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CLASS 11 SOCIOLOGY
समाजशास्त्र एवं समाज
समाजशास्त्र परिचय introducing sociology
/quickprepindia /quickprepindia /quickprep
Sociology & Society
Chapter No. 01 part 1
❖ CHAPTER INTRODUCTION
• समाज का क्या अर्थ होता है औि इसकी क्या ववशेषताएं
• मनुष्य क
े समाज औि पशुओं क
े समाज में क्या अंति है
• समाजशास्त्र क
े अर्थ
• समाजशास्त्र की प्रकृ तत औि इसक
े ववषय क्षेर
❖समाजशास्त्र औि सामजजक ववज्ञानं में सम्बन्ध
• समाजशास्त्र औि इततहास
• समाजशास्त्र औि अर्थशास्त्र
• समाजशास्त्र औि िाजनीतत शास्त्र
• समाजशास्त्र औि मानव ववज्ञानं
• समाजशास्त्र औि मनोववज्ञान
❖ समाज का क्या अर्थ
समाजशाजस्त्रयों क
े अनुसाि समाज क
े लोगों में पाए गए संबंधों क
े जाल को जो कक एक दूसिे
से जुडे होते हैं वह समाज हैं औि यह सम्बन्ध अमूतथ (Abstract) संबंध होते हैं
❖समाज की ववशेषताए
1. समाज भिन्नता औि समानता पि आधारित है
2. समाज संबंधों पि आधारित है
3. समाज आत्मतनिथि है
4. समाज अमूतथ होते हैं
5. समाज परिवतथनशील है
(Society Depends upon Likeness Or differences)
(Society Based upon Relationship)
(Society is Inter-dependence )
(Society is Abstract )
(Society is Changeable)
❖ मनुष्य क
े समाज औि पशुओं क
े समाज में क्या अंति
मनुष्य क
े समाज पशुओं क
े समाज
• बोलने सोचने समझने की शजक्त होती
है
• अपनी एक संस्त्कृ तत
• स्त्वय को व्यक्त किने क
े भलए िाषा
का प्रयोग
• िववष्य की चचंता किना औि उसकी
योजनाएं बनाना
• बोलने सोचने समझने की शजक्त नह ं
होती
• संस्त्कृ तत नह ं होती
• स्त्वय को व्यक्त किने क
े भलए िाषा नह ं
होती
• वतथमान में जीते है
❖समाजशास्त्र का अर्थ
o समाज में पाए जाने वाले सामाजजक संबंधों क
े क्रमबद्ध तर्ा व्यवजस्त्र्त अध्ययन किने
वाले जीव को समाजशास्त्र कहा जाता है।
❖समाजशास्त्र की प्रकृ तत
1. समाजशास्त्र एक सामाजजक ववज्ञान है ना कक प्राकृ ततक ववज्ञान
2. समाजशास्त्रएक तनिपेक्ष ववज्ञान ना कक आदशथआत्मक ववज्ञान
3. समाजशास्त्र अमूतथ ववज्ञान है ना की मूतथ ववज्ञान
4. समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान ना कक ववशेष ववज्ञान
❖समाजशास्त्र की उत्पवि
• समाजशास्त्र का जन्म 19वीं शताब्द में हुआ
• 19वीं शताब्द क
े बािे में फ्ांस क
े ववचािक अगस्त्त काम्टे ने समाजशास्त्र का नाम
समाजजक िौततकी िखा औि 1838 में बदलकि समाजशास्त्र िखा
• इस कािण से अगस्त्त कॉमटे को समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है।
• समाजशास्त्र को एक ववषय क
े रूप में ववकभसत किने में दुखीम स्त्पेंसि तर्ा मैक्स
वेबि आदद ववद्वानों क
े ववचाि की काफी िूभमका िह
• िाित में समाजशास्त्र वविाग 1919 में मुंबई ववश्वववद्यालय में शुरू हुआ औि यह
औपचारिक ति क
े से लागू ककया गया
❖िाित में समाजशास्त्र क
े अध्ययन की आवश्यकता
• िाित में व्याप्त क्षेरवाद िाषावाद संप्रदायवाद जाततवाद आदद समस्त्याओं को
व्यवजस्त्र्त ढंग से सुलझाने क
े भलए समाजशास्त्रीय अध्ययन आवश्यक है
