SlideShare una empresa de Scribd logo
1 de 6
Descargar para leer sin conexión
HindiBooksOnline.blogspot.com
गुलज़ार कȧ ǒऽवेǔणयाँ
१.मां ने ǔजस चांद सी दãहनु कȧ दआु दȣ थी मुझे
आज कȧ रात वह फ़ु टपाथ से देखा मɇने
रात भर रोटȣ नज़र आया है वो चांद मुझे
२.सारा Ǒदन बैठा,मɇ हाथ मɅ लेकर खा़ली कासा(िभ¢ापाऽ)
रात जो गुज़रȣ,चांद कȧ कौड़ȣ डाल गई उसमɅ
सूदखो़र सूरज कल मुझसे ये भी ले जायेगा।
३.सामने आये मेरे,देखा मुझे,बात भी कȧ
मुःकराए भी,पुरानी Ǒकसी पहचान कȧ ख़ाितर
कल का अख़बार था,बस देख िलया,रख भी Ǒदया।
HindiBooksOnline.blogspot.com
४.शोला सा गुज़रता है मेरे ǔजःम से होकर
Ǒकस लौ से उतारा है खुदावंद ने तुम को
ितनकɉ का मेरा घर है,कभी आओ तो Èया हो?
५.ज़मीं भी उसकȧ,ज़मी कȧ नेमतɅ उसकȧ
ये सब उसी का है,घर भी,ये घर के बंदे भी
खुदा से कǑहये,कभी वो भी अपने घर आयɅ!
६.लोग मेलɉ मɅ भी गुम हो कर िमले हɇ बारहा
दाःतानɉ के Ǒकसी Ǒदलचःप से इक मोड़ पर
यूँ हमेशा के िलये भी Èया ǒबछड़ता है कोई?
७.आप कȧ खा़ितर अगर हम लूट भी लɅ आसमाँ
Èया िमलेगा चंद चमकȧले से शीशे तोड़ के !
चाँद चुभ जायेगा उंगली मɅ तो खू़न आ जायेगा
८.पौ फू टȣ है और Ǒकरणɉ से काँच बजे हɇ
घर जाने का वÈत हआु है,पाँच बजे हɇ
सारȣ शब घǑड़याल ने चौकȧदारȣ कȧ है!
९.बे लगाम उड़ती हɇ कु छ ÉवाǑहशɅ ऐसे Ǒदल मɅ
‘मेÈसीकन’ Ǒफ़ãमɉ मɅ कु छ दौड़ते घोड़े जैसे।
थान पर बाँधी नहȣं जातीं सभी ÉवाǑहशɅ मुझ से।
१०.तमाम सफ़हे Ǒकताबɉ के फड़फडा़ने लगे
हवा धके ल के दरवाजा़ आ गई घर मɅ!
कभी हवा कȧ तरह तुम भी आया जाया करो!!
HindiBooksOnline.blogspot.com
११.कभी कभी बाजा़र मɅ यूँ भी हो जाता है
क़ȧमत ठȤक थी,जेब मɅ इतने दाम नहȣं थे
ऐसे हȣ इक बार मɇ तुम को हार आया था।
१२. वह मेरे साथ हȣ था दरू तक मगर इक Ǒदन
जो मुड़ के देखा तो वह दोःत मेरे साथ न था
फटȣ हो जेब तो कु छ िसÈके खो भी जाते हɇ।
१३.वह ǔजस साँस का ǐरँता बंधा हआु था मेरा
