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MYSTERIOUS SCIENCE OF UNIVERSE
AND
THE GOD
Narendra Swarup Agarwal
B. E. (Chemical)
IIT Roorkee
• The universe is full of mysteries, as is God. Now you will know the secret of all the mysteries.
Electromagnetic (EM) waves or radiation exist everywhere in the universe. Sunlight is a small fraction of EM
waves. All these waves consist of tiny particles known as photons. The photons are mysterious particles that
display several mysterious phenomena.
• When we compare an atom with the solar system, surprisingly, the construction of both is the same. A heavy
nucleus of 99.9% mass with electrons or planets encircling the nucleus in an elliptical path. The nucleus is at
one of the epicentres and not in the centre. The volume of the nucleus is negligibly small; it may be of the
order of 10-20. The whole universe has this structure.
• I developed the NEW QUANTUM THEORY in 2012 in India. This theory states:
• ‘A photon or a quantum particle has one or more nuclei of concentrated mass and charge in the off-centre
position’.
ENLARGED VIEW OF A PHOTON
CENTRE OF A PHOTON WITH NUCLEUS
FORCES DEVELOPED BY THE NUCLEUS
§ The nucleus rotates around the centre with a constant speed of 2πrf . If a photon moves in the X
direction and forms an up-down wave in the Y direction. The velocities in the X direction is 2πrf
Sinθ and 2πrf Cosθ in the Y direction, where θ is the phase angle. The phase angle is the angular
position of the nucleus. The velocities in the X & Y direction vary continuously as the photon
spins. The change in velocity creates acceleration and mass with acceleration generates the force.
This variable force in the Y direction creates wave formation by a photon. Similarly, the charge in
the nucleus creates EM forces and generates EM wave.
• All the particles in the universe are spinning, moving and have a nucleus of mass and charge
in the off-centre position and follow the NEW QUANTUM THEORY.
• However, this theory is grossly ignored and criticized by the scientists in India as well as in
the world.
FEATURES OF THE NEW QUANTUM THEORY
- This is the secret of all the mysteries in the entire universe.
- The NEW QUANTUM THEORY can be proved with high precision experiments of
Reflection.
- All the Quantum Phenomena are the natural proofs of the The NEW QUANTUM THEORY
.
- The nucleus of conc. mass and charge in a photon/quantum particle is the smallest
particle discovered in the history of science.
- The nucleus is a fundamental particle.
- All the interactions in the universe are controlled by the EM forces. The four forces of nature:
Strong force, EM force, Gravitational force and Weak force or Radio active decay are the
forms of EM force only.
THE FOLLOWING BOOK DESCRIBES THE NEW
QUANTUM THEORY AND QUANTUM PHENOMENA
भगवान
• कौन है भगवान, कै सा है, कहां है और /या है उसक2 शि5यां?