• इसी कािण िाित में ववभिन्न समस्त्याओं क
े समाधान क
े भलए समाज शास्त्र का
अध्ययन अचधक लोकवप्रय हुआ है
• समाजशास्त्र में दूसिे समाजों क
े सार् तुलनात्मक अध्ययन िी ककया जाता है
• समाजशास्त्र सामाजजक गततशीलता क
े बािे में िी बताता है
❖ समाजशास्त्र का ववषय क्षेर
• समाजशास्त्र क
े ववषय को वणथन किने क
े भलए दो अलग-अलग ववचािधािाओं से संबंध िखते
हुए समाज शास्त्र में अपने ववचाि ददए
• एक ववचािधािा क
े समर्थकों ने समाजशास्त्र को एक ववशेष ववज्ञान क
े रूप में स्त्वीकाि ककया
ककं तु
• दूसिे ववचािधािा क
े समर्थकों ने समाजशास्त्र क
े ववषय क्षेर संबंधी इसे एक सामान्य ववज्ञान
क
े रूप में वणथन ककया है
1. स्त्वरूपात्मक ववचािधािा Formalistic School - समाजशास्त्र एक ववशेष ववज्ञान है
2. संशलेष्णात्मक ववचािधािा Synthetic School - समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान है
स्त्वरूपात्मक ववचािधािा
Formalistic School
संशलेष्णात्मक ववचािधािा
Synthetic School
इस ववचािधािा क
े समर्थक :
o जॉजथ भसमल टोनीज़ रिचर्थ वान वीज़े वीिकान्त
मैक्स वेबि
• इस ववचािधािा क
े समर्थक समाजशास्त्र को समाजजक संबंधों
क
े स्त्वरूपों क
े अध्ययन तक सीभमत िखकि इसे ववशेष
ववज्ञान बताते हैं
• औि कहते हैं कक सामाजजक ववज्ञान सामाजजक संबंधों क
े
स्त्वरूप को का अध्ययन नह ं किता क
े वल समाजशास्त्री ऐसा
ववज्ञान है
• जो सामाजजक संबंधों क
े स्त्वरूपों का अध्ययन किता है औि
इसी कािण समाजशास्त्र को ववशेष ववज्ञान कहा गया
इस ववचािधािा क
े समर्थक :
o सोिोककन दुखीम होब हाउस
• इस ववचािधािा क
े समर्थक समाजशास्त्र को
साधािण ववज्ञान मानते हैं
• उनक
े अनुसाि सामाजजक अध्ययन का जो क्षेर है
वह बहुत खुला है वह ववस्त्तृत है
• इसभलए सामाजजक जीवन क
े अलग-अलग पक्षों
जैसे िाजनीततक सांस्त्कृ ततक मनोवैज्ञातनक मानव
वैज्ञातनक इत्यादद का ववकास हुआ है
❖ स्त्वरूपात्मक ववचािधािा आलोचना :
• क
े वल समाजशास्त्र अक
े ले ह सामाजजक संबंधों का अध्ययन नह ं किता बजकक औि
सामाजजक ववज्ञान िी किते हैं
❖ संशलेष्णात्मक ववचािधािा आलोचना :
• इस संप्रदाय की आलोचना इस आधाि पि की जाती है कक इसक
े ववचािधािाको ने समाजशास्त्र क
े
ववषय क्षेर को सीभमत नह ं ककया औि यदद इसमें ववज्ञान की ववषय सामग्री शाभमल की गई तो
समाजशास्त्र दूसिे समाज ववज्ञानों की ववषय सामग्री की खखचडी बन कि िह जाएगा औि उसकी अपनी
कोई पहचान नह ं होगी
CLASS 11 SOCIOLOGY
समाजशास्त्र एवं समाज
समाजशास्त्र परिचय introducing sociology
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Sociology & Society
Chapter No. 01 PART-02
❖ CHAPTER INTRODUCTION
• समाज का क्या अर्थ होता है औि इसकी क्या ववशेषताएं
• मनुष्य क
े समाज औि पशुओं क
े समाज में क्या अंति है
• समाजशास्त्र क
े अर्थ
• समाजशास्त्र की प्रकृ तत औि इसक
े ववषय क्षेर
❖समाजशास्त्र औि सामजजक ववज्ञानं में सम्बन्ध
• समाजशास्त्र औि इततहास
• समाजशास्त्र औि अर्थशास्त्र
• समाजशास्त्र औि िाजनीतत शास्त्र
