1. कें द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान , शिमला
प्रस्तुतकतता : नवीन प्रताप शसंह
(13078)
2. परिचय
• चौथी सबसे महत्वपूर्ा खतद्य फ़सल|
• खतद्य और पोषर् सुरक्षत मे ववशेष
योगदतन |
• अनतज और सब्जजयों की तुलनत में अधिक
पौब्टिक|
• कृ वष योग्य भूमम में कमी और बढ़ती
आबतदी से ननपिने कत एक बेहतर ववकल्प |
• भतरत में आलू की उत्पतदकतत कतफ़ी कम
है (18.75 िन/हेक्िेयर)|
इन सभी बततों को ध्यतन में रखते हुए
उपयुक्त क़िस्मों और प्रोद्योधगककयों की
ज़रूरत महसूस होती है और इन्ही सब को
ध्यतन मे रखते हुए एक स्वदेशी आलू
अनुसंितन और ववकतस कतयाक्रम कत आरंभ
हुआ और तदनुसतर सी पी आर आई 1949
में पिनत मे स्थतवपत ककयत गयत |
38.8
26
12.6 10.8
18.9
7.4
4.9 3.93.1 2.5 1 1.3
0
5
10
15
20
25
30
35
40
45
Potato Wheat Rice Maize
Av.Dry matter yield (kg/ha/day)
Edible energy ('0000 kcal/ha/day)
Edible protein (kg/ha/day)
आलू का महत्व भोजन उत्पादन औि पोषण में
3. इततहास...
के न्रीय आलू अनुसंितन संस्थतन
(सीपीआरआई) की स्थतपनत सन
1949 पिनत में हुआ थत|
जो सि हर्बर्ब स्र्ीवर्ब की अध्यक्षतत में
एक कतया समूह की मसफतररश पर
स्थतवपत ककयत गयत थत|
बतद में संस्थतन को 1956 में
शिमला में स्थतनतंतररत कर ददयत
गयत थत |
अप्रैल 1966 में भाितीय कृ षष
अनुसंधान परिषद(ICAR) को सौंप
ददयत गयत , जो कक अब पूरे देश में
आलू पर की गयी सभी शोि
कतयाक्रमों के मलए ब्जम्मेदतर है।
4. के न्द्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के बतरे
में......
संस्थतन शिमला शहर के मध्य में रतटरीय रतजमतगा No.22 पर
ब्स्थत है |प्रतरंभ में सीपीआरआई कत शिमला, कु फिी और भवाली में
3 अनुसंितन स्िेशन थत।
वतामतन में, देश के ववमभन्न आलू उत्पतदक क्षेत्रों में कु ल 7 क्षेत्रीय
अनुसंधान स्र्ेिन हैं |
कु फिी - (हहमाचल प्रदेि) ,
मोदीपुिम (उत्ति प्रदेि) ,
जालंधि (पंजार् ),
ग्वाशलयि (मध्य प्रदेि) ,
पर्ना (बर्हाि) ,
शिलांग (मेघालय ),
ऊर्ाकामंर् (तशमलनार्ु)
5. भववटय में, आलू को महज एक सजजी नही बब्ल्क एक
गंभीर खतद्य सुरक्षत के ववकल्प के रूप मे उभर कर
आनत होगत |
6. उद्देश्य...
कें रीय आलू अनुसंितन संस्थतन मशमलत के
संशोधित उद्देश्य:
आलू की दिकतऊ उत्पतदकतत, गुर्वत्तत और उपयोग को बढ़तने
हेतु मूल, कतयानीनतपरक और अनुप्रयोग अनुसंितन करनत।
आलू के संबंि में आनुवतंमशक संसतिनों तथत वैज्ञतननक सूचनतओं
कत संग्रह करनत।
प्रौद्योधगकी अंतरर्(TOT), क्षमतत ननमतार् और प्रोद्योधगककयों
के प्रभतव कत मूल्यतंकन करनत।
आलू के रोगमुक्त न्द्यूक्ललयस और प्रजनक र्ीज कत उत्पतदन
करनत।
आलू के संबंि में एआईसीआरपी(AICRP) के जररए समब्न्वत
अनुसंितन और प्रौद्योधगककयों कत ववधिमतन्यकरर् करनत |
11. ककसानों के शलए...
सीपीआरआई ननम्नमलखखत तरीकों के
द्वतरत ककसतनों की बेहतरी और उनके
कौसतल मे विधि कत कतया करती है:-
•प्रदिबनों
•प्रशिक्षण
•ककसान मेलों
•आलू स्कू ल ऑल इंडडयत रेडडयो पर
•साहहत्य की आपूततब और अन्द्य
षवस्ताि की गनतववधियों के द्वतरत।
के न्द्द्रीय आलू अनुसंधान
संस्थान ( सीपीआिआई) ,
शिमला ,लेह में दो हद0वसीय
( 21-22nd माचब , 2014)
प्रशिक्षण कायबक्रम का आयोजन
12. तनष्कषब
भतरत में आलू अनुसंितन के पतंच दशकों से अधिक
समय की सफलतत की कहतनी अभूतपूवा है।
भतरत अब 187.5 q / ha के एक औसत उपज के सतथ
दुननयत में आलू क्षेत्र में चौथे स्थतन पर (1.48 लतख हेक्िेयर
) और उत्पतदन में तीसिे स्थतन ( 28.47 लतख िन ) पर है |
यह के वल देश में ही ववकमसत प्रौद्योधगककयों की वजह से
आलू की फ़सल में भतरत वपछले पतंच दशकों के दौरतन क्षेत्र ,
उत्पतदन और उत्पतदकतत में शतनदतर वृद्धि दजा करत रहत है
|
13. संपकब किे
1. ककसान कॉल सेंर्ि
सभी खेत से संबंधित समस्यतओं पर ववशेषज्ञ की सलतह के मलए, डतयल करें
र्ोल फ्री नंर्ि 1800 180 1551 6 बजे से 10 बजे तक |
2. के न्द्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान
( भतरतीय कृ वष अनुसंितन पररषद)
मशमलत - 171001 ,
दहमतचल प्रदेश , भतरत
फै क्स: 91-177-2624460 ,
फोन: 91-177-2625073
ई-मेल: directorcpri@gmail.com ;
director.cpri@icar.gov.in