दबा के दाँत तले साँस काट दȣ उसने
कटȣ पतंग का मांझा मुहãले भर मɅ लुटा!
१४. कु छ मेरे यार थे रहते थे मेरे साथ हमेशा
कोई साथ आया था,उÛहɅ ले गया,Ǒफर नहȣं लौटे
शेãफ़ से िनकली Ǒकताबɉ कȧ जगह ख़ाली पड़ȣ है!
१५.इतनी लàबी अंगड़ाई ली लड़कȧ ने
शोले जैसे सूरज पर जा हाथ लगा
छाले जैसा चांद पडा़ है उंगली पर!
१६. बुड़ बुड़ करते लÝज़ɉ को िचमटȣ से पकड़ो
फɅ को और मसल दो पैर कȧ ऐड़ȣ से ।
अफ़वाहɉ को खूँ पीने कȧ आदत है।
१७.चूड़ȣ के टकड़ेु थे,पैर मɅ चुभते हȣ खूँ बह िनकला
नंगे पाँव खेल रहा था,लड़का अपने आँगन मɅ
बाप ने कल दाǾ पी के माँ कȧ बाँह मरोड़ȣ थी!
HindiBooksOnline.blogspot.com
१८.चाँद के माथे पर बचपन कȧ चोट के दाग़ नज़र आते हɇ
रोड़े, प×थर और गु़ãलɉ से Ǒदन भर खेला करता था
बहतु कहा आवारा उãकाओं कȧ संगत ठȤक नहȣं!
१९.कोई सूरत भी मुझे पूरȣ नज़र आती नहȣं
आँख के शीशे मेरे चुटख़े हयेु हɇ कब से
टकड़ɉु टकड़ɉु मɅ सभी लोग िमले हɇ मुझ को!
२०.कोने वाली सीट पे अब दो और हȣ कोई बैठते हɇ
ǒपछले चÛद महȣनɉ से अब वो भी लड़ते रहते हɇ
Èलक[ हɇ दोनɉ,लगता है अब शादȣ करने वाले हɇ
२१. कु छ इस तरह Éयाल तेरा जल उठा Ǒक बस
जैसे दȣया-सलाई जली हो अँधेरे मɅ
अब फूं क भी दो,वरना ये उंगली जलाएगा!
२२.कांटे वाली तार पे Ǒकसने गीले कपड़े टांगे हɇ
ख़ून टपकता रहता है और नाली मɅ बह जाता है
Èयɉ इस फौ़जी कȧ बेवा हर रोज़ ये वदȹ धोती है।
२३. आओ ज़बानɅ बाँट लɅ अब अपनी अपनी हम
न तुम सुनोगे बात, ना हमको समझना है।
दो अनपढ़ɉ Ǒक Ǒकतनी मोहÞबत है अदब से
२४.नाप के वÈत भरा जाता है ,रेत घड़ȣ मɅ-
इक तरफ़ खा़ली हो जबǑफर से उलट देते हɇ उसको
उॆ जब ख़×म हो ,Èया मुझ को वो उãटा नहȣं सकता?
HindiBooksOnline.blogspot.com
२५. तुàहारे हɉठ बहतु खु़ँक खु़ँक रहते हɇ
इÛहȣं लबɉ पे कभी ताज़ा शे’र िमलते थे
ये तुमने हɉठɉ पे अफसाने रख िलये कब से?
HindiBooksOnline.blogspot.com