• समाजशास्त्र औि मनोववज्ञान
• तुलनात्मक अध्ययन
PART/01
PART/02
❖समाजशास्त्र क
े अन्य सामाजजक ववज्ञानों क
े
सार् संबंध एक नजि में
1. सिी सामाजजक ववज्ञान समाजशास्त्र से ककसी ना ककसी रूप से संबंचधत है औि दूसि
औि भिन्न िी है
2. इन सब में आपसी सहयोग क
े द्वािा ह ववभिन्न क्षेरों का अध्ययन अच्छे ति क
े से
संिव है।
3. सिी सामाजजक ववज्ञानों का क्षेर अलग अलग है औि इन सिी का क
ें द्र बबंदु सामाजजक
प्राणी मानव ह है।
4. समाजशास्त्र एक सहयोगी व्यवस्त्र्ा का तनमाथण किता है औि सिी ववज्ञानों को एक
सामान्य पटल पि ले आता है
5. इस प्रकाि सामाजजक जीवन की जदटलताओं का अध्ययन ववश्लेषण सिलता से संिव है
❖समाज शास्त्र औि इततहास में संबंध
➢ समाज शास्त्र ➢ इततहास
• समाजशास्त्र सामाजजक घटनाओं क
े अध्ययन
में रुचच िखता है
• समाजशास्त्र ववश्लेषणात्मक औि व्याख्यात्मक
ववज्ञान है।
• समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान है
• समाजशास्त्र प्रश्नावल सवेक्षण साक्षत्काि
ववचधयों का अचधक उपयोग किता है
• जबकक इततहास वपछल घटनाओं में रुचच
िखता है
• इततहास एक वणथनात्मक ववज्ञान है
• इततहास एक ववभशष्ट ववज्ञान है
• इततहास अज्ञात क
े बािे में जानने क
े भलए
कालक्रम, भसक्क
े इत्यादद का उपयोग किते
हैं
❖समाजशास्त्र औि अर्थशास्त्र में संबंध
➢ समाज शास्त्र ➢ अर्थशास्त्र
• समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान है
• समाजशास्त्र सिी प्रकाि क
े रिश्तो का
अध्ययन किता है
• समाजशास्त्र में सामाजजक चिम मापना
बहुत मुजश्कल है
• अर्थशास्त्र एक ववशेष ववज्ञान है
• अर्थशास्त्र क
े वल उस संबंध से संबंचधत जो
चरिर में आचर्थक है
• अर्थशास्त्र प्रकृ तत में ठोस है औि अचधक
सट क है
❖समाजशास्त्र औि िाजनीततक ववज्ञान में संबंध
➢ समाज शास्त्र ➢ िाजनीततक ववज्ञान
• समाजशास्त्र समाज का ववज्ञान है
• समाजशास्त्र दोनों संगदठत औि असंगदठत
समाजों का अध्ययन किता है
• समाजशास्त्र का दायिा व्यापक है।
• समाजशास्त्र मूल रूप से व्यजक्त को एक
सामाजजक प्राणी क
े रूप में अध्ययन किता है
• समाजशास्त्र का दृजष्टकोण सामाजजक है
• िाजनीततक ववज्ञान िाज्य औि सिकाि का ववज्ञान है
• िाजनीततक ववज्ञान क
े वल िाजनीततक रूप से
संगदठत सामाजजक अध्ययन किते हैं
• िाजनीततक ववज्ञान एक संकक्रण क्षेर वाला ववज्ञान है
• िाजनीततक ववज्ञान उसे एक िाजनीततक ववज्ञान क
े
रूप में अध्ययन किता है
• यहां वैज्ञातनक का दृजष्टकोण िाजनीततक है
❖समाजशास्त्र औि मनोववज्ञान में संबंध
➢ समाज शास्त्र ➢ मनोववज्ञान
• समाजशास्त्र मानव व्यवहाि सीखने से संबंचधत है
• समाजशास्त्र एक बडे समूह समाज का सौदा किता
है
• समाजशास्त्रएक अवलोकन (assessment) प्रकक्रया
क
े रूप में ककया जाता है।
• समाजशास्त्र लोगों क
े संपक
थ से संबंचधत है
• समाजशास्त्र में यह एक व्यजक्तगत कायथ नह ं है
समाजशास्त्र मानता है कक यह व्यजक्त क
े कायथ औि
उसक
े आसपास या कफि समूह से प्रिाववत होता है।
• मनोववज्ञान मानव मजस्त्तष्क क
े अध्ययन से
संबंचधत है।
• मनोववज्ञान व्यजक्तयों या छोटे समूहों से
