छोटे शहरों और गांवों के वे युवा, जो कम शिक्षित हैं, वे भी मछली पालन उद्योग लगा कर अच्छी आजीविका अर्जित कर सकते हैं। इसके लिए क्या योग्यता व संसाधन जरूरी हैं, इस बारे में बता रहे हैं
कभी मत्स्य पालन मछुआरों तक ही सीमित था, किन्तु आज यह सफल और प्रतिष्ठित लघु उद्योग के रूप में स्थापित हो रहा है। नई-नई टेक्नोलॉजी ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है। मत्स्य पालन रोजगार के अवसर तो पैदा करता ही है, खाद्य पूर्ति में वृद्धि के साथ-साथ विदेशी मुद्रा अर्जित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। आज भारत मत्स्य उत्पादक देश के रूप में उभर रहा है। एक समय था, जब मछलियों को तालाब, नदी या सागर के भरोसे रखा जाता था, परंतु बदलते वैज्ञानिक परिवेश में इसके लिए कृत्रिम जलाशय बनाए जा रहे हैं, जहां वे सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जो प्राकृतिक रूप में नदी, तालाब और सागर में होती हैं।
2. संमभश्र भत्स्मऩारन
भछरी सफसे सस्ती औय आसानी से ऩाचन किमा जानेवारा आहाय है औय प्राचीन सभम से भानव
जातत द्वाया आहायऩूतति हेतु प्रािृ तति संसाधनों से प्राप्त किमा जाता यहा है. तथापऩ, अत्मधधि दोहन
औय प्रदूषण िी वजह से प्रािृ तति जर भें भछरी िी उऩरब्धता िभ होने से वैऻातनिों िो भत्स्म
उत्ऩादन भें वृपि हेतु पवभबन्न तयीिों िो अऩनाना ऩडा है. भत्स्म उत्ऩादन भें वृपि औय आहाय हेतु
इसिी उऩरब्धता िे भरए तनमंत्रित मा िु त्रिभ ऩरयस्स्थततमों भें भत्स्मऩारन एि आसान उऩाम है.
गांव िे ताराफ, टंिी मा किसी जर भें किसानों द्वाया भत्स्मऩारन किमा जा सिता है औय इससे
उनिी पवत्तीम स्स्थतत भें बी सुधाय होगा. भत्स्मऩारन से िु शर औय अिु शर मुवाओं िो राबप्रद
योजगाय भभरेगा. भत्स्मऩारन हेतु पविभसत तिनीि भें एि से अधधि प्रजातत िी भछभरमों िा
ऩारन किमा जाता है. हभाये देश भें इस प्रचभरत तिनीि िे अनुरूऩ भत्स्मऩारन किमा जाता है.
इस तिनीि िो संभभश्र भत्स्मऩारन िे नाभ से जाना जाता है. इसिे भाध्मभ से ताराफ मा टंिी
भें उऩरब्ध सबी भछभरमों औय उनिी सहजीवी प्रजाततमों िो िु त्रिभ आहाय देिय अधधितभ भत्स्म
उत्ऩादन किमा जाता है. दो भीटय िी गहयाईवारे किसी बी फायहभासी ताराफ मा टंिी भें
भत्स्मऩारन किमा जा सिता है. तथापऩ, ऩानी िा न्मूनतभ स्तय एि भीटय से िभ नहीं होना
चाहहए. महां ति िी अल्ऩावधध भत्स्मऩारन हेतु भौसभी ताराफों िा उऩमोग किमा जा सिता है.
1. संमभश्र भत्स्मऩारन भें भछमरमों की प्रजातिमां
भछभरमों िे आहाय औय प्रिृ तत िे आधाय ऩय, संभभश्र भत्स्मऩारन हेतु तनम्नभरखित देशी
औय पवदेशी प्रजाततमों िी भछभरमों िो धचस्ननत किमा गमा है.
2. संबाव्मिा
जरचय ऩारन हेतु ताराफों औय टंकिमों भें रगबग 2.41 भभरीमन हेक्टेमय ऺेि उऩरब्ध है.
इसिे अरावा, दरदरों, फयसाती जरबयाव ऺेिों िी 1.31 भभभरमन हेक्टेमय भें औय जर िृ पष
िे भरए अनुऩमोगी जर बयाव ऺेिों मा किसी बी बूभभ ऩय जहां जर िी अधधि उऩरब्धता
है, वहां भत्स्मऩारन किमा जा सिता है. 4.7 राि टन िु र घयेरू भत्स्म उत्ऩादन भें भत्स्म
ऺेि िा मोगदान रगबग 80 प्रततशत है. ताराफों िी औसतन उत्ऩादिता प्रतत हेक्टेमय/वषि
2500 कि.ग्रा. है. मह दशािता है कि देश भें भत्स्मऩारन ऺेि भें व्माऩि संबावनाएं है. अफ
ति ताराफों औय टंकिमों िे 15 प्रततशत संबावनाओं िा दोहन हुआ है. इससे मह ऩता
चरता है कि संभभश्र भत्स्मऩारन भें सभांतय पवस्तयण िी व्माऩि संबावनाएं है.
