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 मूल रूप से, पीढी अंतराल अर्थ का उपयोग युवा और पुरानी
पीढी की तुलना करने क
े ललए लकया जाता है। जेनरेशन गैप
को दो अलग-अलग पीलढयों क
े लोगों क
े लवचारों, लवश्वासों
और कायों में अंतर क
े रूप में पररभालित लकया जा सकता
है। अवधारणा नैलतक मूल्ों और संस्क
ृ लत तक ही सीलमत
नहीं है। वास्तव में, जनरेशन गैप में पॉप संस्क
ृ लत, राजनीलत,
समाज और ऐसे अन्य पहलू शालमल हैं।
 जनरेशन गैप तब होता है जब दो लोगोों क
े बीच उम्र (एक पूरी पीढी) का काफी अोंतर होता
है। यह अक्सर माता-लपता और बच्ों क
े बीच टकराव का एक कारण बन जाता है। जनरेशन गैप
को दो अलग-अलग पीलढयों से संबंलधत लोगों क
े बीच क
े लवचारों और लवचारधाराओं क
े अंतर क
े
रूप में समझाया गया है।यह शब्द 1960 क
े दशक में गढा गया र्ा। ये अंतर पहली बार 1960
क
े दशक की युवा पीढी में देखा गया र्ा जब बच्ों क
े लवचार और लवश्वास उनक
े माता-लपता की
राय से लभन्न र्े। तब से, एक लवलशष्ट पीढी क
े लोगों को पररभालित करने क
े ललए लवलभन्न शब्दों का
उपयोग लकया जाता है। उदाहरण क
े ललए, 1982-2002 में पैदा हुए लोगों को लमलेलनयल्स कहा
जाता है। उन्हें प्रौद्योलगकी मूल लनवासी क
े रूप में भी जाना जाता है क्ोंलक वे प्रौद्योलगकी को
अपनाने वाली पहली पीढी क
े लोग र्े। ये लोग टेक्निकल गैजेट्स और लेटेस्ट टू ल्स क
े इदथ-लगदथ
पले-बढे हैं। उन्होंने लिलजटल तकनीक देखी है। अब, लपछली पीढी क
े लोग, यानी पुरानी पीढी,
लिलजटल तकनीक क
े सार् सहस्राक्नब्दयों की तरह सहज नहीं हैं। उन्हें लिलजटल अप्रवासी कहा
जाता है। यही कारण है लक प्रौद्योलगकी क्षेत्र दो पीलढयों को ध्यान में रखते हुए उत्पादों को
लिजाइन करता है। जनरेशन गैप कोई नई अवधारणा नहीं है। यह सलदयों से आसपास रहा है।
हालांलक, 20वीं सदी और 21वीं सदी में दो पीलढयों क
े बीच मतभेद बढे। जनरेशन गैप का
संगठनों और व्यवसायों पर बडा प्रभाव पडता है। यलद आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको
पुरानी और नई पीढी क
े बीच एक सही संतुलन खोजने की जरूरत है। 20वीं सदी और वतथमान
सदी क
े लोगों की ज़रूरतों क
े अनुसार अपने ब्ांि का लनमाथण करना महत्वपूणथ है। क
े वल
लमलेलनयल्स की आवश्यकताओं को पूरा करने से व्यवसायों को अपना ब्ांि लवकलसत करने में
मदद नहीं लमलेगीI
 ऐसा देखा गया है लक अलग-अलग क्नथर्लत में लवलभन्न पीढी क
े
लोग अलग-अलग तरह से व्यवहार करते हैं। उनक
े
दृलष्टकोण, लवश्वास, लवचार और सभी मान्यताओं क
े आधार पर
पीलढयों को लवलभन्न श्रेलणयों में वगीक
ृ त लकया गया है। इस
वगीकरण का लवस्तार इस तरह से है:
 परंपरावादी
 बेबी बुमेरसथ
 जनरेशन एक्स
 जनरेशन वाई
 ये लोग उस समूह से संबंलधत हैं जो 1946 से पहले पैदा हुए
र्े और अभी 70 साल से ऊपर हैं। ऐसा कहा जाता है लक ये