संबंचधत है
• मनोववज्ञान को एक प्रयोगात्मक(Practical)
प्रकक्रया क
े रूप में जाना जा सकता है
• मनोववज्ञान मानव िावनाओं से संबंचधत है
• मनोवैज्ञातनक अध्ययन में यह माना जाता है
कक व्यजक्त सिी गततववचधयों क
े भलए अक
े ले
जजम्मेदाि है
❖तुलनात्मक अध्ययन
❖क
ु छ अन्य लेककन मुहत्वपूणथ बबंदु
➢ सिल समाज :
• वह समाज आकाि में छोटे होते हैं संिल जदटल नह ं बजकक सिल होते हैं िाजनीततक
संगठन बहुत सिल प्रकाि का होता है जो धमथ का बहुत अचधक महत्व होता है उसे सिल
समाज कहते हैं
➢ भमचित समाज:
• भमचित समाज वह समाज जो आकाि में बडे होते हैं जहां संबंध सिल नह ं बजकक जदटल
होते हैं जहां हि क्षेर में िम वविाजन होता है तर्ा धमथ का महत्व काफी कम होता है
उसे भमचित समाज का आ जाता
➢ जदटल समाज :
• जैसे आधुतनक समाज
➢ द्वंदात्मक :
• समाजजक बलों का वविोध किना या संघषथ किना द्वंदात्मक कहलाता है
➢ पूंजीवाद :
• यह संपवि क
े तनजी स्त्वाभमत्व औि उत्पादन क
े साधनों पि तनिथि किती है
➢ सामाजजक प्रततबंध :
• सामाजजक प्रततबंध समूह औि समाज जजनक
े हम एक दहस्त्सा है जब वह हमािे व्यवहाि पि
एक अनुक
ू भलत प्रिाव र्ालते हैं
➢ नाि वाद :
• एक समाजशास्त्रीय दृजष्टकोण से जो सामाजजक ववश्व का ववश्लेषण किते समय भलंग क
े
महत्व को क
ें द्र में िखने पि बल देते हैं
• समाज में भलंग क
े आधाि पि होने वाल असमानता की व्याख्या किना औि उसे दूि किने
का काम किना नाि वाद दृजष्टकोण है

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  • 1. CLASS 11 SOCIOLOGY समाजशास्त्र एवं समाज समाजशास्त्र परिचय introducing sociology /quickprepindia /quickprepindia /quickprep Sociology & Society Chapter No. 01 part 1
  • 2. ❖ CHAPTER INTRODUCTION • समाज का क्या अर्थ होता है औि इसकी क्या ववशेषताएं • मनुष्य क े समाज औि पशुओं क े समाज में क्या अंति है • समाजशास्त्र क े अर्थ • समाजशास्त्र की प्रकृ तत औि इसक े ववषय क्षेर ❖समाजशास्त्र औि सामजजक ववज्ञानं में सम्बन्ध • समाजशास्त्र औि इततहास • समाजशास्त्र औि अर्थशास्त्र • समाजशास्त्र औि िाजनीतत शास्त्र • समाजशास्त्र औि मानव ववज्ञानं • समाजशास्त्र औि मनोववज्ञान
  • 3. ❖ समाज का क्या अर्थ समाजशाजस्त्रयों क े अनुसाि समाज क े लोगों में पाए गए संबंधों क े जाल को जो कक एक दूसिे से जुडे होते हैं वह समाज हैं औि यह सम्बन्ध अमूतथ (Abstract) संबंध होते हैं ❖समाज की ववशेषताए 1. समाज भिन्नता औि समानता पि आधारित है 2. समाज संबंधों पि आधारित है 3. समाज आत्मतनिथि है 4. समाज अमूतथ होते हैं 5. समाज परिवतथनशील है (Society Depends upon Likeness Or differences) (Society Based upon Relationship) (Society is Inter-dependence ) (Society is Abstract ) (Society is Changeable)
  • 4. ❖ मनुष्य क े समाज औि पशुओं क े समाज में क्या अंति मनुष्य क े समाज पशुओं क े समाज • बोलने सोचने समझने की शजक्त होती है • अपनी एक संस्त्कृ तत • स्त्वय को व्यक्त किने क े भलए िाषा का प्रयोग • िववष्य की चचंता किना औि उसकी योजनाएं बनाना • बोलने सोचने समझने की शजक्त नह ं होती • संस्त्कृ तत नह ं होती • स्त्वय को व्यक्त किने क े भलए िाषा नह ं होती • वतथमान में जीते है