• भगवान 78ा9ड का िवशालतम तारा है िजसे हम सब सवAशि5मान परमिपता परमेCर कहते हD। इसके अंदर Iयूि/लयस जैसे अनेक मौिलक कणL
क2 साइि/लक Mरए/शंस लगातार होती रहती हD जोिक ऊजाA के साथ-साथ मौिलक कणL को और अिधक माUा मV पैदा कर देती हD। इस Wकार
भगवान सदैव ही बढ़ते रहते हD। िजस Wकार उबलते हYए तेल से छोटे बड़े छीटV दूर-दूर तक िबखरते हD, उसी Wकार से भगवान से भी छोटे बड़े छीटV
चारL तरफ ती` गित से दूर चले जाते हD और भगवान क2 पMरaमा करते रहते हD। यह िवशाल तारे अपनी बहYत बड़ी गैले/सी बना लेते देते हD।
एक एक गैले/सी मV अरबो तारे और bह होते हD। इस Wकार 78ा9ड सदैव ही बढ़ता रहता है। इस Wकार सcपूणA 78ांड मV समdत तारे, bह,
जीव-जंतु एवं बनdपित इfयािद क2 उfपिg भगवान से ही हYई है। इसीिलए कहा जाता है िक हम सब मV भगवान का अंश है।
• सबसे िवशाल तारा गैले/सी का dवामी होता है और बाक2 समdत अरबो तारे और bह गैले/सी के dवामी क2 पMरaमा करते रहते हD। हम सब
लोग iुव तारे क2 गैले/सी मV रहते हD, iुव तारे क2 गैले/सी के समdत तारे और bह iुव तारे क2 पMरaमा करते रहते हD। सूयA भी एक तारा है और
इसके सौयA मंडल के समdत bह इसक2 पMरaमा करते हD। iुव तारे क2 गैले/सी मV अनेक सूयA हD, यह सभी सूयA अपने अपने तारो और bहो के
साथ iुव तारे क2 पMरaमा करते रहते हD।
• iुव तारा, पृkवी से लगभग 330 Wकाश वषA दूर है। सूयA का Wकाश के वल 8 िमनट मV पृkवी पर पहYंच जाता है, उसी Wकार से iुव तारे का Wकाश
पृkवी पर 330 वषA मV पहYँचता है। इससे आप iुव तारे क2 दूरी का अंदाजा लगा सकते हD। iुव तारा इतना िवशाल तथा शि5शाली है िक अरबो
तारे और bह इसक2 धुरी (Axis) के अनुसार घुमते हYए इसक2 पMरaमा करते हD। पृkवी भी इसक2 धुरी के अनुसार ही घूमती है। इसी कारण से iुव
तारा हमेशा उgर िदशा मV ही िदखाई पड़ता है। हD। इसी Wकार iुव तारा भी भगवान के चारL ओर उनक2 धुरी के अनुसार पूरे 78ा9ड मV पMरaमा
करता रहता है। इसका मतलब हYआ िक भगवान् ही पूरे 78ा9ड के समdत तारो और bहो को अपने िनयंUण मV रखते हD।
• iुव तारा ही हमारा दूसरा सबसे बड़ा भगवान है।
• !ाचीन काल के भारतीय वै0ािनक2 को इसके बारे म8 पता था। <वाि<तक का िच=ह ?ुव तारे कA सBपूणE गैलेGसी को दशाEता है,
<वाि<तक का क8 K ?ुव तारा ही है।
• वै0ािनक2 ने वैिदक िव0ान को अMयंत िवकिसत कर िलया था, कुछ लोग2 ने उसी िव0ान के 0ान से अनेक अQुत वै0ािनक उपकरण
बना िलए िजसके कA उनको असीम Tमताएयं !ाU हो गयी, उ=ही असधारण Tमताओंके कारण वह अनेक अQुत कायE कर सकते
थे। इसीिलए वह सभी XयिY देवी-देवता कहलाते ह[। आज भी !मुख देवी-देवताओंके मंिदर बने ह^ए है तथा पूजे जाते है। कुछ देवी-
देवताओंने िविभ=न !कार कA शिYयां !ाU कर ली जैसे िक ऐसे यं` जो दुa लोग2 का िवनाश कर सके या कोई अcछा काम बह^त
तीd गित से कर सके , कुछ देवी-देवताओंने अefय होने कA वै0ािनक शिY !ाU करली इसीिलए जब वह भY2 के पास जाते थे तो
एकदम से !कट हो जाते थे और िफर एकदम से अefय हो जाते थे।
• देव$ के देव महादेव के पास बह-त अिधक शि3यां थी। उनका ि;शूल बह-त ही अ>ुत था। ि;शूल से अनेक अस@भव कायB
हो सकते थे, जैसे िक श;ुओंका िवनाश और बह-त से िवकास के कायB। उनके पास िवष को बेअसर करने कJ तकनीक भी
थी। उनका तीसरा ने; खुलने से सामने वाले मनुLय या अMय कोई भी चीज एकदम से भQम हो जाती थी।
• RीकृLणजी के पास अलौिकक शि3यां थी, उनका सुदशBन चW िकसी भी श;ु का िवनाश करके वापस उनके पास लौट
आता था। हिQतनापुर के दरबार मZ जब दुय[धन के आदेश पर सैिनको ने RीकृLणजी को पकड़ने कJ कोिशश करी, तब
