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ज़ िंदगी क
े तजुर्वे
दोस्तों ज़ िंदगी क्या हैं ? इिंसान ज़ िंदगी जीता हैं या ज़ िंदगी हर इिंसान
की यू ह िं गुजर जाती हैं ?
समय ककसी की राहा भी नह िं देखता हैं ! न ककसी का बिता वक्त
कभी वापस आता हैं !
इिंसान क
े जन्म से इिंतकाल का सफर ह ज़ िंदगी हैं या यारो यू कहों
की जीना यहााँ मरना यहााँ िस यह हें ज़ िंदगी ?
या यू कहें “ समझनी हैं ज़ िंदगी तो पीछे देखो और ज़ िंदगी जीना हैं
तो आगे देखो !
ज़ िंदगी का मतलि / मकसद हर इिंसान का अपना एक सफर हैं ?,
या इिंसान क
े जीवन भर क
े सफर को ह हम ज़ िंदगी कहते हैं ?, क्या
यह सच है ?
ज़ िंदगी ससफ
फ इततहास सलखती है ? ज़ िंदगी क्या सिकायत की ककताि
है ? जो सि करते हैं वह िं आपको भी करना हैं ? या जो काम आज
तक ककसी ने नह िं ककया वह आपको हह करना हैं अपनी ज़ िंदगी में ?
बिना दपफण क्या आप अपने आप को देख या पहचान सकते हैं ?
दोस्तों हााँ ज़ िंदगी एक दपफण हैं ज़जसे हमने ह िनाया हैं और दपफण
इससलये है की हर दपफण मेँ अन्नगगनत कोण हो सकते हैं !
और हर कोण का अपना ह महत्व होता है । जैसे ककसी दपफण मेँ दूर
का भी िहुत पास न र आता हैं ! और उसी क
े बिपररत िहुत पास
का भी आपको िहुत दूर न र आयेगा ककसी दपफण मेँ !
दपफण वह है जैसा आपको देखना पसन्द है वैसा ह आपका दपफण
आपको द खायेगा !
एक दपफण से आप अिंधेरे मेँ भी देख सकते हैं ! एक दपफण मेँ एक ह
चहरा अनेकों चहरो मेँ भी हदखता हैं !
ज़ िंदगी एक अमूल्य हैं आपको समले या न समले दुवारा यह एक सत्य
भी हैं ! ज़ िंदगी यह ना बिकती हैं न समटती ! यह आपका सौभाग्य है
की इस ज़ िंदगी क
े हर पल पल का जी भर कर म ा ले !
दोस्तों क
ु दरत ने आपको जन्म देने क
े पहले कोई एज़ललक
े िन नह िं
मािंगी थी , न कोई पता !
क
ु दरत जन्म दाता क
े पास न कोई ततजोर है कोई पहरा / पुसलस !
ना उसने आपसे या ककसी से भी क
ु छ मािंगा हैं और ना हह उसने
ककसी को क
ु छ कम हदया हैं !
वह आपको हर जतन से पालता हैं , आपक
े हहसाि से वह कोई भी
कमी या ितफ आपक
े सामने नह िं रखता हैं !
िचपन मेँ सि िच्चो को खखलौने पसन्द आते हैं और िचपन से
जवानी मेँ गये नह िं की खखलोनों का महत्व खतम !
अरे वह तो खोलोने वाल ििंदूक थी ! मुझे अि सि असल चाहहये !
दोस्तों खखलौना तो आज भी असल है और आने वाले हर िच्चे क
े
सलये वह असल ह रहेगा !
दोस्तों आपकी जवानी नकल है वह खखलोनों को िहुत जल्द भूल गई
! ज़ िंदगी की असल पहचान यहााँ से िुरुवात होती है !
हम अपने दपफण मेँ हमेिा अपने आपको सिसे सुिंदर , सिसे ज्ञानी,
सिसे ज्यादा ताकतवर , देखना पसन्द करते हैं ! और इन सि
पसन्द क
े सलये जैसे िचपन क
े असल खखलोनों को भूल कर जवानी
क
े असल खखलोनों की तलािने की आदत को , जीवन की हर ची
को पाने क
े सलये हम हर हद तक जाने को ह ज़ िंदगी कहते हैं !
जि मााँ िाप को मालूम पड़ता है की िड़े ने जल्द ज़ िंदगी पहचान ल
और िचपन क
े खखलोनों का अि उसे कोई महत्व नह िं रहा ! उसी
समय कई वार मााँ िाप भी अपनी ज़ िंदगी उसी समय महसूस कर
लेते है की िड़े िेटे की भूलने की आदत आ गई है और वह हर नई
चीज पाना चाहता है जो उसे पसन्द हैं ! ररश्ते नाते उसक
े सलए कोई
अि महत्व नह िं रखते हैं !
