था। 4. वधाB ताSप?: रा#$्क ु टों कd उ123 राजक ु मXर र^ा से eई 2जसको रा#$्क ु ट नामक पु? था। 5. क ु छ अ2भलेख: यादव साVिक का वं शज 6. अG अ2भलेख: चi वं शी • रा#$क ू ट: Cशासनीय पद • रा#$: राI, मंडल, 2ज़ला • क ू ट: Cधान या Cमुख
  • 14. मूलिनवास महारा%& • िव#ान: 1. सी॰वी॰ वै*, 2. एस॰नंिदमथ 3. डी॰आर॰ भ4ारकर: अपरांत 4. पी॰ देसाई: ल<लूर पुरवरा?धAर (लातूर) यह DेE पहले कनाFटक मH था। • आधार: अशोक क े अ?भलेख मH व?णFत “ रिठक” कना)टक • िव#ान: • अOेकर • आधार: अशोक क े अ?भलेख मH व?णFत “ रिठक”
  • 15. मूलिनवास आं4 !देश • िवjान: • बनkल • आधार: र^ • मत: वतBमान रेmी लोग • समी>ा: अमाG राजपूताना एवं क=ौज 1. वी॰opथ आधार: समी>ा: अमाG
  • 16. मूलिनवास • qान: गहडवाल • िवjान: • िवrनाथ रेउ : • आधार: सोलंकd राजा ि?लोचनपाल क े शक सं वत ९७२ क े अ2भलेख, • सोलंिकयो क े आिद पुvष का िववाह कwौज क े रा#$क ू ट शासक कd पु?ी से eआ था। • समी>ा: 1. राठौड़ तथा गहडवालों का उदय रा#$्क ु टों क े बाद eआ 2. वं श 2भwता: रा#$क ू ट-चं_वं शी, गहडवाल-सूयBवं शी 3. गौ? 2भwता: रा#$क ू ट-गौतम , गहडवाल-कzप 4. दोनो वं शो क े अ2भलखो मE वणBन नही।
  • 17. मूलिनवास: िन?षA 1. गोिवंद III क े ईसवी ८०८ क े राधनपुर अ2भलेख तक रा#$क ू टों को यदु वं श से 2भw समझा जाता था। 2. इसक े बाद रा#$्क ु टों का संबं ध यदु वं श से जोड़ा गया। 3. रा#$्क ु टों का संबं ध अशोक क े अ2भलेख मE व2णBत “ रिठक” से जोड़ सकते है। 4. इसक े आधार पर उनका मूलिनवास >े? महारा#$ होगा (लातूर/ अचलपुर) 5. बाद मE कनाBटक मE िव~ार eआ। 6. रा#$्क ु ट सं भवतः चं_वशी >ि?य होंगे 7. राजकdय 2च€: गvड़ प>ी 8. उपा2ध: वभ (Rामी/अ2धपित)
  • 19. !ारBCक शासक अनु *मांक रा/0क ू ट राजा ित"थ*म (ईसवी सन) १ दुग>राज लगभग ६३०-६५० २ गोिवंदराज लगभग ६५०-६७० ३ Gा"मराज लगभग ६७०-६९० ४ नJराज लगभग ६९०-७१५ ६-७ व सदी मH राIJक ू टों क े 1माण Lमलते है। महाराIJ एवं म2 1देश मH क ु छ पRरवार क े उTेख Lमलते है। एक पRरवार एLलचपुर मH शासन कर रहा था। नWराज क े ितवरखेड तथा मुYे अLभलखो मH 1ार[क राजाओं क े नाम Lमलते है।
  • 20. न=राज • Pा?मराज का पुE • नRराज क े ित?थ क े आधार पर परवतS शासकों कT ित?थ का अनुमान • Uोत: 1. संगलूद अ?भलेख 2. मुOे अ?भलेख 3. ितवरखेड अ?भलेख: अचलपुर • उपा?ध: युYसूर • संभवतः श[शाली शासक • वातापी चालु]ों का सामंत • ितवरखेड अ?भलेख अचलपुर से ^का?शत होने से अOेकर इसी `ान को नRराज कT राजधानी मानते है। • अOेकर: नRराज ल<लूर से ए?लचपुर गया होगा एवं चालु]ों (पुलक े ?शन II) का सामं त बना होगा
  • 21. न=राज क े बाद क े शासक • ७वी सदी म' दंितवम+न -थम मा0खेट से चालु7ों का सामंत था। • दंितवम+न -थम क े बाद उसका पु> इं@ -थम राजा Cआ। • दशावतार अGभलेख: इं@ -थम वीर शासक था, उसकI यKों म' LMा थी, • इं@ -थम क े बाद उसका पु> गोिवOराज राजा Cआ। • गोिवOराज: अपरनाम िवरनारायण Gशव भQ था। • अRेकर: सं भवतः ईसवी ६६५ से ७०० • गोिवOराज क े बाद उसका पु> कक + राज राजा बना • दशावतार अGभलेख: वीर शासक, उसकI यKों म' LMा थी, • कक + राज: संभवतः ईसवी ७०० से ७१५ • कक + क े ४ पु> थे 1. इं@ II 2. Zुव 3. क ृ 4. न]राज II
