1. कैलाश वाजपेयी
यह ां ज एां: भ्रमण, खोज
कैल श व जपेयी
जन्म: 11 नवांबर 1934
जन्म स्थान
कुछ प्रमुख
कृतियााँ
सांक्र न्त, भववष्य घट रह है,
सूफ़ीन म , हव में हस्त क्षर
ववववध स हहत्य अक दमी पुरस्क र
(2009)
जीवनी कैल श व जपेयी / पररचय
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कवविा संग्रह
िीसरा अंधेरा / कैलाश वाजपेयी (कववत सांग्रह)
महास्वप्न का मधयांिर / कैलाश वाजपेयी (कववत सांग्रह)
भववष्य घट रहा है / कैलाश वाजपेयी (कववत सांग्रह)
सूफ़ीनामा / कैलाश वाजपेयी (कववत सांग्रह)
हवा में हस्िाक्षर / कैलाश वाजपेयी (कववत सांग्रह)
चुनी हुई कवविाएाँ
ऐस कुछ भी नह ां / कैल श व जपेयी
श्रणेणय ाँ:
रचन क र
"क" अक्षर से शुरु होने व ले न म
1934 में जन्म
दशक 1930-1939 में जन्म
नवगीतक र
3. कैलाश वाजपेयी / पररचय
यह ां ज एां: भ्रमण, खोज
कैलाश वाजपेयी क़ी रचन एाँ
डॉ. कैलाश वाजपेयी
ववषय सूची
4. 1 जन्म
2 लशक्ष
3 प्रक लशत कृततय ाँ
o 3.1 शोधप्रबन्ध
o 3.2 कववत सांग्रह
o 3.3 सांप हदत-अनूहदत सांकलन (भ रतीय कववत )
o 3.4 दशकन
o 3.5 न टक
o 3.6 तनबांध सांग्रह
o 3.7 प्रबांध क व्य
4 सम्म न
जन्म
११ नवम्बर, १९३४
शशक्षा
लखनऊ ववश्वववद्य लय से एम.ए., पी-एच.डी.
सन ्१९६० में ट इम्स ऑफ इण्डडय प्रक शन सांस्थ न द्व र बम्बई में तनयुण्तत। सन ्१९६१ में हदल्ल
ववश्वववद्य लय के कॉलेजों में प्र ध्य पन। सन ्१९६७ में चकैोस्लोव ककय क़ी य त्र । स ांस्कृततक ववतनमय
क यकक्रम के अन्तगतक १९७० में रूस, फ् ांस, जमकनी, स्वीडन और अन्य यूरोपीय देशों में क व्यप ठ। सन ्
१९७२ में भ रतीय स ांस्कृततक केन्र ब्रिहटश ग यन ज जक ट उन में केन्र-सांच लक के रूप में तनव कचचत। सन ्
१९७३ से १९७६ तक मेण्तसको के एल क लेण्जयो द मौण़िको में ववण़्िहटगां प्रोफेसर। सन ्१९७६ के मध्य से
१९७७ के शुरू तक अमर क के डैलस ववश्वववद्य लय में एडजांतट प्रोफेसर। सन ्१९८३ में तयूब सरक र
द्व र हहन्द कववआ पर व्य ख्य न और कववत -प ठ के ललये हव न में आमण्न्त्रत। सन ्१९८४ में
कोएनोतनयन फ उांडेशन के तनमन्त्रण पर अमर क के च र ववश्वववद्य लयों में क व्य-प ठ। हदल्ल
दरूदशकन के ललए कबीर, हररद स स्व मी, सूरद स, जे. कृष्ण मूतत,क र मकृष्ण परमहांस और बुद्ध के जीवन-
दशकन पर किल्म-तनम कण। भ रतीय दरूदशकन क़ी हहन्द सल हक र सलमतत के सदस्य।
5. प्रकाशशि कृतियााँ
शोधप्रबन्ध
आधुतनक हहन्द -कववत में लशल्प (१९६३)।
कवविा संग्रह