हर मााँ िाप अपनी औलाद को अपने से अच्छा खखलाते,पढाते, और
एक नैक इिंसान िनाने की भरपूर कोसिि करते हैं ! और आज की
अगधकतर नई पीढ़ मेर सिक्षा , मेर योग्यता, मेर कमाई , मेर
गाड़ी , मेर कोठी , मेरा सटेटूस क
े घमिंड और असभमान मेँ अपनी
ज़ िंदगी की पररभाषा उन्होने अपने आप, खुद तक हह ससमट ल हैं !
और तो और आज सि लोगों को अपनी ज़ िंदगी मेँ वह हर चीज
चाहहये ज़जसक
े वह हकदार हैं या नह िं उन्हे कोई फक
फ नह िं पढ़ता !
कफर चाहे ररश्वत लेना हो / देना हो , झूठ िोलना हो , जुल्म करना
हो, मााँ ,िाप, भाई, िहन, सगे सिंभन्धी , दोस्त , पड़ोसी का उनकी
ज़ िंदगी मेँ उनक
े ऊपर कोई फक
फ नह िं पढ़ता है !
दोस्तों ज़ िंदगी एक अनुभव एक सोच हैं ! जन्मदाता को मालूम है
की ककसकी झोल मेँ फ
ू ल और ककसकी झोल मेँ कािंटे डालना है, हर
रात क
े िाद हदन उगता हैं ! अच्छाई िुराफई को हम अच्छी तरह
पहचान सकते हैं !
हमे अपने वववेक क
े अनुसार अपना जीवन व्यतीत करना चाहहये !
क
ु दरत हमेिा दूसरों को देना ससखाता है जैसे जल, वायु ,आकाि,
जमीन, अज़ग्न क
े बिना क्या हम हमार ज़ िंदगी क
े िारे मेँ कभी सोच
भी सकते हैं !
उसी प्रकार आप सिक्षक्षत हैं तो सिक्षा िहटयेगा , अगर आप पैसे वाले
है तो तनधफनों की मदद करे दान देकर , अगर आप ताकतवर है तो
तनिफल लोगो की सह्यता करें , आप और हम कोई भी यह स्थाई
तनवासी नह िं है , यहााँ सि मुसाकफर हह हैं !
ज़ िंदगी समल िााँट कर ,समल समलाप ,लयार मोहब्ित ,कन्धा से कन्धा
समला कर ,सारे सिंसार को एक पररवार समजकर जीने का असल
नाम ह ज़ िंदगी है !
आओ हम सि समलकर एक ऐसी ज़ िंदगी जीने का सिंकल्प ले ज़जसमे
सिको एक समान जीने की हक प्रधान हो !
धन्यिाद
ववरेन्र श्रीवास्तव 25/01/2022

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ज़िंदगी के तजुर्वे

  • 1. ज़ िंदगी क े तजुर्वे दोस्तों ज़ िंदगी क्या हैं ? इिंसान ज़ िंदगी जीता हैं या ज़ िंदगी हर इिंसान की यू ह िं गुजर जाती हैं ? समय ककसी की राहा भी नह िं देखता हैं ! न ककसी का बिता वक्त कभी वापस आता हैं ! इिंसान क े जन्म से इिंतकाल का सफर ह ज़ िंदगी हैं या यारो यू कहों की जीना यहााँ मरना यहााँ िस यह हें ज़ िंदगी ? या यू कहें “ समझनी हैं ज़ िंदगी तो पीछे देखो और ज़ िंदगी जीना हैं तो आगे देखो ! ज़ िंदगी का मतलि / मकसद हर इिंसान का अपना एक सफर हैं ?, या इिंसान क े जीवन भर क े सफर को ह हम ज़ िंदगी कहते हैं ?, क्या यह सच है ? ज़ िंदगी ससफ फ इततहास सलखती है ? ज़ िंदगी क्या सिकायत की ककताि है ? जो सि करते हैं वह िं आपको भी करना हैं ? या जो काम आज तक ककसी ने नह िं ककया वह आपको हह करना हैं अपनी ज़ िंदगी में ? बिना दपफण क्या आप अपने आप को देख या पहचान सकते हैं ? दोस्तों हााँ ज़ िंदगी एक दपफण हैं ज़जसे हमने ह िनाया हैं और दपफण इससलये है की हर दपफण मेँ अन्नगगनत कोण हो सकते हैं !