  • 22. इंF II • कक B क े ४ पु?ों मE इं_ िjतीय Iेƒ होने से राजा बना • वं श का Cथम महOपूणB शासक • >े? िव~ार : उ3र-द2>ण • वातािप क े चालु: िवजयिदV का सामं त रहा होगा। • अमोघवषB I क े संजान ताSप?: इं_राज ने खेटक (द2>णी गुजरात) मE चालु: राजक ु मारी भवनागा क े साथ रा>स-िववाह िकया था। • वह संभवतः लाट क े चालु: नरेश मं गलराज कd पु?ी या भतीजी थी। • अ„ेकर: संभवतः ईसवी ७२२ क े प…†ात • उसक े पास अrारोही एवं गजरोिहयों कd िवशाल सेना थी। • ित2थ‡म: संभवतः -७१५-७३५
  • 23. Rashtrakuta Emperors (CE) Dantidurga (735 - 756) Krishna I (756 - 774) Govinda II (774 - 780) Dhruva Dharavarsha (780 - 793) Govinda III (793 - 814) Amoghavarsha (814 - 878) Krishna II (878 - 914) Indra III (914 -929) Amoghavarsha II (929 - 930) Govinda IV (930 – 936) Amoghavarsha III (936 – 939) Krishna III (939 – 967) रा#$क ू ट मु* शासक
  • 24. दंBGदुगA (ईसवी ७३५-७५६) • इंb ि#तीय का भवनागा से उcR पुE • अdंत महeकांशी राजा • वं श का वाfिवक सं`ापक • Uोत : २ अ?भलेख 1. दशावतार अ?भलेख: ईसवी ७४२ 2. समदनगर अ?भलेख: ईसवी ७५३-५४ • बरार तथा मl भारत क े DेE उmरा?धकार से ^ाn • मl भारत एवं मालवा मH श[शाली शासक क े अभाव का फ़ायदा उठाया • िवpमािदd II क े काल मH चालु]ों का सामंत • अपनी श[ का वधFन करता रहा • कTितFवमFन ि#तीय क े िवqr िवbोह करक े राजा बना • अनेक युYों का िवजेता
  • 25. दंBGदुगA का उ,र-प+Pमी अ+भयान • सामंत रहते दंo‹दुगB 1. गुजरात क े नांदीपूरी क े गुजBर 2. नवसारी क े चालु: 3. वलभी क े मै?क को परा2जत िकया 4. द2>णी गुजरात क े >े? पर अ2धकार कर अपने भतीजे कक B को Cांतीय शासक िनयुŒ िकया। 5. Cितहार राI पर आ‡मण िकया एवं मालवा को जीता। • मालवा कd राजधानी उियनी मE उसने िहरŽगभB महादान िकया 2जसमE गुजBर शासक ने Cितहार (Cहरी) क े Yप मE काम िकया • 2शव-महाकाल को र-जिटत मुक ु ट भEट िदया • समदनगर अ2भलेख: क े अनुसार 1. दंo‹दुगB कd सेना कd ह2थयो ने मही, महानदी, नमBदा निदयों मE ान िकया 2. वभ को परा2जत करक े राजा2धराज एवं परमेrर कd उपा2धयाँ धारण कd।
  • 26. दंBGदुगA x चालुU नरेश कVितAवमAन II • दंo‹दुगB चालु:ों का सामंत रह कर शoŒ वधBन करता रहा। • दंo‹दुगB एवं चालु: नरेश कdितBवमBन मE शoŒ संतुलन अिनवायB eआ। • चालु: नरेश कdितBवमBन कd दुबBलताओं का फ़ायदा उठाते eए िव_ोह िकया। • अंत मE कdितBवमBन को परा2जत िकया • रा#$क ू ट अ2भलेख: “दंतीदुगB ने चालु:ों कd िवशाल सेना को भृकटीभंग मा? से परा2जत कर िदया। • अ„ेकर: क ू टनीितक चाल से िवजय • zाम 2म”: पूणB तयारी से िवजय • चालु: नरेश कdितBवमBन राजा बना रहा। • इस िवजय क े पXरणामRYप दंतीदुगB स•ूणB महारा#$ का अ2धपित बना • इस यु– मE चालु: नरेश कdितBवमBन को परा2जत कर वह सावBभौम राजा बन गया। • ईसवी ७५३-७५४ क े समनगद अ2भलेख: परमभ^ारक, महाराजा2धराज, परमेrर कहा है।।
  • 27. दंBGदुगA क े युW 1. काँची 2. क े रल 3. चोल 4. पांM 5. पNव: नंदीवम>न II 6. हष>वध>न 7. वRट 8. क"लंग : odisha 9. कोशल : छUीसगड 10. Wीशैल : आंZ 11. मालव : म[ देश 12. लाट : गुजरात 13. टंक: पहचान सं"ध] 14. "संधु : अरबों क े िव_` सफलता को परा"जत िकया। • बाद क े अ"भलेखों मe उसे िहमालय से रामेgरम तक क े अनेक राजाओं का िवजेता कहा है। • इन िवजयों का सही *म एवं ित"थ*म लगाना मुjkल