  • 5. ❖समाजशास्त्र का अर्थ o समाज में पाए जाने वाले सामाजजक संबंधों क े क्रमबद्ध तर्ा व्यवजस्त्र्त अध्ययन किने वाले जीव को समाजशास्त्र कहा जाता है। ❖समाजशास्त्र की प्रकृ तत 1. समाजशास्त्र एक सामाजजक ववज्ञान है ना कक प्राकृ ततक ववज्ञान 2. समाजशास्त्रएक तनिपेक्ष ववज्ञान ना कक आदशथआत्मक ववज्ञान 3. समाजशास्त्र अमूतथ ववज्ञान है ना की मूतथ ववज्ञान 4. समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान ना कक ववशेष ववज्ञान
  • 6. ❖समाजशास्त्र की उत्पवि • समाजशास्त्र का जन्म 19वीं शताब्द में हुआ • 19वीं शताब्द क े बािे में फ्ांस क े ववचािक अगस्त्त काम्टे ने समाजशास्त्र का नाम समाजजक िौततकी िखा औि 1838 में बदलकि समाजशास्त्र िखा • इस कािण से अगस्त्त कॉमटे को समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है। • समाजशास्त्र को एक ववषय क े रूप में ववकभसत किने में दुखीम स्त्पेंसि तर्ा मैक्स वेबि आदद ववद्वानों क े ववचाि की काफी िूभमका िह • िाित में समाजशास्त्र वविाग 1919 में मुंबई ववश्वववद्यालय में शुरू हुआ औि यह औपचारिक ति क े से लागू ककया गया
  • 7. ❖िाित में समाजशास्त्र क े अध्ययन की आवश्यकता • िाित में व्याप्त क्षेरवाद िाषावाद संप्रदायवाद जाततवाद आदद समस्त्याओं को व्यवजस्त्र्त ढंग से सुलझाने क े भलए समाजशास्त्रीय अध्ययन आवश्यक है • इसी कािण िाित में ववभिन्न समस्त्याओं क े समाधान क े भलए समाज शास्त्र का अध्ययन अचधक लोकवप्रय हुआ है • समाजशास्त्र में दूसिे समाजों क े सार् तुलनात्मक अध्ययन िी ककया जाता है • समाजशास्त्र सामाजजक गततशीलता क े बािे में िी बताता है
  • 8. ❖ समाजशास्त्र का ववषय क्षेर • समाजशास्त्र क े ववषय को वणथन किने क े भलए दो अलग-अलग ववचािधािाओं से संबंध िखते हुए समाज शास्त्र में अपने ववचाि ददए • एक ववचािधािा क े समर्थकों ने समाजशास्त्र को एक ववशेष ववज्ञान क े रूप में स्त्वीकाि ककया ककं तु • दूसिे ववचािधािा क े समर्थकों ने समाजशास्त्र क े ववषय क्षेर संबंधी इसे एक सामान्य ववज्ञान क े रूप में वणथन ककया है 1. स्त्वरूपात्मक ववचािधािा Formalistic School - समाजशास्त्र एक ववशेष ववज्ञान है 2. संशलेष्णात्मक ववचािधािा Synthetic School - समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान है
  • 9. स्त्वरूपात्मक ववचािधािा Formalistic School संशलेष्णात्मक ववचािधािा Synthetic School इस ववचािधािा क े समर्थक : o जॉजथ भसमल टोनीज़ रिचर्थ वान वीज़े वीिकान्त मैक्स वेबि • इस ववचािधािा क े समर्थक समाजशास्त्र को समाजजक संबंधों क े स्त्वरूपों क े अध्ययन तक सीभमत िखकि इसे ववशेष ववज्ञान बताते हैं • औि कहते हैं कक सामाजजक ववज्ञान सामाजजक संबंधों क े स्त्वरूप को का अध्ययन नह ं किता क े वल समाजशास्त्री ऐसा ववज्ञान है • जो सामाजजक संबंधों क े स्त्वरूपों का अध्ययन किता है औि इसी कािण समाजशास्त्र को ववशेष ववज्ञान कहा गया इस ववचािधािा क े समर्थक : o सोिोककन दुखीम होब हाउस • इस ववचािधािा क े समर्थक समाजशास्त्र को साधािण ववज्ञान मानते हैं • उनक े अनुसाि सामाजजक अध्ययन का जो क्षेर है वह बहुत खुला है वह ववस्त्तृत है • इसभलए सामाजजक जीवन क े अलग-अलग पक्षों जैसे िाजनीततक सांस्त्कृ ततक मनोवैज्ञातनक मानव वैज्ञातनक इत्यादद का ववकास हुआ है