लोग आदेश का अच्छी तरह से पालन करते हैं और क
ु शलता
से काम करक
े संतुष्ट हो जाते हैं। वे युवा पीलढयों क
े सार्
अपने अनुभवों को बांटने और उन लोगों क
े आस-पास होना
पसंद करते हैं जो उनक
े ज्ञान और अनुभव की सराहना करते
हैं। वे अपने अलधकारी क
े प्रलत वफादार होने क
े ललए जाने
जाते हैं। इनमें से ज्यादातर एक ही संगठन क
े ललए अपना
पूरा जीवन व्यतीत करते हैं और उस संगठन क
े प्रलत
वफादार रहते हैं।
 ये लोग 1946 और 1965 क
े बीच पैदा हुए र्े। इस पीढी क
े
लोग कडी मेहनत करने वाले हैं लेलकन ज्यादातर फीिबैक
से पररलचत नहीं हैं। उन्हें पुरस्कार क
े रूप में पैसा और प्रचार
भी चालहए। चूंलक इनमें से अलधकतर ऐशो-आराम से नहीं
लजए इसललए वे सुलनलित करते हैं लक उनक
े बच्ों को वह
सब क
ु छ लमले जो वे चाहते हैं। वे चाहते हैं लक उनकी
सराहना की जाए। वे चाहते हैं लक उनक
े अलधकारी और बच्ें
यह समझे लक वे मूल्वान और आवश्यक हैं। इन सभी चीजों
की कमी उनक
े बीच असंतोि पैदा करती है।
 इस पीढी क
े लोग 1965 और 1980 क
े बीच पैदा हुए र्े।
जनरेशन एक्स अपनी पहचान चाहता है। उनक
े ललए सबसे अच्छा
इनाम समय बंद क
े रूप में है। वे चीजों को अपने तरीक
े से करना
चाहते हैं और लकसी भी लनयम का पालन करना पसंद नहीं करते
हैं। वे यह कहना चाहते हैं लक वे लजस तरह से चाहते हैं उस तरह
से चीजों को कर सकते हैं। इनमें से अलधकांश लोगों ने अपने
माता-लपता दोनों को काम पर जाते देखा है और इस चीज़ का जो
उन पर प्रभाव पडा है वह अच्छा नहीं र्ा। इसललए वे अपने
पररवार क
े जीवन को अपनी नौकरी पर प्रार्लमकता देते हैं। इस
पीढी क
े लोगों को ज्यादा काम करने क
े ललए प्रोत्सालहत लकया
जाता है।
 यह 1981 और 1999 क
े बीच पैदा हुए लोगों का समूह है। इनमें
से अलधकांश ने अभी काम करने की उम्र में प्रवेश लकया है। यह
समूह सार्थक काम में शालमल होने में लदलचस्पी लेता है और
अपने काम क
े प्रलत अपनी फीिबैक देने में भी आगे रहता है। इस
पीढी क
े लोग काफी रचनात्मक होते हैं। वे रचनात्मक व्यक्नियों
और उन थर्ानों पर काम करना पसंद करते हैं जहां उनकी
रचनात्मकता का पता लगाने की अनुमलत होती है। यह उनक
े ललए
प्रेरणा का एक स्रोत है और उन्हें लजंदा रखता है। यह एक ऐसी
पीढी है जो बहुत जल्दी ऊब जाती है। परंपरावालदयों क
े लवपरीत वे
अपनी नौकरी काफी बार बदलते हैं।
 वतथमान समय क
े नवयुवकों एवं वृद्धजनों क
े लवचारों में लभन्नता
पायी जाती है और इस लभन्नता क
े कारण जो संघिथ उत्पन्न
होता है वह अन्तर-पीढी संघिथ कहलाता है। वास्तव में ये
संघिथ दोनों क
े बीच वैचाररक लभन्नता क
े पररणामस्वरूप ही
उत्पन्न होते हैं क्ोंलक वैचाररक लभन्नता नवीन पीढी एवं पुरानी
पीढी क
े मूल्ों, सामालजक एवं सांस्क
ृ लतक प्रलतमानों,
मनोवृलियों, लवश्वासों, व्यवहार क