Más contenido relacionado

Destacado

Usando dos pronombres
Usando dos pronombresUsando dos pronombres
Usando dos pronombresLily Butcher
 
Guia de interpretação astrológico2
Guia de interpretação astrológico2Guia de interpretação astrológico2
Guia de interpretação astrológico2Fatima Tomaz
 
20160723093914549 1
20160723093914549 120160723093914549 1
20160723093914549 1Teh Joo Foon
 
BSB - Lección 2: El pretérito de los verbos
BSB -  Lección 2: El pretérito de los verbosBSB -  Lección 2: El pretérito de los verbos
BSB - Lección 2: El pretérito de los verbosLily Butcher
 
mamiferos
mamiferosmamiferos
mamiferostiapame
 
Spoken english-for-tamils
Spoken english-for-tamilsSpoken english-for-tamils
Spoken english-for-tamilsmadhan_smile
 
Te-The_Nguyen-CV-2016.fr
Te-The_Nguyen-CV-2016.frTe-The_Nguyen-CV-2016.fr
Te-The_Nguyen-CV-2016.frTe-The
 
Outono - Maria Miranda
Outono - Maria MirandaOutono - Maria Miranda
Outono - Maria Mirandaeducacaoxxi
 
Logistics Management Diplom
Logistics Management DiplomLogistics Management Diplom
Logistics Management DiplomElvis Agbor
 
Pegn notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...
Pegn   notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...Pegn   notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...
Pegn notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...suafrankiavirtual
 
Coxsackie e echo
Coxsackie e echoCoxsackie e echo
Coxsackie e echocarlospt1
 

Destacado (20)

Usando dos pronombres
Usando dos pronombresUsando dos pronombres
Usando dos pronombres
 
ApresentaçãO Vedas17 2012
ApresentaçãO Vedas17 2012ApresentaçãO Vedas17 2012
ApresentaçãO Vedas17 2012
 
16082016124816-0001
16082016124816-000116082016124816-0001
16082016124816-0001
 
Emanuel
EmanuelEmanuel
Emanuel
 
Taller 29
Taller 29Taller 29
Taller 29
 
Guia de interpretação astrológico2
Guia de interpretação astrológico2Guia de interpretação astrológico2
Guia de interpretação astrológico2
 
20160723093914549 1
20160723093914549 120160723093914549 1
20160723093914549 1
 
BSB - Lección 2: El pretérito de los verbos
BSB -  Lección 2: El pretérito de los verbosBSB -  Lección 2: El pretérito de los verbos
BSB - Lección 2: El pretérito de los verbos
 
Hallo0809
Hallo0809Hallo0809
Hallo0809
 
mamiferos
mamiferosmamiferos
mamiferos
 
Spoken english-for-tamils
Spoken english-for-tamilsSpoken english-for-tamils
Spoken english-for-tamils
 
Mesopotâmia
MesopotâmiaMesopotâmia
Mesopotâmia
 
Te-The_Nguyen-CV-2016.fr
Te-The_Nguyen-CV-2016.frTe-The_Nguyen-CV-2016.fr
Te-The_Nguyen-CV-2016.fr
 
El lider
El liderEl lider
El lider
 
Outono - Maria Miranda
Outono - Maria MirandaOutono - Maria Miranda
Outono - Maria Miranda
 
Logistics Management Diplom
Logistics Management DiplomLogistics Management Diplom
Logistics Management Diplom
 
RCSA Grand
RCSA GrandRCSA Grand
RCSA Grand
 
Pegn notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...
Pegn   notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...Pegn   notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...
Pegn notícias - “conquistei o prazer de comandar a empresa da minha casa de...
 
Thatiana_Ribeiro_novembro.2014
Thatiana_Ribeiro_novembro.2014Thatiana_Ribeiro_novembro.2014
Thatiana_Ribeiro_novembro.2014
 
Coxsackie e echo
Coxsackie e echoCoxsackie e echo
Coxsackie e echo
 

Similar a Gulzar ki triveniyan hindi poetry

भूली बिसरी यादें
 भूली बिसरी यादें   भूली बिसरी यादें
भूली बिसरी यादें VirendraShrivastava2
 
Wasim barelvi: mera kya
Wasim barelvi: mera kyaWasim barelvi: mera kya
Wasim barelvi: mera kyaVishal Khatri
 
अकेली मन्नू भंडारी
अकेली   मन्नू भंडारीअकेली   मन्नू भंडारी
अकेली मन्नू भंडारीGautamKumar930756
 
hindi english conversation 30 50
hindi english conversation 30 50hindi english conversation 30 50
hindi english conversation 30 50Kapil Kumawat
 
झुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdfKshtriya Powar
 
Khamosh lamhe 2
Khamosh lamhe 2Khamosh lamhe 2
Khamosh lamhe 2Ak Rajput
 
मेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम में
मेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम मेंमेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम में
मेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम मेंVirendraShrivastava2
 

Similar a Gulzar ki triveniyan hindi poetry (10)