  • 28. दंBGदुगA का साXाY िव"ार • अनेक यु–ों से साSाI >े? िव~ार • उ3र: गुजरात, मालवा • द2>ण: पव राI तक • पूवB: वEगी • प2—म: कोंकण • यु– अ2भयान मE चाचा क ृ a तथा भतीजे कक B का सहयोग •
  • 29. दंBGदुगA का मूZांकन 1. रा#$क ू ट साSाI का वा~िवक िनमाBता 2. समकालीन शासकों मE सवाB2धक बलशाली एवं शoŒशाली सSाट 3. दानशूर: क ु छ गाव दान िदए 4. धािमBक: 2शवभŒ 5. उपा2ध: परमभ^ारक, महाराजा2धराज, परमेrर, वभ, पृ˜ीवभ, वभराज, महाराजशवB, खड़गावलोक, साहसतुंग आिद।
  • 30. क ृ !थम • दंo‹दुगB िनपु?क होने से उसका चाचा राजा बना • वी. opथ, सी॰वी॰ वै™: क ृ a Cथम ने दंo‹दुगB को अपदq करक े मार डाला। • कक B राज क े शक संवत ८९४ क े करदा अ2भलेख: दंo‹दुगB कd िन:सं तान मृVु होने से क ृ a Cथम राजा बना। • ित2थ‡म: ईसवी ७५६ से ७७३ • राI2भषेक क े समय: शुभतुंग, अकालवषB उपा2ध ली।
  • 31. क ृ !थम x कक A • अंतगBत गृहयु– • क ृ a Cथम क े राजा बनते ही भतीजे कक B से यु– • कक B द2>णी गुजरात का Cांतीय शासक िनयुŒ था • दंo‹दुगB क े मृVु उपरांत उसने Rतं?ता घोिषत कd • सSाट सूचक उपा2धयाँ ली। • क ृ a Cथम ने कक B को परा2जत िकया एवं • अपना अ2धन~ बनाया।
  • 32. क ृ !थम x चालुU नरेश कVितAवमAन II • दंo‹दुगB क े मृVु उपरांत चालु: नरेश कdितBवमBन II ने शoŒ वधBन कd • साSाI िव~ार करने का Cयास िकया। • ईसवी ७५७ मE कdितBवमBन II भीमा नदी क े तट पर सैिनक 2शिवर मE था। • क ृ a Cथम ने कdितBवमBन II कd शoŒ को पूणB Yप से न# करने का िन—य िकया। • क ृ a Cथम और चालु: नरेश कdितBवमBन II मE यु– eआ 2जसमE कdितBवमBन II परा2जत eआ एवं चालु: वं श का अंत हो गया। • गोिवंद II क े अ2भलेख मE “वभ (क ृ a Cथम) ने चालु:-राजलœी को अपत िकया। • कक B II क े बडोदा अ2भलेख: राजाओं मE 2संह (क ृ a Cथम) ने यु– कd इžा से आगे बढ़ते eए महावराह को (कdितBवमBन II) को िहरन बना िदया।
  • 33. क ृ !थम का गंग राY पर आ^मण • गंगवाडी पर आ‡मण : • गंग राजा ”ीपुvष का पु? 2सयग परा2जत eआ। • उसकd राजधानी माGपुर (तु क ु र) पर आ‡मण िकया िवजयो~व मनाया • गंगो कd बeत स•23 अपत कd। • ”ीपुरष को अपना समंत बनाया। • ित2थ: ईसवी ७६८ क े आसपास
  • 34. क ृ !थम का व`गी पर आ^मण • साSाI सीमाओं का टकराव • ईसवी ७६८ क े आसपास क ृ a Cथम ने वEगी पर आ‡मण िकया • इसमE क ृ a क े पु? युवराज गोिवंद II ने सेना का नेतृO िकया। • वEगी मE इस समय िवaुवधBन चतुथB राजा था। • इस यु– मE रा#$्क ु टों कd िवजय eई • बाद मE वEगी एवं रा#$्क ु टों कd सं 2ध एवं मै?ी eई • िवaुवधBन चतुथB कd पु?ी का िववाह गोिवंद II क े भाई ¡ुव से eआ।
  • 35. क ृ !थम क े अa युW अ+भयान 1. द2>णी कोंकण : • द2>णी कोंकण क े राजाओं को हराया • 2शलाहर वं शीय सणफ ु  को द2>णी कोंकण का शासक िनयुŒ िकया • क ृ a ने अपने छोटे भाई को औरंगाबाद 2ज़ले (महारा#$) का शासक बनाया
  • 36. क ृ # $थम का मू)ांकन 1. महान िवजेता एवं दूरदश£ राजा 2. साSाI >े? िव~ार: महारा#$ एवं मQ Cदेश तक , कनाBटक >े? 3. चालु: वं श का अंत 4. वा~ुकला एवं सािहV का संर>क 5. जैन िवjान अकलंक भ^ समकालीन : राजवाितBक ¤ंथ 2लखा 6. क ं नेrर मिदर का िनमाBण: 2जसमE िवjान रहते थे। 7. १८ 2शव मं िदरो का िनमाBता 8. एलोरा का क ै लाश मं िदर 9. उपा2ध: अकालवषB, शुभतुंग, पृ˜ीवभ, ”ीवभ
  • 37.
  • 38.
  • 39.
  • 40.
  • 41.
