http://spiritualworld.co.in सुख प्राप्ति का साधन:
एक दिन श्री गुरु अर्जन देव जी के पास दो सिख हाजिर हुए| उन्होंने आकर गुरु जी से प्रार्थना की कि गुरु जी! हम सदैव दुखी रहते हैं| हमे सुख किस प्रकार प्राप्त हो सकता है? हम अपने दुखों से निजात पाना चाहते हैं| इसलिए गुरु जी आप ही हमें दुखों से बाहर निकाल सकते हैं| हमे इसका कोई उपाय बताएँ|
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2. एक िदिन श्री गुर अर्जनर्जन दिेव जनी के पास दिो
िसख हािजनर हुए| उन्होंने आकर गुर जनी से
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रहते है| हमे सुख िकस प्रकार प्राप हो
सकता है? हम अर्पने दिुखों से िनजनात
पाना चाहते है| इसिलिए गुर जनी आप ही
हमे दिुखों से बाहर िनकालि सकते है| हमे
इसका कोई उपाय बताएँ|
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3. गुर जी पहले उनकी बात ध्यान पूर्वकर्वक
सुनते रहे| जब उन्होंने अपनी सारी बात
गुर जी के आगे रख दी तो गुर जी ने
कहना शुर िकया भाई! अरोग शरीर,
सुशील स्त्री, आज्ञाकारी पुत और धन-
धान्य के सुख िपछले जन्म मे िकए दान
पुण्य के फल स्वकरप ही िमलते है| भावक
मनुष्य को िपछले जन्म के अनुसार ही फल
प्राप होता है|
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आगे गुर जी कहने लगे की ग्रहस्थी का
बड़ा धर्म र दान पुण्य करना और नेक कम ाई
ही है| इसलिलए आप भी नेक कम ाई, पुण्य
दान और सलत्सलंग िकया करो| इसलसले आपके
दुखो का नाश होगा| दुख आपको छुह भी
नही पाएंगे| आपको सलुखो की प्रािप होगी|