http://spiritualworld.co.in सच्चे वैरागी बनने का उपदेश: श्री गुरु नानक देव जी ने उत्तर दिशा की यात्रा समाप्त कर दी| कुछ समय करतारपुर की संगतों का कल्याण करते रहें| करतारपुर से आप तलवंडी पहुंच गए| वहां पहुंचकर वेशाखी सम्वत १५७६ का मेला कटास राज जिला जेहलम में जाकर किया| वहां बहुत से सन्यासी एकत्रित थे| गुरु जी ने उनको समझाया कि जो लोग गृहस्थ के दुखों से डरकर भाग जाते हैं| more on http://spiritualworld.co.in