  • 44. गोिवंद िbतीय • क ृ a Cथम का पु? एवं उ3र2धकारी • ईसवी ७७०-७७२ मE युवराज िनयुŒ • युवराज रहते यु– एवं Cशासन का अनुभव • वEगी क े शासक िवaुवधBन चतुथB को हराया। • ईसवी ७७४-७७५ क े आसपास राजा बना • उपा2ध: महाराजा2धराज, िव‡मावलोक, CभूतवषB, वभ • ¥ोत: दौलताबाद अ2भलेख
  • 45. गोिवंद िbतीय का कायAकाल • राजा िनयुŒ होने क े प…†ात िवलासतापूणB जीवन • राजकाज क े Cित उदासीन • शासन का भार अपने भाई ¡ुव को िदया • ¡ुव अपने नाम से शासनादेश जारी करने से गोिवंद िjतीय नाराज़ • ¡ुव को हटाने क े 2लए, वEगी, मालवा, गंगवाडी, काँची क े शासकों से गठबं धन • परंतु ¡ुव ने इसक े पहले ही गोिवंद िjतीय पर आ‡मण िकया • गोिवंद िjतीय यु– मE संभवतः मारा गया • ¡ुव रा#$्क ु टों का वा~िवक शासक बना। • क े ॰¦ी॰ सु§मŽम: गोिवंद II उदार था, उसने ¡ुव को शासन दे िदया।
  • 46. 4ुव • अपने अ¤ज गोिवंद िjतीय को परा2जत कर राजा बना • ईसवी ७८० क े आसपास राजा • ¥ोत: 1. 2जनसेन क े जैन-हXरवं श पुराण 2. धू2लयाँ ताSप? 3. राधनपुर अ2भलेख • गोिवंद िjतीय का 2ज€ोंने साथ िदया था उसक े िवv– यु– अ2भयान
  • 47. 4ुव कV युW गितिव+धयाँ: गंगवाडी • गंगवाडी: • गंग शासक ”ीपुरष वृ– हो चुका था। • राजकाज ”ीपुरष का पु? 2शवमार देख रहा था। • ¡ुव क े िवv– 2शवमार परा‡म से लड़ा • ¡ुव यु– िवजयी eआ • ¡ुव ने 2शवमार को क़ ै द िकया • उसे कारागार मE डालक े स•ूणB गंगवाडी को रा#$क ू ट साSाI मE िवलीन िकया • अपने पु? रणावलोक को Cांतीय शासक िनयुŒ िकया
  • 48. 4ुव कV युW गितिव+धयाँ: पfव एवं वेगी • गंगवाडी क े पstात पuवों पे आpमण • पuव शासक दंितवमFन ने गोिवंद का साथ िदया था। • राधनपुर अ?भलेख : • एक और वाfिवक समुb, तथा दूसरी और राwxक ू टों कT सेनyपी समुb से पuव शासक भयभीत zआ • पuव शासक ने {ुव को बzत हाथी िदए • वHगी: • पuवों क े बाद संभवतः {ुव ने वHगी पर ^भुसmा `ािपत कT • अब {ुव स|ूणF द?Dण भारत का श[शाली स}ाट बन गया
  • 49. 4ुव कV युW गितिव+धयाँ: उ,र भारत • कwौज उ3र भारत क े राजनीित का क E _ • राजा: इं_ायुध • Cितहार: प2—म: व©राज • पाल: पूवB : धमBपाल • यु– कारण: 1. Cितहारों का मालवा पे आ‡मण 2. भारत का शoŒशाली सSाट बनने कd होड़ 3. उª महOकां>ा
  • 50. +ितहारों से यु4 • ईसवी ७८२ मE ¡ुव लाट मE था। • ¡ुव ने Cितहार क े िवv– लड़ने कd योजना बनाई • सैG नमBदा नदी क े िनकट एकि?त िकए • सेना को कई िह«े मE िवभा2जत िकया • एक का नेतृO वह कर रहा था दूसरी का नेतृO अपने पु? गोिवंद III को • ¡ुव Rत: Cितहार शासक से लड़ने गया • (अ„ेकर) : ईसवी ७८७ क े आसपास दोनो मE यु– eआ • 2जसमE ¡ुव िवजयी eआ।
  • 51. पालों से युW • पाल नरेश धमBपाल बं गाल का राजा • ¡ुव से धमBपाल से यु– िकया • धमBपाल यु– से भाग गया • यह यु– गंगा-यमुना दोआब मE eआ होगा • इस यु– मE भी रा#$क ू टो कd सेना िवजयी eई • देवली अ2भलेख: ¡ुव क े पास ३ rेत छ? थे (Cितहार, पाल एवं कोशल) • यु– से वापसी मE ¡ुव ने वEगी पर आ‡मण िकया • वेगी शासक िवaुवधBन कd पु?ी (शीलभ^ाXरका) से िववाह िकया
  • 52. उ,र भारत युW अ+भयान कV समीgा • इस यु– से साSाI िव~ार नही • नया >े? नही • कर नही, स•23 नही। • ¡ुव भारत का सवाB2धक परा‡मी शासक • शoŒ CदशBन • अ2धस3ा कd धाक
  • 53. 4ुव का मूZांकन • Cतापी सSाट • १३ वष¬ का राIकाल (ईसवी ७८०-७९३) • रा#$क ू ट वं श क े साSाI, शoŒ, Cितƒा एवं समृ2– मE वृ2–। • दूरदश£ एवं बलशाली यो–ा • उ3र भारत क े राजनीित मE द2>ण भारत क े आगमन का CारD • उपा2ध: • क2लवभ (यु– Cेमी), िनYपम (अिjतीय), धारावषB, ”ीवभ, महाराजा2धराज, परमेrर आिद