RीकृLणजी ने हाई वो]टेज इले_`ो मैaनेिटक फJ]ड एकदम से अपने चार$ और बना िलया, इस इले_`ोमैaनेिटक फJ]ड के
कारण कोई भी सैिनक या उनके हिथयार RीकृLणजी के पास नहd पह-ंच सकते थे। उMहZ e@हांड का fान था जो उMह$ने गीता
के उपदेश मZ अजुBन को hदान िकया।
• भगवान jी िवkणु तथा भगवान jी रामके पास सभी अQुत अलौिकक शिYयां थी। उनको पूरे mnांड का 0ान था वह कोई भी
असंभव कायE सरलता से कर सकते थे। इसीिलए वह दोन2 भगवान् है तथा भगवान के qप म8 ही पूजे जाते है और सदैव पूजे जाएंगे।
• उदाहरण के िलए भगवान jीराम ने जब समुK के पानी को सुखाने का िनणEय िलया, समुK के जल को सुखाने का मतलब कA पूरे
संसार के सभी समुK2 के जल को सुखाना है, Gय2िक सारे ही समुK आपस म8 िमले ह^ए ह[। इतनी िवशाल शिY का उपयोग कुछ ही
सेकं ड म8 कर पाना िकसी भगवान के ही बस म8 है। अगर भगवान jीराम चाहते तो अपने एक बाण से ही सीता माता को लंका म8 रTा
कवच पहना कर पूरी लंका का सवEनाश कर सकते थे, परंतु उ=ह2ने ऐसा नहr िकया Gय2िक उसम8 िनरपराध लोग भी मारे जाते।
भगवान jी राम ने अनेक असंभव कायE िकये, जोिक आप सबको पहले से ही 0ात है। भगवान jी राम कA असीिमत वै0ािनक
शिYय2 कA कsपना करना भी असंभव है।
हनुमान चालीसा के अ.ुत रह1य
• हनुमान चालीसा, महािवtान jी तुलसीदासजी कA एक छोटी सी रचना है। यह अQुत रचना अपने अंदर िवशाल वै0ािनक रह<य2 को
अपने छोटे छोटे दोहो म8 िछपाये ह^ए है। jी तुलसीदासजी के असीिमत 0ान कA कsपना करना भी मेरे िलए असंभव है। jी
तुलसीदासजी को शत शत !णाम।
• म[ने िव0ानं के सहारे इसके रह<य2 को थोड़ा बह^त समझने का !यास िकया है ।अनेक िडGशनwरय2 का सहारा िलया, िफर भी यह कायE
मेरे िलए अMयंत किठन था और इसम8 काफA समय लगा।
• इसका एक दोहा, jी राम को भगवान िसy करता है तथा एक अ=य दोहा jी हनुमानजी का सBपूणE XयिYMव उजागर कर देता है।
जय हनुमान (ान गुन सागर ।
जय कपीस /तहुं लोक उजागर । ।
• इस पृ%वी पर सागर ही सबसे िवशाल है, पृ%वी के ७0% िह8से से अिधक म< सागर फै ला ह>आ है तथा इस पृ%वी पर सागर ही सबसे अिधक गहरा है। सागर
कC िवशालता एवं गहराई कC तरह Gी हनुमानजी के Kान तथा गुण भी इस संसार म< सबसे अिधक िवशाल तथा गहरे हN।
• आजकल लोग एक िवषय अथवा दो िवषय1 म3 Ph. D. कर लेते है, उसी Aकार से Bी हनुमानजी ने पृGवी पर उपलHध सभी िवKाओंम3 Ph. D. से भी सबसे
अिधक Oान अपने बालकाल म3 ही AाP कर िलया। इसीिलए वह संसार म3 सबसे अिधक Oानी एवं गुणी है।
• किप शHद के अथU है - सूयU, हाथी एवं वानर इXयािद। अथाUत Bी हनुमानजी सूयU जैसे ऊजाUवान एवं तेजZवी, हाथी जैसे िवशाल एवं शि[शाली तथा वानर जैसे
फुत]ले एवं एकदम से कह^ भी पह_ंच सकने वाले aयि[य1 कb सेना के Aमुख है।
• Bी हनुमानजी ने अपने सवाUिधक वैOािनक Oान का उपयोग करके ऐसे ऐसे उपकरणो का अिवeकार िकया िजससे सभी पृGवी वािसय1 का जीवन सुखी तथा सुगम
हो गया। Bी हनुमानजी ने लंका म3 माता सीता से िमलने के बाद वानर fप धारण िकया िजससे िक वहा उपिZथत सैिनको को लगे िक एक वानर अशोक
वािटका म3 फल खाने के िलए आ गया है, यह fप इतना Aिसh है िक Bी हनुमानजी पूरे संसार म3 वानर के fप म3 पूजे जाते हi।
• परमा%मा का (ान तो हो गया पर/तु अभी आ%मा का (ान होना अभी बाक6 है।
• काय9 ही सबसे बड़ी पूजा है।
• मानव जाित क6 समृिB तथा िवकास के िलए काय9 करना ही सबसे बड़ा धम9 है।
• जय Gी राम
• जय Gी हनुमानजी
• जय Gी तुलसीदासजी
! ! !

