4. आंकड़ो के
प्रकाि
अर्गीकृ त
आंकडे र्गीकृ त आंकडे
सतत श्रेणी असतत श्रेणी
प्रेक्षि
3
5
6
8
2
1
4
बच्चो की
संख्या
पररिारों की
संख्या
0 6
1 23
2 22
3 7
िर्ा अंतराल आिृवि
0-10 3
10-20 4
20-30 52
30-40
छात्रों का पूिा ज्ञान
5. पररभाषा
सामान्यतः कें द्रीय प्रर्ृतत के माप के लिए समान्ति माध्य या
माध्य, माध्ध्यका औि बहुिक का प्रयोग ककया जाता है |
सांख्यकी में वर्लभन्न अर्गीकृ त आंकड़ो का संक्षिप्तीकिण कि उनके
मानों का अध्ययन ककया जाता है ध्जसे प्रस्तुत किने के लिए एक
मान का प्रयोग ककया जाता है,ध्जसे हम के न्द्रीय मान के रूप में
अध्ययन किेंगे|इस मान को के न्द्रीय प्रर्ृवत्त की माप कहते हैं |
6. माध्य
समान्ति माध्य (माध्य) र्ह संख्या है
जो पद मानो के योगफि को पद
संख्या द्र्ािा वर्भाध्जत किने से प्राप्त
होता है |
माध्य को 𝑋 से प्रदलशवत किते है |
माध्य =
पद मानो का योगफि
कु ि पदों की संख्या
𝑋=
𝑥1+𝑥2+⋯…….+𝑥 𝑛
𝑛
𝑋=
Σ𝑥
𝑛
7. सूत्र
अर्गीकृ त आंकड़ो में
र्गीकृ तआंकड़ों में
प्रत्यि वर्धि :
पद वर्चिन वर्धि : 𝑋 =A+
𝑓𝑢
𝑓
×h (जहााँ A,कध्पपत माध्य है)
𝑋=
Σ𝑥
𝑛
𝑋 =
𝑓𝑥
𝑥
8. उदाहरि
10 मोटि साइककि सर्ािों की गतत ककमी /घंटा रिकाडव की गई
जो तनम्नलिखित है : 47,53,49,60,39,42,53,52,53,55
इसका माध्य ज्ञात कीध्जए
हि :- 𝑋=
47+53+49+60+39+42+53+52+53+55
10
=
503
10
= 50.3ककमी /घंटा
11. माध्ध्यका
अर्गीकृ त आंकड़ो में :
अिर्ीकृ त आंकड़ो को आरोही या अिरोही क्रम में ब्यिध्स्थत करने पर ठीक मध्य
की राशश का मान माध्ध्यका कहलाता है|पदों की संख्या को n से दशााते है
पदों की संख्या वर्षम है तो माध्ध्यका =
𝑛+1
2
र्ा पद का मान
पदों की संख्या सम है तो,माध्ध्यका =
1
2
{
𝑛
2
र्ें पद का मान + (
𝑛
2
+1)र्ें पद का मान}
जैसे: 15,35,18,26,19,25,29,20,27
हल : आरोही क्रम में शलखने पर – 15,18,19,20,25,26,27,29,35
n=9(विषम )
माध्ध्यका =
𝒏+𝟏
𝟐
िा पद का मान =
𝟗+𝟏
𝟐
= 5 िां पद = 25
12. िर्ीकृ त आंकड़ों में
सूत्र : िर्ा अंतराल आंकड़ों के शलए:
माध्ध्यका =l+(
𝑵
𝟐 −𝑭
𝒇
)× 𝒉
l=माध्ध्यका र्गव की तनम्न सीमा
F= माध्ध्यका र्गव से पहिे की संचयी बािंबािता
f =माध्ध्यका र्गव की बािंबािता
h=माध्ध्यका का र्गव अंतिाि