  • 2. और हर कोण का अपना ह महत्व होता है । जैसे ककसी दपफण मेँ दूर का भी िहुत पास न र आता हैं ! और उसी क े बिपररत िहुत पास का भी आपको िहुत दूर न र आयेगा ककसी दपफण मेँ ! दपफण वह है जैसा आपको देखना पसन्द है वैसा ह आपका दपफण आपको द खायेगा ! एक दपफण से आप अिंधेरे मेँ भी देख सकते हैं ! एक दपफण मेँ एक ह चहरा अनेकों चहरो मेँ भी हदखता हैं ! ज़ िंदगी एक अमूल्य हैं आपको समले या न समले दुवारा यह एक सत्य भी हैं ! ज़ िंदगी यह ना बिकती हैं न समटती ! यह आपका सौभाग्य है की इस ज़ िंदगी क े हर पल पल का जी भर कर म ा ले ! दोस्तों क ु दरत ने आपको जन्म देने क े पहले कोई एज़ललक े िन नह िं मािंगी थी , न कोई पता ! क ु दरत जन्म दाता क े पास न कोई ततजोर है कोई पहरा / पुसलस ! ना उसने आपसे या ककसी से भी क ु छ मािंगा हैं और ना हह उसने ककसी को क ु छ कम हदया हैं ! वह आपको हर जतन से पालता हैं , आपक े हहसाि से वह कोई भी कमी या ितफ आपक े सामने नह िं रखता हैं ! िचपन मेँ सि िच्चो को खखलौने पसन्द आते हैं और िचपन से जवानी मेँ गये नह िं की खखलोनों का महत्व खतम !
  • 3. अरे वह तो खोलोने वाल ििंदूक थी ! मुझे अि सि असल चाहहये ! दोस्तों खखलौना तो आज भी असल है और आने वाले हर िच्चे क े सलये वह असल ह रहेगा ! दोस्तों आपकी जवानी नकल है वह खखलोनों को िहुत जल्द भूल गई ! ज़ िंदगी की असल पहचान यहााँ से िुरुवात होती है ! हम अपने दपफण मेँ हमेिा अपने आपको सिसे सुिंदर , सिसे ज्ञानी, सिसे ज्यादा ताकतवर , देखना पसन्द करते हैं ! और इन सि पसन्द क े सलये जैसे िचपन क े असल खखलोनों को भूल कर जवानी क े असल खखलोनों की तलािने की आदत को , जीवन की हर ची को पाने क े सलये हम हर हद तक जाने को ह ज़ िंदगी कहते हैं ! जि मााँ िाप को मालूम पड़ता है की िड़े ने जल्द ज़ िंदगी पहचान ल और िचपन क े खखलोनों का अि उसे कोई महत्व नह िं रहा ! उसी समय कई वार मााँ िाप भी अपनी ज़ िंदगी उसी समय महसूस कर लेते है की िड़े िेटे की भूलने की आदत आ गई है और वह हर नई चीज पाना चाहता है जो उसे पसन्द हैं ! ररश्ते नाते उसक े सलए कोई अि महत्व नह िं रखते हैं ! हर मााँ िाप अपनी औलाद को अपने से अच्छा खखलाते,पढाते, और एक नैक इिंसान िनाने की भरपूर कोसिि करते हैं ! और आज की अगधकतर नई पीढ़ मेर सिक्षा , मेर योग्यता, मेर कमाई , मेर गाड़ी , मेर कोठी , मेरा सटेटूस क े घमिंड और असभमान मेँ अपनी ज़ िंदगी की पररभाषा उन्होने अपने आप, खुद तक हह ससमट ल हैं !
  • 4. और तो और आज सि लोगों को अपनी ज़ िंदगी मेँ वह हर चीज चाहहये ज़जसक े वह हकदार हैं या नह िं उन्हे कोई फक फ नह िं पढ़ता ! कफर चाहे ररश्वत लेना हो / देना हो , झूठ िोलना हो , जुल्म करना हो, मााँ ,िाप, भाई, िहन, सगे सिंभन्धी , दोस्त , पड़ोसी का उनकी ज़ िंदगी मेँ उनक े ऊपर कोई फक फ नह िं पढ़ता है ! दोस्तों ज़ िंदगी एक अनुभव एक सोच हैं ! जन्मदाता को मालूम है की ककसकी झोल मेँ फ ू ल और ककसकी झोल मेँ कािंटे डालना है, हर रात क े िाद हदन उगता हैं ! अच्छाई िुराफई को हम अच्छी तरह पहचान सकते हैं ! हमे अपने वववेक क े अनुसार अपना जीवन व्यतीत करना चाहहये ! क ु दरत हमेिा दूसरों को देना ससखाता है जैसे जल, वायु ,आकाि, जमीन, अज़ग्न क े बिना क्या हम हमार ज़ िंदगी क े िारे मेँ कभी सोच भी सकते हैं ! उसी प्रकार आप सिक्षक्षत हैं तो सिक्षा िहटयेगा , अगर आप पैसे वाले है तो तनधफनों की मदद करे दान देकर , अगर आप ताकतवर है तो तनिफल लोगो की सह्यता करें , आप और हम कोई भी यह स्थाई तनवासी नह िं है , यहााँ सि मुसाकफर हह हैं ! ज़ िंदगी समल िााँट कर ,समल समलाप ,लयार मोहब्ित ,कन्धा से कन्धा समला कर ,सारे सिंसार को एक पररवार समजकर जीने का असल नाम ह ज़ िंदगी है !
  • 5. आओ हम सि समलकर एक ऐसी ज़ िंदगी जीने का सिंकल्प ले ज़जसमे सिको एक समान जीने की हक प्रधान हो ! धन्यिाद ववरेन्र श्रीवास्तव 25/01/2022