भूली बिसरी यादें
 भूली बिसरी यादें   भूली बिसरी यादें
भूली बिसरी यादें
 
Wasim barelvi: mera kya
Wasim barelvi: mera kyaWasim barelvi: mera kya
Wasim barelvi: mera kya
 
अकेली मन्नू भंडारी
अकेली   मन्नू भंडारीअकेली   मन्नू भंडारी
अकेली मन्नू भंडारी
 
hindi english conversation 30 50
hindi english conversation 30 50hindi english conversation 30 50
hindi english conversation 30 50
 
झुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक फेब्रुवारी 2023-1.pdf
 
Khamosh lamhe 2
Khamosh lamhe 2Khamosh lamhe 2
Khamosh lamhe 2
 
मेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम में
मेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम मेंमेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम में
मेरें बचपन का पहला दशक मेरें रतलाम में
 
Dogri - Testament of Zebulun.pdf
Dogri - Testament of Zebulun.pdfDogri - Testament of Zebulun.pdf
Dogri - Testament of Zebulun.pdf
 
प्रकृति
प्रकृतिप्रकृति
प्रकृति
 
Hindi blog
Hindi blogHindi blog
Hindi blog
 

Gulzar ki triveniyan hindi poetry

  • 2. गुलज़ार कȧ ǒऽवेǔणयाँ १.मां ने ǔजस चांद सी दãहनु कȧ दआु दȣ थी मुझे आज कȧ रात वह फ़ु टपाथ से देखा मɇने रात भर रोटȣ नज़र आया है वो चांद मुझे २.सारा Ǒदन बैठा,मɇ हाथ मɅ लेकर खा़ली कासा(िभ¢ापाऽ) रात जो गुज़रȣ,चांद कȧ कौड़ȣ डाल गई उसमɅ सूदखो़र सूरज कल मुझसे ये भी ले जायेगा। ३.सामने आये मेरे,देखा मुझे,बात भी कȧ मुःकराए भी,पुरानी Ǒकसी पहचान कȧ ख़ाितर कल का अख़बार था,बस देख िलया,रख भी Ǒदया। HindiBooksOnline.blogspot.com
  • 3. ४.शोला सा गुज़रता है मेरे ǔजःम से होकर Ǒकस लौ से उतारा है खुदावंद ने तुम को ितनकɉ का मेरा घर है,कभी आओ तो Èया हो? ५.ज़मीं भी उसकȧ,ज़मी कȧ नेमतɅ उसकȧ ये सब उसी का है,घर भी,ये घर के बंदे भी खुदा से कǑहये,कभी वो भी अपने घर आयɅ! ६.लोग मेलɉ मɅ भी गुम हो कर िमले हɇ बारहा दाःतानɉ के Ǒकसी Ǒदलचःप से इक मोड़ पर यूँ हमेशा के िलये भी Èया ǒबछड़ता है कोई? ७.आप कȧ खा़ितर अगर हम लूट भी लɅ आसमाँ Èया िमलेगा चंद चमकȧले से शीशे तोड़ के ! चाँद चुभ जायेगा उंगली मɅ तो खू़न आ जायेगा ८.पौ फू टȣ है और Ǒकरणɉ से काँच बजे हɇ घर जाने का वÈत हआु है,पाँच बजे हɇ सारȣ शब घǑड़याल ने चौकȧदारȣ कȧ है! ९.बे लगाम उड़ती हɇ कु छ ÉवाǑहशɅ ऐसे Ǒदल मɅ ‘मेÈसीकन’ Ǒफ़ãमɉ मɅ कु छ दौड़ते घोड़े जैसे। थान पर बाँधी नहȣं जातीं सभी ÉवाǑहशɅ मुझ से। १०.तमाम सफ़हे Ǒकताबɉ के फड़फडा़ने लगे हवा धके ल के दरवाजा़ आ गई घर मɅ! कभी हवा कȧ तरह तुम भी आया जाया करो!! HindiBooksOnline.blogspot.com