सांक्र न्त (१९६४), देह ांत से हटकर (१९६८), तीसर अाँधेर (१९७२), मह स्वप्न क मध्य न्तर (१९८०),
प्रतततनचध कववत एाँ (१९८८), सूफ़ीन म (१९९२, सूफ़ीन म (द्ववतीय सांस्करण- १९९८), भववष्य घट रह है
(१९९९), हव में हस्त क्षर (२००५), शब्द सांस र (२००६), अनहट (२००७), मॉस्को में हदल्ल के हदन (कववत
सांकलन रूसी भ ष में)
संपादिि-अनूदिि संकलन (भारिीय कवविा)
इांडडयन पोयट्र टुडे ९१९७६), ववजन्स एांड लमथ्स (१९७९)। सांप हदत कववत -सांकलन: मोती सूखे समुर क
(१९८८)।
िशशन
द स इांस ऑफ मांत्र ़ि (१९८१, अांग्रे़िी और स्पह नी भ ष ओ ांमें), एस्ट्र -कॉण्म्बनेशांस (१९८७, अांग्रे़िी भ ष
में)
नाटक
युव सांन्य सी, वववेक नन्द – १९९१ स र : आख्य तयक एाँ (१९९४)
तनबंध संग्रह
सम ज दशकन और आदमी (१९९५), आधुतनकत उत्तरोत्तर (१९९६) एन एांथ ललण्ज ऑफ म डनक हहदां पोएट्र
(१९९६)
प्रबंध काव्य
6. पृथ्वी क कृष्णपक्ष (१९९५) रूसी, जमकन, स्पह नी, डेतनश, स्वीडडश और ग्रीक आहद भ ष ओ ांमें कववत एाँ
अनूहदत-प्रक लशत
सम्मान
हहदां अक दमी (१९९५) एस.एस. लमलेतनयम अव डक (२०००) व्य स सम्म न (२००२) ह्यूमन केयर ट्रस्ट
अव डक (२००५) अक्षरम ्क ववश्व हहन्द स हहत्य लशखर सम्म न : २००८ स हहत्य अक दमी पुरस्क र 2009
ऐस कुछ भी नह ां / कैल श व जपेयी
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ऐस कुछ भी नह ां ण्जांदगी में कक हर ज नेव ल अथी
पर रोय ज ए |
क ाँटों बीच उगी ड ल पर कल
ज गी थी जो कोमल चचगां र ,
वो कब उगी णखल कब मुरझ ई
य द न ये रख प ई िुलव र |
ओ सम चध पर धूप -धुआाँ सुलग ने व ले सुन !
ऐस कुछ भी नह ां रूपश्री में कक स र युग खांडहरों
में खोय ज ए |....
च हे मन में हो य र हों में
हर अाँचधय र भ ई -भ ई है ,
मांडप -मरघट जह ाँ कह ां छ यें
सब ककरणों में सम गोर ई है |
पर चन्द को मन के द ग हदख ने व ले सुन !
ऐस कुछ भी नह ां च ाँदनी में कक जलत मस्तक शबनम से
धोय ज ये |
स ाँप नह ां मरत अपने ववष से
किर मन क़ी पीड ओां क डर तय ,
जब धरती पर ह सोन है तो
ग ाँव -नगर -घर -भीतर - ब हर तय |
7. प्य र ब्रबन दुतनय को नकक बत ने व ले सुन !
ऐस कुछ भी नह ां बांधनों में कक स र उम्र ककसी क
भी होय ज ए |
सूरज क़ी सोतनल शहतीरों ने
स थ हदय कब अन्धी आाँखों क ,
जब अांगुललय ाँ ह बेदम हों तो
दोष भल किर तय सूर खों क |
अपनी कमजोर को ककस्मत ठहर ने व ले सुन !
ऐस कुछ भी नह ां कल्पन में कक भूखे रहकर िूलों पर
सोय ज ए |