े तरीकों एवं सोचने-लवचारने
क
े ढंगों में अन्तर उत्पन्न करती है इसका प्रमुख कारण दो
पीलढयों क
े मध्य पाया जाने वाला समयान्तर है।
 नए लवचार और तथ्य हमेशा अच्छे होते हैं। इस तरह हमारे चारों तरफ की
दुलनया अलग-अलग स्तरों पर लवकलसत होती है। हालांलक दो पीलढयां लवशेि
रूप से माता-लपता और बच्ों क
े बीच सोच और लवचारों में अंतर अक्सर संघिथ
का एक मुद्दा बन जाता है। इस संघिथ की वजह से संबंधों में तनाव आ जाता है।
 माता-लपता को अपने बच्ों से बडी उम्मीदें होती हैं। उनकी एक लनधाथररत छलव
है लक क
ै से उनक
े बच्ों को उनकी परंपरा, मूल्ों क
े सार्-सार् उनक
े
लवस्ताररत पररवार क
े अन्य सदस्ों से व्यवहार करना चालहए। उन्हें लगता है
लक वे जानते हैं लक उनक
े बच्ों को अपने जीवन में क्ा करना चालहए। अब
समस्ा तब होती है जब बच्े क
े मन में एक अलग सोच बसी होती है (जो
ज्यादातर मामलों में होती है)। ऐसा होने की वजह से संघिथ शुरू होता है। यह
कहना सही नहीं है लक माता-लपता हर बार पूरी तरह से गलत हैं। वे बडे हैं और
लनलित रूप से अपने बच्ों क
े ललए आदशथ लनदेशक हैं और कई बार वे अपने
बच्ों क
े ललए सही लनणथय भी लेते हैं। हालांलक युवा पीढी शायद ही कभी इस
चीज़ को समझ पाए। यह दुख की बात है लक जनरेशन गैप कई ररश्ों में
खटास का कारण रहा है।
 अन्तर-पीढी संघिथ को दू र करने क
े उपाय लनम्नललक्नखत हैं-
 1. नवीन आदशथ-लनयमों, मूल्ों तर्ा अलभव्यक्नियों को नयी पीढी में समालहत
लकया जाना चालहए। चूूँलक आज भी भारत में पुरानी पीढी क
े आदशों, लनयमों,
मूल्ों एवं अलभव्यक्नियों क
े प्रलत आथर्ा पायी जाती है। अतः नई एवं पुरानी
पीढी क
े बीच सहयोग उत्पन्न लकया जाये
 2. नवीन आदशथ मूल्ों और आदशथ लनयमों को प्राचीन पीढी क
े सहयोग से
नवीन पीढी में समालहत लकया जाना चालहए लजससे नवीन पीढी और पुरानी
पीढी में संघिथ क
े थर्ान पर सहयोग को बढावा लमलेगा।
 3. नयी पीढी का सामाजीकरण इस प्रकार से लकया जाए लक वे समानता एवं
राष्टर ीय लवकास क
े मूल्ों क
े प्रलत आथर्ा को रख सक
ें । इससे दोनों पीलढयों में
संघिथ क
े थर्ान पर एकता का भाव उत्पन्न होगा।
 4. नवीन पीढी क
े लोगों का इस प्रकार से सामाजीकरण करने का प्रयास लकया
जाये तर्ा उनक
े व्यक्नित्व में समानता और प्राचीन मूल्ों क
े प्रलत आथर्ा क
े
सार् पररवतथन करने की चेष्टा पर लवचार लकया जाये लजससे दोनों पीलढयों क
े
बीच तालमेल हो सक
े और संघिथ न हो।
 जनरेशन गैप इसललए होता है क्ोंलक दुलनया लगातार
बदलती रहती है। हमें यह समझना चालहए लक अलग-अलग
समय में पैदा हुए लोग एक-दू सरे से अलग होते हैं। लोगों को
एक-दू सरे पर अपने लवचारों और लवश्वासों को र्ोपने क
े बजाए
एक-दू सरे क
े व्यक्नित्व का सम्मान करना चालहए।

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  • 1.