  • 4. ११.कभी कभी बाजा़र मɅ यूँ भी हो जाता है क़ȧमत ठȤक थी,जेब मɅ इतने दाम नहȣं थे ऐसे हȣ इक बार मɇ तुम को हार आया था। १२. वह मेरे साथ हȣ था दरू तक मगर इक Ǒदन जो मुड़ के देखा तो वह दोःत मेरे साथ न था फटȣ हो जेब तो कु छ िसÈके खो भी जाते हɇ। १३.वह ǔजस साँस का ǐरँता बंधा हआु था मेरा दबा के दाँत तले साँस काट दȣ उसने कटȣ पतंग का मांझा मुहãले भर मɅ लुटा! १४. कु छ मेरे यार थे रहते थे मेरे साथ हमेशा कोई साथ आया था,उÛहɅ ले गया,Ǒफर नहȣं लौटे शेãफ़ से िनकली Ǒकताबɉ कȧ जगह ख़ाली पड़ȣ है! १५.इतनी लàबी अंगड़ाई ली लड़कȧ ने शोले जैसे सूरज पर जा हाथ लगा छाले जैसा चांद पडा़ है उंगली पर! १६. बुड़ बुड़ करते लÝज़ɉ को िचमटȣ से पकड़ो फɅ को और मसल दो पैर कȧ ऐड़ȣ से । अफ़वाहɉ को खूँ पीने कȧ आदत है। १७.चूड़ȣ के टकड़ेु थे,पैर मɅ चुभते हȣ खूँ बह िनकला नंगे पाँव खेल रहा था,लड़का अपने आँगन मɅ बाप ने कल दाǾ पी के माँ कȧ बाँह मरोड़ȣ थी! HindiBooksOnline.blogspot.com
  • 5. १८.चाँद के माथे पर बचपन कȧ चोट के दाग़ नज़र आते हɇ रोड़े, प×थर और गु़ãलɉ से Ǒदन भर खेला करता था बहतु कहा आवारा उãकाओं कȧ संगत ठȤक नहȣं! १९.कोई सूरत भी मुझे पूरȣ नज़र आती नहȣं आँख के शीशे मेरे चुटख़े हयेु हɇ कब से टकड़ɉु टकड़ɉु मɅ सभी लोग िमले हɇ मुझ को! २०.कोने वाली सीट पे अब दो और हȣ कोई बैठते हɇ ǒपछले चÛद महȣनɉ से अब वो भी लड़ते रहते हɇ Èलक[ हɇ दोनɉ,लगता है अब शादȣ करने वाले हɇ २१. कु छ इस तरह Éयाल तेरा जल उठा Ǒक बस जैसे दȣया-सलाई जली हो अँधेरे मɅ अब फूं क भी दो,वरना ये उंगली जलाएगा! २२.कांटे वाली तार पे Ǒकसने गीले कपड़े टांगे हɇ ख़ून टपकता रहता है और नाली मɅ बह जाता है Èयɉ इस फौ़जी कȧ बेवा हर रोज़ ये वदȹ धोती है। २३. आओ ज़बानɅ बाँट लɅ अब अपनी अपनी हम न तुम सुनोगे बात, ना हमको समझना है। दो अनपढ़ɉ Ǒक Ǒकतनी मोहÞबत है अदब से २४.नाप के वÈत भरा जाता है ,रेत घड़ȣ मɅ- इक तरफ़ खा़ली हो जबǑफर से उलट देते हɇ उसको उॆ जब ख़×म हो ,Èया मुझ को वो उãटा नहȣं सकता? HindiBooksOnline.blogspot.com
  • 6. २५. तुàहारे हɉठ बहतु खु़ँक खु़ँक रहते हɇ इÛहȣं लबɉ पे कभी ताज़ा शे’र िमलते थे ये तुमने हɉठɉ पे अफसाने रख िलये कब से? HindiBooksOnline.blogspot.com