  • 54. गोिवंद तृतीय !ुव को ४ पु( थे। 1. कक , : मृ/ु 2. 01: गंगवाडी का शासक 3. गोिवंद तृतीय: रा>?भषेक 4. इंC: मालवा एवं गुजरात का शासक • ईसवी ७९१-९२ मL िव?धवत रा>?भषेक • !ुव कN मृ/ु क े बाद इसवी ७९३ मL राजा बना • Rोत: a) पैठन ताUप( b) कक , क े सूरत ताUप( c) िWिटश संYहालय ताUप( d) राधनपुर ताUप( e) सं जान ताUप( f) बनी िडंडो[र अ?भलेख
  • 55. गोिवंद तृतीय: युW अ+भयान गोिवंद तृतीय ४ "ितहार एवं पाल (क.ौज) ३ व2गी २ द78ण भारत १ अंतग=त िव>ोह (@A)
  • 56. गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह का !ारC • ~ंभ Iेƒ ­ाता • साम नीित: सामंतों, मंि?यो, िवरो2धयों से मै?ी • ~ंभ ने १२ सामंतों, अG शासकों का संघ बनाया • इस संघ मE : • नोल®वाडी, बनवासी, धारवाड आिद • इस संघ का नेतृO पव शासक दंितवमBन ने िकया • गोिवंद तृतीय ने भेद नीित का Cयोग करते eए गंग शासक 2शवमार को जेल से मुŒ िकया • योजना: ~ंभ x गंग शासक 2शवमार
  • 57. गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह का अंत १ गोिवंद तृतीय ने तेज़ी से गंगवाडी पर आ‡मण िकया इस आकopक आ‡मण मE ~ंभ सहायता 2मलने क े पहले ही परा2जत eआ। २ उपरांत गंग शासक 2शवमार को हराया एवं कारागार मE डाल िदया, गंग शासक 2शवमार क े छोटे भाई ने यु– िकया वह भी परा2जत eआ। ३ इसक े बाद नोल®वाडी क े राजा चाvपोनेर क े िवv– अ2भयान, नोल®वाडी क े शासक ने आ¯समपBण िकया। ४ पव राI पर आ‡मण कर पव शासक दंितवमBन को परा2जत िकया (ि§िटश सं¤हालय ताSप? क े अनुसार ईसवी ८०४ मE गोिवंद रामेrरम मE था) ५ वEगी क े शासक (िवaुवधBन IV) पर आ‡मण िकया , राधनपुर ताSप? तथा सं जान ताSप? अनुसार गोिवंद III ने नाना िवaुवधBन IV को अ~बलों क े 2लए आहता एवं उसक े 2शिवर का फ़शB साफ़ करने को कहा।
  • 58. गोिवंद तृतीय: उ,र भारत • राजनीितक पXरoqित : 1. कwौज मE च‡ायुध राजा 2. Cितहार x पाल = कwौज 3. Cितहार = नागभ^ (च‡ायुध) 4. पाल = धमBपाल (इं_ायुध)
  • 59. गोिवंद तृतीय: उ,र भारत • गोिवंद ने सेना को िवभा2जत िकया • क ु छ सेनानायकों को मालवा, कोशल, ओिड़शा तथा वEगी पर िनयं?ण रखने को कहा • भाई इं_ को मालवा एवं गुजरात मE कड़ी िनगरानी को कहा • गोिवंद Rयं िवशाल सेना क े साथ गंगा-यमुना दोआब क े ओर बढ़ा • गोिवंद III एवं नागभ^ II मE यु– eआ • यह यु– संभवतः झाँसी/ °ा2लयर मE eआ होगा (अ„ेकर) • यु– मE नागभ^ II परा2जत eआ एवं भाग गया • च‡ायुध ने आ¯समपBण िकया • सी॰वै™: गोिवंद तृतीय ने कwौज पर अ2धकार िकया • धमBपाल ने संभवतः भयभीत होक े या यु– मE परा2जत होकर गोिवंद तृतीय कd अधीनता Rीकार कd।
  • 60. गोिवंद तृतीय: मi भारत • उ3र भारत क े िवजयी अ2भयान से वापसी मE गोिवंद तृतीय ने बीच क े कई राजाओं को परा2जत िकया 1. मालव 2. कोशल 3. क2लंग 4. वEगी 5. दहाल (जबलपुर) 6. ओm
  • 61. गोिवंद तृतीय : अंतगAत िवFोह • गोिवंद तृतीय जब उ3र मE ±~ था तो द2>ण क े राजाओं ने उसक े िवv– एक सं घ बनाया • इस संघ मE a) पव, b) पां², c) चोल, d) क े रल, e) प2—मी गंग आिद थे। • गोिवंद तृतीय ने तुंगभ_ा नदी क े पास आलमपुर ईसवी ८०२-८०३ से द2>ण गया • गोिवंद तृतीय ने इस िव_ोही सं घ क े िवv– िनणाBयक िवजय Cा³ कd 1. प2—मी गंग राजा यु– मE मारा गया 2. पवों कd राजधानी काँची को अ2धक ृ त िकया 3. काँची से पां² एवं क े रल को हराया