  • 2.  मूल रूप से, पीढी अंतराल अर्थ का उपयोग युवा और पुरानी पीढी की तुलना करने क े ललए लकया जाता है। जेनरेशन गैप को दो अलग-अलग पीलढयों क े लोगों क े लवचारों, लवश्वासों और कायों में अंतर क े रूप में पररभालित लकया जा सकता है। अवधारणा नैलतक मूल्ों और संस्क ृ लत तक ही सीलमत नहीं है। वास्तव में, जनरेशन गैप में पॉप संस्क ृ लत, राजनीलत, समाज और ऐसे अन्य पहलू शालमल हैं।
  • 3.  जनरेशन गैप तब होता है जब दो लोगोों क े बीच उम्र (एक पूरी पीढी) का काफी अोंतर होता है। यह अक्सर माता-लपता और बच्ों क े बीच टकराव का एक कारण बन जाता है। जनरेशन गैप को दो अलग-अलग पीलढयों से संबंलधत लोगों क े बीच क े लवचारों और लवचारधाराओं क े अंतर क े रूप में समझाया गया है।यह शब्द 1960 क े दशक में गढा गया र्ा। ये अंतर पहली बार 1960 क े दशक की युवा पीढी में देखा गया र्ा जब बच्ों क े लवचार और लवश्वास उनक े माता-लपता की राय से लभन्न र्े। तब से, एक लवलशष्ट पीढी क े लोगों को पररभालित करने क े ललए लवलभन्न शब्दों का उपयोग लकया जाता है। उदाहरण क े ललए, 1982-2002 में पैदा हुए लोगों को लमलेलनयल्स कहा जाता है। उन्हें प्रौद्योलगकी मूल लनवासी क े रूप में भी जाना जाता है क्ोंलक वे प्रौद्योलगकी को अपनाने वाली पहली पीढी क े लोग र्े। ये लोग टेक्निकल गैजेट्स और लेटेस्ट टू ल्स क े इदथ-लगदथ पले-बढे हैं। उन्होंने लिलजटल तकनीक देखी है। अब, लपछली पीढी क े लोग, यानी पुरानी पीढी, लिलजटल तकनीक क े सार् सहस्राक्नब्दयों की तरह सहज नहीं हैं। उन्हें लिलजटल अप्रवासी कहा जाता है। यही कारण है लक प्रौद्योलगकी क्षेत्र दो पीलढयों को ध्यान में रखते हुए उत्पादों को लिजाइन करता है। जनरेशन गैप कोई नई अवधारणा नहीं है। यह सलदयों से आसपास रहा है। हालांलक, 20वीं सदी और 21वीं सदी में दो पीलढयों क े बीच मतभेद बढे। जनरेशन गैप का संगठनों और व्यवसायों पर बडा प्रभाव पडता है। यलद आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको पुरानी और नई पीढी क े बीच एक सही संतुलन खोजने की जरूरत है। 20वीं सदी और वतथमान सदी क े लोगों की ज़रूरतों क े अनुसार अपने ब्ांि का लनमाथण करना महत्वपूणथ है। क े वल लमलेलनयल्स की आवश्यकताओं को पूरा करने से व्यवसायों को अपना ब्ांि लवकलसत करने में मदद नहीं लमलेगीI
  • 4.  ऐसा देखा गया है लक अलग-अलग क्नथर्लत में लवलभन्न पीढी क े लोग अलग-अलग तरह से व्यवहार करते हैं। उनक े दृलष्टकोण, लवश्वास, लवचार और सभी मान्यताओं क े आधार पर पीलढयों को लवलभन्न श्रेलणयों में वगीक ृ त लकया गया है। इस वगीकरण का लवस्तार इस तरह से है:  परंपरावादी  बेबी बुमेरसथ  जनरेशन एक्स  जनरेशन वाई