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  • 1. MYSTERIOUS SCIENCE OF UNIVERSE AND THE GOD
  • 2. Narendra Swarup Agarwal B. E. (Chemical) IIT Roorkee
  • 3. • The universe is full of mysteries, as is God. Now you will know the secret of all the mysteries. Electromagnetic (EM) waves or radiation exist everywhere in the universe. Sunlight is a small fraction of EM waves. All these waves consist of tiny particles known as photons. The photons are mysterious particles that display several mysterious phenomena. • When we compare an atom with the solar system, surprisingly, the construction of both is the same. A heavy nucleus of 99.9% mass with electrons or planets encircling the nucleus in an elliptical path. The nucleus is at one of the epicentres and not in the centre. The volume of the nucleus is negligibly small; it may be of the order of 10-20. The whole universe has this structure. • I developed the NEW QUANTUM THEORY in 2012 in India. This theory states: • ‘A photon or a quantum particle has one or more nuclei of concentrated mass and charge in the off-centre position’.
  • 4. ENLARGED VIEW OF A PHOTON
  • 5. CENTRE OF A PHOTON WITH NUCLEUS
  • 6. FORCES DEVELOPED BY THE NUCLEUS § The nucleus rotates around the centre with a constant speed of 2πrf . If a photon moves in the X direction and forms an up-down wave in the Y direction. The velocities in the X direction is 2πrf Sinθ and 2πrf Cosθ in the Y direction, where θ is the phase angle. The phase angle is the angular position of the nucleus. The velocities in the X & Y direction vary continuously as the photon spins. The change in velocity creates acceleration and mass with acceleration generates the force. This variable force in the Y direction creates wave formation by a photon. Similarly, the charge in the nucleus creates EM forces and generates EM wave. • All the particles in the universe are spinning, moving and have a nucleus of mass and charge in the off-centre position and follow the NEW QUANTUM THEORY. • However, this theory is grossly ignored and criticized by the scientists in India as well as in the world.
  • 7. FEATURES OF THE NEW QUANTUM THEORY - This is the secret of all the mysteries in the entire universe. - The NEW QUANTUM THEORY can be proved with high precision experiments of Reflection. - All the Quantum Phenomena are the natural proofs of the The NEW QUANTUM THEORY . - The nucleus of conc. mass and charge in a photon/quantum particle is the smallest particle discovered in the history of science. - The nucleus is a fundamental particle. - All the interactions in the universe are controlled by the EM forces. The four forces of nature: Strong force, EM force, Gravitational force and Weak force or Radio active decay are the forms of EM force only.
  • 8. THE FOLLOWING BOOK DESCRIBES THE NEW QUANTUM THEORY AND QUANTUM PHENOMENA