  • 62. गोिवंद तृतीय x व`गी • गोिवंद तृतीय एवं िवaुवधBन तृतीय तक संबं ध ठीक थे • िवaुवधBन तृतीय का पु? िवजयािदV िjतीय महOकां>ी था • उसने गोिवंद तृतीय कd अ2धस3ा मानने से मना िकया • िवजयािदV िjतीय का भाई भीमसुकd गोिवंद तृतीय से जा 2मला • इससे फ़ायदा उठाते eए गोिवंद तृतीय ने ईसवी ८०३ मE वEगी पर आ‡मण िकया • गोिवंद तृतीय ने िवजयािदV िjतीय को परा2जत िकया एवं • भीमसुकd को वEगी का राजा बनाया।
  • 63. गोिवंद तृतीय एवं 8संहल • गोिवंद तृतीय क े Cभाव से 2संहल शासक भयभीत eआ • उसने अपनी एवं अपने मं?ी कd Cितमाए गोिवंद तृतीय को भEट दी • इन Cितमाओं को गोिवंद तृतीय ने राजधानी मE एक 2शव मंदीर क े सम> िवजय ~ंभ क े Yप मE qािपत िकया।
  • 64. गोिवंद तृतीय का मूZांकन 1. रा#$क ू ट वं श का महानतम सSाट 2. िहमालय से लेकर ”ीलंका तक गुजरात से लेकर बं गाल तक साSाI 3. रा#$क ू ट अ2भलेख इसकd तुलना पाथB (अजुBन) से 4. िवjान=2सक ं दर महान क े समक> 5. बनी िडंडोXर अ2भलेख: गोिवंद तृतीय क े राजा बनते ही रा#$क ू ट अजेय eए 6. उपा2ध: 2”वभ, पृ˜ीवभ, CभूतवषB, िवमलािदV, कdितBनारायण, जगतुंग, ि?भवनधवल, जनवभ आिद
  • 65. शवA अमोघवषA !थम • गोिवंद तृतीय ने अपने पु? शवB अमोघवषB को युवराज िनयुŒ िकया था। • गोिवंद तृतीय क े मृVु क े वŒ शवB अमोघवषB अवय´ था। • भतीजे कक B (मालवा-गुजरात) को Cांतीय शासक को सं र>क • शवB अमोघवषB Cथम ईसवी ८१४ मE राजा बना • राIारोहण क े समय शवB अमोघवषB ६ वषB का था। • शवB अमोघवषB अवय´ होने से अंतगBत िव_ोह कd oqित 1. संजन ताSप?: रा#$क ू टो पर क2ल का Cभाव 2. संभवतः ~ंभ क े पु? को गंगवाडी का शासक िनयुŒ न करने से नाराज़ 3. वEगी शासक िवजयािदV II, (भीमसुकd)
  • 66. शवA अमोघवषA !थम: िवFोह • ईसवी ८१६ से ८२१ क े मQ यह िव_ोह eआ होगा • िवजयािदV II, १२ वष¬ तक र^ो एवं गंगो से यु– करता रहा (१०८ यु–) (अµ I ईडर ताSप?) • इस समय तक पूव£ चालु: ने रा#$क ू टो को यु– मE परा2जत िकया होगा। • गुंटूर अ2भलेख: िवजयािदV II कd रा#$क ू टों एवं गंगो से १०८ लढ़ाइयाँ लड़ी थी। • इं_ तृतीय का नवसारी लेख: अमोघवषB क े राIकाल मE रा#$क ू ट वं श कd राजलœी चालु:Yपी समु_ मE समा गयी थी, और िवजयी चालु:ों ने ~ंभनगर को न# िकया। • इं_ तृतीय का नवसारी लेख: बाद मE रा#$क ू टों ने चालु:ों को साSाI से बाहर िकया। • ईसवी ८६६ क े 2सYर ताSप? मE वEगी क े शासक ने शवB अमोघवषB कd वं दना कd • गोिवंद IV क े सांगली ताSप? अनुसार अमोघवषB ने वEगवी qान पर चालु:ों को परा2जत कर यमराज को िवशाल Cीितभोज िदया
  • 67. अमोघवषA !थम x गंग • ईसवी ८१६ क े आसपास गंग शासक ने अमोघवषB Cथम क े िवv– िव_ोह िकया होगा • qानीय रा#$क ू ट सामंत ने गंग शासक 2शवमार को मार िदया • 2शवमार का भतीजा राजम गंगवाडी का राजा eआ • राजम ने भी रा#$क ू टो का िवरोध िकया • सामंत एवं सेनानायक बं क े य ने राजम को परा2जत िकया • राजम क े बाद उसका पु? एरेयंग नीितमागB गंगवाडी का राजा eआ • क ु छ समय बाद वह िफर अमोघवषB क े िवv– हो गया • अमोघवषB ने पूव£ चालु: शासक गुणक-िवजयािदV क े jारा सं2ध कर ली • बाद मE अमोघवषB एवं एरेयंग नीितमागB से मै?ी हो गयी एवं अमोघवषB ने अपनी पु?ीयों का िववाह गंगवाडी शासक से कर िदया।
  • 68. अमोघवषA !थम x गुजरात • कक B कd मृVु क े बाद ¡ुव Cथम गुजरात का राजा बना • ईसवी ८३५ तक वह अ2धन~ रहा • बाद मE उसने िव_ोह कर िदया • रा#$क ू ट अ2भलेख: यह संघषB दो पीिढ़यों तक चलता रहा • ¡ुव का पु? अकालवषB ने भी अमोघवषB से यु– िकया • Cितहार शासक 2मिहरभोज क े शoŒ वधBन से • ईसवी ८६० क े आसपास अमोघवषB एवं गुजरात क े रा#$क ू ट शासकों मE सं2ध हो गयी।