3. 3. िकनीकी भानदंड
संरग्न अनुफंध- भें संभभश्र भत्स्मऩारन िे तिनीिी भानदंड हदए गए है स्जसभें स्थान िा
चमन, पविास िी भदें, संग्रहण ऩूवि औय संग्रहण ऩश्चात िामि, संग्रहण घनता, िाद, आहाय
आहद िा पववयण हदमा गमा है.
प्रजातिम ं आहाय आहाय ऺेि
प्रभुख बायिीम प्रजातिम ं
िटरा जू प्रेक्टन पीडय सयपे स पीडय
योहू ओभतनवोयस िॉरभ पीडय
भिगर डेहिहटवोयस फॉटभ पीडय
विदेशी प्रजातिम ं
भसल्वय क्राऩ पामटाऩेप्रेक्टन पीडय सयपे स पीडय
ग्रास क्राऩ हयत्रफपवमस सयपे स िॉरभ औय भास्जिनर
एरयमा
िॉभन क्राऩ डेहिहटवोयस/ओभतनवोयस फॉटभ पीडय
4. अनुदान सहामिा
ताराफों िा नवीियण/भयम्भत, नए ताराफों िा तनभािण, प्रथभ वषि िी तनपवस्टटमों जैसी पवपवध
भदों हेतु अनुदान सहामता उऩरब्ध है. एपएपडीए औय एनएपडीवी िे भाध्मभ से पवभबन्न श्रेणी
िे किसानों हेतु िे न्र प्रामोस्जत अनुदान सहामता िो अधधिांश याज्मों द्वाया कक्रमास्न्वत किमा जा
यहा है. इसिे फाये भें पवस्तृत जानिायी संफंधधत भत्स्म पवबागों मा एनएपडीफी िी वेफसाइट
www.nfdb.ap.nic.in से प्राप्त िी जा सिती है.
5. ऩात्र उधायकिाा
तनम्नभरखित उधायिताि ऋण रेने हेतु ऩाि है.
ि व्मस्क्त
ि िं ऩनी
ग साझेदायी पाभि
घ सहिायी सभभतत
ङ भछु आयों िा सभूह
ऩाि उधायितािओं िो एपएपडीए द्वाया भत्स्मऩारन िा प्रभशऺण हदमा जाता है औय मह
आवश्मि है कि फैंि ऋण रेने से ऩहरे उधायिताि िो भत्स्मऩारन िा ऻान होना चाहहए.
4. 6. वित्सिीम ऩरयव्मम
अनुफंध- III भें ऩूंजी रागत औय आवती रागत िा पववयण हदमा गमा है. तथापऩ, मह रागत
तनदेशात्भि है औय फैंि िो ऩरयमोजना प्रस्ताव बेजते सभम रागत भानदंडों िा वास्तपवि
तनधािरयत किमा जाए.
7. वित्सिीम विश्रेषण
मह मोजना पवत्तीम रूऩ से व्मवहामि है औय पवत्तीम भानदंडों नाभत: निदी प्रवाह आईआयआय,
फीसीआय िा पववयण अनुफंध- III भें हदमा है.
8. चुकौिी
01 वषि िी आस्थगन अवधध सहहत फैंि ऋण िी चुिौती 08 वषो भें िी जा सिती है.(अनुफंध
IV)
9. भार्जान भनी/ब्माज का दय/मसक्मूरयटी
बायतीम रयजवि फैंि िे हदशा-तनदेशों िे अनुसाय.
10. ऩुनविात्सि
नाफाडि द्वाया अनुसूधचत वाखणज्म फैंिों, सहिायी फैंिों, प्राथभभि शहयी सहिायी फैंिों औय ऺेिीम
ग्राभीण फैंिों िो भत्स्मऩारन हेतु ऩुनपवित्त सहामता दी जाती है.