  • 5.  ये लोग उस समूह से संबंलधत हैं जो 1946 से पहले पैदा हुए र्े और अभी 70 साल से ऊपर हैं। ऐसा कहा जाता है लक ये लोग आदेश का अच्छी तरह से पालन करते हैं और क ु शलता से काम करक े संतुष्ट हो जाते हैं। वे युवा पीलढयों क े सार् अपने अनुभवों को बांटने और उन लोगों क े आस-पास होना पसंद करते हैं जो उनक े ज्ञान और अनुभव की सराहना करते हैं। वे अपने अलधकारी क े प्रलत वफादार होने क े ललए जाने जाते हैं। इनमें से ज्यादातर एक ही संगठन क े ललए अपना पूरा जीवन व्यतीत करते हैं और उस संगठन क े प्रलत वफादार रहते हैं।
  • 6.  ये लोग 1946 और 1965 क े बीच पैदा हुए र्े। इस पीढी क े लोग कडी मेहनत करने वाले हैं लेलकन ज्यादातर फीिबैक से पररलचत नहीं हैं। उन्हें पुरस्कार क े रूप में पैसा और प्रचार भी चालहए। चूंलक इनमें से अलधकतर ऐशो-आराम से नहीं लजए इसललए वे सुलनलित करते हैं लक उनक े बच्ों को वह सब क ु छ लमले जो वे चाहते हैं। वे चाहते हैं लक उनकी सराहना की जाए। वे चाहते हैं लक उनक े अलधकारी और बच्ें यह समझे लक वे मूल्वान और आवश्यक हैं। इन सभी चीजों की कमी उनक े बीच असंतोि पैदा करती है।
  • 7.  इस पीढी क े लोग 1965 और 1980 क े बीच पैदा हुए र्े। जनरेशन एक्स अपनी पहचान चाहता है। उनक े ललए सबसे अच्छा इनाम समय बंद क े रूप में है। वे चीजों को अपने तरीक े से करना चाहते हैं और लकसी भी लनयम का पालन करना पसंद नहीं करते हैं। वे यह कहना चाहते हैं लक वे लजस तरह से चाहते हैं उस तरह से चीजों को कर सकते हैं। इनमें से अलधकांश लोगों ने अपने माता-लपता दोनों को काम पर जाते देखा है और इस चीज़ का जो उन पर प्रभाव पडा है वह अच्छा नहीं र्ा। इसललए वे अपने पररवार क े जीवन को अपनी नौकरी पर प्रार्लमकता देते हैं। इस पीढी क े लोगों को ज्यादा काम करने क े ललए प्रोत्सालहत लकया जाता है।
  • 8.  यह 1981 और 1999 क े बीच पैदा हुए लोगों का समूह है। इनमें से अलधकांश ने अभी काम करने की उम्र में प्रवेश लकया है। यह समूह सार्थक काम में शालमल होने में लदलचस्पी लेता है और अपने काम क े प्रलत अपनी फीिबैक देने में भी आगे रहता है। इस पीढी क े लोग काफी रचनात्मक होते हैं। वे रचनात्मक व्यक्नियों और उन थर्ानों पर काम करना पसंद करते हैं जहां उनकी रचनात्मकता का पता लगाने की अनुमलत होती है। यह उनक े ललए प्रेरणा का एक स्रोत है और उन्हें लजंदा रखता है। यह एक ऐसी पीढी है जो बहुत जल्दी ऊब जाती है। परंपरावालदयों क े लवपरीत वे अपनी नौकरी काफी बार बदलते हैं।
  • 9.  वतथमान समय क े नवयुवकों एवं वृद्धजनों क े लवचारों में लभन्नता पायी जाती है और इस लभन्नता क े कारण जो संघिथ उत्पन्न होता है वह अन्तर-पीढी संघिथ कहलाता है। वास्तव में ये संघिथ दोनों क े बीच वैचाररक लभन्नता क े पररणामस्वरूप ही उत्पन्न होते हैं क्ोंलक वैचाररक लभन्नता नवीन पीढी एवं पुरानी पीढी क े मूल्ों, सामालजक एवं सांस्क ृ लतक प्रलतमानों, मनोवृलियों, लवश्वासों, व्यवहार क े तरीकों एवं सोचने-लवचारने क े ढंगों में अन्तर उत्पन्न करती है इसका प्रमुख कारण दो पीलढयों क े मध्य पाया जाने वाला समयान्तर है।