  • 69. अमोघवषA !थम कV अa िवजये • अमोघवषB क े नीलगुंड तथा 2सYर अ2भलेख क े अनुसार उसने 1. अंग 2. वं ग 3. मगध क े राजा उसकd वं दना करते है। • 2मिहरभोज को द2>ण गुजरात तक रोकने मE सफल रहा होगा। • क ु छ पाल अ2भलेखों मE नारायणपाल ने एक _िवण राजा को हराया • अ„ेकर, मजूमदार : _िवण राजा = अमोघवषB Cथम
  • 70. अमोघवषA !थम का मूZांकन • ६४ वष` तक शासन • अaगbत िवcोह मH de • वेगी क े शासक से fe • गुजरात क े से २० वष` से iादा संघषb • Lमिहरभोज का उkर मH 1भु> • माlखेत राजधानी कn oापना • वाeिवक नाम शवb • उपाLध: LpवTभ, पृqीवTभ, महाराजाधीराज, लrीवTभ, भsारक, 1भूतवषb, वमलािदt, वीरनारायण, जगतुंग, िfभवनधवल, आिद • अंत मH जैन धमाbनुयायी • धािमbक सिहvु • िवwान एवं कWड़, सं: ृ त भाषा का 1सारक • उसने “किवराजमागb” yंथ कn रचना कn • वृzावoा मH राजकाज का tाग
  • 71. क ृ िbतीय • शवB अमोघवषB Cथमक े बाद उसका पु? क ृ a िjतीय राजा बना • क ृ a िjतीय ईसवी ८८० मE राजा बना • वैवािहक स®¶-कलचुरी • उपा2ध: अकालवषB, शुभतुंग, वभराज, ”ीपृ˜ीवभ, महाराजा2धराज, परमेrर
  • 72. क ृ िbतीय कV युW गितिव+धयाँ 1. वEगी क े चालु: 2. गुजBर-Cितहार सं घषB 3. गुजरात क े रा#$क ू टों से संघषB
  • 73. क ृ िbतीय का व`गी क े चालुU से संघषA • क ृ v II क े रा{काल मH वHगी चालु| नरेश िवजयिदt तृतीय ने राIJ्क ु टों क े िव~z िवcोह िकया। • धमbवरम अLभलेख: िवजयिदt III ने क ृ v II से दो युz िकए। • 1थम सं घषb: क ृ v II पराLजत आ एवं अपने साले कलचुरी शासक क े यहा शरण ली। • िवजयिदt III क े सेनापित पं डरंग ने क ृ v II का पीछा िकया एक राeे मH कLलंग, वेमूलवाड, बeर तथा दL€ण कोसल क े राजाओं को पराLजत िकया। • बeर: चक ू ट नगर को भ‚सात िकया • दL€ण कोसल एवं कLलंग: सोना + हाथी 1ाƒ िकए। • िwतीय सं घषb: सेनापित पं डरंग ने क ृ v II एवं कलचुरी कn संयु„ सेना को िकरणपुर क े युz मH पराLजत िकया। • युz प…†ात िकरणपुर को जलाया गया। • वापसी मH िवजयिदt कn सेना ने महाराIJ क े एLलचपुर नगर को भ‚सात िकया। • िवजयिदt ने राIJक ू टों का राजिकय Lच‡ (गंगा-यमुना नदी कn आक ृ ित)ले ली • अंत मH क ृ v II ने आमण करने क े बाद उसका रा{ वापस दे िदया।
  • 74. • वEगी चालु: नरेश िवजयिदV तृतीय कd मृVु क े बाद भीम Cथम राजा बना •;थम संघष?: • रा#$क ू ट नरेश क ृ a II ने कनाटB एवं लाट कd सेनाओं क े साथ वEगी पर आ‡मण िकया। • वेगी राI क े कई दुग· को 2जत 2लया एवं सामंतो को दे िदया • िjतीय संघषB: • रा#$क ू ट एवं चालु:ों का िjतीय संघषB पेvवगुv ¤ाम (गोदावरी 2ज़ला) मE eआ • इस यु¸ मE भीम िवजयी eआ • भीम ने रा#$क ू ट नरेश क ृ a II एवं संयुŒ सेना को परा2जत िकया • यु– मE भीम का पु? वीरगित को Cा³ eआ क ृ # ि%तीय का व+गी क े चालु1 से सं घष6
  • 75. गुजAर-!ितहारों से संघषA • गुजBर-Cितहार शासक 2मिहरभोज • रा#$क ू टों क े उ3री >े? पर आ‡मण • 2मिहरभोज ने क ृ a II को यु– मE हराया • इसक े प…†ात 2मिहरभोज गुजरात कd ओर बढ़ा लेिकन गुजरात क े Cांतीय शासक क ृ aराज ने उसे पीछे खदेडा • इं_ III क े ९१४ क े बेगुSा अ2भलेख मE क ृ a II ने गुजBर-Cितहार शासक 2मिहरभोज को अनुपम शौयB क े साथ हराया। • अल –मसूदी क े अनुसार गुजBर-Cितहार शासक, रा#$क ू टों को रोकने क े 2लए सेना तैनात रखते थे।
  • 76. गुजरात क े राklक ू टों से संघषA • गुजरात का Cांतीय शासक क ृ aराज • Cितहार शासक 2मिहरभोज को यु– मE हराया • क ृ a II क े सांगली एवं क ै ®े ताSप? क े अनुसार उसने क ृ aराज एवं उसक े उ3रा2धकारी को गुजरात से बाहर िकया। • ईसवी ८८८ क े बाद गुजरात क े रा#$क ू टो का कोई अ2भलेख नही 2मलता। • इस ित2थ क े बाद इस राजवं श का अ‹ eआ होगा।
  • 77.