5. अनुफंध – 1
िकनीकी भानदंड
संमभश्र भत्स्मऩारन हेिु आिश्मक िकनीकी भानदंड
1. िाराफ का चमन
ताराफ िा चमन ियते मह फात ध्मान भें यिी जाए कि ताराफ िी भृदा भें ऩानी िो सोिने िी
ऺभता होनी चाहहए, ताराफ भें ऩमािप्त ऩानी यहना चाहहए औय ताराफ फाढ़ प्रबापवत ऺेि भें नहीं
होना चाहहए. सूिे, आधे सूिे मा दरदरी ताराफों भें ऩानी बयिय, गाद तनिारिय, ताराफ िी
भयम्भत िय औय ऩानी िी आऩूतति औय तनिासी िी व्मवस्था िय इन ताराफों िो नवीिृ त िय
इनभें भत्स्मऩारन किमा जा सिता है. ताराफ िो किसी व्मस्क्त द्वाया कियामे ऩय भरमा जा
सिता है. कियामे िी अवधध चुिौती अवधध से अधधि मा उसिे सभरूऩ होनी चाहहए.
उक्त भानदंडों िो ध्मान भें यिते हुए आदशि स्थानों ऩय नए ताराफ फनाए जा सिते हैं.
ताराफ िे पविास हेतु तनम्नभरखित भदें ऩाि है.
i) पवद्मभान ताराफ से गाद तनिारना
ii) उथरे ताराफों िो गहया ियना
iii) नए ताराफों िी िुदाई ियना
iv) जर सभभततमों िे सीभावती ऺेि भें ऩानी िो योिना
v) तटवती फांधों िा तनभािण/भयम्भत
vi) ऩानी िे आने/जाने हेतु यास्ता फनाना
vii) ऩरयमोजना िे आिाय ऩय आधारयत आवश्मिताओं नाभत: ढॉ ंचा तेमाय ियना, सुयऺा
प्रहयी हेतु छत फनाना, ऩंऩ सेट/ऩानी/त्रफजरी िी आऩूती हेतु व्मवस्था आहद
2. िाराफ प्रफंधन
भत्स्मऩारन भें भछभरमों िे फीजों िे बंडायण औय बंडायण ऩश्चात ताराफ प्रफंधन िी भहत्वऩूणि
बूभभिा है. बंडायण ऩूवि औय बंडायण ऩश्चात किए जानेवारे पवभबन्न उऩाम तनम्नानुसाय है.
6. 2.1 बंडायण ऩूिा
नए ताराफों िे भाभरों भें, ताराफ िी ऩुताई औय उसिो ऩानी से बयिय बंडायण ऩूवि िामि किमा
जाता है. तथापऩ, पवद्मभान ताराफों िे भाभरों भें, ताराफ भें अवांतछत घास औय भछभरमों िी
सपाई भजदूयों, भशीनों मा यासामतनि साधनों से िी जाती है. इस हेतु पवभबन्न तयीिे अऩनाए
जाते हैं:
i) भजदूयों/भशीनों मा यासामतनि साधनों से घास िो हटाना
ii) फाय-फाय जार त्रफछािय मा 2500 किरो/प्रतत हेक्टेमय भीटय िो हहसाफ से भहुआ साफून
द्वाया मा ताराफ िो सुिािय अवांतछत व भशिायी भछभरमों मा जरचयों िो हटाना
iii) ऩुिाई: ऺायीम ताराफों िी तुरना भें भृदा/टंकिमा अम्रीम होने से िभ उत्ऩादिता देती है.
पोस्पयस िा अऩेक्षऺत स्तय प्राप्त ियने िे भरए चुने िा उऩमोग किमा जाता है. इसिे
अरावा, चुना रगाने से तनम्नानुसाय राब होता है:
ि पोस्पयस भें वृपि
ि सुयक्षऺत िवच िे रूऩ भें िामि ियता है औय पोस्पयस भें िभी वृपि िो टारना
ग भृदा भें ऩयजीपवमों िी वृपि ऩय योि
घ इसिे पवषेरे प्रबाव से ऩयजीपवमों िा अंत
ङ जैपवि अऩघटन भें गतत
साभान्म रूऩ से प्रतत हेक्टेमय 200 से 250 किरोग्राभ चुने िी आवश्मिता होती है. तथापऩ, भृदा भें
ऩानी औय पोस्पयस िे आधाय ऩय तनम्नानुसाय वास्तपवि रूऩ से गणना िी जाए.
भृदा भें पो्पयस चुना(कक.ग्रा/हेक्टेमय)
4.5-5.0 2,000
5.1-6.5 1,000
6.6-7.5 500
7.6-8.5 200
8.6-9.5 शून्म
महद ताराफ नमा है तो, ऩुताई िे फाद ताराफ िो फारयश मा किसी अन्म ऩानी से बया जाए.
iv) उिायीकयण/खाद फनाना