3. 1) पररचय एिं उद्देश्य
2) बहुपद की पररभाषा ि उदाहरण
3) बहुपद की घात
4) घात के आधार पर बहुपद का िगीकरण
5) पदों की संख्या के आधार पर बहुपद का िगीकरण ि कु छ
विशेष बहुपद
6) बहुपदों का योग ि अंतर
7) बहुपद के योग ि अंतर से सम्बन्धधत प्रश्न
8) पररमेय व्यंजक की पररभाषा ि उदाहरण
9) ननम्नतम पदों में पररमेय व्यंजक ि कु छ प्रश्न
10) पररमेय व्यंजक का योज्य प्रनतलोम ि कु छ प्रश्न
11) पररमेय व्यंजको का गुणा ि कु छ प्रश्न
12) चक्रीय क्रम
13) चक्रीय क्रम व्यंजको के गुणनखंड ज्ञात करने के चरण
14) कु छ महत्िपूणण प्रश्न
15) ध्यान रखने योग्य बातें
4. बहुपद ि पररमेय व्यंजक की अिधारणा को समझाना, तथा गणणतीय रूप में
बहुपद एिं पररमेय व्यंजक को पररभावषत करना |
बहुपद ि पररमेय व्यंजक की समझ को विकससत करना , तथा इनसे
सम्बन्धधत प्रश्नों को हल करने की क्षमता विकससत करना |
5. पररभाषाएक चर x िाला बीजीय व्यंजक न्जसमे x के घातों के अनेक पद हों अथाणत फलन p(x)= 𝑎0+ 𝑎1x
+𝑎2 𝑥2
+𝑎3 𝑥3
+.........................+𝑎 𝑛 𝑥 𝑛
, जहााँ 𝑎0 , 𝑎1 , 𝑎2 , ........𝑎 𝑛
िास्तविक संख्याएं हैं , 𝑎 𝑛 ≠ 0 और n एक non negative
पूणाांक है , एक बहुपद कहलाता है | यहााँ x चर रासश है इसे अननधाणररत प्रतीक कहते हैं
तथा िास्तविक संख्याओं 𝑎0, 𝑎1, ............𝑎 𝑛 को बहुपद के गुणांक कहते हैं
उदाहरण5𝑥2
- 6x + 3 पूणाांको पर बहुपद है |
3
4
𝑥3 -
4
3
𝑥2 + 2x – 1 पररमेय संख्याओं पर बहुपद है |
और 3𝑥2 + 2 x - 3 िास्तविक संख्याओं पर बहुपद है |
यदद बहुपद में x के स्थान पर y हो तो इसे चर y में बहुपद कहते हैं |
6. ककसी बहुपद में चर की उच्चतम घात िाले पद के घातांक को उस बहुपद की घात कहते हैं |
ककसी बहुपद p(x) को घात p(x) द्िारा सलखा जाता है |
उदाहरण
बहुपद p(x)=𝑥7
-3𝑥5
+4 में घात p(x)=7 ,
बहुपद f(x)=5𝑥2
-3x+2 में घात f(x)=2
बहुपद r(x)=2+3𝑥2
+4𝑥3
में घात r(x)=3
7. घात के आधार पर बहुपद का िगीकरण ननम्न प्रकार ककया जा सकता है –
1) रेखीय बहुपद एक घात िाले बहुपद को रेखीय बहुपद कहते हैं |
जैसे – 3x+5 , x-7 आदद |
2) द्विघात बहुपद दो घात िाले बहुपद को द्विघात बहुपद कहते हैं |
इसका सामाधय रूप a𝑥2+bx+c , a≠0 होता है |
जैसे -- 3𝑥2+5x+2 आदद
3) त्रिघात बहुपद तीन घात िाले बहुपद को त्रिघात बहुपद कहते हैं |
इसका सामाधय रूप a𝑥3
+b𝑥2
+cx+d , a≠0 होता है |
जैसे -- 𝑥3+3𝑥2+4x+2 आदद
4) चतुथणघात बहुपद चार घात िाले बहुपद को चतुथणघात बहुपद कहते हैं |
इसका सामाधय रूप a𝑥4+b𝑥3+c𝑥2+dx+2 , a≠0 होता है |
जैसे -- 2𝑥4 + 𝑥3+3𝑥2+4x+2 आदद |
8. पदों की संख्या के आधार पर भी बहुपद का िगीकरण ककया जा सकता है
एकपदी बहुपद न्जस बहुपद में एक पद होता है , उसे एकपदी बहुपद कहते हैं |
जैसे -- 2x , 3𝑥3 आदद |
द्विपदी बहुपद न्जस बहुपद में दो पद होता है , उसे द्विपदी बहुपद कहते हैं |
जैसे -- 2x + 3𝑥3 आदद |
त्रिपदी बहुपद न्जस बहुपद में तीन पद होता है , उसे त्रिपदी बहुपद कहते हैं |
जैसे -- 2x + 3𝑥3
+4 आदद | इत्यादद
अचर बहुपद ऐसा बहुपद न्जसमे के िल एक अशूधय अचर पद होता है ,अचर
बहुपद कहते हैं | जैसे -- 2 , 4 ,- 8 अचर बहुपद है |
शूधय बहुपद ऐसा बहुपद न्जसके सभी गुणांक शूधय हो , शूधय बहुपद कहते हैं |
जैसे -- 0x + 0𝑥3+0 , एक शूधय बहुपद है
9. पररमेय व्यंजक
𝑝(𝑥)
𝑞(𝑥)
के रूप का व्यंजक जहााँ p(x) , q(x) बहुपद हैं तथा q (x) ≠ 0 है ,
पररमेय व्यंजक कहलाता है |
p(x) को व्यंजक का अंश तथा q(x) को व्यंजक का हर कहते हैं
उदाहरण 1) ( 2x + 1 ) , ( 3x – 5 ) पररमेय व्यंजक है न्जनमे अंश एक चरीय
रैणखक
बहुपद है तथा हर 1 है |
2)
4𝑥−3
𝑥2−𝑥+1
,
3𝑥−4
5𝑥2+2𝑥+3
पररमेय व्यंजक है
न्जनके अंश एक रैणखक बहुपद है तथा हर द्विघात बहुपद है |
10. 1) बहुपद 4𝑥2+3x+1 की घात है
a) 2 b)4 c)3 d)0
उत्तर 2
2) अचर बहुपद है
a)4 b)2x+2 c)𝑥2+1 d)𝑥3
उत्तर 4
3) x+1 का योज्य प्रनतलोम है
a)x-1 b)-x-1 c)0 d) 1
उत्तर b)-x-1