  • 78. क ृ II एवं चोल • क ृ a II कd पु?ी का िववाह चोल शासक आिदV Cथम से • आिदV क े बाद उसका अG पु? परांतक चोल वं श का राजा eआ • क ृ a II अपने नाती (कwरदेव) को चोल राजा बनाना चाहता था, • इसी2लए क ृ a II ने चोलों पर आ‡मण िकया, • बाल qान पर eए इस यु– मE परांतक ने क ृ a II को परा2जत िकया।
  • 79. इंF तृतीय • क ृ a II क े पु? जगतुंग कd मृVु उसक े जीवनकाल मE eई थी, • क ृ a II का पौ? इं_ तृतीय राजा बना
  • 80. इंF तृतीय कV युW गितिव+धयाँ • “इं_ ने मेv को ¹~ िकया एवं गोवधBन को 2जतने वाले उपेi को परा2जत िकया” • मेv: 1. िकलहॉनB एवं िवrनाथ रेउ : कwौज • उपेi 1. डी॰भ»ारकर: Cितहार शासक मिहपाल 2. अ„ेकर एवं देसाई: परमार राजा “क ृ aराज” गोवधBन: ना2सक उपेiराज कd मृVु क े बाद इं_ तृतीय का उ3र भारत अ2भयान का CारD
  • 81. इंF तृतीय का उ,र भारत अ+भयान • ईसवी ९०८ मH ^ितहार महHbपाल ^थम क े बाद गृहयुY • इस राजनीितक प‚र[`ित का फ़ायदा उठाक े उmर भारत अ?भयान • ईसवी ९१६ मH उmर भारत अ?भयान क े ?लए रवाना • क ै …े ता}पE क े अनुसार • सवF^थम उ†ियनी पर आpमण • झाँसी होते zए कालपी • यमुना पर करक े कRौज पर आpमण • कRौज शासक मिहपाल भाग गया • मिहपाल का संभवतः ^यागराज तक पीछा िकया • प| किव क े प|भारत: उसक े घोड़ों ने गंगा-यमुना क े संगम मH ान िकया • इंb तृतीय क े उmर भारत अ?भयान का महe : • इंb से पहले {ुव एवं गोिवंद III ने पालो एवं ^ितहारों को परा?जत िकया था • लेिकन इंb तृतीय ने कRौज पर अ?धकार िकया (अ?धक ृ त िकया) • इंb तृतीय ने कRौज पर अ?धकार करक े नया कTितFमान `ािपत िकया।
  • 82. इंF तृतीय का मूZांकन • बलशाली राजा • उŽ ृ w सेनानायक • महeकांDी िवजेता • राwxक ू टों कT ^िता मH वृ?Y • इंb तृतीय ने कलचुरी शासक अनदेव कT पुEी िबजा‘…ा से िववाह िकया था। • उपा?ध: 1. राजमात’ड : राजाओं मH सूयF 2. र<क ं दप : राwxक ू टों मH कामदेव क े समान 3. िनdवषF •ीपृ–ीवuभ: 4. परमभ<ारक: 5. महाराजा?धराज: 6. परमेAर:
  • 83. इंF तृतीय क े उ,रा+धकारी 1. अमोघवषB िjतीय: १ वषB का शासन, भाई गोिवंद चतुथB ने मार डाला। 2. गोिवंद चतुथB: िवल2सतापूणB जीवन ±तीत करने लगा (९२३-९३५/३६) 3. अमोघवषB तृतीय: गोिवंद चतुथB का चाचा 4. क ृ a तृतीय: अमोघवषB तृतीय का पु?
  • 84. क ृ तृतीय • अमोघवषB तृतीय का यो¼ पु? एव उ3र2धकारी • ईसवी ९३९ मE राजा • बहनोई बूतुग का सहयोग • बहनोई बूतुग को गंगवाडी का Cांतीय शासक • क ृ a तृतीय ने उ3र मE कलचुरीयों को परा2जत िकया • कालंजर एवं 2च?क ू ट क े दुग· पर अ2धकार
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  • 90. क ृ तृतीय का द+gण अ+भयान: चोल • परांतक चोल श[ का वधFन कर रहा था • क ृ — तृतीय ने बूतुग को सेना क े साथ चोल रा˜ भेजा • ईसवी ९४३ मH बूतुग ने चोल क े काँची एवं तंजौर DेE जीते • क ृ — तृतीय क े कई अ?भलेख इन `लों से ?मले है। • ईसवी ९४९-५० मH पुनः चोलों ने श[ संचय कT • ?लड़न ता}पE: इस युY मH बूतुग ने चोल क े युवराज राजिदd को उसक े हाथी समेत मार डाला। • इस युY मH चोलों को अित हािन zई। • बूतुग: ^ांतीय शासक • क ृ — ने ने तंजे™कोंड (तंजोर का िवजेता) कT उपा?ध
  • 91. क ृ तृतीय का द+gण अ+भयान • चोलों क े बाद क ृ a तृतीय ने पां² को जीता • 2संहल पर िवजय Cा³ कd • मांड2लक राजाओं से कर वसूले • रामेrरम मE कdितB~D qािपत िकया • िCयगंडमात½ड एवं क ृ aेrर नामक मंिदरो का िनमाBण
  • 92. क ृ तृतीय का उ,र भारत अ+भयान • ईसवी ९६३ क े आसपास • चंदेल काफ़d शoŒशाली • चंदेलो ने कालंजर एवं 2च?क ू ट क े दुग· पर अ2धकार • क ृ a तृतीय ने सवBCथम बुं देलख ं ड िव2जत िकया • इसक े बाद मालवा क े परमार शासक 2सयक िjतीय को हराकर उियनी पर अ2धकार • क ृ a ने कलचुरी शासक सह¥ाजुनB पर िवजय Cा³ कd
  • 93. क ृ तृतीय का मूZांकन • रा#$क ू टों क े गौरव मE वृ2– • रा#$क ू ट राजवं श का अंितम महान शासक • क ृ a तृतीय “उ3र मE िहमालय से लेकर द2>ण मE रामेrरम तथा ”ीलंका का िवजेता” • सािहV एवं िवjानो का संर>क • कwड़ भाषा किव पोw ने उसी क े काल मE शांितपुराण कd रचना कd। • क ृ a तृतीय ने पोw को “उभयभाषा च‡वत£”कd उपा2ध दी।
  • 94. राklक ू टों क े पतन क े कारण 1. िनरंतर यु– 2. िव~ीणB Cदेश 3. उ3र-द2>ण मE सि‡य राजनीितक वं शो का उदय 4. मालवा क े परमारों से िनरंतर यु– 5. सामंतो का Cभावशाली होना 6. चालु:ों का साम¾Bशाली होना 7. िनबBल उ3रा2धकारी