  • 10.  नए लवचार और तथ्य हमेशा अच्छे होते हैं। इस तरह हमारे चारों तरफ की दुलनया अलग-अलग स्तरों पर लवकलसत होती है। हालांलक दो पीलढयां लवशेि रूप से माता-लपता और बच्ों क े बीच सोच और लवचारों में अंतर अक्सर संघिथ का एक मुद्दा बन जाता है। इस संघिथ की वजह से संबंधों में तनाव आ जाता है।  माता-लपता को अपने बच्ों से बडी उम्मीदें होती हैं। उनकी एक लनधाथररत छलव है लक क ै से उनक े बच्ों को उनकी परंपरा, मूल्ों क े सार्-सार् उनक े लवस्ताररत पररवार क े अन्य सदस्ों से व्यवहार करना चालहए। उन्हें लगता है लक वे जानते हैं लक उनक े बच्ों को अपने जीवन में क्ा करना चालहए। अब समस्ा तब होती है जब बच्े क े मन में एक अलग सोच बसी होती है (जो ज्यादातर मामलों में होती है)। ऐसा होने की वजह से संघिथ शुरू होता है। यह कहना सही नहीं है लक माता-लपता हर बार पूरी तरह से गलत हैं। वे बडे हैं और लनलित रूप से अपने बच्ों क े ललए आदशथ लनदेशक हैं और कई बार वे अपने बच्ों क े ललए सही लनणथय भी लेते हैं। हालांलक युवा पीढी शायद ही कभी इस चीज़ को समझ पाए। यह दुख की बात है लक जनरेशन गैप कई ररश्ों में खटास का कारण रहा है।
  • 11.  अन्तर-पीढी संघिथ को दू र करने क े उपाय लनम्नललक्नखत हैं-  1. नवीन आदशथ-लनयमों, मूल्ों तर्ा अलभव्यक्नियों को नयी पीढी में समालहत लकया जाना चालहए। चूूँलक आज भी भारत में पुरानी पीढी क े आदशों, लनयमों, मूल्ों एवं अलभव्यक्नियों क े प्रलत आथर्ा पायी जाती है। अतः नई एवं पुरानी पीढी क े बीच सहयोग उत्पन्न लकया जाये  2. नवीन आदशथ मूल्ों और आदशथ लनयमों को प्राचीन पीढी क े सहयोग से नवीन पीढी में समालहत लकया जाना चालहए लजससे नवीन पीढी और पुरानी पीढी में संघिथ क े थर्ान पर सहयोग को बढावा लमलेगा।  3. नयी पीढी का सामाजीकरण इस प्रकार से लकया जाए लक वे समानता एवं राष्टर ीय लवकास क े मूल्ों क े प्रलत आथर्ा को रख सक ें । इससे दोनों पीलढयों में संघिथ क े थर्ान पर एकता का भाव उत्पन्न होगा।  4. नवीन पीढी क े लोगों का इस प्रकार से सामाजीकरण करने का प्रयास लकया जाये तर्ा उनक े व्यक्नित्व में समानता और प्राचीन मूल्ों क े प्रलत आथर्ा क े सार् पररवतथन करने की चेष्टा पर लवचार लकया जाये लजससे दोनों पीलढयों क े बीच तालमेल हो सक े और संघिथ न हो।
  • 12.  जनरेशन गैप इसललए होता है क्ोंलक दुलनया लगातार बदलती रहती है। हमें यह समझना चालहए लक अलग-अलग समय में पैदा हुए लोग एक-दू सरे से अलग होते हैं। लोगों को एक-दू सरे पर अपने लवचारों और लवश्वासों को र्ोपने क े बजाए एक-दू सरे क े व्यक्नित्व का सम्मान करना चालहए।