  • 10. ❖ स्त्वरूपात्मक ववचािधािा आलोचना : • क े वल समाजशास्त्र अक े ले ह सामाजजक संबंधों का अध्ययन नह ं किता बजकक औि सामाजजक ववज्ञान िी किते हैं ❖ संशलेष्णात्मक ववचािधािा आलोचना : • इस संप्रदाय की आलोचना इस आधाि पि की जाती है कक इसक े ववचािधािाको ने समाजशास्त्र क े ववषय क्षेर को सीभमत नह ं ककया औि यदद इसमें ववज्ञान की ववषय सामग्री शाभमल की गई तो समाजशास्त्र दूसिे समाज ववज्ञानों की ववषय सामग्री की खखचडी बन कि िह जाएगा औि उसकी अपनी कोई पहचान नह ं होगी
  • 11. CLASS 11 SOCIOLOGY समाजशास्त्र एवं समाज समाजशास्त्र परिचय introducing sociology /Quickprepindia /Quickprepindia /Quickprep Sociology & Society Chapter No. 01 PART-02
  • 12. ❖ CHAPTER INTRODUCTION • समाज का क्या अर्थ होता है औि इसकी क्या ववशेषताएं • मनुष्य क े समाज औि पशुओं क े समाज में क्या अंति है • समाजशास्त्र क े अर्थ • समाजशास्त्र की प्रकृ तत औि इसक े ववषय क्षेर ❖समाजशास्त्र औि सामजजक ववज्ञानं में सम्बन्ध • समाजशास्त्र औि इततहास • समाजशास्त्र औि अर्थशास्त्र • समाजशास्त्र औि िाजनीतत शास्त्र • समाजशास्त्र औि मनोववज्ञान • तुलनात्मक अध्ययन PART/01 PART/02
  • 13. ❖समाजशास्त्र क े अन्य सामाजजक ववज्ञानों क े सार् संबंध एक नजि में 1. सिी सामाजजक ववज्ञान समाजशास्त्र से ककसी ना ककसी रूप से संबंचधत है औि दूसि औि भिन्न िी है 2. इन सब में आपसी सहयोग क े द्वािा ह ववभिन्न क्षेरों का अध्ययन अच्छे ति क े से संिव है। 3. सिी सामाजजक ववज्ञानों का क्षेर अलग अलग है औि इन सिी का क ें द्र बबंदु सामाजजक प्राणी मानव ह है। 4. समाजशास्त्र एक सहयोगी व्यवस्त्र्ा का तनमाथण किता है औि सिी ववज्ञानों को एक सामान्य पटल पि ले आता है 5. इस प्रकाि सामाजजक जीवन की जदटलताओं का अध्ययन ववश्लेषण सिलता से संिव है
  • 14. ❖समाज शास्त्र औि इततहास में संबंध ➢ समाज शास्त्र ➢ इततहास • समाजशास्त्र सामाजजक घटनाओं क े अध्ययन में रुचच िखता है • समाजशास्त्र ववश्लेषणात्मक औि व्याख्यात्मक ववज्ञान है। • समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान है • समाजशास्त्र प्रश्नावल सवेक्षण साक्षत्काि ववचधयों का अचधक उपयोग किता है • जबकक इततहास वपछल घटनाओं में रुचच िखता है • इततहास एक वणथनात्मक ववज्ञान है • इततहास एक ववभशष्ट ववज्ञान है • इततहास अज्ञात क े बािे में जानने क े भलए कालक्रम, भसक्क े इत्यादद का उपयोग किते हैं