  • 9. भगवान • कौन है भगवान, कै सा है, कहां है और /या है उसक2 शि5यां? • भगवान 78ा9ड का िवशालतम तारा है िजसे हम सब सवAशि5मान परमिपता परमेCर कहते हD। इसके अंदर Iयूि/लयस जैसे अनेक मौिलक कणL क2 साइि/लक Mरए/शंस लगातार होती रहती हD जोिक ऊजाA के साथ-साथ मौिलक कणL को और अिधक माUा मV पैदा कर देती हD। इस Wकार भगवान सदैव ही बढ़ते रहते हD। िजस Wकार उबलते हYए तेल से छोटे बड़े छीटV दूर-दूर तक िबखरते हD, उसी Wकार से भगवान से भी छोटे बड़े छीटV चारL तरफ ती` गित से दूर चले जाते हD और भगवान क2 पMरaमा करते रहते हD। यह िवशाल तारे अपनी बहYत बड़ी गैले/सी बना लेते देते हD। एक एक गैले/सी मV अरबो तारे और bह होते हD। इस Wकार 78ा9ड सदैव ही बढ़ता रहता है। इस Wकार सcपूणA 78ांड मV समdत तारे, bह, जीव-जंतु एवं बनdपित इfयािद क2 उfपिg भगवान से ही हYई है। इसीिलए कहा जाता है िक हम सब मV भगवान का अंश है।
  • 10. • सबसे िवशाल तारा गैले/सी का dवामी होता है और बाक2 समdत अरबो तारे और bह गैले/सी के dवामी क2 पMरaमा करते रहते हD। हम सब लोग iुव तारे क2 गैले/सी मV रहते हD, iुव तारे क2 गैले/सी के समdत तारे और bह iुव तारे क2 पMरaमा करते रहते हD। सूयA भी एक तारा है और इसके सौयA मंडल के समdत bह इसक2 पMरaमा करते हD। iुव तारे क2 गैले/सी मV अनेक सूयA हD, यह सभी सूयA अपने अपने तारो और bहो के साथ iुव तारे क2 पMरaमा करते रहते हD। • iुव तारा, पृkवी से लगभग 330 Wकाश वषA दूर है। सूयA का Wकाश के वल 8 िमनट मV पृkवी पर पहYंच जाता है, उसी Wकार से iुव तारे का Wकाश पृkवी पर 330 वषA मV पहYँचता है। इससे आप iुव तारे क2 दूरी का अंदाजा लगा सकते हD। iुव तारा इतना िवशाल तथा शि5शाली है िक अरबो तारे और bह इसक2 धुरी (Axis) के अनुसार घुमते हYए इसक2 पMरaमा करते हD। पृkवी भी इसक2 धुरी के अनुसार ही घूमती है। इसी कारण से iुव तारा हमेशा उgर िदशा मV ही िदखाई पड़ता है। हD। इसी Wकार iुव तारा भी भगवान के चारL ओर उनक2 धुरी के अनुसार पूरे 78ा9ड मV पMरaमा करता रहता है। इसका मतलब हYआ िक भगवान् ही पूरे 78ा9ड के समdत तारो और bहो को अपने िनयंUण मV रखते हD। • iुव तारा ही हमारा दूसरा सबसे बड़ा भगवान है।
  • 11. • !ाचीन काल के भारतीय वै0ािनक2 को इसके बारे म8 पता था। <वाि<तक का िच=ह ?ुव तारे कA सBपूणE गैलेGसी को दशाEता है, <वाि<तक का क8 K ?ुव तारा ही है। • वै0ािनक2 ने वैिदक िव0ान को अMयंत िवकिसत कर िलया था, कुछ लोग2 ने उसी िव0ान के 0ान से अनेक अQुत वै0ािनक उपकरण बना िलए िजसके कA उनको असीम Tमताएयं !ाU हो गयी, उ=ही असधारण Tमताओंके कारण वह अनेक अQुत कायE कर सकते थे। इसीिलए वह सभी XयिY देवी-देवता कहलाते ह[। आज भी !मुख देवी-देवताओंके मंिदर बने ह^ए है तथा पूजे जाते है। कुछ देवी- देवताओंने िविभ=न !कार कA शिYयां !ाU कर ली जैसे िक ऐसे यं` जो दुa लोग2 का िवनाश कर सके या कोई अcछा काम बह^त तीd गित से कर सके , कुछ देवी-देवताओंने अefय होने कA वै0ािनक शिY !ाU करली इसीिलए जब वह भY2 के पास जाते थे तो एकदम से !कट हो जाते थे और िफर एकदम से अefय हो जाते थे।
  • 12. • देव$ के देव महादेव के पास बह-त अिधक शि3यां थी। उनका ि;शूल बह-त ही अ>ुत था। ि;शूल से अनेक अस@भव कायB हो सकते थे, जैसे िक श;ुओंका िवनाश और बह-त से िवकास के कायB। उनके पास िवष को बेअसर करने कJ तकनीक भी थी। उनका तीसरा ने; खुलने से सामने वाले मनुLय या अMय कोई भी चीज एकदम से भQम हो जाती थी। • RीकृLणजी के पास अलौिकक शि3यां थी, उनका सुदशBन चW िकसी भी श;ु का िवनाश करके वापस उनके पास लौट आता था। हिQतनापुर के दरबार मZ जब दुय[धन के आदेश पर सैिनको ने RीकृLणजी को पकड़ने कJ कोिशश करी, तब RीकृLणजी ने हाई वो]टेज इले_`ो मैaनेिटक फJ]ड एकदम से अपने चार$ और बना िलया, इस इले_`ोमैaनेिटक फJ]ड के कारण कोई भी सैिनक या उनके हिथयार RीकृLणजी के पास नहd पह-ंच सकते थे। उMहZ e@हांड का fान था जो उMह$ने गीता के उपदेश मZ अजुBन को hदान िकया।