  • 15. ❖समाजशास्त्र औि अर्थशास्त्र में संबंध ➢ समाज शास्त्र ➢ अर्थशास्त्र • समाजशास्त्र एक सामान्य ववज्ञान है • समाजशास्त्र सिी प्रकाि क े रिश्तो का अध्ययन किता है • समाजशास्त्र में सामाजजक चिम मापना बहुत मुजश्कल है • अर्थशास्त्र एक ववशेष ववज्ञान है • अर्थशास्त्र क े वल उस संबंध से संबंचधत जो चरिर में आचर्थक है • अर्थशास्त्र प्रकृ तत में ठोस है औि अचधक सट क है
  • 16. ❖समाजशास्त्र औि िाजनीततक ववज्ञान में संबंध ➢ समाज शास्त्र ➢ िाजनीततक ववज्ञान • समाजशास्त्र समाज का ववज्ञान है • समाजशास्त्र दोनों संगदठत औि असंगदठत समाजों का अध्ययन किता है • समाजशास्त्र का दायिा व्यापक है। • समाजशास्त्र मूल रूप से व्यजक्त को एक सामाजजक प्राणी क े रूप में अध्ययन किता है • समाजशास्त्र का दृजष्टकोण सामाजजक है • िाजनीततक ववज्ञान िाज्य औि सिकाि का ववज्ञान है • िाजनीततक ववज्ञान क े वल िाजनीततक रूप से संगदठत सामाजजक अध्ययन किते हैं • िाजनीततक ववज्ञान एक संकक्रण क्षेर वाला ववज्ञान है • िाजनीततक ववज्ञान उसे एक िाजनीततक ववज्ञान क े रूप में अध्ययन किता है • यहां वैज्ञातनक का दृजष्टकोण िाजनीततक है
  • 17. ❖समाजशास्त्र औि मनोववज्ञान में संबंध ➢ समाज शास्त्र ➢ मनोववज्ञान • समाजशास्त्र मानव व्यवहाि सीखने से संबंचधत है • समाजशास्त्र एक बडे समूह समाज का सौदा किता है • समाजशास्त्रएक अवलोकन (assessment) प्रकक्रया क े रूप में ककया जाता है। • समाजशास्त्र लोगों क े संपक थ से संबंचधत है • समाजशास्त्र में यह एक व्यजक्तगत कायथ नह ं है समाजशास्त्र मानता है कक यह व्यजक्त क े कायथ औि उसक े आसपास या कफि समूह से प्रिाववत होता है। • मनोववज्ञान मानव मजस्त्तष्क क े अध्ययन से संबंचधत है। • मनोववज्ञान व्यजक्तयों या छोटे समूहों से संबंचधत है • मनोववज्ञान को एक प्रयोगात्मक(Practical) प्रकक्रया क े रूप में जाना जा सकता है • मनोववज्ञान मानव िावनाओं से संबंचधत है • मनोवैज्ञातनक अध्ययन में यह माना जाता है कक व्यजक्त सिी गततववचधयों क े भलए अक े ले जजम्मेदाि है
  • 19. ❖क ु छ अन्य लेककन मुहत्वपूणथ बबंदु ➢ सिल समाज : • वह समाज आकाि में छोटे होते हैं संिल जदटल नह ं बजकक सिल होते हैं िाजनीततक संगठन बहुत सिल प्रकाि का होता है जो धमथ का बहुत अचधक महत्व होता है उसे सिल समाज कहते हैं ➢ भमचित समाज: • भमचित समाज वह समाज जो आकाि में बडे होते हैं जहां संबंध सिल नह ं बजकक जदटल होते हैं जहां हि क्षेर में िम वविाजन होता है तर्ा धमथ का महत्व काफी कम होता है उसे भमचित समाज का आ जाता ➢ जदटल समाज : • जैसे आधुतनक समाज
  • 20. ➢ द्वंदात्मक : • समाजजक बलों का वविोध किना या संघषथ किना द्वंदात्मक कहलाता है ➢ पूंजीवाद : • यह संपवि क े तनजी स्त्वाभमत्व औि उत्पादन क े साधनों पि तनिथि किती है ➢ सामाजजक प्रततबंध : • सामाजजक प्रततबंध समूह औि समाज जजनक े हम एक दहस्त्सा है जब वह हमािे व्यवहाि पि एक अनुक ू भलत प्रिाव र्ालते हैं ➢ नाि वाद : • एक समाजशास्त्रीय दृजष्टकोण से जो सामाजजक ववश्व का ववश्लेषण किते समय भलंग क े महत्व को क ें द्र में िखने पि बल देते हैं • समाज में भलंग क े आधाि पि होने वाल असमानता की व्याख्या किना औि उसे दूि किने का काम किना नाि वाद दृजष्टकोण है