  • 13. • भगवान jी िवkणु तथा भगवान jी रामके पास सभी अQुत अलौिकक शिYयां थी। उनको पूरे mnांड का 0ान था वह कोई भी असंभव कायE सरलता से कर सकते थे। इसीिलए वह दोन2 भगवान् है तथा भगवान के qप म8 ही पूजे जाते है और सदैव पूजे जाएंगे। • उदाहरण के िलए भगवान jीराम ने जब समुK के पानी को सुखाने का िनणEय िलया, समुK के जल को सुखाने का मतलब कA पूरे संसार के सभी समुK2 के जल को सुखाना है, Gय2िक सारे ही समुK आपस म8 िमले ह^ए ह[। इतनी िवशाल शिY का उपयोग कुछ ही सेकं ड म8 कर पाना िकसी भगवान के ही बस म8 है। अगर भगवान jीराम चाहते तो अपने एक बाण से ही सीता माता को लंका म8 रTा कवच पहना कर पूरी लंका का सवEनाश कर सकते थे, परंतु उ=ह2ने ऐसा नहr िकया Gय2िक उसम8 िनरपराध लोग भी मारे जाते। भगवान jी राम ने अनेक असंभव कायE िकये, जोिक आप सबको पहले से ही 0ात है। भगवान jी राम कA असीिमत वै0ािनक शिYय2 कA कsपना करना भी असंभव है।
  • 15. • हनुमान चालीसा, महािवtान jी तुलसीदासजी कA एक छोटी सी रचना है। यह अQुत रचना अपने अंदर िवशाल वै0ािनक रह<य2 को अपने छोटे छोटे दोहो म8 िछपाये ह^ए है। jी तुलसीदासजी के असीिमत 0ान कA कsपना करना भी मेरे िलए असंभव है। jी तुलसीदासजी को शत शत !णाम। • म[ने िव0ानं के सहारे इसके रह<य2 को थोड़ा बह^त समझने का !यास िकया है ।अनेक िडGशनwरय2 का सहारा िलया, िफर भी यह कायE मेरे िलए अMयंत किठन था और इसम8 काफA समय लगा। • इसका एक दोहा, jी राम को भगवान िसy करता है तथा एक अ=य दोहा jी हनुमानजी का सBपूणE XयिYMव उजागर कर देता है। जय हनुमान (ान गुन सागर । जय कपीस /तहुं लोक उजागर । ।
  • 16. • इस पृ%वी पर सागर ही सबसे िवशाल है, पृ%वी के ७0% िह8से से अिधक म< सागर फै ला ह>आ है तथा इस पृ%वी पर सागर ही सबसे अिधक गहरा है। सागर कC िवशालता एवं गहराई कC तरह Gी हनुमानजी के Kान तथा गुण भी इस संसार म< सबसे अिधक िवशाल तथा गहरे हN। • आजकल लोग एक िवषय अथवा दो िवषय1 म3 Ph. D. कर लेते है, उसी Aकार से Bी हनुमानजी ने पृGवी पर उपलHध सभी िवKाओंम3 Ph. D. से भी सबसे अिधक Oान अपने बालकाल म3 ही AाP कर िलया। इसीिलए वह संसार म3 सबसे अिधक Oानी एवं गुणी है। • किप शHद के अथU है - सूयU, हाथी एवं वानर इXयािद। अथाUत Bी हनुमानजी सूयU जैसे ऊजाUवान एवं तेजZवी, हाथी जैसे िवशाल एवं शि[शाली तथा वानर जैसे फुत]ले एवं एकदम से कह^ भी पह_ंच सकने वाले aयि[य1 कb सेना के Aमुख है। • Bी हनुमानजी ने अपने सवाUिधक वैOािनक Oान का उपयोग करके ऐसे ऐसे उपकरणो का अिवeकार िकया िजससे सभी पृGवी वािसय1 का जीवन सुखी तथा सुगम हो गया। Bी हनुमानजी ने लंका म3 माता सीता से िमलने के बाद वानर fप धारण िकया िजससे िक वहा उपिZथत सैिनको को लगे िक एक वानर अशोक वािटका म3 फल खाने के िलए आ गया है, यह fप इतना Aिसh है िक Bी हनुमानजी पूरे संसार म3 वानर के fप म3 पूजे जाते हi।
  • 17. • परमा%मा का (ान तो हो गया पर/तु अभी आ%मा का (ान होना अभी बाक6 है। • काय9 ही सबसे बड़ी पूजा है। • मानव जाित क6 समृिB तथा िवकास के िलए काय9 करना ही सबसे बड़ा धम9 है। • जय Gी राम • जय Gी हनुमानजी • जय Gी तुलसीदासजी ! ! !